- Home
- विदेश
-
इस्लामाबाद. पूर्वी अफगानिस्तान में भारी बारिश के कारण कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई और लगभग 350 लोग घायल हो गए। एक अन्य घटना में, एक मुख्य राजमार्ग पर बस के पलट जाने से 17 लोगों की मौत हो गई। तालिबान अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमान अमर ने पुष्टि की कि नंगरहार प्रांत में सोमवार को आये तूफान के कारण 40 लोगों की मौत हो गई और 347 लोग घायल हो गये है। प्रवक्ता के अनुसार घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रांतीय प्रवक्ता सेदिकुल्ला कुरैशी के अनुसार मृतकों में सुर्ख रोड जिले के एक ही परिवार के पांच सदस्य शामिल हैं, जिनकी मौत मकान की छत गिरने के कारण हुई। परिवार के चार अन्य सदस्य घायल भी हुए हैं। कुरैशी ने बताया कि नंगरहार प्रांत में लगभग 400 घरों और बिजली के 60 खंभों को नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि कई इलाकों में बिजली गुल है और जलालाबाद शहर में संचार सेवाएं भी प्रभावित हैं। कुरैशी ने बताया कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है। अब्दुल वली (43) नामक एक व्यक्ति ने बताया कि तूफान ने ज्यादातर तबाही एक घंटे के भीतर ही मचाई। उन्होंने कहा, ‘‘हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि सब कुछ उड़ गया। इसके बाद भारी बारिश हुई।'' उन्होंने बताया कि उनकी चार वर्षीय बेटी को भी मामूली चोटें आई हैं।
इस बीच तालिबान की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘बख्तर' ने बताया कि बगलान प्रांत में काबुल और बलख को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर मंगलवार सुबह एक बस के पलट जाने से कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 34 अन्य घायल हो गए। दुर्घटना के कारण का फिलहात पता नहीं चल पाया है। - वाशिंगटन. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक रैली में अपनी हत्या के प्रयास के बाद रविवार को कहा कि अमेरिका को एकजुट रहना चाहिए और देश के नागरिकों को अमेरिकी के तौर पर अपना सच्चा चरित्र दिखाना चाहिए। उन्होंने मजबूत और दृढ़ रहने की बात भी कही। ट्रंप (78) शनिवार को पेनसिल्वेनिया में एक रैली में उस समय बाल-बाल बच गए, जब 20 वर्षीय हमलावर ने उन पर कई गोलियां चलाईं। इस हमले में वह जख्मी हो गए और उनके कान पर चोट आई। गोलीबारी की इस घटना में ट्रंप की रैली में मौजूद एक व्यक्ति की जान चली गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। ‘सीक्रेट सर्विस' के कर्मियों ने हमलावर को मार गिराया।‘सीएनएन' की खबर के अनुसार, ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रूथ सोशल' पर लिखा, ‘‘भगवान ने ही वह सब होने से रोक लिया, जिसके बारे में सोचा भी नहीं था।'' ट्रंप की पोस्ट के अनुसार, ‘‘ऐसे समय में यह अधिक महत्वपूर्ण है कि हम एकजुट रहें और अमेरिकियों के तौर पर अपना मूल चरित्र बनाए रखें। हम मजबूत और दृढ़संकल्पित बने रहें और बुराई को न जीतने दें।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम डरेंगे नहीं।''ट्रंप ने कहा कि वह जुझारू बने रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अन्य पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं।'' ट्रंप के प्रचार दल के प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति की हालत ठीक है।यह घटना मिलवाउकी में होने वाले रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन से दो दिन पहले हुई, जिसमें ट्रंप को पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में आधिकारिक रूप से पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया जा सकता है। ट्रंप इस हमले के बाद भी सम्मेलन में भाग ले सकते हैं।व्हाइट हाउस ने बताया कि ट्रंप के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव में किस्मत आजमा रहे राष्ट्रपति जो बाइडन को हमले के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने गोलीबारी के कुछ घंटे बाद ट्रंप से फोन पर बातचीत की। बाइडन ने कहा, ‘‘अमेरिका में इस तरह की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।''उन्होंने डेलवेयर के रिहाबोथ तट पर स्थित अपने बीच होम में सप्ताहांत की छुट्टियां बीच में छोड़कर जल्द वाशिंगटन वापसी की योजना बनाई है। उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपतियों बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश तथा बिल क्लिंटन ने ट्रंप पर हमले की निंदा की।
- वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर समेत दुनिया के विभिन्न नेताओं ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या की भयावह कोशिश की रविवार को निंदा की और कहा कि राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। अठहत्तर-वर्षीय ट्रम्प शनिवार को उस समय बाल-बाल बच गए जब पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान एक हमलावर ने उन पर कई गोलियां चलाईं जिनमें से एक उनके दाहिने कान में लगी। गोलीबारी में रैली में मौजूद एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य की हालत गंभीर है। बीस-वर्षीय संदिग्ध शूटर को सीक्रेट सर्विस के एक सदस्य ने मार गिराया। प्रधानमंत्री मोदी ने हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मेरे मित्र पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर हुए हमले से बेहद चिंतित हूं। घटना की कड़ी निंदा करता हूं। राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवार, घायलों और अमेरिकी लोगों के साथ हैं।'' स्टॉर्मर ने कहा कि वह रैली के‘‘चौंकाने वाले दृश्यों से स्तब्ध'' हैं।उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी रूप में राजनीतिक हिंसा का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है और मेरी संवेदनाएं इस हमले के सभी पीड़ितों के साथ हैं।'' मैक्रों ने हत्या के प्रयास को ‘‘एक त्रासदी'' करार दिया। उन्होंने‘एक्स' पर कहा, ‘‘यह हमारे लोकतंत्रों के लिए एक त्रासदी है। फ्रांस अमेरिकावासियों के सदमे और आक्रोश को साझा करता है।'' ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी ने कहा, ‘‘यह उन लोकतांत्रिक मूल्यों के तहत एक अक्षम्य हमला था, जो ऑस्ट्रेलियाई और अमेरिकी साझा करते हैं तथा (वह) स्वतंत्रता, जिसे हम संजोते हैं। ये मूल्य वे हैं जो हमारे दोनों देशों को एकजुट करते हैं।'' इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि वह पेंसिल्वेनिया से अद्यतन जानकारी प्राप्त कर रही हैं और ट्रम्प के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘‘चुनाव अभियान के आने वाले महीनों में संवाद और जिम्मेदारी नफरत तथा हिंसा पर हावी हो सकती है।'' यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि वे पेंसिल्वेनिया में चुनावी रैली में ट्रम्प पर गोली चलाए जाने की घटना से स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की हिंसा का कोई औचित्य नहीं है और दुनिया में कहीं भी इसके लिए कोई जगह नहीं है। हिंसा को कभी भी हावी नहीं होना चाहिए। मुझे यह जानकर राहत मिली है कि डोनाल्ड ट्रम्प सुरक्षित हैं और मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।'' फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्दीनांद मार्कोस जूनियर ने कहा कि उनकी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं ट्रम्प और उनके परिवार के साथ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भर के सभी लोकतंत्र-प्रेमी लोगों के साथ, हम सभी प्रकार की राजनीतिक हिंसा की निंदा करते हैं। जनता की आवाज हमेशा सर्वोच्च होनी चाहिए।'' न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा, ‘‘किसी भी देश में ऐसी राजनीतिक हिंसा नहीं होनी चाहिए।'' ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने भी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोकतंत्र में किसी भी प्रकार की राजनीतिक हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है। मैं हमले से प्रभावित पीड़ितों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।'' जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि दुनिया को लोकतंत्र को चुनौती देने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ़ मजबूती से खड़ा होना चाहिए। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, ‘‘राजनीतिक हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है। मेरी संवेदनाएं पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प, कार्यक्रम में मौजूद लोगों और सभी अमेरिकियों के साथ हैं।'' इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वह और उनकी पत्नी ट्रम्प के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सारा और मैं पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर हुए हमले से स्तब्ध हैं। हम उनकी सुरक्षा और शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।'' हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने भी कहा, ‘‘इन बुरे समय में मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हैं।'' ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने गोलीबारी की घटना को अस्वीकार्य करार दिया और सभी से इसकी निंदा करने का आग्रह किया। इस घटना की निंदा करने वाले अन्य वैश्विक नेताओं में चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक भी शामिल हैं।
- शिकागो। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर शनिवार को पेनसिल्वेनिया के बटलर में चुनावी रैली के दौरान हमला किया गया जिसमें वह घायल हो गए लेकिन उनकी हालत ‘ठीक है'। उनके चुनाव-प्रचार अभियान दल ने यह जानकारी दी। अमेरिकी की ‘सीक्रेट सर्विस' ने बताया कि ट्रंप शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक रैली को संबोधित कर रहे थे, इसी दौरान छह बजकर 15 मिनट पर एक संदिग्ध हमलावर ने रैली स्थल के बाहर एक ऊंचे स्थान से मंच की ओर कई गोलियां चलाईं, जिसमें ट्रंप घायल हो गए। ट्रंप के चुनाव-प्रचार अभियान दल ने कहा, ''पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ठीक हैं। कानून प्रवर्तन और संबंधित अधिकारियों द्वारा तुरंत इस मामले में की गई कार्रवाई के लिए हम आभारी हैं।'' ट्रंप के दहिने कान के ऊपरी हिस्से पर गोली लगी थी।पेनसिल्वेनिया में आयोजित ट्रंप की चुनाव-प्रचार रैली में हजारों की संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे और विभिन्न टीवी चैनल पर इसका सीधा प्रसारण किया जा रहा था। रैली के दौरान जैसे ही ट्रंप को गोली लगी तो सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने सुरक्षा के लिए उन्हें चारो ओर से घेर लिया, हालांकि अधिकारियों के साथ जाते समय ट्रंप ने ऑडियो फीड के जरिए अपने समर्थकों से कुछ कहा। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप पर हुए इस हमले की सभी नेताओं ने निंदा की है। राष्ट्रपति जो बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बिल क्लिंटन ने इस हमले की निंदा की है। ‘सीक्रेट सर्विस' के प्रवक्ता एंथनी गुगेइल्मी ने एक बयान में कहा,‘‘ अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के कर्मियों ने हमलावर को मार गिराया। संघीय एजेंसी ने तत्काल सुरक्षात्मक उपाय किए, पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप सुरक्षित हैं।'' उन्होंने कहा, "इस हमले से रैली में मौजूद एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हैं। इस मामले की जांच जारी है। सीक्रेट सर्विस ने एफबीआई को सूचित कर दिया है।"
- वाशिंगटन .। अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रंप पर शनिवार को हुए जानलेवा हमले से पहले भी इस देश में राष्ट्रपतियों, पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रमुख दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को निशाना बनाने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। वर्ष 1776 से देश के राजनीतिक इतिहास में हत्या और हत्या के प्रयासों की कुछ ऐसी ही घटनाएं इस प्रकार हैं :अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकनअब्राहम लिंकन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति थे, जिनकी जॉन वाइक्स बूथ ने 14 अप्रैल 1865 की गोली मार कर हत्या कर दी थी। घटना के दौरान वह अपनी पत्नी मेरी टॉड लिंकन के साथ वाशिंगटन के फोर्ड थियेटर में ‘अवर अमेरिकन कजिन' नाटक देख रहे थे। बूथ की 26 अप्रैल 1865 को गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। वह वर्जीनिया के बाउलिंग ग्रीन के समीप एक खेत में छिपा मिला था। अमेरिका के 20वें राष्ट्रपति एम्स गारफील्डएम्स गारफील्ड देश के दूसरे राष्ट्रपति थे जिनकी कार्यभार संभालने के छह महीने बाद हत्या कर दी गयी थी। वह दो जुलाई 1881 को वाशिंगटन में एक ट्रेन स्टेशन की ओर जा रहे थे तभी चार्ल्स गितेऊ ने उन्हें गोली मार दी थी। गितेऊ को जून 1882 में दोषी ठहराया गया और मृत्युदंड दिया गया।अमेरिका के 25वें राष्ट्रपति विलियम मैकिनले:मैकिनले को छह सितंबर 1901 में न्यूयॉर्क के बफेलो में तब गोली मारी गई थी जब वह भाषण देने के बाद लोगों से हाथ मिला रहे थे। एक व्यक्ति ने नजदीक से उनकी छाती में दो गोली मारी। मैकिनले की 14 सितंबर 1901 में मौत हो गयी थी। उनके बाद उपराष्ट्रपति थियोडर रूजवेल्ट देश के राष्ट्रपति बने थे। डेट्रॉइट के 28 वर्षीय लियोन एफ ने गोली चलाने का अपराध स्वीकार किया गया था। उसे 29 अक्टूबर 1901 को करंट देकर मृत्युदंड दिया गया था।अमेरिका के 32वें राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी. रूजवेल्ट:रूजवेल्ट ने मियामी में एक खुली कार से भाषण दिया ही था कि तभी गोलियां चलने की आवाज सुनायी दी। फरवरी 1933 में हुई इस घटना में रूजवेल्ट घायल नहीं हुए लेकिन इसमें शिकागो के मेयर एंटन कर्माक की जान चली गयी। इस हमले के दोषी गिसिप्पे जंगारा को मौत की सजा दी गयी।अमेरिका के 33वें राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रुमैनट्रुमैन नवंबर 1950 में वाशिंगटन के ब्लेयर हाउस में थे तभी दो बंदूकधारी उसमें घुस गए थे।बंदूकधारियों के साथ गोलीबारी में ट्रुमैन तो बच गए थे लेकिन व्हाइट हाउस का एक पुलिसकर्मी और एक हमलावर मारा गया था। व्हाइट हाउस के दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस हमले में ऑस्कर कैलाजो को गिरफ्तार किया गया था और उसे मौत दी गयी थी। 1952 में ट्रुमैन ने उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर ने 1979 में उसे जेल से रिहा कर दिया था।अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडीजॉन एफ केनेडी नवंबर 1963 में जब प्रथम महिला जैकलीन केनेडी के साथ डलास गए थे तो एक बंदूकधारी ने घात लगाकर उन पर हमला कर दिया था। केनेडी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया , लेकिन उनकी मौत हो गयी थी। पुलिस ने कुछ घंटों बाद ली हार्वे ओस्वाल्ड को गिरफ्तार कर लिया था और दो दिन बाद ओस्वाल्ड की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी जब उसे पुलिस मुख्यालय से जेल ले जाया जा रहा था। अमेरिका के 38वें राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्डगेराल्ड फोर्ड पर 1975 में कुछ ही हफ्तों के भीतर दो जानलेवा हमले किए गए थे और वह दोनों घटना में बच गए।अमेरिका के 40वें राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगनरीगन मार्च 1981 में वाशिंगटन में भाषण देकर निकल रहे थे तभी भीड़ में शामिल जॉन हिंकले जूनियर ने उन्हें गोली मार दी। वह उपचार के बाद स्वस्थ हो गए थे।अमेरिका के 43वें राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुशबुश 2005 में जॉर्जिया के राष्ट्रपति मिखाइल साकाश्विली के साथ एक रैली में भाग ले रहे थे तभी उनकी ओर एक हथगोला फेंका गया। हथगोला फटा नहीं था और कोई भी हताहत नहीं हुआ था।राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी थियोडोर रूजवेल्टपूर्व राष्ट्रतपि रूजवेल्ट को 1912 में मिलवाकी में प्रचार के दौरान गोली मारी गयी थी। उन्हें इस हमले में कोई गंभीर चोट नहीं आयी थी।राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रॉबर्ट एफ. केनेडीकेनेडी डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी बनने की दौड़ में शामिल थे तभी 1968 में लॉस एंजिलिस में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी जॉर्ज सी. वालेसवालेस डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल थे तभी 1972 में मैरीलैंड में एक प्रचार अभियान के दौरान उन्हें गोली मारी गयी थी। इस घटना के कारण उन्हें कमर के निचले हिस्से में लकवा मार गया था।
- माले। भारत से 150 टन कच्चे खाद्य पदार्थों की पहली खेप मालदीव के दक्षिणी बंदरगाह अड्डू पहुंची। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे दक्षिणी द्वीपों में आयात की लागत और जटिलता कम हो जाएगी। ताजे फल, सब्जियां, प्याज, लहसुन और अंडे लेकर एक भारतीय जहाज तूतीकोरिन बंदरगाह से रवाना हुआ और बुधवार देर रात मालदीव के सबसे दक्षिणी द्वीप अड्डू के हिताधू बंदरगाह पर पहुंचा। भारतीय मालवाहक जहाज के आगमन से मालदीव पोर्ट्स लिमिटेड (एमपीएल) द्वारा तमिलनाडु के तूतीकोरिन बंदरगाह से अड्डू के हिताधू बंदरगाह तक सीधा जहाज मार्ग भी खुल गया। एटोल टाइम्स न्यूज़ पोर्टल ने शुक्रवार को बताया कि अब इस्पात के जहाजों से मालदीव के इस हिस्से में बिना किसी रुकावट के खाद्य पदार्थ लाए जा सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि यह सेवा केरल स्थित फिनैस ग्रुप संचालित करेगी, जो मालदीव को फलों और सब्जियों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
- काठमांडू। नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे के पी शर्मा ओली ने अपनी सहयोगी नेपाली कांग्रेस के साथ नयी गठबंधन सरकार में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों की सूची तैयार करने को लेकर शनिवार को विचार विमर्श किया। नयी गठबंधन सरकार के सोमवार को शपथ लेने की संभावना है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल रविवार दोपहर तक ओली (72) को नेपाली कांग्रेस-सीपीएन (यूएमएल) गठबंधन सरकार का नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकते हैं।नेपाली कांग्रेस और यूएमएल के करीबी सूत्रों ने बताया, ‘‘राष्ट्रपति सोमवार सुबह नए प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को शपथ दिला सकते हैं। शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने से पहले सोमवार को एक छोटे मंत्रिमंडल की घोषणा होने की संभावना है।'' नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष ओली (72) का एक बार फिर प्रधानमंत्री बनना तय है, क्योंकि मौजूदा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड' शुक्रवार को संसद में विश्वास मत हासिल करने में असफल रहे। शुक्रवार देर रात ओली ने शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली पार्टी नेपाली कांग्रेस (एनसी) के समर्थन से अगला प्रधानमंत्री बनने का दावा पेश किया था और संविधान के अनुच्छेद 76-2 के तहत सरकार बनाने के लिए प्रतिनिधि सभा के 165 सदस्यों के हस्ताक्षर सौंपे थे। इन सांसदों में ओली की पार्टी के 77 और नेपाली कांग्रेस के 88 सांसद शामिल हैं।ओली के एक करीबी सूत्र ने बताया कि कुल 21 मंत्रालयों में से नेपाली कांग्रेस को नौ मंत्रालय और सीपीएन-यूएमएल को आठ मंत्रालय मिलेंगे, साथ ही प्रधानमंत्री का पद भी मिलेगा। सूत्र ने बताया, ‘‘गृह, विदेश, वित्त और ऊर्जा जैसे प्रमुख पदों को एनसी और यूएमएल के बीच बांटा जाएगा। नेपाली कांग्रेस को गृह मंत्रालय मिलने की संभावना है, जबकि वित्त मंत्रालय यूएमएल को मिलेगा।'' इससे पहले, शनिवार को सीपीएन-यूएमएल ने भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने और नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता और स्थायी समिति के सदस्य राजन भट्टराई के अनुसार, शुरुआत में एक छोटा मंत्रिमंडल होगा, जिसका बाद में विस्तार किया जाएगा। नेपाली कांग्रेस (एनसी) ने मंत्रियों की सूची और पार्टी द्वारा अपनाई जाने वाली नीति पर चर्चा करने और उसे अंतिम रूप देने के लिए अपनी केंद्रीय कार्य प्रदर्शन समिति की बैठक भी की। पूर्व उप प्रधानमंत्री और वरिष्ठ एनसी नेता प्रकाश मान सिंह ने कहा, ‘‘बैठक में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की गई और ओली के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नामों को अंतिम रूप दिया गया।'' सीपीएन-माओवादी, सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अलावा जिन्होंने शक्ति परीक्षण के दौरान प्रचंड के पक्ष में मतदान किया था, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और अन्य छोटी पार्टियों के एनसी-यूएमएल गठबंधन का समर्थन करने की संभावना है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी), जेएसपी नेपाल, जनमत पार्टी, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी जैसी छोटी पार्टियों के भी ओली के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने की संभावना है।
-
ह्यूस्टन. भारत ने अमेरिका के वाशिंगटन प्रांत के सिएटल शहर में दो नये वीजा एवं पासपोर्ट केंद्र शुरू किए हैं, जो इस देश के नौ प्रशांत उत्तर-पश्चिमी प्रांतों में रहने वाले भारतीय समुदाय की जरूरतों को पूरा करेंगे। वाशिंगटन प्रांत में सिएटल और बेलेव्यू में दो केंद्रों का उद्घाटन शुक्रवार को हुआ। यह उद्घाटन सिएटल में नवीनतम भारतीय वाणिज्य दूतावास के खुलने के कुछ ही महीने बाद हुआ है। अन्य पांच मौजूदा भारतीय वाणिज्य दूतावास न्यूयॉर्क, अटलांटा, शिकागो, ह्यूस्टन और सैन फ्रांसिस्को में हैं। सिएटल में भारत के महावाणिज्यदूत प्रकाश गुप्ता ने समारोह में कहा, "सिएटल में भारतीय वाणिज्य दूतावास का खुलना अमेरिका के प्रशांत उत्तर-पश्चिमी प्रांतों के साथ हमारे संबंधों को गहरा करने के लिए भारत सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।" इस केंद्र का संचालन और प्रबंधन भारत सरकार की ओर से वीएफएस ग्लोबल द्वारा किया जा रहा है।
वीएफएस ग्लोबल अमेरिका में भारत सरकार के लिए वीजा, ओसीआई, पासपोर्ट, भारतीय नागरिकता छोड़ने और ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम (जीईपी) सत्यापन सेवाओं के लिए एकमात्र सेवा प्रदाता है। गुप्ता ने कहा, "सिएटल और बेलेव्यू में इन नये वीजा आवेदन केंद्रों (वीएसी) के खुलने से हमें उम्मीद है कि सभी वाणिज्य दूतावास आवेदकों को भारत की यात्रा के लिए पर्याप्त रूप से तैयार होने के लिए अधिक सुविधाजनक अनुभव मिलेगा।" बयान के अनुसार, सिएटल केंद्र विश्व स्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित होगा, जिसका उद्देश्य ग्राहकों के लिए आसानी से सुलभ और बेहतर आवेदन अनुभव प्रदान करना है और यात्रियों के लिए आवेदन प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक बनाना है। इन सेवाओं से सिएटल में भारतीय वाणिज्य दूतावास के वाणिज्य दूतावास क्षेत्राधिकार में लगभग पांच लाख भारतीय प्रवासी समुदाय को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो अलास्का, इडाहो, मोंटाना, नेब्रास्का, नॉर्थ डकोटा, ओरेगन, साउथ डकोटा, वाशिंगटन और व्योमिंग के नौ प्रशांत उत्तर-पश्चिमी प्रांतों को कवर करता है। गुप्ता ने कहा, "सुचारू और कुशल वाणिज्य दूतावास सेवाएं प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और ग्रेटर सिएटल क्षेत्र में अपने वाणिज्य दूतावास संचालन शुरू करने के साथ ही हम सभी आवेदकों से आगे सुधार के लिए किसी भी प्रतिक्रिया और सुझाव का स्वागत करेंगे।" वीएफएस ग्लोबल के अमेरिका प्रमुख अमित कुमार शर्मा ने कहा, "वीएफएस ग्लोबल का भारत सरकार के साथ 2008 से दीर्घकालिक संबंध रहा है और यह अपनी साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित है।'' उन्होंने कहा, "अमेरिका के सिएटल और बेलेव्यू में नया केंद्र भारत में वीजा और कांसुलर सेवाओं की बढ़ती मांग को प्रभावी ढंग से पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।" शर्मा ने कहा, "हमें विश्वास है कि ये वीजा आवेदन केंद्र वीजा आवेदन प्रक्रिया को और भी अधिक सुगम बनाकर ग्राहक अनुभव को बढ़ाएंगे, जिससे हमें यात्रियों और भारतीय प्रवासियों को बेहतर सेवा देने में मदद मिलेगी।" वीएफएस ग्लोबल विदेश मंत्रालय (भारत) का पहला आउटसोर्स वीजा सेवा साझेदार है और 2008 से भारत सरकार को सेवा दे रहा है। वीएफएस ग्लोबल अमेरिका में भारत सरकार के लिए वीजा, ओसीआई, पासपोर्ट, भारतीय नागरिकता छोड़ने और ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम (जीईपी) सत्यापन सेवाओं के लिए विशेष सेवा प्रदाता है। अमेरिका में, वीएफएस ग्लोबल ने 2020 से देश भर में स्थित भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों की ओर से पासपोर्ट, वीजा और कांसुलर सेवाएं प्रदान की हैं। वर्तमान में, वीएफएस ग्लोबल 13 देशों में भारत सरकार के लिए 52 पासपोर्ट, वीजा और कांसुलर सर्विसेज एप्लीकेशन सेंटर्स का प्रबंधन करता है: ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, फ्रांस, इराक, नीदरलैंड, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, अमेरिका और ब्रिटेन। बयान में, वीएफएस ने कहा कि आधुनिक सुविधाओं और सेवाओं से सुसज्जित इन विशाल केंद्रों में हर कदम पर वीजा आवेदकों की सहायता के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित ग्राहक सेवा प्रतिनिधि होंगे, जिससे ग्राहक अनुभव और बेहतर होगा, साथ ही, भारत के वीजा और कांसुलर आवेदकों को समर्पित कॉल-सेंटर मिलेगा। वीएफएस ग्लोबल ने वीजा, ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई), पासपोर्ट आवेदन, भारतीय नागरिकता छोड़ने और ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम (जीईपी) के प्रबंधन के लिए सिएटल केंद्र शुरू किया है। बयान में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त, वीएफएस भारतीय समुदाय के सदस्यों के लिए सहायता मुहैया कराने के लिए बेलेव्यू सेंटर का संचालन करेगा। सिएटल के मेयर ब्रूस हैरेल, पोर्ट कमिश्नर सैम चो सहित स्थानीय नेता इस उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। मेयर हैरेल ने आवेदकों को पहला भारतीय पासपोर्ट और वीजा प्रदान किया, जो समुदाय के लिए एक खास पल था। -
अबुजा (नाइजीरिया). उत्तर-मध्य नाइजीरिया में शुक्रवार को दो मंजिला स्कूल के ढहने से 22 छात्रों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। प्लैटो राज्य के बूसा बुजी में स्थित ‘सेंट्स एकेडमी कॉलेज' की इमारत उस वक्त ढह गई जब बच्चे सुबह पढ़ाई करने के लिए पहुंचे थे। इन बच्चों में अधिकतर की उम्र 15 वर्ष या उसे कम थी। प्लैटो पुलिस के प्रवक्ता अल्फ्रेड अलाबो ने बताया कि इमारत ढहने से मलबे में कुल 154 छात्र फंस गए थे जिनमें से 132 को बाहर निकाल लिया गया और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। इस हादसे में 22 छात्रों की मौत हो गई। नाइजीरिया की राष्ट्रीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि इमारत ढहने के बाद बचाव और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ सुरक्षा बलों को भी घटनास्थल पर तत्काल तैनात किया गया। प्लैटो राज्य के सूचना आयुक्त मूसा अशोम्स की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘ घायलों को अविलंब चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित कराने के लिए सरकार ने अस्पतालों से कहा है कि वे भुगतान की चिंता नहीं करें और मरीजों के विवरण संबंधी कागजात तैयार करने में वक्त बर्बाद नहीं करें बल्कि घायलों का तत्काल उपचार करें। राज्य सरकार ने इस त्रासदी के लिए स्कूल की जर्जर हालत और इसके नदी के किनारे स्थित होने जैसे कारणों को जिम्मेदार ठहराया। सरकार ने कहा है कि ऐसे सभी स्कूल बंद किए जाए जिनकी हालत खस्ता है।
- ब्यूनस आयर्स। अर्जेंटीना ने शुक्रवार को हमास (Hamas) को आतंकी समूह घोषित किया और इस फलस्तीनी समूह की वित्तीय संपत्तियां जब्त करने का आदेश दिया।राष्ट्रपति जेवियर माइली अर्जेंटीना को अमेरिका और इजराइल के साथ मजबूती से जोड़ना चाहते हैं। उस दिशा में इसे बहुत हद तक एक सांकेतिक कदम माना जा रहा है।माइली के कार्यालय ने पिछले सात अक्टूबर को इजराइल में फलस्तीनी समूह द्वारा किये गये हमले का हवाला देते हुए यह घोषणा की। यह हमला इजराइल के 76 साल के इतिहास में सबसे घातक हमलों में से एक था। बयान में, हमास से ईरान के घनिष्ठ संबंधों का भी उल्लेख किया गया है, जिसे अर्जेंटीना देश में यहूदी स्थलों पर दो घातक आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है।
-
कांठमांडू। नेपाल में शुक्रवार तड़के भूस्खलन की चपेट में आकर दो बसों के उफनती नदी में बहने की घटना में एक शव बरामद किया गया है। बसों में सात भारतीय नागरिकों समेत 50 से अधिक लोग सवार थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शनिवार को मौसम में सुधार के बाद सुरक्षाबलों और गोताखोरों की मदद से बचावकर्मियों ने तलाश अभियान चलाया। पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और उनका पानी गहरे भूरे रंग का हो गया है, जिससे मलबे को देख पाना और भी मुश्किल हो रहा है।
नेपाल के चितवन जिले के सिमलताल इलाके में नारायणघाट-मुगलिंग मार्ग पर 54 यात्रियों को लेकर जा रही दो बसें भूस्खलन की चपेट में आने के बाद उफनती त्रिशूली नदी में बह गई थीं। पहले यह जानकारी मिली थी कि दोनों बसों में 60 से ज्यादा लोग सवार हैं। पुलिस के अनुसार नेपाली सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिसकर्मियों के साथ-साथ गोताखोर तलाश अभियान फिर से शुरू कर रहे हैं।बीरगंज से काठमांडू की ओर जा रही एक बस में सात भारतीय नागरिकों सहित 24 लोग सवार थे वहीं काठमांडू से गौर जा रही दूसरी बस में 30 लोग सवार थे। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता दान बहादुर कार्की ने बताया कि तीन यात्री तैरकर सुरक्षित निकल आये, जबकि 50 अब भी लापता हैं। पुलिस अधिकारी के अनुसार तलाश अभियान में 500 से अधिक सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। -
नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ शुक्रवार को संसद में विश्वासमत हासिल नहीं कर पाए। पिछले सप्ताह उनकी सरकार से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने अपना समर्थन वापस ले लिया था। इस घटनाक्रम के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के नेतृत्व में नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
देश की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 69 वर्षीय प्रचंड को 63 वोट मिले, जबकि विश्वासमत प्रस्ताव के विरोध में 194 वोट पड़े। विश्वासमत हासिल करने के लिए कम से कम 138 वोट की जरूरत थी।प्रतिनिधि सभा के 258 सदस्यों ने मतदान में भाग लिया, जबकि एक सदस्य अनुपस्थित रहा। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-माओइस्ट सेंटर (सीपीएन-एमसी) के अध्यक्ष प्रचंड 25 दिसंबर, 2022 को पद संभालने के बाद चार बार विश्वासमत हासिल करने में सफल रहे, लेकिन इस बार उन्हें असफलता मिली। - वाशिंगटन ।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को कहा कि वह अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ एक बार फिर चुनाव लड़ने के लिए “स्वस्थ” और “प्रतिबद्ध” हैं। बाइडन ने यह भी कहा कि एक “मूर्खतापूर्ण गलती” उनका इरादा नहीं बदलेगी, क्योंकि उन्हें कई काम पूरे करने हैं।वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन के समापन के मौके पर संवाददाताओं से मुखातिब बाइडन ने दावा किया कि फिलहाल कोई भी सर्वेक्षण या व्यक्ति उन्हें यह संकेत नहीं दे रहा है कि वह दोबारा चुनाव नहीं जीत सकते। उन्होंने कहा कि यह एकमात्र कारण होगा, जिसके चलते वह राष्ट्रपति पद की दावेदारी छोड़ने पर विचार करेंगे।अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मैं चुनाव लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मुझे लगता है कि मैं राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए सबसे योग्य व्यक्ति हूं। मैंने उन्हें (ट्रंप को) एक बार हराया और मैं अब मैं उन्हें फिर से हराऊंगा।”उन्होंने कहा, “इसके अलावा, यह विचार कि राष्ट्रपति पद की दावेदारी की दौड़ में शामिल सीनेटर और कांग्रेस सदस्य टिकट को लेकर चिंतित हैं, असामान्य नहीं है और मैं कहना चाहूंगा कि राष्ट्रपति चुनाव की दावेदारी की दौड़ में शामिल कम से कम पांच राष्ट्रपति ऐसे थे, जिनकी लोकप्रियता का स्तर मेरी तुलना में कम था।”बाइडन ने कहा, “इसलिए इस अभियान में अभी बहुत लंबा सफर तय करना है और इसलिए मैं बस चलता रहूंगा, आगे बढ़ता रहूंगा।” उन्होंने कहा, “और देखिए, चूंकि मुझे बहुत सारे काम पूरे करने हैं। हमने बहुत प्रगति की है। इस बारे में सोचें कि बाकी दुनिया के मुकाबले हम आर्थिक रूप से कहां हैं। मुझे ऐसे विश्व नेता का नाम बताएं, जो हमारी अर्थव्यवस्था के साथ व्यापार नहीं करना चाहेगा। हमने विनिर्माण क्षेत्र में 8,00,000 से अधिक नौकरियां सृजित कीं…इसलिए चीजें आगे बढ़ रही हैं। हमें और भी बहुत कुछ करना है।”
-
वियना. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन से मुलाकात की तथा दोनों नेताओं ने पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने समेत कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। मोदी ने बैठक के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन के साथ बहुत अच्छी बैठक हुई और भारत-ऑस्ट्रिया सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई।'' प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में भारत-ऑस्ट्रिया संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने पर्यावरणीय स्थिरता और जलवायु परिवर्तन पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।'' राष्ट्रपति वान डेर बेलेन ने ऑस्ट्रिया की यात्रा के लिए मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक मित्रता और मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं, विशेषकर आर्थिक क्षेत्र में। उन्होंने ‘एक्स' पर कई पोस्ट में कहा, ‘‘अब हम इनका और विस्तार करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश और वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में भारत जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने वर्तमान भू-राजनीतिक चुनौतियों, विशेषकर यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा की और वे इस बात पर सहमत हुए कि वे शांति बहाल करने के प्रयासों का समर्थन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के बाद मंगलवार रात मॉस्को से वियना पहुंचे। विगत 40 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया की यह पहली यात्रा है। मोदी ने कहा, ‘‘चांसलर कार्ल नेहमर के साथ शानदार बैठक हुई। ऑस्ट्रिया की यह यात्रा बहुत विशेष है क्योंकि कई दशकों के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस अद्भुत देश की यात्रा कर रहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र और कानून का शासन जैसे कई साझा मूल्य हैं जो हमें जोड़ते हैं। इन साझा मूल्यों के अनुरूप चांसलर कार्ल नेहमर तथा मैंने विभिन्न क्षेत्रों में भारत-ऑस्ट्रिया मैत्री को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।'' मोदी ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘हमारी बातचीत में स्वाभाविक रूप से मजबूत आर्थिक संबंधों की बात उठी, लेकिन हम अपनी मित्रता को केवल इसी पहलू तक सीमित नहीं रखना चाहते। हम बुनियादी ढांचे के विकास, नवाचार, जल संसाधन, एआई, जलवायु परिवर्तन आदि क्षेत्रों में अपार संभावनाएं देखते हैं।'' प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के कारोबारी नेताओं से भी बातचीत की और ऑस्ट्रियाई कंपनियों को भारत में बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, उभरती प्रौद्योगिकियों तथा अन्य क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
- मुंबई। भारत, गुयाना में चेड्डी जगन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक सौर फोटो वोल्टिक बिजली संयंत्र की स्थापना के लिए 25 लाख अमेरिकी डॉलर की ऋण सुविधा (एलओसी) देगा। भारत समर्थित इस ऋण सहायता के लिए एक्जिम बैंक ने गुयाना सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि समझौते के तहत एक्जिम बैंक से कुल ऋण में से कम से कम 75 प्रतिशत हिस्से की वस्तुओं और सेवाओं को भारत स्थित विक्रेताओं से खरीदना होगा। बाकी 25 प्रतिशत राशि की वस्तुओं और सेवाओं को भारत से बाहर के विक्रेताओं से खरीदा जा सकता है।
-
वाशिंगटन। भारत में भोजन पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले घटिया ईंधन के संपर्क में आने के कारण हर 1,000 शिशुओं और बच्चों में से 27 की मौत हो जाती है। अमेरिका के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। कोर्नेल विश्वविद्यालय में ‘चार्ल्स एच. डायसन स्कूल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक्स एंड मैनेजमेंट' में प्रोफेसर अर्नब बसु समेत अन्य लेखकों ने ‘भोजन पकाने के ईंधन के विकल्प और भारत में बाल मृत्यु दर' शीर्षक वाली रिपोर्ट में 1992 से 2016 तक बड़े पैमाने पर घरों के सर्वेक्षण के आंकड़ों का इस्तेमाल किया है।
आंकड़ों का इस्तेमाल यह पता लगाने के लिए किया गया कि प्रदूषण फैलाने वाले इन ईंधन का मनुष्य की सेहत पर क्या असर पड़ता है। इसमें पाया गया कि इसका सबसे ज्यादा असर एक माह की आयु तक के शिशुओं पर पड़ा है। बसु ने कहा कि यह ऐसा आयु वर्ग है जिसके फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं होते हैं और शिशु सबसे ज्यादा अपनी मां की गोद में रहते हैं जो अक्सर घर में खाना पकाने वाली मुख्य सदस्य होती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में खाना पकाने के घटिया ईंधन के संपर्क में आने के कारण हर 1,000 शिशु और बच्चों में से 27 की मौत हो जाती है। बासु ने बताया कि भारतीय घरों में इसके कारण लड़कों के बजाय लड़कियों की मौत ज्यादा होती हैं। उन्होंने कहा कि इसकी वजह यह नहीं है कि लड़कियां अधिक नाजुक या प्रदूषण से जुड़ी श्वसन संबंध बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं बल्कि इसकी वजह यह है कि भारत में बेटों को ज्यादा तरजीह दी जाती है और जब कोई बेटी बीमार पड़ती है या उसे खांसी शुरू होती है तो परिवार उसका इलाज कराने पर समुचित ध्यान नहीं देते हैं। बसु ने विश्वविद्यालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करने से न केवल बच्चों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा बल्कि बेटियों की उपेक्षा भी कम होगी।''
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया की करीब एक तिहाई आबादी चूल्हे या स्टोव पर खाना पकाती हैं जिसमें ईंधन के तौर पर लकड़ी, उपले या फसलों के अपशिष्ट का इस्तेमाल किया जाता है जिससे दुनियाभर में हर साल 32 लाख लोगों की मौत होती है। बसु ने कहा कि बदलाव लाना मुश्किल है। उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर ध्यान बाहरी वायु प्रदूषण और फसलों के अपशिष्ट को जलाने के तरीकों पर केंद्रित रहता है। सरकारें पराली जलाने के खिलाफ कानून बना सकती हैं और किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते अग्रिम भुगतान कर सकती हैं।'' रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि घर के अंदर के प्रदूषण पर भी ध्यान देना उतना ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें अन्य कारकों के अलावा क्षेत्रीय कृषि भूमि स्वामित्व और वन क्षेत्र, घरेलू विशेषताएं और पारिवारिक संरचना भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। - लंदन। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पिछले सप्ताह हुए आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी के पराजित उम्मीदवारों को सप्ताहांत पर कॉल कर पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए खेद जताया। कंजर्वेटिव पार्टी ‘हाउस कॉमन्स' में सिर्फ 121 सीट जीत सकी है।कई पूर्व सांसदों ने 'द डेली टेलीग्राफ' को ब्रिटिश भारतीय सांसद से आए "बहुत सहानुभूतिपूर्ण कॉल" के बारे में बताया। सुनक ने यॉर्कशायर में रिचमंड और नॉर्थलेरटन की अपनी सीट जीती है और पार्टी द्वारा उनके उत्तराधिकारी का चयन किए जाने तक वह विपक्ष के नेता बने रहेंगे । पार्टी के एक पराजित उम्मीदवार ने कहा, “उन्होंने शनिवार की रात मुझे फोन करने के लिए समय निकाला और मुझे लगता है कि उन्होंने अन्य सांसदों को भी फोन करने के लिए समय निकाला है। वह यह कहने के लिए फोन कर रहे थे कि उन्हें बेहद खेद है कि मैं अपनी सीट हार गया हूं।” सुनक ने पिछले सप्ताह अपने भाषण में कहा कि कंजर्वेटिव उम्मीदवारों और प्रचारकों ने अथक परिश्रम किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा, “ मुझे खेद है कि हम आपके प्रयासों के अनुरूप परिणाम नहीं दे सके।" इस बीच, नए प्रधानमंत्री कीअर स्टॉर्मर ने अपने कार्यकाल का पहला सप्ताहांत ब्रिटेन के विभिन्न हिस्सों की यात्रा में बिताया।
- सिंगापुर,। सिंगापुर के खाद्य नियामक ने मनुष्यों के भोजन के रूप में झींगुर, टिड्डे और टिड्डियों जैसे कीड़ों की लगभग 16 प्रजातियों के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स' समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, यह बहुप्रतीक्षित घोषणा उद्योग जगत के उन कारोबारियों के लिए खुशखबरी है जो चीन, थाईलैंड और वियतनाम में मिलने वाले कीड़ों की सिंगापुर में आपूर्ति और खानपान का कारोबार करते है। भोजन के लिए स्वीकृत कीड़ों में झींगुर, टिड्डे, टिड्डियां, मीलवर्म (भोजनकृमि) और रेशमकीट की विभिन्न प्रजातियां शामिल हैं। सिंगापुर खाद्य एजेंसी (एसएफए) ने कहा कि जो लोग मानव उपभोग या पशुधन के चारे के लिए कीड़ों का आयात या पालन करना चाहते हैं, उन्हें एसएफए के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। इन दिशानिर्देशों के तहत, इस बात का दस्तावेजी सबूत मुहैया कराना अनिवार्य है कि आयातित कीड़ों का खाद्य सुरक्षा नियंत्रण से संबंधित विनियमित प्रतिष्ठानों में पालन किया गया और इन्हें जंगलों से नहीं लाया गया। एजेंसी ने कहा कि जो कीड़े एसएफए की 16 कीटों की सूची में नहीं हैं, उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए आकलन से गुजरना होगा कि वे उपभोग के लिए सुरक्षित हैं। एसएफए ने कीड़ों की 16 प्रजातियों को उपभोग के लिए स्वीकृत करने की संभावना पर सार्वजनिक परामर्श अक्टूबर 2022 में शुरू किया था। अप्रैल 2023 में एसएफए ने कहा था कि वह 2023 की दूसरी छमाही में इन प्रजातियों के उपभोग को हरी झंडी दे देगी लेकिन बाद में इस समय सीमा को 2024 की पहली छमाही तक आगे बढ़ा दिया गया। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन, खाद्य पदार्थ के रूप में कीटों को मांस से बेहतर विकल्प के रूप में पेश करता है, क्योंकि उनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और उनके पालन में कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन होता है।
- लंदन। ब्रिटेन में हुए आम चुनाव में लेबर पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। वहां नई सरकार के सत्ता में आने के साथ ही भारत सरकार ने उम्मीद जताई है कि भारत और ब्रिटेन के बीच लंबे समय से अटके मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को नई लेबर सरकार के आने से नई गति मिल सकती है।एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘ब्रिटेन में नई पार्टी के सत्ता में आने से भारत-ब्रिटेन संबंधों में बदलाव की कोई संभावना नहीं है। हमें विश्वास है कि दोनों पक्षों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को पूरा किया जा सकता है। फिलहाल यह समझौता बातचीत के अंतिम चरण में है।’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेबर पार्टी के नेता और ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर को आम चुनावों में शानदार जीत हासिल करने पर बधाई दी। मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘मैं सभी क्षेत्रों में भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने तथा पारस्परिक विकास एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए हमारे बीच सकारात्मक एवं रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा करता हूं।’लेबर पार्टी ने अपने घोषणापत्र में मुक्त व्यापार समझौता सहित भारत के साथ एक नई रणनीतिक साझेदारी की संभावनाएं तलाशने के अलावा सुरक्षा, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बेहतर करने का वादा किया था। पिछले सप्ताह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि भारत को ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते में प्रगति की उम्मीद है। गोयल ने कहा था, ‘चुनाव परिणाम चाहे जो भी हो हम उम्मीद करते हैं कि ब्रिटेन में नई सरकार आने के बाद बातचीत में प्रगति होगी। कुछ महीने पहले लेबर पार्टी के शैडो (विपक्षी) व्यापार एवं विदेश मंत्री के दिल्ली आने पर उनके साथ चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा था कि एफटीए को जल्द आगे बढ़ाने में उनकी भी बराबर दिलचस्पी है।’विशेषज्ञों ने कहा कि ब्रिटेन में नई सरकार आने के बावजूद उसकी नीतियां पहले जैसी ही रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की विदेश नीति में आगे कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है। काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट के प्रोफेसर विश्वजित धर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि स्टार्मर के नेतृत्व वाली नई सरकार आने वाले वर्षों में भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों में स्थिरता लाएगी।धर ने कहा, ‘ब्रिटेन में राजनीतिक स्थिरता होने से उसे भारत के साथ तालमेल बेहतर करने की जरूरत है। वास्तव में ब्रिटेन अपने आर्थिक पुनरुद्धार के लिए जोर लगाएगा। जब कोई देश वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अधिक निर्भर होता है तो उसे अपनी अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटाने के लिए भारत जैसे बड़े बाजारों की जरूरत होती है।’धर के अनुसार दोनों पक्ष एफटीए वार्ता में तेजी लाएंगे और कुछ मुद्दों पर सहमति न बन पाने के बावजूद इस बार समझौता होने की उम्मीद है। भारत और ब्रिटेन पिछले ढाई साल से मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।दोनों पक्ष भारत में नई सरकार बनने के बाद जुलाई में इस समझौते पर मुहर लगाना चाहते थे। मगर ब्रिटेन में समय से पहले चुनाव होने के कारण पूरी प्रक्रिया में देरी हो गई। दिल्ली के थिंकटैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव ने कहा कि लेबर पार्टी मामूली संशोधन के साथ भारत-ब्रिटेन एफटीए को मंजूरी दे सकती है। अक्टूबर की शुरुआत में एफटीए पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।
- लंदन ।ब्रिटेन में चार जुलाई को हुए आम चुनाव की अभी तक मतगणना में लेबर पार्टी ने बहुमत के लिए पर्याप्त सीटों पर जीत हासिल कर ली है। वहीं, निवर्तमान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हार स्वीकार करते हुए लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर को बधाई दी है। कंजर्वेटिव पार्टी को अब तक की सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, ऋषि सुनक अपनी सीट से चुनाव जीत गए हैं।आधिकारिक परिणामों से पता चला है कि लेबर पार्टी ने अगली सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें जीत ली हैं। शुक्रवार सुबह पांच बजे तक लेबर पार्टी ने 650 में से 326 सीटें पर जीत हासिल कर ली है।ब्रिटेन में भारतीय मूल के प्रधानमंत्री सुनक ने उत्तरी इंग्लैंड में रिचमंड एवं नॉर्थलेरटन सीट पर 23,059 वोट के अंतर के साथ दोबारा जीत हासिल की, लेकिन वह देश में 14 साल की सरकार के बाद अपनी पार्टी को दोबारा से जीत हासिल कराने में असफल रहे। सुनक ने कहा, ‘‘लेबर पार्टी ने यह आम चुनाव जीत लिया है और मैंने सर कीर स्टार्मर को उनकी जीत पर बधाई देने के लिए फोन किया है।’’ इस दौरान सुनक के साथ उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति भी मौजूद थीं।सुनक ने कहा, ‘‘आज शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से सत्ता परिवर्तन होगा और यह ऐसी चीज है जिससे हमें अपने देश की स्थिरता और भविष्य के प्रति विश्वास होना चाहिए।’’ निवर्तमान प्रधानमंत्री सुनक ने कहा कि इन परिणामों से सीखने और विचार करने के लिए बहुत कुछ है। ब्रिटेन के आम चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने मतदाताओं से कहा, ‘‘मुझे माफ कर दीजिए।’’लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर होलबोर्न एवं सेंट पैनक्रास सीट से जीत गए हैं और वह देश के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं। अब तक के परिणामों में लेबर पार्टी को मिली जीत पर 61 वर्षीय स्टार्मर ने कहा, ‘‘मैं आपकी आवाज बनूंगा, आपका साथ दूंगा, हर दिन आपके लिए लड़ूंगा।’’लेबर पार्टी के नेता ने कहा, ‘‘परिवर्तन यहीं से शुरू होता है क्योंकि यह आपका लोकतंत्र है, आपका समुदाय है, आपका भविष्य है। आपने मतदान किया है। अब समय आ गया है कि हम अपना काम करें।’’ स्टार्मर ने अपनी पार्टी की जीत के बाद सभी मतदाताओं का आभार जताया। एग्जिट पोल के अनुसार, आम चुनाव में लेबर पार्टी को 410 सीट मिलने का अनुमान जताया गया था जबकि रुझानों में उसे 405 सीटें, जबकि ऋषि सुनक की पार्टी को केवल 154 सीटें मिलती दिख रही हैं।
-
लंदन. जाने-माने अर्थशास्त्री एन के सिंह ने कहा है कि दुनिया भारतीय युग की दहलीज की तरफ बढ़ रही है। वास्तव में भारत ने जो 2047 तक विकसित राष्ट्र का लक्ष्य रखा है, आर्थिक वृद्धि दर उस दिशा की ओर जा रही है। इंस्टिट्यूट ऑफ इकनॉमिक ग्रोथ के अध्यक्ष सिंह ने बुधवार शाम लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस (एलएसई) में प्रतिष्ठित मानद फेलोशिप से सम्मानित होने पर अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि वह नोबेल पुरस्कार से सम्मनित प्रोफेसर अमर्त्य सेन और पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन जैसे भारतीयों की श्रेणी में शामिल होने पर गर्व महसूस कर रहे हैं। विश्वविद्यालय ने कहा कि यह सम्मान लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस के साथ सिंह के लंबे समय तक जुड़े रहने और एलएसई के भारत सलाहकार बोर्ड के सह-अध्यक्ष के रूप में अनूठे संबंधों को बेहतर बनाने के उनके प्रयासों की मान्यता है। अपने संबोधन में, 83 वर्षीय सिंह ने देश के गौरवशाली इतिहास का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब भारत आजादी की 100वीं वर्षगांठ की ओर बढ़ रहा है, देश उच्च आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है। उन्होंने कहा, “यह प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी का तीसरा कार्यकाल है। वह और मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य 2047 तक विकसित भारत के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं…। अगले दो दशक तक, भारत को इस तरह की वृद्धि को बनाए रखने की आवश्यकता है। भारत के विकास की कहानी यह भी दर्शाती है कि लोकतंत्र और विकास एक-दूसरे के लिए नुकसानदायक नहीं हैं।'' जी-20 द्वारा गठित बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधारों के लिए उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समूह के सह-संयोजक सिंह ने इन संस्थाओं के लिए ‘बेहतर, साहसी और बड़े' दृष्टिकोण का आह्वान किया है जो जलवायु संकट से जुड़ी गंभीर चिंताओं का निपटान करेगा। लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के कुलपति लैरी क्रेमर ने कहा, ‘‘यह पहली मानद फेलोशिप है जिसे मुझे एलएसई अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल में प्रदान करने का सौभाग्य मिला है। मैं इसे हमारे मित्र एन के सिंह को प्रदान करते हुए विशेष रूप से रोमांचित हूं।
- तोक्यो,। जापान ने सोमवार को एक नया महत्वाकांक्षी एच3 रॉकेट प्रक्षेपित करने के साथ ही आपदा प्रतिक्रिया और सुरक्षा के लिए एक उन्नत पृथ्वी निगरानी उपग्रह अंतरिक्ष में तैनात कर दिया। ‘जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी' (जाक्सा) ने बताया कि एच3 नंबर 3 रॉकेट ने दक्षिण पश्चिमी जापान के एक द्वीप पर तानेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी और करीब 16 मिनट बाद तय योजना के अनुसार अपना ‘पेलोड' (उपग्रह) छोड़ा। उन्नत भूमि निरीक्षण उपग्रह या एएलओएस-4 को आपदा प्रतिक्रिया तथा मानचित्रण के लिए पृथ्वी की निगरानी करने तथा डेटा एकत्रित करने का काम सौंपा गया है। यह सैन्य गतिविधि जैसे कि मिसाइल प्रक्षेपण पर नजर रखने में भी सक्षम है।पहले यह प्रक्षेपण रविवार को किया जाना था लेकिन खराब मौसम के कारण इसमें देरी हुई। एएलओएस-4 मौजूदा एएलओएस-2 की जगह लेगा और यह अधिक व्यापक क्षेत्र की निगरानी कर सकता है। जापान कुछ समय के लिए दोनों उपग्रह का संचालन करेगा। जापान एक स्थिर, व्यावसायिक रूप से प्रतिस्पर्धी अंतरिक्ष परिवहन क्षमता को अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानता है।
-
नाइजीरिया. उत्तरी नाइजीरिया में महिला आत्मघाती हमलावरों ने एक विवाह समारोह, अंतिम संस्कार कार्यक्रम और एक अस्पताल को निशाना बनाकर समन्वित हमले किए जिनमें कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य लोग घायल हो गए। स्थानीय प्राधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। बोर्नो राज्य में हुए इन हमलों की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है। यह राज्य बोको हराम के उग्रवाद से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। चरमपंथी समूह आत्मघाती बम विस्फोटों में पहले भी महिलाओं और लड़कियों का इस्तेमाल कर चुका है जिससे यह संदेह पैदा होता है कि इनमें से कुछ हमलावर उन स्कूली बच्चों समेत हजारों लोगों में से हैं जिन्हें आतंकवादियों ने पिछले कुछ सालों में अगवा किया है। बोर्नो राज्य आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी के महानिदेशक बार्किंडो सैदु ने संवाददाताओं को बताया कि एक आत्मघाती हमलावर ने उत्तरपूर्वी शहर ग्वोजा में एक विवाह समारोह के दौरान विस्फोट किया। सैदु ने कहा, "कुछ ही मिनट बाद जनरल अस्पताल के पास एक और धमाका हुआ" और अंतिम संस्कार के दौरान तीसरा हमला हुआ। उन्होंने बताया कि मृतकों में बच्चे और गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। सैदु ने कहा कि कम से कम 30 अन्य घायल हुए हैं।
नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला टीनुबू ने एक बयान में इन हमलों को आतंक की हताशाजनक हरकत बताया है।
बोको हराम की एक शाखा इस्लामिक स्टेट समूह से संबद्ध है और यह नाइजीरिया में इस्लामिक राज्य स्थापित करना चाहता है। अधिकारियों ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है. -
लंदन,। ब्रिटेन में गुरुवार को होने वाले आम चुनाव से पहले प्रचार के अंतिम सप्ताहांत में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पार्टी की तरफ से इस पद के उम्मीदवार लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर ब्रिटिश हिंदू मतदाताओं को लुभाने के लिए मंदिर पहुंचे। सुनक (44) रविवार को नेसडेन में बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर पहुंचे तो वहीं स्टार्मर (61) शुक्रवार को उत्तरी लंदन के किंग्सबरी में स्थित स्वामीनारायण मंदिर पहुंचे।
दोनों नेताओं द्वारा यह कदम ब्रिटिश हिंदू संगठनों के एक प्रमुख समूह द्वारा ब्रिटेन में होने वाले आम चुनाव से पहले पहली बार जारी किए गए ‘हिंदू घोषणापत्र’ के बाद उठाया गया है। इस घोषणापत्र में निर्वाचित प्रतिनिधियों से हिंदू पूजा स्थलों की रक्षा करने और हिंदूओं के प्रति घृणा से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठाने का आह्वान किया गया है। सुनक ने प्रतिष्ठित नेसडेन मंदिर में अपने उद्बोधन में कहा, ‘यह मंदिर इस समुदाय द्वारा ब्रिटेन के लिए दिए गए योगदान का एक महान उदाहरण है।’ उन्होंने मंदिर में प्रार्थना की और वहां उपस्थित बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया।इस बीच किंग्सबरी मंदिर में स्टार्मर का स्वागत किया गया। उन्होंने भी यहां सुनक की तरह ही “जय स्वामीनारायण” बोलकर अपना भाषण शुरू किया।लेबर पार्टी के नेता ने कहा, ‘ब्रिटेन में हिंदूफोबिया के लिए कोई जगह नहीं है।’ हिंदूफोबिया से आशय हिंदू धर्म और हिंदुओं के प्रति विरोधी, विनाशकारी और अपमानजनक दृष्टिकोण और व्यवहार करना है। 2021 की जनगणना के अनुसार ब्रिटेन में रहने वाले लगभग दस लाख लोग खुद को हिंदू मानते हैं। इससे देश में चार जुलाई को होने वाले आम चुनाव में भाग लेने वालों में एक बड़ा हिस्सा हिंदू मतदाताओं का होगा। -
ला पाज,। बोलीविया की सरकार ने गुरुवार को तख्तापलट की साजिश में कथित संलिप्तता को लेकर 17 और लोगों को गिरफ्तार किए जाने की घोषणा की। कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य एडुआर्डो डेल कैस्टिलो ने गिरफ्तार किए गए 17 अन्य लोगों के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी। हालांकि गिरफ्तार किए गए एक शख्स के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वह एक आम नागरिक था जिसकी पहचान एनीबल एगुइलर गोमेज के रूप में हुई है। उन्होंने गोमेज को इस पूरे घटनाक्रम का ‘‘मुख्य साजिशकर्ता'' बताया। डेल कैस्टिलो ने कहा कि सरकार अन्य संदिग्धों की तलाश कर रही है और यह भी बताया कि कथित साजिशकर्तओं ने मई में ही इसको लेकर षड्यंत्र रचना शुरू कर दिया था। बोलीविया की राजधानी में आज सेना के एक शीर्ष जनरल के नेतृत्व में सैनिकों ने राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया और फिर तुरंत पीछे हट गए। इस पूरे घटनाक्रम को देश में सैन्य तख्तापलट की नाकाम कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
राजधानी में कुछ समय के लिए फैली अशांति के बाद धीरे-धीरे शांति लौट रही है। इस घटना के कारण लंबे समय से संकटग्रस्त दक्षिण अमेरिकी देश में अराजकता फैलने का खतरा पैदा हो गया था। बुधवार को 1.20 करोड़ की आबादी वाला राष्ट्र हैरत और हैरानी में था, जब बख्तरबंद वाहनों के सेना के काफिले ने राष्ट्रपति लुइस एर्से की सरकार को हटाकर तख्तापलट करने की कोशिश की। सेना ने राजधानी के प्रमुख चौराहे पर बख्तरबंद वाहनों के दम पर नियंत्रण कर लिया, राष्ट्रपति भवन पर टैंक से हमला कर दिया तथा सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। देश के सेना प्रमुख जनरल जुआन जोस जुनिगा ने राष्ट्रपति भवन से संवाददाताओं के एक समूह को संबोधित करते हुए ''लोकतंत्र को बहाल करने'', मंत्रिमंडल को बदलने और राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की शपथ ली। लेकिन, जब विपक्षी नेताओं ने इस तख्तापलट की कोशिश की निंदा की, तो यह स्पष्ट हो गया कि इस तख्तापलट को कोई सार्थक राजनीतिक समर्थन नहीं मिला है। राष्ट्रपति लुइस एर्से ने अडिग रहने का प्रण लिया, साथ ही सेना के एक नए कमांडर की नियुक्ति की जिसने सैनिकों को पीछे हटने का आदेश दिया। बाद में सैनिक पीछे हट गए। इस बीच, राष्ट्रपति के सैकड़ों समर्थक ‘सेंट्रल स्क्वायर' में एकत्र हुए और उन्होंने देश के ध्वज लहराए।



.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)





.jpg)





.jpg)
.jpg)





.jpeg)
