- Home
- देश
- जोशीमठ । सामरिक महत्व का बदरीनाथ हाईवे जोशीमठ भू-धंसाव की जद में आ चुका है। राजमार्ग पर आईं बड़ी-बड़ी दरारें चिंता का कारण बन गई हैं। यदि दरारें नहीं थमीं तो हाईवे का एक बड़ा हिस्सा कभी भी जमींदोज हो सकता है। ऐसे हालात में भारतीय सेना चीन की सीमा से कट सकती है। सीमांत जिले चमोली के जोशीमठ से बदरीनाथ की दूरी करीब 46 किमी है। बदरीनाथ से आगे का रास्ता चीन सीमा की ओर जाता है। चीन सीमा पर घुसपैठ की चुनौती को देखते हुए केंद्र सरकार का जोर सीमा पर सड़कों का नेटवर्क तैयार करने पर है। इसके साथ ही बदरीनाथ हाईवे के चौड़ीकरण का कार्य भी चल रहा है। मकसद यही है कि सड़कें इतनी चौड़ी और सुविधाजनक हों कि संकट की स्थिति में भारतीय सेना अपने पूरे साजो सामान के साथ सहजता और तेजी के साथ सीमा पर पहुंच सके।हालांकि विकल्प के तौर पर बन रहे हेलंग बाइपास का निर्माण भी हो रहा है, लेकिन फिलहाल उसके निर्माण पर भी रोक लग गई है। जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव ने प्रभावित परिवारों की ही नहीं बल्कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की पेशानी पर भी बल डाल दिए हैं।कहां तो बीआरओ यह प्रयास कर रहा है कि हाईवे के चौड़ीकरण का काम शुरू हो ताकि सेना चीन बॉर्डर पर सहजता से पहुंच सके, लेकिन इस भू-धंसाव का असर हाईवे पर साफ दिखाई दे रहा है। हाईवे में गहरी दरारें आ गई हैं। पिछले दो दिनों में दरारें कुछ ज्यादा गहरी हुई हैं। देहरादून से अध्ययन करने जोशीमठ पहुंचे विशेषज्ञ दल ने भी राजमार्ग का मुआयना किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भूस्खलन यदि रुका नहीं तो किसी भी समय यह हाईवे को भारी नुकसान हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो हमारी सेना चीन की सीमा से कट जाएगी। इस लिहाज से यह चिंता का विषय है। ये बेहद संवेदनशील मामला है।विशेषज्ञ जोशीमठ का भ्रमण कर रहे हैं। वे देख रहे हैं कि कहां कितनी गहरी दरारें आई हैं। राजमार्ग के हालात देखकर वे चिंतित हैं । कोई भी यह बताने को तैयार नहीं है कि आखिर यह कैसे हो रहा है?
- जोशीमठ । उत्तराखंड के हिमालयी शहर जोशीमठ के सिंगधर वार्ड में शुक्रवार की शाम को एक मंदिर ढह गया, जिसने एक बड़ी आपदा के डर के साए में रह रहे लोगों को और अधिक चिंतित कर दिया। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी।.स्थानीय निवासियों के अनुसार, जब यह घटना हुई, तो उस वक्त मंदिर के भीतर कोई नहीं था, क्योंकि करीब 15 दिन पहले इसमें बड़ी दरार आने की घटना के बाद इसे खाली कर दिया गया था।.आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि मंदिर ध्वस्त होने की वजह से कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और करीब 50 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। वहीं, इस घटना ने बड़ी आपदा के डर के साए में रह रहे लोगों को और अधिक चिंतित कर दिया है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, करीब 15 दिन पहले मंदिर में बड़ी दरारें आई थीं, इसलिए उसे खाली कर दिया गया था। अंत में शुक्रवार की शाम को मंदिर ढह गया।आपदा प्रबंधन के निदेशक पंकज चौहान ने कहा कि मंदिर ढहने के बाद वहां मौजूद घरों से जो लोग निकाले गए हैं। उन लोगों के अलावा 60 अन्य परिवारों को दूसरे स्थान पर भेजा गया है। पंकज चौहान ने कहा कि वे लोग विष्णु प्रयाग जल विद्युत परियोजना के कर्मचारियों के लिए बनी कॉलोनी में रहते थे। बताते चलें कि इस क्षेत्र में मारवाड़ी इलाका सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 3 दिन पहले भी एक हादसा हुआ था. क्षेत्र के कई घर क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि पानी का तेज बहाव अब भी जारी है।स्थानीय नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष ऋषि प्रसाद ने बताया कि औली रोपवे सेवा को भी नीचे एक बड़ी दरार आने के बाद बंद करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उक्त इलाके में एक साल से भी ज्यादा समय से जमीन धंस रही है, लेकिन पिछले एक पखवाड़े में यह समस्या और भी गंभीर हो गई है। इस बीच, पुनर्वास की मांग को लेकर लोगों ने शुक्रवार को जोशीमठ के तहसील कार्यालय पर धरना दिया.। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में कहा कि विशेषज्ञों का एक दल समस्या के सभी पहलुओं का अध्ययन करने के लिये जोशीमठ में मौजूद है और शहर को बचाने के लिये सब कुछ किया जाएगा।
- नई दिल्ली। देश में 2007 से 2022 के बीच कालाजार के मामलों में 98.7 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2007 में इसकी संख्या 44 हजार 533 थी जो 2022 में घटकर 834 रह गयी। देशभर में 632 ऐसे प्रखंड हैं जहां दस हजार की आबादी के बीच कालाजार के मामले एक से भी कम रहे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि सरकार ने कालाजार के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह बीमारी इस वर्ष के अन्त तक देश से पूरी तरह खत्म हो जायेगी।
- नई दिल्ली। भारत 12 और 13 जनवरी को वर्चुअल माध्यम से एक विशेष शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा। नई दिल्ली में पत्रकारों को जानकारी देते हुए विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' का विषय है 'आवाज और उद्देश्य की एकता'। इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के मुद्दों पर अलग-अलग दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को एक ही मंच पर साझा किया जाएगा।यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सभा विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास तथा भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत से प्रेरित है। इसमे 120 से अधिक देशों को आमंत्रित किया जा रहा है। श्री क्वात्रा ने कहा कि कोविड महामारी और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष जैसे हालिया वैश्विक घटनाक्रमों ने दुनिया को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। भारत यह सुनिश्चित करेगा कि सम्मेलन में साझी की गई सूचनाओं और जानकारी का वैश्विक स्तर पर उचित संज्ञान लिया जाए। भारत की अध्यक्षता में G20 सम्मेलनों में इन सूचनाओं पर विचार विमर्श करने का अवसर मिलेगा।
-
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में बृहस्पतिवार को 55 वर्षीय कारोबारी की जिम में कसरत के दौरान कथित रूप से दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। यह घटना जिम में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि रेस्त्रां कारोबार से जुड़े प्रदीप रघुवंशी (55) को विजय नगर क्षेत्र के एक जिम में कसरत के दौरान कथित रूप से दिल का दौरा पड़ा और वह चंद सेकंड के भीतर निढाल होकर जमीन पर गिर पड़े।
सूत्रों ने बताया कि रघुवंशी को नजदीक के एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। विजय नगर पुलिस थाने के प्रभारी रवींद्र गुर्जर ने जिम में दिल के दौरे से रघुवंशी की मौत की पुष्टि की, लेकिन कहा कि इस बारे में दिवंगत कारोबारी के परिजनों की ओर से पुलिस थाने को कोई औपचारिक सूचना नहीं दी गई है।
बहरहाल, रघुवंशी का सोशल मीडिया अकाउंट देखकर पता चलता है कि वह जिम में नियमित कसरत करते थे और इस दौरान वजन भी उठाते थे। उनकी जिम के एक ट्रेनर ने बताया कि बृहस्पतिवार को 10 मिनट की "वार्म-अप" कसरत के बाद रघुवंशी को दिल का दौरा पड़ा और वह अचेत होकर जमीन पर गिर पड़े।फाइल फोटो
-
नयी दिल्ली। सरकार ने नए स्नातक एवं स्नातकोत्तर तकनीकी वस्त्र डिग्री कार्यक्रमों तथा निजी और सार्वजनिक संस्थानों को तकनीकी वस्त्रों में कुशल बनाने के साथ मौजूदा पारंपरिक डिग्री कार्यक्रमों को अद्यतन करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। तकनीकी वस्त्रों में प्रशिक्षु सहायता अनुदान के लिए सामान्य दिशानिर्देशों (जीआईएसटी) के तहत संबंधित विभागों के बी.टेक विद्यार्थियों को ‘इंटर्नशिप' देने पर चुनी गई कंपनियों को प्रति छात्र प्रति माह 20,000 रुपये तक का अनुदान भी दिया जाएगा।
कपड़ा सचिव रचना शाह ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्म्लेन में कहा कि हमारा उद्देश्य तकनीकी कपड़ा क्षेत्र में एक कुशल कार्यबल तैयार करना और क्षेत्र में छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए उद्योग को प्रोत्साहित करना है। यह 1,480 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन का हिस्सा है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘इसमें सार्वजनिक वित्त पोषित और एनआईआरएफ रैंकिंग वाले निजी संस्थान भी शामिल होंगे।
तकनीकी वस्त्रों में पूर्ण पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए स्नाकोत्तर पाठ्यक्रम को 20 करोड़ रुपये और स्नातक के लिए 10 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी। स्नातक स्तर पर एक अनिवार्य विषय और कुछ ऐच्छिक विषयों के लिए 7.5 करोड़ तक का अनुदान दिया जा सकता है।'' वैश्विक तकनीकी वस्त्र बाजार का मूल्य 260 अरब डॉलर है। इसमें भारत की हिस्सेदारी लगभग 20 अरब डॉलर आंकी गई है। -
नयी दिल्ली। विभिन्न क्षेत्रों को कोयले की आपूर्ति दिसंबर, 2022 में 5.28 प्रतिशत बढ़कर 7.89 करोड़ टन रही। बृहस्पतिवार को कोयला मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। एक साल पहले इसी महीने में 7.49 करोड़ टन कोयला आपूर्ति की गई थी।
आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) से कोयले की आपूर्ति 3.57 प्रतिशत बढ़कर 6.27 करोड़ टन, सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) से 17.89 प्रतिशत बढ़कर 67.2 लाख टन और कैप्टिव (निजी) खानों/अन्य से कोयला आपूर्ति 8.85 प्रतिशत बढ़कर 94.6 लाख टन हो गई। आलोच्य अवधि के दौरान बिजली क्षेत्र को कोयला आपूर्ति 4.26 प्रतिशत बढ़कर 6.56 करोड़ टन रही।
इस दौरान देश का कुल कोयला उत्पादन 10.81 प्रतिशत बढ़कर 8.28 करोड़ टन हो गया। एक साल पहले समान अवधि में यह 7.47 करोड़ टन था। सीआईएल का उत्पादन पिछले महीने 10.30 प्रतिशत बढ़ा जबकि एससीसीएल और निजी खानों/अन्य का उत्पादन क्रमशः 19.12 प्रतिशत और 9.01 प्रतिशत बढ़ा। वहीं 28 कोयला खदानों ने 100 प्रतिशत से अधिक का उत्पादन किया जबकि चार खानों का कोयला उत्पादन स्तर 80 और 100 प्रतिशत के बीच रहा। घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का हिस्सा 80 प्रतिशत से अधिक है। -
कासगंज (उप्र)। कासगंज रेलवे स्टेशन पर महिला यात्री की चप्पल उतारने ट्रेन के डिब्बे पर चढ़े युवक की करंट की चपेट में आकर मौत हो गयी। रेलवे से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बृहस्पतिवार को कासगंज से फर्रुखाबाद जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन प्लेटफॉर्म संख्या-दो पर खड़ी थी। इसी दौरान एक महिला यात्री की चप्पल लेकर बंदर ट्रेन के डिब्बे की छत पर चढ़ गया। यात्रियों के शोर मचाने पर बंदर चप्पल छोड़कर भाग गया।
जानकारी के अनुसार, एक युवक चप्पल उतारने के लिए बोगी पर चढ़ा था और इसी दौरान वह हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया। करंट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। रेलवे स्टेशन के अधिकारी मनोज शर्मा ने बताया कि चप्पल लेने डिब्बे की छत पर चढ़े युवक की करंट की चपेट में आकर जान चली गई। मृतक के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। -
विदेशी विवि को भारत में परिसर स्थापित करने के लिए यूजीसी से मंजूरी लेनी होगी : यूजीसी अध्यक्ष
नयी दिल्ली. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने बृहस्पतिवार को बताया कि विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर स्थापित करने के लिए यूजीसी से मंजूरी लेनी होगी, प्रारंभ में इन्हें 10 साल के लिये मंजूरी दी जायेगी तथा उन्हें दाखिला प्रक्रिया, फीस ढांचा तय करने की छूट होगी। कुमार ने यूजीसी (भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों का परिसर स्थापित करने एवं परिचालन करने) संबंधी नियमन 2023 पर संवाददाताओं से चर्चा के दौरान यह बात कही। कुमार ने कहा, ‘‘ भारत में परिसर स्थापित करने वाले विदेशी विश्वविद्यालयों को अपनी स्वयं की प्रवेश प्रक्रिया तैयार करने की छूट होगी । ये संस्थान फीस ढांचा तय कर सकते हैं।'' यूजीसी के अध्यक्ष ने बताया कि यूरोप के कुछ देशों के विश्वविद्यालयों ने भारत में परिसर स्थापित करने में रूचि दिखायी है। उन्होंने कहा कि चूंकि विदेशी विश्वविद्यालय भारत सरकार से वित्त पोषित संस्थान नहीं हैं, ऐसे में उनकी दाखिला प्रक्रिया, फीस ढांचे के निर्धारण में यूजीसी की भूमिका नहीं होगी। कुमार ने कहा, ‘‘विदेशी विश्वविद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके भारतीय परिसरों में प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता, उनके मुख्य परिसर में दी जाने वाली शिक्षा के समान ही गुणवत्तापूर्ण हो।'' उन्होंने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालय, भारत में शैक्षणिक संस्थानों के साथ गठजोड़ करके परिसर स्थापित कर सकते हैं। यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर स्थापित करने के लिए यूजीसी की मंजूरी की जरूरत होगी तथा उन्हें शुरू में 10 साल के लिए ही मंजूरी दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘ विदेश से कोष का आदान-प्रदान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत होगा।'' कुमार ने कहा कि भारत में परिसर स्थापित करने वाले विदेशी विश्वविद्यालय केवल परिसर में प्रत्यक्ष कक्षाओं के लिए पूर्णकालिक कार्यक्रम पेश कर सकते हैं, ऑनलाइन माध्यम या दूरस्थ शिक्षा माध्यम से नहीं। यह पूछे जाने पर कि क्या इन विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों में आरक्षण नीति लागू होगी, कुमार ने कहा कि दाखिले संबंधी नीति निर्धारण के बारे में निर्णय विदेशी विश्वविद्यलय करेंगे तथा इसमें यूजीसी की भूमिका नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन प्रक्रिया और छात्रों की जरूरतों का आकलन करने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति की व्यवस्था हो सकती है, जैसा कि विदेशों में विश्वविद्यालयों में होता है। - नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन' (आरवीएम) के शुरुआती मॉडल के प्रदर्शन के सिलसिले में निर्वाचन आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होगी। निर्वाचन आयोग से जुड़े कामकाज के लिए गठित, भाजपा के निर्वाचन आयोग विभाग के प्रमुख सदस्य ओम पाठक ने कहा, ‘‘हम जा रहे हैं और पार्टी की तरफ से इसमें भागीदारी करेंगे।'' उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने, इसे और अधिक समावेशी बनाने तथा घरेलू प्रवासियों के वोट के अधिकार की रक्षा के लिए निर्वाचन आयोग ने जो कदम उठाया है, वह स्वागत योग्य है। पाठक ने कहा, ‘‘लेकिन यह कैसे होगा, कब होगा और इसकी क्या प्रक्रिया होगी, यह चर्चा का विषय है। आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में हम जाएंगे। आयोग की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन को देखने के बाद पार्टी इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करेगी।'' प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस द्वारा निर्वाचन आयोग की इस कवायद पर सवाल उठाए जाने के बारे में भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं कहना है क्योंकि यह उनकी समस्या है। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी मर्जी है। वे जो चाहें, करें। हमारा निर्वाचन आयोग के कार्यकलापों और उसके द्वारा किए जा रहे चीजों के प्रबंधन में पूरा विश्वास है। हम चाहें हारे या जीतें, यह निर्वाचन आयोग की वजह से नहीं होता है। यह हमारी अपनी वजह से होता है।'' कांग्रेस ने आयोग की इस कवायद पर सवाल उठाते हुए दावा किया था कि इससे चुनाव प्रणाली में विश्वास कमतर होगा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग को सभी राजनीतिक दलों को साथ लेकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चुनाव प्रणाली में पूरी पारदर्शिता के साथ विश्वास बहाल हो। निर्वाचन आयोग ने चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के मकसद से गत बृहस्पतिवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए कहा कि उसने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन' का एक शुरुआती मॉडल तैयार किया है और इसके प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को 16 जनवरी को आमंत्रित किया गया है। आयोग की यह पहल अगर कामयाब रहती है तो प्रवासी मतदाताओं को मतदान के लिए अपने गृह राज्य/नगर जाने की जरूरत नहीं होगी और वे जहां हैं, वहीं से मतदान कर सकेंगे। निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने मान्यताप्राप्त सभी आठ राष्ट्रीय दलों और 57 राज्य स्तरीय पार्टियों को शुरुआती मॉडल दिखाने के लिए 16 जनवरी को बुलाया है। इस मौके पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी मौजूद रहेंगे।
-
भारत में बुनियादी ढांचा के लिये अलग से कानून बनाने की जरूरत: आईआईएफसीएल प्रबंध निदेशक
नयी दिल्ली भारत में सभी पक्षों के हितों की रक्षा के लिए अलग से बुनियादी ढांचा कानून बनाने की जरूरत है। आईआईएफसीएल के प्रबंध निदेशक पी आर जयशंकर ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को साकार करने के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र को बढ़ावा देना होगा। जयशंकर ने कहा, ''बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाएं बहुत लंबी अवधि की होती हैं और कई पीढ़ियों तक चलती हैं। हम महसूस करते हैं कि एक समग्र समाधान बुनियादी ढांचा कानून बनाने में निहित है, जो सभी पक्षों के हितों की रक्षा करे।'' उन्होंने भारतीय अवसंरचना वित्त कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) के 18वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। जयशंकर ने कहा कि कई विकसित देशों में इस तरह के कानून हैं और शायद वक्त आ गया है कि भारत भी इस बारे में सोचे। इससे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बैंक और वित्तीय संस्थान ग्रीनफील्ड बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे। - नई दिल्ली। वायरल श्वसन संक्रमण के कारण सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की सेहत में सुधार हो रहा है। अस्पताल ने यह जानकारी दी है। सर गंगाराम अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘वायरल श्वसन संक्रमण के बाद भर्ती कराईं गईं सोनिया गांधी की हालत स्थिर है और उनकी सेहत में धीरे-धीरे सुधार भी हो रहा है।’’कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष 76 वर्षीय सोनिया गांधी को वायरल श्वसन संक्रमण के कारण बुधवार को गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती कराने के समय सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी वाद्रा उनके साथ थीं। file photo
- लखनऊ। अयोध्या में अगले साल एक जनवरी तक राम मंदिर तैयार होने की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा के एक दिन बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने शुक्रवार को दोहराया कि मंदिर का निर्माण समय पर पूरा होगा और 2024 के जनवरी महीने में इसे भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।ट्रस्ट के सचिव राय ने कहा, "अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है और 2023 के अंत तक मूल गर्भगृह का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है।" उन्होंने कहा, "हमने दिसंबर 2023 में मंदिर के निर्माण की समयसीमा तय की है और जनवरी 2024 से इसे भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।" राय ने कहा, "राम मंदिर के लिए समारोह 2023 के दिसंबर में शुरू होंगे और 2024 में मकर संक्रांति (14 जनवरी) तक जारी रहेंगे।'' मंदिर ट्रस्ट की योजनाओं की जानकारी देते हुए राय ने कहा, ‘‘योजना के तहत 2024 में मकर संक्रांति पर मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी।’’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच अगस्त, 2020 को मंदिर निर्माण के लिए "भूमि पूजन" किया था। पिछले साल 23 अक्टूबर को अपनी यात्रा के दौरान यहां अस्थायी मंदिर में रामलला की पूजा-अर्चना करने के बाद प्रधानमंत्री ने निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की थी। मोदी ने राम कथा पार्क में भगवान राम और देवी सीता का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक भी किया था।ट्रस्ट के अधिकारियों ने पिछले साल अगस्त में बताया था कि ‘प्लिंथ’ का काम लगभग पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा था कि एक आयताकार, दो मंजिला परिक्रमा मार्ग का निर्माण किया जाएगा, जिसमें मंदिर और उसके प्रांगण के क्षेत्र सहित कुल आठ एकड़ भूमि शामिल होगी तथा इसके पूर्वी हिस्से में बलुआ पत्थर से बना एक प्रवेश द्वार होगा।उन्होंने बताया था कि मंदिर के गर्भगृह में राजस्थान की मकराना पहाड़ियों के सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि संगमरमर की नक्काशी का काम चल रहा है और नक्काशीदार संगमरमर के कुछ ब्लॉक पहले ही अयोध्या लाए जा चुके हैं।मंदिर निर्माण के अलावा प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर की ओर जाने वाली सड़क को चौड़ा करने के लिए दुकानों और मकानों को भी तोड़ा जा रहा है।उच्चतम न्यायालय ने 2019 में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में नई मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ वैकल्पिक भूमि प्रदान करने के लिए भी कहा था।
- रीवा। मध्यप्रदेश के रीवा जिले में प्रशिक्षण के दौरान एक प्लेन मंदिर के गुंबद से टकरा कर क्रैश हो गया। जिससे प्लेन में मौजूद पायलट और प्रशिक्षु गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे में सीनियर पायलट की मौत हो गई। पायलट कैप्टन विमल कुमार 54 साल के थे। वे बिहार के पटना के रहने वाले थे। रीवा एसपी नवनीत भसीन ने बताया कि रीवा जिले में प्रशिक्षण के दौरान एक विमान के मंदिर से टकरा जाने से एक पायलट की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया।मीडिया रिपोर्टस के अनुसार निजी प्रशिक्षण कंपनी का प्लेन मंदिर की गुंबद और बिजली के तारों से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। घटना चौरहटा थाने के उमरी गांव के मंदिर के पास हुई। इस हादसे में एक पायलट की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक पायलट गंभीर रूप से घायल है। जिसे संजय गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। हादसे में प्लेन के परखच्चे उड़ गए।प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण कोहरा बताया जा रहा है। उमरी हवाई अड्डे में पल्टन कंपनी का प्लेन छात्रों को प्रशिक्षण देता था। गुरुवार की रात को 11.30 बजे पायलट कैप्टन विमल कुमार जयपुर के रहने वाले छात्र सोनू यादव को प्रशिक्षण दे रहे थे। प्लेन उड़ान भरने के बाद मंदिर के गुंबद से टकरा गया। जिसके बाद जोरदार धमाका हुआ और प्लेन क्षतिग्रस्त हो गया। धमाके की आवाज सुनकर लोग घरों से बाहर निकले तो प्लेन क्षतिग्रस्त मिला। स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने दोनों घायलों को इलाज के लिए संजय गांधी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जिसमें पायलट की गुरुवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। जबकि छात्र की हालत गंभीर है, जिसका इलाज जारी है।फिलहाल, हादसे के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। संभावना जताई जा रही है कि कोहरे के कारण पायलट मंदिर का गुंबद नहीं देख पाया और उससे टकरा गया। कलेक्टर मनोज पुष्प, डीआईजी नवनीत भसीन शुक्रवार सुबह मौके पर पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी ली।
- शिरडी। देश और दुनिया में प्रसिद्ध शिरडी के साईं मंदिर में साईं भक्तों ने बीते साल 400 करोड़ रुपये से अधिक का चढ़ावा चढ़ाया है। श्री साई मंदिर ट्रस्ट के सीईओ राहुल जाधव के मुताबिक कुल 400 करोड़ 17 लाख 64 हजार 201 रुपये बीते साल दान के रूप में प्राप्त हुए हैं। 25 दिसंबर के बाद नए साल के मौके पर ही 17 करोड़ 81 लाख रुपये से अधिक की राशि का दान आया। नववर्ष अवसर के कुछ दिनों में आठ लाख से अधिक भक्तों ने शिरडी मंदिर में दर्शन किए। 400 करोड़ से अधिक की राशि में से 167 करोड़ 77 लाख एक हजार 27 रुपये दान पेटी में आए। दान काउंटर पर कटवाई जाने वाली रसीदों से 74 करोड़ 3 लाख 26 हजार 464 रुपये आए। ऑनलाइन पेमेंट, मनी ऑर्डर, चेक आदि से 144 करोड़ 45 लाख 22 हजार 497 रुपये की राशि दान के रूप में मिली। सोने, चांदी आदि के आभूषणों का मूल्य भी कुल दान में शामिल है। श्री साई मंदिर ट्रस्ट के पीआरओ एकनाथ गोंदकर के अनुसार, नववर्ष के अवसर पर बेंगलुरु के राजा दत्ता और शिवानी दत्ता ने 928 ग्राम सोने का मुकुट श्री साईं बाबा के लिए चढ़ाया है। इसकी कीमत 46 लाख 70 हजार 624 रुपए है।साईं मंदिर में शिर्डी के साईं मंदिर में भक्तों द्वारा यह चढ़ावा चढ़ाने की रीत काफी पुरानी है। कोरोना काल के दौरान के दो सालों को छोड़ दिया जाए तो इस मंदिर पर भक्त अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं। मन्नत पूरी होने पर मन्नत मांगने के लिए दूर-दूर से भक्तों का जत्था महाराष्ट्र के शिरडी साईं मंदिर में आता है। हर साल यहां कई करोड़ का चढ़ावा भक्तों द्वारा चढ़ाया जाता है। साल 2014-15 की बात करें तो इस साल 316 करोड़ 91 लाख 61हजार 685 रुपए नकद स्वरूप में दान दिए गए थे। जबकि 73 लाख 41हजार 414 रुपए के सोने और चांदी के आभूषण साईं बाबा को चढ़ाए गए थे। कुल मिलाकर इस वर्ष के लिए यह आंकड़ा 324 करोड़ 65 लाख तीन हजार 99 रुपये था।वहीं साल 2015-16 के दौरान साईं मंदिर को 306 करोड़ 44 लाख 67 हजार 205 रुपये नगद स्वरूप में मिले थे। जबकि 7 करोड़ 16 लाख 15 हजार 979 रुपए सोने और चांदी के गहनों के रूप में मिले थे। इस साल के लिए यह रकम कुल मिलाकर 313 करोड़ 60 लाख 83 हजार 184 रुपये थी। साल 2016-17 के वर्ष में साईं मंदिर को 339 करोड़ 28 लाख 38 हजार 877 रूपए नकद स्वरूप में प्राप्त हुए थे। जबकि 8 करोड़ 34 लाख 10 हजार 428 रुपये सोने और चांदी के आभूषणों के रूप में प्राप्त हुए थे। उस साल यह रकम कुल 347 करोड 62 लाख 49 हजार 305 रुपये थी।भक्तों द्वारा चढ़ाए जाने वाले इस चढ़ावे का इस्तेमाल मंदिर ट्रस्ट जनहित के कामों में करता है। मंदिर ट्रस्ट में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों की तनख्वाह के अलावा ट्रस्ट की तरफ से अस्पताल और एजुकेशन संस्थान चलाया जाता है। जिसका पूरा खर्च ट्रस्ट की तरफ से उठाया जाता है। यहां समाज के सभी वर्गों के इलाज और पढ़ाई का ध्यान रखा जाता है। मंदिर ट्रस्ट हर साल साढ़े चार सौ करोड़ रुपए इन तमाम सुविधाओं को मुहैया करवाने के लिए खर्च करता है।
-
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम -यूएपीए के तहत द रेजिस्टेंस फ्रंट-टीआरएफ को एक आतंकी संगठन घोषित किया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि द रेजिस्टेंस फ्रंट आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑनलाइन माध्यम से युवाओं की भर्ती कर रहा है। द रेजिस्टेंस फ्रंट गैर कानूनी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रॉक्सी गुट के रूप में 2019 में अस्तित्व में आया।
मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि यह संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को फैलाने, आतंकियों की भर्ती करने, इनकी घुसपैठ कराने और पाकिस्तान से हथियारों तथा मादक पदार्थों की तस्करी करने में संलिप्त है। द रेजिस्टेंस फ्रंट भारत के विरुद्ध आतंकी गुटों में शामिल होने के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को उकसाने के लिए सोशल मीडिया मंचों पर मनोवैज्ञानिक अभियान चलाने में भी संलिप्त है। मंत्रालय ने कहा कि द रेजिस्टेंस फ्रंट के कमांडर शेख सज्जाद गुल एक कुख्यात आतंकवादी है। -
बेलगावी (कर्नाटक)। जिले के चिंचनूर में बृहस्पतिवार को तड़के तीर्थयात्रियों को लेकर जा रही एक गाड़ी पेड़ से टकरा गई, जिससे तीन महिलाओं समेत कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और छठे व्यक्ति ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
पुलिस के अनुसार, जिले के रामदुर्ग तालुक में हुल्कुंद गांव से कुछ लोग सावदत्ती स्थित रेणुका यल्लम्मा मंदिर जा रहे थे। तभी चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया और वाहन सड़क के किनारे लगे एक पेड़ से टकरा गया। कर्नाटक के सिंचाई मंत्री गोविंद कारजोल ने प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। -
नागपुर. भारत इस साल स्वदेश निर्मित पोत ‘समुद्रयान' के जरिये समुद्र की 500 मीटर की गहराई में तीन खोजकर्ताओं को भेजेगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चेन्नई में राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान के इंजीनियर इसके लिए तैयारी कर रहे हैं। यहां भारतीय विज्ञान कांग्रेस के इतर एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने का अनुरोध करते हुए एक न्यूज़ एजेंसी को बताया कि हालांकि, समुद्र में 6,000 मीटर की गहराई तक ‘समुद्रयान' भेजने की योजना में देरी हो सकती है क्योंकि उन गहराई पर दबाव झेलने में सक्षम ‘टाइटेनियम स्पियर' की खरीद में कठिनाई सामने आ सकती है। अधिकारी ने कहा, ‘‘ये विशिष्ट प्रौद्योगिकियां हैं और कोई भी देश इन्हें देने के लिए तैयार नहीं है। यूक्रेन संघर्ष ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है।'' भारत अगले साल के अंत तक मानव अंतरिक्ष यान भी हासिल करना चाहता है।
-
नागपुर। पद्मश्री पुस्कार से सम्मानित राहीबाई पोपेरे ने कहा है कि देश के हर गांव में ‘बीज बैंक' होने चाहिए और प्रत्येक घर में “रसायन मुक्त” भोजन प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र में अहमदनगर की अकोला तहसील के कोंभलने गांव की निवासी पोपेरे को स्वदेशी बीजों का उपयोग करके पारंपरिक खेती में उनकी भूमिका के लिए सराहा जाता है।
समर्थकों के बीच प्यार से ‘बीज माता' कहलाने वाली पोपेरे ने बुधवार को महिला विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, “हम प्रकृति को भूल गए हैं और इसलिए प्रकृति हमें भूल गई है। बारिश का अब कोई मौसम नहीं रह गया है। हम प्रकृति के अनुसार फसल नहीं बो रहे हैं। हम बेमौसम फसल उगा रहे हैं। हम बदल गए हैं और इसलिए प्रकृति बदल गई है।”
उन्होंने प्राकृतिक खेती की वकालत करते हुए कहा, “हर गांव में एक राहीबाई पोपेरे और एक बीज बैंक होना चाहिए। हर घर में खाने की थाली रसायन मुक्त होनी चाहिए।” संस्कार भारती की अध्यक्ष कंचन गडकरी समारोह की मुख्य अतिथि रहीं। -
नयी दिल्ली. सरकार देशभर में भारतीय मानक समय (आईएसटी) को अनिवार्य रूप से अपनाने के लिए एक व्यापक नीति लाने की योजना बना रही है। उपभोक्ता मामलों के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि इस पहल का मकसद सभी नेटवर्क और कंप्यूटर का आईएसटी के साथ सामंजस्य सुनिश्चित करना है। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि दूरसंचार सेवाप्रदाता, इंटरनेट सेवाप्रदाता, बिजली ग्रिड, बैंक, शेयर बाजार जैसी संस्थाएं आईएसटी को अपनाएं। इस समय सभी दूरसंचार और इंटरनेट सेवाओं को आईएसटी को अनिवार्य रूप से नहीं अपनाया जा रहा है। वे वैश्विक उपग्रह प्रणाली (जीएनएसएस) जैसे अन्य स्रोत से जुड़े सर्वर का इस्तेमाल कर रहे हैं। उपभोक्ता मामलों का विभाग (डीओसीए) पहले ही राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ एक परियोजना पर काम कर रहा है, ताकि आईएसटी के लिए सटीक समय का पता लगाया जा सके और उसका प्रसार किया जा सके। अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय विधिक माप विज्ञान अधिनियम, 2009 के तहत ‘‘आईएसटी को अनिवार्य रूप से अपनाने'' के लिए एक व्यापक नीति और मानकों की रूपरेखा तैयार करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विस्तृत मूल्यांकन करने के लिए क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय प्रावधानों का अध्ययन करने और परियोजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सलाहकार नियुक्त किए जाएंगे। -
कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस साल होने वाले पंचायत चुनाव से पहले जनवरी से अप्रैल तक मध्याह्न भोजन में चिकन और मौसमी फल शामिल करने के लिए 371 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। एक अधिसूचना के अनुसार प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत फिलहाल मध्याह्न भोजन में प्रदान किए जा रहे चावल, आलू, सोयाबीन और अंडे के अलावा, चार महीने तक हर सप्ताह चिकन और मौसमी फल प्रदान किए जाएंगे।
स्कूल विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हालांकि अप्रैल के बाद यह प्रावधान जारी रहने की संभावना नहीं है। तीन जनवरी की अधिसूचना के अनुसार, प्रत्येक छात्र को अतिरिक्त पोषण प्रदान करने पर प्रति सप्ताह 20 रुपये की राशि खर्च की जाएगी और यह प्रक्रिया 16 सप्ताह तक चलेगी। राज्य द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 1.16 करोड़ से अधिक छात्र मध्याह्न भोजन योजना के लाभार्थी हैं। इसपर होने वाला 60 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार जबकि 40 फीसद केंद्र सरकार उठाती है। हालांकि, 371 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन पूरी तरह से राज्य द्वारा किया गया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार चार महीने बाद एक और राशि आवंटित करेगी तो स्कूल विभाग के अधिकारी ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस कदम से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। भाजपा ने पूछा कि इस साल होने वाले पंचायत चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले ऐसा निर्णय क्यों लिया गया, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने विपक्ष पर “हर चीज में राजनीति देखने” का आरोप लगाया।
भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा, “चुनाव से पहले स्कूली बच्चों को चिकन परोसने का निर्णय टीएमसी सरकार के हृदय परिवर्तन पर सवाल उठाता है। गरीब बच्चों को इन वस्तुओं से वंचित क्यों रखा गया और हाल तक केवल चावल और दाल ही दी गई? पंचायत चुनाव नजदीक होने के कारण इस फैसले से वोट सुरक्षित करने के राजनीतिक मकसद की बू आ रही है।” टीएमसी के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने कहा कि पार्टी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमेशा आम लोगों के पक्ष में खड़ी रहती हैं और यह फैसला “उस तथ्य की पुष्टि करता है।”
उन्होंने कहा, “तृणमूल कांग्रेस एक जन-केंद्रित पार्टी है और यह भाजपा की तरह नहीं है जो हर मुद्दे पर राजनीति करना चाहती है। कोविड महामारी और लॉकडाउन के दौरान, हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि बच्चे मध्यान्ह भोजन से वंचित न रहें और स्कूलों में नियमित रूप से चावल, दाल, आलू, सोयाबीन वितरित किया। मुश्किलों के बावजूद हमने मध्याह्न भोजन बंद नहीं किया।” -
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्या नडेला से मुलाकात के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार में भारत की प्रगति प्रौद्योगिकी-आधारित विकास के युग की शुरुआत कर रही है। भारत की चार दिवसीय यात्रा पर आए नडेला ने मोदी से मुलाकात की और वादा किया कि डिजिटल इंडिया की संकल्पना को साकार करने में कंपनी देश की मदद करेगी। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आपसे मिलकर खुशी हुई सत्या नडेला। प्रौद्योगिकी और नवाचार में भारत की प्रगति प्रौद्योगिकी-आधारित विकास के एक युग की शुरुआत कर रही है। हमारे युवा ऐसे विचारों से भरे हुए हैं, जिनमें ग्रह को बदलने की क्षमता है।'' माइक्रोसॉफ्ट के शीर्ष अधिकारी नडेला ने प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात को ‘‘गहरी समझ विकसित करने वाली'' बताया। उन्होंने डिजिटल रूपांतरण के जरिये टिकाऊ एवं समावेशी आर्थिक वृद्धि पर सरकार के जोर की सराहना भी की। नडेला ने ट्वीट किया, ‘‘डिजिटल रूपांतरण के जरिये टिकाऊ और समावेशी आर्थिक वृद्धि पर सरकार द्वारा गहराई से ध्यान देना प्रेरणादायी है। हम डिजिटल इंडिया की संकल्पना को साकार करने और दुनिया का मार्गदर्शक बनाने में भारत की मदद को उत्सुक हैं।'' उन्होंने लिखा, ‘‘गहरी समझ विकसित करने वाली मुलाकात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार। -
बांदा. उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र में मवई बुजुर्ग गांव के बाईपास पर एक डंपर की टक्कर लगने से उसमें फंसकर स्कूटी सवार एक महिला करीब तीन किलोमीटर तक घिसटती रही। एक पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि घर्षण के कारण डंपर और स्कूटी में आग लग गई, जिससे महिला की जलकर मौत हो गई।
शहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) श्यामबाबू शुक्ला के मुताबिक, कृषि विश्वविद्यालय, बांदा में कार्यरत कनिष्ठ लिपिक पुष्पा सिंह (35) बुधवार शाम करीब साढ़े छह बजे सब्जी खरीदकर अपनी स्कूटी से जा रही थीं, तभी रास्ते में मवई बुजुर्ग गांव के बाईपास के नजदीक एक डंपर ने उसकी स्कूटी में टक्कर मार दी। शुक्ला के अनुसार, टक्कर से सिंह डंपर के अगले हिस्से में फंसकर स्कूटी समेत करीब तीन किलोमीटर तक घिसटती चली गईं। उन्होंने बताया कि इससे स्कूटी और डंपर में आग लग गई और सिंह जिंदा जल गईं। एसएचओ ने बताया कि वर्ष 2020 में सहायक लेखाकार पद पर तैनात रहे रंजीत कुमार की मृत्यु हो गई थी। उन्हीं के स्थान पर उनकी पत्नी पुष्पा की नियुक्ति हुई थी। शुक्ला ने बताया कि डंपर के चालक को पकड़ लिया गया है और डंपर को जब्त कर लिया गया । एसएचओ ने बताया कि डंपर के चालक ने पूछताछ में बताया कि उसे स्कूटी डंपर में फंस जाने की जानकारी हो गयी थी, लेकिन महिला के भी फंसने से वह अनभिज्ञ था। शुक्ला ने बताया कि चालक ने बताया कि भय की वजह से उसने डंपर नहीं रोका और आग लग जाने के बाद वह भागा, लेकिन बाद में पकड़ा गया। पुलिस ने बताया कि ग्रामीणों की माने तो हादसे के दौरान किसी ने उसकी (महिला की) चीख-पुकार नहीं सुनी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि मृत महिला का शव पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल लाया गया था। उन्होंने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि महिला की मौत हादसे के बाद जलने से हुई। उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम हो चुका है और रिपोर्ट पुलिस को भेज दी गयी है। -
वड़ोदरा. गुजरात के वडोदरा से 75 दुर्लभ ‘विंटेज' (पुरानी) कारों में उनके मालिक और अन्य लोग लक्ष्मी विलास महल से केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लिए बृहस्पतिवार को रवाना हुए। जैसे ही यह काफिला 19वीं शताब्दी के महल से निकला और सड़क पर पहुंचा, उन पर फूलों की वर्षा की गई,वहीं मुख्य द्वार के दोनों ओर खड़े लड़के और लड़कियों ने सलामी दी। काफिले के अन्य मार्गों पर भी लोगों की भीड़ जमा हो गई और उन्होंने मुस्कुराते चेहरों के साथ हाथ हिला कर कार सवार लोगों का अभिवादन किया। इन पुरानी कारों में 1930 की ‘शेवरले डिपोट हैक' भी शामिल है,जिसके आगे का हिस्सा हरे रंग है। इसके अलावा काले रंग की ‘ ब्रूइक एट ' और ‘डॉज' भी पुराने कारों के काफिले में शामिल थीं। वर्ष 1958 की ‘एमजी' भी इसका हिस्सा बनी जो बेंगलुरु के संतोष की है। 1938 की ‘आर्म्सस्ट्रांग सिडले' तथा 1948 ‘हमर' भी लोगों को इसमें देखने को मिली। शेवरले के मालिक कोयंबटूर के केके चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘ मैंने मैसूरू के एक व्यक्ति से बीस वर्ष पहले यह कार खरीदी थी। हमारे गैराज में कारीब 35 कार हैं, इस शेवरले को पिछले एक वर्ष में तैयार किया गया है। हम इसे वडोदरा में और आजादी का अमृत महोत्सव में इसे केवड़िया ले जाकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।'' ‘21 गन सेल्यूट हेरिटेज एंड कल्चरल ट्रस्ट' के अध्यक्ष मदन मोहन ने कहा, "यह आयोजन विंटेज कार प्रेमियों को हमारे देश और इसकी विरासत का जश्न मनाने के लिए साथ लेकर आया है और पुणे से लेकर असम तक के लोग अमृत महोत्सव यात्रा में शामिल होने के लिए आए हैं।'' संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि यह कार्यक्रम ‘21 गन सेल्यूट हेरिटेज एंड कल्चरल ट्रस्ट' ने पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया है और इसे गुजरात पर्यटन विभाग का सहयोग मिला है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर वडोदरा राज्य के तत्कालीन राजा समरजीतसिंह गायकवाड़ सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। गायकवाड़ ने कहा, ‘‘यह बहुत गर्व की बात है कि यह विंटेज यात्रा आजादी के 75 साल पर हो रही है और पैलेस भी एक विरासत है और इस तरह दो खूबसूरत चीजें भारत का जश्न मनाने के लिए एक साथ आई हैं। -
नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि रक्षा बलों में युद्धक भूमिका से लेकर चिकित्सा सेवा तक महिला सशक्तीकरण को काफी बढ़ावा दिया गया है और सैन्य इंजीनियर सेवाओं (एमईएस) में और अधिक संख्या में महिलाओं को आना चाहिए। राष्ट्रपति ने सैन्य इंजीनियर सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात के दौरान यह बात कही।
राष्ट्रपति भवन की विज्ञप्ति के अनुसार, मुर्मू ने कहा, ‘‘निर्माण के क्षेत्र में युवा अधिकारियों के रूप में एमईएस अधिकारियों का प्रमुख कर्तव्य पर्यावरण की देखभाल करना भी है। हमें सतत विकास के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का अधिक उपयोग करना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि एमईएस बड़ी संख्या में सौर फोटोवोल्टिक परियोजनाओं को पूरा करके कार्बन प्रभाव को कम करने में काफी योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि वे नई निर्माण सामग्री का नवाचार और उसका उपयोग कर सकते हैं, जो निवासियों को खतरनाक रसायनों से बचाती है। मुर्मू ने कहा, ‘‘निर्माण क्षेत्र बहुत गतिशील है और तकनीकें बहुत तेजी से बदल रही हैं। यह क्षेत्र आर्थिक वृद्धि और विकास में प्रमुख भूमिका निभाता है। ऐसे में एमईएस अधिकारी परियोजना प्रबंधन के आधुनिक उपकरणों का उपयोग कर बुनियादी ढांचे के विकास में अपना काफी योगदान दे सकते हैं।'' राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारे सैनिक देश और देशवासियों के लिये बलिदान देने के लिये हमेशा तत्पर रहते हैं। आपको मातृभूमि के वीर बेटे एवं बेटियों को समर्थन देने के लिये गौरवान्वित महसूस करना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि वह इस बात पर जोर देना चाहेंगी कि एमईएस में अधिक संख्या में महिलाओं को आने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमने सशस्त्र बलों में महिलाओं की हिस्सेदारी में बढ़ोत्तरी देखी है। चाहे रक्षा बलों में युद्धक भूमिका हो या चिकित्सा सेवा हो... महिला सशक्तीकरण को काफी बढ़ावा दिया गया है। उम्मीद करते हैं कि यह सकारात्मक बदलाव सैन्य इंजीनियर क्षेत्र में भी देखने को मिलेगा।'' राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों से अपने भविष्य की परियोजनाओं में अत्याधुनिक तकनीकों जैसे कि मशीन लर्निंग और कृत्रिम बुद्धिमता का उपयोग करने का अनुरोध किया। उन्होंने इस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि एमईएस ने गुजरात के गांधीनगर में अब तक का पहला ‘3डी प्रिंटेड' आवास का निर्माण पूरा कर लिया है। उन्होंने एमईएस अधिकारियों से बड़ी संख्या में ऐसी तकनीकों के उपयोग को लेकर प्रयास करने का अनुरोध किया, जो लागत प्रभावी हैं और बर्बादी से बचने में सहायता करती हैं।









.jpeg)

.jpeg)

.jpg)












.jpeg)
