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- -व्यवस्था पर संतोष जताया मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने-छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालयों के शासन स्तर पर लंबित विषयों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी की औपचारिक मुलाकातरायपुर, / छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा आज प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से पहुना गेस्ट हाउस में मिले। मुलाकात के दौरान शासन स्तर पर लंबित छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालयों के विभिन्न विषयों पर औपचारिक चर्चा हुई। बैठक के पश्चात मुख्य न्यायाधीश औचक निरीक्षण हेतु केंद्रीय जेल रायपुर पहुंचे। यहां उन्होंने पुरूष बंदीगृह के सभी बैरकों का निरीक्षण किया तथा महिला बंदीगृह का भी निरीक्षण किया। उन्होंने जेल के अस्पताल का भी निरीक्षण किया। जेल में स्थायी रूप से चिकित्सक की नियुक्ति के बारे में जानकारी ली और इसकी पुष्टि की । चिकित्सक से उन्होंने बंदियों को दी जा रही चिकित्सा सुविधा व दवाईयों की जानकारी ली तथा बंदियों से भी इस संबंध में पूछताछ की।उन्होंने जेल में वीडियो कान्फ्रेसिंग रूम, विधिक प्रकोष्ठ का निरीक्षण कर जानकारी प्राप्त की। जेल में केन्टिन, बंदियों द्वारा संचालित प्रिंटिंग प्रेस, सिलाई-बुनाई कक्ष, शिक्षा केन्द्र इत्यादि का भी निरीक्षण किया। बंदियों से बातचीत करते हुए जानकारी प्राप्त की कि उन्हें जेल मेन्युअल के अनुरूप सुविधाएँ मिल रही है या नहीं। बच्चों के साथ रहने वाले महिला बंदियों के बारे में उन्होंने जेल अधीक्षक से महिला बंदियों के बच्चों को मिलने वाली सुविधाएँ जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा और उनके सर्वांगीण विकास हेतु व्यवस्था की जानकारी ली। जेल अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि जेल में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई हेतु शासन से मान्यता प्राप्त स्कूल संचालित है जिसमें संस्कृत की शिक्षा भी दी जा रही है। मुख्य न्यायाधीश द्वारा स्कूल का भी निरीक्षण किया गया।जेल में शिक्षा, स्वास्थ्य व साफ-सफाई की सुविधा पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया। निरीक्षण के समय वहां जेल अदालत चल रही थी। श्री भूपेन्द्र कुमार वासनीकर, मु. न्या. मजिस्ट्रेट, रायपुर द्वारा प्रकरणों में सुनवाई की जा रही थी। उन्होने जेल अधिकारियों को निर्देशित किया कि यदि किसी बंदी की अपील न्यायालय के समक्ष दो बार प्रस्तुत की गई है तो उस विषय की जानकारी त्वरित रूप से संबंधित न्यायालय को अवगत कराये। साथ ही उनके द्वारा यह भी जानकारी ली गयी कि कितनी बंदियों को विधिक सेवा प्रदान की जा रही है। वर्तमान में जेल की क्षमता कुल 1586 बंदियों की है जबकि जेल में बंदियों की कुल संख्या 3267 है जिसमें से पुरूष बंदियों की संख्या 3117 तथा महिला बंदियों की संख्या 150 है। निरीक्षण के समय संभागायुक्त डॉ. संजय कुमार अलंग, आईजी श्री रतनलाल डांगी, डीआईजी जेल सह केन्द्रीय जेल अधीक्षक श्री एस. एस. तिग्गा, एसएसपी श्री प्रशांत अग्रवाल, जेलर श्री एमएन प्रधान मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल श्री अरविन्द कुमार वर्मा, विधि विभाग, रायपुर के प्रमुख सचिव श्री रजनीश श्रीवास्तव एवं एडिशनल रजिस्ट्रार सह पीपीएस श्री एम. वी. एल.एन. सुब्रहमन्यम भी उपस्थित थे। ज्ञात हो कि मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा मात्र 03 माह के कार्यकाल में ही अनेक न्यायालयों व जेलों का औचक निरीक्षण करते हुए व्यवस्था में सुधार हेतु आवश्यक निर्देश जारी कर चुके हैं जिसके सकारात्मक परिणाम भी मिलने शुरू हो गये हैं।
- -मुख्यमंत्री ‘कोड-ए-थान‘ कार्यक्रम में हुए शामिल-स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल के 6 बच्चें हुए सम्मानितरायपुर, / युवाओं से भेंट-मुलाकात के दौरान युवा मुझे बताते है कि उन्हें कोडिंग आती है, एप बनाना आता है। हमारी पीढ़ी के लोगों को यह बात चकित कर सकती है, लेकिन आज की सच्चाई यही है। तकनीकी रूप से हम बहुत आगे बढ़ चुके है और इसका दायरा भी बढ़ रहा है। छोटे शहरों, कस्बों से लेकर गांवों तक युवा नई तकनीक के बारे में लगातार अपडेट रहते है और स्मार्टली सारे काम करते है। यह खुशी की बात है कि कोड-ए-थान के इस कार्यक्रम में आज स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल के 6 बच्चों को सम्मानित किया गया है। शासकीय स्कूल के बारे में पहले ऐसी कल्पना करना कठिन था। मैं सम्मानित सभी बच्चों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज शाम राजधानी रायपुर के निजी होटल में हिन्दुस्तान टाईम्स समूह द्वारा आयोजित ‘कोड-ए-थान‘ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद तथा स्वर्गीय डॉ. चन्दूलाल चन्द्राकर के श्री घनश्याम दास बिड़ला के साथ अच्छे संबंध रहे है। यही कारण है कि बिड़ला समूह से मेरा भावनात्मक जुड़ाव है। हमारे प्रिय स्वर्गीय डॉ. चंदूलाल चंद्राकर ने हिन्दुस्तान टाईम्स अखबार में अपनी सेवाएं दी थी। इसी तरह स्वामी आत्मानन्द जी भी बिड़ला हाउस में प्रतिवर्ष उपनिषद पर व्याख्यान देने जाते थे। श्री बघेल ने कहा कि कोड-ए-थान के माध्यम से युवाओं को नई तकनीक को जानने और समझने का अवसर मिला है। वर्तमान समय में इसकी आवश्यकता अधिक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि युवा ऊर्जा के सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने से बड़ी से बड़ी उपलब्धि आसानी से हासिल होती है और यह उपलब्धि व्यक्तिगत नहीं बल्कि समाज, प्रदेश व देश के लिए होती है। प्रदेश के युवाओं में असीम ऊर्जा है। केवल उसे सही दिशा देने की आवश्यकता है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार युवा ऊर्जा को सही दिशा देने के लिए लगातार काम कर रही है। हमारी सरकार शिक्षा के मंदिर अर्थात स्कूलों के जीर्णाेद्धार के लिए अलग से 1100 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। अंग्रेजी में शिक्षा के लिए 350 से अधिक स्वामी आत्मानंद शासकीय स्कूल खोले गए है। मुख्यमंत्री ने तकनीक के अच्छे व बुरे प्रभावों के बारे में भी अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इसका सही उपयोग देश को आगे बढ़ने में मदद करेगा, लेकिन इसके दुष्प्रयोग से भयावह परिणाम हो सकते है। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश के युवाओं को केवल कक्षा 12वीं तक ही अंग्रेजी माध्यम में शिक्षित नहीं करना चाहते बल्कि उन्हें अंग्रेजी में उच्च शिक्षा देने के लिए 10 अंग्रेजी महाविद्यालय खोलने का भी निर्णय लिया है। सम्बोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानंद स्कूल के अस्तित्व में आने की पूरी कहानी बच्चों से साझा की।मुख्यमंत्री ने बच्चों के सवालों का दिए जवाबकोड-ए-थान कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री और स्कूली छात्राओं के बीच संवाद हुआ और उन्होंने बच्चों के जिज्ञासाओं के जवाब भी दिए। स्वामी आत्मानंद स्कूल के छात्र द्वारा शिक्षा और रोजगार को लेकर सवाल पूछने पर मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षा और रोजगार साथ साथ चलते है, शिक्षा और रोजगार सबको मिलना चाहिए। लेकिन एक बात जरूरी है कि शिक्षा लेकर रोजगार की तरफ बढ़ने से आप अधिक बेहतर परिणाम दे सकते है। यदि पसन्द के फील्ड में आगे बढ़े तो सफलता की संभावना अधिक रहती है। गांधी जी मेधावी नहीं थे, लेकिन उन्होंने सही रास्ता चुना और उनको आज दुनिया जानती है। एक छात्रा ने मुख्यमंत्री से पूछा कि आईएएस बनने के लिए क्या करना होगा? जवाब में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि समय का पाबंद होने से सफलता मिलेगी। सभी कामांे को तय समय में करने पर आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है। आईएएस बनना सरल है लेकिन आईएएस बनकर समाज और देश के लिए समर्पित होकर कार्य करने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी है। आप मुख्यमंत्री कैसे बने? एक बच्चे के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि लगातार आमजनों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करते रहना और मुख्यधारा में रहकर उनका नेतृत्व करने से यह सफलता मिली है इसका कोई शॉर्टकट नहीं है।
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-सहयोगात्मक शोध से उत्तम परिणाम प्राप्त करने पर की गई चर्चा'
रायपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर, के सिविल इंजीनियरिंग विभाग ने 3 अगस्त 2023 को प्रोफेसर विकास ठाकुर, वाइस डीन (सस्टेनिबिलिटी), इंजीनियरिंग सदस्य, नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस और टेक्नोलॉजी (एनटीएनयू), नॉर्वे के साथ एक वार्ता सत्र आयोजित किया। इसके पहले प्रोफेसर विकास ठाकुर एनटीएनयू नॉर्वे के सिविल और पर्यावरण यांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख थे। प्रोफेसर विकास ठाकुर एनआईटी रायपुर के सिविल इंजिनियरिंग के 2001 बैच के छात्र रहे हैं।
इस दौरान, प्रोफेसर विकास ठाकुर ने एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव के साथ मुलाकात की, जहाँ उन्होंने संस्थानों के बीच संभावित अनुसंधान और शैक्षिक सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा की। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ. शिरीष वी. देव और विभाग के सदस्यों से भी मुलाकात की। कैरियर डेवलपमेंट सेंटर के प्रमुख डॉ. समीर बाजपेयी ने पौधा देकर उनका स्वागत किया। इस वार्ता में विभिन्न अनुसंधान विषयों, जैसे कि कचरे का प्रबंधन, भूमिगतिकी का उपयोग, शून्य कार्बन सड़क निर्माण, भूभौतिक यांत्रिकी, और सिविल इंजीनियरिंग में सस्टेनिबिलिटी, आदि के बारे में बात की गई।इस सत्र से यह निष्कर्ष निकला कि विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की सहयोगपूर्ण अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रोफेसर ठाकुर ने यह बताया कि विविध डोमेन के विशेषज्ञों द्वारा आपसी सहयोग से किए गए अनुसंधान कार्य कुछ आकर्षक और नए परिणाम ला सकते हैं | यह सत्र महत्वपूर्ण क्षेत्रों के प्रमुख पहलुओं पर विचार करने में सफल रहा, इस दौरान शैक्षिक और अनुसंधान सहयोग की संभावनाओं पर भी विचार विमर्श किया गया।प्रोफेसर ठाकुर ने संस्थान में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय की अपनी पुरानी यादों को भी ताजा किया। अंत में सिविल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर और मीटिंग समन्वयक, डॉ. एल. के. यदु ने धन्यवाद ज्ञापन दिया । -
बालोद। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ में पर्यटन के विकास के लिए तेजी से निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। यहां सैलानियों के लिए सुविधाओं सहित सुगम पहुंच का भी ध्यान रखा जा रहा है। इसी कड़ी में जल्द ही सैलानियों को ’तांदुला इको फ्रेंडली टूरिज्म पार्क’ की सौगात मिलने वाली है। बालोद जिले की प्रमुख एवं जीवनदायिनी तांदुला नदी में निर्मित तांदुला जलाशय के तट स्थित मनोरम प्राकृतिक वादियों को सैलानियों के लिए विकसित किया जा रहा है।
संयुक्त जिला कार्यालय बालोद के समीप आदमाबाद में निर्माणाधीन ’तांदुला इको फ्रेंडली टूरिज्म पार्क’ का निर्माण कार्य लगभग पूर्णता की ओर है। उल्लेखनीय है कि आदमाबाद के समीप स्थित तांदुला जलाशय का तट जंगल एवं हरे-भरे वृक्षेों से आच्छादित होने तथा बेहतरीन प्राकृतिक परिवेश और जरूरी सुविधाओं से युक्त होने के कारण सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। इस पर्यटन स्थल के विकसित हो जाने से बड़ी संख्या में सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। पार्क के सामने आकर्षक मुख्य द्वार का निर्माण किया जा रहा है। यहां पर्यटकों के रूकने के लिए कार्टेज, मचान, टेंट हाउस के अतिरिक्त रेस्टोरेंट, वाटर बॉडी, बुद्धा स्टेच्यू, गार्डन आदि निर्माण कार्य किया जा रहा है। यहां चम्पा के फूलों के अलावा फलदार पौधों का रोपण भी कराया जा रहा है। तांदुला जलाशय पर्यटन स्थल को आकर्षक एवं सुसज्जित बनाया जा रहा है, जिससे कि छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य राज्यांे से भी पर्यटक यहां आएं। पर्यटन स्थल में विभिन्न स्टॉल भी स्थापित किया जाएंगे। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल सकंेगे। -
चार वर्षों में 2763 देवगुड़ी के लिए राशि 5185.83 लाख रुपए स्वीकृत
आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने देवगुड़ी की राशि एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख तक
रायपुर । आदिवासी संस्कृति की अपनी एक विशिष्ट पहचान है। उनकी बोली भाषा, संस्कृति, परम्परा से, रीति रिवाजों से जाना जाता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस पर 9 अगस्त 2022 से शासकीय अवकाश का लाभ देकर उनकी बरसों की मांग पूरी कर दी है। ताकि अपने रीति रिवाजों और त्योहार को हर्षाेल्लास के साथ मना सकें छत्तीसगढ़ शासन उनके विकास के लिए अनेकों काम कर रही है। आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी सांस्कृतिक का परिक्षण एवं विकास योजनान्तर्गत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में आदिवासियों के पूजा एवं श्रद्धा स्थलों पर देवगुड़ी के निर्माण मरम्मत योजना संचालित है। विगत साढ़े चार वर्षों में देवगुड़ी ठाकुरदेव एवं सांस्कृतिक केंद्र घोटुल निर्माण, मरम्मत योजना अंतर्गत प्रदाय की जाने वाली राशि में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि की गई है। प्रति देवगुड़ी की राशि 1 लाख रूपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए प्रति देवगुड़ी कर दिया गया। योजना के स्वरूप राशि में 5 गुना वृद्धि हुई है। इसके साथ ही अबुझमाड़िया जनजाति समुदायों में प्रचलित घोटुल प्रथा को संरक्षित रखने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ शासन ने विगत चार वर्षों में 2763 देवगुड़ी के लिए राशि 5185.83 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। साथ ही अबुझमाड़िया संस्कृति के विकास और उत्थान के लिए बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में 104 घोटुल निर्माण के लिए राशि 470.00 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। आदिवासी के त्योहारों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना अंतर्गत आदिवासियों में तीज,सरना,देवगुड़ी,नवाखाई,छेरछेरा, अक्ती,हरेली त्यौहारों, उत्सवों मेला,मड़ई जात्रा आदि पर्व की परम्परागत संस्कृति का विकास और उनके आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण करने के लिए योजना की शुरुआत की गई है। अनुसूचित क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि 10 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना के क्रियान्वयन के लिए राशि 5 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2023-24 में वित्तीय नियमानुसार प्रथम किस्त की राशि 5 हजार के मान से 5633 ग्राम पंचायतों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में राशि 281.85 लाख हस्तांतरित की गई। -
-टी. सहदेव
भिलाई नगर। मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से तालपुरी में जश्न का माहौल है। जैसे ही टीवी चैनलों में शुक्रवार दोपहर उनकी सजा पर रोक लगने की खबर प्रसारित की गई, कांग्रेसी खेमे, कार्यकर्ताओं और कॉलोनी में खुशी की लहर दौड़ गई। कल दोपहर से ही लोगों की नजर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई थी। पार्टी कार्यकर्ता और लोगों ने इस मौके पर एक-दूसरे का मुंह मीठा किया।
जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं वार्ड अध्यक्ष अमनदीप सोढ़ी ने सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह असत्य पर सत्य की जीत है और इसे नफरत पर मोहब्बत की जीत के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि न्यायालय पर कांग्रेस का शुरू से ही विश्वास रहा है। श्री सोढ़ी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने विश्वास को और भी प्रगाढ़ किया है। जश्न में एसोसिएशन के अध्यक्ष यमलेश देवांगन, आरके दत्ता, असीम सिंह, ओमवीर सिंह, आरएस कन्नौजिया, दुर्योधन रेड्डी, आरआर शर्मा आदि शामिल हुए। -
रायपुर। मौसम विभाग ने आने वाले 72 घंटों के लिए दुर्ग समेत कई जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। आने वाले 3 दिनों तक यहां भारी बारिश होने की संभावना है। रायपुर, सरगुजा और बस्तर संभाग के कुछ जिलों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
दुर्ग जिले में गुरुवार और शुक्रवार से लगातार बारिश हो रही है। इससे जिले के सभी तालाब, डैम, नदी और नाले उफान पर हैं। बीते 24 घंटों में दुर्ग जिले में 90.7 मिमी बारिश हो चुकी है। बुधवार रात को 57.2 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। गुरुवार शाम 5 बजे तक 18.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। शुक्रवार को 15.3 एमएम बारिश दर्ज की गई। लगातार बारिश होने से सभी अंडरब्रिज में पानी भर गया है। सड़कों के ऊपर से पानी बह रहा है। निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन रही है।
भिलाई के सभी अंडरब्रिज में जल भराव होने लगा है। हालत यह है कि सुपेला और चंद्रा-मौर्या अंडर ब्रिज को पानी भरने की वजह से बंद कर दिया है। फिर भी लोग यहां से जान जोखिम में डालकर आना-जाना कर रहे हैं। यही हालात नेहरू नगर, पावर हाउस और दुर्ग ओवर ब्रिज का भी है। -
रायपुर । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में पूर्व मंत्री और लोकप्रिय नेता स्वर्गीय श्री महेंद्र कर्मा की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे नमन किया । इस अवसर पर सांसद श्री दीपक बैज एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी भी उपस्थित थे । मुख्यमंत्री ने उन्हें याद करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता और मंत्री के रूप में महेन्द्र कर्मा जी ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली और छत्तीसगढ़ के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया। वे सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, बल्कि एक बेहद संवेदनशील, जागरूक और भावुक इंसान भी थे। कर्मा जी आदिवासियों के हक की हर लड़ाई में दमदारी से अपनी बात रखते थे, इसलिए वे बस्तर टाइगर के नाम से भी जाने जाते थे। उनके जैसे निःस्वार्थ व्यक्ति और अच्छे मित्र का साथ मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। कर्मा जी ने जीवन के अंतिम क्षण तक आदिवासियों की बेहतरी के लिए संघर्ष किया। झीरम घाटी नक्सल हमले में उनकी शहादत छत्तीसगढ़ भुला नहीं पाएगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि श्री कर्मा की स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए राज्य सरकार ने बस्तर विश्वविद्यालय का नामकरण उनके नाम पर किया और उनके नाम पर प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना प्रारंभ की गई है। उन्होंने कहा कि कर्मा जी के विचार और जीवन मूल्य हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे। -
रायपुर। राज्य शासन द्वारा ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने एवं रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से रीपा योजना प्रारंभ किया गया है। जिसके तहत राज्य के विभिन्न ब्लॉकों में व्यवसाय एवं लघु उद्योगों को प्राथमिकता के साथ बढ़ावा दिया जा रहा है। रीपा योजना किस तरह से रोजगार मूलक कार्यों के माध्यम से लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है, इसकी एक बानगी रायगढ़ जिले के बैहामुड़ा में स्थित रीपा में देखने को मिली। रीपा रोजगार मूलक कार्यों के साथ उद्यमी सृजित करने का कार्य यहां किया जा रहा है। यहां की निवासी सुश्री ऐश कुमारी राठिया, जिन्होंने स्नातक और डीसीए की शिक्षा प्राप्त की है। उसके पश्चात उन्होंने रीपा में स्वयं का सीएससी सेंटर प्रारंभ किया है। जहां ऑनलाइन फार्म, आधार से पैसा निकासी, फोटो कापी, टाइपिंग, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफी जैसे कार्य कर रही है। वर्तमान में अपने काम को विस्तार देते हुए कियोस्क शाखा प्रारंभ करने की ओर कार्य कर रही है। जिससे ग्रामीणों को गांव में ही बैंक की सुविधा मिल सके एवं खाता खुलवाने, फसल बीमा, केवाईसी की सुविधा उपलब्ध हो सकें। ऐश कुमारी गांव के बुजुर्गों को पैसे निकासी हेतु घर पहुंच सेवा भी प्रदान करती हैं। उन्होंने बताया कि यह सब रीपा के कारण संभव हो पाया हैं, जहां उन्हें वर्किंग शेड, जरूरी तकनीकी उपकरण के साथ हर कार्य में सहयोग मिल रहा हैं। जिससे वह हर माह 12 से 15 हजार रुपये तक की आय अर्जित कर पा रही हैं।
इसी तरह रायगढ़ के ही विकासखंड पुसौर के ग्राम तरड़ा निवासी सुश्री ममता पाव ने रीपा तरडा में सीएससी सेंटर संचालित कर रही है। उनके द्वारा आधार कार्ड, पेन कार्ड, श्रमिक कार्ड बनाने के साथ ही पेंशन के ऑनलाईन फार्म भरने जैसे सभी कार्य किए जा रहे है। रीपा में भी सीएससी सेंटर चलाने हेतु 01 लाख का वर्किंग केपिटल दिया गया। साथ ही वर्किंग शेड भी प्रदान किया गया। जहां से ममता पाव अपना कार्य संचालित करती है। उनके द्वारा रकम निकासी की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही कालेज के ऑनलाईन फार्म भरे गये। जिससे उन्हें लगभग 20 हजार रुपये तक की आय प्राप्त हो रही है। सीएससी सेंटर प्रारंभ होने से गांव में ही ग्रामीणों को काफी सहायता मिल रही है। -
कोरिया। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 जिले में मतदाताओं को जागरुक करने के उद्देश्य से स्वीप कैलेण्डर तैयार कर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है। जिसके अंतर्गत मतदाताओं को मतदान करने के लिए अभिप्रेरित किया जा रहा तथा निर्वाचन प्रक्रिया से अवगत कराया जा रहा है।
माह अगस्त 2023 में स्वीप गतिविधि कैलेण्डर के अनुसार 07 अगस्त को महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राऐं स्वीप संकल्प कॉलेज एम्बेस्डर गतिविधयो का आयोजन महाविद्यालय कक्ष में संपन्न होगा जिसके नोडल अधिकारी कॉलेज प्राचार्य व ब्लॉक नोडल स्पीप समिति होगें, 11 अगस्त को समस्त उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय में न्यू वोटर का चिन्हाकंन कर ईपिक के साथ तिलक लगाकर सम्मान किया जायेगा जिसके नोडल समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी व समस्त प्राचार्य होगें, 17 अगस्त को महाविद्यालयों में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं न्यू वोटर का चिन्हाकंन व ईपिक के साथ न्यू वोटर का कार्यक्रम मतदान से अवगत कराना जिसके नोडल महाविद्यालय के प्राचार्य होगें, 18 अगस्त को जनपद पंचायत सोनहत और बैकुण्ठपुर के सभाकक्ष में स्वीप कार्यशाला अंतर्गत स्व.सहायता समूह के पदाधिकारी (चुनई तिहार एवं चिन्हारी लोकतंत्र के) कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। जिसके नोडल अधिकारी जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी होगें। -
कोरिया। कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार जिले में खुले में विचरण करने वाले घुमंतु पशुओं से सड़क हादसों से होने वाले पशु हानि एवं जनहानि से बचाव हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग 43 एवं अन्य मार्गाे के आस-पास घुमंतु पशुओ में रेडियम बेल्ट लगाने एवं टैग लगाने का अभियान चलाया जा रहा है।
पशु चिकित्सा सेवायें कोरिया के उप संचालक ने बताया कि इस अभियान के क्रियान्वयन हेतु विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियोें के 06 दल गठित किये है। जिसमें पशु चिकित्सकों के साथ-साथ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी, पीएआईडब्लू एवं पशुधन मित्रों को दायित्व सौपा गया है। अभियान दल के द्वारा नगर पालिका के कर्मचारियों के सहयोग से नगर के मुख्य मार्ग एवं चौक-चौराहों में घुमने वाले घुमंतु पशुओं के गले में रेडियम बेल्ट एवं कानो में टैग लगाया जा रहा है। साथ ही पशुओं को घरों में बांधकर रखने की सलाह देकर लोगो को जागरूक भी किया जा रहा है। वर्तमान में जिले में कुल 501 घुमंतु पशुओं का रेडियम बेल्ट एवं 109 पशुओं के कानों में टैग लगाया जा चुका है तथा जिस पशु के मालिक के पहचान नही हो रही उसे गौठान में भेजा जा रहा है।
उन्होनें बताया कि रेडियम बेल्ट लगाने से रात्रि में वाहनों की हेड लाईट की रौशनी से पशुओ को बांधे जाने वाले बेल्ट चमकते है एवं वाहन चालक सतर्क हो जाते है जिससे आमजनों के साथ-साथ पशु भी घायल होने से बचेगें। इस सार्थक प्रयास से रात्रि में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है।
पशु विकास विभाग के उप संचालक ने की अपील -
उन्होनें पशुपालकों से आग्रह एंव अपील कि है कि अपने-अपने पशुओं को खुले मे न छोड़े एवं टैगिगं-रेडियम बेल्ट लगाने में पशुधन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के दल को सहयोग कर जनहानि एवं पशुहानि से होने वाले दुर्घटना से बचें।
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छत्तीसगढ़ के जंगलों की प्राकृतिक शुद्धता की पूरे देश में बिखरेगी छटा
स्व-सहायता समूह की महिलाओं की समृद्धि के लिए तीन सरकारी संस्थाओं का एमओयू
रायपुर। यह छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक क्षण है, जब वनवासियों के सतत् विकास, आजीविका और महिला सशक्तिकरण की दिशा में तीन सरकारी संस्थान साथ आए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वन उपज सहकारी संघ, आईआईएम रायपुर और केंद्रीय भंडार ने छत्तीसगढ़ हर्बल्स को लेकर एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इस एमओयू के तहत सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज को-ऑपरेटिव के सभी केंद्रीय भंडार स्टोर्स पर अब छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद उपलब्ध होंगे। प्रदेश की स्व-सहायता समूह की महिलाओं के आर्थिक विकास और समृद्ध भविष्य के लिए यह तीनों संस्थाएं मिलकर काम करेंगी, इससे वनवासी ग्रामीण महिलाओं और वन संग्राहकों की मेहनत को अब देश भर में नई पहचान मिलेगी।
इस एमओयू का सबसे बड़ा लाभ वनवासी महिलाओं को मिलेगा, जो हर दिन कड़ी मेहनत, लगन और विश्वास से छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद बना रही हैं। इनके बनाए उत्पादों को राष्ट्र व्यापी बाजार सुलभता से उपलब्ध होगा। छत्तीसगढ़ हर्बल्स भारत का पहला लघु वनोपज आधारित ब्रांड बनने की दिशा में तेजी से विकसित हो रहा है। प्रदेश के जंगलों की प्राकृतिक शुद्धता अब पूरे देश में पहुंचेगी और राज्य की इन वनवासी महिलाओं को अतिरिक्त आमदनी होगी। वे स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ेगी।
आदिवासी महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए गए छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए आईआईएम रायपुर केंद्रीय भंडार के कर्मचारियों को रिटेल मैनेजमेंट का प्रशिक्षण प्रदान करेगा। केन्द्रीय भंडार को आईआईएम रायपुर की प्रशिक्षण विशेषज्ञता से लाभ होगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में लघु वनोपजों के संग्रहण के साथ-साथ उनके प्रसंस्करण तथा विपणन आदि की सुगम व्यवस्था के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
एमओयू पर हस्ताक्षर के अवसर पर सीजीएमएफपी फेडरेशन के प्रबंध निदेशक श्री अनिल राय ने कहा कि ये छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है कि तीन बड़ी सरकारी संस्थाएं ग्रामीण महिलाओं के बनाए उत्पाद छत्तीसगढ़ हर्बल्स की बिक्री के लिए सहयोग करेंगे। जिससे स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी।
आईआईएम रायपुर के निदेशक डॉ. राम कुमार काकानी ने कहा कि आईआईएम रायपुर पूर्ण रूप से छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की आजीविका की समृद्धि में सहयोग करेगा। हमारे विशेषज्ञों की टीम केंद्रीय भंडार के कर्मचारियों और राज्य लघु वनोपज संघ के साथ मिलकर निरंतर बेहतर काम करने के लिए संकल्पित है।
केंद्रीय भंडार के प्रबंध निदेशक डॉ. मुकेश कुमार ने वीडियो के माध्यम से शुभकामनाएं संदेश में कहा कि हमारे और पूरे देश के लिए यह स्वर्णिम अवसर है कि अब छत्तीसगढ़ आदिवासी भाई-बहनों के बनाएं प्रोडक्ट देशभर के केंद्रीय भंडार स्टोर्स पर उपलब्ध होंगे। आईआईएम रायपुर के विशेषज्ञ दिल्ली आकर केंद्रीय भंडार के कर्मचारियों को ट्रेनिंग देंगे। छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद के प्रमोशन और बिक्री से हम उन लाखों वनवासियों को आर्थिक सशक्त करने के लिए सहयोग करेंगे। -
स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन देने भारत पिचाथॉन 9 अगस्त को*
*नए स्टार्टअप को लगेंगे पंख, नए निवेशक भी मिलेंगे*
रायपुर / राज्य के ग्रामीण शहरी इलाकों के युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए शार्क टैंक की तर्ज़ पर पिचाथॉन का आयोजन रायपुर में किया जाएगा। ग्रामीण औद्योगिक पार्कों से जुड़े रोजगार-आजीविका मूलक कामों के साथ स्थानीय स्टार्टअप को आगे बढ़ाने में इस पिचाथॉन की बडी भूमिका होगी। स्थानीय युवा उद्यमियों को अपना व्यवसाय शुरू करने और उसे सफलता पूर्वक आगे बढ़ाने के लिए जरूरी मार्गदर्शन और सलाह भी पिचाथॉन में मिलेगी। इस आयोजन में प्रदेश के युवा उद्यमी और स्टार्टअप अपने बिज़नेस आईडिया सफल उद्यमियों और निवेशकों को बताएंगे। पसंद आने पर रूचि अनुसार निवेश इस पिचाथॉन केे स्टार्टअप और बिजनेस आईडिया में निवेश भी कर सकते हैं। रायपुर जिले के रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क (रीपा), आईआईटी और एनआईटी के साथ मिलकर हेडस्टार्ट नेटवर्क फाउंडेशन द्वारा इस पिचाथॉन का आयोजन किया जा रहा है।
जिला पंचायत के सीईओ श्री अबिनाश मिश्रा ने बताया कि इस आयोेजन में भाग लेने के लिए स्थानीय उद्यमियों एवं संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उद्यमी www.headstart.in वेबसाईट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदनों की स्क्रूटनी कर चयनित स्थानीय उद्यमियों को 09 अगस्त को रायपुर शहर के सिविल लाइन फस्टअप स्पेस कार्यालय में भारत पिचाथॉन 2.0 में शामिल किया जाएगा। चयनित स्थानीय उद्यमियों के स्टार्टअप संबंधी प्रेजेंटेशन एवं चर्चा चयन समिति द्वारा किया जाएगा। इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रायोजक भी शामिल होंगेे जो उद्यमियों को उनके आवश्यकता अनुसार वित्तीय सहयोग और तकनीकी सहायता भी प्रदान करेंगे।
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*गांव-गांव रथ के माध्यम से किसानों को फसल बीमा कराने दिया जाएगा संदेश*
*कलेक्टर की अपील: 16 अगस्त तक किसान भाई करांए अपनी फसलों का बीमा*
रायपुर / प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रचार-प्रसार हेतु कलेक्टर द्वारा रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया। जिले के लिए एचडीएफसी जनरल इंश्योरेंस कंपनी को बीमा हेतु चयनित किया गया है।
योजना के माध्यम से जिला रायपुर हेतु खरीफ में मुख्य फसल-धान सिंचित एवं असिंचित के साथ अन्य फसल-मक्का, कोदों, कुटकी, रागी, सोयाबीन, मूंगफली, तुअर (अरहर), मूंग एवं उड़द को अधिसूचित किया गया है तथा बीमा आवेदन की अंतिम तिथि 16 अगस्त तक निर्धारित की गई है।
कलेक्टर ने सभी किसान भाईयों से अपील की है कि किसान भाई समय-सीमा को ध्यान में रखते हुए तत्काल अपनी फसलों का बीमा कराएं। बीमा करवाने के लिए क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से या बीमा कंपनी के प्रतिनिधि के माध्यम से या अपने नजदीकी बैंक शाखा को-ऑपरेटिव सोसायटी, पोस्ट ऑफिस एवं लोक सेवा केन्द्र से बीमा आवेदन कर सकते हैं। जिससे विपरीत परिस्थिति आने पर बीमा आवरण का लाभ मिल सके एवं हानि से बच सकें।
उल्लेखनीय है कि राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के कारण फसल नष्ट होने की स्थिति में किसानों को बीमा कव्हरेज और इसकी सहायता प्रदान की जाती है, ताकि कृषि में होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके। खरीफ फसलों के अंतर्गत धान सिंचित एवं असिंचित, मक्का, सोयाबीन, अरहर, मूंग एवं उड़द अधिसूचित फसलें हैं, जिनका बीमा किसान करा सकते हैं। उक्त फसलों का बीमा कराने के लिए किसानों को प्रीमियम राशि का मात्र 2 प्रतिशत राशि देनी होती है, शेष राशि का वहन शासन द्वारा किया जाता है।
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दुर्ग / विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए विधानसभा क्षेत्र वार नियुक्त सेक्टर अधिकारियों का 07 अगस्त 2023 को दोपहर 12.00 बजे बी.आई. टी. ऑडिटोरियम दुर्ग में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है । जिसमें सभी सेक्टर अधिकारियों को राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर तथा जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर द्वारा विस्तृत प्रशिक्षण दिया जायेगा। सभी सेक्टर अधिकारियों को निर्धारित स्थान एवं समय पर अनिवार्यतः उपस्थिति सुनिश्चित करने कहा गया है। अनुपस्थित सेक्टर अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
- बिलासपुर,/कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के निर्देश पर कृषि विभाग द्वारा खरीफ 2023 में जिले के किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए विभिन्न कृषि आदान-सामग्री विक्रय प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान 5 प्रतिष्ठानों में नियमों का उल्लंघन एवं गड़बड़ी पाये जाने पर उन्हें नोटिस जारी कर कड़ी चेतावनी दी गई। उप संचालक कृषि श्री पी.डी. हथेश्वर के मार्गदर्शन में उर्वरक, कीटनाशक एवं बीज निरीक्षक श्री आर.एस. गौतम द्वारा यह कार्यवाही की गई।इस दौरान सेवा सहकारी समिति, मोपका में उर्वरक लाईसेंस की अनुज्ञप्ति कार्यालय में उपलब्ध नहीं होने एवं मूल्य सूची प्रदर्शित नहीं होने पर नोटिस दिया गया। में. कौशिक कृषि केन्द्र, हरदीकला में कीटनाशक एवं बीज विक्रय में निर्धारित बिल एवं स्टाक पंजी संधारित नहीं करने एवं मे. लक्ष्मी खाद भंडार, हरदीकला के द्वारा कीटनाशक बिक्री में निर्धारित बिल बुक, स्टाक पंजी एवं मूल्य सूची नहीं लगाने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर नियमों का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया। नियमों का पालन नहीं करने पर लायसेंस निलंबन की कार्यवाही हेतु चेतावनी दी गई। इसी तरह शनिचरी बाजार स्थित में. नवीन कृषि केन्द्र एवं मे. गोयल कृषि केन्द्र के द्वारा भी कीटनाशक बिक्री में निर्धारित बिल बुक एवं स्टाक पंजी का संधारण नहीं किए जाने के फलस्वरूप नियमों के पालन हेतु 3 दिवस का समय देकर नोटिस जारी करते हुए लायसेंस निलंबन हेतु कड़ी चेतावनी दी गई।
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बिलासपुर/उद्यानिकी फसल उत्पादन कर रहे किसानों के लिए टमाटर, बैगन, अमरूद, केला, पपीता, मिर्च एवं अदरक के लिये खरीफ वर्ष 2023 अंतर्गत पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से भारतीय कृषि बीमा कंपनी के द्वारा संचालित की जा रही है। उप संचालक उद्यानिकी से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के इच्छुक ऋणी एवं अऋणी कृषक 16 अगस्त 2023 तक निकटतम राष्ट्रीय बैंक शाखा, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, जिला सहकारी बैंक, प्राथमिक सहकारी समितियों, लोक सेवा केन्द्र, भारत सरकार की बीमा पोर्टल अथवा डाक विभाग के माध्यम से फसल बीमा करा सकते है। योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए उद्यानिकी विभाग में कार्यरत अधिकारियों एवं बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क किया जा सकता है। इस हेतु बीमा कंपनी के प्रतिनिधि श्री थानेश्वर साहू मो0न0 99071-22727, बिल्हा में उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी श्री अशोक कुमार परस्ते 94796-19829, तखतपुर में उद्यान विकास अधिकारी श्री जेनेन्द्र कुमार पैंकरा 62659-81957, कोटा में वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी श्री साधूराम नाग 91654-90297 एवं मस्तूरी में प्रभारी उद्यान अधीक्षक श्री आरके जगत 80852-80923 से संपर्क कर अधिक जानकारी ली जा सकती है।
चयनित उद्यानिकी फसलों खरीफ के लिए किसानों द्वारा द्वेय प्रीमियम दर बीमित राशि का 5 प्रतिशत है। बिलासपुर जिले में खरीफ मौसम के फसलों हेतु 150 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित है। अधिसूचित फसल टमाटर के लिए प्रति एकड़ बीमित राशि 1 लाख 20 हजार रुपए एवं कृषक अंश राशि 6 हजार, बैगन के लिए बीमित राशि 77 हजार रुपए एवं कृषक अंश राशि 3 हजार 850 रुपए, अमरुद के लिए बीमित राशि 45 हजार रुपए एवं कृषक अंश राशि 2 हजार 250, केला के लिए बीमित राशि 1 लाख 65 हजार रुपए एवं कृषक अंश राशि 8 हजार 250 रुपए, पपीता के लिए बीमित राशि 1 लाख 25 हजार रुपए एवं कृषक अंश राशि 6 हजार 250, मिर्च के लिए बीमित राशि 90 हजार रुपए एवं कृषक अंश राशि 4 हजार 500 रुपए और अदरक के लिए बीमित राशि 1 लाख 50 हजार रुपए एवं कृषक अंश राशि 7 हजार 500 रुपए निर्धारित है।
किसानों के हानि का मूल्यांकन अधिसूचित क्षेत्र में स्थापित स्वचलित मौसम केंद्र से प्राप्त 4 आवरित जोखिमों जैसे कम या अधिक तापमान, कम या अधिक या बेमौसम वर्षा, वायु गति, कीट एवं व्याधि प्रकोप के अनुकूल मौसम के प्रमाणित आंकड़ों एवं अधिसूचित टर्मशीट के अनुसार दावा गणना की जाएगी। दावा राशि का भुगतान सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा। किसानों को फसल क्षति की संबंधित सूचना बीमा कंपनी को देने की आवश्यकता नहीं है। स्थानीय आपदाएं अंतर्गत ओला वृष्टि एवं चक्रवाती हवाअेां से फसलों में नुकसान होने पर 72 घंटों के भीतर बीमित फसलों के ब्यौरे, क्षति की मात्रा, क्षति का कारण, फोटो इत्यादि के साथ किसान सूचित करें।*जरूरी दस्तावेज -* नवीनतम आधारकार्ड की कॉपी, नवीनतम भूमि प्रमाण पत्र, बी 1, पी 2 की कॉपी, बैंक पासबुक के पहले पन्ने की कॉपी जिस पर एकाउंट नंबर, आईएफसी कोड, बैंक का पता साफ दिखाई दे रहा हो। फसल बुआई प्रमाण पत्र अथवा प्रस्तावित फसल बोने के आशय का स्वघोषणा पत्र, किसान का वैद्य मोबाईल नंबर, बटाईदार, कास्तकार, साझेदार किसानों के लिए फसल साझा अथवा कास्तकार का घोषणा पत्र।
- बालोद.. विधानसभा आम निर्वाचन 2023 के लिए अभ्यर्थियों द्वारा प्रचार-प्रसार के लिए उपयोग में लाये जाने वाले आवश्यक सामग्री की दर निर्धारण समिति की बैठक आज कलेक्टोरेट बालोद स्थित उप जिला निर्वाचन अधिकारी के कक्ष में आयोजित की गई। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री योेगेन्द्र श्रीवास, सहायक आयुक्त आबकारी श्री राजेश जयसवाल, जिला जनसंपर्क अधिकारी श्री चंद्रेश ठाकुर, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग विद्युत यांत्रिकी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
- -मुख्य न्यायाधिपति श्री सिन्हा सहित न्यायाधिपतिगणों ने अर्पित की श्रद्धांजलिरायपुर, /छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के प्रथम माननीय मुख्य न्यायमूर्ति डब्ल्यू. ए. शिशॉक के दुखद निधन पर आज उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा, माननीय न्यायाधिपतिगण, अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री राघवेन्द्र प्रधान, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक परिषद के प्रतिनिधि श्री प्रफुल्ल एन. भारत, डिप्टी सॉलिसिटर जनरल श्री रमाकान्त मिश्रा, हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री अब्दुल वहाब खान, अधिवक्तागण तथा रजिस्ट्रार जनरल सहित रजिस्ट्री के समस्त अधिकारीगणों की संयुक्त उपस्थिति में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।माननीय मुख्य न्यायमूर्ति डब्ल्यू. ए. शिशॉक का दुखद निधन 03 अगस्त, 2023 को 82 वर्ष की उम्र में इम्फाल में हुआ। उनका जन्म 01 जनवरी, 1941 को मणिपुर के उखरूल जिले के आदिवासी गांव में हुआ था। उन्होंने 1963 में स्नातक करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. की परीक्षा उत्तीर्ण कर सन् 1967 से वकालत प्रारंभ किया। वे संवैधानिक एवं प्रशासनिक मामलों में दक्ष थे। वे नागालैण्ड सरकार के वरिष्ठ शासकीय अधिवक्ता के रूप में कार्यरत थे एवं नागालैण्ड अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष भी रहे।इनकी प्रथम नियुक्ति न्यायाधीश के रूप में 02 जनवरी, 1989 को गोहाटी उच्च न्यायालय के कोहिमा बेन्च में हुई, तत्पश्चात् 04 दिसम्बर 2000 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में प्रथम मुख्य न्यायाधिपति के रूप में इनकी नियुक्ति हुई तथा 24 जनवरी, 2002 को हिमांचल प्रदेश हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधिपति के रूप में स्थानान्तरण हुआ। श्री शिशॉक को देश के नागा जनजाति समुदाय के प्रथम न्यायाधीश एवं मुख्य न्यायाधीश होने का गौरव प्राप्त है। न्यायाधिपति श्री शिशॉक सौम्य, सरल, धैर्यवान तथा प्रतिभा के धनी होने के साथ ही जमीन से जुड़े हुए प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। उनके न्यायिक क्षेत्र में विशेष योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
- रायपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पूर्व मंत्री और लोकप्रिय नेता स्वर्गीय श्री महेंद्र कर्मा की 5 अगस्त को जयंती पर उन्हेें नमन किया है। श्री बघेल ने उन्हें याद करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता और मंत्री के रूप में महेन्द्र कर्मा जी ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली और छत्तीसगढ़ के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया। वे सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, बल्कि एक बेहद संवेदनशील, जागरूक और भावुक इंसान भी थे। कर्मा जी आदिवासियों के हक की हर लड़ाई में दमदारी से अपनी बात रखते थे, इसलिए वे बस्तर टाइगर के नाम से भी जाने जाते थे। उनके जैसे निःस्वार्थ व्यक्ति और पारदर्शी मित्र का साथ मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। कर्मा जी ने जीवन के अंतिम क्षण तक आदिवासियों की बेहतरी के लिए संघर्ष किया। झीरम घाटी नक्सल हमले में उनकी शहादत छत्तीसगढ़ भुला नहीं पाएगा।श्री बघेल ने कहा कि श्री महेन्द्र कर्मा की स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए राज्य सरकार ने बस्तर विश्वविद्यालय का नामकरण उनके नाम पर किया और उनके नाम पर प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना प्रारंभ की गई है। श्री बघेल ने कहा कि कर्मा जी के विचार और जीवन मूल्य हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे। file photo
- -तेन्दूपत्ता संग्राहकों को मिली सामाजिक सुरक्षा - वन मंत्री अकबररायपुर, /छत्तीसगढ़ में शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रारंभ होने की तिथि 5 अगस्त 2020 से अब तक 6 हजार 460 प्रकरणों में हितग्राहियों को 97 करोड़ 73 लाख 80 हजार रूपए की राशि का भुगतान किए जा चुके हैं। इनमें वर्षवार 2020-21 में 355 हितग्राहियों को 5 करोड़ 33 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया गया। इसी तरह वर्ष 2021-22 में 3 हजार 472 हितग्राहियों को 52 करोड़ 19 लाख 20 हजार रूपए की राशि और वर्ष 2022-23 में 2 हजार 323 हितग्राहियों को 35 करोड़ 37 लाख रूपए तथा वर्ष 2023-24 में 308 हितग्राहियों को अब तक 4 करोड़ 82 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया गया है।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा वनवासी तेन्दूपत्ता संग्राहकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इसके तहत वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों के हित में शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना का कुशलतापूर्वक संचालन हो रहा है। देश में इस तरह की यह पहली योजना है, जो तेंदूपत्ता संग्राहकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि 5 अगस्त 2020 से यह योजना छत्तीसगढ़ में संचालित की जा रही है।इस संबंध में प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ श्री अनिल राय ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया, जिनकी आयु मृत्यु दिनांक को 18 से 50 वर्ष तक हो, उसकी सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को दो लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना से मृत्यु होने पर दो लाख रूपए की राशि अतिरिक्त रूप से प्रदान की जाती है। दुर्घटना से पूर्ण निःशक्तता की स्थिति में दो लाख रूपए तथा आंशिक निःशक्तता की स्थिति में एक लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि दुर्घटनाग्रस्त पात्र तेंदूपत्ता संग्राहक को प्रदान की जाती है।इसी तरह तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया, जिनकी आयु मृत्यु दिनांक को 51 से 59 वर्ष के बीच हो, उसकी सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को 30 हजार रूपए तथा दुर्घटना से मृत्यु होने पर 75 हजार रूपए की सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना में पूर्ण निःशक्तता की स्थिति में 75 हजार रूपए तथा आंशिक निःशक्तता की स्थिति में 37 हजार 500 रूपए की सहायता अनुदान राशि दुर्घटनाग्रस्त पात्र तेंदूपत्ता संग्राहक को प्रदान की जाती है।
- -हितग्राहियों को अब तक हो चुका है 526 करोड़ का भुगतानरायपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 5 अगस्त को गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 73वीं किश्त के रूप में 15 करोड़ 72 लाख रूपए की राशि का अंतरण सीधे उनके बैंक खातों में करेंगे। ऑनलाईन राशि अंतरण का यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में होगा। मुख्यमंत्री इस मौके पर 14-31 जुलाई 2023 तक गौठानों में गोबर विक्रय करने वाले ग्रामीण पशुपालक किसानों को 5 करोड़ 60 लाख रूपए तथा गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 9 करोड़ 69 लाख रूपए की राशि जारी करेंगेेे। गौठानों में जुलाई माह के द्वितीय पखवाड़े में 2 लाख 80 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी गोधन न्याय योजना के तहत की गई है।गौठानों में गोबर खरीदी में स्वावलंबी गोठानों की भूमिका लगातार बढ़ती जा रही है। गोबर विक्रेताओं को होने वाले 5.60 करोड़ रूपए के भुगतान में से मात्र 2.29 करोड़ रूपए का भुगतान शासन की ओर से किया जाएगा, जबकि 3.31 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठान स्वयं की राशि से करेंगे। राज्य में 10,278 गौठान निर्मित एवं संचालित हैं, जिसमें से 5985 गौठान पूरी तरह से स्वावलंबी हो चुके हैं। स्वावलंबी गौठानों ने अब तक 70.27 करोड़ रूपए का गोबर पशुपालक किसानों से स्वयं की राशि से किया है।गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को अब तक 526 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 5 अगस्त को 15.72 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 541.66 करोड़ रूपए हो जाएगा, जिसमें महिला समूहों को जारी 18 करोड़ रूपए की बोनस राशि भी शामिल है। गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में अब 128.34 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हो चुकी है, जिसमें से 125.54 लाख क्विंटल गोबर खरीदी की एवज में गोबर विक्रेताओं को 250.08 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 05 अगस्त को 5.60 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह राशि 556.68 करोड़ रूपए हो जाएगी। गौठानों समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 257.29 करोड़ रूपए के भुगतान किया जा चुका है। 9.69 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 266.98 करोड़ रूपए हो जाएगा।
- -गौमूत्र कीटनाशक एवं जीवामृत के विक्रय से 59.04 लाख की आयरायपुर, /गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में 4 रूपए लीटर की दर से अब तक 2 लाख 25 हजार 507 लीटर गौमूल क्रय किया गया है जिसका मूल्य 9 लाख 2 हजार 28 रूपए है। गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा गौमूत्र से अब तक 96,968 लीटर कीट नियंत्रक ब्रम्हास्त्र और 35,290 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत का उत्पादन किया जा चुका है, जिसका विक्रय किया जा रहा है। इससे राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है। राज्य के किसानों द्वारा अब तक 93,777 लीटर जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और 33,193 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत क्रय कर खेती में उपयोग किया गया है। जिससे समूहों को कुल 59 लाख 4 हजार 475 रूपए की आय हुई है।
- रायपुर /गौठानों में विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ गोबर से प्राकृतिक पेंट का उत्पादन तेजी से होने लगा है। वर्तमान में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए 51 यूनिटें स्थापित की जा चुकी है, जिसमें से 49 यूनिटों में गोबर से प्राकृतिक पेंट उत्पादन किया जा रहा है। क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक 2,03,483 लीटर प्राकृतिक पेंट, 1,00,427 लीटर डिस्टेम्पर तथा 9064 किलो पुट्टी का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 1,66,020 लीटर प्राकृतिक पेंट, 68,260 लीटर डिस्टेम्पर तथा 2840 किलो पुट्टी के विक्रय से कुल 4 करोड़ 78 लाख 37 हजार रूपए की आय हुई है।
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-सूचना देने में लापरवाही पर राज्य सूचना आयुक्त की कार्यवाही
रायपुर / छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने आवेदकों को समय पर सूचना देने में लापरवाही बरतने और सूचना का अधिकार अधिनियम का समुचित क्रियान्वयन नहीं किए जाने पर ग्राम पंचायतों के 3 सचिवों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।राज्य सूचना आयुक्त श्री मनोज त्रिवेदी ने कोंडागांव जिले के केशकाल जनपद पंचायत के डुंडाबेडमा ग्राम पंचायत के सचिव श्री दयानंद भारद्वाज, जांजगीर-चांपा जिले के जनपद पंचायत बलौदा के ग्राम पंचायत करमा के सचिव श्री सीलसर्जन खैरवार और कोरबा जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत कोरबा के ग्राम पंचायत रजगामार के सचिव और तत्कालीन जन सूचना अधिकारी पर यह जुर्माना लगाया है। राज्य सूचना आयुक्त ने संबंधित जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को जुर्माने की राशि वसूल कर शासन के खाते में जमा कर आयोग को पालन प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए हैं।राज्य सूचना आयोग को प्राप्त द्वितीय अपील के एक प्रकरण में ग्राम पंचायत डुंडाबेडमा में आवेदक के द्वारा तत्कालीन जन सूचना अधिकारी से ग्राम पंचायत से संबंधित आय-व्यय, कैशबुक की छाया प्रति मांगी गई थी। किंतु जन सूचना अधिकारी के द्वारा जानकारी देने में विलंब किया गया और आयोग के नोटिस का जवाब भी नहीं दिया गया। अन्य एक प्रकरण में ग्राम पंचायत करमा में आवेदक द्वारा वार्षिक लेखा रिपोर्ट की प्रति मांगी गई थी। किंतु जन सूचना अधिकारी के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में लापरवाही बरती गई। इसी तरह ग्राम पंचायत रजगामार में आवेदक द्वारा अनुमोदित वार्षिक लेखा की रिपोर्ट की कॉपी मांगी गई। किंतु जन सूचना अधिकारी के द्वारा समय सीमा 30 दिवस में जानकारी नहीं दी गई और प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा भी कोई औपचारिक आदेश पारित नहीं किया गया। अतः राज्य सूचना आयुक्त ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारियों एवं ग्राम पंचायत के सचिवों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
















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