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- नयी दिल्ली । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में 24 घंटे से भी कम समय में दूसरा मामला सामने आया है जिसमें एक परिवार ने ‘ब्रेन डेड' घोषित आठ वर्षीय बच्ची के अंग दान कर दो बच्चों को नया जीवन दिया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। इससे पहले, ‘ब्रेन डेड' घोषित 18 महीने की बच्ची के परिवार के सदस्यों ने उसके अंगों को दान कर दिया, जिससे दो को नया जीवन मिला और दो अन्य बच्चों को दृष्टि मिली। एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ दीपक गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मथुरा की मानसी दो नवंबर को अपने घर में किसी ऊंची जगह से नीचे गिर गई थी। आठ वर्षीय बच्ची के मस्तिष्क को गंभीर क्षति हुई और 11 नवंबर को उसे ‘ब्रेन डेड' घोषित कर दिया गया था। बच्ची के माता-पिता की सहमति से, उसके यकृत और एक गुर्दे को पांच साल के बच्चे में प्रतिरोपण किया गया, जिसका यहां यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान में उपचार किया जा रहा था। मानसी के कॉर्निया और हृदय के वाल्व को अन्य बच्चों में इस्तेमाल करने के लिए संरक्षित किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘काउंसलिंग के दौरान मानसी के माता-पिता को रोली के अंगदान की कहानी के बारे में बताया गया, जिसके बाद उन्हें ‘ब्रेन डेड' की अवधारणा और अंगदान की जरूरत समझ में आई।'' छह वर्षीय रोली प्रजापति को बंदूक की गोली से घायल होने के बाद ‘ब्रेन डेड' घोषित कर दिया गया था। उसके माता-पिता ने इस साल अप्रैल में उसके महत्वपूर्ण अंग-हृदय, यकृत, गुर्दे और कॉर्निया दान कर दिए थे। मानसी के मामले में, जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर और अंग पुन: स्थापन बैंकिंग संस्था, एम्स तथा राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) से एक टीम अंग प्राप्त करने और प्रतिरोपण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए एक साथ आई। डॉ गुप्ता ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र, एम्स आने वाले हफ्तों में कॉर्निया का प्रतिरोपण करेगा। उन्होंने कहा कि भारत में अंगदान को लेकर जागरूकता का अभाव है। डॉ गुप्ता ने कहा कि अक्सर परिवार के लोग अंगदान से मना कर देते हैं क्योंकि उन्हें इस बारे में पता ही नहीं होता। उन्होंने अंगदान के बारे में जागरूकता फैलाने की अपील की। भारत में प्रति दस लाख आबादी पर अंगदान दर 0.4 (दुनिया में सबसे कम) है। अमेरिका और स्पेन में वर्तमान में प्रति दस लाख जनसंख्या पर अंग दान दर 50 है। डॉ गुप्ता ने कहा कि नए नेतृत्व में, एम्स दिल्ली ने हाल के दिनों में अंग जुटाने की गतिविधियों में बदलाव किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप पिछले छह महीनों में अंग दान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- नागपुर (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के एक सुदूर गांव में बचपन में एक समय के भोजन के लिए संघर्ष करने से लेकर अमेरिका में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक बनने तक, भास्कर हलामी का जीवन इस बात का एक उदाहरण है कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। कुरखेड़ा तहसील के चिरचडी गांव में एक आदिवासी समुदाय में पले-बढ़े हलामी अब अमेरिका के मेरीलैंड में बायोफार्मास्युटिकल कंपनी सिरनामिक्स इंक के अनुसंधान और विकास खंड में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। कंपनी आनुवंशिक दवाओं में अनुसंधान करती है और हलामी आरएनए निर्माण और संश्लेषण का काम देखते हैं।हलामी की एक सफल वैज्ञानिक बनने की यात्रा बाधाओं से भरी रही है और उन्होंने कई जगह पहला स्थान हासिल किया है। वह विज्ञान स्नातक, स्नातकोत्तर डिग्री और पीएचडी करने वाले चिरचडी गांव के पहले व्यक्ति हैं। हलामी ने अपने बचपन के शुरुआती दिनों को याद किया कि किस तरह उनका परिवार बहुत थोड़े में गुजारा करता था। 44 वर्षीय वैज्ञानिक ने कहा, ‘‘हमें एक वक्त के भोजन के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता था। मेरे माता-पिता हाल तक सोचते थे कि जब भोजन या काम नहीं था तो परिवार ने उस समय कैसे गुजारा किया।'' उन्होंने कहा कि वर्ष में कुछ महीने विशेष रूप से मानसून, अविश्वसनीय रूप से कठिन रहता था क्योंकि परिवार के पास जो छोटा खेत था उसमें कोई फसल नहीं होती थी और कोई काम नहीं होता था। हलामी ने कहा, ‘‘हम महुआ के फूल को पकाकर खाते थे, जो खाने और पचाने में आसान नहीं होते थे। हम परसोद (जंगली चावल) इकट्ठा करते थे और पेट भरने के लिए इस चावल के आटे को पानी में पकाते थे। यह सिर्फ हमारी बात नहीं थी, बल्कि गांव के 90 प्रतिशत लोगों के लिए जीने का यही जरिया होता था।'' चिरचडी 400 से 500 परिवारों का गांव है। हलामी के माता-पिता गांव में घरेलू सहायक के रूप में काम करते थे, क्योंकि उनके छोटे से खेत से होने वाली उपज परिवार का भरण पोषण करने के लिए पर्याप्त नहीं थी। हालात तब बेहतर हुए जब सातवीं कक्षा तक पढ़ चुके हलामी के पिता को करीब 100 किलोमीटर दूर कसनसुर तहसील के एक स्कूल में नौकरी मिल गई। हलामी ने कक्षा एक से चार तक की स्कूली शिक्षा कसनसुर के एक आश्रम स्कूल में की और छात्रवृत्ति परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने यवतमाल के सरकारी विद्यानिकेतन केलापुर में कक्षा 10 तक पढ़ाई की। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता शिक्षा के मूल्य को समझते थे और उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि मैं और मेरे भाई-बहन अपनी पढ़ाई पूरी करें।'' गढ़चिरौली के एक कॉलेज से विज्ञान स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद हलामी ने नागपुर में विज्ञान संस्थान से रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। 2003 में हलामी को नागपुर में प्रतिष्ठित लक्ष्मीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एलआईटी) में सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग (एमपीएससी) की परीक्षा पास की, लेकिन हलामी का ध्यान अनुसंधान पर बना रहा और उन्होंने अमेरिका में पीएचडी की पढ़ाई की तथा डीएनए और आरएनए में बड़ी संभावना को देखते हुए उन्होंने अपने अनुसंधान के लिए इसी विषय को चुना। हलामी ने मिशिगन टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। हलामी अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं, जिन्होंने उनकी शिक्षा के लिए कड़ी मेहनत की। हलामी ने चिरचडी में अपने परिवार के लिए एक घर बनाया है, जहां उनके माता-पिता रहना चाहते थे। कुछ साल पहले हलामी के पिता का निधन हो गया।
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शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश),। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की रहने वाली स्नातक की छात्रा सोमवार को संसद भवन में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर भाषण देगी। यह छात्रा वहां उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाली अकेली छात्रा होगी। शहर के जी एफ कॉलेज में स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा कल्याण कारिणी पांडे (20) शहर के ही महमंद जलाल नगर की रहने वाली है और उन्हें 14 नवंबर को दिल्ली स्थित देश के संसद भवन में भाषण देने का मौका मिला है। जी एफ कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर मोहम्मद तारिक ने बताया कि उनके ही विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा कल्याण कारिणी पांडे का चयन युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय तथा शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में गत सात नवंबर को आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्यम से हुआ है। उन्होंने बताया कि पांडे 14 नवंबर को लोकसभा सचिवालय के पार्लियामेंट्री रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट फॉर डेमोक्रेसीज द्वारा संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए भूतपूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर भाषण देंगी। छात्रा को भेजे गए निमंत्रण में कहा गया है कि यह कार्यक्रम हमारे राष्ट्रीय नेताओं को उनके जन्मदिन पर संसद भवन में श्रद्धांजलि देने के काम में देश के युवाओं की सहभागिता के लिए आयोजित किया गया है इस सिलसिले के तीसरे कार्यक्रम के तहत 14 नवंबर को पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। तारिक ने बताया कि आयोजकों द्वारा जो सूची जारी की गई है उसके मुताबिक 10 प्रदेशों से एक-एक छात्र/छात्रा को बुलाया गया है। उत्तर प्रदेश से कल्याण कारिणी पांडे को ही चुना गया है। स्नातक छात्रा पांडे ने बताया कि वह अपनी बात को लोकसभा अध्यक्ष तथा अतिथियों के सामने रखेगीं और वह अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जीवन, उनके व्यक्तित्व और कृतित्व का जिक्र करेंगी। इसके अलावा उन्हें संसद भवन राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और राजघाट का भ्रमण भी कराया जाएगा। कल्याण कारिणी पांडे की मां नीता पांडे तथा पिता मनोज कुमार डॉक्टर हैं। उनकी एक बड़ी बहन तथा एक छोटा भाई है। वे दोनों पढ़ाई कर रहे हैं।
- नयी दिल्ली। कुछ राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की घोषणा के बीच अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इसके लिये वित्तीय संसाधनों का उपयोग करना एक ‘बड़ी भूल' होगी और इससे औसत आर्थिक वृद्धि दर घटकर छह प्रतिशत पर आने के साथ अन्य विकास कार्यों पर भी असर पड़ेगा। अर्थशास्त्रियों का यह भी कहना है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था (ओपीएस) लागू होने से सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले नौकरीपेशा लोगों को ही लाभ होगा जो आबादी का एक सीमित हिस्सा ही है। वहीं निजी क्षेत्र में बड़ी संख्या में काम करने वाले कामगारों समेत तमाम लोगों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने ओपीएस से नई नौकरियों के सृजन पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका जताई है।पिछले कुछ महीनों में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब ने सरकारी कर्मचारियों के लिये ओपीएस को लागू करने की घोषणा की है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात में जारी विधानसभा चुनावों के दौरान कहा है कि इन राज्यों में सत्ता में आने पर वह ओपीएस लागू करेगी। इससे पहले उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा जोरशोर से उठा था। जाने-माने अर्थशास्त्री और वर्तमान में बेंगलुरु स्थित डॉ. बीआर आंबेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति एन आर भानुमूर्ति ने कहा, ‘‘नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) विभिन्न स्तरों पर काफी सोच-विचारकर लागू की गयी है और यह स्वतंत्र भारत में सबसे बड़ा राजकोषीय सुधार है। इससे सरकार का वित्तीय बोझ काफी कम हुआ है और राज्य सरकारों की राजकोषीय स्थिति भी बेहतर हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर ओपीएस पूरे देश में लागू कर दी गयी तो इसका वित्तीय असर काफी व्यापक होगा। सार्वजनिक कर्ज का स्तर प्रबंधन-योग्य स्तर से ऊपर पहुंच जाएगा। इतना ही नहीं, औसत जीडीपी वृद्धि दर पर भी असर पड़ेगा और सात प्रतिशत से अधिक वृद्धि की संभावना घटकर छह प्रतिशत पर आ सकती है।'' आर्थिक शोध संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में प्रोफेसर लेखा चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘चुनावों में मतदाताओं को लुभाने के लिए ओपीएस लागू करना आर्थिक नजरिये से नुकसानदायक है क्योंकि इसमें वित्तीय जोखिम है। इस घोषणा का समय भी विशेष रूप से महामारी के बाद के राजकोषीय जोखिम और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं को देखते हुए अनुचित है। राजकोषीय बाधाओं को देखते हुए ओपीएस के क्रियान्वयन की गुंजाइश नहीं है...।'' उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि सार्वजनिक वित्त और राजकाज का 'कल्याणकारी मॉडल' मजबूत करने के नाम पर ओपीएस लागू करने की बात की जाती है, लेकिन इसके वित्तपोषण के लिये वित्तीय संसाधनों का उपयोग करना एक भारी गलती होगी।'' एक जनवरी, 2004 से लागू नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) अंशदान पर आधारित पेंशन योजना है। इसमें कर्मचारी के साथ-साथ सरकार भी अंशदान देती है। पेंशन कोष विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) कानून, 2013 के तहत संचालित एनपीएस के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को अपने वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत अंशदान देना होता है। इतना ही अंशदान सरकार करती थी। वर्ष 2019 में संशोधन के जरिये सरकार के अंशदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया। पीएफआरडीए की देखरेख में कोष प्रबंधक जमा राशि का निवेश करते हैं। सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी समूचे कोष का 60 प्रतिशत निकाल सकते हैं, जबकि कम-से-कम 40 प्रतिशत राशि का उपयोग पंजीकृत बीमा कंपनी से पेंशन उत्पाद खरीदने में करना जरूरी होता है। उसके आधार पर कर्मचारियों को मासिक आधार पर पेंशन मिलती है। वहीं पुरानी पेंशन व्यवस्था में कर्मचारियों की पेंशन सेवानिवृत्ति से पहले लिये गये अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत होती है और यह पूरी राशि सरकार की तरफ से दी जाती थी।
- नयी दिल्ली | पश्चिमी मोर्च पर पाकिस्तान से लगी सीमा के पार से ड्रोन भेजे जाने के मामलों में भारी वृद्धि हुई है और साल 2022 में ड्रोन के जरिए मादक पदार्थ, हथियार और गोला-बारूद भेजे जाने के मामलों में दोगुना इजाफा हुआ है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बल ने दिल्ली में एक शिविर में ड्रोन का अध्ययन करने के लिए हाल ही में एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित की है और इसके परिणाम बहुत उत्साहजनक रहे हैं। उन्होंने शनिवार को कहा कि सुरक्षा एजेंसियां सीमा पार से ड्रोन उड़ाने के रास्तों और इस अवैध गतिविधि में शामिल लोगों के ठिकानों पर भी नजर रख सकती हैं। उन्होंने कहा, “बीएसएफ काफी समय से ड्रोन खतरे का सामना कर रहा है ...नापाक मंसूबों वाले लोग नए-नए तरीके से ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। अलग-अलग तरह के ड्रोन के इस्तेमाल से हमारे लिए समस्याएं पैदा हो रही हैं, क्योंकि इनके बारे में कम जानकारी उपलब्ध है और ये तेजी से उड़ान भरते हुए सीमा को पार कर जाते हैं।” डीजी ने यह बात केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को जानकारी देते हुए कही, जो एक वेबिनार सत्र के माध्यम से फोरेंसिक लैब का उद्घाटन करने के लिए एक कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। ड्रोन के खतरे के बारे में बताते हुए डीजी ने कहा कि बीएसएफ ने 2020 में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन उड़ाए जाने की 79 घटनाओं के बारे में पता लगाया था। पिछले साल इनकी तादाद 109 रही और इस साल यह दोगुनी से अधिक रफ्तार से बढ़कर 266 हो गई। सिंह ने कहा, “ड्रोन के उड़ान भरने के सबसे अधिक 215 मामले पंजाब में सामने आए हैं...जम्मू में करीब 22 मामले सामने आए।” उन्होंने कहा, “समस्या गंभीर है। हमारे पास अभी तक कोई पुख्ता समाधान नहीं है। वे (ड्रोन) मादक पदार्थ, हथियार और गोला-बारूद, जाली मुद्रा आदि लाते हैं।
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रांची. झारखंड की राजधानी रांची के तुपुदाना में बस और ट्रक में हुई भीषण टक्कर में शुक्रवार को दो यात्रियों की मौत हो गयी जबकि 30 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एक निजी बस रांची से खूंटी के तपकारा जा रही थी और इसी दौरान तुपुदाना में इसकी एक ट्रक से जोरदार टक्कर हो गयी जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हो गये। उनके मुताबिक कुछ घायलों की हालत गंभीर है जिन्हें रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया है। रांची देहात के पुलिस अधीक्षक नौशाद आलम ने कहा, “ एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।” तुपुदाना थाने के प्रभारी मीरा सिंह ने बताया कि हादसे के बाद बस चालक फरार हो गया, जबकि ट्रक चालक का इलाज किया जा रहा है।
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रामागुंडम (तेलंगाना). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने पिछले आठ वर्षों के दौरान लगभग 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं, ताकि देश के किसानों पर उर्वरकों की ऊंची वैश्विक कीमतों का बोझ न पड़े। मोदी ने रामागुंडम में 9,500 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखने और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करने के बाद कहा कि केंद्र सरकार किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए इस साल 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के बैंक खातों में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि भेजी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में वर्षों से बंद पड़े पांच बड़े उर्वरक संयंत्रों को यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए फिर से शुरू किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि यूरिया भविष्य में एक ही ब्रांड ‘भारत यूरिया' के तहत उपलब्ध कराया जाएगा, क्योंकि किसानों को पहले कई तरह के उर्वरकों के मौजूद होने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया के नाजुक दौर से गुजरने के बावजूद भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। मोदी ने यहां पर रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) के उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन किया जिसे 6,338 करोड़ रुपये की लागत से चालू किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने 990 करोड़ रुपये की बजट लागत से निर्मित भद्राचलम रोड से सत्तुपल्ली तक 54.1 किलोमीटर रेलवे लाइन का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार वर्ष 1990 के बाद यानी पिछले तीन दशकों में देश ने जो विकास देखा है, वो पिछले आठ वर्षों के दौरान हुए बदलावों के कारण कुछ ही वर्षों में होगा। उन्होंने कहा, "पिछले दो-तीन साल से दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है। दूसरी ओर संघर्ष हो रहे हैं, सैन्य कार्रवाइयां हो रही हैं और उसका असर देश और दुनिया पर भी पड़ रहा है।" मोदी ने कहा, "इन विकट परिस्थितियों में भी दुनिया भर में एक और बात सुनने को मिल रही है। दुनिया भर के जानकारों का कहना है कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और उस दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है।" उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में शासन, विचार प्रक्रिया और दृष्टिकोण में भी बदलाव आया है। मोदी ने कहा कि चाहे बुनियादी ढांचा हो, सरकारी प्रक्रियाएं हों या व्यापार करने में आसानी हो.....ये सभी बदलाव भारत के 'आकांक्षी समाज' को प्रेरित कर रहे हैं।
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जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर के एक इलाके में कथित तौर पर महिलाओं को मुक्का मारकर अपनी मोटरसाइकिल से भाग जाने वाले 16 वर्षीय लड़के को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने दी । अधिकारी ने बताया कि यह लड़का संजीवनी नगर इलाके में पिछले कुछ दिनों से महिलाओं को निशाना बना रहा था। उन्होंने बताया कि मोटरसाइकिल सवार आरोपी कथित तौर पर वाहन से उतरता था और फिर महिलाओं की पीठ पर मुक्का मारता था और उसके बाद मोटरसाइकिल पर सवार होकर तेजी से वहां से भाग जाता था। उन्होंने कहा कि इलाके की महिलायें हमलों से बचने के लिए अपने साथ लाठी-डंडे लेकर चलने लगी थीं।
संजीवनी नगर पुलिस थाना प्रभारी शोभना मिश्रा ने बताया कि महिलाओं, खासकर घरेलू सहायिकाओं को मुक्का मारने वाले 16 वर्षीय लड़के को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में लड़के ने खुलासा किया कि वह मौज-मस्ती के लिए महिलाओं को मुक्का मारता था और इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है। अधिकारी ने बताया कि इलाके के निवासियों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कर इस लड़के की पहचान की। -
लुधियाना. पंजाब में समराला के पास लुधियाना-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो कारों की टक्कर होने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई तथा चार अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घटनास्थल यहां से करीब 40 किलोमीटर दूर है। मामले के जांच अधिकारी सहायक उपनिरीक्षक परमजीत सिंह ने कहा कि मृतकों की पहचान सरबजीत सिंह (44), उनकी पत्नी रमनदीप कौर (40) और उनके परिवार की अन्य सदस्य चरणजीत कौर के तौर पर हुई है। वे नजदीकी शहर माछीवाड़ा के रहने वाले थे। पुलिस के मुताबिक, वे सफेद रंग की गाड़ी से जा रहे थे, तभी शनिवार रात को यह घटना हो गई। दूसरी कार में बैठे चार लोग जख्मी हुए हैं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। वे कोटकपुर शहर के रहने वाले हैं।
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नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 14 नवंबर से नई दिल्ली में शुरू हो रहा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मेले का उद्घाटन करेंगे। यह मेला 27 नवम्बर तक चलेगा। इस बार मेले का मुख्य विषय वोकल फॉर लोकल - लोकल टू ग्लोबल है। आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान आयोजित होने की वजह से इसका खास महत्व है। व्यापार मेले में 29 राज्य और केंद्र-शासित प्रदेश हिस्सा ले रहे हैं। इसमें बिहार, झारखण्ड और महाराष्ट्र सहयोगी राज्य के तौर पर हिस्सा ले रहे हैं जबकि उत्तर प्रदेश और केरल पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया गया है। मेले में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के अलावा कई सार्वजनिक उपक्रम भी अपनी उपलब्धियां प्रदर्शित करेंगे। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बहरीन, बेलारूस, ईरान, नेपाल, थाईलैंड, तुर्की, संयुक्त अरब अमारात और ब्रिटेन सहित 12 देश भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इंडोनेशिया के बाली में 17वें जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 14 नवंबर से तीन दिन के इंडोनेशिया दौरे पर रवाना होंगे। सम्मेलन के दौरान जी-20 देशों के नेता सम्मेलन के विषय "साथ बढे़ं, सशक्त बनें" पर वैश्विक चिंता से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श करेंगे। जी-20 शिखर सम्मेलन की कार्यसूची के अनुसार कुल तीन सत्र होंगे। ये सत्र खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल परिवर्तन के बारे में होंगे। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने आज नई दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि बाली सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जी-20 के अन्य नेता सम-सामयिक मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श करेंगे। इन मुद्दों में वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति, ऊर्जा से जुड़े मुद्दे, पर्यावरण, स्वास्थ्य, कृषि और डिजिटल रूपांतरण शामिल है। उन्होंने कहा कि जी-20 का समस्त विचार-विमर्श मौजूदा वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक संदर्भ में होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरा विश्व कई महत्वपूर्ण चुनौतियों से जूझ रहा है, जिनमें कोविड पश्चात असमान आर्थिक सुधार, ऋण अनिश्चितता, यूरोप में जारी संघर्ष और इसके प्रभाव तथा खाद्य सुरक्षा की चुनौतियां, ऊर्जा संकट और मुद्रास्फीति शामिल हैं। जी-20 नेता इन चुनौतियों पर मंथन करेंगे और इनसे निपटने के लिए बहुस्तरीय सहयोग की महत्वपूर्णता पर जोर देंगे।
विदेश सचिव ने कहा कि सम्मेलन के अंतिम सत्र में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रतीकात्मक रूप से जी-20 की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपेंगे। भारत ने औपचारिक रूप से इस वर्ष एक दिसम्बर को जी-20 की अध्यक्षता का पदभार ग्रहण करेंगे। भारत का कार्यकाल अगले वर्ष सितम्बर तक रहेगा। जी-20 की भारत को अध्यक्षता मिलने से विभिन्न मुद्दों को मजबूती मिलने की उम्मीद है, जिनमें स्वच्छ विकास, डिजिटल रूपांतरण, महिला नेतृत्व विकास और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग से जुड़े मुद्दों पर दक्षिण विश्व की आवाज शामिल है। जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत-इंडोनेशिया-ब्राजील की एक तिकड़ी बनेगी। जी-20 में यह पहली बार होगा कि तीन विकासशील देशों और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक गुट बनेगा।जी-20 सम्मेलन के दौरान नेताओं का 16 नवम्बर को बाली के मेंग्रोव वन क्षेत्र जाने का भी कार्यक्रम है। विदेश सचिव ने कहा कि सम्मेलन के दौरान अलग से श्री मोदी की जी-20 में शामिल नेताओं के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें होंगी। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य जी-20 की प्राथमिकताओं में भारत की भूमिका पर चर्चा करना है। श्री मोदी बाली में भारतीय प्रवासी समुदाय के लोगों से भी बातचीत करेंगे।जी-20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का मुख्य मंच है और सभी प्रमुख वैश्विक आर्थिक और विकास से जुड़े मुद्दों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जी-20 के सदस्य देशों का सकल घरेलू उत्पाद वैश्विक अर्थव्यवस्था का लगभग 85 प्रतिशत है। इसमें विश्व की दो तिहाई आबादी और विश्व व्यापार का 75 प्रतिशत हिस्सा शामिल है। - चेन्नई। पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के मामले में रिहा हुई दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन ने रविवार को यहां कहा कि प्रियंका गांधी ने उनसे वर्ष 2008 में जेल में मुलाकात के दौरान अपने पिता राजीव गांधी की हत्या के बारे में पूछा। नलिनी ने मुलाकात के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रियंका गांधी जब एक दशक पहले वेल्लोर केंद्रीय कारागार में उनसे मिलीं तो वे भावुक हो गईं और रो पड़ीं। फिलहाल कांग्रेस पार्टी की नेता गांधी ने नलिनी से मुलाकात के दौरान अपने पिता की हत्या के बारे में जानना चाहा था। नलिनी ने कहा कि वह जो कुछ भी जानती थी, उसके बारे में उन्हें बता दिया। नलिनी ने कहा कि मुलाकात में हुई अन्य बातों का खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि यह प्रियंका के निजी विचारों से संबंधित है। नलिनी को 12 नवंबर को उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद रिहा कर दिया गया था।
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बांसवाड़ा। 11वीं क्लास में पढऩे वाले स्टूडेंट का शव फंदे से लटका मिला। युवक करीब 6 साल से ननिहाल में मामा के यहां रहता था। वह पढ़ाई के अलावा घर के कामकाज भी देखता था। मामा के घर के सामने झोंपड़ी में उसका लटका दिखा। युवक की मौत को लेकर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। लेकिन, परिवार के एक सदस्य की ओर से किसी लड़की से फोन पर बातचीत के बाद युवक की ओर से सुसाइड का कदम उठाने की बात कही गई है। इधर, सूचना के बाद परिवार ने युवक को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंपा।
- नयी दिल्ली। दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को 'बहुत खराब' श्रेणी में रही और समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 9 बजे 311 दर्ज किया गया। यह जानकारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों से मिली। उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा', 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक', 101 और 200 के बीच ‘मध्यम', 201 और 300 के बीच ‘खराब', 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब' तथा 401 और 500 के बीच ‘गंभीर' श्रेणी में माना जाता है। एक्यूआई 37 निगरानी स्टेशनों में से 27 में 'बहुत खराब' दर्ज किया गया। एक्यूआई जहांगीरपुरी में 351, नेहरू नगर में 347, श्री अरबिंदो मार्ग में 339, आरके पुरम में 335 और बवाना में 334 दर्ज किया गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, शहर में न्यूनतम तापमान मौसम के औसत से एक डिग्री कम 12.6 डिग्री दर्ज किया गया। विभाग ने कहा कि सुबह साढ़े आठ बजे वायु में सापेक्षिक आर्द्रता 76 फीसदी दर्ज की गई। मौसम विभाग ने अनुमान जताया कि अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रहेगा और दिन के समय आसमान साफ रहेगा। आईएमडी ने कहा कि शुक्रवार को अधिकतम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो मौसम के औसत से एक डिग्री कम है। सीपीसीबी ने कहा कि शुक्रवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 346 रहा।वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार को कहा था कि दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत पाबंदियां जारी रहेंगी क्योंकि इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत दिल्ली-एनसीआर में आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर सभी निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर रोक लगा दी गई हैं। ईंट भट्टों, हॉट मिक्स प्लांट और पत्थर तोड़ने (स्टोन क्रशर) के संचालन की अनुमति नहीं है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बृहस्पतिवार के 1,893 से बढ़कर शुक्रवार को 3,916 हो गईं, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक हैं।
- लखीमपुर खीरी (उप्र)। जिले के राजापुर औद्योगिक क्षेत्र में सूक्ष्म पोषक तत्व बनाने वाली एक निजी फैक्ट्री को लाइसेंस का उल्लंघन कर नकली रासायनिक उर्वरक (खाद) बनाते हुए पाया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह के आदेश पर राजापुर औद्योगिक क्षेत्र में सूक्ष्म पोषक तत्वों के निर्माण के लिए लाइसेंस प्राप्त निजी फैक्ट्री ‘गोविन्द इन्डस्ट्रीज' पर शुक्रवार की दोपहर छापेमारी की गयी। अधिकारी ने बताया कि फैक्ट्री के मालिक लाइसेंस का उल्लंघन कर नकली रासायनिक उर्वरकों का निर्माण करते पाए गए। जिले के राजापुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित गोविंद इंडस्ट्रीज के परिसरों में शुक्रवार को छापेमारी करने वाली टीम में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) लखीमपुर श्रृद्धा सिंह, पुलिस उपाधीक्षक संदीप सिंह और जिला कृषि अधिकारी (डीएओ) अरविंद कुमार चौधरी शामिल थे, जिन्होंने पैकिंग और सिलाई मशीन, कृभको, इफको, पारस आदि के ब्रांड नाम वाले ताजा खाली बोरे बरामद किए। जिला कृषि अधिकारी (डीएओ) अरविंद कुमार चौधरी ने कहा, ‘‘गोविंद इंडस्ट्रीज को केवल सूक्ष्म पोषक तत्वों के निर्माण के लिए लाइसेंस दिया गया था, न कि रासायनिक उर्वरकों को बेचने के लिए।'' चौधरी ने कहा, ‘‘इसके गोदाम से रासायनिक उर्वरकों की बरामदगी लाइसेंस के शर्तों का उल्लंघन है और उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।'' उन्होंने बताया कि खाद की अनलोडिंग और पैकिंग में लगे कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। हालांकि, फैक्ट्री के मालिक ऋतिक गुप्ता को पकड़ा नहीं जा सका है। प्रतिष्ठित कंपनियों, पैकिंग सामग्री, रैपर और सिलाई मशीनों के नाम वाले खाली बैग की बरामदगी से संकेत मिलता है कि लाइसेंसधारक नकली रासायनिक उर्वरकों के निर्माण और उन्हें प्रतिष्ठित कंपनियों के ब्रांड नाम के तहत बेचने में लगा हुआ था। जिलाधिकारी (डीएम) महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि फैक्ट्री उर्वरक नियंत्रण आदेश और आवश्यक वस्तु अधिनियम का उल्लंघन कर रही है और मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसडीएम, डीएसपी और जिला कृषि अधिकारी को फैक्ट्री के औचक निरीक्षण के लिए भेजा गया था। डीएम ने कहा कि फैक्ट्री के दरवाजे पर एक नोटिस चिपकाया गया था जिसमें 21 अक्टूबर से 20 नवंबर तक फैक्ट्री बंद करने की सूचना दी गयी थी। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, जब छापेमारी करने वाली टीम परिसर में दाखिल हुई, तो कई लोग डीएपी और पोटाश उर्वरकों की पैकिंग में लगे हुए पाए गए।'' उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारियों ने वहां भारी मात्रा में डीएपी, एनपीके, यूरिया, सिंगल सुपर फॉस्फेट, विभिन्न प्रतिष्ठित ब्रांडों के बोरो के अलावा रेत, नमक आदि बरामद किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में गहन जांच शुरू की गई थी और बरामद उर्वरकों के नमूने आगे के प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए भेजे गए हैं।
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नई दिल्ली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन संघि में शामिल देशों के 27वें सम्मेलन में पर्यावरण के लिए हानिकारक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए केवल कोयला ही नहीं बल्कि सभी जीवाश्म ईंधन को जिम्मेदार ठहराये जाने की अपील की है। सीओपी-27 के फैसलों पर अध्यक्षीय परामर्श के दौरान भारत ने निर्णयों में शामिल किये जाने के लिए कुछ सुझाव भी दिए। भारत ने कहा है कि पेरिस जलवायु संघि के दीर्घावधि लक्ष्यों में सभी जीवाश्म ईंधनों को चरणबद्ध रूप से समाप्त किया जाना शामिल है। भारत ने राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार स्वच्छ ऊर्जा के वैश्विक लक्ष्य को हासिल करने में तेजी लाने का आग्रह किया। उसने सतत उपभोग और उत्पादन के सतत विकास लक्ष्य 12 पर विचार-विमर्श और पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली के लिए व्यापाक अभियान चलाने के लिए अन्य देशों को भी आमंत्रित किया।
- प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को यहां विद्या भारती के एक कार्यक्रम में कहा कि छोटी उम्र से ही बच्चों को संस्कृत का ज्ञान देना आवश्यक है, जिससे उनमें भारतीय संस्कृति के प्रति झुकाव पैदा हो सके। अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान विद्या भारती द्वारा ज्वाला देवी इंटर कालेज परिसर में आयोजित संस्कृति महोत्सव को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा, “छोटे बच्चों में बहुत सी प्रतिभाएं होती हैं जिन्हें हम पहचान नहीं पाते।” उन्होंने कहा, “बच्चों के भीतर जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण का ज्ञान भी देना आवश्यक है ताकि आने वाली पीढ़ियों को हम एक बेहतर कल दे सकें। घर हो या पाठशाला हो, उतना ही पानी लीजिए जितनी जरूरत है। जल को बर्बाद मत करिए।” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्या भारती के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री यतीन्द्र ने कहा, “विद्या भारती व्यक्ति निर्माण के क्षेत्र में काम करती है औऱ शिक्षा का मूल उद्देश्य भी यही है। मनुष्य जन्म से मनुष्य नहीं होता। संस्कृति उसे मनुष्य बनाती है।” उन्होंने कहा, “विद्या भारती ने प्रारंभ से कहा है कि हिंदुत्व ही शिक्षा का अधिष्ठान इस देश का हो सकता है। इसलिए भारतीय चिंतन के आधार पर धर्म, संस्कृति, सभ्यता और दर्शन इस देश के नागरिक का निर्माण कर सकते हैं।” यतीन्द्र ने कहा कि इस देश को गौरवमयी स्थान दिलाना, दुनिया के भीतर सिरमौर बनाना, इस संकल्प के साथ विद्या भारती व्यक्ति निर्माण के क्षेत्र में लगी है। श्रद्धेय दीन दयाल उपाध्याय जी विद्या भारती के काम से प्रारंभ से लगे रहे और गोरखपुर में बने प्रथम विद्यालय का विधान बना तो दीन दयाल जी उसके निर्माण में शामिल रहे । उन्होंने कहा कि दीन दयाल जी हमेशा कहा करते थे कि शिक्षा ज्ञान, संस्कृति और चरित्र के संगम का महत्व बताती है।
- बीड ।महाराष्ट्र के बीड जिले में एक व्यक्ति ने अपने पड़ोसी के पालतू कुत्ते को उसपर भौंकने पर कथित तौर पर गोली मार दी। पुलिस ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना शुक्रवार सुबह पर्ली तालुका के धारावती टांडा इलाके में हुई। उन्होंने बताया कि आरोपी ने कथित तौर पर अपने पड़ोसी विकास बंसोडे के पालतू कुत्ते को भौंकने पर गोली मार दी। अधिकारी ने कहा कि बंसोडे के बीयर बार के एक कर्मचारी ने गोली मारते हुए देखा और उसे इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 428 (किसी भी जानवर को मारकर, जहर देकर, अपंग करना या बेकार कर देना) और अन्य संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
- अमरोहा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गजरौला थाना क्षेत्र के दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार की शाम एक भीषण सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने इसकी जानकारी दी । पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शनिवार की शाम लगभग छह बजे दिल्ली से मुरादाबाद की ओर जा रही तेज रफ्तार इनोवा कार आगे चल रहे अज्ञात वाहन में घुस गयी जिससे यह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी, उसमें सवार तीन लोग अंदर ही फंसे रह गए। उन्होंने बताया कि किसी तरह कार में फंसे लोगों को बाहर निकाला जा सका। कार चला रहे युवक की मौके पर मौत हो गई जबकि एक महिला समेत दो लोगों को सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतकों में कार चालक अरहान (22), शोएब उर्फ जमील खान (60) तथा उसकी पत्नी अफरोज बेगम (58) शामिल हैं।
- मुंबई। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट (बीपीएम) क्षेत्रों में मार्जिन दबाव होने से सितंबर में नियुक्ति गतिविधियों में सुस्ती देखी गई लेकिन 51 प्रतिशत प्रतिभागियों ने अगले छह महीनों में नई भर्तियां करने की मंशा जताई है। सीआईईएल एचआर की तरफ से कराए गए एक अध्ययन में यह संभावना जताई गई है। हालांकि 34 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि भर्ती के इरादे में गिरावट आने वाली है। जबकि 15 प्रतिशत का मानना है कि यह पहले की ही तरह बना रहेगा। यह अध्ययन भारत में कार्यरत शीर्ष 50 आईटी/बीपीएम कंपनियों में कार्यरत 10 लाख कर्मचारियों के बीच कराए गए ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित है। अध्ययन में यह पाया गया कि कोविड-19 महामारी के दौरान बड़े पैमाने पर आईटी कंपनियों ने भर्तियां की थीं लेकिन हालात सुधरने के बाद अब वे अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने लगी हैं।
- बारीपदा (ओडिशा)। ओडिशा के मयूरभंज जिले में जादू-टोना करने के संदेह में 60 वर्षीय एक आदिवासी व्यक्ति का सिर काटकर उसकी हत्या करने के आरोप में उसके एक रिश्तेदार को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। आरोपी को संदेह था कि उसके पिता की मौत और अन्य रिश्तेदारों के बीमार होने के पीछे बुजुर्ग का हाथ था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुजुर्ग का शव खूंटा इलाके के सरजामडीही गांव में उसके घर से बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज किया गया है और शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश दयानदेव खिलाड़ी ने घटनास्थल का दौरा कर मामले की जानकारी ली।.
- नयी दिल्ली। दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और उत्तरी भारत के कुछ राज्यों में शनिवार रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। अधिकारियों के मुताबिक, 5.4 तीव्रता के भूकंप का केंद्र नेपाल में था जो उत्तराखंड में जोशीमठ से दक्षिणपूर्व में 212 किलोमीटर दूर था। भूकंप का झटका शाम सात बजकर 57 मिनट पर महसूस किया गया।इससे तीन दिन पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे जिसका केंद्र नेपाल में था। पड़ोसी देश में इस भूकंप की वजह से छह लोगों की मौत हो गई थी। नेपाल में एक सप्ताह में तीसरी बार भूकंप आया है।भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि भूकंप का केंद्र नेपाल में 10 किलोमीटर की गहराई में था। उत्तराखंड में पिथौरागढ़, मुनस्यारी और गंगोलीहाट सहित कई स्थानों पर भूकंप का झटका महसूस किया गया।पिथौरागढ़ के आपदा प्रबंधन अधिकारी बीएस महर ने बताया, “भूकंप की उत्पत्ति 10 किलोमीटर सतह के नीचे हुई थी और यह स्थान नेपाल के सिलंगा शहर से तीन किलोमीटर दूर था। प्रभावित देश भारत, चीन और नेपाल हैं।” भूकंप के कारण जान-माल के नुकसान की जानकारी फौरन नहीं मिल सकी।
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नई दिल्ली। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि वर्ष 2023 तक भारत के आयुष क्षेत्र की वैश्विक बाजार हिस्सेदारी 23 अरब डॉलर होगी। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद पांच हजार वर्ष से भी पुरानी हमारी समृद्ध विरासत से उभरी सर्वोत्तम चिकित्सा पद्धति है। शनिवार को नागपुर में आयुर्वेद व्यासपीठ के रजत जयंती समारोह के समापन अवसर को संबोधित करते हुए श्री सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल आह्वान ने मानव जीवन की समृद्धि के लिये भारत की परंपराओं को बढ़ावा दिया है। आयुर्वेद की व्यापक स्वीकार्यता से वैश्विक स्तर पर आयुष क्षेत्र का महत्व बढ़ा है। श्री सोनोवाल ने कहा कि आयुष मंत्रालय आयुष क्षेत्र को सक्षम बनाने के लिए कई उपाय कर रहा है ताकि निश्चित समयसीमा में तय लक्ष्य हासिल किए जा सकें।
आयुष मंत्रालय इस महीने की 14 से 27 तारीख तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 41वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुष थीम से अपनी विभिन्न पहल और उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा। -
पटना. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने बीमार पिता को गुर्दा दान करने के अपने फैसले के बारे में कहा, यह तो सिर्फ मांस का एक छोटा सा टुकड़ा है।'' बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की 40 वर्षीय बड़ी बहन रोहिणी सिंगापुर में रहती हैं। पिता लालू यादव को किडनी दान करने के उनके फैसले के बारे में लोगों को पता चलने के एक दिन बाद उन्होंने कई भावनात्मक ट्वीट किए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मेरा तो मानना है की ये तो बस एक छोटा सा मांस का टुकड़ा है जो मैं अपने पापा के लिए देना चाहती हूं।'' रोहिणी ने कहा, ‘‘पापा के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं। आप सब दुआ कीजिए की सब बेहतर तरीके से हो जाये और पापा फिर से आप सभी लोगों की आवाज बुलंद करें।'' आचार्य ने कहा, ‘‘जिस पिता ने इस दुनिया में मुझे आवाज दी। जो मेरे सबकुछ हैं, उनके लिए अगर मैं अपने जीवन का छोटा सा भी योगदान दे पाती हूं तो मेरा परम सौभाग्य होगा।'' रोहिणी ने कहा, ‘‘धरती पर भगवान माता-पिता होते हैं, इनकी पूजा सेवा करना हर बच्चे का फर्ज है।'' उन्होंने अपने पिता की कुछ तस्वीरें भी पोस्ट कीं। इनमें एक तस्वीर उनके बचपन की है जिसमें वह अपने पिता के गोद में बैठी दिख रही हैं। उन्होंने तस्वीर के साथ लिखा, ‘‘माता-पिता मेरे लिए भगवान हैं। मैं उनके लिए कुछ भी कर सकती हूं। आप सबकी शुभकामनाओं ने मुझे और मजबूत बनाया है। मैं भावुक हो गयी हूं। आप सबको दिल से आभार कहना चाहती हूं।'' प्रसाद और राबड़ी देवी की बेटी अब बहुप्रतीक्षित प्रत्यारोपण के लिए अपने पिता की यात्रा का इंतजार कर रही हैं। प्रसाद फिलहाल अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती के घर दिल्ली में हैं। चारा घोटाला के कई मामलों में सजा सुनाए जाने के बाद वे वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं और उन्हें विदेश जाने के लिए अदालत से अनुमति की आवश्यकता होती है। वह पिछले महीने अपनी पुरानी गुर्दे की समस्याओं के लिए प्रारंभिक जांच के लिए सिंगापुर में थे, लेकिन दिल्ली में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत द्वारा देश से बाहर रहने के लिए तय की गई अवधि की समाप्ति से एक दिन पहले 24 अक्टूबर को उन्हें देश लौटना पड़ा था।
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विशाखापत्तनम. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आंध्र प्रदेश में ओएनजीसी की 2,917 करोड़ रुपये की ‘यू-फील्ड ऑनशोर डीपवाटर ब्लॉक' परियोजना राष्ट्र को समर्पित की। यह लगभग 30 लाख मीट्रिक मानक घन मीटर प्रति दिन (एमएमएससीएमडी) की उत्पादन क्षमता वाली सबसे गहरी गैस खोज परियोजना है। राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन, प्रधानमंत्री ने आंध्र विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के मैदान से डिजिटल माध्यम से 15,233 करोड़ रुपये की नौ परियोजनाओं की शुरुआत की। इस कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन, मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी, केंद्रीय रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव, राज्य के मंत्री, सांसद और विधायक शामिल हुए। मोदी ने श्रीकाकुलम-गजपति कॉरिडोर परियोजना के तहत 211 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित राष्ट्रीय राजमार्ग-326ए के 39 किलोमीटर लंबे नरसनपेटा को पथपट्टनम खंड का उद्घाटन किया। यह परियोजना आंध्र प्रदेश और ओडिशा के पिछड़े क्षेत्रों को बेहतर संपर्क सुविधा प्रदान करेगी।
मोदी ने एनएच-130सीडी के छह-लेन वाले 100 किलोमीटर लंबे रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारे के आंध्र प्रदेश खंड की आधारशिला रखी, जो 3,778 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। आर्थिक गलियारा छत्तीसगढ़ और ओडिशा के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों को विशाखापत्तनम बंदरगाह और चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच तेज पहुंच प्रदान करेगा। इससे आंध्र प्रदेश और ओडिशा के आदिवासी व पिछड़े क्षेत्रों तक पहुंच में भी सुधार होगा। परियोजना के अक्टूबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। भविष्य में इसे 10 लेन तक विस्तार दिया जा सकता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने विशाखापत्तनम में कॉन्वेंट जंक्शन से शीला नगर जंक्शन तक एक बंदरगाह सड़क की आधारशिला रखी। 566 करोड़ रुपये की परियोजना विशाखापत्तनम बंदरगाह यातायात के लिए एक मालवाहक गलियारे के रूप में काम करेगी और इससे शहर में यातायात की भीड़ कम होगी। यह सड़क मार्च 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) की 2,650 करोड़ रुपये की श्रीकाकुलम अंगुल प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना की शुरुआत की, जिसकी उत्पादन क्षमता 66.5 लाख मीट्रिक मानक घन मीटर प्रति दिन (एमएमएससीएमडी) होगी। प्राकृतिक गैस ग्रिड (एनजीजी) की यह पाइपलाइन आंध्र प्रदेश और ओडिशा में घरों, उद्योगों, वाणिज्यिक इकाइयों और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा तैयार करेगी। पाइपलाइन आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम और विजयनगरम जिलों में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करेगी। प्रधानमंत्री ने 152 करोड़ रुपये की परियोजना की नींव रखी है, जिससे विशाखापत्तनम के मत्स्य कारोबार का लंबे समय से विलंबित आधुनिकीकरण आखिरकार शुरू हो पाएगा। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा 385 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित गुंटकल में पेट्रोलियम डिपो का उद्घाटन किया। उन्होंने विजयवाड़ा-गुडीवाड़ा-भीमावरम, गुडीवाडा-मचिलीपट्टनम-भीमावरम-नरसापुरम रेलवे लाइनों के दोहरीकरण और विद्युतीकरण परियोजना राष्ट्र को समर्पित की। यह परियोजना पिछले महीने 4,106 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई थी।




















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