- Home
- छत्तीसगढ़
- -अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन के लिए दी शुभकामनाएंबालोद। कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा से 26 मई को संयुक्त जिला कार्यालय स्थित अपने कक्ष में बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासाखण्ड के ग्राम कोबा निवासी अंतर्राष्ट्रीय मार्शल आर्ट खिलाड़ी कुमारी दीप्ती साहू ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कुमारी दीप्ती साहू को रूस में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बधाई दी। श्री शर्मा ने कुमारी दीप्ती साहू को रूस में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर अपने देश, छत्तीसगढ़ एवं बालोद जिले का नाम रौशन करने के लिए शुभकामनाएं दी। उल्लेखनीय है कुमारी दीप्ती साहू माप्सा गोवा एवं नेपाल के काठमांडू में आयोजित मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में शामिल होकर दो बार गोल्ड मेडल भी हासिल कर चुकीं है।
- -मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की एक अपील पर गाँव में आ गई दुग्ध क्रांति-कोंडागांव का छोटा सा गांव हुआ दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर-इतना दुग्ध का उत्पादन कि दूसरे गांवों को भी हो रही आपूर्ति-आदिवासी अंचलों में गौठान बन रहे दुग्ध क्रांति के केन्द्ररायपुर, 28 मई 2023/ ग्राम पंचायत बोलबोला की कहानी की शुरूआत 29 अप्रैल 2022 से होती है। विश्व पशु चिकित्सा दिवस का अवसर था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस दिन पशु चिकित्सकों को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ को दुग्ध उत्पादन-व्यवसाय में अग्रणी बनाने का आव्हान किया था। इससे प्रेरित होकर कोंडागांव जिला प्रशासन ने उन गाँवों के लिए रणनीति बनाई, जहां दुग्ध उत्पादन नहीं होता था। जिले के बोलबोला ग्राम पंचायत में सामूहिकता, लगन और प्रशासन के सहयोग से ऐसा परिवर्तन आया कि जहां कोई दूधारू पशु था ही नहीं अब वहां दुग्ध का भरपूर उत्पादन हो रहा है, बल्कि जिला मुख्यालय और आस पास के गांवों को आपूर्ति की जा रही है। ग्राम बोलबोला अब मिल्क रूट से जुड़ने वाला है। एक ऐसे गाँव के लिए जहाँ एक भी दुधारू पशु नहीं था, अब आजीविका के लिए सबसे बड़े साधन के रूप में पशुपालन का बदलता जाना वहां के लिए क्रांति से कम नहीं है।इस बदलाव के पीछे छत्तीसगढ़ शासन की सुराजी गांव योजना के तहत बनाया गया गौठान की महती भूमिका है। आदिवासी बहुल कोण्डागांव जिले में दुग्ध उत्पादन की कमी को देखते हुए जुलाई 2022 शासन ने हमर गरूवा हमर गौठान कार्यक्रम चलाया गया। पहले चरण में कोण्डागांव के नजदीक बोलबोला ग्राम पंचायत को चुना गया। कोण्डागांव जिले में मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से गाय खरीदने के लिए राशि दी गई।पशुपालन विभाग के अधिकारी डॉ. नीता मिश्रा बताती हैं कि राज्य में की गई 19वीं पशु संगणना में बोलबाला ग्राम पंचायत में दूधारू गाय नहीं थी। लेकिन गांव में गौठान बनने से लोग गौपालन के लिए आगे आए और यहां पशुपालन विभाग द्वारा गौठानों में महिला समूह को गौपालन के लिए प्रशिक्षण दिया गया। यहां पर गौठान से जुड़ी महिला समूहों को गौ-पालन के लिए तैयार किया गया। इसके बाद उन्हें प्रशिक्षण और ऋण अनुदान सहित गौठनों में चारा पानी और टीकाकरण सहित कई सुविधाएं उपलब्ध करायी गई।इन महिला समूहों के साथ उनके परिवार के पुरूष सदस्य तथा गांव के अन्य ग्रामीण भी गौपालन करने और सहयोग करने के लिए आगे आए। इसके साथ ही गाय खरीदने और दुग्ध चिंलिंग प्लांट लगाने के लिए हितग्राहियों को ऋण अनुदान दिया गया। जिला प्रशासन द्वारा पशुपालन के लिए डीएमएफ और मनरेगा से शेड तैयार कराया गया। समूह के सदस्य तथा अन्य ग्रामीणों को दुग्ध चिलिंग प्लांट के संचालन के लिए ओडिशा में प्रशिक्षण भी दिया गया।तमाम प्रक्रियाओं के बाद समूह के लोगों द्वारा डेयरी व्यवसाय का कार्य शुरू किया गया। बोलबाला गौठान के सामुदायिक डेयरी में हितग्राहियों ने दूधारू पशु रखे और दूध उत्पादन शुरू किया। इस समय हितग्राहियों के पास 32 दूधारू पशु हैं जिनसे प्रतिदिन 300 लीटर दुग्ध का उत्पादन हो रहा है। दूधारू पशु खरीदने के लिए 16 पशुपालकों को आदिवासी परियोजना, राज्य डेयरी उद्यमिता योजना से सहायता उपलब्ध करायी गई है। पशुओं को हरे चारे की व्यवस्था के लिए गौठान में नेपियर घांस की खेती की जा रही है, जिससे पशुओं को हरे चारे की उपलब्धता हर समय बनी रहे।दुग्ध की बिक्री से प्रतिदिन करीब 13 हजार रूपए की हो रही आयअब बोलबोला ग्राम पंचायत गांव में दुग्ध की कमी नहीं है बल्कि यहां से अब कोण्डागांव और आस-पास के गांवों में दुग्ध विक्रय के लिए जाने लगा है। दुग्ध की बिक्री से प्रतिदिन गौठान से जुड़े समूह को करीब 13 हजार रूपए मिल रहे हैं। गौठान में प्रतिदिन 640 किलो गोबर की भी बिक्री की जा रही है। गोबर से 1280 रूपए की अतिरिक्त आमदनी मिल रही है। गौमूत्र से कीटनाशक बनाने के लिए जल्द काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। बोलबोला गांव की सफलता से प्रेरित होकर छोटे बंजोड़ा ग्राम पंचायत में भी दुग्ध उत्पादन की ओर अग्रसर होने जा रहे हैं।घर में दूध वाली चाय पी रहे हैं, बच्चों भी दूध पिला रहे हैं - श्रीमती कोयली मंडावीग्राम जरे बेंदरी पंचायत बोलबाला के नई रोशनी महिला स्व-सहायता समूह की सचिव श्रीमती कोयली मंडावी बताती हैं कि पहले हमारे यहां दुग्ध उत्पादन नहीं होता था अब दुग्ध उत्पादन हो रहा है। उसे घर-घर जाकर 50 रूपए प्रति लीटर बेच रहे हैं। जो दुग्ध बचता है उसका पनीर बनाकर भी बेच रहे हैं। यहीं नहीं पहले हम बिना दुग्ध वाली लाल चाय पीते थे। अब दुग्ध वाली चाय पी रहे हैं और बच्चों को भी दुग्ध पिला रहे हैं।गांव की आर्थिक स्थिति में आया सुधार - सरपंच श्री पोयामसरपंच श्री रत्नूराम पोयाम ने बताया कि गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति तो बढ़िया हुई ही है। गांव के बच्चों के स्वास्थ्य में भी सुधार आया है। इसके साथ ही यहां के लोगों का दुग्ध का उपभोग भी बढ़ा है। पशुपालक पिलसाय और केशूराम मरकाम बताते हैं कि हमारे गांव के लिए हर तरह से सुखद बदलाव आ रहे हैं। समूह की महिलाओं के पास पैसा आया है। मिल्क रूट से जुड़ने की संभावनाओं के चलते आर्थिक आय और भी बढ़ेगी। गांव में हम लोग नैपियर घास आदि भी लगा रहे हैं जिससे हमारी गायों का दुग्ध उत्पादन भी काफी बढ़ा है। सरकार की योजनाओं से हमारे गांव को नई दिशा मिली है।गौरतलब है कि नई रोशनी स्वसहायता समूह के सदस्यों ने मिलकर फार्मर इंट्रेस्ट ग्रुप बनाया है और समिति का नाम है मावा बोलबोला कोंडानार डेयरी प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति बनाई है। कोण्डागांव जिला प्रशासन ने जिले के गौठानों को दुग्ध क्रांति केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए योजना बनायी जा रही है। गौठनों को मिल्क रूट से जोड़ने के साथ ही दुग्ध उत्पादकों की सहकारी समिति बनाने की योजना पर भी काम शुरू कर दिया गया है। बोलबोला ग्राम में चिलिंग प्लांट प्रारंभ करने की तैयारी है। साथ ही दूध की बिक्री के लिए जिला मुख्यालय में आउटलेट खोलने की योजना है।
-
रायपुर/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने दिल्ली तथा उत्तरप्रदेश प्रवास के उपरांत 28 मई की शाम 4:00 बजे रायपुर पहुंचेंगे।
- रायपुर, /छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना पशुपालकों, महिलाओं, किसानों और आमजनों के लिए तरक्की के रास्ते खोल रही है। गौठान में आयमूलक गतिविधियों से जुड़़ने से स्थानीय स्तर महिलाओं को रोजगार मिल रहा है और उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है। अपने और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में उनकी भागीदारी बढ़ी है। वास्तव में इस योजना ने महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाया है।जिले के मोहला विकासखंड के रानाटोला गौठान में मां ममता स्वसहायता समूह की महिलाएं गौठान में गोबर से वर्मी खाद बनाने का काम कर रही है। अब तक महिला समूह को वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का विक्रय कर 2 लाख रूपए का लाभ मिल चुका है। मां ममता स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती तारामती ने बताया कि पहले गांव में कृषि कार्य या मजदूरी करते थे। जब से हमारे गांव में गौठान बना है, हम गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक स्वसहायता समूह की महिलाओं ने 973.30 क्विंटल वर्मी खाद तैयार किया है, जिसमें से 959 क्ंिवटल खाद का विक्रय कर चुके है। तारामती ने आगे बताया कि गौठान में केंचुआ भी तैयार कर विक्रय किया जा रहा है। खाद बेच कर कमाए पैसों से तारामती ने अपने लिए चांदी की पायल और करधन खरीदी है।समूह से जुड़ी अन्य महिलाओं ने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट बेचकर प्राप्त आय से वे अब परिवार के घर खर्च में भागीदारी देती है तथा अपना और बच्चों की जरूरतों को भी पूरा कर रही हैं। सभी ने अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से किसी ने मोबाईल फोन, तो किसी ने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए पैसे खर्च किये हैं।
-
रायपुर । पं.ज.ने. स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में आज 27 मई को देश के प्रथम प्रधानमंत्री भारत रत्न पण्डित जवाहर लाल नेहरू के पुण्यतिथि के अवसर पर महाविद्यालय भवन के प्रवेश स्थान पर स्थापित उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पण कर उसका पुण्य स्मरण किया गया। 60 वर्ष पूर्व 9 सितंबर 1963 को स्थापित छत्तीसगढ़ प्रदेश के सबसे पुराने और सबसे बड़े चिकित्सा महाविद्यालय का नामकरण पण्डित नेहरू की पुण्य स्मृति में किया गया है।
इस अवसर पर महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. तृप्ति नागरिया, डॉ. अरविन्द नेरल, डॉ. आर.के.सिंह, डॉ. निर्मल वर्मा, डॉ. निधि पांडे, डॉ. पी. के. खोडियार, डॉ. जागृति अग्रवाल, डॉ. उषा जोशी, डॉ. चन्द्रकला जोशी, डॉ. वर्षा पांडे, डॉ. दिवाकर धुरंधर, डॉ. पीयूष भार्गव और अन्य चिकित्सा शिक्षक व कर्मचारी गण उपस्थित थे। - बिलासपुर /कोटा ब्लॉक के करगीकला गोठान में संचालित रीपा में कामन सर्विस सेन्टर (डिजिटल सेवा) का शुभारंभ किया गया । इस सुविधा के शुरु होने से ग्रामीणों को काफी सहूलियत हो रही है। शुभारंभ के पहले ही दिन 128 हितग्राहियों ने इसका लाभ उठाया। इनमें 30 हितग्राहियों ने आयुष्मान कार्ड, 45 हितग्राहियों ने आधार सीडिंग एवं 53 हितग्राहियों ने पैसा निकासी का कार्य करवाया। शुभारंभ अवसर पर ग्रामीणों को बताया गया कि कॉमन सर्विस सेंटर की शुरुआत होने से सबको इसका लाभ मिलेगा। शासन की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधा का लाभ अब सीएससी के माध्यम से आसान हो जायेगा।
- -अब तक 13 हजार लीटर गोमूत्र की खरीदी-महिलाओं ने गोठानो में 12 हजार लीटर से ज्यादा बनाया गोमूत्र कीटनाशक-योजना से मिला आजीविका का नया जरियाबिलासपुर /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में कृषि की लागत को कम करने, विष रहित खाद्यान्न के उत्पादन तथा जैविक खेती को बढ़ावा देने की लगातार सार्थक पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर गोठानों में गोमूत्र की खरीदी 4 रूपए प्रति लीटर की दर से की जा रही है। रासायनिक कीटनाशकों का खेती में कम उपयोग करने के उद्देश्य से गोमूत्र खरीदी की प्रभावी योजना शुरू की गई है। इस योजना से लोगों को आजीविका का जरिया मिल गया है। जिले के दो गोठानों शिवतराई एवं पौंसरी में चार रूपये प्रति लीटर की दर से लगभग 13 हजार लीटर गौमूत्र खरीदी कर 7226 लीटर वृद्धिवर्धक एवं 5183 लीटर कीट नियंत्रक निर्माण किया गया, जिसे विक्रय कर 4 लाख 24 हजार 100 रुपए की आमदनी इन गोठानों को हुई है।गोमूत्र कीटनाशक बाजार में मिलने वाले पेस्टीसाइड का बेहतर और सस्ता विकल्प है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक है। विकासखण्ड कोटा के शिवतराई गोठान में मां महामाया स्व सहायता समूह की गोमूत्र से जीवामृत वृद्धिवर्द्धक और ब्रम्हास्त्र कीटनाशक बना रही है। महिलाओं ने यहां जीवामृत एवं ब्रम्हास्त्र बनाया है। महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे वृद्धिवर्धक एवं कीट नियंत्रक फसलों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसी प्रकार विकासखण्ड बिल्हा के पौंसरी गोठान में श्रद्धा स्व सहायता समूह की महिलायें भी गोमूत्र से कीटनाशक बनाने में जुटी हुई है। समूह की महिलायें कहती है कि अभी तक हम केवल गोबर और उससे बने उत्पाद की बिक्री कर रहे थे, लेकिन अब गोमूत्र का उपयोग कर आय के नये स्त्रोत का सृजन हुआ है। जीवामृत के छिड़काव से पौधे में वृद्धि होगी। इसी प्रकार नीम, धतूरा, बेसरम, ऑक, तथा सीताफल और गोमूत्र के मिश्रण से ब्रम्हास्त्र बनाया गया है। इसका प्रयोग खेतों में कीटनाशक के रूप में किया जा रहा है।
- - समूह की अध्यक्ष ने प्राप्त राशि से 10 वीं कक्षा में पढ़ रहे अपने बेटे के पढ़ाई के लिए खरीदा मोबाईल फोनदुर्ग / पुरई गौठान में जन जागृति आत्मा समूह की दीदियों के द्वारा वृहद स्तर पर मशरूम का उत्पादन विगत 2 वर्षों से किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत अब तक उन्होंने 2 वर्षों में 10 क्विंटल मशरूम का उत्पादन गौठान में किया है। जिसके विक्रय से उन्हें 3 लाख की राशि प्राप्त हुई है। समूह के सदस्य श्रीमती संतोषी साहू द्वारा बताया गया कि उत्पादित मशरूम का विक्रय दीदियों के द्वारा ही विभिन्न मार्केट स्थल पर किया जाता है। इसके साथ ही समूह द्वारा ऐसे बडे़ होटलों से भी संपर्क किया जा रहा है जहां मशरूम की डिमांड है। समूह की अन्य सदस्य श्रीमती मधु राजपुत ने बताया कि क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी श्री अमित वर्मा के मार्गदर्शन में समूह की दीदियों ने मशरूम उत्पादन को लेकर प्रशिक्षण प्राप्त किया और प्रशिक्षण पश्चात् समूह के सभी 10 सदस्य सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं जिसके अंतर्गत वह मशरूम के अन्य उत्पाद जैसे अचार, बड़ी और मशरूम पाऊडर भी निर्मित कर रहे हैं।समूह की अध्यक्ष श्रीमती निर्मला साहू ने बताया कि उनका लड़का इस वर्ष कक्षा 10 वी में है। जिसके लिए उन्होंने मशरूम उत्पादन से प्राप्त आमदनी से एक मोबाईल खरीदा है, ताकि उनका बेटा मोबाईल के एजुकेशनल विडियो के माध्यम से बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम हासिल कर सके। उन्होंने गौठानों में संचालित की जाने वाली विभिन्न आजिविका गतिविधि के लिए राज्य शासन को आभार भी व्यक्त किया और कहा कि जिस तरह जन जागृति आत्मा समूह की दीदियां इससे आर्थिक दृष्टिकोण से आत्मनिर्भर बन रही हैं ठीक उसी तरह जिले के अन्य स्व सहायता समूह की दीदियां भी गौठानों के माध्यम से अपने पैरों पर सशक्त रूप से खड़ी हैं।
- -अपना मटेरियल-अपना प्रोडक्ट की थीम पर ओटगन गौठान में हो रहा रागी लड्डू का उत्पादन-साठ रुपए पैकेट लड्डू की स्थानीय मार्केट में भारी माँग, शुरुआत में ही दस हज़ार रुपए का फ़ायदारायपुर। ज़िले के तिल्दा विकासखंड के ओटगन गौठान अब अपना मटेरियल-अपना प्रोडक्ट की राह पर चल पड़ा है। इस गौठान में महिला स्व सहायता समूह की सदस्य गौठान की बाड़ी में उपजाई रागी से लड्डू बनाने का काम शुरू कर चुकी है । पहले ही ऑर्डर पर इन महिलाओं को लगभग दस हज़ार रुपए का फ़ायदा हुआ है। ओटगन गौठान के रागी के लड्डुओं की स्थानीय बाज़ार में ख़ासी माँग है। महिला समूह अपने इस स्पेशल प्रोडक्ट को साठ रुपये प्रति पैकेट के दाम पर स्थानीय बाज़ार में बेच रही है। ख़ास बात ये है कि कामधेनु स्व सहायता समूह की सदस्य लड्डू बनाने के लिए रागी बाज़ार से नहीं ख़रीदती। लड्डू बनाने के लिए रागी का उत्पादन गौठान से लगी बाड़ी में खेती कर हो रहा है।ओटगन ग्राम पंचायत की सचिव श्रीमती शकुंतला नारंग ने बताया कि ओटगन गौठान से लगी बाड़ी में एक एकड़ रकबे में महिला समूह की सदस्य रागी की खेती कर रही है।पिछले सीजन रागी के लड्डू बेचकर दस हज़ार रुपये के फ़ायदे ने महिलाओं की इस व्यवसाय को बढ़ाने की तरफ़ प्रेरित किया है । इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार के मिलेट मिशन ने कामधेनु समूह की आशाओं को नए पंख लगा दिए है।ओटगन गौठान में कई आय मूलक गतिविधियाँ की जा रही है । महिलाएँ गोबर के दिए बनाने से लेकर पापड़, साबुन, पंचगव्य से कीटनाशक ब्रह्मास्त्र तक बना रही है। मुर्गीपालन और बकरीपालन से भी इन महिलाओं को अच्छा लाभ हो रहा है।कामधेनु महिला स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती रेखा राजपूत ने बताया कि ओटगन गौठान जब से बना है तब से लगातार गोबर ख़रीदी हो रही है। महिलाओं ने दो लाख रुपए से अधिक की वर्मी कम्पोस्ट बेची है । सब्ज़ी उत्पादन से भी लगभग एक लाख रुपए की आय हुई है। श्रीमती राजपूत बताती है कि गौठान की गतिविधियों से महिलाओं को लगातार निश्चित समय अंतराल पर आय हो रही है । इस से उनका पारिवारिक स्तर तो बढ़ ही रहा है, अपने काम व्यवसाय को भी बढ़ाने की ललक भी बढ़ गई है। इस गौठान में मछलीपालन भी किया जा रहा है । पिछले सीजन में डेढ़ लाख रुपए की मछली भी समूह की महिलाओं ने बेची है। मिनी-रीपा के रूप में तेज़ी से विकसित हो रहे ओटगन गौठान ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सुनियोजित तरीक़े से आजीविका के साधन निर्मित किए है। इस से समूह की महिलाओं को अभी औसतन साढ़े पाँच हज़ार रुपए महीने की आय हो रही है।
- -महिला समूहों को 43.20 लाख रूपए की आमदनी-पौष्टिक साग-सब्जियों के उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण सुरक्षा भीरायपुर / राज्य शासन की विशेष प्राथमिकता वाले महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना के अंतर्गत गौठानों में शुरू की गई बाड़ी योजना अत्यंत लाभप्रद एवं बहुउपयोगी सिद्व हो रहा है। इस योजना के फलस्वरूप गौठानों में बारहमासी फल, फूल एवं सब्जियां लहलहा रही हैं। गौठानांे में बाड़ी योजना के अंतर्गत पौष्टिक साग- सब्जियों के उत्पादन के साथ साथ गौठानांे में उगाए गए पेड़-पौधे पर्यावरण के संरक्षण एवं संर्वधन के साथ-साथ यह योजना इस काम में लगे स्व-सहायता समूह की महिलाओं के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन गई है। बालोद जिले के महिला समूहों ने फल, फूल एवं सब्जियांे को बेचकर 43.20 लाख रूपए की आमदनी अर्जित की है।बालोद जिले के गुरूर विकासखण्ड के अरमरीकला गौठान में बाड़ी योजना के अंतर्गत 1.40 एकड़ जमीन पर बरबट्टी, बैगन, टमाटर, भिड़ी, प्याज एवं गोभी वर्गीय फसल के उत्पादन के साथ साथ अदरक ब्रीडर कंद से बीजोत्पादन का कार्य किया जा रहा है। इसकी जवाबदारी उज्ज्वला योजना स्व सहायता समूह की महिलाओं को दी गई है। जिसमें समूह की अध्यक्ष श्रीमती उषा बाई के अलावा 12 महिलाएं कार्यरत हैं। उद्यानिकी विभाग द्वारा आदान सामाग्री के रूप में 57 हजार 600 रूपये की राशि का 7.20 क्विंटल बीज अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया गया है। सब्जियों के उत्पादन में समूह द्वारा 60 हजार रूपये की लागत लगाकर 01 लाख 80 हजार रूपये की आमदनी बाजार में सब्जी बिक्री कर की गई है। इसके अलावा अदरक बीजोत्पादन योजना से 18 क्विंटल का उत्पादन किया गया जिससे एक लाख 40 हजार की आमदनी हुई।इसी तरह अरमरीकला के एकता स्वसहायता समूह एवं आत्मा स्वसहायता समूह द्वारा भी 2.40 एकड़ भूमि में सामुदायिक बाड़ी योजना से सब्जी की बिक्री कर 01 लाख 04 हजार रूपये का लाभ अर्जित किया गया है। वर्तमान में खरीफ 2023 में सब्जी लगाने की तैयारी की जा रही है। जिससे निर्धारित समय में सब्जी उत्पादन कर अधिक से अधिक लाभ अर्जित किया जा सकता है।138 महिला समूहों की 2308 महिलाएं कर रही है साग-सब्जियों की खेतीजिले के चयनित 185 गौठानांे में सामुदायिक बाड़ी निर्मित की गई है। जिसमें 138 महिला स्वसहायता समूह द्वारा सब्जी उत्पादन किया जा रहा है। इस प्रकार जिले में महात्वाकांक्षी योजनांतर्गत 2308 महिलाएं सब्जी उत्पादन के कार्य में लगी हैं। महिला स्वसहायता समूह को सुराजी ग्राम योजना के अंतर्गत भूमि एवं पानी की सुविधा तथा तकनीकी जानकारी के साथ साथ समय-समय पर आदान सामाग्री के रूप में बीज उपलब्ध कराया जाता है।बालोद जिले के गौठानों में संचालित सामुदायिक बाड़ी योजना के अंतर्गत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा फल-फूल एवं कंदवर्गीय उत्पादों के विक्रय से अब तक 43 लाख 20 हजार रूपए की आमदनी अर्जित की जा चुकी है। इस तरह से राज्य शासन की सामुदायिक बाड़ी कार्यक्रम पौष्टिक साग-सब्जियों एवं फलों की समुचित आपूर्ति के साथ-साथ ग्रामीणों को अतिरिक्त आय प्रदान कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने तथा स्वरोजगार प्रदान करने का अत्यंत कारगर माध्यम साबित हो रहा है। उज्जवला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती उषा बाई साहू ने राज्य शासन की सामुदायिक बाड़ी कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए छत्तीसगढ़ सरकार एवं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को हृदय से धन्यवाद दिया है।
- -गौठान में वर्मी कम्पोस्ट बनाकर हासिल किया अतिरिक्त आय का जरियारायपुर / प्रदेश सरकार की महती गोधन न्याय योजना आज ना केवल पशुपालकों को लाभान्वित कर रही है, बल्कि हर वर्ग को इससे कुछ ना कुछ फायदा मिल रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण है धमतरी शहर की स्वच्छता दीदी। धमतरी शहर की विभिन्न डेयरियों से गोबर एकत्रित कर पशुपालक स्थानीय दानीटोला वार्ड स्थित गौठान में बेचते हैं। इससे डेयरी संचालकों को तो उनके पशुओं के गोबर से आय तो मिलता ही है, साथ ही सुबह सात बजे से 10 बजे तक घर-घर कचरा कलेक्शन करने के बाद शहर की स्वच्छता दीदियों ने भी गौठान में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर आय का अतिरिक्त जरिया हासिल कर लिया है।गोधन न्याय योजना के तहत दानी टोला वार्ड स्थित गौठान में अब तक 49.30 लाख रूपये की 24 हजार 650 क्विटंल गोबर खरीदी की गई। वहीं 2 हजार 769 क्विटंल वर्मी खाद का उत्पादन कर महिलाओं द्वारा 2 हजार 243 क्विटंल वर्मी खाद का विक्रय किया गया। वर्मी निर्माण कार्य में लगीं स्वच्छता दीदी श्रीमती पूजा साहू, श्रीमती द्रोपति जांगड़े, श्रीमती आशा महिंलांग, श्रीमती सुलोचना बंजारे, श्रीमती ज्योति कॉलखोर, श्रीमती नीलम बंजारे खुश होकर कहतीं हैं कि कचरा कलेक्शन के बाद के समय का सदुपयोग कर वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहीं हैं। वाकई प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना शुरू कर हम महिलाओं की आर्थिक स्थिति को काफी मजबूत बनाने में मदद की है।
- -गौपालकों और चरवाहों के जीवन में आई खुशहालीरायपुर । गोधन न्याय योजना से गौपालकों और चरवाहों के जीवन में खुशहाली आई है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि गोबर को पैसा में खरीदा जाएगा और इसको बेचने से आमदनी भी होगी। लेकिन छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना से जिंदगी बदल गई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने जब से 02 रूपए प्रति किलो में गोबर की खरीदी प्रारंभ की तब से गोबर का मोल मिलने लगा है। अब यह आय का जरिया बन गया है, जिससे गौपालक और चरवाहे आमदनी पाकर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।ग्राम बिरकोना के चरवाहा श्री रामजी यादव ने बताया कि वे सुबह और शाम गाय चराने गौठान में आते है। उन्होंने कहा कि जब से गोधन न्याय योजना की शुरूआत हुई है, तब से दोहरा लाभ मिलने लगा है। एक ओर चराई का मेहताना मिल रहा है, दूसरी ओर गोबर बेचकर अच्छी-खासी आमदनी भी प्राप्त कर रहे है। उन्होंने बताया कि गोबर बेचकर 18 हजार रूपए की आमदनी प्राप्त हुई है। इसके लिए वे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते नहीं थकते।कवर्धा विकासखंड के ग्राम बिरकोना निवासी श्रीमती गायत्री यादव बताती हैं कि गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 40 हजार रूपए का गोबर विक्रय कर चुकी है। उन्होंने बताया कि शासन की गोधन न्याय योजना में गोबर बेचने से अतिरिक्त आय मिल रही है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि गोबर का मोल मिलेगा। लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने योजना के तहत गोबर खरीदकर गोबर के महत्व को और अधिक बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि गोबर बेचकर प्राप्त आमदनी से अपने परिवार के सदस्य के विवाह के लिए जरूरी समान की खरीदी की है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि शासन की इस योजना ने गाय के महत्व को बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि वे गोबर को 02 रूपए प्रतिकिलो के मूल्य से गौठान में विक्रय करती हैं। इसके बाद समूह की महिलाओं द्वारा वर्मी कम्पोस्ट बनाकर विक्रय किया जाता है।
- -एनीमिया दूर करने अलग-अलग आयु वर्ग के बच्चों, किशोर/किशोरियों, गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को नियमित रूप से प्रदान किया जा रहा है आईएफए सप्लीमेंटेशनरायपुर। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत बच्चों, किशोरों, गर्भवती तथा शिशुवती महिलाओं को आईएफए (आयरन एवं फॉलिक एसिड) सप्लीमेंटेशन उपलब्ध कराने में छत्तीसगढ़ देश में तीसरे स्थान पर है। पूरे देश में छत्तीसगढ़ से आगे केवल तेलंगाना और तमिलनाडू ही हैं। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत छह माह से 19 वर्ष तक के बच्चों, किशोर/किशोरियों तथा गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को आईएफए की खुराक दी जाती है। मितानिनों द्वारा छोटे बच्चों को आयरन एवं फॉलिक एसिड सिरप, स्कूलों में शिक्षकों के माध्यम से एवं आंगनवाड़ी केंद्रों में शाला त्यागी किशोरियों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से आईएएफ प्रदान किया जा रहा है तथा गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को नियमित प्रसव पूर्व जांच एवं अस्पतालों के माध्यम से आयरन एवं फॉलिक एसिड टेबलेट प्रदान किया जा रहा है।भारत सरकार द्वारा हर तिमाही एवं वार्षिक एनीमिया मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आईएफए सप्लीमेंटेशन का स्कोर कॉर्ड जारी किया जाता है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी वार्षिक एनीमिया मुक्त भारत स्कोर कार्ड में छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में आईएफए सप्लीमेंटेशन में तीसरे स्थान पर रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य एनीमिया मुक्त भारत अभियान में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा हैं आईएफए सपलिमन्टेंशन में राज्य वर्ष 2021-22 में आठवें स्थान में था जो वर्तमान में वर्ष 2022-23 में तीसरे स्थान में पहुंच गया हैं।एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. वी.आर. भगत ने बताया कि छत्तीसगढ़ एनीमिया दूर करने आईएफए सप्लीमेंटेशन में उत्तरप्रदेश, बिहार, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक जैसे कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुए लगातार तीसरे स्थान पर काबिज़ है। प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में इस अभियान में खासी तेजी आई है।भारत सरकार द्वारा वर्तमान में वर्ष 2022-23 हेतु राज्यवार आईएफए सप्लीमेंटेशन के जारी आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में छह माह से 59 माह के 78.5 प्रतिशत बच्चों को और पांच वर्ष से नौ वर्ष के 83.6 प्रतिशत बच्चों को आईएफए सप्लीमेंटेशन दिया गया है। प्रदेश में इस दौरान दस वर्ष से 19 वर्ष के 86.4 प्रतिशत बच्चों व किशोरों, 95 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं तथा 74.4 प्रतिशत शिशुवती महिलाओं (Lactating Mothers) को आईएफए सप्लीमेंटेशन की खुराक दी गई है। इन सभी समूहों को मिलाकर छत्तीसगढ़ में आईएफए सप्लीमेंटेशन का ओवरऑल स्कोर 83.6 प्रतिशत है।
- -रीपा अमलीडीह के आजीविका वर्कशेड में उद्यमियों को मिला अच्छा कार्यस्थल-समूह की महिलाओं को वर्मी कम्पोस्ट एवं केंचुआ संवर्धन की बिक्री से हुई 10 लाख की आमदनी-शिवराज ने सोफा एवं दीवान की बिक्री से कमाए 25 हजार रूपए-आरूग जैविक कीटरोधक नीमास्त्र एवं आरूग जैविक टॉनिक द्रव्य जीवमृत का निर्माण कर रही समूह की महिलाएं-मुर्गीपालन, बकरी पालन, मशरूम उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी एवं पशुपालन जैसी गतिविधियां संचालित हैं रीपा मेंरायपुर । ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए एवं सस्टेनेबल मॉडल की संकल्पना साकार हो रही है, रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में। रीपा के एक नवाचार से कैसे लोगों की जिंदगी बदलती है और खुशहाली के रास्ते खुलते हैं। इसकी एक बानगी ग्राम अमलीडीह के रीपा गौठान में देखने को मिली, जहां रीपा की अधोसंरचना अंतर्गत विभिन्न वर्क शेड बनाये गये हैं और वहां विभिन्न समूहों, उद्यमियों को कार्य करने के लिए एक अच्छा स्थान उपलब्ध कराया गया है। रीपा के प्रोडक्ट सी-मार्ट में भी उपलब्ध रहेंगे। जिससे उद्यमियों के उत्पाद को मार्केट उपलब्ध हो रहा है, जनसामान्य की उम्मीदें पूरी हो रही हैं और तरक्की के नये रास्ते खुल रहे हैं। ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में शासन की यह योजना प्रभावी है। रीपा गौठान अमलीडीह की श्रीमती लक्ष्मी वैष्णव ने बताया कि जय माँ गायत्री स्वसहायता समूह में सहभागिता से सभी महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कर रही हैं और साथ ही आरूग जैविक कीटरोधक नीमास्त्र एवं आरूग जैविक टॉनिक द्रव्य जीवमृत का निर्माण कर रहे हैं। अब तक गौठान में 4 लाख 94 हजार 36 क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है। जिससे 1 लाख 88 हजार 380 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण हुआ है। वर्मी कम्पोट की बिक्री से लाभांश राशि 8 लाख रूपए तथा केंचुआ संवर्धन एवं बिक्री से 2 लाख रूपए प्राप्त हुए हैं। इतना अच्छा कार्य मिलने पर महिलाओं ने शासन को धन्यवाद दिया है।जय गंगा मैया स्वसहायता समूह की श्रीमती पूर्णिमा साहू ने बताया कि रीपा में कैरी बैग निर्माण की मशीन दी गई है और हमने कैरी बैग बनाना शुरू कर दिये हैं। हमें उम्मीद है कि इससे हमारी आय बढ़ेगी और हमारा घर-परिवार अच्छे से चलेगा। रीपा के कारपेंटर वर्क शॉप में कार्य कर रहे श्री शिवराज साहू ने बताया कि उन्हें अब तक सोफा एवं दीवान की बिक्री से 25000 रूपए की आय हुई है। उन्हें फर्नीचर बनाने के लिए लगातार ऑर्डर मिल रहा है। रीपा में समूह की महिलाओं को पंचगव्य साबुन, एवं गौ फिनाइल बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। यहां गौठान में साहीवाल, राखी एवं जर्सी गाय का पशुपालन भी किया जा रहा है। इसके अंतर्गत डेयरी उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्कशेड में मुर्गीपालन, बकरी पालन, मशरूम उत्पादन जैसी गतिविधियों भी संचालित हैं। सामुदायिक बाड़ी में पत्तागोभी, केला, बरबट्टी, कांदाभाजी, भाटा, भिण्डी की सब्जी से भी आमदनी हो रही है।
- -संस्कृति मंत्री ने किया राज्य स्तरीय रामायण प्रतियोगिता का शुभारंभरायपुर /संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने आज यहां राजधानी रायपुर स्थित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय रामायण प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। मंत्री श्री भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित पूरी दुनिया में रामायण का मंचन वा मानस गान के जरिए आराध्य देव की पूजा अर्चना की जाती है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति में रामायण मानस मंडली महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर है।मंत्री श्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार रामायण मानस मंडली के जरिए प्रदेश में भगवान राम के आदर्शों और उनके जीवन मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अपने काम, अपनी संस्कृति अपनी बोली- भाषा अपने प्रदेश पर अभिमान हो, यह गर्व की बात है। छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल है, राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर भगवान श्री राम के द्वारा वनवास काल के दौरान छत्तीसगढ़ में की गई यात्रा से जुड़े स्थलों को संजोने के लिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ योजना शुरू की है। योजना के तहत सीतामढ़ी हर-चौका से लेकर दंडकारण्य के अनेक स्थलों को चिन्हित कर उनको विकसित किया जा रहा है।मंत्री श्री भगत ने कहा कि भगवान श्री राम मानव अवतार के रूप में अनेक कष्ट सहे हैं, उनके जीवन का एक-एक पल हमारे लिए अनुकरणीय है। भगवान श्रीराम ने साधारण मनुष्य के रूप में भी मर्यादाओं का पूर्णतः पालन किया। इसीलिए भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है।कार्यक्रम को गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत रामसुंदर दास ने संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जनता की सेवा के साथ-साथ सनातन धर्म और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का काम कर रहे हैं। रामायण मंडलियोें को आज राष्ट्रीय स्तर पर मंच मिल रहा है। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस दुर्लभ ग्रंथ है जो हमारे जीवन को स्पर्श करता है, वह जन-जन तक पहुंचे, यह हमारा कर्तव्य है।संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय ने कहा कि इस पवित्र आयोजन के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देता हूं। ऐसे आयोजन से एक दूसरे की संस्कृति को समझने-जानने का अवसर हमें मिलता है। संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य ने बताया कि रामायण मंडली प्रतियोगिता का आयोजन विगत 3 वर्षों से किया जा रहा ह,ै यह तीसरा आयोजन है। इस वर्ष यह आयोजन राष्ट्रीय स्वरूप में किया जा रहा है। पहले साल शिवरीनारायण, दूसरे साल राजिम और इस वर्ष रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। रायगढ़ में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय रामायण प्रतियोगिता में मानस मंचन के साथ-साथ झांकियां भी प्रस्तुत की जाएगी। इसके अलावा विदेशी रामायण मंडली के कलाकारों का मंचन भी महोत्सव का आकर्षण रहेगा।उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने रामायण मंडली के सदस्यों को आर्थिक रूप से सशक्त करने अनुदान का भी प्रावधान किया है। अब तक मानस मंडलियों को ढाई करोड रुपए का अनुदान दिया जा चुका है। इस अवसर पर जीव जंतु एवं पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री आलोक चंद्राकर एमआईसी मेंबर श्री सुंदर जोगी सहित निर्णायक गण और विभिन्न जिलों के मानस मंडली के कलाकार उपस्थित थे।
-
सिपेट द्वारा एसटी, एससी और ओबीसी युवाओं को प्रशिक्षण के साथ छात्रवृत्ति और 100 प्रतिशत रोजगार भी
सारंगढ़ बिलाईगढ़ । केन्द्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय भारत सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 अंतर्गत विभिन्न कोर्सों में एडमिशन प्रवेश परीक्षा (सिपेट एडमिशन टेस्ट 2023) के लिए 28 मई 2023 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया है। पूरे देश में सिपेट की प्रवेश परीक्षा 11 जून 2023 को होगी। अगस्त 2023 के पहले सप्ताह में पाठ्यक्रमों में प्रवेश होगी। सिपेट द्वारा एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग के आवेदकों को प्रशिक्षण के साथ छात्रवृत्ति और 100 प्रतिशत रोजगार मुहैया कराया जाता है।
सिपेट में दसवीं, बारहवीं और स्नातक उत्तीर्ण के लिए डिप्लोमा, पोस्ट डिप्लोमा ओर स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शामिल है। दसवी उत्तीर्ण के लिए 3 वर्षीय कोर्स डिप्लोमा इन प्लास्टिक मोल्ड टेक्नोलॉजी (डीपीएमटी) और डिप्लोमा इन प्लास्टिक टेक्नोलॉजी (डीपीटी) है। विज्ञान में 3 वर्ष की डिग्री (बीएससी) उत्तीर्ण के लिए 2 वर्षीय कोर्स पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्लास्टिक प्रोसेसिंग एंड टेस्टिंग (पीजीडी-पीपीटी) है। उपरोक्त सभी कोर्सों के लिए कोई आयु सीमा नहीं है। उपरोक्त सभी पाठ्यक्रम एआईसीटीई नईदिल्ली द्वारा मान्यता प्राप्त है। सिपेट की वेबसाईट सिपेट डॉट जीओव्ही डॉट इन है। छत्तीसगढ़ में सिपेट-आईपीटी रायपुर और सिपेट-सीएसटीएस कोरबा संस्थान है। विस्तृत जानकारी के लिए रायपुर के मो.नं.- +91-9158232253, +91-9301066759, +91-8827671703, +91-7000894929 और कोरबा के मो. नं. +91-8966000083, +91-8878607667, +91-9399227305, +91-9422802207 से संपर्क कर सकते हैं। -
सारंगढ़-बिलाईगढ़। कलेक्टर डॉ फरिहा आलम सिद्दीकी ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में मनरेगा, पीएमआवास योजना (ग्रामीण) और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक ली। कलेक्टर ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)अंतर्गत छत के निर्माण एवं हितग्राहियों को भुगतान की जाने वाली राशि के संबंध में डाटा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने वृक्षारोपण नर्सरी एवं नदी तट संरक्षण महाअभियान के कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने गौठानों के समीप स्थित तालाब जिनमें मछली पालन का कार्य लिया जा रहा है, उन तालाबों की संख्या एवं कार्य के संबंध में संबंधित विभागीय पदाधिकारियों से जानकारी ली। कलेक्टर डाॅ सिद्दकी ने प्रोजेक्ट उन्नति के तहत प्रशिक्षण प्राप्त हितग्राहियों की संख्या, आधार प्रविष्टि, एरिया ऑफिसर एप्प में आफिसर्स के निरीक्षण के आंकड़े, वन अधिकार पत्रधारियों के जमीन पर कार्य उपलब्ध कराए जाने की जानकारी, अपूर्ण आवासों की संख्या, स्वीकृत आवास के विरुद्ध आधार सीडिंग, रेट्रोफिटिंग अंतर्गत टायलेट निर्माण की प्रगति रिपोर्ट, व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामाजिक शौचालय निर्माण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सेग्रिगेशन शेड की स्वीकृति की स्थिति, बायोगैस संबंधी कार्य, ओडीएफ-प्लस, स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) योजना के कार्यों की बिन्दुवार समीक्षा की एवं आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर नोडल अधिकारी (पंचायत) हरिशंकर चौहान, जिले के तीनो जनपद सीईओ एवं परियोजना अधिकारी, कार्यक्रम प्रबंधक, सभी एसडीओ एवं अन्य विभागीय अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
-
गौपालकों और चरवाहों के जीवन में आई खुशहाली
रायपुर । गौपालकों और चरवाहों के जीवन में आई खुशहालीगोधन न्याय योजना से गौपालकों और चरवाहों के जीवन में खुशहाली आई है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि गोबर को पैसा में खरीदा जाएगा और इसको बेचने से आमदनी भी होगी। लेकिन छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना से जिंदगी बदल गई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने जब से 02 रूपए प्रति किलो में गोबर की खरीदी प्रारंभ की तब से गोबर का मोल मिलने लगा है। अब यह आय का जरिया बन गया है, जिससे गौपालक और चरवाहे आमदनी पाकर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।
ग्राम बिरकोना के चरवाहा श्री रामजी यादव ने बताया कि वे सुबह और शाम गाय चराने गौठान में आते है। उन्होंने कहा कि जब से गोधन न्याय योजना की शुरूआत हुई है, तब से दोहरा लाभ मिलने लगा है। एक ओर चराई का मेहताना मिल रहा है, दूसरी ओर गोबर बेचकर अच्छी-खासी आमदनी भी प्राप्त कर रहे है। उन्होंने बताया कि गोबर बेचकर 18 हजार रूपए की आमदनी प्राप्त हुई है। इसके लिए वे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते नहीं थकते।
कवर्धा विकासखंड के ग्राम बिरकोना निवासी श्रीमती गायत्री यादव बताती हैं कि गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 40 हजार रूपए का गोबर विक्रय कर चुकी है। उन्होंने बताया कि शासन की गोधन न्याय योजना में गोबर बेचने से अतिरिक्त आय मिल रही है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि गोबर का मोल मिलेगा। लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने योजना के तहत गोबर खरीदकर गोबर के महत्व को और अधिक बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि गोबर बेचकर प्राप्त आमदनी से अपने परिवार के सदस्य के विवाह के लिए जरूरी समान की खरीदी की है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि शासन की इस योजना ने गाय के महत्व को बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि वे गोबर को 02 रूपए प्रतिकिलो के मूल्य से गौठान में विक्रय करती हैं। इसके बाद समूह की महिलाओं द्वारा वर्मी कम्पोस्ट बनाकर विक्रय किया जाता है। -
पौष्टिक साग-सब्जियों के उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण सुरक्षा भी
रायपुर। राज्य शासन की विशेष प्राथमिकता वाले महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना के अंतर्गत गौठानों में शुरू की गई बाड़ी योजना अत्यंत लाभप्रद एवं बहुउपयोगी सिद्व हो रहा है। इस योजना के फलस्वरूप गौठानों में बारहमासी फल, फूल एवं सब्जियां लहलहा रही हैं। गौठानांे में बाड़ी योजना के अंतर्गत पौष्टिक साग- सब्जियों के उत्पादन के साथ साथ गौठानांे में उगाए गए पेड़-पौधे पर्यावरण के संरक्षण एवं संर्वधन के साथ-साथ यह योजना इस काम में लगे स्व-सहायता समूह की महिलाओं के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन गई है। बालोद जिले के महिला समूहों ने फल, फूल एवं सब्जियांे को बेचकर 43.20 लाख रूपए की आमदनी अर्जित की है।
बालोद जिले के गुरूर विकासखण्ड के अरमरीकला गौठान में बाड़ी योजना के अंतर्गत 1.40 एकड़ जमीन पर बरबट्टी, बैगन, टमाटर, भिड़ी, प्याज एवं गोभी वर्गीय फसल के उत्पादन के साथ साथ अदरक ब्रीडर कंद से बीजोत्पादन का कार्य किया जा रहा है। इसकी जवाबदारी उज्ज्वला योजना स्व सहायता समूह की महिलाओं को दी गई है। जिसमें समूह की अध्यक्ष श्रीमती उषा बाई के अलावा 12 महिलाएं कार्यरत हैं। उद्यानिकी विभाग द्वारा आदान सामाग्री के रूप में 57 हजार 600 रूपये की राशि का 7.20 क्विंटल बीज अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया गया है। सब्जियों के उत्पादन में समूह द्वारा 60 हजार रूपये की लागत लगाकर 01 लाख 80 हजार रूपये की आमदनी बाजार में सब्जी बिक्री कर की गई है। इसके अलावा अदरक बीजोत्पादन योजना से 18 क्विंटल का उत्पादन किया गया जिससे एक लाख 40 हजार की आमदनी हुई।
इसी तरह अरमरीकला के एकता स्वसहायता समूह एवं आत्मा स्वसहायता समूह द्वारा भी 2.40 एकड़ भूमि में सामुदायिक बाड़ी योजना से सब्जी की बिक्री कर 01 लाख 04 हजार रूपये का लाभ अर्जित किया गया है। वर्तमान में खरीफ 2023 में सब्जी लगाने की तैयारी की जा रही है। जिससे निर्धारित समय में सब्जी उत्पादन कर अधिक से अधिक लाभ अर्जित किया जा सकता है।
जिले के चयनित 185 गौठानांे में सामुदायिक बाड़ी निर्मित की गई है। जिसमें 138 महिला स्वसहायता समूह द्वारा सब्जी उत्पादन किया जा रहा है। इस प्रकार जिले में महात्वाकांक्षी योजनांतर्गत 2308 महिलाएं सब्जी उत्पादन के कार्य में लगी हैं। महिला स्वसहायता समूह को सुराजी ग्राम योजना के अंतर्गत भूमि एवं पानी की सुविधा तथा तकनीकी जानकारी के साथ साथ समय-समय पर आदान सामाग्री के रूप में बीज उपलब्ध कराया जाता है।
बालोद जिले के गौठानों में संचालित सामुदायिक बाड़ी योजना के अंतर्गत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा फल-फूल एवं कंदवर्गीय उत्पादों के विक्रय से अब तक 43 लाख 20 हजार रूपए की आमदनी अर्जित की जा चुकी है। इस तरह से राज्य शासन की सामुदायिक बाड़ी कार्यक्रम पौष्टिक साग-सब्जियों एवं फलों की समुचित आपूर्ति के साथ-साथ ग्रामीणों को अतिरिक्त आय प्रदान कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने तथा स्वरोजगार प्रदान करने का अत्यंत कारगर माध्यम साबित हो रहा है। उज्जवला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती उषा बाई साहू ने राज्य शासन की सामुदायिक बाड़ी कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए छत्तीसगढ़ सरकार एवं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को हृदय से धन्यवाद दिया है। -
रायपुर। प्रदेश सरकार की महती गोधन न्याय योजना आज ना केवल पशुपालकों को लाभान्वित कर रही है, बल्कि हर वर्ग को इससे कुछ ना कुछ फायदा मिल रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण है धमतरी शहर की स्वच्छता दीदी। धमतरी शहर की विभिन्न डेयरियों से गोबर एकत्रित कर पशुपालक स्थानीय दानीटोला वार्ड स्थित गौठान में बेचते हैं। इससे डेयरी संचालकों को तो उनके पशुओं के गोबर से आय तो मिलता ही है, साथ ही सुबह सात बजे से 10 बजे तक घर-घर कचरा कलेक्शन करने के बाद शहर की स्वच्छता दीदियों ने भी गौठान में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर आय का अतिरिक्त जरिया हासिल कर लिया है।
गोधन न्याय योजना के तहत दानी टोला वार्ड स्थित गौठान में अब तक 49.30 लाख रूपये की 24 हजार 650 क्विटंल गोबर खरीदी की गई। वहीं 2 हजार 769 क्विटंल वर्मी खाद का उत्पादन कर महिलाओं द्वारा 2 हजार 243 क्विटंल वर्मी खाद का विक्रय किया गया। वर्मी निर्माण कार्य में लगीं स्वच्छता दीदी श्रीमती पूजा साहू, श्रीमती द्रोपति जांगड़े, श्रीमती आशा महिंलांग, श्रीमती सुलोचना बंजारे, श्रीमती ज्योति कॉलखोर, श्रीमती नीलम बंजारे खुश होकर कहतीं हैं कि कचरा कलेक्शन के बाद के समय का सदुपयोग कर वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहीं हैं। वाकई प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना शुरू कर हम महिलाओं की आर्थिक स्थिति को काफी मजबूत बनाने में मदद की है। -
भिलाई। एक महिला ने अपने आरोपी पिता के साथ मिलकर कथित रूप से अपने पहले पति की डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी। आरोपी महिला का कहना है, वो अपने पति से परेशान थी और उससे छुटकारा पाने के लिए उसकी हत्या कर दी। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार नेवई थाना क्षेत्र के इंदिरा चौक निवासी आरोपी कविता साहू ने दुर्ग एसपी को बताया, उसका विवाह 4 साल पहले अभिषेक नायक 25 वर्ष से हुआ था। दोनों ने प्रेम विवाह किया था। इस दौरान आरोपी कविता और अभिषेक को एक बेटा हुआ। अभिषेक चोरी के एक मामले में जेल चला गया। इसके बाद आरोपी कविता के आरोपी पिता गुमान साहू ने उसकी शादी पाटन में एक युवक से कर दी। अभिषेक जब जेल से आया तो उसे उसका बेटा दे दिया गया। अभिषेक को ये बात इतनी नागवार गुजरी को वो आरोपी कविता के ससुराल गया और उसकी सच्चाई बता दी। इसके चलते आरोपी कविता की दूसरी शादी भी टूट गई। फिर आरोपी कविता अपने आरोपी पिता के साथ इंदिरा चौक में रहने लगी।
पुलिस ने बताया कि 25 मई को अभिषेक उसे मिला और बोला कि वो अपने बेटे से मिलने क्यों नहीं आ रही है। इस पर आरोपी कविता और उसका झगड़ा हो गया। आरोपी कविता वहां से घर आ गई। उसे पता था कि अभिषेक उससे झगड़ा करने घर भी आएगा। इसलिए उसने आरोपी पिता के साथ मिलकर उसकी हत्या की प्लानिंग कर डाली। अभिषेक 25 मई की रात करीब 8.30 बजे आरोपी कविता के घर पहुंचा। वो शराब के नशे में था। इसका फायदा उठाकर आरोपी कविता और उसके आरोपी पिता ने डंडे से उसके सिर पर कई वार किए, जिससे वो बुरी तरह घायल हो गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सिर में डंडे से कई वार करने से अभिषेक गंभीर से घायल हो गया। घायल होने की सूचना मिलने के बाद मौके पर डायल 112 पहुंची। उन्होंने अभिषेक को जिला अस्पताल दुर्ग में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसकी सूचना मिलते ही नेवई पुलिस हरकत में आई। उन्होंने आरोपी कविता और उसके आरोपी पिता को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया। -
रामानुजनगर। स्टाप डेम में डूबने से एक युवक की मौत हो गई। शव का पंचनामा कर पीएम कर परिजन को सौंप दिया है। पुलिस ने बताया कि पतरापाली निवासी आदर्श दुबे गुरुवार को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे गांव में ही एक किसान के यहां मवेशियों को खिलाने के लिए गेहूं भूसा भरने की बात कहकर घर से निकला था, जो 4 बजे तक घर वापस नहीं आया। उसके बाद परिजन ने आदर्श की खोजबीन शुरू कर दी। शाम को को पता चला कि जहां भूसा भर रहा था, वहां से कुछ दूर पर नदी किनारे उसकी बाइक व उसके कपड़े पाए गए। इसके बाद स्टाप डेम के आसपास ढूंढने के बाद स्टाप डेम के अंदर उसकी तलाश की गई। अत्यधिक पानी होने के कारण करीब 11 बजे रात युवक का शव डेम में निकाला गया।
-
लखनपुर। नानी के यहां आए नाबालिग की तालाब में डूबने से मौत हो गई। नीरज पिता तारिक लाल कंवर 9 वर्ष, कसकेला जिला सूरजपुर निवासी अपनी मां जमुना पति तारीक लाल के साथ कुछ दिन पहले ही झाड़ीपुर स्थित नानी के यहां गर्मी की छुट्टी मनाने आया था। शाम लगभग 4 बजे नीरज अपने साथी जयकिशन पिता दयाराम 12 वर्ष के साथ बकरी चराने जा रहा हूं, कहकर कुंवरपुर बांध की ओर गया था। उसी दौरान नीरज साथी जय किशन के साथ कुंवरपुर बांध में नहाने के लिए गया और नहाने के दौरान गहरे पानी में चला गया और डूब गया, जिसके बाद उसके साथ ही नहा रहा जय किशन उसे बांध में ही खोजने लगा, उसी दौरान दोनों का एक और साथी वहां पहुंचा, दोनों ने मिलकर पानी में डूबे हुए नीरज को किसी तरह से निकाल कर कंधे पर उठाकर घर पहुंचे।
-
गेवरा। ऊर्जानगर में हुए एसईसीएल कर्मी की घर घुसकर हत्या का मामला सुपारी किलिंग का निकला। दीपका पुलिस व सायबर सेल की संयुक्त टीम ने खुलासा करते हुए बताया कि पति के आदत-व्यवहार से परेशान आरोपी पत्नी ने ही कथित रूप से अपने परिचित आरोपी को पैसे देकर उसकी हत्या कराई थी। पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी पत्नी समेत आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद बताया कि क्राइम सीरियल देखते हुए करीब 6 माह पहले उसने पत्नी द्वारा पति की हत्या कराने का एपिसोड देखा। तब आरोपी पत्नी ने भी हत्या करने की साजिश रची थी। पुलिस ने बताया कि दीपका थाना अंतर्गत एसईसीएल गेवरा कालोनी ऊर्जा नगर निवासी जगजीवन राम रात्रे की मंगलवार-बुधवार दरम्यानी रात घर घुसकर टंगिया से हमला कर हत्या की गई थी। घटना के दौरान घर पर जगजीवन की पत्नी आरोपी धनेश्वरी बाई व दो बच्चे थे। आरोपी धनेश्वरी बाई ने हत्या की वारदात को अपने आंखों से देखना और घटना के दौरान खुद और बच्चों की जान बचाने के लिए चुपचाप दुबके होना बताया था। दीपका पुलिस व सायबर सेल की संयुक्त टीम मामले में जांच-पड़ताल कर रही थी। पूछताछ में आरोपी धनेश्वरी के बार-बार बयान में बदलाव से पुलिस को उसपर संदेह हुआ। कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने परिचित आरोपी तुषार सोनी उर्फ गोपी को पैसे देकर पति जगजीवन की हत्या कराना स्वीकार किया। उसने बताया कि उसका पति शराब पीता था जो आए दिन उसके साथ मारपीट करता था। पति की आदत-व्यवहार के चलते वह परेशान हो गई थी। क्राइम सीरियल देखते हुए करीब 6 माह पहले उसने पत्नी द्वारा पति की हत्या कराने का एपिसोड देखा। तब उसने भी हत्या करने की साजिश रची थी। आरोपी तुषार सोनी को पैसे का लालच देकर हत्या करने के लिए तैयार कर लिया था। हत्या पहले ही हो जाता लेकिन कुछ माह पहले आरोपी तुषार सोनी एक मामले में जेल चला गया था। जेल से छूटने के बाद उसने फिर से उसे संपर्क किया।
आरोपी धनेश्वरी बाई ने पति जगजीवन रात्रे की हत्या के लिए आरोपी तुषार को बार-बार फोन किया था। जो मंगलवार की रात 12 बजे अपने बाइक में टंगिया बांधकर कृष्णानगर स्थित अपने घर से ऊर्जानगर में घटनास्थल पहुंचा था। उसने ही दरवाजा खटखटाया जगजीवन को आवाज लगाई थी। जगजीवन उसे जानता था इसलिए उसने दरवाजा खोला। आरोपी तुषार ने उसे तुम्हारी पत्नी के बारे में कुछ जानकारी देना है कहकर अपने झांसे में लिया। फिर पीने के लिए ठंडा पानी मांगा। जगजीवन पानी लेने अंदर गया इतने में वह टंगिया लेकर घर के अंदर घुस गया। जगजीवन के पानी बोतल लेकर आते ही उस पर वार कर दिया।
- -
बिलासपुर। बिलासपुर में बाइक सवार दो युवकों ने बुजुर्ग महिला के गले से सोने की माला लूट ली और फरार हो गए। महिला पैदल तालाब जा रही थी, तभी बाइक सवार युवक आए और मोबाइल से किसी की तस्वीर दिखाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया। इस पैटर्न पर लूटपाट करने वाले बाइकर्स गैंग पिछले एक माह से शहर के आउटर में सक्रिय है, जो लगातार महिलाओं को अपना शिकार बना रहे हैं।
पुलिस ने बताया कियह मामला सकरी थाना क्षेत्र का है। ग्राम काठाकोनी में रहने वाली दयमंती कौशिक (60) गृहिणी हैं। बीते गुरुवार को वह नहाने के लिए तालाब जा रही थी। तालाब के पास ही बाइक सवार दो युवक आए और महिला को अपने मोबाइल पर एक फोटो दिखाते हुए उसके प्लाट का पता पूछने लगे। महिला कुछ बता पाती इससे पहले ही युवकों ने उनके गले से सोने की माला लूट ली और वहां से फरार हो गए। उनकी हरकतों को देखकर महिला चिल्लाती रह गई और बाइक सवार युवक भाग निकले।
पुलिस ने बताया कि करीब 15 दिन पहले हिर्री क्षेत्र के ग्राम मुरु में भी इसी तरह की घटना हुई थी, जिसमें गांव में रहने वाली महिला को युवकों ने किसी आदमी का फोटो दिखाकर पता पूछा। इसके बाद युवक उसके गले से सोने की माला लूटकर भाग निकले। महिला ने शोर मचाकर आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दी। तब तक लुटेरे ग्राम मेढ़पार की ओर भाग गए थे। महिला की शिकायत पर पुलिस लूट का मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
-