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- रायपुर। केंद्र सरकार के अमृत मिशन के तहत संचालित महत्वाकांक्षी पहल ‘वुमेन फॉर ट्री’ छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण का प्रभावी मॉडल बनकर सामने आ रही है। बालोद जिले में इस योजना का सफल क्रियान्वयन राज्यभर में महिला शक्ति की भागीदारी से हरियाली एवं स्वच्छता को बढ़ावा देने का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। योजना के अंतर्गत बालोद जिले के 08 नगरीय निकायों में अब तक 6,950 पेड़ लगाए जा चुके हैं। वृक्षारोपण के साथ-साथ पौधों की देखभाल, सिंचाई, सुरक्षा और नियमित रखरखाव की जिम्मेदारी महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपी गई है। इस प्रत्यक्ष भागीदारी ने पौधों के संरक्षण दर में उल्लेखनीय वृद्धि की है और स्थानीय स्तर पर पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है।महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ’वुमेन फॉर ट्री’ योजना के तहत 66 महिलाओं को नियमित कार्य प्रदान किया गया है। प्रत्येक महिला कार्यकर्ता को प्रति माह 8,000 रुपये मानदेय दिया जा रहा है, जिससे उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। इन महिलाओं को कार्य के लिए आवश्यक सामग्री जैसे—साड़ी, जैकेट, जूते और संपूर्ण टूलकिट (फावड़ा, कुदाली, बेलचा, धमेला) भी उपलब्ध कराई गई है। कई महिलाओं ने बताया कि इस आय से वे अपने बच्चों की शिक्षा और घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हो रही हैं।जिला प्रशासन ने बताया कि आने वाले समय में वृक्षारोपण के क्षेत्र को और विस्तृत किया जाएगा तथा अधिक से अधिक महिलाओं को इस अभियान से जोड़ कर नए रोजगार अवसर विकसित किए जाएंगे। पौधों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण व मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। नगर पालिका परिषद बालोद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री मोबिन अली ने बताया कि यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण को गति दे रही है, बल्कि महिला सशक्तिकरण का सशक्त माध्यम भी बन रही है। उन्होंने कहा कि बालोद को हरियाली और स्वच्छता के क्षेत्र में मॉडल जिला के रूप में स्थापित करने की दिशा में यह पहल महत्वपूर्ण है। साथ ही, उन्होंने नागरिकों से वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों की स्वच्छता एवं संरक्षण में सहयोग कर जल संरचना को सुदृढ़ बनाने की अपील की। जिला प्रशासन ने प्रदेश के सभी नागरिकों, संस्थाओं और सामाजिक संगठनों से ’वुमेन फॉर ट्री’ अभियान से जुड़कर हरित छत्तीसगढ़ के निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया है।
- 0- केंद्रों में व्यवस्था और भी सरल, सुविधाजनक एवं पारदर्शी: किसान श्री रतिरामरायपुर। विष्णु के सुशासन में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में किसानों से पारदर्शिता के साथ सुगमतापूर्वक धान खरीदी की जा रही है। मुंगेली जिले में कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा जिले के 66 सहकारी समितियों के 105 धान उपार्जन केंद्रों में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उपार्जन केंद्रों में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं से किसानों को धान विक्रय करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हो रही है और उनका धान आसानी से विक्रय हो रहा है।पथरिया विकासखण्ड के कपुवा उपार्जन केंद्र में धान विक्रय करने पहुंचे किसान श्री रतिराम चतुर्वेदी ने बताया कि उन्होंने इस वर्ष 88.80 क्विंटल धान का विक्रय किया है। उन्होंने कहा कि इस बार केंद्रों में व्यवस्था और भी सरल, सुविधाजनक एवं पारदर्शी है। इलेक्ट्रॉनिक तौल, बारदाना की व्यवस्था, टोकन तुहर हाथ ऐप से टोकन की सुविधा, पेयजल, छाया सहित तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी की सुविधा तथा 3100 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य का लाभ मिलने से किसानों को आर्थिक मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि किसान-हितैषी नीतियों एवं बेहतर व्यवस्थाओं से किसानों का प्रशासन पर भरोसा और भी मजबूत हुआ है। श्री चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं जिला प्रशासन को किसानों के हित में उत्कृष्ट व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु धन्यवाद दिया।गौरतलब है कि शासन के निर्देशानुसार पंजीकृत किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी और 31 सौ रुपए के हिसाब से प्रति क्विंटल धान की राशि दी जा रही है। इससे न केवल किसानों के फसलों का उचित दाम मिल रहा है, बल्कि किसानों का मान भी बढ़ा है। आसान भुगतान की सुविधा प्रदान करने के लिए समितियों में माइक्रो एटीएम की सुविधा एवं किसानों को एटीएम कार्ड एवं चेक प्रदान किया गया है, इससे किसानों की जरूरी आवश्यकताएं पूरी होने के साथ ही उनके हक का पैसा उन्हें मिल रहा है। किसान आर्थिक रूप से समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
- 0- चयन समिति ने शुरू की चयन प्रक्रियारायपुर। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत जशपुर जिले में एक ग्राम को मॉडल सोलर विलेज के रूप में विकसित किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। जिला स्तरीय चयन समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री रोहित व्यास के मार्गदर्शन में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। भारत सरकार द्वारा जारी नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार मॉडल सोलर विलेज के लिए उन राजस्व ग्रामों का चयन आवश्यक है जिनकी आबादी 5,000 से अधिक हो। जशपुर जिले में ऐसे ग्रामों की संख्या 10 से कम होने के कारण, जिला स्तरीय समिति द्वारा प्रथम 10 सर्वाधिक आबादी वाले ग्रामों के मध्य छह माह की प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया आयोजित की जा रही है। इसी के आधार पर अंतिम मॉडल सोलर विलेज का चयन किया जाएगा।दिशा-निर्देशों के अनुसार जिस ग्राम में सरकारी एवं गैर-सरकारी माध्यमों से सर्वाधिक सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित होगी, उसे मॉडल सोलर विलेज के रूप में प्राथमिकता दी जाएगी। इसी क्रम में जिले के 10 सर्वाधिक आबादी वाले ग्राम बटईकेला, सन्ना, कांसाबेल, पण्ड्रापाठ, लुडेग, कामारिमा, घोघर, तपकरा, दुलदुला और फरसाबहार को प्रतिस्पर्धा हेतु सूचीबद्ध किया गया है। इन ग्रामों में सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ाने एवं मूल्यांकन के लिए छह माह की अवधि निर्धारित की गई है। चयनित ग्राम के समग्र विकास हेतु 2 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार कर 15 मार्च 2026 तक ऊर्जा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन को प्रेषित की जाएगी।
- 0- धान फसल को किया गया पूर्णतः प्रतिबंधित0- ग्रामीणों को फसल विविधीकरण और जल संरक्षण के लिए किया गया जागरूकरायपुर। राजनांदगांव जिले में भू-जल स्तर के लगातार गिरावट के दृष्टिगत ग्राम पंचायतों में ग्रामसभा आयोजित कर फसल विविधीकरण और जल संरक्षण के लिए सामूहिक रूप से किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में छुरिया विकासखंड के ग्राम पंचायत घुपसाल कु में ग्रामसभा का आयोजन कर ग्रीष्मकाल में भू-जल स्तर के गिरावट को ध्यान में रखते हुए रबी सीजन में धान फसल को पूर्णतरू प्रतिबंध करते हुए धान के बदले अन्य फसल लेने का प्रस्ताव पास किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी में धान फसल लेने से पेयजल संकट उत्पन्न हो जाता है, जिससे गंभीर समस्या से गुजरना पड़ता है। ग्रीष्मकाल में धान फसल लेने वाले किसानों को ग्राम स्तर पर ग्रामीणों ने आर्थिक जुर्माना लगाकर दण्डित करने का फैसला भी लिया है।जिले में भू-जल स्तर के गिरावट के दृष्टिगत फसल चक्र परिवर्तन से पानी की बचत होगी तथा किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। पूर्णतरू फसल चक्र परिवर्तन ग्राम पंचायत घुपसाल कु क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गए है। ग्राम घुपसाल कु के ग्रामीणों ने भू-जल स्तर को सुधारने स्वयं से अपने-अपने घरों में सोख्ता गड्ढा का निर्माण किया है। साथ ही नालों में पानी सहेजने श्रमदान से बोरी बंधान करके पानी रोकने में कामयाब हुए है। ग्राम स्तर के बैठक में जनपद पंचायत, कृषि विभाग, वन विभाग के अधिकारियों ने फसल चक्र परिवर्तन के बारे मे ग्रामीणों को अवगत कराया, साथ ही अन्य फसल के फायदे एवं मार्केटिंग के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।--
- 0- विवाह और जिम्मेदारियों के बाद फिर मिला खेल का अवसर0- हम पूरी मेहनत करेंगे और यकीन है कि हमें मिलेगी जीत-- सरोज पोडियामरायपुर। बस्तर ओलम्पिक 2025 का आयोजन इस वर्ष कई महिलाओं को अपनी जड़ों से दोबारा जुड़ने का अवसर मिला है, ऐसी ही महिलाओं में शामिल हैं श्रीमती सरोज पोडियाम, जो विवाह और पारीवारिक जिम्मेदारियों के चलते वर्षों से खेल से दूर थीं। तीन वर्ष की बच्ची की मां होने के बावजूद उन्होंने खेल मैदान में वापसी कर सभी को प्रेरित किया। सरोज पोडियाम कोंटा विकासखंड के दूरस्थ मुरलीगुड़ा ग्राम की निवासी हैं। वह बताती हैं कि बस्तर ओलम्पिक शुरू होने से उन्हें स्कूल के दिनों की खो-खो और कबड्डी जैसे खेलों की यादें ताजा हो गईं। सरोज बताती हैं हम महिलाओं का अधिकतर समय परिवार, बच्चे और गृहकार्य में बीत जाता है। लेकिन बस्तर ओलम्पिक ने हमें फिर से अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया। इस बार संभाग स्तर तक पहुंचना हम सभी के लिए बड़ी खुशी की बात है।बस्तर ओलम्पिक में सरोज पोडियाम और उनकी टीम ने रस्साकसी में दमदार प्रदर्शन करते हुए संभाग स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन हासिल किया है। टीम की इस उपलब्धि से पूरे परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। सरोज कहती हैं कि हम सभी महिला साथी बहुत खुश हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी का धन्यवाद, जिन्होंने हमें अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच दिया। इस बार पूरा प्रयास रहेगा कि हम संभाग में अपने जिले को जीत दिलाएं। बस्तर ओलम्पिक ने हमें दोबारा खेलने का मौका दिया और आस-पास की सभी महिला साथी भी शामिल हुईं।सरोज पोडियाम का परिवार माओवादी हिंसा से प्रभावित रहा है। वर्ष 2009 में नक्सलियों द्वारा उनके ससुर की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद परिवार गहरे संकट में आ गया। घटना के बाद शासन ने नवा बिहान योजना के तहत सुकमा में उन्हें आवास उपलब्ध कराया तथा उनके पति श्री राकेश को नगर सैनिक के रूप में पदस्थ कर परिवार को संबल दिया। आज वही परिवार संघर्ष की राह से निकलकर बस्तर ओलम्पिक में उपलब्धि की नई कहानी लिख रही है। सरोज पोडियाम ने बताया कि उनकी टीम में नंदिता सोढ़ी, सरिता पोडियामी, लिपिका डे, मुन्नी नाग, ललिता यादव, पुनम भेखर, जसवंती वेट्टी, बण्डी बारसे शामिल हैं। सब महिलाओं ने मिलकर बेहतरीन तालमेल से प्रदर्शन किया और संभाग स्तर तक पहुंचने का गौरव पाया।
- 0- धान के उचित समर्थन मूल्य एवं पारदर्शी खरीदी प्रक्रिया से किसानों को मिल रहा बेहतर लाभरायपुर। छत्तीसगढ़ शासन की कृषि हितैषी नीतियों और किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलने का परिणाम आज ग्रामीण अंचलों में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। किसान आर्थिक समृद्धि की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ऐसी ही सफलता की प्रेरक कहानी है ग्राम कौडुटोला के किसान श्री उदयराम साहू की, जिन्होंने आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाते हुए अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि की है और आज वे दो ट्रैक्टरों के स्वामी बन चुके हैं।कभी बैलों और किराए के साधनों पर निर्भर रहने वाले श्री साहू के खेतों में अब ट्रैक्टर से कम समय में अधिक कार्य हो रहा है। ट्रैक्टर आने से न केवल उनका श्रम और समय बचा, बल्कि उत्पादन क्षमता भी कई गुना बढ़ी। इससे उनकी आय में निरंतर वृद्धि हुई है और खेती अब उनके लिए मात्र आजीविका का साधन नहीं, बल्कि समृद्धि का मजबूत आधार बन चुकी है।श्री साहू ने बताया कि इस वर्ष धान विक्रय प्रक्रिया पहले की अपेक्षा अधिक सरल एवं पारदर्शी है। उन्होंने टोकन प्राप्त कर आसानी से अपना धान चौकी धान उपार्जन केंद्र में विक्रय किया। उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व में किसानों के हित में अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगे हैं। धान का मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल मिलने से खेती लाभदायक हो गई है। प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक खरीदी के प्रावधान के लिए शासन आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के सरकार के फैसले से किसानों का रूझान खेती-किसानी की ओर बढ़ा है।
- - जिला प्रशासन की अपील पर किसान कर रहे स्वेच्छा से रकबा समर्पणराजनांदगांव । शासन के निर्देशानुसार खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में जिले के 96 धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से किसानों से धान खरीदी का कार्य किया जा रहा है। जिले में कुल 131437 कृषकों द्वारा कुल 149402.17 हेक्टेयर रकबा का पंजीयन कराया गया है। कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव के निर्देशानुसार किसानों को धोखे में रखकर अवैध धान किसानों के रकबे में धान बेचने का प्रयास करने वाले कोचियों एवं बिचौलियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। जिला प्रशासन की अपील पर जिले के किसानों द्वारा अपने उपज का सम्पूर्ण धान बेचने के बाद स्वेच्छा से रकबा समर्पण के कार्य में शासन का सहयोग किया जा रहा है। जिसके तहत गुरुवार को ग्राम धरमुटोला के किसान श्री सुनेश मंडावी द्वारा 4.14 एकड़, ग्राम मगरधोखरा के किसान श्रीमती गंगा बाई द्वारा 1.42 एकड़ एवं ग्राम हालेकोसा के किसान श्री तिजऊ राम द्वारा 1.87 एकड़ रकबा का समर्पण किया गया है। इसी प्रकार 1015 किसानों ने स्वेच्छा से 239 एकड़ रकबा का समर्पण किया है। जिले में अब तक 5781 किसानों द्वारा स्वेच्छा से 1190.21 एकड़ रकबा समर्पण किया गया है
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चपोरा केंद्र का फड़ प्रभारी, बारदाना प्रभारी व चौकीदार निलंबित
बिलासपुर/कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में पारदर्शी व सुचारु रूप से धान खरीदी संचालन के लिए प्रशासन चौकस है। अधिकारियों द्वारा लगातार खरीदी केंद्रों की निगरानी की जा रही है। इस सिलसिले में उपायुक्त सहकारिता, खाद्य नियंत्रक, जिला विपणन अधिकारी द्वारा चपोरा केंद्र का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान चपोरा धान खरीदी केंद्र से 100 नग शासकीय बारदाना किसान द्वारा स्वयं के वाहन में बाहर ले जाते हुए पाया गया। जिसकी जांच सहकारिता विस्तार अधिकारी कोटा व खाद्य निरीक्षक कोटा द्वारा किया गया। जांच में क्षेत्र के ग्राम सेमरा के किसान हनुमान प्रसाद पिता जगन्नाथ प्रसाद द्वारा आगामी 08 दिसम्बर को उनके धान खरीदी के टोकन के लिए धान भरने हेतू बारदाना केंद्र के चौकीदार संजय यादव से मांग कर ले जाना बताया गया। जिसकी पुष्टि केंद्र से की गई। केंद्र में उपरोक्त अनियमितता पाए जाने पर तत्काल खरीदी फड़ प्रभारी, बारदाना प्रभारी व चौकीदार को निलंबित किया गया। प्रशासन द्वारा किसानों को धान बेचने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो साथ ही किसी प्रकार की अनियमितता भी न हो इस हेतु सभी उपाय किये जा रहे है। -
*अब तक 39800 खसरे बचे है अपडेट करने को*
*कलेक्टर ने अपडेट कराने किसानों से की अपील*
*धान बेचने के लिए जरूरी है रिकार्ड का अपडेट होना*
बिलासपुर/खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में शासन द्वारा धान बिक्री हेतु एकीकृत पोर्टल पर पंजीकृत कृषकों का एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीयन हेतु विभिन्न स्तर पर विकल्प उपलब्ध कराये गये है। जिले में कुल 131624 कृषकों का पंजीयन एकीकृत एग्रीस्टेक पोर्टल पर हुआ है। एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीकृत कुछ कृषकों का खसरा एकीकृत पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं हो रहा है, ऐसे कृषकों का खसरा सीएससी आईडी से यूएफआर कर एकीकृत पोर्टल में अपलोड किये जाने का कार्य वर्तमान में बिलासपुर जिले के अंतर्गत 114 सगितियों के द्वारा किया जा रहा है। उक्त छुटे हुये खसरों का अपडेट किसान स्वयं ही यूएफआर मॉड्यूल से जोड़ सकता है। जिसका वेब लिंक https://cgfr.agristack.gov.in/farmer-registry-cg/#/ में जाकर लॉग इन अस को किसान सलेक्ट कर अपने आधारकार्ड नंबर से आधार लिंक मोबाईल पर ओटीपी प्राप्त कर स्वयं लॉग इन कर सकता है। कृषकों को एकबार स्वयं यूजर आईडी और पासवर्ड क्रिएट करना पड़ेगा। उसके पश्चात छुटे खसरों को जोड़ने हेतु यूएफआर मॉड्यूल से स्वयं रिक्वेस्ट कर सकेगे। उक्त सुविधा उपलब्ध होने तथा लगातार समिति के अंतर्गत आनेवाले ग्रामों में मुनादी कराने व समिति कर्मचारियों, कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के मैदानी अमलों के द्वारा संपर्क करने के पश्चात भी आज दिनांक पर लगभग 39800 खसरा अपडेट करने हेतु लंबित है। अतः सभी किसान भाई शासन द्वारा कृषक हित में दिये गये सुविधा का लाभ उठाते हुये उपरोक्त माध्यम से यूएफआर हेतु लंबित खसरों का समितियों में आधार कार्ड, आधार से लिंक मोबाईल नंबर एवं भूमि विवरण सहित उपस्थित होकर अपने छुटे हुए खसरों को जोड़ करा लेवे, ताकि धान बिक्री में कोई परेशान न हो। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने छूटे हुए सभी किसानों को अपने से संबंधित सहकारी समिति में पहंुचकर रिकार्ड अपडेट करा लेने की अपील की है। -
रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश में जिले के किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है। जिले में आज 2022 किसानों से 90 हजार 344.00 क्विंटल धान की खरीदी की गई। इस प्रकार अब तक 26653 किसानों से 12 लाख 58 हजार 502.40 क्विंटल की खरीदी हुई है। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन में धान खरीदी केन्द्रों में किसानों को आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की जा रही है, जिससे किसानों में धान बेचने को लेकर उत्साह है।
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बीजापुर . जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद बृहस्पतिवार सुबह तक छह अन्य नक्सलियों के शव बरामद किए गए। इलाके में अभियान अभी भी जारी है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है। इस मुठभेड़ में राज्य पुलिस की इकाई जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के तीन जवानों की भी मृत्यु हुई है।
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि करीब 12 घंटे तक रुक-रुक कर हुई गोलीबारी के बाद, बुधवार देर शाम तक 12 नक्सलियों के शव बरामद किए गए। सुंदरराज ने बताया कि इलाके में तलाश अभियान के दौरान बृहस्पतिवार सुबह तक छह और शव बरामद किए गए और इसके साथ ही मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या 18 हो गई। उन्होंने बताया कि इलाके में अभियान अब भी जारी है।
सुंदरराज ने बताया कि अभियान में दंतेवाड़ा और बीजापुर के डीआरजी, एसटीएफ और सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के जवान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान इलाके में माओवादियों की पश्चिम बस्तर डिवीजन और पीएलजीए कंपनी नंबर दो की मौजूदगी की जानकारी के आधार पर शुरू किया गया था। अधिकारी ने बताया, ''हमारे सुरक्षाबलों ने माओवादियों की गोलीबारी का बहादुरी से जवाब दिया, लेकिन दुर्भाग्य से डीआरजी बीजापुर के हमारे तीन बहादुर जवान इस दौरान शहीद हो गए।'' सुंदरराज बीजापुर पुलिस लाइन में तीन शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में तीनों शहीद जवानों के परिवार के सदस्य, जनप्रतिनिधि, अधिकारी और स्थानीय लोग भी मौजूद थे। इस मुठभेड़ में जान गंवाने वाले हेड कांस्टेबल मोनू वडाड़ी, कांस्टेबल दुकारू गोंडे और जवान रमेश सोड़ी बीजापुर जिले के निवासी थे। इस दौरान डीआरजी के सहायक उप निरीक्षक समेत दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
सुंदरराज ने पट्टिलिंगम ने कहा कि मारे गए नक्सलियों में से एक की पहचान मोडियामी वेल्ला के रूप में हुई है, जबकि बाकी मृत नक्सलियों की पहचान की जा रही है। उन्होंने बताया कि वेल्ला माओवादियों की पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) की कंपनी नंबर दो के कमांडर के तौर पर सक्रिय था और सुरक्षाबलों पर हमलों की कई घटनाओं में शामिल था। उन्होंने कहा कि इन वारदातों में 2020 सुकमा के मिनपा में हुई शामिल है, जिसमें 17 सुरक्षाकर्मियों की मृत्यु हुई थी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा वेल्ला 2021 में बीजापुर के टेकलगुडेम में हुए हमले में भी शामिल था, जिसमें 22 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी। अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ में 281 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 252 बीजापुर समेत सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में मारे गए। वहीं 27 नक्सली रायपुर क्षेत्र के अंतर्गत गरियाबंद जिले में मारे गए। राज्य के दुर्ग क्षेत्र के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में दो नक्सली मारे गए। पुलिस ने बताया कि अब तक राज्य में मुठभेड़ समेत अन्य माओवादी हिंसा में 23 सुरक्षाकर्मी अपनी जान गंवा चुके हैं। केंद्र सरकार ने वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए 31 मार्च, 2026 तक की समयसीमा तय की है। -
*FIND द्वारा सीमेंस के CSR पहल के सहयोग से सफल प्रशिक्षण*
रायपुर/दक्ष परियोजना के तहत प्रयोगशाला प्रणाली को मजबूत बनाने के उद्देश्य से आज रायपुर में कैस्केड ट्रेनिंग सीरीज़ का सफल आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में रायपुर, धमतरी और महासमुंद जिलों से आए लैब टेक्निशियंस ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रशिक्षण का उद्देश्य मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से जिला एवं ब्लॉक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण लैब सेवाओं का विस्तार और तकनीकी दक्षता में वृद्धि करना था।
प्रशिक्षण में विषय विशेषज्ञ डॉ. जूही चंद्रा ने लैब गुणवत्ता सुधार, प्रक्रियागत मानकीकरण, डेटा प्रबंधन और दक्ष परियोजना के प्रमुख उद्देश्यों पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। ट्रेनिंग का संचालन टीओटी से प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स- डॉ. आदित्य सिन्हा, पैथोलॉजिस्ट, जिला अस्पताल धमतरी व डॉ. जश्मी चंद्राकर, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, जिला अस्पताल रायपुर द्वारा किया गया। दोनों प्रशिक्षकों ने व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से प्रतिभागियों को लैब मानकों और तकनीकी प्रक्रियाओं की व्यापक जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम में सीमेंस की ओर से श्री अर्नोल्ड एवं उनकी टीम ने भी सहभागिता की और प्रतिभागियों को सैंपल कलेक्शन की बारीकियों से अवगत कराया।
इस अवसर पर विशेष अतिथि डॉ. मिथिलेश चौधरी सीएमएचओ, रायपुर एवं डॉ. संतोष भंडारी, सिविल सर्जन, रायपुर उपस्थित रहे। उन्होंने FIND (फाउंडेशन फॉर इनोवेटिव न्यू डायग्नोस्टिक्स) द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दक्ष परियोजना के माध्यम से प्रयोगशाला सेवाओं को उन्नत बनाने की दिशा में यह प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण पहल है।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में FIND टीम के डॉ. नवनीत रंजन एवं श्री अंजय गुप्ता का विशेष योगदान रहा। दोनों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयन और प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रभावी ढंग से निभाई।
प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी, ज्ञानवर्धक और व्यावहारिक कार्यप्रणाली से जुड़ा हुआ बताया। यह कैस्केड ट्रेनिंग सीरीज़ छत्तीसगढ़ में दक्ष परियोजना के अंतर्गत लैब सेवाओं की गुणवत्ता को नई दिशा देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। - - बड़ी संख्या में दिव्यांगजन खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता में हुए शामिल- दिव्यांगजनों को प्रदान की गई व्हीलचेयर, मोटराईज्ड ट्रायसायकल, ट्रायसायकल, बैशाखी, श्रवण यंत्र, वॉकर एवं शैक्षणिक सहायक सामग्रीराजनांदगांव । अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर सर्वेश्वर दास नगर पालिक निगम स्कूल मैदान एवं गांधी सभागृह राजनांदगांव में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर दिव्यांगजनों के लिए खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने हरी झंडी दिखाकर खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। जिसमें 500 से अधिक बालक-बालिकाएं व युवा दिव्यांगजन शामिल हुए। दिव्यांगजनों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। जिले के विभिन्न विकासखण्डों से आये हुए स्कूली दिव्यांग बच्चे एवं शासकीय समर्थ स्कूल, स्वैच्छक अनुदानित संस्था अभिलाषा, आस्था, मनोकामना के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मोहक प्रस्तुति दी गई। आस्था श्रवण बाधित संस्था के द्वारा खाटू-श्याम शानदार नृत्य व शंशाक गांधी के भजनों की सुमधुर प्रस्तुति ने उपस्थित सभी दर्शको का दिल जीत लिया। विजयी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह, मेडल भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही आयोजन में शामिल सभी दिव्यांगजनों को दैनिक उपयोगी सामग्री भेंट कर सम्मानित किया गया। समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को व्हीलचेयर, मोटराईज्ड ट्रायसायकल, ट्रायसायकल, बैशाखी, श्रवण यंत्र, वॉकर साथ ही समग्र शिक्षा द्वारा दिव्यांग बच्चों को शैक्षणिक सहायक सामग्री प्रदान की गई।कार्यक्रम में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अंतर्गत आने वाले 21 प्रकार के दिव्यांगजनों के चिन्हांकन बाबत प्रशिक्षण दिया गया। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। जिला व्यापार एवं उद्योग विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को सुगमता से ऋण उपलब्धता के संबंध में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में उपस्थित दिव्यांगजनों एवं गणमान्य नागरिकों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, उप संचालक समाज कल्याण श्रीमती वैशाली मरडवार, पार्षद श्री शैंकी बग्गा, पद्मश्री डॉ. पुखराज बाफना सहित स्वैच्छक अनुदानित संस्था अभिलाषा, आस्था, मनोकामना के पदाधिकारी, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
- - किसान डिलेश्वर धान बिक्री की राशि से करेंगे ट्रेक्टर का किश्त भुगतान- पिछले वर्ष धान बिक्री से खरीदा था ट्रेक्टरराजनांदगांव । खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में जिले के धान उपार्जन केन्द्रों में तेजी से धान खरीदी कार्य किया जा रहा है। शासन किसानों के वास्तविक उपज को समर्थन मूल्य में खरीदी कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है। जिले के किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे है। राजनांदगांव विकासखंड के धान उपार्जन केन्द्र सोमनी में ग्राम ईरा के किसान श्री डिलेश्वर प्रसाद साहू ने बताया कि वे 66 क्विंटल धान बिक्री करने आए हैं। उनके पास 8 एकड़ खेती जमीन है, जिसमें वे धान की उपज लिया है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा 3100 रूपए प्रति क्ंिवटल की दर से धान खरीदी करने से उनकी उपज का वास्तविक दाम मिल रहा है और राशि भी शीघ्र खाते में मिल रही है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष धान बिक्री की राशि से वे खेती-किसानी को बढ़ाने के लिए ट्रेक्टर खरीदा था। उन्होंने बताया कि बहुत दिनों से ट्रेक्टर खरीदने का सोच रहे थे, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण नहीं खरीद पाए थे। पिछले वर्ष जैसे ही शासन द्वारा धान खरीदी करने पर उन्होंने धान विक्रय किया और एक मुश्त राशि मिलने पर ट्रेक्टर खरीदने की हिम्मत जुटा जाए। उन्होंने बताया कि समय पर खेती-किसानी कार्य करने के लिए सहुलियत हुआ है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष की धान बिक्री की राशि से ट्रेक्टर की किश्त को पूरा करने में उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि किसान अपनी जरूरतों के साथ-साथ खेती-किसानी को बढ़ाने के लिए राशि का उपयोग कर रहे हैं।ग्राम ईरा के किसान श्री डिलेश्वर बताया कि धान उपार्जन केन्द्र में पर्याप्त मात्रा में बारदाने की उपलब्धता, पारदर्शिता तरीके से इलेक्ट्रानिक तौलाई, खाते में राशि अंतरण किया जा रहा है। धान उपार्जन केन्द्र सोमनी में किसानों के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था रखी गई है। धान उपार्जन केन्द्र में पेयजल, छांव, चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है। इसके लिए उन्होंने राज्य शासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
- बिलासपुर /भारत सरकार द्वारा धान खरीदी के लिए समितियों को प्रति क्विंटल 22.05 रूपये प्रासंगिक व्यय (लेबर चार्ज) दिया जाएगा। लेबर चार्ज के अंतर्गत बोरों में भराई, धान का तौल, बोरों की सिलाई, बोरों में छपाई, भरे धान के बोरों की लोडिंग और भरे हुए धान के बोरों की स्टेकिंग का काम शामिल है। इसके अलावा धान की सुरक्षा एवं भण्डारण व्यय के लिए 5 रूपये प्रति क्विंटल दिया जाएगा। समिति को कमीशन के रूप में मार्कफेड को परिदान की गई धान की मात्रा पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रति क्विंटल कमीशन का भुगतान धान खरीदी के अंतिम लेखा मिलान के पश्चात किया जाएगा।
- दुर्ग। प्रदेश सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर केबिनेट मंत्री गजेन्द्र यादव ने दुर्ग की जनता को शुभकामनायें दिए है। दुर्ग को विकसित बनाने की दिशा में निरंतर कार्यरत है। खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित नगर विकास को लेकर दो साल में करोड़ों की राशि शासन से स्वीकृति मिली है, जो दुर्ग की जनता का भाजपा पर विश्वास का परिणाम है।केबिनेट मंत्री गजेन्द्र यादव ने दुर्ग शहर के जनता के मांग और जनता के सुविधाओ को बढ़ावा देने लगातार कार्यरत है। खेल की दिशा में बैडमिंटन कोर्ट का लोकार्पण तथा स्विमिंग पुल और उरला स्टेडियम निर्माण अंतिम चरण पर है, 20 से अधिक स्थान पर डोम शेड, शासकीय स्कूलो में संधारण, किसान भवन, शादी ब्याह जैसे बड़े आयोजन के लिए कई वार्ड में करोड़ों की लागत से सामुदायिक भवन निर्माण जारी है, आवागमन को बेहतर बनाने दुर्ग निगम क्षेत्र के लगभग सभी वार्ड सीमेंटीकरण सड़क।36 लाख से 6 स्थान पर हाई मास्क-दुर्ग वासियों को रात्रि में सुरक्षित आवागमन हेतु बिजली पोल में लाइट्स लगाने विधायक निधि से 80 लाख की स्वीकृति। नये बसाहट वाले कॉलोनी में 1100 से अधिक बिजली पोल सह लाइन विस्तार।दुर्ग को आई टी हब बनाने की दिशा में ठोस कदम -आईटी के क्षेत्र में दुर्ग एक नए युग की शुरुआत करने आईआईटी भिलाई एवं छत्तीसगढ़ सरकार के मध्य आईटी पार्क स्थापना हेतु एमओयू किया गया।आईटी पार्क का निर्माण न केवल स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और स्टार्टअप के नए अवसर सृजित करेगा, बल्कि दुर्ग को तकनीकी नवाचार और डिजिटल प्रगति का एक सशक्त केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।सड़क का चौड़ीकरणदुर्ग विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न सड़कों का चौड़ीकरण करने शासन से करोड़ों की राशि स्वीकृति मिल गई है। शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव और सड़क दुर्घटना को नियंत्रित करने और आवागमन को सुरक्षित बनाने सड़क का चौड़ीकरण के प्रस्ताव को शासन से मंजूरी मिल गई है।शिक्षा, ग्रामोद्योग एवं विधि-विधायी मंत्री गजेन्द्र यादव ने कहा की प्रदेश की भाजपा सरकार को आज दो वर्ष पूरे हो गए है। जनता की सेवा ही शासन का मूल लक्ष्य है। मैं दुर्ग सहित प्रदेश के सभी नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ कि आपने अपने बहुमूल्य मत से हमें जनसेवा का अवसर प्रदान किया।दुर्ग की जनता का भाजपा के प्रति अटूट विश्वास ही हमारी प्रेरणा है, और इसी का परिणाम है की दुर्ग को विकसित बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लगातार विकास कार्यों की सौगात दिए है। जिससे हम सब मिलकर दुर्ग को समृद्ध, शिक्षित और सक्षम शहर के निर्माण का संकल्प लें जो आगामी पीढ़ियों के लिए उदाहरण बने।
- दुर्ग। दुर्ग कसारीडीह स्थित साईं बाबा मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव में आज स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने शामिल होकर साईं बाबा के चरणों में नमन किया। उन्होंने संपूर्ण क्षेत्रवासियों के सुख, समृद्धि एवं कल्याण की कामना की।महोत्सव के अंतर्गत आयोजित भोग-भंडारे में शामिल होकर मंत्री श्री यादव ने उपस्थित श्रद्धालुओं से आत्मीय मुलाकात की तथा सभी नागरिकों का स्नेहपूर्ण अभिवादन प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक और सामाजिक आयोजनों से समाज में सद्भाव, सेवा भावना और एकता को मजबूती मिलती है।कार्यक्रम में महापौर अलका बाघमार, जिला उपाध्यक्ष शिवेंद्र परिहार, पार्षद कुलेश्वर साहू, कांशीराम कोसरे, कमल देवांगन, साजन जोसफ, सरिता चंद्राकर, विनोद चंद्राकर, मंदिर समिति के श्रीकांत समर्थ, धनेन्द्र चंदेल, धीरेन्द्र शर्मा, शिवाकांत तिवारी, सुजीत गुप्ता, सुरेश साहू, अजय सुरपाम, संतोष किरोड़कर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।कार्यक्रम को सफल बनाने में जुड़े सभी पदाधिकारियों, समिति सदस्यों और श्रद्धालुओं के प्रति मंत्री श्री यादव ने आभार व्यक्त किया।
- दुर्ग, / जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के अंतर्गत 87 सहकारी समितियों के 102 उपार्जन केन्द्रों में अब तक 19,700 किसानों से एक लाख तीन हज़ार नौ सौ चौबीस मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी की गई है। शासन की पारदर्शी व्यवस्था और तुंहर टोकन के अंतर्गत किसानों को सहुलियतें मिल रही है और वे निर्धारित तिथि अनुसार धान बेचने उपार्जन केन्द्रों में पहुंच रहे हैं। उपार्जन केन्द्रों में जिला प्रशासन द्वारा किसानों के लिए समुचित प्रबंध की गई है। धान खरीदी हेतु केन्द्रों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था है। खरीफ वर्ष 2025-26 के अंतर्गत जिले में 6,16,435 मे. टन धान खरीदी का अनुमानित लक्ष्य निर्धारित है।
- -राज्य के 45 युवाओं को मिला पर्यटन प्रबंधन का विशेष प्रशिक्षण-बस्तर के युवाओं को मिलेगा रोजगार का नया अवसर-टूरिस्ट गाइड का गहन प्रशिक्षण लेकर लौटे छत्तीसगढ़ के युवा-मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री ने दी बधाई और शुभकामनाएँरायपुर / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देनेे के लगातार प्रयास किए जा रहे है। छत्तीसगढ़ की नैसर्गिक सुन्दरता और यहां के पर्यटन स्थलों को देखने के लिए देश-दुनिया के लोग छत्तीसगढ़ आये, इसे लेकर देश के विभिन्न हिस्सों विशेषकर महानगरों में छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों की जानकारी देने के लिए प्रदर्शनी एवं कार्यशालाएं भी आयोजित की जा रही है। इन सभी प्रयासों का उद्देश्य छत्तीसगढ़ को पर्यटन को वैश्विक मानचित्र पर लाना है।मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है और इसके लिए नई औद्योगिक पॉलिसी में कई रियायतों का प्रावधान भी किया गया है। होम-स्टे पॉलिसी बनायी गई है ताकि छत्तीसगढ़ बस्तर और सरगुजा अंचल में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। छत्तीसगढ़ सरकार ने इन्हीं प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए राज्य के युवाओं विशेषकर बस्तर अंचल के युवाओं को पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के लिए टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण की अभिनव पहल शुरू की है। मुख्यमंत्री के मंशानुरूप 45 युवाओं की टीम को छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के सहयोग से भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंध संस्थान (आईआईटीटीएम) ग्वालियर में टूरिस्ट गाइड के प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। युवाओं का यह दल वहां से एक माह का विशेष प्रशिक्षण हासिल कर छत्तीसगढ़ लौटा आया है। इन युवाओं को छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों में गाइड के तौर पर तैनात किया जाएगा।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल ने टूरिस्ट गाइड का सफल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य की प्राकृतिक सुन्दरता, यहां की हरी-भरी वादियां और मनोरम पर्यटन स्थल छत्तीसगढ़ को पर्यटन हब का स्वरूप देने में सक्षम हैं। पर्यटन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में असीम संभावनाएं विद्यमान है, इससे रोजगार और व्यवसाय के नये द्वार खुलेंगे। उन्होंने प्रशिक्षित युवाओं से अपील की कि वे छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों और सुविधाओं के बारे में पर्यटकों को विशेष रूप से बताएं, ताकि पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो। इससे राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा।यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा 7 वर्षों के अंतराल के बाद टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण का यह विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अधिकांश युवा बस्तर संभाग के रहने वाले हैं। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को पर्यटक मार्गदर्शन, संप्रेषण कौशल, सांस्कृतिक विरासत, पर्यटन प्रबंधन तथा फील्ड का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया, जिससे वे छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकें। प्रशिक्षित युवा छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक पर्यटन स्थलों का बेहतर प्रचार-प्रसार कर प्रदेश के पर्यटन उद्योग को ऊंचाइयों पर ले जाने में अहम रोल अदा करेंगे।
- -संयम, अनुशासन और सकारात्मक सोच के साथ जीवन में आगे बढ़े युवा: राज्यपाल श्री डेका-अनुशासन, नवाचार और अपनी संस्कृति से जुड़ाव - यही है सफल भविष्य की कुंजी: मुख्यमंत्रीरायपुर /अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह का आयोजन आज पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के मुख्य आतिथ्य में गरिमामय वातावरण में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल श्री रमेन डेका ने की। अति विशिष्ट अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, विशिष्ट अतिथि उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव तथा उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा शामिल हुए। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य डॉ. दिवाकर नाथ वाजपेयी उपस्थित रहे। समारोह में 64 शोद्यार्थियों को शोध उपाधि, 92 गोल्ड मेडल एवं 36950 स्नातक एवं स्नातकोत्तर उपाधि दी गई।विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने स्नातक छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ दीं और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने युवा पीढ़ी की ऊर्जा और आत्मविश्वास की सराहना करते हुए कहा कि भारत आज दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी है और वर्तमान युवा इसका ऐतिहासिक साक्षी और भागीदार हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से स्नातक होना शिक्षा की पूर्णता नहीं है, बल्कि इक्कीसवीं सदी में सफलता के लिए निरंतर सीखना, कौशल निखारना और आत्मविकास अनिवार्य है।पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि देश के विश्वविद्यालयों में बेटियाँ शिक्षा के क्षेत्र में कई बार बेटों से आगे निकल रही हैं और इस विश्वविद्यालय के स्वर्ण पदक विजेताओं में भी बेटियों की संख्या उल्लेखनीय है। उन्होंने विद्यार्थियों, विशेषकर पदक विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि उनकी यह उपलब्धि केवल उनकी मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि इसके पीछे माता-पिता का त्याग, परिवार का सहयोग और गुरुओं का अमूल्य मार्गदर्शन भी निहित है। यह हर विद्यार्थी के लिए एक सुनहरा यादगार पल है, जिसे वे जीवनभर याद रखेंगे। उन्होंने कहा कि-“कभी यह मत सोचिए कि आप पीछे रह गए हैं। यदि आप प्रयास करना नहीं छोड़ते, तो आप हमेशा पहले स्थान पर हो सकते हैं।” उन्होंने छात्रों से अपने सपनों को साकार करने के लिए परिश्रम करने, भारतीय संस्कृति, मूल्यों और जड़ों से जुड़े रहने और योग व विज्ञान जैसी भारतीय विरासत को अपनाने का आह्वान किया।राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि जीवन में अनेक चुनौतियाँ आती हैं, जिनमें कभी-कभी हम गिरते भी हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हर बार स्वयं को संभालकर फिर से खड़ा होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में गिरावट से भयभीत न हों और हमेशा उठने का साहस रखें। राज्यपाल ने अनुशासन को जीवन में सफलता की मजबूत नींव बताते हुए कहा कि जीवन एक सुंदर यात्रा है, और इसे उद्देश्यपूर्ण, सकारात्मक और सार्थक ढंग से जीना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है। मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर ध्यान आकर्षित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज तनाव एक बड़ी चुनौती बन चुका है। इसलिए योग, ध्यान और नियमित शारीरिक गतिविधि को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों से यह भी आग्रह किया कि वे जीवन में ऐसा कार्य चुनें जिसमें तनाव कम हो, पारदर्शिता हो और जिससे स्वयं, समाज और राष्ट्र का सकारात्मक परिवर्तन संभव हो।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि सफलता केवल डिग्री से नहीं, बल्कि सीखने की निरंतर इच्छा से तय होती है। दुनिया तेजी से बदल रही है, और जो युवा अपनी संस्कृति की जड़ों से जुड़े रहते हुए तकनीक, नवाचार और मेहनत का मार्ग चुनते हैं, वहीं कल का भारत गढ़ेंगे। जीवन में अवसर हमेशा बाहर नहीं मिलते, कई बार हमें स्वयं अवसर बनाना होता है। अनुशासन, लगन और सकारात्मक दृष्टि ही वह शक्ति है, जो हर साधारण क्षण को असाधारण उपलब्धि में बदल देती है। उन्होंने कहा कि मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि यह पीढ़ी छत्तीसगढ़ को और पूरे देश को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह समारोह केवल औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों के सपनों, संकल्पों और संघर्षों का उत्सव है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बहुविषयक अध्ययन, कौशल आधारित शिक्षण, चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट और आधुनिक पाठ्यचर्या जैसी व्यवस्थाओं को लागू करने की सराहना की, जिससे छात्र वैश्विक अवसरों का लाभ उठा सकें।मुख्यमंत्री ने कहा कि विवि में डिजिटलईजेशन के माध्यम से विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश प्रक्रिया, परीक्षा फॉर्म, ट्रांसक्रिप्ट और डिग्री प्रमाणपत्र जैसी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है। इस नई प्रणाली से छात्रों को सरल, पारदर्शी और त्वरित सेवाएँ मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि पीएम उषा कार्यक्रम के तहत वित्तीय सहायता नए प्रयोगशालाओं, स्मार्ट कक्षाओं, डिजिटल लाइब्रेरी और आधुनिक अकादमिक अवसंरचना के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी इससे विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और नवाचार को सुनिश्चित कर सकेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों को राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप कृषि विज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक संरचना, भाषा-साहित्य और तकनीकी नवाचार जैसे क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शोध को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह ने विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को ज्ञान, अनुशासन और प्रेरणा का एक उत्सव प्रदान किया और अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय की उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और नवाचार की प्रतिबद्धता को उजागर किया।उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के मार्गदर्शन में बने इस राज्य ने शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि दीक्षांत समारोह छात्रों के परिश्रम, संघर्ष और लगन का सम्मान है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है तथा 20 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिससे शैक्षणिक अधोसंरचना और अधिक मजबूत होगी। अतिथियों ने विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका कन्हार का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य डॉ. अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने दिया।कार्यक्रम में विधायक सर्वश्री श्री अमर अग्रवाल, धर्मजीत सिंह, धरमलाल कौशिक, सुशांत शुक्ला, अटल श्रीवास्तव, दिलीप लहरिया, क्रेडा के अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सवन्नी, महापौर श्रीमती पूजा विधानी, कुलसचिव डॉ. तारणीश गौतम सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।
- -एक एकड़ की खेती से हुई 05 लाख रुपये की आयरायपुर, / उद्यानिकी विभाग की ग्राफ्टेड बैंगन तकनीक ने बालोद के डौण्डी विकासखण्ड के वनांचल ग्राम अड़जाल के किसान श्री संतोष कुमार के जीवन में उल्लेखनीय बदलाव लाया है। विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से उन्होंने ग्राफ्टेड बैंगन की आधुनिक खेती अपनाई, जिसके परिणामस्वरूप मात्र 01 एकड़ भूमि से उन्हें 05 लाख रुपये तक की आय प्राप्त हो रही है।पहले किसान संतोष पारंपरिक खरीफ धान की खेती करते थे, जिससे उन्हें पर्याप्त लाभ नहीं मिल पाता था और भूमि भी कई बार खाली रह जाती थी। इसी दौरान उन्हें उद्यानिकी विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी मिली, जिनके तहत किसानों को अनुदान पर हाईब्रिड पौधे और बीज उपलब्ध कराए जाते हैं।संतोष कुमार ने धान के स्थान पर ग्राफ्टेड बैंगन की खेती करने का निर्णय लिया और अपने एक एकड़ खेत में कुल 30 हजार पौधे रोपे। उत्पादन शुरू होते ही न केवल उनके घर में ताज़ा सब्जियों की उपलब्धता बढ़ी, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होने लगी।उन्होंने बताया कि अब तक वे लगभग 250 क्विंटल बैंगन का उत्पादन कर चुके हैं। वर्तमान बाजार मूल्य 20 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम के अनुसार उनकी एक एकड़ की ग्राफ्टेड बैंगन खेती से लगभग 05 लाख रुपये तक का लाभ प्राप्त हुआ है।किसान संतोष कुमार का कहना है कि उद्यानिकी विभाग की योजना का लाभ उठाकर वे आज अधिक आय अर्जित कर रहे हैं और अपने परिवार की आर्थिक कमजोरी को दूर कर रहे हैं।
- बिलासपुर/पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय चकरभाठा स्थित बिलासा देवी एयरपोर्ट पहुंचे। अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे।विमानतल पर बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक,कुलपति श्री एडीएन बाजपेई, संभागआयुक्त सुनील जैन, आईजी संजीव शुक्ला, कलेक्टर संजय अग्रवाल, एसपी रजनेश सिंह ने आत्मीय स्वागत किया।
- खरीफ 2025-26 में अब तक 42 प्रकरण दर्ज, कुल 1537 क्विंटल धान जब्तपराग ट्रेडर्स राईस मिल कुर्रा पर कार्रवाई कर 508 क्विंटल धान जब्तरायपुर/ कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के निर्देशानुसार खरीफ वर्ष 2025-26 में अवैध धान परिवहन एवं भंडारण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए लगातार सघन कार्रवाई की जा रही है। यह कार्रवाई खाद्य विभाग, राजस्व विभाग तथा मंडी समिति के संयुक्त टीम द्वारा 13 नवंबर से 1 दिसंबर में बीच की गई है। संयुक्त निरीक्षण दल ने रायपुर जिले में औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान रायपुर टूरई कचरा मिल में रखे गए स्टॉक की गहन जांच की गई। दी गई जानकारी के अनुसार खरीफ सीजन 2025-26 में अब तक 42 प्रकरण दर्ज किए गए। 1537.60 क्विंटल धान जब्त किए गए।13 नवम्बर से 1 दिसम्बर 2025 के बीच विभिन्न मंडी क्षेत्रों में संयुक्त टीमों द्वारा विशेष जांच अभियान चलाया गया। रायपुर मंडी क्षेत्र में कुल 12 प्रकरण के साथ सारागांव, सिलयारी, तर्रा, पथरी, मोहंदी, पावनी सहित अन्य स्थानों से 472 क्विंटल, नवापारा मंडी क्षेत्र से 10 प्रकरण के साथ तर्री, चंपारण, सेमरा टीला, पोड़, नवापारा, तामासिवनी क्षेत्रों से 167.40 क्विंटल जब्त की गई तथा कुर्रा पराग ट्रेडर्स राईस मिल से 508 क्विंटल जब्त किए गए। साथ मामलों में धारा 19 के तहत प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इसी तरह आरंग मंडी क्षेत्र में 3 प्रकरण के साथ आरंग तथा गुल्लू से 56.80 क्विंटल जब्त किया गया। रसाथ ही नेवरा मंडी क्षेत्र से 14 प्रकरण दर्ज करते हुए कोटा, शरारीडीह, नेवरा, खरोरा, तुलसी, परसदा आदि क्षेत्रों से 298.40 क्विंटल एवं अभनपुर मंडी क्षेत्र से 2 प्रकरण दर्ज करते हुए अभनपुर एवं चंडी क्षेत्र से 35 क्विंटल जब्त किया गया। सभी कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है।
- रायपुर/ नगर पालिक निगम रायपुर के संस्कृति विभाग के तत्वावधान में संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ भीम राव अम्बेडकर की पुण्यतिथि दिनांक 6 दिसम्बर 2025 को प्रातः 11 बजे कलेक्टोरेट परिसर के सामने स्थित उनके प्रतिमा स्थल के समक्ष उनका सादर नमन करने रायपुर नगर पालिक निगम के जोन क्रमांक 4 के सहयोग से पुष्पांजलि कार्यक्रम रखा गया है।
- कलेक्टर के निर्देश पर शेष किसानों से समिति में उपस्थित होकर रकबा संशोधन कराने की अपीलगरियाबंद/ जिला प्रशासन ने खरीफ विपणन वर्ष में धान खरीदी को सुचारु, पारदर्शी एवं सुगम बनाने के उद्देश्य से आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कलेक्टर भगवान सिंह उइके के निर्देश पर ऐसे सभी किसान, जिनका धान खरीदी हेतु रकबा (भूमि क्षेत्रफल) अब तक संशोधित नहीं हो पाया है, वह तत्काल संबंधित प्राथमिक कृषि साख समिति में उपस्थित होकर अपना रकबा संशोधन अनिवार्य रूप से करा लें। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि रकबा संशोधन समय-सीमा के भीतर नहीं होने की स्थिति में किसानों को धान विक्रय के दौरान तकनीकी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे खरीदी प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। अतः किसानों के हित में यह आवश्यक है कि वे अपने खसरा, फसल बोआई विवरण, पट्टा/स्वामित्व दस्तावेज, भुइंया/पटवारी अभिलेख सहित अन्य आवश्यक कागजात लेकर समिति कार्यालय में संपर्क करें और अद्यतन प्रविष्टि सुनिश्चित कराएं। प्रशासन ने बताया कि रकबा संशोधन से वास्तविक बोए गए रकबे के अनुसार ही धान खरीदी होगी, जिससे अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा और पात्र किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा सकेगा। समिति प्रबंधन एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे किसानों को आवश्यक मार्गदर्शन दें और संशोधन कार्य को प्राथमिकता के साथ पूरा करें। जिला प्रशासन ने सभी किसानों से अपील की है कि वे अंतिम तिथि का इंतजार किए बिना शीघ्र रकबा संशोधन करा लें, ताकि धान खरीदी के दौरान किसी प्रकार की परेशानी न हो और शासन की नीतियों के अनुरूप लाभ निर्बाध रूप से प्राप्त हो सके।
























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