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बीजिंग. ब्रिक्स देशों ने आपसी सहयोग बढ़ाने और सदस्य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों को दूर संवेदी उपग्रह अवलोकन एवं डेटा साझा करने के क्षेत्रों में एक साथ मिलकर काम करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से एक संयुक्त समिति की शुरुआत की है। ब्रिक्स देशों- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने बुधवार को अंतरिक्ष सहयोग संबंधी संयुक्त समिति की आधिकारिक रूप से शुरुआत की। चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के प्रमुख झांग केजियन ने बुधवार को समिति की पहली वर्चुअल बैठक में कहा कि यह सदस्य देशों के बीच आर्थिक और सामाजिक विकास में बेहतरी लाने के लिए ब्रिक्स दूर संवेदी उपग्रह सहयोग पर मार्गदर्शन करेगी। सरकार संचालित शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, झांग ने कहा कि नई संयुक्त समिति ब्रिक्स अंतरिक्ष एजेंसियों को पर्यावरण संरक्षण, आपदा रोकथाम के साथ ही जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मिलकर काम करने में सक्षम बनाएगी। बैठक में, पांच सदस्य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों ने संयुक्त समिति के संदर्भ की शर्तों, डेटा विनिमय के लिए तकनीकी विशिष्टताओं और संयुक्त अवलोकन के लिए कार्यान्वयन प्रक्रियाओं पर दस्तावेजों की समीक्षा की एवं उन्हें अंगीकार किया। पिछले साल अगस्त में, पांचों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों ने ब्रिक्स दूर संवेदी उपग्रह सहयोग को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। पांच सदस्यीय समिति की अध्यक्षता इस साल चीन के पास है। - न्यूयॉर्क। फाइजर ने दावा किया कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को कंपनी के कोविड-रोधी टीके की तीन खुराक देने से उनमें मजबूत प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। अमेरिका में छोटे बच्चों को जल्द ही टीके की खुराक दिये जाने के बीच कंपनी का ये बयान सामने आया है।फाइजर ने इस सप्ताह के बाद इन नतीजों को अमेरिकी नियामकों के पास जमा कराने की योजना बनायी है। अमेरिका में खाद्य एवं औषधि प्रशासन पहले ही छोटे बच्चों के लिए टीके की दो खुराक की पेशकश करने वाली प्रतिद्वंद्वी कंपनी मॉर्डना के आवेदन का मूल्यांकन कर रहा है। नियामक ने अपने वैज्ञानिकों द्वारा एक या दोनों कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर सार्वजनिक बहस के लिए 15 जून की तारीख तय की है। वर्तमान में अमेरिका में पांच साल से कम आयु के करीब एक करोड़ 80 लाख बच्चों को कोविड-रोधी टीके लगाए जाने का इंतजार है।
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लंदन | विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसुस के पांच साल के दूसरे कार्यकाल की संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के सदस्य देशों ने मंगलवार को पुष्टि कर दी। घातक कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए मौजूदा कठिनाइयों के बीच किसी अन्य उम्मीदवार ने इस पद के लिए टेड्रोस को चुनौती नहीं दी। डब्ल्यूएचओ के एक अन्य अधिकारी ने कमरे में मौजूद सभी से खड़े होने और उनकी सराहना करने के लिए कहा तब टेड्रोस ने कहा, ‘‘यह भाव विह्वल करने वाला है।'' टेड्रोस अत्यंत भावुक हो गए थे और उनकी आंखों में आंसू थे। उन्होंने अपने आंसुओं को रोकते हुए खुद को ‘‘युद्ध का नौसिखिया'' बताया। उन्होंने कहा कि कम उम्र में अपने छोटे भाई की मृत्यु देखने के बाद, ‘‘किस्मत ने मुझे यहां तक पहुंचाया।'' इथियोपिया में मंत्री रहे टेड्रोस ने वैश्विक स्तर पर कोविड-19 से निपटने में विश्व स्वास्थ्य संगठन का अपने प्रबंधन कौशल से नेतृत्व किया और कभी-कभी इसके कई गलत कदमों पर आलोचना का सामना किया। वह एजेंसी का नेतृत्व करने वाले पहले अफ्रीकी हैं और एकमात्र महानिदेशक हैं जो डॉक्टर नहीं हैं। टेड्रोस के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी चीन सहित कई देशों को उनकी गलतियों के लिए रोकने में विफल रही। इन देशों ने महीनों तक मास्क पहनने के खिलाफ सलाह दी थी और शुरू में कहा था कि कोरोना वायरस के तेजी से स्वरूप बदलने की संभावना नहीं है। चीन में कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा भेजे गए वैज्ञानिकों ने कहा था कि पिछले साल एक रिपोर्ट जारी करने के बाद महत्वपूर्ण जांच ‘‘ठप'' हो गई थी, यहां तक कि टेड्रोस ने भी स्वीकार किया था कि रिपोर्ट में प्रयोगशाला से वायरस के प्रसार की आशंका से इनकार करने में जल्दबाजी की गई थी। वाशिंगटन में सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट में वैश्विक स्वास्थ्य नीति के निदेशक जेवियर गुजमैन ने कहा, ‘‘कुछ घटनाएं हुई हैं, लेकिन टेड्रोस भी महामारी के दौरान समान रूप से आवाज उठाते रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि टेड्रोस के नेतृत्व के बारे में आपत्तियों के बावजूद, कुछ देश बदलाव के लिए जोर देने को तैयार नहीं हैं। गुजमैन ने कहा, ‘‘हम महामारी के बीच में हैं और हमें इस कठिन क्षण से निकालने के लिए एक सतत नेतृत्व की आवश्यकता है।'' दुनिया में कोविड-19 रोधी टीकों की सीमित आपूर्ति और टीकों की जमाखोरी के लिए टेड्रोस ने अक्सर अमीर देशों को निशाना बनाया है और इस बात पर जोर दिया है कि दवा कंपनियां अपनी दवाएं गरीबों को उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही हैं। रूसी आक्रमण के बाद यूक्रेन पर लगभग सभी का ध्यान केंद्रित होने के बीच टेड्रोस ने यमन, सीरिया और अफगानिस्तान सहित अन्य जगहों पर संकटों के हल के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने को लेकर वैश्विक समुदाय की खिंचाई की थी और कहा था कि ऐसा संभवतः इसलिए हुआ क्योंकि पीड़ित गोरे नहीं थे। फिर भी, आलोचकों का कहना है कि टेड्रोस कुछ मूलभूत मुद्दों पर विफल रहे हैं। -
कोलंबो। गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में मुद्रास्फीति का बढ़ना लगातार जारी है। अप्रैल महीने में मुद्रास्फीति एक साल पहले की तुलना में बढ़कर 33.8 प्रतिशत पर पहुंच गई है। श्रीलंका के जनगणना एवं सांख्यिकी विभाग ने मंगलवार को बताया कि अप्रैल, 2022 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 33.8 प्रतिशत पर रही जो एक साल पहले के 5.5 प्रतिशत की तुलना में छह गुना से भी अधिक है। इसके साथ ही अप्रैल में खाद्य मुद्रास्फीति भी 45.1 प्रतिशत के चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई। देश में जरूरी सामानों की भारी किल्लत को देखते हुए मुद्रास्फीति में यह तीव्र वृद्धि दर्ज की गई है। इस बीच, सरकार ने पेट्रोल की खुदरा कीमत में 24.3 प्रतिशत और डीजल की कीमत में 38.4 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। ईंधन उत्पादों की भारी कमी का सामना कर रहे श्रीलंका में पेट्रोल-डीजल की खपत में कमी लाने के लिए यह सख्त कदम उठाया गया है। गत 19 अप्रैल के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में श्रीलंका सरकार ने दूसरी बार बढ़ोतरी की है। इस वृद्धि के बाद श्रीलंका में पेट्रोल की कीमत 420 रुपये और डीजल की कीमत 400 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है जो कि अबतक का सर्वोच्च स्तर है। सरकारी पेट्रोलियम कंपनी सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने पेट्रोल के दाम में प्रति लीटर 82 रुपये और डीजल के दाम में प्रति लीटर 111 रुपये की भारी वृद्धि कर दी। ऊर्जा एवं बिजली मंत्री कंचना विजयशेखर ने ट्विटर पर कहा कि मंत्रिमंडल से स्वीकृत ईंधन कीमत-निर्धारण फॉर्मूले के आधार पर नई कीमतें तय की गई हैं। विदेशी मुद्रा के भारी संकट के कारण ईंधन एवं खाद्य उत्पादों की भी खरीद कर पाने में श्रीलंका सरकार नाकाम हो रही है। इस बीच, भारत ने ईंधन खरीद के लिए श्रीलंका को 50 करोड़ डॉलर की ऋण-सुविधा देकर किस्तों में पेट्रोल एवं डीजल की आपूर्ति की है। इस मुश्किल दौर में सात विकसित देशों के समूह जी-7 ने श्रीलंका को ऋण राहत दिलाने में मदद करने की घोषणा की है। -
दावोस। कर्नाटक सरकार ने सोमवार को, लूलू समूह के साथ राज्य में दो हजार करोड़ रुपये के निवेश के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। इसके अलावा राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक से इतर वैश्विक उद्योगपतियों के साथ कई बैठकें की। लूलू समूह का चार शॉपिंग मॉल और हाइपर मार्केट खोलने का इरादा है। राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इन परियोजनाओं से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री बोम्मई ने दावोस में जुबिलेंट समूह, हिताची और सीमेंस कंपनी के प्रमुखों से भी बातचीत की। -
दावोस। ऑक्सफेम इंटरनेशनल ने ‘ग्लोबल साउथ' में बाल देखभाल, शिक्षा और महिलाओं के लिए काम के अवसरों के वित्तपोषण के लिए कोविड-19 महामारी के सबसे धनी लाभार्थियों पर कर लगाने का सोमवार को आह्वान किया। यहां विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2022 के दौरान लैंगिक समानता पर एक सत्र में बोलते हुए, ऑक्सफेम इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुचर ने कहा कि कुछ उद्योग बहुत अच्छा कर रहे हैं और महामारी के दो वर्षों के दौरान अरबपतियों की संपत्ति में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि हालांकि, दूसरी तरफ, लाखों महिलाएं प्रभावित हुई हैं, खासकर ‘ग्लोबल साउथ' (लातिन अमेरिका, एशिया और अफ्रीका के कुछ देशों) में ऐसा हुआ है और उन्हें अनौपचारिक क्षेत्र में अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता हासिल करने में अब 136 साल लगेंगे क्योंकि महामारी ने प्रगति को एक पीढ़ी पीछे धकेल दिया है। बुचर ने कराधान के माध्यम से अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तनों का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘मोटे तौर पर जो शीर्ष पर मुनाफा कमा रहे हैं उनमें ज्यादातर पुरुष हैं और पूरी व्यवस्था, अवैतनिक देखभाल कार्य के संबंध में वास्तव में महिलाओं के कंधों पर है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम समाधानों के वित्तपोषण के लिए धन पर कर लगाने की वकालत करते हैं।
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मनीला। फिलीपीन में 130 से अधिक लोगों को उत्तर-पूर्वी प्रांत क्वेजोन ले जा रही एक नौका में सोमवार सुबह आग लगने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई। तटरक्षक बल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ज्यादातर यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को बचा लिया गया है।
पोलिलियो द्वीप से क्वेजोन जा रही एम/वी मेरक्राफ्ट-2 में आग लगने से कम से कम चार लोग लापता हो गए।
तटरक्षक बल के अधिकारियों ने बताया कि 134 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से ज्यादातर को आग लगने के कारण पानी में कूदना पड़ा। हालांकि, इलाके में तैनात जहाजों ने उन्हें बचा लिया। अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा प्रतीत होता है कि आग नौका के इंजन कक्ष में भड़की होगी। उन्होंने बताया कि नौका के मलबे को तट तक लाया गया है। तटरक्षक बल द्वारा जारी तस्वीरों में नौका से आग की लपटें और धुआं उठता नजर आ रहा है। इसमें स्ट्रेचर पर घायल लोगों को एम्बुलेंस में ले जाते हुए और एक बचावकर्ता को बेहोश हो चुके एक व्यक्ति को बचाने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है। -
कोलंबो। श्रीलंका की विदेश सचिव आरूणि विजेवर्दने ने सोमवार को देश के विदेश मंत्रालय में कार्यभार संभाल लिया । श्रीलंका इस वक्त सबसे बुरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है और कठिनाइयों से निपटने के लिये दूसरे देशों से मदद की गुहार लगा रहा है। विजेवर्दने को इस महीने की 20 तारीख को देश का नया विदेश सचिव नियुक्त किया गया था ।
कार्यभार ग्रहण करने के बाद एक साधारण समारोह में विजेवर्दने ने विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को संबोधित किया। श्रीलंका विदेश सेवा की सदस्य, विजेवर्दने के पास विदेश सेवा के क्षेत्र में 34 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने कोलंबो में विदेश मंत्रालय में तथा विदेशों में श्रीलंका के मिशनों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में कई पदों पर कार्य किया है। उन्होंने ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से एमफिल की पढ़ाई की है । उन्होंने कोलंबो विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी से स्नातक किया है। श्रीलंका में उत्पन्न गंभीर आर्थिक संकट के कारण श्रीलंका में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है, जिसके कारण राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से त्यागपत्र देने की मांग हो रही है। इसी संकट के कारण राष्ट्रपति के बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को नौ मई को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था । -
नई दिल्ली। अमरीका के राष्ट्रपति जो. बाइडेन ने कहा है कि यदि चीन ताइवान पर हमला करता है तो अमरीका सैन्य हस्तक्षेप करेगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद ताइवान की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दायित्व अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। दशकों में अमरीका के किसी राष्ट्रपति की ओर से यह सर्वाधिक सशक्त बयान है।
अमरीका पारम्परिक रूप से ताइवान को सीधे सुरक्षा गारंटी मुहैया कराने से बचता रहा है। ताइवान के साथ अमरीका का कोई रक्षा समझौता नहीं है। वर्ष 1979 के ताइवान संबंध अधिनियम के अनुसार अमरीका को चीन के हमला करने की स्थिति में ताइवान की रक्षा के लिए सैन्य हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। हालांकि यह संधि अमरीका को, ताइवान की सुरक्षा के लिए संसाधन सुनिश्चित करने में मदद करने और चीन द्वारा ताइवान की स्थिति में कोई एकतरफा बदलाव करने से रोकने का अधिदेश करती है। - बर्लिन। कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) प्रमुख ने रविवार को चेताया कि निश्चित तौर पर कोविड महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है। उन्होंने सरकारों से कहा, ''हम अपने जोखिम पर हमारे बचाव नियमों में कमी करें।'' जिनेवा में संगठन की वार्षिक बैठक की शुरुआत करते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अदानोम घेब्रेयसस ने मौजूद अधिकारियों से कहा, ''नमूनों की जांच और अनुक्रमण में कमी का मतलब है कि हम वायरस की उपस्थिति को लेकर अपनी आंखें मूंद रहे हैं।'' उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि कम आय वाले देशों के करीब एक अरब लोगों को अब भी कोविड-रोधी टीके की खुराक नहीं दी जा सकी है। वैश्विक हालात पर आधारित हालिया साप्ताहिक रिपोर्ट के मद्देनजर घेब्रेयसस ने कहा कि संक्रमण के नये मामलों में मार्च के बाद कई सप्ताह से कमी दर्ज किए जाने के बाद मामलों में स्थिरता देखी गई है जबकि मौत के मामलों में भी कमी आयी है। उन्होंने कहा कि हालात में सुधार और दुनिया की 60 फीसदी आबादी का टीकाकरण होने के बावजूद जब तक महामारी हर जगह खत्म नहीं हो जाती, तब तक ये हर जगह खत्म नहीं होगी।
- संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रविवार को भारत की 10 लाख महिला आशा स्वयंसेवकों को सम्मानित किया। आशा स्वयंसेवकों को यह सम्मान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने और देश में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ अभियान में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए दिया गया है। मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता या आशा स्वयंसेवक भारत सरकार से संबद्ध स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं जो ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करते हैं। भारत में कोरोना वायरस महामारी के चरम पर रहने के दौरान रोगियों का पता लगाने के लिए घर-घर जाकर जांच करने को लेकर आशा कार्यकर्ता विशेष तौर पर चर्चा में आईं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने रविवार को छह पुरस्कारों की घोषणा की। ये पुरस्कार वैश्विक स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने, क्षेत्रीय स्वास्थ्य मुद्दों के लिए नेतृत्व और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करने के लिए दिए गए हैं। महानिदेशक घेब्रेयेसस ने ‘ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड' के लिए विजेताओं का फैसला किया। इन पुरस्कारों की स्थापना 2019 में की गई थी और पुरस्कार समारोह 75वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के उच्च-स्तरीय उद्घाटन सत्र का हिस्सा था। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि सम्मानित लोगों में आशा भी हैं जिसका हिंदी में अर्थ उम्मीद है। भारत में 10 लाख से अधिक महिला स्वयंसेवकों को समुदाय को स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया गया। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा, "ऐसे समय, जब दुनिया असमानता, संघर्ष, खाद्य असुरक्षा, जलवायु संकट और एक महामारी का एक साथ सामना कर रही है, यह पुरस्कार उन लोगों के लिए है जिनका दुनिया भर में स्वास्थ्य की रक्षा और बढ़ावा देने में उत्कृष्ट योगदान रहा है।
- सिडनी। लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बानीस ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री चुने गए हैं।अल्बानीस (59) ने उन्हें देश का 31वां प्रधानमंत्री चुनने के लिए मतदाताओं का कैंपरडाउन उपनगर में आभार व्यक्त किया और सिडनी में हुई अपनी परवरिश का उल्लेख किया।अल्बानीस ने अपने समर्थकों से कहा, ‘‘यह हमारे महान देश के बारे में बहुत कुछ कहता है कि एक पेंशनभोगी अकेली मां का बेटा, जो कैंपरडाउन में सार्वजनिक आवास में पला-बढ़ा, वह आज रात ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में आपके सामने खड़ा हो सकता है।’’उन्होंने कहा, ‘‘हर माता-पिता अपनी अगली पीढ़ी के लिए बेहतर की उम्मीद करते हैं। मेरी मां ने मेरे लिए एक बेहतर जिंदगी का सपना देखा था और मुझे उम्मीद है कि मेरी यात्रा ऑस्ट्रेलियाई लोगों को सितारों की बुलंदियों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेगी।’’हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अल्बानीस की पार्टी बहुमत के साथ सरकार बना सकती है या उसे निर्दलीय अथवा अन्य छोटे दलों के निर्वाचित सांसदों का समर्थन चाहिए होगा।डाक मतपत्रों की गिनती अभी जारी है, जिससे कई दिनों तक मतगणना चलने की संभावना है और इसे देखते हुए अल्बानीस संभवतः रविवार को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं, ताकि वह तोक्यो में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंगलवार के क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग ले सकें।विश्लेषकों का मानना है कि जलवायु और कोविड-19 के अलावा महिलाओं के अधिकारों, राजनीतिक अखंडता और प्राकृतिक आपदाओं जैसे कई मुद्दों से निपटने में देश के निवर्तमान प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और उनकी टीम की नाकामी चुनाव में उनकी हार का कारण बनी।ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टर्स कॉर्प (एबीसी) की खबर के अनुसार, सरकार बनाने के लिए निचले सदन प्रतिनिधि सभा में 76 सीटों की आवश्यकता है और रविवार दोपहर तक 67 प्रतिशत वोट की गिनती के साथ 71 सीट पर जीत दर्ज करने वाली लेबर पार्टी को विजयी घोषित किया गया है। लिबरल नेशनल गठबंधन को महज 52 सीटें मिली हैं। निर्दलीयों या छोटे दलों के उम्मीदवारों ने 15 सीटें जीती हैं, जिनमें पर्यावरण केंद्रित ग्रीन पार्टी ने तीन सीटों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने अन्य 12 सीटों पर जीत दर्ज की है।अल्बानीस ने ऑस्ट्रेलिया के लोगों को एक साथ लाने, सामाजिक सेवाओं में निवेश बढ़ाने और ‘‘जलवायु युद्धों को समाप्त करने’’ का संकल्प लिया। अल्बानीस ने अपनी जीत को रविवार सुबह ‘‘वास्तव में एक बड़ा क्षण’’ बताया।उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह मेरे जीवन का एक बड़ा क्षण है, लेकिन मैं चाहता हूं कि यह देश के लिए एक बड़ा क्षण हो। मैं देश बदलना चाहता हूं। मैं इस देश में राजनीति के काम करने के तरीके को बदलना चाहता हूं।’’वहीं, ग्रीन पार्टी के नेता एडम बैंड्ट ने कहा कि उनकी पार्टी ‘‘जलवायु संकट से निपटने’’ के लिए अगली सरकार के साथ काम करना चाहती है और उन्होंने कहा कि ‘‘असमानता का संकट’’ ऑस्ट्रेलिया के लिए खतरा है।
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इस्लामाबाद | अपने पतियों को स्पेन ले जाने में कथित रूप से विफल रहने पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में दो पाकिस्तानी मूल की स्पेनिश बहनों की उनके vचाचा ने हत्या कर दी। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी । स्थानीय अखबार डॉन की एक खबर के मुताबिक, शुक्रवार को गुजरात जिले के नथिया गांव में अरूज अब्बास और अनीसा अब्बास, की हत्या कर दी गई, क्योंकि वे स्पेन में अपने पतियों को साथ रखने के लिए उनके वास्ते वीजा प्राप्त करने में विफल रही थीं। दोनों क्रमश: 21 एवं 23 साल की थीं। अखबार ने पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा है कि शुरुआती जांच में पता चला कि दोनों बहनों की शादी एक साल से अधिक समय पहले पाकिस्तान में चचेरे भाइयों से हुई थी, लेकिन दोनों इस शादी से खुश नहीं थीं। सूत्रों के मुताबिक, दोनों बहनों की उनके घर में हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि गोली मारने से पहले उन्हें गंभीर रूप से प्रताड़ित किया गया था। पुलिस ने बताया कि इन महिलाओं को उनके चाचा ने मार डाला, जो उनमें से एक के ससुर भी थे। ससुराल वालों को संदेह था कि उन्होंने जानबूझकर अपने पतियों के वीजा की प्रक्रिया में देरी की है। घटना के बाद गुजरात के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) अताउर रहमान और अन्य मौके पर पहुंचे और फोरेंसिक विशेषज्ञों के एक दल ने अपराध स्थल से फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र किए। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया। अखबार की खबर में कहा गया है कि अभी तक थाने में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। जिला पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने अपराध में शामिल संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
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कोलंबो. श्रीलंका सरकार ने देश में लागू आपातकाल शनिवार को हटा लिया। देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट और सरकार विरोधी प्रदर्शनों को देखते हुए दो सप्ताह पहले आपातकाल लागू किया गया था। सरकार ने कानून-व्यवस्था में सुधार के मद्देनजर आपातकाल नियमन को संसद में पेश नहीं करने का फैसला किया। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने एक महीने के अंदर दूसरी बार छह मई की मध्यरात्रि को आपातकाल लागू किया था। 'हिरु न्यूज' की खबर के अनुसार राष्ट्रपति सचिवालय ने कहा है कि शुक्रवार मध्यरात्रि से आपातकाल हटा लिया गया है। आपातकाल को लागू करना या बनाए रखना संसद पर निर्भर है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचना के 14 दिनों के भीतर सदन में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। हालांकि सरकार ने संसद में आपातकाल नियमन को प्रस्तुत नहीं करने का फैसला किया। आपातकाल के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों को किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने की असीमित शक्ति मिल जाती है। श्रीलंका में सरकार समर्थक और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई झड़पों में 10 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। श्रीलंका साल 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। विदेशी मुद्रा की कमी के कारण यह संकट पैदा हुआ है जिसके कारण देश आयातित अनाज और ईंधन के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा। इससे जरूरी सामानों की घोर किल्लत हो गई है और कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। -
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की संसदीय चुनावों में हार के बाद लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बानीस देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे। चुनाव के शुरूआती नतीजों से पता चलता है कि लेबर पार्टी ने सरकार गठन के लिए जरूरी 76 सीटों में से 72 सीटों पर जीत हासिल कर ली है। संसदीय चुनाव मतगणना अभी चल रही है। शनिवार शाम को मतदान खत्म होने के कुछ देर के बाद मतों की गिनती शुरू हो गई थी।श्री अल्बानीस ने अपने विजयी भाषण में देश को एकजुट बनाए रखने, जलवायु परिवर्तन से निपटने, वृद्ध लोगों की देखभाल से जुड़े संकट को दूर करने का वादा किया। उन्होंने संघीय अखंडता आयोग बनाने की भी प्रतिबद्धता व्यक्त की।इससे पहले प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने सिडनी में टेलीविजन पर दिए गए भाषण में कहा कि मतगणना अभी अधूरी है लेकिन विपक्षी लेबर पार्टी के सरकार बनाने की संभवना है। श्री मॉरिसन ने कहा कि उन्होंने विपक्ष के नेता से बात की है और एंथनी अल्बानीस को चुनाव में विजयी होने पर बधाई दी है।श्री मॉरिसन ने कहा कि वे लिबरल पार्टी के नेता का पद छोड़ देंगे। श्री मॉरिसन नेतृत्व में कई बार परिवर्तन के बाद 2018 में प्रधानमंत्री बने थे। छह राज्यों के संघ ऑस्ट्रेलिया में संसदीय प्रणाली चल रही है। प्रतिनिधि सभा में कुल एक सौ 51 सीटें हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बनीज को संसदीय चुनाव में जीत पर बधाई दी है। - कोलंबो। श्रीलंका सरकार ने देश में लागू आपातकाल शनिवार को हटा लिया। देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट और सरकार विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए दो सप्ताह पहले आपातकाल लागू किया गया था।श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने एक महीने के अंदर दूसरी बार छह मई की मध्यरात्रि आपातकाल लागू किया था।'हिरु न्यूज' की खबर के अनुसार राष्ट्रपति सचिवालय ने कहा है कि शुक्रवार मध्यरात्रि से आपातकाल हटा लिया गया है। देश में कानून-व्यवस्था में सुधार को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।श्रीलंका में सरकार समर्थक और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई झड़पों में नौ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। श्रीलंका साल 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
- लंदन। कोविड वायरस से उबर रही दुनिया को अब मंकीपॉक्स वायरस का खतरा सता रहा है। यूरोप के बाद कनाडा और अमेरिका में भी मंकीपॉक्स के मामले मिले हैं। आमतौर पर यह बीमारी अफ्रीका में पाई जाती है। कनाडा के क्यूबेक प्रांत में स्वास्थ्य अधिकारी मंकीपॉक्स के संदिग्ध करीब एक दर्जन मामलों की जांच कर रहे हैं। अमेरिका ने अपने यहां कम से कम एक मामले की पुष्टि कर दी है. और पुर्तगाल में इस वायरस के पांच मामलों की पुष्टि हो चुकी है।अमेरिका ने कहा कि हाल ही में कनाडा से लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स पाया गया है। इसी हफ्ते की शुरुआत में यूरोप में दर्जनभर मामलों की पुष्टि हुई थी। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक मंकीपॉक्स एक खतरनाक वायरस है जिसकी शुरुआत फ्लू जैसी ही होती है। बुखार, बदन दर्द और जुकाम आदि के बाद चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों पर चिकनपॉक्स जैसे दाने उभर आते हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस बात पर चिंता जताई क्योंकि इन देशों में मंकीपॉक्स होना सामान्य बात नहीं है। अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारी और पॉक्स वायरस विशेषज्ञ इंगर डैमन के मुताबिक यौन संबंधों के नेटवर्क में ये मामले फैल रहे हैं।ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने कहा कि 6 मई के बाद से देश में मंकीपॉक्स के नौ मामले मिल चुके हैं। स्पेन और पुर्तगाल ने अपने यहां 40 मामलों की पुष्टि की है।क्या है मंकीपॉक्स?स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह बीमारी शारीरिक द्रव्यों से फैल सकती है। यानी किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने, उसकी चीजें इस्तेमाल करने आदि से संक्रमण हो सकता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है घर में साफ-सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाले रसायन इस वायरस को खत्म कर सकते हैं। यह माना जाता है कि मंकीपॉक्स अफ्रीका तक सीमित है अमेरिका या अन्य देशों में यात्रियों के जरिए ही पहुंचता है। अमेरिका में पिछले सालटेक्सस और मैरीलैंड में भी मंकीपॉक्स का एक-एक मामला मिला था। दोनों ही लोगों को नाइजीरिया की यात्रा के बाद मंकीपॉक्स हुआ था। बाद में 27 राज्यों में इसके मामले मिले थे। अफ्रीका में चूहों या अन्य छोटे जानवरों के काटने से यह बीमारी होती है लेकिन इसे बहुत ज्यादा संक्रामक नहीं माना जाता है, यानी यह बहुत आसानी से अन्य लोगों में नहीं फैलती है।मंकीपॉक्स विषाणुओं के उसी परिवार का वायरस है, जिससे स्मॉलपॉक्स संबंधित है। ज्यादातर लोग मंकीपॉक्स से कुछ हफ्तों में ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस बीमारी से ग्रस्त लगभग 10 फीसदी लोगों की जान चली जाती है।
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बीजिंग. चीनी वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से लगभग 32 प्रकाश वर्ष दूर सौर मंडल के बाहर रहने योग्य पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज के लिए अंतरिक्ष दूरबीन के माध्यम से आकाश का सर्वेक्षण करने के लिए एक परियोजना का प्रस्ताव रखा है। आधिकारिक मीडिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्लोजबी हैबिटेबल एक्सोप्लैनेट सर्वे (सीएचईएस) नाम की यह परियोजना पहला अंतरिक्ष मिशन होगी जिसे विशेष रूप से सूर्य जैसे तारों के आसपास रहने योग्य स्थलीय ग्रहों की खोज के लिए बनाया गया है। सौर मंडल के बाहर रहने योग्य ग्रहों की खोज खगोल विज्ञान में मौलिक अनुसंधान की प्रमुख सीमाओं में से एक है। खबर में कहा गया कि सीएचईएस के तहत लंबी अवधि के सर्वेक्षण में 32 प्रकाश-वर्ष दूर सूर्य जैसे लगभग 100 तारों का निरीक्षण किया जाएगा और उम्मीद है कि पृथ्वी या सुपर-अर्थ जैसे लगभग 50 ग्रहों की खोज की जाएगी जो पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 10 गुना तक हैं।
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कोलंबो. श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को संसद में कहा कि देश को विश्व बैंक से 16 करोड़ डॉलर की सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट के कारण देश में ईंधन और गैस की कमी होने और इसके खिलाफ यहां जारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए इस आर्थिक सहायता में से कुछ हिस्सा ईंधन खरीदने के लिए उपयोग करने की संभावना तलाशी जा रही है। विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘विश्व बैंक से 16 करोड़ डॉलर मिले हैं और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से भी अनुदान मिलने की उम्मीद है।'' उन्होंने कहा कि विश्व बैंक से मिले धन का उपयोग ईंधन खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है।
विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘हालांकि हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इसके कुछ हिस्से का उपयोग ईंधन खरीद के लिए किया जा सकता है।'' विक्रमसिंघे ने बीते सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत से मिले कर्ज के तहत पेट्रोल की दो और खेप इस सप्ताह और 29 मई तक आने वाली हैं। ईंधन और गैस की कमी के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को भी यहां कई सड़कों को जाम किया । -
कोलंबो. श्रीलंका के नवनियुक्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सोमवार को अगले दो महीने सबसे कठिन होने की चेतावनी देते हुए कहा कि उनका लक्ष्य किसी व्यक्ति, परिवार या समूह को नहीं बल्कि संकटग्रस्त देश को बचाना है। उनका इशारा राजपक्षे परिवार एवं उसके पूर्व प्रभावशाली नेता महिंदा राजपक्षे की ओर था। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री बनने के बाद टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम अपने अपने संबोधन में यूनाईटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के नेता विक्रमसिंघे (73) ने कहा कि श्रीलंका की समुद्री सीमा में मौजूद पेट्रोल, कच्चे तेल, भट्ठी तेल की खेपों का भुगतान करने के लिए खुले बाजार से अमेरिकी डॉलर जुटाये जायेंगे। विक्रमसिंघ को बृहस्पतिवार को श्रीलंका का 26 वां प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था क्योंकि देश सोमवार से ही बिना सरकार के था। तब प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर उनके समर्थकों के हमले के बाद हिंसा भड़क जाने के उपरांत अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘मैं खतरनाक चुनौती ले रहा हूं ....मैंने नुकीले कील वाले जूते पहन रखे हैं , जिन्हें नहीं हटाया जा सकता है....मैं अपने देश की खातिर यह चुनौती स्वीकार कर रहा हू। मेरा लक्ष्य एवं समर्पण किसी व्यक्ति, परिवार या पार्टी को बचाना नहीं है । मेरा उद्देश्य इस देश के सभी लोगों एवं अपनी भावी पीढ़ी के भविष्य को बचाना है।'' उन्होंने चेतावनी दी कि अगले दो महीने इस वर्तमान आर्थिक संकट में सबसे मुश्किल भरे होंगे। उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, ‘‘ अगले एक-दो महीने हमारे जीवन में सबसे कठिन होंगे। हम कुछ कुर्बानियां देने एवं इस काल की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने आप को तैयार करना चाहिए।'' विक्रमसिंघे ने कहा कि फिलहाल श्रीलंका की अर्थव्यवस्था बहुत जोखिम पूर्ण स्थिति में है और देश को जरूरी सामानों के लिए लगी कतारों में कमी लाने के लिए अगल दो-चार दिनों में 7.5 करोड़ डॉलर हासिल करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ फिलहाल हमारे पास बस एक दिन के लिए पेट्रोल का भंडार है। '' उन्होंने कहा कि भारतीय ऋण सुविधा के कारण डीजल की कमी से निपट लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘ कल पहुंचे डीजल के खेप के कारण डीजल की कमी कुछ हद तक हल हेा गयी है। भारतीय ऋण सुविधा से डीजल के दो और खेप 18 मई और एक जून तक पहुंचने वाले हैं। इसके आलवा, पेट्रोल के दो खेपों के 18 एवं 29 मई को आने की संभावना है।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ अगले 40 दिनों के लिए में कच्चे तेल एवं भट्ठी तेल श्रीलंका की समुद्री सीमा में खड़े कर लिये गये हैं। हम इन खेपों का भुगतान करने के लिए खुले बाजार से डॉलर जुटाने में लगे हैं। '' उन्होंने कहा कि श्रीलंक में बिजली का एक चौथाई हिस्सा तेल से पैदा होती है इसलिए प्रतिदिन बिजली कटौती 15 घंटे तक होगी । उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि हमने इस संकट को टालने के लिए धन पहले ही जुटा लिया है। '' विक्रमसिंघे ने कहा कि पूरी बैंकिंग प्रणाली डॉलर की कमी से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि अन्य गंभीर चिंता दवाइयों की कमी है। उन्होंने कहा, ‘‘ हृदय संबंधी दवा समेत कई दवाइयों एवं सर्जिकल उपकरण की भारी कमी है। दवाओं, चिकित्सा आपूर्ति एवं मरीजों के लिए भोजन के वास्ते चार महीनों के लिए भुगतान नहीं किये गये हैं। उनके प्रति भुगतान राशि 34 अरब रूपये (श्रीलंकाई) है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ अभी हमें और मुश्किल स्थिति का सामना करना होगा। संभावना है कि महंगाई और बढे। -
न्यूयॉर्क. फिल्म 'वंस अपॉन अ टाइम इन कलकत्ता' और 'शूबॉक्स' के अलावा लघु फिल्म 'तांग/लॉन्गिंग' ने न्यूयॉर्क भारतीय फिल्म महोत्सव में शीर्ष पुरस्कार जीते हैं। इस बार न्यूयॉर्क भारतीय फिल्म महोत्सव (एनवाईआईएफएफ) में लगभग 60 फिल्मों, फीचर फिल्मों और लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। एनवाईआईएफएफ को उत्तरी अमेरिका का सबसे पुराना और सबसे प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सव माना जाता है। यह महोत्सव सात से 14 मई तक चला, जिसमें भारत और भारतीय मूल के फिल्मकारों द्वारा बनाई गई फिल्में प्रदर्शित की गईं। भारत-अमेरिकी कला परिषद (आईएएसी) द्वारा इस फिल्म महोत्सव का आयोजन लगातार तीसरे वर्ष भी डिजिटल माध्यम से किया गया। इसमें 18 फीचर फिल्में, छह वृत्तचित्र और 36 लघु फिल्मों समेत कुल 60 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। अजॉय बोस और पीटर कॉम्पटन द्वारा निर्देशित 'द बीटल्स एंड इंडिया : एन एंड्योरिंग लव अफेयर' के प्रदर्शन के साथ ही न्यूयॉर्क भारतीय फिल्म महोत्सव का शनिवार को समापन हो गया। एनवाईआईएफएफ में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार 'शूबॉक्स' को मिला, जबकि आदित्य विक्रम सेनगुप्ता ने 'वंस अपॉन अ टाइम इन कलकत्ता' के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीता। जितेंद्र जोशी ने 'गोदावरी' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार अपने नाम किया। वहीं, श्रीलेखा मित्रा ने 'वंस अपॉन अ टाइम इन कलकत्ता' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार हासिल किया। बानी सिंह द्वारा निर्देशित लघु फिल्म 'तांग/लॉन्गिंग' ने सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र (फीचर फिल्म) का पुरस्कार जीता। 'तांग/लॉन्गिंग' की कहानी बानी सिंह के पिता ओलंपियन ग्रहनंदन सिंह के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने 1948 और 1952 में हॉकी में दो बार स्वर्ण पदक जीता था। वहीं, सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म का पुरस्कार 'किकिंग बॉल्स' को दिया गया। इस फिल्म महोत्सव में भारत में बोली जाने वाली असमिया, बांग्ला, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु और उर्दू समेत कुल 13 भाषाओं की फिल्में दिखाई गईं। -
लुम्बिनी (नेपाल) .प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देउबा के साथ लुम्बिनी बौद्ध विहार क्षेत्र में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बौद्ध कल्चर एंड हेरिटेज (भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र) के निर्माण कार्य के लिए आधारशिला रखी। निर्माण का कार्य पूरा हो जाने के बाद यह विश्व स्तरीय सुविधाओं वाला केंद्र बन जाएगा और यहां विश्व भर से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक पहलुओं का आनंद ले सकेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा, ‘‘हमारे सांस्कृतिक संबंधों को आगे ले जाते हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र का शिलान्यास किया।'' उन्होंने कहा कि इस केंद्र का निर्माण अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) की पहल पर हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लुम्बिनी के बौद्ध विहार क्षेत्र में भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र भारत और नेपाल के बीच अध्ययन व सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री देउबा के साथ इसका शिलान्यास कर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।'' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘सबसे अहम है कि यह केंद्र भारत और नेपाल के बीच बौद्ध धर्म के साझा संबंध को और सुदृढ़ करेगा। यह भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और आदर्शों को और लोकप्रिय बनाएगा।'' यह बौद्ध केंद्र अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और यह नेपाल में पहला शून्य कार्बन उत्सर्जन भवन होगा। इस केंद्र में प्रार्थना कक्ष, ध्यान केंद्र, पुस्तकालय, प्रदर्शनी हॉल, कैफेटेरिया, कार्यालय और अन्य सुविधाएं भी होंगी। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, इस केंद्र का निर्माण भारत स्थित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) कर रहा है। इसके लिए आईबीसी को लुम्बिनी विकास ट्रस्ट द्वारा एक भूखंड आवंटित किया गया है। इस संदर्भ में आईबीसी और लुम्बिनी विकास ट्रस्ट के बीच मार्च 2022 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे। शिलान्यास समारोह के बाद दोनों देश के प्रधानमंत्रियों ने केंद्र के एक मॉडल का भी अनावरण किया। शिलान्यास के लिए पूजा अर्चना तीन प्रमुख बौद्ध परंपराओं थेरवाद, महायान और वज्रयान से संबद्ध भिक्षुओं ने की। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री द्वारा इस केंद्र का शिलान्यास करने का बहुत महत्व है क्योंकि विश्व में बौद्ध धर्म का एक बड़ा केंद्र होने के बावजूद भारत का लुम्बिनी में कोई केंद्र या उसकी कोई परियोजना नहीं थी। नेपाल सरकार के 1978 के लुम्बिनी मास्टर प्लान के तहत लुम्बिनी बौद्ध क्षेत्र को बौद्ध मठों और परियोजनाओं के केंद्र के रूप में अस्तित्व में आया। पिछले तीन दशकों से कई देशों को इस क्षेत्र में भूखंड आवंटित किए गए लेकिन भारत रह गया था। मूल मास्टर प्लान के तहत सिर्फ दो ही भूखंड बच गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने नेपाल की सरकार के साथ इस मद्दे को जोरशोर से उठाया। लगातार लगे रहने के बाद नवंबर 2021 में सकारात्मक परिणाम सामने आए जब लुम्बिनी विकास ट्रस्ट ने आईबीसी को (80 मीटर गुणा 80 मीटर) का भूखंड आवंटित किया। इसके बाद आईबीसी और लुम्बिनी विकास ट्रस्ट के बीच 2022 में एक समझौता हुआ और फिर आईबीसी को यह भूमि पट्टे पर सौंपने की औपचारिकता पूरी हुई। कुल मिलाकर यह केंद्र भारत के बौद्ध विरासत और प्रौद्योगिकीय प्रगति का उत्कृष्ट नमूना होगा। -
सुराबाया (इंडोनेशिया). इंडोनेशिया के मुख्य द्वीप जावा में सोमवार को एक पर्यटन बस बिलबोर्ड (इश्तेहार के लिए लगी होर्डिंग) से टकराने के बाद पलट गई, जिससे बस में सवार 14 लोगों की मौत हो गई जबकि 19 अन्य घायल हुए हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी। पूर्वी जावा यातायात पुलिस के प्रमुख लतीफ उस्मान ने बताया कि बस में पूर्वी जावा प्रांत की राजधानी सुराबाया के इंडोनेशियाई पर्यटक सवार थे और वे मध्य जावा के मशहूर पहाड़ी रिजार्ट डियेंग प्लेटू से लौट रहे थे। उन्होंने बताया कि सुबह सूर्योदय के तुरंत बाद बस मोजोकार्टो टोल के पास बिलबोर्ड से टकरा गई। टेलीविजन समाचारों द्वारा जारी वीडियो फुटेज में पुलिस और चिकित्सा कर्मी पीड़ितों को बस से निकालते दिख रहे हैं। उस्मान ने बताया कि पुलिस हादसे की वजहों की जांच कर रही है, लेकिन लगता है कि हादसे के पहले बस चालक को झपकी आ गई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने चालक से अबतक पूछताछ नहीं की है क्योंकि वह भी गंभीर रूप से घायल है। उस्मान ने बताया कि 19 घायलों का मोजोकार्टो के चार अस्पतालों में इलाज चल रहा है और उनमें से अधिकतर की हड्डी टूटी है।
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लुम्बिनी (नेपाल)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी में नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के साथ सोमवार को बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी में नए क्षेत्रों को तलाशने तथा मौजूदा सहयोग को मजबूत बनाने के सभी आयामों पर चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच बैठक के बाद सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाने, शिक्षा क्षेत्र में सहयोग एवं पनबिजली क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं को लेकर छह समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लुम्बिनी में प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से द्विपक्षीय वार्ता की। यह हमारी बहुआयामी साझेदारी में जारी सहयोग को मजबूत करने तथा नए क्षेत्रों की तलाश करने का अवसर है।’’ नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा के निमंत्रण पर मोदी बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को लुम्बिनी पहुंचे। उन्होंने यहां माया देवी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद देउबा से मुलाकात की। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच शिष्टमंडल स्तर की चर्चा हुई।विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक के बाद कुछ समझौते/सहमति पत्र पर हस्तक्षर किये गए। इसमें भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के बीच डॉ. आम्बेडकर बौद्ध अध्ययन पीठ की स्थापना के लिये सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गए।आईसीसीआर और सीएएनएस त्रिभुवन विश्वविद्यालय के बीच भारतीय अध्ययन पर आईसीसीआर पीठ की स्थापना के लिये सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गए।भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और काठमांडू विश्वविद्यालय के बीच भी भारतीय अध्ययन पर आईसीसीआर पीठ की स्थापना के लिये सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गए।इसके साथ ही, नेपाल के काठमांडू विश्वविद्यालय तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के बीच भी एक समहति पत्र पर हस्ताक्षर किये गए। दोनों संस्थानों के बीच स्नातकोत्तर स्तर पर कार्यक्रम के लिये संयुक्त डिग्री के लिये समझौता पत्र (एलओए) पर हस्ताक्षर किये गए।वहीं, एसजेएनवी लिमिटेड और नेपाल विद्युत प्राधिकार के बीच अरूण4 परियोजना के विकास एवं उसे लागू करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।अपनी यात्रा से पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि नेपाल की उनकी यात्रा का उद्देश्य ‘‘समय की कसौटी पर खरे’’ उतरे दोनों देशों के संबंधों को और गहरा करना है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष जलविद्युत, विकास और संपर्क सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने को लेकर बनी समझ को आगे बढ़ाएंगे।प्रधानमंत्री मोदी ने यहां माया देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की और कहा कि वह आज खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भगवान बुद्ध सभी का कल्याण करेंगे और संसार को शांतिपूर्ण व समृद्ध बनाएंगे।नेपाल के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर दोनों प्रधानमंत्रियों ने गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी में माया देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की।’’भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अपनी एक दिवसीय यात्रा के पहले पड़ाव पर प्रधानमंत्री मोदी ने माया देवी मंदिर का दौरा किया। मोदी के साथ देउबा और उनकी पत्नी डॉक्टर आरजू राणा देउबा भी थीं।प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देवबा के साथ लुंबिनी मठ क्षेत्र में भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र के निर्माण के लिए शिलान्यास भी किया। इस केंद्र का निर्माण अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संघ (आईबीसी), नई दिल्ली द्वारा लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट (एलडीटी) के एक भूखंड पर किया जायेगा। इसका आवंटन आईबीसी और एलडीटी के बीच मार्च, 2022 में हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत आईबीसी को किया गया था। यह 2014 के बाद से प्रधानमंत्री मोदी की नेपाल की पांचवीं यात्रा है। प्रधानमंत्री और उनका दल उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से भारतीय वायु सेना के एक विशेष हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचा। -
कोलंबो. श्रीलंका के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने रविवार को विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के प्रतिनिधियों के साथ देश के मौजूदा आर्थिक संकट को लेकर चर्चा की। वहीं, गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने 4,00,000 मिट्रिक टन से अधिक डीजल वाली 12वीं खेप की आपूर्ति की। कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर कहा, '' 12वीं खेप और 4,00,000 मिट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति। भारत द्वारा रियायती ऋण योजना के तहत कोलंबो को डीजल की ताजा खेप की आपूर्ति की गई।
गौरतलब है कि श्रीलंका 1948 में आजादी के बाद से अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने रविवार को कहा कि उन्होंने देश में मौजूदा आर्थिक संकट पर विश्व बैंक और एडीबी के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की और इस दौरान दवाई, भोजन और उर्वरक आपूर्ति के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। सरकारी बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान वित्तीय सहायता के लिए एक 'फोरेन कन्सोर्टियम' (विदेशी संघ) गठित करने के संबंध में भी विदेशी प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया गया। वार्ता के सकारात्मक रहने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के लिए तत्कालिक चुनौती आगामी सप्ताह के वास्ते ईंधन आवश्यकताओं के भुगतान के लिए जरूरी धन जुटाना है। उन्होंने कहा कि बैंकों में डॉलर की कमी के कारण सरकार अब आवश्यक धन जुटाने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है। इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने रविवार को विधायिका के सभी सदस्यों से अपील की कि वे एकजुट हों और लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल काम करें, खासतौर पर तब जब आर्थिक संकट की वजह से देश अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है।'' गोटबाया राजपक्षे ने यह टिप्पणी ‘वेसाक पोया दिवस' के मौके पर की। राष्ट्रपति ने कहा, हमें मौजूदा स्थिति के प्रति सचेत रहना चाहिए और उन कार्यक्रम को लेकर एकजुट होना चाहिए जो सभी के संकल्पों पर खरा उतर सके।'' उल्लेखनीय है कि वेसाक पोया दिवस भगवान बुद्ध के जन्म, निर्वाण और महापरिनिर्वाण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध के जीवन की तीनों घटनाएं एक ही तारीख पर हुई थी। राष्ट्रपति ने कहा, .. मुश्किल समय में लचीलापन आवश्यक है। इस मौके पर जब देश सबसे खराब स्थिति में है, सभी जन प्रतिनिधियों को तुरंत सभी लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। वास्तविक उद्देश्य मूल लक्ष्य से डिगे बिना इच्छित लक्ष्य तक पहुंचने का होना चाहिए।'' प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी इस मौके पर जारी संदेश में लोगों की जिंदगी को पटरी पर लाने की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि यह भगवान बुद्ध के समक्ष की गई प्रतिबद्धता है। उधर, रानिल विक्रमसिंघे ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों को समर्थन दिया है। राष्ट्रपति पर देश को आर्थिक संकट से उबारने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है और प्रदर्शनकारी नौ अप्रैल से कोलंबो के ‘गाले फेस ग्रीन' में डटे हुए हैं।