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- नई दिल्ली। अमेरिका में अपहृत चारों भारतवंशियों की मौत हो गई है। कैलिफोर्निया के शेरिफ ने उनके मारे जाने की पुष्टि की। मृतकों में एक दंपती, उनकी आठ साल की बच्ची व बच्ची का चाचा शामिल है। चारों पंजाब के होशियारपुर मूल के सिख एनआरआई परिवार के सदस्य थे।आशंका है कि अपहर्ता ने ही चारों की हत्या कर दी। गौरतलब है कि अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत के मर्सिड शहर में सोमवार को चार भारतवंशियों जसदीप सिंह, उनकी पत्नी जसलीन कौर, उनकी आठ माह की बच्ची आरुही और जसदीप के भाई अमनदीप सिंह का अपहरण कर लिया गया था। चारों के शव एक बगीचे में पाए गए हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि इन चारों का कैलिफोर्निया के मर्सिड के एक व्यवसायिक कार्यालय से अपहरण कर लिया गया था। मर्सिड के शेरिफ वर्न वार्नके ने बताया कि चारों के शव बुधवार शाम को इंडियाना रोड और हचिंसन रोड के पास एक बगीचे में मिले। बगीचे में शव मिलने की सूचना खेत के मजदूर ने पुलिस को दी। घटना स्थल पर चारों के शव पास पास ही पड़े मिले।शेरिफ वार्नके ने बुधवार शाम एक संवाददाता सम्मेलन में इन हत्याओं पर दुख जताते आक्रोश भी प्रकट किया। उन्होंने कहा, 'इस आरोपी को नरक में खास स्थान मिलेगा।' यह बात उन्होंने आरोपी यीशु मैनुअल सालगाडो के लिए कही, जो कि हत्या का संदिग्ध आरोपी है। अपहरण के मामले में अमेरिकी पुलिस ने कल सालगाडो को गिरफ्तार किया था। वह खुद भी गंभीर हालत में मिला था। चारों मृतक व उनका परिवार मूल रूप से पंजाब के होशियारपुर के हरसी पिंड के रहने वाला हैं।अपहृतों की कार सोमवार देर रात जली हुई हालत में मिली थी। जासूसों ने अमेरिकी पुलिस को मंगलवार सुबह बताया था कि मर्सिड काउंटी के एटवाटर में एक एटीएम में अपहृत लोगों में से एक के बैंक एटीएम कार्ड का इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद ही अपहरण की पुष्टि हुई थी और एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करने वाले संदिग्ध की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया गया था। अमेरिकी जांच एजेंसियों ने बताया कि संदिग्ध आरोपी सालगाडो को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।पंजाब के होशियारपुर में मौजूद अपहृतों के परिजनों ने बुधवार को बताया था कि अपहर्ताओं ने फिरौती के लिए उन्हें कोई कॉल नहीं किया। जसदीप और अमनदीप के माता-पिता डॉ. रणधीर सिंह और कृपाल कौर अपहरण की खबर सुनकर सदमे में हैं। दोनों हाल ही में स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं।डॉ. रणधीर 29 सितंबर को विदेश से भारत लौटे थे। इसके बाद वे उत्तराखंड में तीर्थयात्रा पर चले गए थे। जब वह ऋषिकेश पहुंचे तो उन्हें अमेरिका से उनकी बहू जसप्रीत कौर का फोन आया, जिन्होंने उन्हें अपने पति अमनदीप और परिवार के अन्य सदस्यों के अपहरण की घटना के बारे में बताया। इसके बाद डॉ. रणधीर मंगलवार शाम अपने गांव लौटे और अमेरिका संपर्क किया।
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इस्लामाबाद । पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान के खिलाफ एक महिला न्यायाधीश पर विवादास्पद टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। अपर जिला और सत्र न्यायाधीश ज़ेबा चौधरी पर इमरान खान की टिप्पणी को लेकर 20 अगस्त को एक मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में इस्लामाबाद के मार्गला थाना के मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। 20 अगस्त को पंजीकृत एफआईआर में कहा गया है कि इमरान खान ने एक रैली में न्यायाधीश चौधरी और पुलिस अधिकारियों को धमकी दी थी। इमरान खान अदालत में पेश न होने को लेकर अवमानना के आरोपों का भी सामना कर रहे हैं। इमरान खान द्वारा एक हलफनामा दाखिल करने के कुछ घंटों के बाद ही गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। इमरान खान ने हलफनामे में कहा है कि वे माफी मांगना चाहते हैं और भविष्य में ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे अदालत और न्याय पालिका की मर्यादा को ठेंस पहुंचे।
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मॉस्को। एक अभियान के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर गये तीन रूसी अंतरिक्ष यात्री करीब छह माह बाद, बृहस्पतिवार को सकुशल वापस आ गये। ‘द सोयुज एमएस-21' नामक अंतरिक्ष यान आलेग आर्तेमयेव, डेनिस मातवेयेव और सर्गेई कोर्साकोव को लेकर स्थानीय समयानुसार अपराह्न चार बजकर 57 मिनट (जीएमटी 1057) पर जमीन पर उतरा। यह झेजकाजगन शहर से 150 किलोमीटर दूर कजाकिस्तान के स्टेपीज घास के मैदान में उतरा। तीनों अंतरिक्ष यात्री गत मार्च में अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे थे। तीनों अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय स्टेशन पर गत मार्च में गये थे। आर्तेमयेव के लिए यह उनका तीसरा अंतरिक्ष अभियान था और वह अब तक अंतरिक्ष में कुल 561 दिन बिता चुके हैं। मातवेयेव और कोर्साकोव के लिए यह पहला अंतरिक्ष अभियान था और दोनों ने अंतरिक्ष स्टेशन पर 195 दिन बिताये। जब सोयुज कैप्सूल साफ आकाश में एक बड़े और लाल-सफेद धारीदार पैराशूट के जरिये उतर रहा था, तब आर्तेमयेव ने अभियान से जुड़े नियंत्रण कक्ष को बताया कि सभी सदस्य अच्छा महसूस कर रहे हैं। कुछ ही देर में उन्हें लेने के लिए हेलीकॉप्टर से सहयोगी दल वहां पहुंच गए।
उतरने के बाद चिकित्सकीय जांच के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को मॉस्को के बाहर स्थित स्टार सिटी कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर ले जाया जायेगा। अंतरिक्ष स्टेशन का संचालन फिलहाल यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री सामंथा क्रिस्टोफोरेट्टी, अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष यात्री बॉब हाइंस, केजेल लिंडग्रेन, फ्रैंक रुबियो तथा जेस्सिका वाटकिंस और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमोस के अंतरिक्ष यात्री सर्गेई प्रोकोपयेव और दमित्रि पेतेलिन द्वारा किया जा रहा है। - लॉस एंजिलिस। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि विभिन्न वायु प्रदूषणकारी तत्वों के संपर्क में आने से कोविड-19 रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है और इससे वह लोग भी नहीं बच सकते, जिनका पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। इन प्रदूषणकारी तत्वों में पीएम 2.5 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड अहम हैं।अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं सहित एक टीम ने एक अस्पताल में मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड का अध्ययन किया। इस अध्ययन के अनुसार 2021 के जुलाई या अगस्त में कोविड के 50,010 रोगियों की पहचान की गई जिनकी आयु 12 वर्ष और उससे अधिक थी। उस समय सार्स-सीओवी-2 के डेल्टा स्वरूप से अधिक लोग संक्रमित हो रहे थे वहीं कई लोगों को टीके लगाए गए थे। अध्ययन के लेखक और वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक एनी जियांग ने कहा कि ये निष्कर्ष महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे दिखाते हैं कि कोविड टीके अस्पताल में भर्ती होने के खतरे को कम करने में सफल होते हैं। लेकिन जिन लोगों को टीके लग चुके हैं और वे भी प्रदूषित हवा के संपर्क में आते हैं तो उनमें रोग की गंभीरता बढ़ने का अधिक खतरा है। यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ हैfile photo
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मास्को। रूस यूक्रेन के उन चार क्षेत्रों का औपचारिक अधिग्रहण करेगा जहां उसने जनमत संग्रह करवाया था। ये क्षेत्र हैं- लुहांस्क, दोनेत्सक, खेरसन और जेपोरिजिया। रूस का दावा है कि इन क्षेत्रों के निवासियों ने रूस के शासन में रहने के पक्ष में मतदान किया है। यूक्रेन सरकार और पश्चिमी देशों ने जनमत संग्रह को अवैध बताया है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन आज क्रेमलिन में एक समारोह में भाग लेंगे, जिसमें यूक्रेन के इन चारों क्षेत्रों को औपचारिक रूप से रूस के दायरे में लाया जाएगा।
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दुबई. सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान को मंगलवार को शाही आदेश द्वारा देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। राजकुमार, राजा सलमान के उत्तराधिकारी हैं और उनके पास पहले से ही बहुत सी शक्तियां हैं। राजकाज के रोजमर्रा के काम भी राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान ही देखते हैं। सऊदी प्रेस एजेंसी ने मोहम्मद बिन सलमान की प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति की खबर दी। शाही आदेश में कहा गया कि राजा सलमान मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता करना जारी रखेंगे। राजकुमार सलमान (35) को ‘एमबीएस' के नाम से भी संबोधित किया जाता है। वह 2030 तक सऊदी अरब की अर्थव्यस्था को बदलना और तेल पर उसकी निर्भरता को खत्म करना चाहते हैं। -
बीजिंग. उत्तर-पूर्वी चीन के चांगचुन शहर के एक रेस्तरां में बुधवार को लगी आग में 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। चांगचुन न्यू एरिया औद्योगिक क्षेत्र की प्रबंधन समिति ने जानकारी दी। समिति ने सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्ट में बताया कि बुधवार दोपहर 12.40 बजे चांगचुन न्यू एरिया औद्योगिक क्षेत्र के हाई-टेक इलाके में आग लगने की सूचना मिली। पोस्ट के मुताबिक, हादसे में तीन लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दमकल एवं बचाव सेवा के अनुसार, हादसे के लिए शुरुआती स्तर पर एक गैस विस्फोट को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। चांगचुन चीन के जिलिन प्रांत की राजधानी है और इसे वाहन विनिर्माण केंद्र के रूप में जाना जाता ह।
चीन में इमारतों की खराब डिजाइन और औसत दर्जे के निर्माण के कारण जानलेवा हादसों के मामले बढ़े हैं।
अप्रैल 2022 में चांग्शा शहर में अवैध रूप से निर्मित एक इमारत के ढह जाने से 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे। वहीं, जुलाई में बंदरगाह शहर तियानजिन में एक इमारत का कुछ हिस्सा गिर जाने के बाद हुए गैस विस्फोट से तीन लोग लापता हो गए थे और 11 अन्य घायल हुए थे।
- टोक्यो । जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का आज तोक्यो में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जा रहा है। उनकी पत्नी आके आबे अस्थियों को लेकर तोक्यो के बुडोकन हॉल में पहुंची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विश्व के अनेक नेता अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इस दौरान वे काफी भावुक नजर आए। पीएम मोदी के अलावा अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी आबे के अंतिम संस्कार में पहुंची हैं। इसके अलावा 20 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्षों समेत 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि जापान पहुंचे हैं। बता दें जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की जुलाई में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।जापान दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यों में जापानी पीएम फुमियो किशिदा से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच भारत-जापान संबंध को लेकर चर्चा हुई। फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-जापान संबंध गहरे होंगे और नई ऊंचाइयों को छुएंगे और हम दुनिया की समस्याओं को हल करने में एक उपयुक्त भूमिका निभा पाएंगे।इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व जापानी पीएम शिंजो आबे को भी याद किया। उन्होंने कहा, दुख की इस घड़ी में आज हम मिल रहे हैं। पिछली बार जब मैं आया था तो मेरी जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ लंबी बातचीत हुई थी। भारत शिंजो आबे को याद कर रहा है।
- रोम। इटली के राष्ट्रीय चुनावों में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार दक्षिणपंथी नेतृत्व वाली सरकार बनने जा रही है वहां ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी ने जीत हासिल की है। अंतिम परिणामों के अनुसार ब्रदर्स पार्टी के जियोर्जिया मेलोनी, इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी। अंतिम परिणामों के अनुसार केंद्र और दक्षिणपंथी गठबंधन ने संसदीय वोट का कुल 44 प्रतिशत हासिल किया, इसमें मेलोनी की ब्रदर्स ऑफ़ इटली पार्टी ने कुल 26 प्रतिशत वोट लिये। मातेओ साल्विनी की पार्टी को लगभग नौ प्रतिशत और पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी की अधिक उदारवादी फोर्ज़ा इटालिया पार्टी को लगभग आठ प्रतिशत वोट मिले।
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केप केनवरल (अमेरिका) .रूसी अतंरिक्षयान के प्रक्षेपण के बाद बुधवार को तीन नए अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे। कजाकिस्तान से प्रक्षेपित अंतरिक्षयान सोयूज निर्दिष्ट कक्षा में पहुंचा और इसके तीन घंटे के बाद वह अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंच गया। इस अंतरिक्ष यान से अमेरिका के फ्रैंक रूबियो, रूस के सर्गेई प्रोकोपयेव तथा दिमित्री पेतेलिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे हैं और वहां वह छह माह रहेंगे। रूबियो चिकित्सक हैं और मियामी से सेना के पूर्व पैराशूटर हैं और वह दोनों देशों के बीच चालक दल की अदला बदली संबंधी समझौते के तहत अंतरिक्ष पहुंचे हैं। गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पैदा हुए तनाव के बावजूद यह समझौता जुलाई में हुआ था । यह समझौता अंतरिक्ष में रूस और अमेरिका के जारी सहयोग का संकेत देता है। - मॉस्को । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों पर परमाणु हथियारों को लेकर रूस को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनके देश के पास जवाब देने के लिए बहुत सारे हथियार हैं। श्री पुतिन ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद आज पहली बार सैन्य लामबंदी का भी आदेश दिया। उनका कहना है कि परिस्थितियों को देखते हुए रूस में आंशिक सैन्य लामबंदी जरूरी है।टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम विशेष संबोधन में रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि यदि किसी ने रूस की क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती दी तो लोगों की रक्षा के लिए सभी उपलब्ध साधनों का इस्तेमाल किया जायेगा। विश्व के नेताओं ने रूस द्वारा यूक्रेन के चार क्षेत्रों में जनमत संग्रह कराने की योजना की निन्दा की थी। इसके बाद ही रूस की यह प्रतिक्रिया आई है।
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न्यूयॉर्क । विश्व नेता आज से संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में व्यापक विचार-विमर्श शुरू करेंगे। वैश्विक ध्रुवीकरण, रूस-यूकेन संघर्ष, खाद्य और ऊर्जा संकट, आर्थिक संकट और प्राकृतिक आपदाओं पर मुख्य रूप से विचार होगा। इस वर्ष बैठक की थीम है - आमूल परिवर्तन क्षण: चुनौतियों से निपटने के लिए रुपान्तरकारी समाधान। बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर नए सिरे से ध्यान दिया जाएगा। सुधार पर केन्द्रित दो बैठकों के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एजेंडे में यह विषय प्राथमिक रहेगा। अमरीका ने संकेत दिया है कि राष्ट्रपति जो. बाइडेन सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए नए विचार प्रस्तुत करेंगे और इस पर व्यापक परामर्श करेंगे। डॉक्टर एस. जयशंकर शनिवार को बैठक में भारत का पक्ष रखेंगे। लगभग एक सौ 50 शासनाध्यक्ष या राष्ट्रयाध्यक्षों के महासभा की बैठक में भाग लेने की आशा है। कोविड महामारी के बाद दो वर्ष के अंतराल पर उच्च स्तरीय बैठक हो रही है।
- लंदन। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने और भारत सरकार की ओर से संवेदना व्यक्त करने के लिए आज सुबह लंदन पहुंची। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का इस महीने की 8 तारीख को निधन हो गया था। राष्ट्रपति मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महारानी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भारत की संवेदना व्यक्त करने के लिए 12 सितंबर को नई दिल्ली में स्थित ब्रिटिश उच्चायोग गए। देश में 11 सितंबर को राष्ट्रीय शोक रखा गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के 70 वर्षों के शासनकाल में, भारत-ब्रिटेन के संबंध बहुत विकसित और मजबूत हुए। उन्होंने राष्ट्रमंडल प्रमुख के रूप में दुनिया भर के लाखों लोगों के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- बीजिंग। चीन के दो अंतरिक्ष यात्रियों ने शनिवार को नए अंतरिक्ष स्टेशन से ‘स्पेसवॉक' (निर्वात में चहल कदमी) किया। इस नए अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण इस साल पूरा हो जाएगा। काई शुझे और चेन डोंग ने पंप लगाए, आपातकाल द्वार में बाहर से खोलने के लिए हैंडल लगाया तथा रोबोट से अंतरिक्षयात्री के पांव को जोड़ने के लिए उपकरण लगाया। चीन के सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। चीन की सेना देश का अंतरिक्ष कार्यक्रम चला रही है इसलिए चीन को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से बाहर कर दिया गया है। छह महीने के अभियान में चीनी अंतरिक्ष यात्रियों ने दूसरी बार स्पेसवॉक किया है। चीन अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन बना रहा है।
- नयी दिल्ली। फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के अलावा उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का ‘‘मित्रता और सहयोग'' का संदेश भी साझा किया। मोदी ने ट्वीट किया, “यूरोप और विदेश मामलों के लिए फ्रांस की मंत्री कैथरीन कोलोना से मुलाकात कर खुशी हुई। हमनें द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को लेकर चर्चा की। मित्र इमैनुएल मैक्रों के लिये शुभकामनाएं दीं।” एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘द्विपक्षीय और साझा हितों के अन्य मुद्दों पर चर्चा के अलावा मंत्री ने राष्ट्रपति मैक्रों का मित्रता व सहयोग का संदेश भी प्रधानमंत्री मोदी से साझा किया।'' बयान के मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति मैक्रों से पेरिस में हुई मुलाकात का स्मरण किया और भारत में उनका स्वागत करने की इच्छा जताई।'' तीन दिवसीय भारत दौरे के पहले दिन कोलोना ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से सामरिक संबंधों को विस्तार देने को लेकर चर्चा की।
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पोर्ट मोर्सबी. पापुआ न्यू गिनी के नेताओं ने मंगलवार को दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सम्मान में एक समारोह आयोजित किया और महाराज चार्ल्स तृतीय को देश का नया राष्ट्र प्रमुख घोषित किया। राजधानी पोर्ट मोर्सबी में संसद के बाहर आयोजित समारोह में गवर्नर जनरल बॉब डाडेई और प्रधानमंत्री जेम्स मारपे के साथ अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। पापुआ एशिया और प्रशांत में उन पांच देशों में से एक है जहां राष्ट्र प्रमुख ब्रिटिश सम्राट होता है। इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, सोलोमन आइलैंड्स, तुवालू भी शामिल हैं। मारपे ने कहा कि महारानी ने पापुआ न्यू गिनी के राष्ट्र प्रमुख के तौर पर कर्तव्यों का अनुकरणीय रूप से प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि ये सब लोग महारानी के निधन पर शोक जताने और महाराज चार्ल्स तृतीय के सिंहासन पर आसीन होने के गवाह बनने और इसे स्वीकार करने के लिए जमा हुए हैं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, मारपे और अन्य नेता शुक्रवार को चार्ल्स से मुलाकात करेंगे। इत्तेफाक से शुक्रवार को ही पापुआ न्यू गिनी का 47वां स्वतंत्रता दिवस है। -
लंदन। ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के छोटे बेटे राजकुमार एंड्रयू अपनी मां के दो पालतू कुत्तों की देखभाल करेंगे। मीडिया में सोमवार को सामने आई खबर में इस बाबत पुष्टि की गई है। राजकुमार एंड्रयू और उनकी पूर्व पत्नी सारा फर्ग्यूसन दिवंगत महारानी के दो कुत्तों - म्यूक और सैंडी - की देखभाल करेंगे। पिछले साल महारानी के 95वें जन्मदिवस के अवसर पर ये दोनों कुत्ते एंड्रयू ने उन्हें तोहफे में दिये थे। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय छोटे पैरों वाले अपने पालतू कुत्तों से बेहद प्यार करती थीं, लेकिन उनके निधन के बाद पालतू कुत्तों के भविष्य को लेकर भी अनिश्चितता पैदा हो गई थी। महारानी की पुत्रवधू दिवंगत डायना ने एक बार इन कुत्तों की चर्चा करते हुए इन्हें ‘‘ चलता फिरता कालीन'' करार दिया था, जो सदा उनकी सास के साथ रहते थे। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का बचपन से ही ‘कॉर्गी' नस्ल के कुत्तों के प्रति अनुराग था और उन्होंने अपने जीवनकाल में करीब 30 ऐसे कुत्तों को पाला था। राजकुमार एंड्रयू के एक करीबी सूत्र ने बताया कि महारानी के दोनों पालतू कुत्ते अब एंड्रयू के साथ ‘रॉयल लॉज' में रहेंगे। रॉयल लॉज, प्रिंस एंड्रयू के घर विंडसर एस्टेट में स्थित एक हवेली है। -
न्यूयॉर्क. अमेरिका के लोगों ने 11 सितंबर को देश में सबसे भीषण आतंकी हमलों के 21 साल पूरे होने पर नम आंखों के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वे ‘‘कभी इसे नहीं भूल सकते।'' ग्रांउड जीरो पर आयोजित समारोह में पीड़ितों का नाम पढ़ने खड़ी हुई बोनिता मेंटिस हमले में मारी गईं अपनी बहन शेवोनी मेंटिस की तस्वीर गले में हार में साथ पहने हुए थीं, जो गुयाना से आई प्रवासी थीं और इस हमले में जब मारी गई तब उनकी उम्र महज 25 साल थी। शेवोनी एक वित्तीय कंपनी में काम करती थीं। बोनिता ने कहा, ‘‘21 साल बीत गए हैं, लेकिन हमारे लिए यह 21 साल नहीं है। हमें तो लगता है कि यह कल ही हुआ था। हमारे जख्म आज भी हरे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘इससे फर्क नहीं पड़ता कि कितने साल बीत गए हैं, कोई भी उस दिन जो हुआ, उसे समझ नहीं सकता है।'' हमले के दो अन्य स्थानों पेंटागन और पेनसिल्वेनिया के मैदान में भी पीड़ितों के रिश्तेदारों और गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। अलकायदा के आतंकवादियों ने 21 साल पहले अपहृत विमानों के जरिये न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और पेनसिल्वेनिया में हमले किए गए थे, जिनमें लगभग 3,000 लोग मारे गए थे। इस हमले के बाद अमेरिका ने दुनियाभर में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को नये सिरे से तैयार किया। इस रविवार को इस हमले की बरसी ऐसे समय मनाई जा रही है, जब करीब एक महीने से कुछ ज्यादा समय पहले अमेरिकी ड्रोन हमले में अलकायदा सरगना और 9/11 हमले की योजना बनाने में अहम मदद करने वाले अयमन अल जवाहिरी को मार गिराया गया। हमले में रिश्ते के भाई को खोने वाले पियरे रोल्डन ने कहा, ‘‘ हमें तब कुछ न्याय मिला'' जब वर्ष 2011 के अमेरिकी हमले में ओसामा बिन लादेन मारा गया। उन्होंने कहा, ‘‘अब अल जवाहिरी मारा गया है, कम से कम हमें न्याय मिलना जारी है।''
ग्यारह सितंबर के हमले से कुछ समय के लिये अमेरिकियों में राष्ट्रीय गर्व और एकता की भावना भी पैदा हुई, जबकि देश में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों को आगामी वर्षों में संदेह और कलंक के साये में रहना पड़ा। आतंकी हमलों ने अमेरिका की राजनीति पर असर डाला। उन हजारों लोगों के जीवन पर भी गहरा असर पड़ा, जिन्होंने अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और सहयोगियों को खो दिया। हालांकि, पीड़ितों के रिश्तेदारों की तरह जे सालोमन को डर है कि अमेरिकियों की 11 सितंबर के हमले को लेकर आत्म चेतना कम हो रही है। हमले में अपने भाई को खोने वाले सालोमन ने कहा, ‘‘ उस दिन हमारे देश पर आतंकवादी हमला हुआ था और सैद्धांतिक रूप से सभी को उसे याद करना चाहिए। सतर्कता बरतें और देखें।'' ग्रांउड जीरो पर मंच पर आकर लोग हमले में मारे गए अपने-अपने रिश्तेदारों का नाम लेकर श्रद्धांजलि दे रहे थे। ऐसे ही लोगों में दमकल कर्मी जिम्मी रिचस थे, जिनका उस हमले के वक्त जन्म भी नहीं हुआ था, लेकिन उन्होंने मंच पर उस व्यक्ति को श्रद्धांजलि अर्पित की जो उनके रिश्तेदार थे। उन्होंने मंच पर नाम का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ आप हमेशा में दिल में रहेंगे। मुझे पता है कि आप मुझे देख रहे होंगे।'' सेकू सिबी के 70 से अधिक सहकर्मी, ट्रेड सेंटर के उत्तरी टॉवर के ऊपर स्थित रेस्तरां ‘विंडोज ऑन द वर्ल्ड' में मारे गए थे। सिबी को उस सुबह काम पर जाना था, लेकिन उनकी जगह दूसरे रसोइए को काम पर बुला लिया गया था। सिबी ने फिर कभी रेस्तरां की नौकरी नहीं की। आज भी उन्हें हमले के दिन की सारी घटनाएं याद हैं। आइवरी कोस्ट से आए आप्रवासी सिबी इस बात से जूझ रहे थे कि ऐसे देश में इस तरह के आतंक को कैसे समझा जाए, जहां वह बेहतर जीवन की तलाश में आए थे। सिबी पहले की तरह फिर से किसी को अपना करीबी दोस्त नहीं बना पाए, जो ‘विंडोज ऑन द वर्ल्ड' में उनका अपने सहयोगियों से रिश्ता था। सिबी ने कहा कि यह बहुत दुखद होता है जब आपको पता चलता है कि आपके इर्द-गिर्द जो चीजें चल रही हैं उसपर आपका कोई नियंत्रण नहीं है। रेस्तरां कर्मचारियों के अधिकारों की पैरवी करने वाले संगठन ‘आरओसी यूनाइटेड' के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सिबी ने कहा, ‘‘11 सितंबर हर उस चीज की याद दिलाता है, जिसे मैंने खोया है, जिसे मैं कभी वापस नहीं पा सकता।'' राष्ट्रपति जो बाइडन ने पेंटागन में पुष्पांजलि अर्पित कर हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने 11 सितंबर के हमले को याद किया, जब वह पेंटागन में धुएं का गुबार उठ रहा था और तब वह सीनेटर थे। बाइडन ने संकल्प लिया कि अमेरिका आतंकवादी साजिशों को नाकाम करने के लिए काम करना जारी रखेगा। उन्होंने अमेरिकियों से आह्वान किया कि वे बरसी से परे बाकी दिनों के लिए भी लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध रहें। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारी जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि हम अपने लोकतंत्र की रक्षा, सरंक्षण और सुरक्षा करें। लोकतंत्र ने जो हमें स्वतंत्रता दी है, उसे वे आतंकवादी 11 सितंबर के हमले की आग, धुएं और राख में दबाना चाहते थे।'' प्रथम महिला जिल बाइडन रविवार को पेनसिल्वेनिया के शैंक्सविले में फ्लाइट-93 राष्ट्रीय स्मारक में आयोजित सभा को संबोधित करेंगी। उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपने पति डाउग एम्होफ न्यूयॉर्क स्थित 11 सितंबर स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। लेकिन परंपरा के अनुसार किसी भी नेता को संबोधन की अनुमति नहीं है। इस स्मारक पर पीड़ितों के परिवार मारे गए अपने रिश्तेदारों के नामों को पुकारते हैं। इस मौके पर निकिता शाह भी पहुंची, जिन्होंने टी शर्ट पहना था जिसपर ‘‘ हम कभी नहीं भूल सकते'' और उनके मारे गए पिता जय शाह का नाम लिखा था। निकिता 10 साल की थीं, जब उनके पिता इस हमले में मारे गए थे। उनका परिवार अब ह्यूस्टन में बस गया है, लेकिन बरसी मनाने के लिए न्यूयॉर्क आया है। - लंदन। किंग चार्ल्स तृतीय को शनिवार को ‘एक्सेशन काउंसिल’ के एक ऐतिहासिक समारोह में ब्रिटेन का नया महाराज घोषित किया गया। समारोह का पहली बार टेलीविजन पर प्रसारण किया गया। महारानी एलिजाबेथ के बाद आधिकारिक रूप से आज ब्रिटेन को अपना नया सम्राट मिल गया है। सेंट जेम्स पैलेस में परिग्रहण परिषद की बैठक में प्रिवी काउंसिल ने किंग चार्ल्स III को आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन के नए सम्राट के रूप में घोषित किया गया। इस मौके पर एक एतिहासिक समारोह आयोजित करके किंग चार्ल्स III की ताजपोशी की गई। इस मौके पर नया सम्राट बनाए जाने से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरीं की गईं। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में क्वीन कैमिला, प्रिंस ऑफ वेल्स विलियम, पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन और वर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस भी मौजूद रहीं।लंदन में सेंट जेम्स पैलेस में परिग्रहण परिषद और प्रधान उद्घोषणा करते हुए किंग चार्ल्स तृतीय ने कहा कि मेरी प्यारी मां और रानी के निधन की घोषणा करना मेरा दुखद कर्तव्य है। मुझे पता है कि हम सभी की अपूरणीय क्षति हुई है और आप इस क्षति में मेरे साथ कितनी गहरी सहानुभूति रखते हैं। इस दौरान किंग चार्ल्स ने घोषणा करते हुए कहा कि उनकी मां एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार वाले दिन ब्रिटेन में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। हालांकि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार की तारीख का एलान अभी नहीं किया गया है। उन्होंने इस मौके पर वो भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि वे अपनी मां को खोने से दुखी हैं, लेकिन वे अपनी मां की तरह देश सेवा करते रहेंगे।73 वर्ष के हैं चार्ल्सप्रिंस चार्ल्स का पूरा नाम चार्ल्स फिलिप आर्थर जॉर्ज है जो प्रिंस फिलिप और एलिजाबेथ द्वितीय के बड़े बेटे हैं। चार्ल्स का जन्म 14 नवंबर 1948, बकिंघम पैलेस में हुआ था। चार्ल्स ने 29 जुलाई, 1981 को लेडी डायना स्पेंसर से शादी की थी। दोनों के दो बेटे विलियम और हैरी हैं। 1996 में चार्ल्स और डायना दोनों अलग हो गए थे। 1997 में पेरिस में हुए एक कार हादसे में प्रिंसेस ऑफ वेल्स डायना की मौत हो गई। बाद में नौ अप्रैल, 2005 को चार्ल्स ने कैमिला पार्कर से शादी कर ली थी। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद चार्ल्स को राजा घोषित कर दिया गया है। चार्ल्स अभी 73 वर्ष के हैं। चार्ल्स के राजा बनने के बाद उनके बड़े बेटे ड्यूक ऑफ कैंब्रिज प्रिंस विलियम अब वेल्स के राजकुमार कहलाएंगे।चार्ल्स ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वेस्ट लंदन के हिल हाउस स्कूल में प्राप्त की। हैम्पशायर और स्कॉटलैंड में निजी स्कूली शिक्षा के बाद चार्ल्स ने 1967 में कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में प्रवेश लिया। उन्होंने 1971 में वहां स्नातक की डिग्री ली। जहां उन्होंने मानव विज्ञान, पुरातत्व और इतिहास की पढ़ाई की, कनाडा में जन्मे प्रोफेसर जॉन कोल्स उनके अनुशिक्षक थे।कला में स्नातक की डिग्री हासिल की23 जून 1970 को उन्होंने कला में स्नातक की डिग्री हासिल की और विश्वविद्यालय की डिग्री प्राप्त करने वाले शाही परिवार के वे तीसरे सदस्य बने। इसके बाद 2 अगस्त 1975 को विश्वविद्यालय के परंपरा के अनुसार उन्हें कैम्ब्रिज से कला में स्नातकोत्तर की डिग्री से सम्मानित किया गया। इसके बाद चार्ल्स ने ओल्ड कॉलेज (एबेरिस्टवेथ में स्थित वेल्स विश्वविद्यालय का एक हिस्सा) में भी दाखिला लिया, जहां उन्होंने वेल्स भाषा और वेल्स इतिहास का अध्ययन किया। वे वेल्स के ऐसे पहले युवराज थे, जिनका जन्म वेल्स से बाहर होने के बावजूद उन्होंने रियासत की भाषा सीखने का प्रयास किया।राजा को मिलीं शक्तियांमहारानी एलिजाबेथ ब्रिटेन के अलावा 14 कॉमनवेल्थ देशों की भी महारानी थीं। अब किंग चार्ल्स इन देशों के राजा हैं। अब राजा के पास देश में सरकार की नियुक्ति को लेकर शक्तियां हैं। आम चुनाव जीतने वाली पार्टी के नेता को आमतौर पर बकिंघम पैलेस बुलाया जाता है, जहां उन्हें सरकार बनाने के लिए औपचारिक रूप से आमंत्रित किया जाता है। वहीं पहले रानी दूसरे देशों के मेहमान राष्ट्राध्यक्षों की मेजबानी करती थीं। अब उनकी जगह अब किंग चार्ल्स III यानी चार्ल्स फिलिप आर्थर जॉर्ज करेंगे।महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 25 साल की उम्र में संभाला था सिंहासनमहारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 6 फरवरी 1952 को पिता किंग जॉर्ज की मौत के बाद ब्रिटेन का शासन संभाला था। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 25 साल थी। तब से 70 साल तक उन्होंने शासन किया।
- लंदन। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सबसे बड़े बेटे और ब्रिटेन के नए महाराज चार्ल्स ने गुरुवार को कहा कि उनकी मां का निधन उनके और उनके परिवार के सभी सदस्यों के लिए ‘सबसे बड़े दुख’ का क्षण है। ब्रिटिश हुकूमत पर सबसे लंबे समय तक राज करने वाली एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को स्कॉटलैंड स्थित बाल्मोरल कैसल में 96 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से ब्रिटिश इतिहास में किसी शाही हस्ती के सबसे लंबे शासनकाल का अंत हो गया।तिहत्तर वर्षीय चार्ल्स ने कहा, “मेरी प्यारी मां, महामहिम महारानी का निधन, मेरे और मेरे परिवार के सभी सदस्यों के लिए सबसे बड़े दुख का क्षण है।” चार्ल्स ब्रिटिश सिंहासन पर काबिज होने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, “हम एक महान साम्रज्ञी और एक बहुत प्यारी मां के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं। मुझे पता है कि पूरे देश, लोक, राष्ट्रमंडल और दुनियाभर के अनगिनत लोगों द्वारा गहराई से उनकी कमी महसूस की जाएगी।” चार्ल्स ने कहा कि शोक और बदलाव की इस अवधि में महारानी को मिले व्यापक सम्मान और गहरे स्नेह से उन्हें और उनके परिवार को सांत्वना और बल मिलेगा। file photo
- लंदन। ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का बृहस्पतिवार को स्कॉटलैंड के बालमोरल कैसल में निधन हो गया। वह 96 वर्ष की थीं। महारानी ने 70 साल तक शासन किया।गुरुवार को सुबह उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंताएं बढ़ने के बाद उनका परिवार एबरडीनशायर में उनके स्कॉटिश इस्टेट में इकट्ठा होने लगा। पूर्व राजकुमार चार्ल्स अब ब्रिटेन के नए सम्राट होंगे। बकिंघम पैलेस ने एक बयान में कहा, ‘‘महारानी का आज दोपहर बाल्मोरल में निधन हो गया।’’ बयान में कहा गया, ‘‘द किंग एंड द क्वीन कंसोर्ट (चार्ल्स एंड कैमिला) शुक्रवार को लंदन लौटेंगे।’’महारानी 1952 में गद्दी पर बैठी थीं और वह अभूतपूर्व सामाजिक परिवर्तन की गवाह रहीं।उनके निधन के बाद उनके सबसे बड़े बेटे और उत्तराधिकारी चार्ल्स 14 राष्ट्रमंडल क्षेत्रों के प्रमुख के रूप में उनके अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे। डॉक्टरों द्वारा महारानी को चिकित्सकीय देखरेख में रखने के बाद चार्ल्स और महारानी के करीबी परिवार के सदस्य एबरडीन के पास बालमोरल पहुंचे। उनके पोते प्रिंस विलियम, उनके भाई प्रिंस हैरी के साथ रास्ते में हैं।महारानी की बेटी राजकुमारी ऐनी पहले से ही स्कॉटिश महल में उनके साथ थीं और उनके अन्य बच्चे - प्रिंस एंड्रयू और प्रिंस एडवर्ड - बाद में उनके साथ शामिल हुए। एक परमार्थ कार्यक्रम के लिए लंदन में मौजूद प्रिंस हैरी और मेगन (ड्यूक एंड डचेस ऑफ ससेक्स) भी महारानी के ग्रीष्मकालीन निवास पर पहुंचे।विलियम की पत्नी केट (डचेस ऑफ कैम्ब्रिज) विंडसर में हैं क्योंकि उनके बच्चों - प्रिंस जॉर्ज, प्रिंसेस चार्लोट और प्रिंस लुइस का बृहस्पतिवार को वहां एक नए स्कूल में पहला दिन था। 96 वर्षीय सम्राट उम्र संबंधी समस्याओं से पीड़ित थी और उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में स्कॉटलैंड में नयी प्रधानमंत्री लिज ट्रस की नियुक्ति सहित अपनी यात्रा में कटौती की थी।
- लंदन ।ब्रिटेन की नवनियुक्त प्रधानमंत्री लिज ट्रस के मंत्रिमंडल में भारतीय मूल के आलोक शर्मा और सुएला ब्रेवरमैन को भी शामिल किया गया है और वह बुधवार को 10, डाउनिंग स्ट्रीट पर होने वाली पहली बैठक में शामिल होंगे। सुएला ब्रेवरमैन को गृह मंत्री नियुक्त किया गया है। उनके लिए यह नयी शुरुआत है और इससे पहले वह एटार्नी जनरल थीं। उन्होंने मंगलवार की शाम अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद गृह मंत्रालय का कामकाज संभाल लिया।वह भारतीय मूल की ही प्रीति पटेल की उत्तराधिकारी हैं। पटेल ने ट्रस को बोरिस जॉनसन की उत्तराधिकारी चुने जाने के बाद पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया था।नयी गृह मंत्री को कई कठिन मुद्दों से जूझना होगा। उनमें शरणार्थियों से जुड़े मुद्दे के अलावा अपराध पर नियंत्रण और पुलिस व्यवस्था शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि दर्ज किए गए अपराधों की संख्या उच्चतम स्तर पर है, वहीं मुकदमे का अनुपात निम्नतम स्तर पर है।नयी कैबिनेट में भारतीय मूल के आलोक शर्मा को भी शामिल किया गया है। आगरा में पैदा हुए शर्मा (55) के लिए यह यथास्थिति के समान है क्योंकि वह संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन ‘सीओपी26’ के अध्यक्ष के तौर पर जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में काम जारी रखेंगे। पिछले साल नवंबर में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में ‘सीओपी26’ शिखर सम्मेलन के आयोजन को लेकर उनकी सराहना हुई थी।
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नई दिल्ली। सुश्री लिज़ ट्रस आज ब्रिटेन की 56वीं प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगी। सुश्री ट्रस, श्री बोरिस जॉनसन का स्थान लेंगी। श्री जॉनसन आज महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को त्यागपत्र सौंपेंगे। सुश्री ट्रस को पार्टी के सदस्यों ने कल ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री और कंजर्वेटिव पार्टी का नेता चुना। पूर्व विदेश मंत्री लिज़ ट्रस ने अपने प्रतिद्वंद्वी ऋषि सुनक को 57 प्रतिशत मतों से हराया। वे, टेरेजा मे और मार्गरेट थैचर के बाद ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री होंगी। सुश्री टेरेजा मे और मार्गरेट थैचर भी कंजरवेटिव पार्टी की ही नेता थीं।
निवर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सुश्री ट्रस को उनकी जीत पर बधाई दी और कहा कि पार्टी में एकता बनाए रखने के लिए सुश्री ट्रस के पास सही योजना है। पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि वे सुश्री ट्रस को पूर्ण समर्थन देंगे। सुश्री लिज़ ट्रस के सामने अब देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, बढ़ती मंहगाई पर अंकुश लगाने और ऊर्जा संकट से निपटने जैसी चुनौतियां होंगी। ऊर्जा संकट से फिलहाल पूरा यूरोपीय महाद्वीप जूझ रहा है। ब्रिटेन का प्रधानम्रत्री चुने जाने के बाद सुश्री लिज़ ने अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए करों में कटौती और ब्रिटेन को मंदी में जाने से रोकने के लिए कदम उठाने का वादा किया।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुश्री लिज़ ट्रस को ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी है। एक ट्वीट संदेश में श्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि सुश्री लिज़ ट्रस के नेतृत्व में भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी। प्रधानमंत्री ने उन्हें नई भूमिका और उत्तरदायित्व के लिए शुभकामनाएं दीं।विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने लिज़ ट्रस को ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी का नेता चुने जाने पर बधाई दी है। एक ट्वीट में डॉ जयशंकर ने कहा कि भारत-ब्रिटेन सहयोग को उच्च स्तर तक बढ़ाने की लिज़ ट्रस की प्रतिबद्धता सर्वविदित है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उनके नेतृत्व में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। -
मेनयांग। चीन के दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में 6.8 की तीव्रता के भूकंप में 46 लोग मारे गए हैं और 50 घायल हुए हैं। 16 लोग लापता हैं। नज़दीकी शहर मेनयांग और मेशान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके अतिरिक्त युन्नान, शांझी और गिजोउ प्रांतों में भी झटके महसूस किए गए। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने राहत और बचाव कार्य तेज करने के आदेश दिए हैं। राहत कार्य में ड्रोन और उपग्रहों की मदद ली जा रही है। भूकंप के झटके सिचुआन में लुडिंग शहर में कल लगभग एक बजे महसूस किए गए। भूकंप का लगभग साढे तीन लाख लोगों पर असर पड़ा है। भूकंप से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए चेंगदू में अधिकारियों ने गुरुवार शाम से लॉकडाउन लागू किया है और लोगों से घरों में रहने को कहा है। सोशल मीडिया पर स्थानीय निवासी कोविड से जुडे कड़े नियमों की आलोचना कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अधिकारी क्वारंटीन में रह रहे मरीजों को आपातस्थिति में घर से निकलने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।
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केप केनवरल (अमेरिका) .अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के महत्वाकांक्षी नये चंद्र रॉकेट से शनिवार को उस समय फिर से खतरनाक रिसाव हुआ, जब इसके परीक्षण की अंतिम तैयारियों के लिए इसमें ईंधन भरा जा रहा था। परीक्षण दल ने इस सप्ताह अपनी दूसरी कोशिश के तहत, नासा के अब तक के सबसे शक्तिशाली 322 फुट लंबे रॉकेट में 10 लाख गैलन ईंधन भरना शुरू किया था, लेकिन इसमें रिसाव शुरू होने लगा। इससे पहले सोमवार को की गई कोशिश में इंजन का खराब सेंसर और ईंधन रिसाव के कारण समस्या पैदा हुई थी।
नासा के ‘लॉन्च कंट्रोल' ने बताया कि जैसे ही सूर्योदय हुआ, अति-दबाव का अलार्म बज गया और ईंधन टंकी भरने के अभियान को कुछ समय के लिए रोक दिया गया, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ और फिर से प्रयास किया गया। बहरहाल, कुछ मिनट बाद, रॉकेट के निचले हिस्से में इंजन के क्षेत्र से हाइड्रोजन ईंधन का रिसाव होने लगा। इसके बाद नासा ने अभियान रोक दिया और नासा के इंजीनियर ने सील के पास एक छेद को बंद करने की जद्दोजहद की। रॉकेट के दोपहर में उड़ान भरने के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई थी और इसके लिए नासा के पास शनिवार को दो घंटे का समय था। नासा रॉकेट के जरिये चंद्रमा के आसपास ‘क्रू कैप्सूल' भेजना चाहता है और इसके बाद अंतरिक्ष यात्रियों को अगली उड़ान से चांद पर भेजने की योजना है। यदि पुतलों के साथ ‘कैप्सूल' के परीक्षण का पांच सप्ताह का प्रदर्शन सफल रहता है, तो अंतरिक्ष यात्री 2024 में चंद्रमा के लिए उड़ान भर सकते हैं और 2025 में उस पर पहुंच सकते हैं। आखिरी बार 50 साल पहले अंतरिक्ष यात्री ने चंद्रमा पर चहलकदमी की थी। मौसम वैज्ञानिकों ने शनिवार को परीक्षण के लिए निर्धारित किए गए दो घंटे के समय में ‘केनेडी स्पेस स्टेशन' पर मौसम अनुकूल रहने का अनुमान जताया था। इसके अलावा, रॉकेट के प्रमुख इंजीनियर ने ईंधन आपूर्ति की दुरूस्त की गई लाइन और प्रक्रियात्मक बदलावों पर भरोसा जताया था। यह अंतरिक्षयान 322 फुट या 98 मीटर लंबा है, जो नासा द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे ताकतवर रॉकेट है और अपोलो कार्यक्रम के अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा तक ले जाने वाले सैटर्न-5 से भी शक्तिशाली है। इससे पहले, सोमवार को अंतिम तैयारियों के दौरान ईंधन के रिसाव और फिर एक इंजन में खामी आने की वजह से इसके निर्धारित परीक्षण को टालना पड़ा था। इस रॉकेट के परीक्षण को देखने के लिए हजारों लोग समुद्र तट के पास जमा हुए थे। अब जब भी यह प्रक्षेपण होगा, तो यह नासा के 21वीं सदी के चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम के तहत यह पहली उड़ान होगी। इसका नाम यूनानी पौराणिक मान्यता के अनुसार अपोलो की जुड़वां बहन आर्टेमिस के नाम पर रखा गया है।