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- -परिजनों ने इस सहयोग के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जतायारायपुर / कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित जनदर्शन कक्ष में रावांभाठा, बिरगांव निवासी कु. रागिनी यादव को व्हीलचेयर प्रदान किया। 15 वर्षीय कु. रागिनी स्पास्टिक सेरेब्रल पाल्सी के कारण हाथ पैर काम नहीं करता एवं बोलने में असमर्थ है। इसी कारण आज जनदर्शन में कलेक्टर डॉ सिंह को व्हीलचेयर की मदद हेतु आवेदन किया था जिसके पश्चात तत्काल कलेक्टर डॉ सिंह द्वारा समाज कल्याण विभाग को व्हीलचेयर के लिए निर्देशित किया था। परिजनों ने इस सहयोग के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार जताते हुए कहा कि अब रागिनी को दैनिक कार्यों में मदद मिल पाएगी। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री कुमार बिश्वरंजन, अपर कलेक्टर श्री कीर्तिमान सिंह राठौर, समाज कल्याण विभाग के सयुंक्त संचालक श्री अरविंद गेडाम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे |
- -बैंक किसी भी हाल में इससे जुडे प्रकरणों में कोताही ना बरतें: डॉ गौरव सिंह-सीएसपीडीसीएल, बैंक और वेंडर्स को दिए आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देशरायपुर / कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने कलेक्टोरेट स्थित रेडक्रॉस सभाकक्ष में सीएसपीडीसीएल, बैंक अधिकारियों एवं वेंडर्स की बैठक लेकर पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की प्रगति की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि पीएम सूर्यघर योजना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है। इसे प्राथमिकता से लेते हुए क्रियान्वित करें और आम नागरिकों को इसका लाभ लेने के लिए प्रेरित करें।सीएसपीडीसीएल, बैंक और संबंधित वेंडर समन्वय बनाकर कार्य करें। ताकि आम नागरिकों को निर्बाध रूप से लाभ मिले। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री कुमार बिश्वरंजन, एलडीएम श्री मोहम्मद मोफीज उपस्थित थे।कलेक्टर ने कहा कि सभी बैंक यह ध्यान रखें कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से संबंधित प्रकरणों को गंभीरता से लें। इनसे जुड़े हितग्राहिओं का पूर्ण रूप से सहयोग करें। उन्हें किसी प्रकार से भ्रमित न करें। छोटे-छोटे तकनीकी कारणों से रिजेक्ट न किया जाए और जो प्रकरण रिजेक्ट किए गए हैं उनकी पुनः समीक्षा करें और प्रयास करें कि उन्हें स्वीकृत कर योजना का लाभ दिया जाए। कलेक्टर डॉ सिंह ने एलडीएम को असहयोग करने वाले बैंको को पत्र लिखने और आरबीआई को भी इस संबंध में सूचना देने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने बिजली विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि ये जनता से जुड़ी महत्वपूर्ण योजना है, इसका शत् प्रतिशत लक्ष्य पूरा करना सुनिश्चित करें। इससे जुड़ी प्रक्रियों को जल्द पूरा करें।
- रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की 63वीं बैठक गुरुवार को संपन्न हुई। बैठक के प्रारंभ में माननीय विधायकगण सह सदस्यगण श्री रिकेश सेन, डॉ. संपत अग्रवाल और श्री इंद्र कुमार साहू का स्वागत एवं अभिनंदन शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह से किया गया। इसके साथ ही माननीय मुख्यमंत्री द्वारा मनोनित दो सदस्यों श्री आर. कृष्णा दास, श्री प्रभात मिश्र का स्वागत अभिनंदन किया गया। कार्य परिषद की अध्यक्षता श्री महादेव कावरे कुलपति एवं संभागायुक्त रायपुर ने की।कार्य परिषद में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों में सदस्यों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रमों के अधिकाधिक उन्नत करने एवं प्रदेश के प्रतिभावान छात्रों को इसका लाभ पहुंचाने की कार्य योजना पर बल दिया। प्रशासनिक एवं छात्रहित से जुड़ी हुई प्रशासनिक व्यस्थाओं के त्वरित संचालन एवं डिजीटल तकनीक से जोड़ने लैपटाप एवं कम्प्युटर सिस्टम क्रय की स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में संसाधनों की पूर्ति के लिए स्वेच्छानुदान, सांसद निधि, विधायक निधि सहित शासन के विविध मदों से राशि आंबटित कराने जनप्रतिनिधियों को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पुनर्गणना एवं चुनौती मूल्यांकन के लिए शुल्क एवं प्रक्रिया निर्धारण उपसमिति के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया जिसके अनुसार पुनर्गणना हेतु ₹50/- और चुनौती मूल्यांकन हेतु ₹1000/- का शुल्क निर्धारित किया गया है।विश्वविद्यालय के षष्ठम् दीक्षांत समारोह का आयोजन माह जनवरी 2026 में कराए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।विश्वविद्यालय में कार्यरत गैरशैक्षणिक कर्मचारियों के समयमान वेतनमान को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।विश्वविद्यालय में साइबर सुरक्षा एवं साइबर पत्रकारिता के नए पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाने का निर्णय लिया गया एवं इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया। मीडिया शिक्षा एवं अन्य प्रोग्राम्स में प्लेसमेंट के लिए विद्यार्थियों के शत प्रतिशत कैंपस प्लेसमेंट सुनिश्चित करने हेतु व्यापक प्रचार प्रसार एवं आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया ।इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के प्रमुख मीडिया समूहों, कार्पोरेट एवं उद्योग समूहों से एमओयू किए जाने एवं छात्रों की रोजगारपरकता को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। रूसा परियोजना के तहत विश्वविद्यालय के निर्माणाधीन आडिटोरियम का स्थल निरीक्षण कर लंबित कार्य को शीघ्र पूर्ण किए जाने एवं आवश्यक फर्नीशिंग, आडियो- विजुवल, एकास्टिक कार्यों के लिए शासन को प्रस्ताव प्रस्तुत करते निर्देशित किया।कार्य परिषद में छत्तीसगढ़ शासन के सचिवों का प्रतिधिनित्व वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों डॉ. राज लक्ष्मी सेलेट ओएसडी उच्च शिक्षा, श्री उत्कल कुमार शर्मा ओएसडी वित्त एवं श्री बालमुकुद तंबोली, जनसंपर्क विभाग ने किया। बैठक के समापन सत्र में कुलसचिव श्री सुनील कुमार शर्मा ने आभार प्रदर्शन सह धन्यवाद ज्ञापित किया।
- - दो शिक्षकों की हुई नियुक्ति, विद्यार्थियों को मिल रहा लाभरायपुर, / रायपुर जिले के तिल्दा ब्लॉक के ग्राम बरौंडा स्थित शासकीय हाई स्कूल के विद्यार्थियों को शिक्षक युक्तियुक्तकरण से बड़ा लाभ मिला है। विद्यालय में कक्षा नौवीं एवं दसवीं में लगभग 60-65 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। लेकिन पहले यहाँ व्यवस्था के तहत् मिडिल स्कूल के शिक्षक पढ़ाते थे। इस वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। शासन द्वारा युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बाद विद्यालय में दो नए शिक्षकों की नियुक्ति की गई। अब विद्यालय में कुल दो शिक्षक हो गए हैं, जिससे सभी कक्षाएँ सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं और शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार हुआ है। शिक्षकों की संख्या बढ़ने से विद्यार्थियों को नियमित कक्षाओं का लाभ मिल रहा है। विद्यार्थियों की प्रगति से पालक भी उत्साहित हैं और इस पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। युक्तियुक्तकरण की यह पहल न केवल शिक्षण व्यवस्था को सशक्त बना रही है, बल्कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
- -निरंतर अभ्यास से निबंध में प्राप्त कर सकते हैं अधिकतम अंक- कलेक्टररायपुर / कलेक्टर एवं अध्यक्ष नालंदा परिसर प्रबंधन सोसायटी डॉ गौरव सिंह के मार्गदर्शन में "मैं और मेरा छत्तीसगढ़ @ 2047 " विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें नालंदा लाइब्रेरी, सेंट्रल लाइब्रेरी एवं तक्षशिला लाइब्रेरी के 102 सदस्यों ने भाग लिया lकलेक्टर डॉ सिंह ने गुरुवार को रेडक्रॉस सभाकक्ष में आयोजित कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र एवं विजेताओं को नगद राशि से सम्मानित किया। कलेक्टर डॉ सिंह ने युवाओं के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि निबंध का प्रश्न पत्र प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है जिसमें निरंतर अभ्यास, सकारात्मक दृष्टिकोण एवं प्रासंगिक उद्धरणों का समावेश करके अधिकतम अंक अर्जित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि निबंध की भाषा सरल, सहज एवं धारा प्रवाह होना चाहिए, प्रस्तावना एवं उपसंहार निबंध का मुख्य भाग होता है यह भाग जितने प्रभावी होंगे उतने अधिक अंक मिलने की संभावना होती है।नालंदा परिसर प्रबंधन सोसायटी द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में श्री पारस कुमार सोनी को प्रथम, श्री बादल सोनी को द्वितीय एवं श्री महेश्वर कुमार को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। साथ ही अन्य प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रतिभागियों ने कलेक्टर डॉ. सिंह के मार्गदर्शन और आयोजन को अत्यंत उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं न केवल लेखन कौशल को निखारती हैं, बल्कि भविष्य की परीक्षाओं के लिए भी मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत श्री कुमार बिश्वरंजन, नोडल अधिकारी नालंदा परिसर श्री केदार पटेल, उपायुक्त नगर निगम डॉ अंजली शर्मा सहित संबंधित एवं प्रतिभागी शामिल हुए।
- -टीम प्रहरी ने 10 एकड़ भूमि से अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त कियारायपुर / कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के निर्देश पर जिला प्रशासन ने ग्राम सेजबहार में अवैध प्लाटिंग पर बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 10 एकड़ भूमि पर की जा रही अवैध प्लाटिंग को हटाया।कार्यवाही के दौरान मौके पर बनी बाउंड्रीवाल, प्लिंथ और सड़क मार्ग को तोड़ा गया तथा अवैध निर्माण को हटाया गया। एसडीएम रायपुर श्री नंदकुमार चौबे के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम और नगर निगम की टीम प्रहरी ने संयुक्त रूप से यह कार्रवाई अवैध भूमि विक्रय एवं बेजा कब्जे पर नियंत्रण रखने और नियमानुसार भू-उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई।
- रायपुर / स्व-सहायता समूहों की महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और उनके उत्पादों के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से क्षेत्रीय सरस मेला 2025 का आयोजन साइंस कॉलेज मैदान, रायपुर में किया जा रहा है। यह मेला 18 अक्टूबर 2025 तक चलेगा।इसका शुभारंभ जिले के प्रभारी मंत्री एवं वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप तथा उच्च शिक्षा एवं राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने किया।मुख्य अतिथि श्री केदार कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्रीय सरस मेला 2025 हमारे प्रदेश सहित देश की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि यह वर्ष हमारे प्रदेश की रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और इन 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने विकास के कई आयामों को छुआ है। राज्य सरकार महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।श्री कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है। हमें लोकल फॉर वोकल की दिशा में आगे बढ़ते हुए स्व-सहायता समूहों की बहनों द्वारा निर्मित उत्पादों का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने शासन की लखपति दीदी एवं ड्रोन दीदी जैसी योजनाओं का भी उल्लेख किया।उच्च शिक्षा एवं राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि हमारा देश और प्रदेश आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर है, और क्षेत्रीय सरस मेला इसका सशक्त उदाहरण है। इस मेले में 202 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों के स्व-सहायता समूहों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार संस्कृति को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण अंचलों तक सभी मूलभूत सुविधाएं पहुँचाने के लिए सतत कार्यरत है।एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के साथ-साथ छत्तीसगढ़ ग्रामोद्योग विभाग के 15 स्टॉल, नाबार्ड तथा जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र को भी स्टॉल आवंटित किए गए हैं।मेले में विभिन्न राज्यों और जिलों के हस्तशिल्प, माटीकला, बांस शिल्प, बेलमेटल, पैरा आर्ट, टेराकोटा, नारियल व जूट उत्पाद, सवई घास व गोबर उत्पाद, कोसा साड़ी, मोमबत्तियाँ, अचार और अन्य खाद्य उत्पाद प्रदर्शित एवं विक्रय किए जा रहे हैं।यह आयोजन स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के लिए अपने उत्पादों के विपणन, कौशल विकास और आयवृद्धि का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर रहा है, जिससे उनकी आत्मनिर्भरता और आजीविका संवर्धन के प्रयासों को नई दिशा मिल रही है।मेले में कुल 202 स्टॉल स्व-सहायता समूहों के उत्पादों के लिए तथा 16 फूड स्टॉल स्थापित किए गए हैं, जहाँ आगंतुकों को विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजन और हस्तशिल्प देखने व खरीदने का अवसर मिल रहा है।इस मेले में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, गोवा, कश्मीर, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के स्व-सहायता समूह भी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर विधायक श्री सुनील सोनी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नवीन अग्रवाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री संदीप यदु, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री भीम सिंह, कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री कुमार बिश्वरंजन, एनआरएलएम के मिशन संचालक श्री अश्विनी देवांगन सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
- रायपुर। पुलिस ने नवा रायपुर स्थित डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) की छात्राओं के फोटो को कृत्रिम मेधा (एआई) ‘टूल्स' की मदद से अश्लील तस्वीरों में बदलने के आरोप में 21 वर्षीय एक छात्र को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नवा रायपुर) विवेक शुक्ला ने बताया कि संस्थान के कुलसचिव (प्रभारी) डॉक्टर श्रीनिवास के जी की शिकायत के बाद द्वितीय वर्ष के छात्र आरोपी सैय्यद रहीम अदनान अली को उसके पैतृक जिले बिलासपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। शुक्ला ने बताया, ‘‘मामला सामने आने के बाद पुलिस का एक दल संस्थान पहुंचा था। प्रबंधन ने बताया कि संस्थान के पुरुष छात्रावास में रहने वाले आरोपी अली ने कथित तौर पर ‘एआई इमेज जेनरेशन और एडिटिंग टूल्स' की मदद से लगभग 36 छात्राओं के फोटो में छेड़छाड़ करके अश्लील तस्वीरें बनाई हैं।''उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों से शिकायतें मिलने के बाद संस्थान प्रबंधन ने आंतरिक जांच की थी और अली को संस्थान से निलंबित कर दिया गया तथा उसका मोबाइल फोन एवं लैपटॉप जब्त कर लिया। उन्होंने बताया कि बाद में कुलसचिव ने राखी थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी कि संस्थान के छात्र आरोपी सैय्यद रहीम अदनान अली ने एआई का उपयोग कर कुछ छात्राओं की आपत्तिजनक और झूठी छवियां तैयार की हैं। कुलसचिव का आरोप है कि इस घटना से संबंधित छात्राओं एवं उनके परिजनों को सामाजिक-मानसिक क्षति पहुंची है तथा संस्थान की प्रतिष्ठा को भी अपूर्णीय क्षति हुई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि संस्थान की शिकायत के बाद पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और आई टी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। उन्होंने बताया, ‘‘अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि छेड़छाड़ की गई तस्वीरें प्रसारित या वायरल की गई हैं। प्रबंधन ने यह भी संकेत नहीं दिया है कि तस्वीरें ऑनलाइन साझा की गई हैं।'' उन्होंने बताया कि ‘एंटी क्राईम एण्ड सायबर यूनिट' तथा राखी पुलिस के संयुक्त दल ने पीड़ितों से विस्तृत पूछताछ की । आरोपी ने पूछताछ के दौरान संयुक्त दल के सामने इस घटना में अपनी भूमिका स्वीकार की है। अधिकारी ने बताया कि आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा मामले की जांच की जा रही है।
- -ग्राम एक्शन प्लान व्यवहारिक और क्रियान्वयन योग्य हो - कलेक्टर श्री लंगेहमहासमुंद, / कलेक्टर श्री विनय लंगेह की अध्यक्षता में गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आदि कर्मयोगी अभियान की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने ग्राम एक्शन प्लान की गहन समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि प्रत्येक ग्राम का एक्शन प्लान 11 बिंदुओं पर आधारित हो तथा उसमें समस्याएं और उनके समाधान व्यवहारिक रूप से शामिल किए जाएं। उन्होंने कहा कि योजनाएं बनाते समय आगामी वर्ष 2030 तक की स्थिति को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाया जाए, ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से हो सके।कलेक्टर श्री लंगेह ने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय और अंतर्विभागीय चर्चा के साथ अपने-अपने सुझाव शामिल करें। उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक विभाग यह सुनिश्चित करे कि ग्राम एक्शन प्लान केवल सैद्धांतिक न होकर जमीनी हकीकत से जुड़ा हो और उसका वास्तविक क्रियान्वयन संभव हो।उन्होंने बताया कि जिले के 308 ग्रामों में धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष कार्यक्रम के अंतर्गत आदि कर्मयोगी अभियान संचालित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से जनजातीय समुदाय के समग्र विकास हेतु वर्ष 2030 तक की रूपरेखा तैयार की जा रही है। ग्राम एक्शन प्लान तैयार होने के उपरांत अब जिला एक्शन प्लान भी बनाया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि यह अभियान शासन की प्राथमिकता का हिस्सा है और इसका उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में स्थायी विकास के लिए योजनाबद्ध प्रयास सुनिश्चित करना है। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे योजनाओं के प्रत्येक बिंदु पर गंभीरता से कार्य करें, ताकि 2030 तक अभियान के उद्देश्य को पूरा किया जा सके।कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि 14 अक्टूबर तक सभी ग्राम सभाओं में ग्राम एक्शन प्लान का अनुमोदन पूर्ण कर लिया जाए, ताकि आगामी स्तर की कार्ययोजना समय पर तैयार हो सके। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री हेमंत नंदनवार ने कहा कि ग्राम एक्शन प्लान को अंतिम रूप देते हुए योजनाओं की आवश्यकता और प्राथमिकता को भी विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने अन्तर्विभागीय समन्वय पर भी जोर दिया। बैठक में अपर कलेक्टर श्री सचिन भूतड़ा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, डीईओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी, विद्युत विभाग, स्वास्थ्य, पशुपालन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई), ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस), कौशल विकास तथा समाज कल्याण विभाग, खाद्य विभाग एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
- -समन्वित प्रयासों और संतुलित आहार से मिला कुपोषण पर विजयरायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में चल रहे प्रयासों का प्रभाव अब जमीनी स्तर पर दिख रहा है। मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के ग्राम चौनपुर के आंगनबाड़ी केन्द्र नवापारा से जुड़े बालक शिवांश ने आंगनबाड़ी सेवाओं और परिवार के समन्वित प्रयासों से कुपोषण पर विजय पाई।शिवांश का जन्म 12 जुलाई 2024 को हुआ था। जन्म के समय उसका वजन 2.700 किलोग्राम था। जन्म के बाद पोषण की उचित देखभाल न होने से उसका वजन घटकर कुपोषण की श्रेणी में पहुँच गया था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन ने नियमित वजन मापन के दौरान स्थिति की पहचान की और तत्काल गृहभेंट कर परिवार को उचित परामर्श दिया। श्रीमती लालसा कुमारी को समझाया गया कि वे अपने भोजन में अंकुरित अनाज, मौसमी फल, मुनगा भाजी, दूध, हरी सब्जियाँ और प्रोटीनयुक्त भोजन शामिल करें। बच्चे को स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी आहार जैसे दलिया, खिचड़ी, गाढ़ी दाल, पंजीरी, लपशी और हलुआ प्रतिदिन 4-5 बार हल्के रूप में देने की सलाह दी गई। आंगनबाड़ी केन्द्र से मिलने वाले रेडी टू ईट आहार का नियमित सेवन कराया गया। साथ ही परिवार को स्वच्छता, टीकाकरण और समय पर वजन मापन के लिए प्रेरित किया गया। शिशु अवस्था के दौरान तेज़ी से विकास और वृद्धि के लिए उचित पोषण अत्यंत महत्वपूर्ण है। शुरुआती छह महीनों तक केवल स्तनपान कराने के बाद, स्तनपान बंद करने वाले या पूरक आहार देना ज़रूरी है। ये आहार पोषक तत्वों से भरपूर होने चाहिए, जिनमें मसले हुए फल, सब्ज़ियाँ और अनाज शामिल हों, ताकि शिशु को पर्याप्त विटामिन और खनिज मिल सकें। लगातार देखरेख और पौष्टिक आहार के सेवन से शिवांश का वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगा। कुछ ही महीनों में उसका वजन सामान्य श्रेणी में पहुँच गया। अब वह स्वस्थ और सक्रिय है।यह सफलता इस बात का उदाहरण है कि यदि आंगनबाड़ी की सेवाओं, मितानिन और परिवार को संयुक्त प्रयास करने से कुपोषण जैसी चुनौती पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाया जा सकता है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि शिवांश जैसी प्रेरक कहानियाँ बताती हैं कि जागरूकता, सामुदायिक सहयोग और पोषण आहार के नियमित उपयोग से “सुपोषित छत्तीसगढ़” का सपना साकार हो रहा है।
- -11 करोड़ रुपए का कर चुकी हैं ट्रांजेक्शन-लोगों की मदद कर मिलती है खुशी- बालेश्वरी, आर्थिक सशक्तिकरण के साथ मिली अलग पहचानरायपुर। बैंक सखी ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह की एक प्रशिक्षित महिला सदस्य होती है, जो सखी के रूप में काम करती है, वह बैंक के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करती है । सरगुजा जिले के विकासखण्ड लखनपुर के ग्राम पंचायत लोसंगी की रहने वाली बालेश्वरी यादव बैंक सखी के रूप में कार्य कर रहीं हैं। उनके द्वारा पांच पंचायतों लोसंगी, लोसगा, रेमहला, लब्जी, कटिन्दा में लोगों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाई जा रहीं हैं, ग्रामीण उन्हें बैंक वाली दीदी कहते हैं। क्योंकि बैकिंग सम्बन्धी जिन कार्यों के लिए लोगों को पहले बैंक तक जाना पड़ता था, वो काम अब उनके गांव में ही हो जाते हैं। बैंक वाली दीदी गांव में आती हैं और लोगों के बैंकिंग लेन-देन के कार्य करके जाती हैं।बालेश्वरी यादव ने बताया कि वे वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, मनरेगा मजदूरी भुगतान, स्व- सहायता समूह की राशि का लेनदेन सहित अन्य बैंकिंग कार्य कर रहीं हैं। विगत पांच वर्षों में उन्होंने लगभग 11 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का लेनदेन किया है। बालेश्वरी बताती हैं कि वे अपने पुत्र के साथ लोसंगी में रहती हैं, इससे पहले उनकी आय का जरिया मेहनत मजदूरी था, मजदूरी से प्राप्त पैसों से ही गुजर-बसर करना पड़ता था।उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में जब गांव में स्व-सहायता समूह का गठन हुआ, तो मुझे भी उसमें सदस्य बनने की इच्छा हुई और मुझे रानी लक्ष्मी बाई स्व-सहायता समूह का अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद मैंने ग्राम संगठन एवं क्लस्टर संगठन में भी अध्यक्ष के रूप में काम किया। इसके बाद सक्रिय महिला एवं आरवीके बुक कीपर का काम करने का भी मौका मिला। इसके बाद मुझे एनआरएलएम के द्वारा बैंक सखी के बारे में बताया गया, इस कार्य के लिए मुझे काफी उत्सुकता हुई। हमें आरसेटी के द्वारा बैंक सखी का प्रशिक्षण दिया गया।वर्ष 2021 से मैंने बैंक सखी का काम करना शुरू किया, उन्होंने कहा कि इस कार्य से मुझे प्रतिमाह लगभग 15 हजार रुपए तक कमीशन मिल जाता है। बैंक सखी के कार्य से आर्थिक सशक्तिकरण के साथ मुझे समाज में अलग पहचान मिली है, वहीं लोगों की मदद करके बहुत खुशी मिलती है। लोगों को जब जरूरत होती है, तो वे स्वयं मुझे बुलाते हैं। वहीं बुजुर्गों, दिव्यांगजनों एवं जरूरतमंदों के घर पर भी मैं बैंकिंग सेवा प्रदान करती हूं। उन्होंने बताया कि कियोस्क के माध्यम से अब तक लभगभ 513 ग्रामीणों के जनधन खाते खोले हैं। वहीं बीमा योजनाओं से भी हितग्राहियों को जोड़ा है, जिसमें प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना 713, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 556, अटल पेंशन योजना 600 हुए हैं।
- - प्रधानमंत्री आवास योजना से दूरस्थ क्षेत्रों तक देश भर में बदलाव की बयार- घर में जल जीवन मिशन के तहत नल का कनेक्शनराजनांदगां । प्रधानमंत्री आवास योजना से दूरस्थ क्षेत्रों तक देश भर में बदलाव की एक बयार है। आर्थिक दृष्टि से कमजोर तथा जरूरतमंदों के लिए पक्के घर का सपना साकार हो रहा है। इस योजना से जरूरतमंदों को हौसला और मदद मिल रही है। खुशियों का आशियाना मिलने पर जनसामान्य की जिंदगी बदल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में दूरदराज तक यह योजना सफलता की नई इबारत लिख रही है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम जोरातराई के श्री केशव साहू ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नया आवास बनने से उनकी चिंता दूर हो गई है। नये आवास में 2 कमरा, हाल, रसोईघर है। उन्होंने बताया कि वे पहले कच्चे आवास में रहते थे। छप्पर का घर होने के कारण बरसात के दिनों में बहुत दिक्कत होती थी और दीवारों पर सीलन होती थी। उन्होंने बताया कि परिवार के आय का साधन बहुत सीमित है और 1.5 एकड़ कृषि भूमि है। रोजी-मजदूरी करते हुए वह अपना जीवन यापन कर रहे हंै।श्री केशव साहू ने बताया कि दूसरों के पक्के आवास को देखकर मन में हमेशा ख्याल आता था कि अपना भी एक पक्का मकान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब अपना पक्का आवास बन जाने से सुकून से यहां रह रहे है। अब पक्का आवास बन जाने से बरसात के दिनों में दिक्कत नहीं होती है और घर में स्वच्छता है। अब छप्पर के मरम्मत की कोई चिंता नहीं है। श्री केशव साहू ने बताया कि उनके घर में जल जीवन मिशन के तहत नल का कनेक्शन लगा है तथा स्वच्छ जल मिल रहा है। साथ ही खाद्यान्न सुरक्षा योजना के तहत प्रतिमाह 35 किलो चावल प्राप्त हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिलने पर धन्यवाद दिया।
- दुर्ग / कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह द्वारा सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजनांतर्गत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए निर्माण कार्य के लिए 2 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। सांसद श्री विजय बघेल द्वारा अनुशंसित उक्त कार्याे का संपादन क्रियान्वयन एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पाटन जिला दुर्ग द्वारा किया जाएगा।जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पाटन अंतर्गत घसिया ठाकुर घर के बाजु में सामुदायिक केंद्र, कम्युनिटी हॉल, छतयुक्त चबूतरा निर्माण हेतु 2 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
- बिलासपुर, /जिला पंचायत की बैठक 15 अक्टूबर को आहूत की गई है। इसके अंतर्गत सामान्य सभा की बैठक दोपहर 12 बजे एवं सामान्य प्रशासन समिति की बैठक शाम 4 बजे होगी। बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजेश सूर्यवंशी करेंगे। सामान्य सभा की बैठक में लोक निर्माण विभाग, खनिज विभाग, जल संसाधन विभाग, सहकारिता विभाग, समाज कल्याण, कृषि एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जायेगी। सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में पूर्व बैठक का पालन प्रतिवेदन, जिला पंचायत के आय-व्यय की जानकारी एवं अध्यक्ष श्री सूर्यवंशी की अनुमति से अन्य विषयों पर चर्चा की जाएगी।
- -बीजापुर के 32 पूर्व माओवादियों ने सीखा कुक्कुटपालन और बकरीपालन का गुर-समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शासन की अभिनव-पुनर्वास नीति से मिल रहा लाभरायपुर । माओवाद का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटे बीजापुर जिले के 32 आत्मसमर्पित माओवादियों ने अब विकास और स्वरोजगार की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इन सभी ने जगदलपुर स्थित क्षेत्रीय स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में एक महीने का कुक्कुटपालन और बकरीपालन का विशेष प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से पूर्व नक्सलियों ने न केवल पशुपालन के वैज्ञानिक तरीके सीखे, बल्कि एक सफल उद्यमी बनने की बारीकियों को भी जाना। एक माह की गहन ट्रेनिंग में आत्मसमर्पित माओवादियों को कुक्कुटपालन और बकरीपालन से संबंधित हर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। यहां उन्होंने उन्नत नस्लों का चयन, चारा प्रबंधन और संतुलित आहार की जानकारी, टीकाकरण, रोगों की पहचान और उपचार के तरीके के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, ऋण प्राप्त करने और अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने की रणनीति के संबंध में प्रशिक्षण लिया।बीजापुर के 32 पूर्व माओवादियों ने सीखा कुक्कुटपालन और बकरीपालन का गुरप्रशिक्षण लेने वाले एक आत्मसमर्पित माओवादी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जंगल में जीवन बहुत मुश्किल और खाली था। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर आत्मसमर्पित माओवादियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जो पुनर्वास नीति बनाई गई है, वह एक अभिनव प्रयास है। जिससे अब हम अपने हाथों से काम करके परिवार के लिए एक स्थिर और सम्मानजनक जीवन-यापन कर सकते हैं। सरकार के इस कदम से हमें बहुत हिम्मत मिली है।सुरक्षा बलों के कैंपों के खुलने से अब शासन की योजनाएं भी गांव-गांव पहुंचने लगी हैं। इनमें माओवाद प्रभावित गांवों के विकास के लिए विशेष रूप से चलाई जा रही नियद नेल्लानार योजना ने पूर्व माओवादियों के बीच आत्मविश्वास को बढ़ाया है। आत्मसमर्पित माओवादियों को अब यह लगने लगा है कि जब उनके गांवों में समृद्धि आएगी, तो उनके स्वरोजगार के रास्ते भी आसान होंगे। गांव में बुनियादी सुविधाओं के विकास और बाजार तक पहुंच बनने से उनके कुक्कुटपालन और बकरीपालन जैसे व्यवसायों को भी बड़ा लाभ मिलेगा।पुनर्वास से आत्मनिर्भरता की ओर कदमयह पहल छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आत्मसमर्पण करने वाले लोगों को सम्मानजनक आजीविका के साधन प्रदान करना है। अधिकारियों के अनुसार यह प्रशिक्षण इन 32 पूर्व माओवादियों को जल्द ही स्वरोजगार स्थापित करने में मदद करेगा। उन्हें न केवल प्रशिक्षण दिए गए हैं, बल्कि वित्तीय सहायता और बैंक ऋण के लिए आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया जा रहा है। साथ ही प्रशिक्षण उपरांत इन्हें लगातार मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए स्थानीय मैदानी अमले की सहायता भी मिलेगी। बीजापुर के इन 32 पूर्व माओवादियों का कौशल प्रशिक्षण से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना, बस्तर में शांति और विकास की एक नई मिसाल पेश करता है। यह दिखाता है कि हिंसा और बंदूक छोड़ने वाले हर व्यक्ति के लिए हुनर और सम्मान भरा भविष्य इंतजार कर रहा है।
- -पेंशन एवं योजनाओं की राशि निकालना अब आसानबिलासपुर /अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों के माध्यम से जिले के ग्रामीणों को नगद निकासी की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे बैंकों पर निर्भरता और भीड़ में कमी आ रही है। साथ ही हितग्राहीमूलक योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाली राशि का पारदर्शी, सुविधाजनक और समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। अब हितग्राही अपने ग्राम पंचायत स्तर पर ही अटल डिजिटल सुविधा केंद्र से पेंशन राशि एवं अन्य योजनाओं की राशि निकाल सकते हैं।समाज कल्याण विभाग की सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत संचालित पेंशन योजनाओं में पेंशन राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से हितग्राहियों के बैंक खातों में किया जाता है, परंतु बैंक से राशि निकालना हितग्राहियों के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है। विशेषकर वृद्धजन, दिव्यांगजन, विधवा एवं परित्यक्त महिलाएं बैंक तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करती रही हैं। “अटल डिजिटल सुविधा केंद्र” इन समस्याओं का समाधान बनकर उभरा है। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना “अटल डिजिटल सुविधा केंद्र” का शुभारंभ माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के द्वारा राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस, 24 अप्रैल 2025 को किया गया। जिले के 152 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र खोले गए है। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने अपील की है कि समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं के हितग्राही अपने निकटतम अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों से राशि की निकासी करें, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो और सभी हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ सुगमता और पारदर्शिता से मिल सके।
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दुर्ग, /राष्ट्रीय पोषण माह 2025 के अंतर्गत जिला महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ग्राम भानपुरी के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 2 की एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जो यह सिद्ध करती है कि नियमित गृहभेट, पोषण संबंधी सलाह, और सामुदायिक सहयोग से कैसे एक गर्भवती महिला का जीवन सकारात्मक रूप से बदल सकता है।ग्राम भानपुरी की नई बहू श्रीमती पुष्पा ठाकुर, जिनकी यह पहली गर्भावस्था थी, को गर्भधारण के शुरुआती महीनों में उल्टी और भूख की कमी जैसी समस्याएं झेलनी पड़ी। गर्भवती होने के बावजूद उन्हें उचित पोषण की जानकारी नहीं थी, और परिवार भी इस स्थिति से चिंतित था। जानकारी के अभाव और शर्म के कारण पुष्पा अपनी समस्या खुलकर नहीं बता पा रही थीं। गांव को कुपोषण मुक्त पंचायत घोषित किए जाने के चलते महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक श्रीमती सोनल सोनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती शशि देवांगन ने पुष्पा के घर लगातार गृहभेंट करना शुरू किया। उन्होंने न केवल पुष्पा को सतत स्तनपान और गर्भावस्था के दौरान आवश्यक पोषण की जानकारी दी, बल्कि परिवार को भी जागरूक किया कि कैसे एक गर्भवती महिला की देखभाल करना आवश्यक है।पोषण खजाना (पौष्टिक आहार), रेडी-टू-ईट फूड का नियमित सेवन, सप्ताह में तीन दिन हरी पत्तेदार सब्जियों का उपयोग, आयरन व कैल्शियम की गोलियों के सेवन जैसे उपायों से पुष्पा के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ। पहले जहां उनका वजन मात्र 40 किलोग्राम और हीमोग्लोबिन 9 ग्राम था, वहीं गर्भावस्था के अंत तक उनका वजन 52 किलोग्राम और हीमोग्लोबिन 10.9 ग्राम तक पहुँच गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दीदी पुष्पा को नियमित एएनसी (गर्भावस्था जांच) के लिए एएनएम के पास भी लेकर जाती रहीं। निरंतर देखभाल और मार्गदर्शन के चलते पुष्पा को गर्भावस्था के दौरान कोई जटिलता नहीं हुई। सफल प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि दिनांक 27 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान ही पुष्पा ने शासकीय अस्पताल दुर्ग में एक स्वस्थ्य और सुंदर बिटिया को जन्म दिया। जन्म के समय बच्ची का वजन 2.700 किलोग्राम था, जो एक स्वस्थ प्रसव का प्रमाण है। आज पुष्पा का पूरा परिवार प्रसन्न है और महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम को उनके मार्गदर्शन और सहयोग के लिए हृदय से धन्यवाद दे रहा है।
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-पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
-सुभाष के घर का बिजली बिल हुआ कम
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ हितग्राहियों को देने के निर्देश दिए हैं। योजना के तहत प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना अब आम नागरिकों के जीवन में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की नई मिसाल बनकर उभर रही है। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से संचालित यह योजना न केवल आम उपभोक्ताओं की बिजली पर निर्भरता घटा रही है, बल्कि हर घर में हरित ऊर्जा का संचार कर रही है। राज्य सरकार की अतिरिक्त सब्सिडी ने सोलर पैनल लगवाना और भी किफायती बना दिया है। इसी योजना से प्रेरित होकर पत्थलगांव निवासी श्री सुभाष मिंज, जो एलआईसी में कार्यरत थे और कुछ वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हुए हैं, ने अपने मकान की छत पर 3 केवी क्षमता वाला सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम को लगाने में कुल लगभग 2 लाख रूपए की लागत आई, जिसमें से उन्हें केंद्र सरकार से 78 हजार रूपए की सब्सिडी सीधे बैंक खाते में प्राप्त हुई, जिससे आर्थिक बोझ में बड़ी राहत मिली।श्री मिंज बताते हैं कि सोलर सिस्टम लगने से पहले उनका मासिक बिजली बिल 700 से 800 रूपए के बीच आता था, जबकि अब उनका बिल लगभग शून्य हो गया है। उन्होंने बताया “जून से सोलर पैनल चालू हुआ है, तब से बिजली बिल नहीं आ रहा। सूर्य की किरणों से उत्पन्न बिजली न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे हमारी बचत भी लगातार बढ़ रही है।”प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने श्री मिंज जैसे नागरिकों को बिजली उपभोक्ता से उत्पादक बनने की दिशा में अग्रसर किया है। यह पहल छत्तीसगढ़ में ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।
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राजनांदगांव । भू-अभिलेख शाखा राजनांदगांव से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में पटवारियों द्वारा ऑनलाईन रिकार्ड में समय-सीमा में सुधार कार्य किया जा रहा है। साथ ही विगत महीनों में सभी तहसीलों में ऋण पुस्तिका का वितरण किया गया है। जिसमें राजनांदगांव तहसील में 600, छुरिया तहसील में 500, घुमका तहसील में 100, डोंगरगढ़ तहसील में 300, लाल बहादुर नगर में 200, डोंगरगांव तहसील में 400 एवं कुमरदा तहसील में 300 नग ऋण पुस्तिका का वितरण किया गया है। ऋण पुस्तिका के लिए उच्च कार्यालय को पत्र प्रेषित किया गया है एवं आवश्यकता अनुसार ऋण पुस्तिका का वितरण किया जा रहा है।
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- दावा-आपत्ति हेतु कर सकते हैं आवेदन
मोहला । जिला मोहला-मानपुर-अं.चौकी अंतर्गत बाल विवाह रोकथाम के दिशा में महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार उन ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों को बाल विवाह मुक्त घोषित किया जाना है जहाँ विगत दो वर्षों में कोई भी बाल विवाह का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले के समस्त 185 ग्राम पंचायत एवं 01 नगर पंचायत से पिछले दो वर्षों में किसी भी प्रकार के बाल विवाह नही होने संबंधित दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। अत: इन्हें बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत एवं बाल विवाह मुक्त नगरीय निकाय घोषित कर प्रमाण पत्र जारी किया जाना है।
इस संबंध में यदि किसी भी व्यक्ति/संस्था को कोई आपत्ति हो या किसी प्रकार का बाल विवाह का प्रकरण संज्ञान में हो तो 07 दिवस की अवधि में जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, कलेक्ट्रेट परिसर, मोहला के कार्यालय में प्रात: 10 बजे से सायं 5:30 बजे तक लिखित रूप एवं सुसंगत दस्तावेजों के साथ दावा-आपत्ति प्रस्तुत कर सकते हैं। - -अब छत्तीसगढ़ में लाखों परिवार पा रहे पक्के घर का सुखरायपुर। प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना ने छत्तीसगढ़ के आकांक्षी ब्लॉक गौरेला के ग्राम पंडरीपानी निवासी समारू बैगा के जीवन में नई रोशनी भर दी है। सीमित आय और कठिन परिस्थितियों में गुजर-बसर कर रहे समारू बैगा अब अपने परिवार के साथ एक पक्के, सुरक्षित और सम्मानजनक घर में रह रहे हैं। लंबे समय से कच्चे और जर्जर मकान में रहने वाले समारू के लिए पक्का घर बनाना एक अधूरा सपना था, लेकिन अब यह सपना हकीकत बन चुका है। वर्ष 2023-24 में इस योजना के अंतर्गत उनके लिए आवास स्वीकृत हुआ और अब वे अपने परिवार के साथ मजबूत, सुंदर और सुरक्षित घर में रह रहे हैं।समारू बैगा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “पहले हमारा परिवार हर मौसम में परेशान रहता था, बारिश में छत टपकती थी, सर्दियों में ठंड और गर्मियों में लू का सामना करना पड़ता था। अब प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना से मिला पक्का घर हमारे जीवन की सबसे बड़ी सौगात है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी का मैं धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने हमें ऐसा सम्मानजनक जीवन दिया।”प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना का उद्देश्य देश के सभी बेघर परिवारों को पक्के घर उपलब्ध कराना है। छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत अब तक 18 लाख से अधिक आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से लगभग 15 लाख परिवारों को अपने सपनों का पक्का घर मिल चुका है। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से ग्रामीण परिवारों का जीवन स्तर निरंतर ऊँचा हो रहा है।
- रायपुर।, सूर्य का प्रकाश हमारे जीवन में ऊर्जा, प्रकाश और स्वास्थ्य का संचार करती है। यह प्राकृतिक शक्ति हमारे जीवन विकास के साथ-साथ अब घरों को मुफ्त बिजली भी प्रदान कर रही है। ऐसा संभव हो पाया है पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से, ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में श्री क्षितिज शेट्ठी अम्बिकापुर निवासी एक प्रेरणादायक उदाहरण है। उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेकर अपने घर की छत पर 5 किलोवाट क्षमता का सोलर रूफटॉप प्लांट लगवाया है। इस पहल के बाद वे अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भर बन चुके हैं।श्री शेट्ठी बताते हैं कि सोलर प्लांट लगाने के बाद से उन्हें अब बिजली बिल जमा नहीं करना पड़ता। उनकी सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता घरेलू खपत से अधिक है, जिससे अतिरिक्त बिजली ग्रिड में जमा हो रही है। उन्होंने बताया कि पहले हर महीने दो से ढाई हजार रुपये तक का बिजली बिल आता था, लेकिन अब बिल शून्य है। अब मैं अपनी बिजली खुद बनाता हूं और पर्यावरण संरक्षण में योगदान भी दे रहा हूं, इस योजना से न केवल आर्थिक लाभ हो रहा है बल्कि प्राकृतिक संसाधनों की बचत और पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिल रही है। श्री क्षितिज शेट्ठी ने फरवरी माह में सोलर रूफटॉप प्लांट लगवाया था। उस समय उन्हें केंद्र सरकार से 78 हजार की सब्सिडी प्राप्त हुई थी। अब राज्य सरकार भी अलग-अलग क्षमता के अनुसार अतिरिक्त सब्सिडी दे रही है, जिससे यह योजना आम नागरिकों के लिए और अधिक लाभकारी बन गई है।उन्होंने बताया कि सोलर पैनल की लागत तीन से चार साल में पूरी वसूल हो जाती है, जबकि कंपनी 20 वर्ष तक की वारंटी प्रदान करती है। इस प्रकार आने वाले वर्षों में वे बिना किसी अतिरिक्त खर्च के मुफ्त बिजली का लाभ उठाएंगे। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सरकार जब सब्सिडी दे रही है, तो हर नागरिक को इसका लाभ अवश्य उठाना चाहिए। इससे बिजली खर्च बचेगा और पर्यावरण संरक्षण में हम सभी सहभागी बनेंगे।प्रधानमंत्री सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य हर घर को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना है। श्री क्षितिज शेट्ठी का यह कदम इस दिशा में एक जीवंत उदाहरण है, जिन्होंने यह साबित किया कि जब आम नागरिक ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ता है, तो पूरा समाज सौर ऊर्जा क्रांति की ओर कदम बढ़ाता है।
- - गोवा में आयोजित पर्पल फेस्ट में करेंगे योगा प्रदर्शनरायपुर मनोविकास केन्द्र बलौदाबाजार के 5 विद्यार्थियों का चयन प्रतिष्ठित पर्पल फेस्ट 2025 में भाग लेने के लिए हुआ है। यह आयोजन 9 से 12 अक्टूबर 2025 तक गोवा मे किया जा रहा है। फेस्ट में हिस्सा लेने गोवा रवाना होने से पहले गुरुवार को कलेक्टर दीपक सोनी से चयनित बच्चों ने मुलाक़ात की। कलेक्टर श्री सोनी ने मनोविकास केंद्र के बच्चों का फेस्ट के लिए चयन होने पर जिले के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए उन्हें शुभकामनायें दी।मनोविकास केन्द्र के नोडल अधिकारी आशा शुक्ला ने बताया कि केंद्र के छात्र कुलदीप निर्मलकर, तुषार सेन पुष्कर कुमार साहू,लोकेश कुमार वर्मा एवं किशन यादव का चयन पर्पल फेस्ट 2025 में भाग लेने के लिए हुआ है। इनके साथ योग शिक्षक श्री ललित कुमार साहू तथा केन्द्र प्रमुख श्री दुर्गा शंकर पटनायक भी कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे।चयनित विद्यार्थी मनोविकास केन्द्र एवं बलौदाबाजार-भाटापारा जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए 15 मिनट का योग प्रदर्शन प्रस्तुत करेंगे जो दिव्यांगजनों की क्षमताओं और समावेशन की भावना को उजागर करेगा। यह भागीदारी मनोविकास पहल और जिला प्रशासन के लिए गर्व का क्षण होग़ा तथा इन विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और अनुभव प्रदान करेगी।पर्पल फेस्ट 2025 को दिव्यांगजनों की रचनात्मकता, प्रतिभा और सशक्तिकरण के एक जीवंत उत्सव के रूप में देखा जा रहा है। यह आयोजन भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग,गोवा सरकार के राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन कार्यालय, तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय एवं संयुक्त राष्ट्र भारत के सहयोग से किया जा रहा है।पर्पल फेस्ट का उद्देश्य दिव्यांगजनों के समावेशन, पहुंच और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। यह महोत्सव समाज में जागरूकता फैलाने, उनकी प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने और एक ऐसे समाज के निर्माण की दिशा में कार्य करता है जहां प्रत्येक व्यक्ति को गरिमा और समान अवसरों के साथ जीवन जीने का अधिकार हो।उल्लेखनीय है कि कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के विकास और पुनर्वास हेतु जिला प्रशासन द्वारा बलौदाबाजार में सीएसआर मद से मनोविकास केंद्र संचालित किया जा रहा है। इस केंद्र में 45 से अधिक बच्चों को विशेष शिक्षा, चिकित्सा सहायता, व्यावसायिक प्रशिक्षण और समग्र विकास की सुविधाएं प्रदान किया जा रहा है। यह केंद्र जनवरी 2025 से शुरू हुआ है और अल्प समय मे ही बेहतर परिणाम सामने आने लगा है। विशेष शिक्षा, थेरेपी सेवाएं व्यावसायिक प्रशिक्षण,मनोवैज्ञानिक परामर्श और खेल व सांस्कृतिक गतिविधियां संचालित की जा राही हैं। साथ ही बच्चों को आत्मनिर्भर बनने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों से भी जोड़ा जाता है।
- -केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के कृषि मंत्रियों से की चर्चा-मंत्री श्री रामविचार नेताम हुए शामिल-मिशन हेतु प्रदेश के दंतेवाड़ा, जशपुर और कोरबा चयनितरायपुर। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कृषि के क्षेत्र में कम उत्पादकता वाले जिले, मध्यम फसल तीव्रता वाले जिले और औसत से कम ऋण वाले जिले के संतुलित विकास को ध्यान में रखते हुए 11 अक्टूबर को देश के किसानों के लिए दलहन मिशन और नेचुॅरल फॉरमिंग मिशन का शुभारंभ करेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के मंत्रियों से चर्चा कर तैयारियों का जाएजा लिया। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम शामिल हुए।गौरतलब है कि भारत के कृषि क्षेत्र को उत्पाकता में कमी, सिंचाई की सीमित उपलब्धता, ऋण सुविधा की कमी और फसल कटाई के बाद भंडारण की कमजोर व्यवस्था जैसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इन कमियों को दूर करने हेतु प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना प्रारंभ की जा रही हैै। जिसके अतंर्गत देश में 100 आकांक्षी जिलों को चयन किया गया है। इनमें छत्तीसगढ़ के 3 जिलों दंतेवाड़ा, जशपुर और कोरबा को शामिल किया गया है। इन जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने फसल विविधीकरण, सतत् खेती, सिंचाई सुधार और कृषि ऋण की सुलभता सुनिश्चित की जाएगी।वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में बताया गया कि देश में दलहन उत्पादकता का बढ़ाना दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना वर्ष 2024-25 में 244.93 लाख टन से बढ़ाकर 2030-31 तक 350 लाख टन दलहन का उत्पादन करना है। वहीं दलहन की खेती का रकबा बढ़ाकर 310 लाख टन करना है। बैठक में केंद्रीय मंत्री श्री चौहान के कहा कि दलों की आयात की जरूरत को समाप्त करते हुए आत्मनिर्भरता की आगे बढ़ना है। साथ ही बेहतर मूल्य स्थिरता के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करना।
- -घर लौटते समय सड़क दुर्घटना में हुआ घायल-आयुष्मान भारत योजना से हुआ निःशुल्क उपचाररायपुर । 32 वर्षीय शंकर गुप्ता पहले से ही शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं। रोज़ की तरह वे घर लौट रहे थे, इस दौरान आकस्मिक दुर्घटना में शंकर के पैर की हड्डियाँ चार जगहों से टूट गईं जिनमें घुटने का पटेला, फीमर और लांग बोन क्षति हुई। उन्हें तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने बताया कि स्थिति गंभीर है और सर्जरी ही एकमात्र उपाय है। आयुष्मान भारत योजना से शंकर का निःशुल्क उपचार हुआ, जिससे उसे नया जीवन मिला।बलरामपुर जिले के विकासखण्ड रामचन्द्रपुर अंतर्गत ग्राम चाकी निवासी 32 वर्षीय शंकर गुप्ता का इलाज का अनुमानित खर्च लगभग 80 हजार रुपये बताया गया। सीमित साधनों वाला परिवार असमंजस में था कि इतनी बड़ी रकम ईलाज के लिए कहाँ से लाए। ऐसी स्थिति में आयुष्मान भारत योजना उनके लिए संजीवनी बनकर आई। योजना के अंतर्गत उनका पूरा ईलाज निःशुल्क हुआ। सर्जरी, सीटी स्कैन और दवाइयाँ सभी इसी योजना के तहत कवर हुईं। सर्जरी सफल रही और अब शंकर की सेहत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। चिकित्सकों की निगरानी में वे पुनः खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं। ईलाज पूरा होने के बाद शंकर भावुक स्वर में कहते हैं, मैं पहले से दिव्यांग हूँ, दुर्घटना के बाद लगा कि अब शायद जीवनभर चल नहीं पाऊँगा। लेकिन आयुष्मान योजना मेरे लिए वरदान बन गई। यदि आयुष्मान योजना न होती तो मेरा ईलाज संभव नहीं था। सरकार की इस योजना ने मुझे न सिर्फ ईलाज, बल्कि दोबारा जीने का हौसला दिया है। शंकर गुप्ता की यह कहानी बताती है कि जब सरकारी योजनाएं सही जरूरतमंद तक पहुँचती हैं, तो वे किसी के लिए नया जीवन बन जाती हैं।








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