ओलंपिक मेजबानी पर ठाकुर ने कहा, हम तैयार हैं और अन्य दावेदारों का आसानी से मुकाबला कर सकते हैं
हमीरपुर । खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत का दावा मजबूत करार देते हुए कहा कि देश अन्य दावेदारों का मुकाबला करने में सक्षम है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) के नए अध्यक्ष का चुनाव अगले साल होना है और ऐसे में 2036 के ओलंपिक खेलों के मेजबान का फैसला 2026 या 2027 से पहले होने की संभावना नहीं है। भारत की मेजबानी में दिलचस्पी को आईओसी के वर्तमान अध्यक्ष थॉमस बाक समर्थन भी हासिल है जिनका मानना है कि भारत का दावा काफी मजबूत है। ठाकुर से जब पूछा गया कि क्या भारत के पास पोलैंड, इंडोनेशिया, मैक्सिको, कतर और सऊदी अरब जैसे कई देशों की दावेदारी का मुकाबला करने की क्षमता है तो उन्होंने कहा,‘‘हम पूरी तरह से तैयार हैं। हम आसानी से ऐसा कर सकते हैं।''
ठाकुर ने इन खेलों पर होने वाले खर्च के संबंध में कहा,‘‘ पिछले साल हमारा पूंजीगत व्यय 10 लाख करोड़ रुपये था और उससे एक साल पहले यह 7.5 लाख करोड़ रुपये था। इस साल यह 11,11,111 करोड़ रुपये है। खेल का बुनियादी ढांचा मुश्किल से 5,000 करोड़ रुपये है। अगर लागत 20,000 करोड रुपए तक भी जाती है तब भी ऐसा किया जा सकता है।'' भारत सरकार ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है तथा वह 2030 में होने वाले युवा ओलंपिक खेलों की मेजबानी हासिल करके अपना दावा और मजबूत करना चाहती है। भारत को अगर मेजबानी मिलती है तो इन दोनों खेलों का आयोजन अहमदाबाद में किया जा सकता है। रियो में 2016 में खेले गए ओलंपिक खेल का खर्चा 11.1 बिलियन डॉलर जबकि तोक्यो खेलों का खर्चा 12.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
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