विशेष है ये श्रावण मास, बन रहे हैं खास योग
-बने हैं 11 सर्वार्थ सिद्धि, 10 सिद्धि योग, 12 अमृत योग और 3 अमृत सिद्धि योग
शिव पुराण के अनुसार शिव पुराण के अनुसार जो भी इस माह में सोमवार का व्रत करता है, भगवान शिव उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भगवान शिव इस माह में सोमवार का व्रत करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस बार सावन का पहला सोमवार 6 जुलाई को पड़ रहा है। सावन के महीने में शंकर भगवान की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना बहुत फलदायी माना जाता है।
जाने-माने ज्योतिषाचार्य पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार भोलेनाथ को ये महीना बहुत प्रिय है और जो भी भक्त सावन के महीने में पूरे विधि-विधान से शंकर भगवान की पूजा करते हैं, उन पर भोलेनाथ की विशेष कृपा होती है। सावन के महीने में पडऩे वाले सोमवार का बहुत महत्व माना जाता है। श्रावण मास की महत्ता के बारे में विस्तार से जाने ज्योतिषाचार्य पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी से .....
कब है सावन का पहला सोमवार?
सावन का पहला सोमवार 6 जुलाई को है और श्रावण मास की शुरूआत भी इसी दिन से हो रही है। इस बार श्रावण मास में कुल पांच सोमवार पड़ेंगे। सावन के महीने में अद्भुत संयोग बन रहा है क्योंकि सावन की शुरूआत का पहला दिन ही सोमवार है, वहीं सावन के अंतिम दिन यानी 3 अगस्त को भी सोमवार का ही दिन है।
श्रावण मास के सोमवार का महत्व
सावन के महीने में पडऩे वाले सोमवार का बहुत महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव की कृपा से विवाह सम्बंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव और विष्णु का आशीर्वाद लेकर आता है। माना जाता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे श्रावण मास में कठोर तप करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था।
सावन के सोमवार में शिव पूजन का महत्व
सोमवार का दिन शिवजी की पूजा के लिए खास माना जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार सावन के सोमवार पर शिवलिंग की पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। बेल पत्र से भगवान भोलेनाथ की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना बहुत फलदायी माना जाता है। कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं। शिव पुराण के अनुसार जो भी भक्त सावन के महीने में सोमवार का व्रत रखते हैं, भोलेनाथ उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
श्रावण मास में दूर करें दांपत्य जीवन की समस्याएं
दांपत्य जीवन की खटास दूर करने के लिए पति-पत्नी को मिलकर पूरे श्रावण मास दूध, दही, घी, शहद और शक्कर अर्थात पंचामृत से भगवान शिव शंकर का अभिषेक करना चाहिए।
पार्वती पतये नम: मंत्र का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करें और भगवान शिव के मंदिर में शाम के समय गाय के घी का दीपक संयुक्त रूप से जलाएं।
कब-कब पड़ेंगे सोमवार
इस साल के सावन माह में कुल पांच सोमवार पड़ेंगे। पहला सोमवार जहां शुरुआत के दिन यानि कि 6 जुलाई को ही पड़ रहा है, वहीं दूसरा सोमवार 13 जुलाई को पड़ेगा। इसके बाद, 20 जुलाई, 27 जुलाई और 3 अगस्त के दिन सावन का सोमवार पड़ रहा है। इस महीने में मोनी पंचमी, मंगला गौरी व्रत, एकादशी, प्रदोष व्रत, हरियाली और सोमवती अमावस्या, हरियाली तीज, नागपंचमी और रक्षाबंधन जैसे महत्वपूर्ण त्योहार पड़ेंगे। साथ ही इस बार सावन में 11 सर्वार्थ सिद्धि, 10 सिद्धि योग, 12 अमृत योग और 3 अमृत सिद्धि योग भी बन रहे हैं।
श्रावण मास में क्या करें....
- श्रावण मास में सुबह के समय जल्दी उठे। इसके बाद अपने स्नान के जल में दो बूंद गंगाजल डालकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा की थाली में रोली-मोली, चावल, धूप, दीपक, सफेद चंदन, सफेद जनेऊ, कलावा, पीला फल, सफेद मिष्ठान, गंगा जल तथा पंचामृत आदि रखें।
- गाय के घी का दीपक और धूपबत्ती जलाकर वही आसन पर बैठकर शिव चालीसा का पाठ करें और शिवाष्टक भी पढ़ें।
- श्रावण सोमवार को मांस, मदिरा आदि चीजों से दूर रहें। अगर आप श्रावण में भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो ब्रम्हचर्य का पालन करें। सोमवार को तो विशेष रूप से ब्रम्हचर्य का पालन करें
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