5 जुलाई को लगने वाला है साल का तीसरा चंद्रग्रहण, जानें कैसा होगा....
- उपछाया चंद्र ग्रहण होगा
- सूतक काल नहीं लगेगा
- कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
5 जुलाई, रविवार के दिन इस साल का तीसरा चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। एक महीने के अंदर ही लगने वाला ये तीसरा ग्रहण है। जाने-माने ज्योतिषाचार्य पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी के अनुसार यह ग्रहण वास्तविक चंद्र ग्रहण ना होकर एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। उपछाया चंद्र ग्रहण को धार्मिक लिहाज से बहुत ज्यादा मान्यता नहीं दी जाती है। 5 जुलाई को लगने वाला उपछाया चंद्र ग्रहण सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा जो 11 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।
कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण?
ये चंद्र ग्रहण अमेरिका, दक्षिण-पश्चिम यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्से में दिखाई देगा, लेकिन भारत में इसे नहीं देखा जा सकेगा। ग्रहण काल में चंद्रमा कहीं से कटा हुआ होने की बजाय अपने पूरे आकार में नजर आएगा। ग्रहण काल के दौरान चंद्रमा धनु राशि में होंगे.
इस चंद्र ग्रहण की खास बातें
5 जुलाई को लगने वाला ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। शास्त्रों में उपछाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता है। इसलिए इस दिन कोई भी कार्य करने पर प्रतिबंध नहीं होगा। हालांकि ज्योतिषविद थोड़ी बहुत सावधानी बरतने की सलाह जरूर देते हैं। यह ग्रहण धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के दौरान, शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को लगेगा। खास बात ये है कि इसी दिन गुरू पूर्णिमा भी है। इस उपछाया चंद्रग्रहण को धनुर्धारी चंद्रग्रहण भी कहा जा रहा है।
क्या होता है उपछाया ग्रहण?
5 जुलाई को लगने वाला ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है। चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में प्रवेश करता है। जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश किए बिना ही बाहर निकल आता है तो उसे उपछाया ग्रहण कहते हैं। चंद्रमा जब धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तभी उसे पूर्ण रूप से चंद्रग्रहण माना जाता है। उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है। ज्योतिष में भी उपछाया को ग्रहण का दर्जा नहीं दिया गया है।
क्या इस चंद्र ग्रहण पर सूतक लगेगा?
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार उपछाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इसलिए बाकी ग्रहण की तरह इस उपछाया चंद्र ग्रहण में सूतक काल नहीं लगेगा। सूतक काल मान्य ना होने की वजह से मंदिरों के कपाट बंद नहीं किए जाएंगे और ना ही पूजा-पाठ वर्जित होग। इसलिए इस दिन आप सामान्य दिन की तरह ही सभी काम कर सकते हैं।
चंद्र ग्रहण का इस राशि पर सबसे ज्यादा असर
5 जुलाई को लगने वाला चंद्र ग्रहण धनु राशि में लग रहा है। जिस समय ये ग्रहण लग रहा है उस समय कर्क लग्न उदित होगा। धनु राशि के लोगों को चंद्र ग्रहण के समय बहुत सावधान रहने की जरूरत है। इस राशि के लोगों को अपनी सेहत और दांपत्य जीवन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी।
ग्रहण के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
यह ग्रहण चन्द्रमा का उपछाया ग्रहण है. इसमें चन्द्रमा पर केवल छाया की स्थिति रहेगी. इसमें किसी के लिए कोई भी सूतक के नियम लागू नहीं होंगे। पूर्णिमा की पूजा उपासना भी विधि विधान से की जा सकेगी। उपछाया चंद्र ग्रहण में ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है हालांकि थोड़ी सावधानी जरूर रखनी चाहिए और ग्रहण के नियमों का पालन करना चाहिए।
तीन प्रकार से लगते हैं चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण तीन प्रकार से लगते हैं। इनमें पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण, दूसरा आंशिक और तीसरा उपच्छाया चंद्र ग्रहण होता है। खगोल विज्ञान के अनुसार जब सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक ही रेखा में हों और सूर्य व चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आकर चंद्रमा को पूरी तरह ढक ले तो इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहते हैं जबकि आंशिक चंद्र ग्रहण में पृथ्वी चंद्रमा को आंशिक रूप में ढकती है।
नग्न आंखों से नहीं दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
5 जुलाई को लगने वाला चंद्र ग्रहण नग्न आंखों से दिखाई नहीं देगा। इसे टेलिस्कोप के माध्यम से ही देखा जा सकेगा। क्योंकि उपच्छाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा के आकार में फर्क नहीं पड़ता है। बस इसके आसपास केवल हल्की धुंधली सी परत नजर आती है। यह चंद्र ग्रहण प्रभावी भी नहीं होता है। लेकिन राशियों पर इसका असर जरूर पड़ता है।
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