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- नई दिल्ली। ‘ पीएम मोदी 11 अक्टूबर को पूसा, दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ की शुरुआत करेंगे। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी करेंगे।केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में जाने से पहले पीएम मोदी प्राकृतिक खेती, दलहन मिशन, धन-धान्य योजना के अंतर्गत आने वाले विभिन्न किसानों से अलग-अलग संवाद पूसा के खुले क्षेत्र में खेतों के बीच करेंगे। पीएम के इस कार्यक्रम से 731 कृषि विज्ञान केंद्र, आईसीएआर के 113 संस्थान, मंडियां, किसान समृद्धि केंद्र, पंचायतें भी जुड़ेगी, जहां पर कार्यक्रम होगा, साथ ही ब्लॉक और जिलों में भी कार्यक्रम होंगे, इनके अलावा हर राज्य का एक प्रमुख कार्यक्रम होगा, इन सबसे लगभग 1 करोड़ किसान सीधे कहीं न कहीं से जुड़कर प्रधानमंत्री से प्रेरणा प्राप्त करेंगे और लगभग सवा करोड़ किसान भाई-बहन ऑनलाइन भी जुड़ेंगे।शिवराज सिंह ने कहा कि ये दो नई प्रमुख योजनाएं आत्मनिर्भरता और उत्पादकता बढ़ाने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, जिनका पीएम शुभारंभ करने वाले हैं ।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में कृषि और किसान कल्याण के प्रमुख लक्ष्यों; देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आय बढ़ाना, पोषणयुक्त अनाज उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता से काम किया जा रहा है। सरकार खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने को लेकर तत्परता से काम कर रही है। 2014 से अब-तक खाद्यान्न उत्पादन में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। गेहूं, चावल, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन के उत्पादन में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी हुई है। आज गेहूं और चावल में हम पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं, वहीं 4.39 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कृषि उत्पादों का निर्यात किया गया है, लेकिन दलहन के मामले में अभी और प्रयास करने की जरूरत है। शिवराज सिंह ने कहा कि आज जब आत्मनिर्भरता बहुत महत्वपूर्ण हो गई है, हमारा देश अब खाद्यान्न के लिए किसी पर निर्भर नहीं रह सकता।शिवराज सिंह ने कहा कि अभी दालों का उत्पादन 242 लाख टन है, इसे बढ़ाकर 350 लाख टन दलहन का उत्पादन करना है। प्रति हेक्टेयर उत्पादकता हमारी कम है अभी 880 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (यह औसत है, कई किसान इससे ज़्यादा उत्पादन करते हैं)। इस औसत को बढ़ाकर हमें 1130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर ले जाना है। इसके लिए हमने जो रणनीति बनाई है पहला, अनुसंधान और विकास दालों के ऐसे बीज जिनकी उत्पादकता ज्यादा हो और जो रोग-प्रतिरोधी हों। गेहूं और धान की तुलना में अगर दालों को देखें तो दलहन की फसल ज्यादा सर्दी सहन नहीं कर पाती, अरहर खराब हो जाती है, कीटों का प्रकोप ज्यादा होता है, इसलिए उच्च उत्पादकता वाली, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु-अनुकूल किस्मों का विकास और उन्हें किसानों तक पहुंचाने का काम हमें करना पड़ेगा। भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक भी है उपभोक्ता भी है लेकिन बावजूद इसके सबसे ज्यादा दालों का आयात भारत ही करता है, इसलिए दालों में आत्मनिर्भरता के लिए ‘दलहन मिशन’ की योजना बनाई गई है। इस मिशन के तहत बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2030-31 तक दालों के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी करना है।केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि दलहन से जुड़े लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अनुसंधान और विकास की रणनीति बनाई गई है। उच्च उत्पादकता वाली, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल किस्मों का विकास करने पर बल दिया जा रहा है। ऐसी किस्में किसानों तक सही समय पर पहुंचे, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। अच्छे बीज किसानों तक ‘मिनी किट्स’ के रूप में पहुंचाए जाएंगे। 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों को वितरित किए जाएंगे। 88 लाख नि:शुल्क बीज किट बांटे जाएंगे।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दलहन बुवाई वाले क्षेत्रों में ही यदि प्रोसेसिंग का काम हो जाए तो किसानों को उत्पादन के ठीक दाम भी मिलेंगे और प्रोसेसिंग का काम भी वही संपन्न हो जाएगा। 1,000 प्रसंस्करण इकाइयों जिन पर सरकार 25 लाख रुपए की सब्सिडी देगी, उन्हें भी स्थापित करने का लक्ष्य है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा राज्यों की सहभागिता के साथ पूरा कृषि अमला एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम के लक्ष्य के तहत काम करेगा।केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना पर जानकारी देते हुए कहा कि पूरे देश में हर क्षेत्र की उत्पादकता एक जैसी नहीं है। अलग-अलग फसलों की उत्पादकता अलग-अलग राज्यों में भी अलग है। यहां तक कि एक राज्य में जिलों की उत्पादकता भी विभिन्न है, इसलिए सरकार ने तय किया है कि कम उत्पादकता वाले जिले छांटे जाएंगे और उनमें उत्पादकता बढ़ाने के लिए कुछ विशेष प्रयत्न किए जाएंगे।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कम उत्पादकता वाले जिलों को यदि औसत स्तर पर भी ले आए तो देश के कुल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। जरूरतें भी पूरी होंगी और उन जिलों के किसानों की आय भी बढ़ेगी। फिलहाल ऐसे 100 जिले चयन किए गए हैं, जिन पर केंद्रित होकर काम किया जाएगा और योजना के तहत इन जिलों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयत्न किए जाएंगे। प्रयत्नों में सिंचाई की व्यवस्था में विस्तार, भंडारण की व्यवस्था, दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋणों की सुविधाओं में विस्तार, फसलों में विविधिकरण शामिल हैं। प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना, आकांक्षी जिलों के लिए बनाए मॉडल पर भी आधारित है। नीति आयोग डैशबोर्ड के माध्यम से निगरानी करेगा। उन्होंने कहा कि 11 अक्टूबर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर पीएम मोदी द्वारा देशभर में कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को भी रेखांकित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), सहकारी समितियों और तकनीकी नवाचारों वाले किसानों को सम्मानित करेंगे। इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को रेखांकित किया जाएगा, जैसे 10,000 FPOs से जुड़े 50 लाख से अधिक किसान, जिनमें 1,100 ‘करोड़पति एफपीओ’ 1 करोड़ रुपए से अधिक का वार्षिक कारोबार कर रहे हैं। राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के अंतर्गत 1 लाख से अधिक किसानों का जैविक प्रमाणीकरण हुआ है, वहीं 10,000 नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कंप्यूटरीकरण और इन्हें जन सेवा केंद्र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र तथा उर्वरक विक्रेताओं के रूप में परिवर्तन करने का काम महत्वपूर्ण है। 10,000 नई बहुउद्देशीय पीएसीएस के माध्यम से डेयरी और मत्स्य पालन की प्राथमिक सहकारी समितियों स्थापित, साथ ही 4275 ग्रामीण भारत के बहुउद्देशीय एआई तकनीशियन का प्रमाणन जैसी पहल महत्वपूर्ण है।
- गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि राज्य पुलिस ने बृहस्पतिवार को कछार जिले से दो मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार किया और 2.16 करोड़ रुपये मूल्य की खांसी की दवा जब्त की। शर्मा ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक वाहन को रोका और खांसी की दवा की 21,600 बोतलें जब्त कीं। उन्होंने कहा, ‘‘विश्वसनीय सूचना के आधार पर कछार पुलिस ने रोंगपुर में पड़ोसी राज्य से आ रहे एक वाहन को रोका... असम पुलिस का स्पष्ट संदेश है- मादक पदार्थों के खिलाफ असम।'' इस संबंध में आवश्यक कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को कहा कि भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच हो रहा व्यापार समझौता दोनों बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साझा विकास और समृद्धि का रोडमैप है। यह समझौता न केवल मार्केट एक्सेस को बढ़ाएगा बल्कि दोनों देशों के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को मजबूती देगा और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आयोजित भारत-यूके सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि वर्तमान में भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 56 अरब डॉलर का है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने इस व्यापार को 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि यह लक्ष्य निर्धारित समय से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत राजनीतिक स्थिरता और व्यापक मांग के साथ निवेश के लिए आदर्श स्थान है, जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर, वित्त, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य कई क्षेत्रों में बड़े अवसर मौजूद हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था निरंतर सुधारों की दिशा में बढ़ रही है और स्थिरता व आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य के व्यापार और विकास के लिए रेयर अर्थ मिनरल्स (दुर्लभ खनिज) जैसे रणनीतिक सेक्टर्स बहुत महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि ये औद्योगिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टार्मर ने संयुक्त रूप से सीईओ फोरम में भाग लिया। इस बैठक में दोनों देशों के प्रमुख व्यापारिक और वित्तीय नेता एक साथ उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उद्योग जगत के नेताओं और नीति निर्माताओं के अथक प्रयासों से भारत और ब्रिटेन ने व्यापार और आर्थिक सहयोग की एक मजबूत नींव तैयार की है।प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र राजभवन में प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से मुलाकात के बाद कहा, “भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं। हमारी बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।” दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत और पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर भी चर्चा की। साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए बातचीत और कूटनीति ही सर्वोत्तम रास्ता है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि पीएम मोदी के परिवर्तनकारी नेतृत्व में भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की तरफ बढ़ रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी में भारत मंडपम में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के 120वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केवल आर्थिक विकास पर्याप्त नहीं है। इसे पर्यावरण संरक्षण और मूल्य आधारित सामाजिक व्यवस्था के साथ-साथ चलना चाहिए।ऑटोमोबाइल सेक्टर में दुनिया में तीसरे स्थान परउन्होंने आगे कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़ा बदलाव आया है और यह जापान को पछाड़कर दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, जो कि 2014 में 7वें स्थान पर था।केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, “अब 22 लाख करोड़ रुपए से अधिक के टर्नओवर के साथ, भारत तेजी से दुनिया का ऑटोमोबाइल हब बन रहा है, और बायोफ्यूल, इथेनॉल, मेथनॉल, बायोडीजल, एलएनजी और हाइड्रोजन में तेजी से प्रगति कर रहा है।” उन्होंने सरकार द्वारा कृषि में किए जा रहे वैल्यू एडिशन के बारे में भी चर्चा की।मक्के से इथेनॉल उत्पादनकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि मक्के से इथेनॉल उत्पादन की अनुमति देने से न केवल किसानों की आय बढ़ी है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है। मक्के से इथेनॉल उत्पादन को मंजूरी देने से उत्तर प्रदेश और बिहार में किसानों की आय में काफी वृद्धि हुई है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के 45,000 करोड़ रुपए से अधिक का फायदा हुआ है।सरकार का ध्यान खाद्य उत्पादन और किसान कल्याणइसी कार्यक्रम में एक अन्य सत्र में बोलते हुए, केंद्रीय कृषि मंत्री कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत की लगभग 46 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र में कार्यरत है और सरकार का ध्यान खाद्य उत्पादन और किसान कल्याण में आत्मनिर्भरता पर केंद्रित है।उन्होंने कहा, “खाद्य सुरक्षा को किसानों की समृद्धि के साथ-साथ चलना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे किसान न केवल देश का पेट भरें, बल्कि सम्मान और स्थिरता के साथ कमाई भी करें।”उन्होंने प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाने, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के माध्यम से बीजों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और छोटे व सीमांत किसानों को सशक्त बनाने के लिए मशीनीकरण में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश का लक्ष्य खाद्य सुरक्षा से आगे बढ़कर कृषि के सभी पहलुओं में पोषण सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने चावल और गेहूं का अधिशेष उत्पादन हासिल कर लिया है और अगला लक्ष्य दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि और किसान कल्याण विभाग का मुख्य उद्देश्य देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आय बढ़ाना और पोषणयुक्त अनाज उपलब्ध कराना है। इसके लिए विभाग छह प्रमुख आयामों पर काम कर रहा है- उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, किसानों को उचित दाम दिलाना, नुकसान की भरपाई करना, कृषि का विविधीकरण बढ़ाना और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करना।
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वर्ष 2014 से अब तक भारत में खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गेहूं, चावल, मक्का और सोयाबीन के उत्पादन में रिकॉर्ड हासिल किए गए हैं और देश इन फसलों में आत्मनिर्भर बन चुका है। उन्होंने कहा कि भारत ने अब तक 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कृषि निर्यात भी किया है।उन्होंने कहा कि भारत अभी भी दालों में आत्मनिर्भर नहीं है, जबकि यह विश्व का सबसे बड़ा दाल उत्पादक और उपभोक्ता देश है। इस कमी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में दलहन मिशन शुरू किया गया है। चौहान ने बताया कि 2030-31 तक दालों का क्षेत्रफल 275 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। वर्तमान में दाल उत्पादन 242 लाख टन है, जिसे बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी तरह उत्पादकता को 881 किलो प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 1,030 किलो प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य है।केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसके लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की गई है। इसमें अनुसंधान और विकास (R&D) को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि ऐसी किस्में विकसित की जा सकें जो अधिक उत्पादक, रोग-प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल हों। किसानों को इन बीजों की 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीजों के रूप में आपूर्ति की जाएगी और 86 लाख मुफ्त मिनी किट्स भी वितरित की जाएंगी।शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि दालों के दाम बढ़ाने के लिए 1,000 प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी, जिनके लिए सरकार 25 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी। इसमें केंद्र और राज्य सरकारें, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और प्रगतिशील किसान मिलकर काम करेंगे। इसके साथ ही उत्पादकता बढ़ाने के लिए 100 जिलों का चयन किया गया है, जहां पीएम धन धान्य कृषि योजना के अंतर्गत सिंचाई, भंडारण, ऋण सुविधा और फसल विविधीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।उन्होंने बताया कि नीति आयोग एक डैशबोर्ड बनाकर 11 विभागों की 36 योजनाओं की निगरानी करेगा। इन योजनाओं का औपचारिक शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को पूसा संस्थान में करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए अब तक 10,000 किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 1,100 एफपीओ का टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से अधिक है। कुल 52 लाख किसान एफपीओ के शेयरधारक हैं और इन संगठनों का कुल टर्नओवर 15,000 करोड़ रुपये से अधिक है। प्रधानमंत्री मोदी कार्यक्रम के दौरान ऐसे उत्कृष्ट एफपीओ को सम्मानित करेंगे।शिवराज सिंह चौहान ने आगे बताया कि रासायनिक खादों से मुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए अब तक 15 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए नामांकित किया गया है। इनमें से 6.20 लाख हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जाएगी और डेढ़ लाख किसानों को प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। कोविड काल में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष (AIF) के अंतर्गत अब तक 1 लाख 17 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं। -
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव और छह राज्यों के आठ विधानसभा क्षेत्रों और जम्मू-कश्मीर के लिए उपचुनावों की घोषणा के बाद, इन चुनावों को सुचारू रूप से कराने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। चुनाव आयोग ने गुरुवार को बताया कि बिहार में चुनाव के विभिन्न चरणों की सुचारू और व्यवस्थित प्रगति सुनिश्चित करने के लिए लगभग 8.5 लाख चुनाव अधिकारियों को तैनात किया गया है।
आयोग ने कहा कि तैनात किए जाने वाले कर्मियों में लगभग 4.53 लाख मतदान कर्मी, 2.5 लाख पुलिस अधिकारी, 28,370 मतगणना कर्मी, 17,875 माइक्रो ऑब्जर्वर, 9,625 सेक्टर अधिकारी, मतगणना के लिए 4,840 माइक्रो ऑब्जर्वर और 90,712 आंगनवाड़ी सेविकाएं भी तैनात की जा सकती हैं।90,712 बीएलओ और 243 ईआरओ सहित चुनाव मशीनरी मतदाताओं के लिए फोन कॉल पर और ईसीआईनेट ऐप पर बुक-ए-कॉल टू बीएलओ सुविधा के माध्यम से उपलब्ध है।आयोग ने बयान में कहा कि डीईओ/आरओ स्तर पर कोई भी शिकायत/प्रश्न दर्ज करने के लिए कॉल सेंटर नंबर +91 (एसटीडी कोड) 1950 भी उपलब्ध है।चुनाव आयोग ने आगे कहा कि तैनात सभी कार्मिकों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 28ए के प्रावधानों के अनुसार चुनाव आयोग में प्रतिनियुक्ति पर माना जाएगा। चुनाव आयोग ने बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए एक-एक जनरल ऑब्जर्वर नियुक्त किया है, जो आयोग के लिए निगरानी का काम करेंगे। इसके अलावा, 38 पुलिस ऑब्जर्वर और 67 खर्च ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।ऑब्जर्वर अपने-अपने क्षेत्रों में रहेंगे और राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों से नियमित रूप से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। बुधवार को चुनाव आयोग ने घोषणा की कि बिहार विधानसभा चुनाव में 85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग मतदाता, दिव्यांगजन और सेवा मतदाता अपने वोट डाक मतपत्र (पोस्टल बैलट) के जरिए डाल सकेंगे।चुनाव आयोग के अनुसार, यह सुविधा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(सी) के तहत प्रदान की जाएगी। -
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव और सात राज्यों की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के साथ ही 6 अक्टूबर से चुनावी प्रदेशों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसी के तहत चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण प्रेस नोट जारी किया है। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को चेताया है कि वे प्रचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित गलत और भ्रामक वीडियो का इस्तेमाल न करें।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि आदर्श आचार संहिता के नियम सिर्फ जमीनी प्रचार तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि सोशल मीडिया और इंटरनेट पर साझा की जा रही सामग्री पर भी पूरी तरह लागू होते हैं। आयोग ने कहा कि किसी भी पार्टी या उम्मीदवार की आलोचना केवल उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पूर्व रिकॉर्ड और कार्यों तक सीमित रहनी चाहिए। निजी जीवन पर टिप्पणी करना पूरी तरह निषिद्ध है।इसके अलावा, किसी भी राजनीतिक दल या उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ बिना पुष्टि के आरोप या जानकारी को तोड़-मरोड़ कर पेश करना गलत है और इसे सख्ती से रोका जाएगा। चुनाव आयोग ने गहरी चिंता जताई है कि कुछ लोग एआई टूल्स की मदद से ‘डीप फेक’ वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैला रहे हैं, जिससे चुनावी माहौल को दूषित किया जा सकता है।ऐसे मामलों से निपटने के लिए आयोग ने सभी दलों, उनके नेताओं, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अगर वे कोई एआई-जनरेटेड या डिजिटल रूप से बदला गया कंटेंट पोस्ट करें तो उस पर साफ-साफ टैग लगाना अनिवार्य होगा। टैग में ‘एआई-जेनरेटेड’, ‘डिजिटली एनहांस्ड’ या ‘सिंथेटिक कंटेंट’ जैसे शब्द स्पष्ट रूप से लिखे जाने चाहिए ताकि जनता को कोई भ्रम न हो।आयोग ने कहा है कि सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं और हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है। आयोग ने साफ कर दिया है कि एमसीसी और इससे संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए सभी राजनीतिक दलों को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है। -
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप के कारण 20 बच्चों की मौत के बाद दवा कंपनी के मालिक रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया गया है। चेन्नई पुलिस की सहायता से मध्य प्रदेश पुलिस ने यह कार्रवाई की।
जानकारी सामने आई है कि कंपनी मालिक रंगनाथन को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से गिरफ्तार किया गया है। मासूम बच्चों की मौत के बाद कंपनी मालिक रंगनाथन फरार था। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। इसी कड़ी में पुलिस ने गुरुवार सुबह उसे अरेस्ट कर लिया। रंगनाथन को आगे की जांच के लिए सुंगुवरछत्रम ले जाया जा रहा है।गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 20 बच्चों की जिस ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप से मौत हुई थी, वह श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स ने बनाई थी। जांच में खुलासा हुआ कि सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा तय सीमा से ज्यादा थी, जिससे बच्चों के गुर्दे (किडनी) फेल हो गए। इस घातक लापरवाही के बाद राज्य सरकार ने श्रीसन फार्मा के सभी उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया।मामले में सिरप लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी जमानत याचिका भी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एडीजे), परासिया ने खारिज कर दी। मृतकों में छिंदवाड़ा जिले के 18 और बैतूल जिले के 2 बच्चे शामिल हैं।घटना के बाद मामले में सीएमएचओ डॉ. नरेश गोनारे और सिविल सर्जन को पद से हटा दिया गया, जबकि डॉ. सुशील कुमार दुबे को सीएमएचओ का प्रभार सौंपा गया। मध्य प्रदेश पुलिस ने मौतों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। इसके अलावा, तमिलनाडु की दवा कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया।मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का कहना है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कोई भी अपराधी बच न पाए। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना ईमेल प्लेटफॉर्म बदलते हुए Gmail से Zoho Mail पर स्विच कर लिया है। यह स्वदेशी तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रही है और डिजिटल आत्मनिर्भरता के मार्ग पर एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर यह जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, “नमस्ते सभी को, मैंने Zoho Mail पर स्विच कर लिया है। कृपया मेरा नया ईमेल पता [email protected] नोट करें। भविष्य में ईमेल द्वारा संपर्क करने के लिए इसी पते का उपयोग करें।”Zoho, जो कि पूरी तरह भारत में विकसित एक तकनीकी प्लेटफॉर्म है, वैश्विक सॉफ़्टवेयर परिदृश्य को बदल रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को गति दे रहा है।कुछ दिन पहले, केंद्रीय रेल एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी Zoho Mail अपनाया और इसे दस्तावेज़, स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन साझा करने के लिए एक अच्छा मंच बताया। उन्होंने लोगों से देशी उत्पादों को अपनाने का आह्वान किया।इसके अलावा, शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में अपने सभी अधिकारियों को Zoho Office Suite का उपयोग करने का निर्देश दिया है। इस कदम के पीछे उद्देश्य वैश्विक सॉफ़्टवेयर जैसे Microsoft Office और Google Workspace पर निर्भरता कम करना और Zoho के प्लेटफॉर्म — Zoho Writer, Zoho Sheet और Zoho Show — को अपनाना है।सरकारी सर्कुलर में कहा गया है कि अधिकारियों को इस नए प्लेटफॉर्म से परिचित होना चाहिए, और इस दिशा में NIC के CMIS विभाग से सहायता उपलब्ध होगी। ध्यान देने योग्य है कि Zoho सॉफ़्टवेयर ‘सॉल्यूशन’ को चेन्नई के श्रीधर वेम्बु द्वारा विकसित किया गया है। -
नई दिल्ली। नीति आयोग ने बुधवार को एआई फॉर इनक्लूसिव सोसाइटल डेवलपमेंट नामक एक ऐतिहासिक रिपोर्ट जारी की गई है। इसके मुताबिक भारत के 49 करोड़ असंगठित श्रमिकों के जीवन और आजीविका को एआई और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के जरिए बदलाव लाने के लिए तैयार की गई है। यह रिपोर्ट डेलॉइट के सहयोग से तैयार की गई है और देश के एआई परिदृश्य में एक नया मोड़ लेकर आई है। जहां वैश्विक स्तर पर एआई चर्चा मुख्यतः श्वेतपोश नौकरियों और औपचारिक अर्थव्यवस्था पर केंद्रित रही है, वहीं यह रिपोर्ट भारत के असंगठित क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करती है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग आधा हिस्सा योगदान करता है, लेकिन औपचारिक सुरक्षा और उत्पादकता तंत्र से अभी भी बाहर है।
इस अवसर पर कौशल विकास एवं उद्यमिता (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि भारत के असंगठित श्रमिकों को सशक्त बनाना सिर्फ आर्थिक प्राथमिकता नहीं, बल्कि एक नैतिक दायित्व भी है। एआई और फ्रंटियर टेक्नोलॉजी की मदद से यह मिशन सुनिश्चित करेगा कि हर श्रमिक चाहे वह किसान हो, कारीगर या स्वास्थ्यकर्मी — डिजिटल अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल, उपकरण और अवसर प्राप्त करे।इस रणनीति का मुख्य केंद्र “मिशन डिजिटल श्रमसेतु है, जो एक राष्ट्रीय पहल के रूप में हर असंगठित श्रमिक तक एआई को सुलभ, किफायती और प्रभावी बनाने का लक्ष्य रखती है। इस मिशन के तहत एआई, ब्लॉकचेन, इमर्सिव लर्निंग और अन्य उभरती तकनीकों का उपयोग कर वित्तीय असुरक्षा, सीमित बाजार पहुंच, कौशल की कमी और सामाजिक सुरक्षा के अभाव जैसी बाधाओं को दूर किया जाएगा।नीति आयोग के सीईओ बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम ने इस मौके पर कहा कि अगर हमें वास्तव में भारत के 49 करोड़ असंगठित श्रमिकों के जीवन को बदलना है, तो सहयोग वैकल्पिक नहीं बल्कि अनिवार्य है। सरकार, उद्योग, शिक्षा जगत और नागरिक समाज को मिलकर काम करना होगा तभी स्थायी सशक्तिकरण संभव है।नीति आयोग की डिस्टिंग्विश्ड फेलो और फ्रंटियर टेक हब की प्रमुख देबजानी घोष ने कहा कि भारत के 30 ट्रिलियन डॉलर के विकसित भारत 2047 विजन को हासिल करने के लिए असंगठित क्षेत्र को सशक्त बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एआई अपने आप लोगों का जीवन नहीं बदलेगा। यह रोडमैप असंगठित श्रमिकों की आवाज, उनकी चुनौतियों और आकांक्षाओं को एआई संवाद के केंद्र में रखता है।अध्ययन में यह चेतावनी दी गई है कि यदि तत्काल और समन्वित कार्रवाई नहीं की गई, तो 2047 तक असंगठित श्रमिकों की औसत वार्षिक आय मात्र 6,000 डॉलर पर रुक सकती है, जो भारत के उच्च-आय वाले राष्ट्र बनने के लिए आवश्यक 14,500 डॉलर प्रति व्यक्ति आय लक्ष्य से काफी कम है। रिपोर्ट के लॉन्च कार्यक्रम में जयंत चौधरी, डॉ. वी. के. पॉल (सदस्य, नीति आयोग), बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम (सीईओ, नीति आयोग), एस. कृष्णन (सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय), देबाश्री मुखर्जी (सचिव, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय) और देबजानी घोष सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।इस कार्यक्रम में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII), नैसकॉम फाउंडेशन, वर्ल्ड बैंक, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, सत्त्व कंसल्टिंग, हकदर्शक और पिरामल फाउंडेशन जैसे उद्योग एवं विकास सहयोगी संगठनों ने भी भाग लिया। नीति आयोग का यह रोडमैप उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।-( -
नई दिल्ली। केरल और कर्नाटक के बीच यात्रा को आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एर्नाकुलम से त्रिशूर, पलक्कड़ होते हुए बेंगलुरु तक नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सेवा को मंजूरी दे दी है। यह केरल के लिए तीसरी वंदे भारत ट्रेन होगी, जिसकी शुरुआत नवंबर के मध्य तक होने की उम्मीद है। इस नई ट्रेन सेवा की घोषणा केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। उन्होंने यह निर्णय भाजपा के केरल राज्य अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद लिया।
राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री वैष्णव को धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, “एर्नाकुलम से त्रिशूर और पलक्कड़ होते हुए बेंगलुरु तक वंदे भारत ट्रेन सेवा को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार का आभारी हूं। बेंगलुरु में बड़ी संख्या में मलयाली लोग काम करते हैं, विशेष रूप से आईटी क्षेत्र में। लंबे समय से इस रूट पर अतिरिक्त ट्रेन सेवा की मांग की जा रही थी।” उन्होंने बताया कि यह मुद्दा एक महीने पहले रेल मंत्री वैष्णव के ध्यान में लाया गया था, और उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए नई सेवा को मंजूरी दी। चंद्रशेखर ने कहा, “रेल मंत्री ने आश्वासन दिया है कि ट्रेन सेवा नवंबर के मध्य तक शुरू हो जाएगी।”रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी एक्स पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा, “केरल भाजपा टीम और जिला अध्यक्षों के साथ वर्चुअल मीटिंग में एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस के प्रस्ताव पर चर्चा की गई, और इसे नवंबर मध्य तक शुरू करने की योजना बनाई गई है।” उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में यात्रा को सुगम बनाने के लिए 488 त्योहार विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। यह घोषणा त्योहारों के मौसम में यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। एर्नाकुलम से बेंगलुरु रूट पर यात्रा के दौरान अक्सर ट्रैफिक अधिक रहता है और निजी परिवहन के लिए यात्रियों को महंगा किराया देना पड़ता है। नई वंदे भारत सेवा से इस समस्या में काफी राहत मिलेगी। -
नयी दिल्ली. बच्चों को दी जाने वाली खांसी की दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर चिंता के बीच विशेषज्ञों का मानना है कि आयुर्वेदिक उपचार पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है। भारतीय चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े अखिल भारतीय चिकित्सक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. आर.पी. पाराशर ने कहा कि आयुर्वेदिक कफ सिरप, जड़ी-बूटियां और घरेलू उपचार दो साल से अधिक उम्र के बच्चों को बिना किसी डर के दिए जा सकते हैं। यह टिप्पणी मध्यप्रदेश में कथित जहरीले कफ सिरप के सेवन से कई बच्चों की मौत के बीच की गई है।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) ने तीन अक्टूबर को सभी राज्यों को एक परामर्श जारी कर दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाइयां देने पर प्रतिबंध लगा दिया था। परामर्श के अनुसार, आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं देने की सलाह दी जाती है। पांच साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार की दवा देने के बाद उसका सावधानीपूर्वक नैदानिक मूल्यांकन, कड़ी निगरानी और उचित खुराक, कम से कम अवधि और कई दवाओं के संयोजन से बचने के सख्त पालन के बाद किया जाना चाहिए। परामर्श में बच्चों के लिए कफ सिरप के विवेकपूर्ण और तर्कसंगत नुस्खे पर भी जोर दिया गया।
डा. पाराशर ने बताया कि छह माह से कम उम्र के बच्चों को खांसी, जुकाम या ठंड लगने पर उनकी छाती पर हल्के गर्म घी या तेल से मालिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "बच्चों की माताओं को ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए जिसकी प्रकृति ठंडी होती हैं और शरीर में 'कफ' और 'दोष' बढ़ाते हैं। छह महीने से अधिक उम्र के बच्चों को तुलसी, अदरक, लौंग, काली मिर्च और खजूर के साथ दूध उबालकर पिलाया जा सकता है।" उन्होंने बताया कि यह दूध उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा और खांसी-जुकाम से तुरंत राहत प्रदान करेगा। आयुर्वेदिक कफ सिरप तुलसी, मुलेठी, काकड़सिंगी, भारंगी, पुष्करमूल, बहेड़ा, पुदीना, पिप्पली, काली मिर्च, दालचीनी, तेजपत्ता जैसी जड़ी-बूटियों से बनाए जाते हैं। डा. पाराशर ने बताया कि इनका बच्चों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। इसके अलावा, बच्चों को सितोपलादि चूर्ण और तालिशादि चूर्ण शहद में मिलाकर दिया जा सकता है या वासावलेह और अगस्त्य हरीतकी जैसी औषधियाँ भी दी जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी औषधियां बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी हैं।
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एम्स) के निदेशक डा. प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि आहार और जीवनशैली में मामूली बदलाव से खांसी और जुकाम से बचा जा सकता है या उसका इलाज किया जा सकता है। प्रजापति ने कहा, "मौसम में बदलाव के दौरान होने वाली एलर्जी के कारण बच्चे कई बार खांसी और जुकाम से पीड़ित हो जाते हैं। खान-पान और जीवनशैली में मामूली बदलाव से खासकर एलर्जी के कारण होने वाली खांसी और जुकाम से बचा जा सकता है और उसका इलाज भी किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में हल्दी वाला गर्म दूध काफी फायदेमंद साबित होता है। कई मामलों में भाप लेना पर्याप्त होता है।" -
नयी दिल्ली. जाने-माने उद्योगपति गौतम अदाणी ने बुधवार को नवी मुंबई में अपने समूह के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की तुलना ‘कमल' से करते हुए कहा कि यह आर्थिक गतिविधिययों को गति देने के साथ भारत के भविष्य का प्रवेश द्वार साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनएमआईएएल) के उद्घाटन के तुरंत बाद लिंक्डइन पर लिखे अपने लेख में अदाणी ने इसे भारत के बुनियादी ढांचे और राष्ट्र निर्माण की यात्रा में एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने हवाई अड्डे को ‘भारत के दूरदर्शी नेतृत्व और सार्वजनिक-निजी भागीदारी की ताकत का प्रमाण' बताया। उन्होंने कहा कि परियोजना का तेजी से कार्यान्वयन देश की महत्वाकांक्षा और गतिशीलता का प्रतीक है। परियोजना को 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 50 महीनों से कम समय में पूरा किया गया है।
मुंबई के परिवहन नेटवर्क से रणनीतिक रूप से जुड़ा, नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मौजूदा छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ मिलकर भीड़भाड़ को कम करने और क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि को गति देने में मददगार होगा। इस हवाई अड्डे से 2,00,000 से अधिक नौकरियां पैदा होने तथा पर्यटन, व्यापार और नए व्यावसायिक गलियारों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे भारत के 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में योगदान मिलेगा। हवाई अड्डे का निर्माण करने वाले अदाणी समूह के चेयरमैन अदाणी ने हवाई अड्डे पर किए गए पर्यावरण अनुकूल पहल का जिक्र करते हुए इसे ‘आत्मनिर्भरता का प्रतीक' बताया, जो भारत की विरासत और भविष्य की आकांक्षाओं को बताता है। उन्होंने राष्ट्र निर्माण के प्रति अदाणी समूह की प्रतिबद्धता दोहरायी, जिसमें विमानन, लॉजिस्टिक, पर्यावरण अनुकूल कदम और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने की योजना है। अदाणी ने कहा, ‘‘भारत की सेवा करना हमेशा हमारा सबसे बड़ा सम्मान होगा।''
उन्होंने नए हवाई अड्डे के निर्माण और संचालन के कार्य को ‘पवित्र जिम्मेदारी' बताते हुए कहा कि पिछले पांच साल में हर कदम पर ‘गहरी श्रद्धा, विनम्रता और मूल्य' के साथ इस दायित्व को निभाया है। अदाणी ने कहा कि नया हवाई अड्डा, ‘‘महाराष्ट्र की धरती से उभरा, कमल के समान है, हमारी विरासत में गहराई से निहित एक प्रतीक है।'' उन्होंने कहा कि यह आधुनिक भारत के सार को दर्शाता है... अपने ज्ञान में प्राचीन, फिर भी अपनी महत्वाकांक्षा में गतिशील और असीम। अदाणी ने कहा, ‘‘पर्यावरण अनुकूल उपायों को केंद्र में रखते हुए, यह समूह की हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इन रनवे से रवाना होने वाली हर उड़ान 1.4 अरब भारतीयों का आशीर्वाद लेकर आएगी और हर आगमन दुनिया को याद दिलाएगा कि यह समय भारत का है।'' उन्होंने कहा कि नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा एक मील का पत्थर है। ‘‘यह हमारी मातृभूमि के लिए प्रगति और समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करने के हमारे संकल्प को और पुष्ट करता है।'' अदाणी ने कहा कि भारत पृथ्वी पर उन गिने-चुने स्थानों में से एक है जहां देश का निर्माण केवल एक व्यावसायिक प्रयास नहीं, बल्कि राष्ट्र सेवा का एक रूप है। उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने सितंबर, 2021 में इसकी नींव रखी थी, तो हम एक सपना लेकर आए थे - भारत की महत्वाकांक्षा और मुंबई की ऊर्जा को प्रतिबिंबित करने वाला एक विश्व स्तरीय प्रवेश द्वार बनाना। पचास महीने से भी कम समय में, 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, भारत की सबसे बड़ी नई विमानन परियोजना रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हो गई है। यह नए भारत की गति, पैमाने और भावना का प्रमाण है।'' उन्होंने कहा कि मुंबई में भीड़भाड़ कम करके और एक नए आर्थिक इंजन के रूप में काम करके, यह समृद्धि का द्वार खोलेगा जो पूरे क्षेत्र के समुदायों को सशक्त बनाएगा और भारत की 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर यात्रा में योगदान देगा। -
नागपुर. हिंदी फिल्म ‘झुंड' में अपने ऑनस्क्रीन किरदार ‘बाबू छेत्री' से मशहूर हुए अभिनेता प्रियांशु उर्फ बाबू रवि सिंह छेत्री की उनके दोस्त ने कथित तौर पर हत्या कर दी। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इक्कीस वर्षीय अभिनेता ने 2022 में रिलीज हुई इस फिल्म में अपनी भूमिका के लिए लोकप्रियता हासिल की थी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने अभिनय किया था और नागराज मंजुले ने इसे निर्देशित किया था।
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मुंबई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19,650 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनएमआईए) के पहले चरण का बुधवार को उद्घाटन किया। उन्होंने इसे "विकसित भारत" की एक झलक बताया, जो मुंबई क्षेत्र को एशिया का सबसे बड़ा कनेक्टिविटी केंद्र बनाने में मदद करेगा। एनएमआईए का पहला चरण 19,650 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है और दिसंबर में चालू हो जाएगा। यह देश का सबसे बड़ा ‘ग्रीनफील्ड' हवाई अड्डा है। इससे पहले, मोदी को लेकर विमान दोपहर करीब 2.40 बजे नए हवाई अड्डे पर उतरा। यह मुंबई क्षेत्र का दूसरा हवाई अड्डा है। कुल 1,160 हेक्टेयर में फैले इस हवाई अड्डे में पहले चरण में एक टर्मिनल और एक रनवे होगा, जिसकी वार्षिक यात्री क्षमता दो करोड़ होगी। मोदी ने विमानन परियोजना का उद्घाटन करने के बाद कहा, "मुंबई का लंबा इंतजार खत्म हो गया है, क्योंकि शहर को अब अपना दूसरा हवाई अड्डा मिल गया है, जिससे महाराष्ट्र के किसानों को यूरोप और अमेरिका के सुपरमार्केट से जुड़ने में भी मदद मिलेगी।" यह परियोजना वर्षों से बन रही थी और इसमें कई बार देरी हुई। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि यह हवाई अड्डा मुंबई महानगर क्षेत्र को एशिया का सबसे बड़ा कनेक्टिविटी केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कुल 1,160 हेक्टेयर में फैला यह नया हवाई अड्डा भारत की विमानन क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा और मुंबई के मौजूदा छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भारी यातायात के बोझ को कम करेगा। उन्होंने मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "यह एक ऐसी परियोजना है जिसमें विकसित भारत की झलक दिखती है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हवाई अड्डा नए निवेश को आकर्षित करेगा और रोज़गार के नए अवसर पैदा करेगा।
मोदी ने देश के विमानन क्षेत्र के विकास का उल्लेख करते हुए बताया कि 2014 से उनके नेतृत्व में यह किस प्रकार विकसित और विस्तारित हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत, जो विश्व का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है, में 2014 में सिर्फ 74 हवाई अड्डे थे, लेकिन पिछले 11 वर्षों में इनकी संख्या बढ़कर 160 से अधिक हो गई है। इससे यह संकेत मिलता है कि उनकी सरकार इस प्रमुख क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान के ज़रिए लाखों लोग हवाई यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय एयरलाइन कंपनियों ने 1,000 से ज़्यादा नए विमानों के ऑर्डर दिए हैं। मोदी ने कहा कि उनका लक्ष्य देश को वैश्विक एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत) केंद्र बनाना है। औपचारिक उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री ने नवनिर्मित सुविधाओं का अवलोकन किया।
इस अवसर पर नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा कि एनएमआईए रोजगार के लगभग दो लाख अवसर पैदा करने में मदद करेगा और मुंबई को देश की विमानन राजधानी बनाएगा। उद्घाटन समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार, अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी और नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल भी उपस्थित थे। एनएमआईए को 30 सितंबर को नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से हवाई अड्डा लाइसेंस प्राप्त हुआ। संपूर्ण परियोजना को नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (एनएमआईएएल) द्वारा कई चरणों में विकसित किया जा रहा है। इस कंपनी में अडाणी समूह की 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि शेष 26 प्रतिशत हिस्सेदारी महाराष्ट्र सरकार की नगर नियोजन और विकास एजेंसी सिडको के पास है। सभी चरण के पूरा होने पर एनएमआईए में चार टर्मिनल होंगे, जिनकी क्षमता प्रति वर्ष नौ करोड़ यात्रियों की होगी तथा माल ढुलाई क्षमता 32.5 लाख मीट्रिक टन होगी, जिससे यह एशिया के सबसे बड़े विमानन केंद्रों में से एक बन जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि एनएमआईए देश का पहला हवाई अड्डा होगा जो ‘वाटर टैक्सी' से जुड़ा होगा। एनएमआईए का नाम कद्दावर नेता और सामाजिक कार्यकर्ता दिवंगत डीबी पाटिल के नाम पर रखा जाएगा, जिन्हें इस क्षेत्र के परियोजना प्रभावित लोगों को उचित मुआवज़ा दिलाने में उनके योगदान के लिए व्यापक रूप से सराहा जाता है। इसे आधिकारिक तौर पर 'लोकनेते डीबी पाटिल नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा' के नाम से जाना जाएगा। -
अयोध्या .उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता का अद्भुत संगम बुधवार को अयोध्या की पावन भूमि पर देखने को मिला। दो दिवसीय दौरे पर पहुंचीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर दक्षिण भारत के तीन महान संगीत संतों त्यागराज स्वामीगल, पुरंदर दास और अरुणाचल कवि की मूर्तियों का बृहस्पति कुंड में अनावरण किया। टेढ़ी बाजार स्थित बृहस्पति कुंड का वातावरण उस समय भक्तिरस और संगीत की पवित्र भावना से सरोबार हो उठा जब केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना कर अनावरण समारोह की शुरुआत की। इस दौरान सीतारमण के माता-पिता भी मौजूद रहे, जिससे यह पल और भी भावनात्मक हो गया।
एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री का पुष्पगुच्छ भेंट कर पारंपरिक अयोध्या शैली में स्वागत किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बृहस्पति कुंड केवल एक ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक है, जहां उत्तर भारत की श्रद्धा और दक्षिण भारत की भक्ति का संगम होता है। सीतारमण ने कहा कि अयोध्या केवल आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है। उन्होंने तीनों संतों के योगदान को नमन करते हुए कहा कि त्यागराज स्वामीगल, पुरंदर दास और अरुणाचल कवि ने भारतीय शास्त्रीय संगीत और भक्ति परंपरा को विश्व पटल पर स्थापित किया तथा उनके काव्य और रचनाओं ने समाज को प्रेम, भक्ति एवं एकता के सूत्र में पिरोया। सीतारमण ने कहा कि अयोध्या और कर्नाटक के सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं तथा आज इन संतों की मूर्तियों के अनावरण के माध्यम से भारत की उत्तर-दक्षिण परंपरा एक सूत्र में बंधी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीराम की नगरी अयोध्या अब केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण की केंद्रस्थली बन रही है। उन्होंने कहा कि निर्मला सीतारमण का यह दौरा भारत की सांस्कृतिक एकता और समरसता का सशक्त प्रतीक है। बृहस्पति कुंड परिसर में स्थापित सुंदर पत्थर की बेंचों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह कुछ देर के लिए विराम लेते हुए बैठे। मुख्यमंत्री ने बेंचों की कलात्मक बनावट और परिसर के सौंदर्यीकरण की सराहना करते हुए कहा कि बृहस्पति कुंड अब श्रद्धा और सौंदर्य का आदर्श संगम बन चुका है। निर्मला सीतारमण बुधवार को दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचीं।
इससे पहले महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर खन्ना और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने उनका स्वागत किया। हवाई अड्डे से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केंद्रीय मंत्री का काफिला सिविल लाइन्स स्थित होटल पहुंचा, जहां कुछ देर विश्राम के बाद वह अपने निर्धारित कार्यक्रमों के लिए रवाना हुईं। बयान के अनुसार संत-संगीतकारों--त्यागराज स्वामीगल, पुरंदर दास और अरुणाचल कवि ने भारतीय शास्त्रीय संगीत में दिव्य भक्ति का संचार किया और इसे राष्ट्र की संस्कृति का आध्यात्मिक सार बना दिया। भक्ति और धर्म की भूमि अयोध्या में उनकी स्थापना उत्तर और दक्षिण भारतीय परंपराओं की एकता का एक उल्लेखनीय प्रमाण है। - नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि 'कर्म योगी' नरेन्द्र मोदी ने 24 साल पहले आज ही के दिन गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में संविधान की शपथ ली थी और जनसेवा की अपनी लंबी पारी के दौरान उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि जब दृष्टि 'राष्ट्र प्रथम' और मिशन 'विकसित भारत' हो, तो नेतृत्व करोड़ों लोगों के जीवन में कैसे बदलाव ला सकता है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार तीन विधानसभा चुनावों में भाजपा को जीत दिलाने के बाद, मोदी 2014 से प्रधानमंत्री के रूप में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नेतृत्व कर रहे हैं और लगातार तीन राष्ट्रीय चुनाव जिता चुके हैं। शाह ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘राष्ट्र और जनसेवा को समर्पित 24 वर्ष! यह दिन पूरे देश के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है, जब निःस्वार्थ भाव से जनसेवा को समर्पित एक कर्मयोगी ने संविधान की शपथ लेकर लोगों की समस्याओं को अपना माना, उनका निवारण शुरू किया और ये समस्याएं इतिहास बनती चली गईं।'' गृह मंत्री ने कहा कि इन 24 वर्षों में, चाहे गुजरात के किसानों, महिलाओं, उद्योग और शिक्षा का कायाकल्प करना हो या फिर प्रधानमंत्री के रूप में देश की सुरक्षा, गरीबों के कल्याण और पिछड़े, दलित व जनजातीय समुदाय सहित सभी वर्गों का उत्थान करना हो, मोदी जी ने यह सिद्ध कर दिया कि जब विजन ‘राष्ट्रप्रथम' हो और मिशन ‘विकसित भारत', तब एक नेतृत्व कैसे करोड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन ला सकता है। मोदी को अपने कार्यकाल के दौरान कभी चुनावी हार का सामना नहीं करना पड़ा और सभी प्रधानमंत्रियों में सबसे लंबे समय तक सरकार चलाने का रिकॉर्ड उनके नाम है, जिसमें साढ़े 12 साल से अधिक समय तक मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल भी शामिल है।
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नयी दिल्ली. सरकारी बैंकों ने प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 10,907 करोड़ रुपये के पांच लाख से अधिक ऋण स्वीकृत किए हैं। इस योजना का मकसद रूफटॉप यानी छतों पर सौर प्रणाली स्थापित कर घरों को अपनी बिजली खुद उत्पादित करने में सक्षम बनाना है। मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (पीएमएसजीएमबीवाई) को ऋण वितरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करके और कम ब्याज दर पर गिरवी मुक्त किफायती ऋण की सुविधा देकर लागू किया जा रहा है। यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के जरिये आसान वित्तपोषण से समर्थित है। इसमें कहा गया, ''सितंबर 2025 तक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 10,907 करोड़ रुपये की राशि के 5.79 लाख से अधिक ऋण आवेदनों को मंजूरी दी है, जिससे रूफटॉप सौर प्रणाली स्थापित करने वाले लाभार्थियों को वित्तीय सहायता बढ़ी है।'' ऋण देने की प्रक्रिया आसान पोर्टल के जरिये पूरी की जाती है।
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नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि देश के सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान एकजुटता और रणनीतिक दूरदर्शिता की ताकत का प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार आतंकवादी बुनियादी ढांचे को ध्वस्त किया गया। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया। इस हमले के बाद चार दिनों तक भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुईं। यहां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के 65वें पाठ्यक्रम के संकाय और पाठ्यक्रम सदस्यों को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि बदलते भू-राजनीतिक माहौल और सुरक्षा संदर्भ गतिशील प्रतिक्रियाओं की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से उन्नत युद्ध के लिए तैयार बल के रूप में परिवर्तित करने में लगा हुआ है, जो बहु-क्षेत्रीय एकीकृत अभियान में सक्षम हो। राष्ट्रपति ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे सशस्त्र बलों ने एकजुटता और रणनीतिक दूरदर्शिता की ताकत का प्रदर्शन किया। सेना के तीनो अंगों की बेहतर प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप प्रभावी तालमेल स्थापित हुआ।" मुर्मू ने सशस्त्र बलों के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा, "नियंत्रण रेखा के पार और सीमा पार के क्षेत्रों में अंदर तक आतंकी बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करने के सफल अभियान के पीछे यही तालमेल था।" राष्ट्रपति ने कहा कि एकजुटता को बढ़ावा देने की प्रक्रिया सैन्य मामलों के विभाग के गठन के साथ शुरू हुई, जिसके सचिव प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) हैं। उन्होंने कहा, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि एकीकृत थिएटर कमांड और एकीकृत युद्धक समूहों की स्थापना के माध्यम से सशस्त्र बलों के पुनर्गठन के प्रयास चल रहे हैं।" मुर्मू ने कहा कि सार्वभौमिक मूल्य हमारे राष्ट्रीय हितों को परिभाषित करने के मूल में हैं और भारतीय परंपरा ने हमेशा पूरी मानवता को एक परिवार के रूप में देखा है। उन्होंने कहा, "संपूर्ण विश्व एक परिवार है, यह समृद्ध भावना 'वसुधैव कुटुम्बकम' में व्यक्त होती है। सार्वभौमिक भाईचारा और शांति हमारी आस्था के मूलमंत्र रहे हैं। लेकिन हमने मानवता और हमारे राष्ट्र के लिए हानिकारक ताकतों को हराने के लिए युद्ध को लेकर तैयार रहने को भी महत्व दिया है।" राष्ट्रपति ने 'महाभारत' का हवाला देते हुए कहा कि इसमें उन मूल्यों की अभिव्यक्ति मिलती है जिन्हें हम संजोते हैं। उन्होंने कहा, "युद्ध को टालने और सौहार्दपूर्ण समाधान पर पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किया गया। शांति के प्रयासों का नेतृत्व मुख्य पात्र कृष्ण ने किया, जिन्हें हम भगवान मानते हैं। जब युद्ध अपरिहार्य हो गया, तो कृष्ण ने सबसे महत्वपूर्ण योद्धाओं में से एक अर्जुन से कहा कि वे सभी संदेहों को दूर कर लें और बहादुरी से लड़ें। इस प्रकार, युद्ध और शांति के प्रति समग्र भारतीय दृष्टिकोण, शांति और अहिंसा के मूल्यों को सर्वोच्च महत्व देता है।" मुर्मू ने कहा कि लेकिन जब कोई लड़ाई अपरिहार्य हो जाती है तो यह पूरे संकल्प के साथ लड़ने के लिए भी प्रेरित करती है।
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नयी दिल्ली. विश्व बैंक ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया। पूर्व में इसके 6.3 प्रतिशत प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। साथ ही यह अनुमान भी जताया कि उपभोग वृद्धि में लगातार मजबूती के बल पर भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। विश्व बैंक ने हालांकि आगाह किया कि अमेरिका के भारतीय निर्यात पर लगाए गए 50 प्रतिशत शुल्क का आने वाले वर्ष में देश पर प्रभाव पड़ेगा। इसने 2026-27 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया।
विश्व बैंक के दक्षिण एशिया विकास सूचना (अक्टूबर 2025) में कहा गया, ''उपभोग वृद्धि में लगातार मजबूती के बल पर भारत के दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने की उम्मीद है।'' इसके मुताबिक घरेलू परिस्थितियां, विशेष रूप से कृषि उत्पादन और ग्रामीण वेतन वृद्धि, अपेक्षा से बेहतर रही हैं। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया, ''वित्त वर्ष 2026-27 के लिए पूर्वानुमान घटा दिया गया है। भारत से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले लगभग तीन-चौथाई माल पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के चलते ऐसा किया गया।'' रिपोर्ट में आगे कहा गया कि दक्षिण एशिया में वृद्धि दर 2024-25 के 6.6 प्रतिशत से घटकर 2025-26 में 5.8 प्रतिशत रह सकती है। इस मंदी के बावजूद, वृद्धि दर अन्य उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) की तुलना में अधिक मजबूत बनी रहेगी। इस नरमी के बावजूद, वृद्धि दर अन्य उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्था वाले क्षेत्रों की तुलना में अधिक मजबूत रहेगी। रिपोर्ट के अनुसार, मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के लक्ष्यों के भीतर या उसके अनुरूप बनी रहने की उम्मीद है। -
मुंबई. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर अपने भी कई डीपफेक वीडियो की मौजूदगी का उल्लेख करते हुए लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने का आह्वान किया। सीतारमण ने यहां वार्षिक ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को संबोधित करते हुए कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) वित्त एवं शासन के साथ रोजमर्रा की जिंदगी को भी बदल रहा है। हालांकि उन्होंने यह सुनिश्चित करने की जरूरत पर बल दिया कि प्रौद्योगिकी उन्नति मानवता की सेवा करे। वित्त मंत्री ने उन्नत प्रौद्योगिकी के 'अंधेरे पहलू' से भी निपटने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
सीतारमण ने कहा, "जो उपकरण नवाचार को शक्ति प्रदान करते हैं, उन्हीं का इस्तेमाल धोखे और जालसाजी के लिए भी किया जा सकता है। मैं इसे व्यक्तिगत नहीं बना रही हूं, लेकिन मैं कह सकती हूं कि मैंने अपने कई डीपफेक वीडियो को ऑनलाइन प्रसारित होते हुए देखा है। इन डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल नागरिकों को गुमराह करने और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए किया गया है।" उन्होंने कहा कि ये वीडियो इस बात की याद दिलाते हैं कि हमें ऐसे लोगों के खिलाफ अपनी सुरक्षा व्यवस्था को 'तत्परता' से बढ़ाने की कितनी जरूरत है। डीपफेक वीडियो में एआई एवं मशीन लर्निंग तकनीकों के इस्तेमाल से किसी व्यक्ति के चेहरे, आवाज या हाव-भाव को किसी अन्य व्यक्ति या परिस्थिति में नकली रूप से जोड़ा जाता है। इसे देखकर आम लोग अक्सर इसे असली वीडियो समझ लेते हैं। उन्होंने कहा, "नई पीढ़ी की धोखाधड़ी अब फायरवॉल तोड़ने के बारे में नहीं, बल्कि विश्वास को तोड़ने के बारे में है। अपराधी आवाज की नकल करने, पहचान की नकल करने और लोगों को गुमराह करने वाले असली लगने वाले वीडियो बनाने के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं।" सीतारमण ने कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी में सक्रिय नवोन्मेषकों, निवेशकों और नियामकों सहित पूरे परिवेश की इस मोर्चे पर महत्वपूर्ण भूमिका है। वित्त मंत्री ने कहा कि नवोन्मेषी होने के साथ वित्तीय प्रणालियों को लचीला, सुरक्षित और समावेशी होना चाहिए। उन्होंने समर्पित एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) हैंडल के जरिये निवेशकों को लक्षित करने वाले नकली वीडियो और झूठे प्रतिनिधित्व के मुद्दे को हल करने के लिए बाजार नियामक सेबी के प्रयासों की सराहना की। -
नयी दिल्ली/ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत ने 2024-25 के अंत तक घरेलू स्रोतों से 1,20,000 करोड़ रुपये मूल्य के सैन्य उपकरण और हथियार खरीदे हैं। उन्होंने बताया कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए आत्मनिर्भरता को मजबूत करने पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रहा है। सिंह ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार युद्ध के बदलते स्वरूप खासतौर पर ड्रोन जैसे ‘नॉन-कॉन्टैक्ट वॉरफेयर' (दूरस्थ युद्ध तकनीक) के महत्व को समझती है और उसके अनुसार तैयारी कर रही है। इस संदर्भ में उन्होंने विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत के अपने रक्षा उद्योगों को बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘‘2021-22 में घरेलू स्रोतों से हमारी पूंजीगत खरीद लगभग 74,000 करोड़ रुपये की थी, लेकिन 2024-25 के अंत तक यह बढ़कर लगभग 1,20,000 करोड़ रुपये हो गई है। यह बदलाव केवल आंकड़ों का नहीं, बल्कि मानसिकता के परिवर्तन का भी प्रतीक है।'' रक्षा मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतिगत पहल की हैं। उन्होंने बताया कि अब सैन्य हार्डवेयर की खरीद में घरेलू स्रोतों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। सिंह ने कहा, ‘‘भारत सरकार आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति से भली-भांति परिचित है। आज का युद्ध पूरी तरह प्रौद्योगिकी-आधारित हो चुका है। हमने इसका उदाहरण ऑपरेशन सिंदूर में भी देखा।'' उन्होंने कहा, “इसमें हमने देखा कि ड्रोन, ड्रोन-रोधी प्रणाली और वायु-रक्षा प्रणाली जैसी दूरस्थ युद्ध तकनीकों का महत्व तेजी से बढ़ा है।'' सिंह ने भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए रक्षा क्षेत्र के लिए प्रमुख उद्देश्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘पहला उद्देश्य महत्वपूर्ण रक्षा क्षमताओं में आत्मनिर्भरता हासिल करना। दूसरा, हमें रक्षा क्षेत्र में एक प्रमुख वैश्विक निर्यातक बनना होगा।'' रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘तीसरा, नयी अत्याधुनिक तकनीकों में प्रगति करना ताकि भारत अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी वाले देशों की श्रेणी में शामिल हो सके।''
- मुंबई. सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने सोमवार को कहा कि पिछले 18 महीनों में सोशल मीडिया मंच से एक लाख से ज्यादा गैरकानूनी सामग्री हटाई गई है। उन्होंने भोले-भाले निवेशकों को धोखेबाजों से बचाने की जरूरत पर जोर दिया।पांडेय ने कहा कि सेबी ने गूगल और मेटा जैसे मंचों के साथ गैरकानूनी सामग्री के मुद्दे को आगे बढ़ाया है। उन्होंने यहां एनएसई में एक निवेशक जागरूकता कार्यक्रम में कहा कि तकनीकी उपकरणों के आने से अपराधियों के लिए निवेशकों को धोखा देने वाली सामग्री तैयार करना आसान हो गया है। पांडेय ने कहा, ''पिछले 18 महीनों में ऐसी एक लाख से ज्यादा सामग्री हटाई गई हैं।''हाल में किए गए एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए, पांडेय ने कहा कि केवल 36 प्रतिशत लोगों को ही पूंजी बाजार के बारे में उच्च या मध्यम स्तर की जानकारी है। इससे पता चलता है कि लोगों का एक बड़ा समूह भ्रामक सामग्री से धोखा खा सकता है। उन्होंने निवेशकों के भरोसे को बनाए रखने पर जोर दिया और कहा कि भारत जैसे देश के लिए यह भरोसा बेहद महत्वपूर्ण है। पांडेय ने कहा कि निवेशक जागरूकता सेबी की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है और नियामक इस संबंध में कई उपाय कर रहा है। इसी कार्यक्रम में एनएसई के चेयरमैन श्रीनिवास इंजेती ने कहा कि देश के सबसे बड़े शेयर बाजार ने सूचीबद्ध होने की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि एनएसई फिलहाल सूचीबद्ध नहीं है, फिर भी इसके पास लगभग 1.8 लाख शेयरधारक हैं।
- नयी दिल्ली. बेहतर मानसूनी बारिश के कारण इस खरीफ सत्र में अब तक धान की बुवाई का रकबा 1.35 प्रतिशत बढ़कर 441.58 लाख हेक्टेयर हो गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ (गर्मी में बोई जाने वाली फसल) सत्र की मुख्य फसल धान की बुवाई पिछले साल इसी अवधि में 435.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई थी। कृषि विभाग ने तीन अक्टूबर, 2025 तक खरीफ फसलों के तहत रकबे की जानकारी दी है।एक आधिकारिक बयान में सोमवार को कहा गया कि सभी खरीफ फसलों का कुल बुवाई रकबा तीन अक्टूबर तक बढ़कर 1,121.46 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले 1,114.95 लाख हेक्टेयर था। दलहन का रकबा 119.04 लाख हेक्टेयर से मामूली बढ़कर 120.41 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि मोटे अनाजों का बुवाई क्षेत्र 183.54 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 194.67 लाख हेक्टेयर हो गया। गैर-खाद्यान्न श्रेणी में तिलहनों का रकबा 200.75 लाख हेक्टेयर से घटकर 190.13 लाख हेक्टेयर हो गया। कपास का रकबा 112.97 लाख हेक्टेयर से घटकर 110.63 लाख हेक्टेयर रह गया। गन्ने की बुवाई थोड़ी बढ़कर 59.07 लाख हेक्टेयर हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 57.22 लाख हेक्टेयर थी।
- नयी दिल्ली. उत्तर रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए 11 अक्टूबर से दिल्ली और पटना के बीच एक त्योहार विशेष वंदे भारत ट्रेन चलाएगा। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। बयान में कहा गया है कि यह विशेष ट्रेन 15 नवंबर तक इस मार्ग पर चलाई जाएगी।उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा, ‘‘आगामी त्योहारों के दौरान यात्रियों की रेलयात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए, रेलवे ने वंदे भारत त्योहार विशेष ट्रेनें चलाने का फैसला किया है।'' उपाध्याय ने कहा, ‘‘ये विशेष रेलगाड़ियां त्योहारों के मौसम में यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करेंगी और सभी यात्रियों के लिए आरामदायक एवं सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेंगी।'' उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली से पटना जाने वाली 02252 नंबर की यह ट्रेन इस अवधि के दौरान 16 चक्कर लगाएगी और हर सोमवार, बुधवार और शनिवार को अपनी सेवायें प्रदान करेगी। उपाध्याय ने कहा, ‘‘यह ट्रेन नयी दिल्ली से सुबह 8.35 बजे रवाना होगी और उसी दिन रात 9.30 बजे पटना पहुंचेगी। ट्रेन यह दूरी 13 घंटे से भी कम समय में तय करेगी और अलीगढ़, कानपुर सेंट्रल, प्रयागराज, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, बक्सर और आरा स्टेशनों पर रुकेगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘पटना से नयी दिल्ली के लिए 02251 संख्या वाली यह ट्रेन 12 अक्टूबर से शुरू होगी और हर मंगलवार, बृहस्पतिवार और रविवार को 16 फेरे लगाएगी। यह ट्रेन पटना से सुबह 10 बजे रवाना होगी और उसी दिन रात 11.30 बजे नयी दिल्ली पहुंचेगी।'' अधिकारियों के अनुसार, इस विशेष वंदे भारत ट्रेन में 16 डिब्बे होंगे।






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