प्रज्ञानानंदा और कार्लसन के बीच दूसरी बाजी भी ड्रॉ
बाकू (अजरबेजान). भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा और दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के बीच बुधवार को यहां फिडे विश्व कप शतरंज टूर्नामेंट की दूसरी क्लासिकल बाजी भी ड्रॉ रही। दूसरी बाजी में डेढ़ घंटे के खेल और 30 चाल के बाद दोनों खिलाड़ी ड्रॉ पर सहमत हो गए। चैंपियन का फैसला अब गुरुवार को टाईब्रेकर के जरिए होगा।
नॉर्वे के कार्लसन ने सफेद मोहरों से प्रज्ञानानंदा के खिलाफ ठोस प्रदर्शन किया। भारतीय खिलाड़ी को हालांकि काले मोहरों से खेलते हुए किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा और दोनों खिलाड़ी 30 चाल के बाद मुकाबले को ड्रॉ करने पर राजी हो गए। मंगलवार को पहली बाजी भी चार घंटे से अधिक खेल और 70 से अधिक चाल के बाद ड्रॉ रही थी।
प्रज्ञानानंदा ने बाजी के बाद कहा, ‘‘मैंने वास्तव में नहीं सोचा था कि वह आज जल्दी ड्रॉ के लिए तैयार हो जाएगा लेकिन जब उसने ऐसी शुरुआत की तो मुझे अहसास हुआ कि वह ड्रॉ कराना चाहता था। मुझे भी इससे कोई दिक्कत नहीं थी।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं भी थका हुआ महसूस करता हूं जैसा कि मैंने पिछले साक्षात्कारों में कहा था। अब मैं कल सब कुछ झोंक सकता हूं और इसके बाद आराम कर सकता हूं।'' यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें अहसास हुआ कि पहली बाजी के दौरान कार्लसन खराब स्थिति में थे, भारतीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘हां। मुझे लगा कि उनमें ज्यादा ऊर्जा नहीं है। मुझे उम्मीद है कि वह कल ठीक हो जाएंगे।'' क्या वह भविष्य में विश्व कप के आयोजकों को फाइनल से पहले एक अतिरिक्त दिन के आराम का सुझाव देंगे, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हां, अगर ऐसा होगा तो यह अच्छा होगा।'' खुद को मीडिया में मिल रही सुर्खियों पर भारतीय स्टार ने कहा, ‘‘मुझे निश्चित रूप से इसकी आदत हो रही है। इतने सारे लोगों को शतरंज का अनुसरण करते हुए देखना अच्छा है। शतरंज निश्चित रूप से लोकप्रिय हो रहा है, इस तरह से मैं बहुत खुश हूं।'' भारत के 18 साल के प्रज्ञानानंदा ने सोमवार को सेमीफाइनल में टाईब्रेक के जरिए दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को हराया था और फाइनल में जगह बनाई थी। इससे पहले क्वार्टर फाइनल में उन्होंने दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नाकामूरा को हराया था। प्रज्ञानानंदा इसके साथ ही 2024 में कनाडा में होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर लिया। महान बॉबी फिशर और कार्लसन के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने। मैच के बाद कार्लसन ने कहा, ‘‘प्रज्ञानानंदा पहले ही बेहद मजबूत खिलाड़ियों के खिलाफ काफी टाईब्रेक खेल चुका है... मुझे पता है वह काफी मजबूत है। अगर मेरे अंदर कुछ ऊर्जा होगी, अगर मेरा दिन अच्छा होगा तो बेशक मेरे पास अच्छा मौका होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं आयोजकों, फिडे और डॉक्टरों तथा नर्सों का बहुत आभारी हूं जिन्होंने मेरा अच्छा इलाज दिया। आज मैं थोड़ा बेहतर महसूस कर रहा हूं लेकिन मुझे अब भी ऐसा महसूस नहीं हो रहा है कि मेरे पास पूरे संघर्ष के लिए ऊर्जा है इसलिए मैंने सोचा चलो एक और दिन आराम कर लेते हैं।'' नॉर्वे के दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी कार्लसन ने कहा, ‘‘उम्मीद करता हूं कि कल मेरे अंदर अधिक ताकत होगी। '' अब रेपिड प्रारूप में दो टाईब्रेक बाजियां खेली जाएंगी जिसमें प्रत्येक खिलाड़ी को 25 मिनट का समय मिलेगा। प्रत्येक चाल के बाद खिलाड़ी के समय में 10 सेकेंड जुड़ जाएंगे। अगर इन दो बाजी में नतीजा नहीं निकलता है तो दो और बाजी खेली जाएगी जिसमें प्रत्येक खिलाड़ी के पास पांच मिनट का समय होगा और खिलाड़ी की प्रत्येक चाल के बाद उसके समय में तीन सेकेंड जुड़ जाएंगे। प्रज्ञानानंदा महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व कप फाइनल में जगह बनाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर आनंद ने लिखा, ‘‘हमने इस तरह की शुरुआत की उम्मीद नहीं की थी। क्या मैग्नस 2016 की 12वीं बाजी की रणनीति को दोहरा रहे हैं और टाईब्रेक के लक्ष्य के साथ उतरे हैं। '' उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा है तो मैग्नस ने टाईब्रेक के बारे में सोचते हुए दिन बिताया है जबकि प्रज्ञानानंदा बाजी के बाद ही ऐसा करना शुरू करेंगे।''
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