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- सैंटियागो. वामपंथी झुकाव वाले पूर्व छात्र नेता गेब्रियल बोरिक ने शुक्रवार को चिली के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। बोरिक ने अपेक्षाकृत विविधतापूर्ण अर्थव्यवस्था होने के बावजूद हाल के वर्षों में असमानता को लेकर बार-बार बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों को झेलने वाले चिली में राजनीतिक और आर्थिक सुधार का संकल्प जताया। दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र के इतिहास में बोरिक (36) सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति हैं। वह केवल चार साल के थे जब 17 साल की सैन्य तानाशाही के बाद देश में लोकतंत्र बहाल हुआ था, जिसने आधुनिक चिली के लिए आधार तैयार किया। बोरिक ने संकल्प जताया है कि उनकी युवा, समावेशी सरकार 1973 से 1990 तक जनरल अगस्टो पिनोशे के शासन के दौरान लागू मुक्त बाजार मॉडल से उपजी गरीबी और असमानता को दूर करेगी। उनका चार साल का कार्यकाल ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब संविधान सभा देश के लिए पिनोशे के शासन में अपनाए गए संविधान को बदलने के लिए एक नया संविधान तैयार कर रही है। सीनेट के सोशलिस्ट पार्टी के नेता अलवारो एलिजाल्डे ने बंदरगाह शहर वालपराइसो में संसद भवन में समारोह के दौरान बोरिक के कंधों पर राष्ट्रपति का प्रतीक चिह्न पहनाया। इसके तुरंत बाद, बोरिक ने अपने कैबिनेट नेता के तौर पर शपथ ली। बोरिक की कैबिनेट में 14 महिलाएं और 10 पुरुष शामिल हैं। दिसंबर में हुए चुनाव में रूढ़िवादी जोस एंटोनियो कास्ट के खिलाफ बोरिक को 56 प्रतिशत वोट मिले। उन्होंने हाल में कहा, ‘‘हमें कदम दर कदम बदलाव करना होगा क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो पीछे हटने का जोखिम बहुत अधिक है।'' चिली को लंबे समय से लैटिन अमेरिका की सबसे बड़ी आर्थिक सफलता वाले देशों में से एक के रूप में देखा जाता रहा है। लेकिन पिछले एक दशक में इसे बार-बार कई बड़े विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा है, जिनमें बेहतर शिक्षा, पेंशन और स्वास्थ्य देखभाल के साथ-साथ धन के अधिक समतावादी वितरण की मांग को लेकर कुछ आंदोलन बोरिक के नेतृत्व में हुए हैं।
- मॉस्को. रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा' और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को एक पत्र लिखकर रूस पर लगे प्रतिबंध को समाप्त करने को कहा है, अन्यथा इससे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) खतरे में पड़ सकता है। रॉसकॉस्मॉस के प्रमुख दमित्री रोगोज़िन ने शनिवार को ट्वीट करके कहा कि पत्र में अमेरिकी, कनाडाई और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों से अपील की गयी है कि वे अंतरिक्ष केंद्र को चालू रखें। उन्होंने अपनी अपील को एक नक्शे के जरिये प्रदर्शित किया है, जिसमें आईएसएस के ‘उड़ान मार्ग' और उसके गिरने के संभावित क्षेत्र को दर्शाया गया है और कहा गया है कि यह रूस के शायद ही किसी हिस्से में गिरेगा। अंतरिक्ष केंद्र में फिलहाल नासा के चार, रूस के दो और एक यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं।
- वाशिंगटन। अमेरिका का रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र कुछ दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है, जिनके तहत यात्रा करने पर मास्क पहनने संबंधी दिशा-निर्देश में छूट प्रदान की जाएगी। अमेरिका के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। हालांकि अधिकारी ने कहा कि मास्क पहनने के मौजूदा नियम को 18 अप्रैल तक बढ़ाया जाएगा। अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि सीडीसी इस संबंध में संशोधित रूपरेखा तैयार कर रहा है।
- लंदन .लेखिका गीतांजलि श्री का हिंदी से अंग्रेजी भाषा में अनूदित उपन्यास ‘टॉम्ब ऑफ सैंड' विश्व की उन 13 पुस्तकों में शामिल है, जिसे अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए संक्षिप्त सूची में शामिल किया गया है। यह हिंदी भाषा में पहला ‘फिक्शन' है जो इस प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार की दौड़ में शामिल है। गीतांजलि श्री की यह पुस्तक मूल रूप से हिंदी में ‘रेत समाधि' के नाम से प्रकाशित हुई थी। इसका अंग्रेजी अनुवाद, ‘टॉम्ब ऑफ सैंड', डेजी रॉकवेल ने किया है और जूरी सदस्यों ने इसे शानदार और अकाट्य बताया है, जो 50,000 पाउंड के लिए प्रतिस्पर्धा करेगा। पुरस्कार की राशि लेखिका और अनुवादक के बीच विभाजित की जाएगी। बुकर पुरस्कार की वेबसाइट पर की गई घोषणा में कहा गया है, ‘‘13 उपन्यासों की सूची घोषित की गई है। वे 11 भाषाओं से अंग्रेजी में अनूदित फिक्शन हैं और चार महाद्वीपों के 12 देशों से हैं। इसमें हिंदी से अनूदित पुस्तक पहली बार शामिल की गई है।'' जूरी सदस्यों ने इस उपन्यास के बारे में कहा कि यह पुस्तक ‘‘हमें 80 वर्षीय महिला के जीवन के हर पहलू और आश्चर्यचकित कर देने वाले अतीत में ले जाती है।'' यह बूढ़ी महिला अपने अवसाद से उबर जाती है और अपने अतीत को देखने के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने का फैसला करती है, जिसे वह देश के विभाजन के दौरान पीछे छोड़ आई थी। उन्होंने कहा कि उपन्यास का डेजी रॉकवेल का अनुवाद शब्दों के खेल से भरा हुआ है। यह एक शानदार और अकाट्य उपन्यास है। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से ताल्लुक रखने वाली गीतांजलि श्री तीन उपन्यास और कई कथा संग्रह की लेखिका हैं। उनकी कृतियों का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है। सूची में अपनी पुस्तक को शामिल किये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘लेखन अपने आप में एक पुरस्कार है। लेकिन बुकर से विशेष के रूप में मान्यता पाना एक शानदार सराहना है।'' लेखिका की हिंदी में अन्य रचनाएं- ‘माई', ‘हमारा शहर उस बरस' और ‘तिरोहित' है।चौंसठ वर्षीय लेखिका गीतांजलि श्री की पुस्तक की अनुवादक डेजी रॉकवेल एक पेंटर एवं लेखिका हैं जो अमेरिका में रहती हैं। उन्होंने हिंदी और उर्दू की कई साहित्यिक कृतियों का अनुवाद किया है। रॉकवेल ने एक बयान में कहा, ‘‘यह पुस्तक एक समृद्ध,सुंदर, प्रायोगिक कार्य है। अंग्रेजी अनुवाद करने में गीतांजलि के साथ काम करना एक सम्मान की बात है। मैं इस बात से रोमांचित हूं कि अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जूरी ने हमारी पुस्तक को सूची में शामिल किया है। '' यह पुरस्कार अंग्रेजी में अनूदित और ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित किसी एक पुस्तक को हर साल दिया जाता है। साल 2022 के पुरस्कार के लिए चयनित पुस्तक की घोषणा सात अप्रैल को लंदन बुक फेयर में और विजेता का ऐलान 26 मई को लंदन में एक समारोह में किया जाएगा।
- योग्याकार्ता (इंडोनेशिया) . इंडोनेशिया के मेरापी पर्वत में ज्वालामुखी फटने से आसमान में धुएं के घने बादल छा गए और आस-पास के गांवों तथा कस्बों में राख की चादर फैल गई। ज्वालामुखी फटने पर करीब 250 स्थानीय लोगों को आश्रय स्थलों में पहुंचाया गया है। इसमें अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। राष्ट्रीय आपदा शमन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने एक बयान में बताया कि जावा के घनी आबादी वाले द्वीप में मध्यरात्रि से ठीक पहले और बाद में कम से कम सात बार गर्म राख के गोले निकले और ‘पाइरोक्लास्टिक' प्रवाह (चट्टान, लावा और गैस का मिश्रण)निकला,जो करीब पांच किलोमीटर तक फैल गया। गड़गड़ाहट की आवाजें कई किलोमीटर तक सुनाई दीं। उन्होंने बताया कि मेरापी पर्वत पर ज्वालामुखी के खतरे को देखते हुए योग्याकार्ता प्रांत के ग्लागहारजो और उम्बुलहारजो गांवों और मध्य जावा के क्लेटेन जिले में 253 लोगों को आश्रय स्थलों में पहुंचाया गया। मुहारी ने बताया कि ज्वालामुखी के फटने से उससे निकली राख आसपास के कई गांवों और कस्बों में फैल गई। हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की अभी तक कोई खबर नहीं है।
- काठमांडू । नेपाल की ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता भूमिका श्रेष्ठ को एलजीबीटीआई समुदाय के जीवन में सुधार के वास्ते उनके समर्पण के लिए अमेरिकी विदेश विभाग का प्रतिष्ठित ‘इंटरनेशनल वूमेन ऑफ करेज' (आईडब्ल्यूओसी) पुरस्कार 2022 दिये जाने की घोषणा की गई है। यह लगातार दूसरा साल है जब किसी नेपाली नागरिक को यह पुरस्कार दिया गया है। पिछले साल, मुस्कान खातून को तेजाब हमलों के खिलाफ उनके काम के लिए यह पुरस्कार दिया गया था। यहां अमेरिकी दूतावास के एक बयान के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन एक ऑनलाइन समारोह में वार्षिक आईडब्ल्यूओसी पुरस्कारों को दिये जाने संबंधी एक कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे। अमेरिकी प्रथम महिला डा. जिल बाइडन 14 मार्च को कार्यक्रम के दौरान अपना संबोधन देंगी। ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता श्रेष्ठ ने लैंगिक अल्पसंख्यक अधिकारों और सामाजिक न्याय की वकालत की है।
- लंदन। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ब्रिटेन के सांसदों से रूस को ‘‘आतंकवादी राष्ट्र’’ घोषित करने का अनुरोध किया और मॉस्को पर सख्त प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया ताकि ‘‘यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारा देश सुरक्षित रहे।’’उन्होंने यह अनुरोध ऐसे वक्त किया है जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उनके देश के खिलाफ विशेष सैन्य अभियान छेड़ रखा है।मंगलवार को वीडियो लिंक के जरिए ‘हाउस ऑफ कॉमंस’ में ‘‘ऐतिहासिक’’ भाषण देने वाले जेलेंस्की (44) को संसद के सदस्यों ने खड़े होकर सम्मान दिया।जेलेंस्की ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम आपसे, पश्चिमी देशों से मदद की आस लगा रहे हैं। हम इस मदद के लिए आभारी हैं और मैं आपका आभारी हूं, बोरिस।’’उन्होंने कहा, ‘‘कृपया इस देश (रूस) के खिलाफ प्रतिबंधों का दबाव बढ़ाए और कृपया इस देश को आतंकवादी देश के तौर पर मान्यता दें। कृपया यह सुनिश्चित कीजिए कि हमारा यूक्रेनी आसमान सुरक्षित रहे। कृपया यह सुनिश्चित करें कि आप वह सब करें जो करने की जरूरत है।’’जेलेंस्की ने भावुक भाषण देते हुए ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के उन शब्दों को दोहराया जिसमें हवाई क्षेत्र, समुद्र और सड़कों पर रूसी सैनिकों से लड़ने का वादा किया गया था।यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में रूस द्वारा हमले के एक-एक दिन का ब्योरा दिया। उन्होंने यह कहते हुए अपना भाषण समाप्त किया, ‘‘वह करिए जो आप कर सकते हैं, वह करिए जो आपको करना चाहिए क्योंकि महानता ही महानता को जोड़ती है, आपके देश और आपके लोगों को एक साथ लाती है।’’ यह पहली बार है जब किसी विदेशी नेता ने हाउस ऑफ कॉमंस में सांसदों को सीधे संबोधित किया है।
- संयुक्त राष्ट्र। चार देशों- ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान- के समूह अर्थात जी-चार ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) अपने स्थायी सदस्यों के वीटो के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के अपने दायित्व के निर्वहन में नाकाम रही है और इस मुद्दे पर व्यापक एवं गम्भीर विचार विमर्श की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र में जापान के स्थायी प्रतिनिधि किमिहिरो इशिकाने ने यह प्रतिक्रिया सोमवार को सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर अंतरसरकारी बातचीत को लेकर अनौपचारिक बैठक में जी-4 की ओर से बयान जारी करते हुए यह टिप्पणी की। इशिकाने ने कहा, ‘‘वीटो के इस्तेमाल के कारण (संयुक्त राष्ट्र) सुरक्षा परिषद जरूरत के समय अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बहाल करने की अपनी जिम्मेदारी निभा पाने में नाकाम रही है। हमने देखा है कि विभिन्न मौकों पर इसकी विफलता इस महत्वपूर्ण संगठन के औचित्य को प्रभावित करती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए वीटो के सवाल पर व्यापक और गम्भीर चर्चा की आवश्यकता है।
- काठमांडू । नेपाल की विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी 40 महिलाओं के एक दल ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एवरेस्ट के आधार शिविर के निकट कालापत्थर पहुंचकर जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग को लेकर संदेश दिया। जलवायु न्याय के लिये आयोजित अभियान 'मिशन कालापत्थर' 10 सूत्रीय घोषणा पत्र के साथ समाप्त हो गया। यह नेपाल के उत्तरपूर्वी क्षेत्र का सबसे दर्शनीय स्थल है, जहां से माउंट एवरेस्ट को बहुत करीब से देखा जा सकता है। आयोजकों की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि न्यायमूर्ति, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के इस दल ने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के सिलसिले में विशेष कार्यक्रम के तहत काठमांडू से 13 दिवसीय यात्रा शुरू की थी, जो माउंट एवरेस्ट क्षेत्र में 5,545 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कालापत्थर पहुंचने के साथ ही समाप्त हो गई। यात्रा का आयोजन ''साथ साथाई द्वारा किया गया, जो एक नागरिक समाज संगठन है। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन की वकालत करना और विशेष रूप से महिलाओं के जीवन पर इसके प्रभावों की ओर ध्यान दिलाना है। अभियान को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और अन्य कई संगठनों का समर्थन हासिल है। घोषणापत्र में जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन प्रयासों में महिलाओं की भूमिका को परिभाषित करने और मानव स्वास्थ्य प्रणाली के स्थायी प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम प्रयासों का आह्वान किया गया है। इस अभियान का विषय 'जलवायु परिवर्तन न्याय के लिए एकजुट महिलाएं' है।
- वाशिंगटन.भारतीय-अमेरिकी गैर लाभकारी संस्था ‘सेवा इंटरनेशनल' को उसके मानवीय कार्यों के लिए ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ द ईयर' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सांसद डेनी डेविस ने हाल में आयोजित एक समारोह में सेवा इंटरनेशनल को ‘अमेरिकन मल्टी एथिनिक कोलेजन' (एएमईसी) का यह वार्षिक पुरस्कार दिया। डेविस ने पिछले कुछ साल में कई देशों में किए गए मानवीय कार्यों के लिए ‘सेवा इंटरनेशनल' की सराहना की और उम्मीद जताई कि यह संगठन आगामी वर्षों में भी लोगों की सेवा करना जारी रखेगा। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एएमईसी ने एक परोपकारी समूह के रूप में ‘सेवा इंटरनेशनल' की सराहना की और कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, गुयाना, दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों की मदद करने में उसकी भूमिका के लिए उसे ‘ग्लोबल कम्युनिटी अवार्ड' प्रदान किया। ‘सेवा इंटरनेशनल' की शिकागो चैप्टर समन्वयक दीप्ति देसाई ने पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘5,000 स्वयंसेवकों और 1,50,000 से अधिक दान कर्ताओं के साथ सेवा इंटरनेशनल ने अपने मानवीय कार्यों के जरिए समाज पर एक बड़ा प्रभाव डाला है। हम हमेशा समर्थकों और स्वयंसेवकों की तलाश में रहते हैं। कृपया हमसे जुड़ें।
- लंदन. विजय माल्या का परिवार लंदन में अपने आलीशान घर पर कब्जा बरकरार रख सकेगा। ब्रिटेन की एक अदालत ने व्यवस्था दी है कि एक पारिवारिक ट्रस्ट कंपनी द्वारा ऋण का पुन: वित्तपोषण स्वीकार्य लेनदेन है। माल्या परिवार के ट्रस्ट से जुड़ी ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड की कंपनी रोज कैपिटल वेंचर्स (आरसीवी) ने लंदन हाई कोर्ट में इस बाबत अर्जी दाखिल की थी जिस पर गत शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस ट्रस्ट की मध्य लंदन में कॉर्नवैल टेरेस प्रोपर्टी है। जज सिमोन रेनी क्यूसी ने व्यवस्था दी कि पुन: वित्तपोषण (रीफाइनेंसिंग) एक स्वीकार्य लेनदेन है जिसका आशय लंदन की एक प्रमुख संपत्ति में निवेश करने से है। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘प्रस्तावित लेनदेन उचित है।
- बैंकॉक. कोविड-19 महामारी का प्रभाव भले ही शुरुआती दिनों की अपेक्षा अब थोड़ा कम दिख रहा हो लेकिन इसके पूरी तरह खत्म होने की संभावना अभी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही, खास तौर पर तब जब दुनिया भर में इससे जान गंवाने वालों का आंकड़ा सोमवार को 60 लाख के पार पहुंच गया। महामारी से जान गंवाने वालों का यह आंकड़ा इसकी कमजोर न पड़ने वाली प्रकृति को दर्शाता है वह भी ऐसे समय में जब दुनियाभर में लोग मास्क का प्रयोग कम करते नजर आ रहे हैं और यात्राएं फिर से शुरू हो रही हैं और कारोबार व दफ्तर भी खुल रहे हैं। अमेरिका के जॉन हॉप्किंस विश्वविद्यालय द्वारा संयोजित आंकड़ों के मुताबिक महामारी से बीते चार महीनों में ही 10 लाख लोगों की जान गई है। यह दर्शाता है कि कई देश अब भी कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं।अपने अलग-थलग होने के कारण काफी समय तक वायरस से सुरक्षित रहे सुदूर प्रशांत द्वीप समूहों में भी अब वायरस का शुरुआती प्रकोप नजर आ रहा है और ये संक्रमण और इससे होने वाली मौतों से जूझ रहे हैं। इसमें अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप से होने वाला संक्रमण भी शामिल है। संक्रमण से होने वाली मौत के बढ़ते मामलों से जूझ रहा हांगकांग इस महीने अपनी 75 लाख की कुल आबादी का तीन बार परीक्षण कर रहा है क्योंकि यह मुख्य भूमि चीन की ‘शून्य-कोविड' रणनीति से जुड़ा हुआ है। पोलैंड, हंगरी, रोमानिया और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों में मृत्यु दर उच्च बनी हुई है वहीं अब इस क्षेत्र में युद्धग्रस्त यूक्रेन से 15 लाख से अधिक शरणार्थी भी पहुंचे हैं ऐसे में संक्रमण के बढ़ने की आशंका ज्यादा है। यूक्रेन एक ऐसा देश जहां टीकाकरण की कमी है और मामलों और मौतों की दर उच्च है। अमेरिका महामारी से अपने यहां करीब 10 लाख लोगों की जान जाने की बात कह रहा है जो दुनिया में किसी देश में महामारी से मौत का सबसे बड़ा आधिकारिक आंकड़ा है। दुनिया भर में अब तक कोविड-19 के कुल 45 करोड़ से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
- जिनेवा. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि अब तक 17 लाख से अधिक लोग युद्धग्रस्त यूक्रेन को छोड़कर सुरक्षित स्थानों में शरण ले चुके हैं। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ने सोमवार को बताया कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से अब तक 17 लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़कर दूसरे देशों में शरण ले चुके हैं। इनमें से करीब 10 लाख लोगों ने पोलैंड में शरण ली है। वहीं 180,000 से अधिक लोगों ने हंगरी में जबकि 128,000 लोगों ने स्लोवाकिया में शरण ली है। फ्रांस के मोंटपेलियर में यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने सभी 27 सदस्य देशों से इन शरणार्थियों की मदद के लिए सभी आवश्यक संसाधन जुटाने का आह्वान किया है ताकि पड़ोसी देश पोलैंड और रोमानिया सहित यूक्रेन से आने वाले शरणार्थियों का स्वागत करने वाले अन्य देशों की मदद की जा सके। बोरेल ने इस संबंध में यूरोपीय संघ के विकास मंत्रियों के साथ भी बैठक की।
- विल्नुस(लिथुआनिया) . यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर तीन बाल्टिक देशों की यात्रा कर रहे अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने लिथुआनिया को सोमवार को नाटो के समर्थन का यकीन दिलाया। सोवियत संघ का हिस्सा रहे लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया अब उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का हिस्सा हैं और ब्लिंकन का लक्ष्य है कि रूस के सैन्य अभियान का विस्तार करने की स्थिति में उन्हें सुरक्षा का पुन: आश्वसन दिया जाए। ब्लिंकन ने कहा, “ हम अपनी साझी रक्षा को मजबूत कर रहे हैं ताकि हम और हमारे सहयोगी तैयार रहें।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि नाटो की परस्पर रक्षा संधि के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता अटल है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, “ अगर हमला किया जाता है तो हम नाटो सदस्य राष्ट्र की एक-एक इंच जमीन की रक्षा करेंगे। किसी को भी हमारी तैयारी पर शक नहीं करना चाहिए। किसी को भी हमारे संकल्प पर संदेह नहीं करना चाहिए।” ब्लिंकन ने बाल्टिक राष्ट्रों की अपनी यात्रा विल्नुस से शुरू की है जहां रूस के हमले को लेकर यूक्रेन के विरोध का लिथुआनिया के लोगों ने समर्थन किया है जो यूक्रेन के साथ एकजुटता दिखाने का संकेत है। लिथुआनिया के राष्ट्रपति गीटानस नौसेदा ने ब्लिंकन से कहा, “ दुभार्गय से बाल्टिक क्षेत्र में खराब हो रहे सुरक्षा हालात हम सबके लिए और दुनिया के लिए चिंता का विषय हैं।” उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस का हमला एक बार फिर से साबित करता है कि यह यूरोप की सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक खतरा है। नौसेदा ने दावा किया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन में नहीं रोका गया तो उन्हें आगे बढ़ने से रोका नहीं जा सकेगा। उनका कहना है कि तीसरे विश्व युद्ध से बचने के लिए सबकुछ करने की जरूरत है। ब्लिंकन सोमवार को बाद में रिगा जाएंगे जहां वे लातविया के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
- बेरूत. सीरिया में एक राजमार्ग पर रविवार को आतंकवादियों ने सेना के एक बस पर हमला कर दिया जिससे कम से कम 13 सैनिकों की मौत हो गयी। मरने वालों में कई अधिकारी भी शामिल हैं। सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। सरकारी समाचार एजेंसी ‘सना' ने बताया कि मध्य सीरिया के पलमीरा क्षेत्र में हुये इस हमले में 18 सैनिक घायल हो गए और आतंकवादियों ने हमले में कई तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया। इसमें कहा गया है कि इस घटना के संबंध में विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है और अब तक किसी ने भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
- बीजिंग. दक्षिण पश्चिम चीन में 10 दिन पहले कोयले की एक खदान के ढहने से उसमें फंस गए 14 खनिकों की मौत हो गई है। मीडिया ने रविवार को यह खबर दी। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, खनिकों के शव निकालने के बाद रविवार दोपहर को बचाव अभियान खत्म कर दिया गया। गुइझोऊ प्रांत में 25 फरवरी को कोयले की खदान की छत ढहने के बाद उसमें खनिक फंस गए थे।मीडिया की खबर के मुताबिक, बचाव अभियान चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि जहां खदान की छत ढही थी, वह स्थान खदान के प्रवेश से करीब तीन किलोमीटर दूर था। दुर्घटना की आगे की जांच की जा रही है।
- कोह समुई . आस्ट्रेलिया के स्टार क्रिकेटर शेन वॉर्न का पार्थिव शरीर देह समुई द्वीप से थाईलैंड मुख्यभूमि में लाई गई है । 52 वर्ष के वॉर्न शुक्रवार की रात कोह समुई में अपने विला होटल में अचेत पाये गए थे और अस्पताल ले जाने के बाद भी उनकी जान नहीं बचाई जा सकी । थाई पुलिस के युथाना सिरिसोम्बत ने रविवार को कहा कि शुरूआती जांच में वॉर्न की मौत में किसी साजिश के संकेत नहीं मिले हैं लेकिन उनका पोस्टमार्टम कराया जायेगा । वॉर्न के परिवार ने उनकी पार्थिव देह शीघ्र सौंपने का अनुरोध किया है ।शनिवार को वॉर्न के मैनेजर जेम्स एर्सकिने ने कहा था कि वॉर्न तीन महीने की छुट्टी पर अकेले यहां आये थे और अभी उन्हें तीन ही दिन हुए थे । उन्हें जब दिल का दौरा पड़ा तब वह क्रिकेट देख रहे थे ।
- न्यूयॉर्क। मास्टरकार्ड और वीजा रूस में अपनी सेवाएं बंद रहे हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों और अनेक कंपनी द्वारा देश से अपने कारोबारी संबंध समाप्त करने के क्रम में यह एक नया कदम है।मास्टरकार्ड और वीजा ने यह जानकारी दी। मास्टरकार्ड ने कहा कि रूसी बैंकों की ओर से जारी कार्ड को अब उसका नेटवर्क स्वीकार नहीं करेगा। साथ ही किसी अन्य देश में जारी हुआ कार्ड रूस के स्टोर अथवा एटीएम में काम नहीं करेगा। मास्टरकार्ड ने एक बयान में कहा,‘‘ हमने जल्दबादी में यह फैसला नहीं लिया है।’’ कंपनी ने कहा की उपभोक्ताओं, सझादारों और सरकारों से बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है।वहीं वीजा ने कहा कि वह आने वाले दिनों में रूस में सभी लेन देन पर रोक लगाने के लिए उपभोक्ताओं और साझेदारों के साथ काम कर रहा है।उपाध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल केली ने एक बयान में कहा,‘‘हम यूक्रेन पर रूस के गैर उकसावे वाले आक्रमण और जो घटनाएं देख रहे हैं,उसके बाद कदम उठाने के लिए मजबूर हैं।’’ केली ने कहा,‘‘ यह युद्ध और शांति तथा स्थिरता पर मंडरा रहा खतरा यह मांग करता है कि हम अपने मूल्यों के अनुरूप जवाब दें।’’
- बीजिंग ।चीन ने शनिवार को अपने रक्षा बजट में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि कर 230 अरब डॉलर करने का प्रस्ताव किया है जो पिछले साल के 209 अरब डॉलर के मुकाबले 21 अरब डॉलर अधिक है।सरकारी अखबार ‘चाइना डेली’ ने प्रधानमंत्री ली केकियांग द्वारा नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) में शनिवार को पेश मसौदा बजट के हवाले से बताया कि चीन की सरकार ने वित्त वर्ष 2022 के लिए 1.45 खरब (ट्रिलियन) युआन के रक्षा बजट का प्रस्ताव किया है जो पिछले साल के मुकाबले 7.1 प्रतिशत अधिक है।इस वृद्धि के साथ चीन का रक्षा बजट भारत के रक्षा बजट (लगभग 70 अरब डॉलर) के मुकाबले तीन गुना हो गया है।पिछले साल चीन का रक्षा बजट 200 अरब डॉलर के पार गया था। चीन ने वित्त वर्ष 2021 में अपने रक्षा बजट में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि की थी जिससे उसका कुल रक्षा बजट 209 अरब डॉलर हो गया था।चीनी प्रधानमंत्री ने संसद में पेश कार्य रिपोर्ट में ‘‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की युद्ध तैयारी को वृहद तरीके से मजबूत’ करने पर जोर दिया।’’चीन द्वारा रक्षा बजट में वृद्धि का प्रस्ताव भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में गतिरोध और अमेरिका के साथ बढ़ते राजनीतिक और सैन्य तनाव के बीच आया है। अमेरिका के बाद चीन रक्षा बजट पर खर्च करने के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है।
- इस्लामाबाद। धनशोधन एवं आतंकी वित्तपोषण की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को 'ग्रे सूची' में ही रखा है और इस्लामाबाद को अपनी वित्तीय प्रणाली में शेष कमियों को जल्द से जल्द दूर करने के लिए कहा है। शनिवार को एक खबर में यह जानकारी दी गई है। पाकिस्तान धनशोधन और आतंकी वित्तपोषण पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के कारण जून 2018 से ही पेरिस स्थित एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना हुआ है। निर्धारित लक्ष्यों को अक्टूबर 2019 तक पूरा करने के लिए उसे एक कार्य योजना दी गई थी। एफएटीएफ के आदेशों का पालन करने में विफल होने के कारण पाकिस्तान तब से लेकर अब तक उस ‘ग्रे सूची’ में ही बना हुआ है। समाचार पत्र ‘द डॉन’ की खबर के मुताबिक, कार्य योजना के 34 में से 32 बिंदुओं को पूरा करने के बावजूद एफएटीएफ की पूरक बैठक के शुक्रवार को हुए समापन सत्र में पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में ही रखने का फैसला किया गया है। हालांकि, वित्तीय अपराधों से लड़ने के लिए अपनी वैश्विक प्रतिबद्धताओं पर पाकिस्तान के मजबूत कार्यक्रम के लिए एफएटीएफ की पूरक बैठक के समापन सत्र में उसकी सराहना की गई।गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में एफएटीएफ ने अपनी 27 सूत्री कार्य योजना के 26 बिंदुओं पर पाकिस्तान के प्रगति करने की बात स्वीकार की थी, लेकिन संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा प्रतिबंधित आतंकी समूहों के शीर्ष कैडर के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच और अभियोजन को लेकर उसने इस्लामाबाद को अपनी ग्रे सूची (अधिक निगरानी वाली सूची) में बरकरार रखा था।एफएटीएफ ने यह भी स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने धनशोधन पर एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) के सात कार्य योजना के बिंदुओं को भी पूरा किया है। उसने कहा कि एपीजी से मिली 2021 की हालिया कार्य योजना मुख्य रूप से धनशोधन पर केंद्रित थी और उसने इसके क्रियान्वयन में गंभीर कमियां पाई थीं। खबर के मुताबिक एफएटीएफ ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने अपने धन शोधन विरोधी अभियान के अलावा आतंकवाद के वित्तपोषण (एएमएल/सीएफटी) के खिलाफ बेहतर काम किया है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा कि उसे जल्द से जल्द आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच के मामलों में संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के आतंकवादियों और कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। पाकिस्तान अब तक चीन, तुर्की और मलेशिया जैसे करीबी सहयोगियों की मदद से एफएटीएफ की काली सूची में शामिल होने से बचता आया है। हालांकि, ग्रे सूची में बने रहने के कारण इस्लामाबाद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ से वित्तीय मदद हासिल करना मुश्किल होता जा रहा है, जिससे देश के लिए आर्थिक समस्याएं और बढ़ रही हैं।
- कीव। रूसी सेना शनिवार से यूक्रेन के दो क्षेत्रों में संघर्ष-विराम पर सहमत हो गई है, ताकि वहां फंसे नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा सके। रूस की सरकारी न्यूज एजेंसियों ने यह जानकारी दी।आरआईए नोवोत्सी और तास न्यूज एजेंसी ने रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के हवाले से बताया कि मॉस्को यूक्रेनी बलों के साथ कुछ निकासी मार्गों पर संघर्ष-विराम के लिए सहमत हो गया है, ताकि नागरिकों को दक्षिण-पूर्व में रणनीतिक लिहाज से अहम बंदरगाह शहर मारियुपोल और पूर्वी शहर वोल्नोवाखा से सुरक्षित निकालने में मदद मिल सके। हालांकि, यूक्रेनी सेना की तरफ से अभी संघर्ष-विराम की कोई पुष्टि नहीं की गई है और फिलहाल यह भी स्पष्ट नहीं है कि निकासी मार्ग कब तक खुले रहेंगे।
- जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने गुरुवार को बताया कि रूस के हमला करने के बाद से 10 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर चले गए हैं। इस सदी में पहले कभी इतनी तेज गति से पलायन नहीं हुआ है।संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) के आंकड़ों के अनुसार, पलायन करने वाले लोगों की संख्या यूक्रेन की आबादी के दो प्रतिशत से अधिक है। विश्व बैंक के अनुसार 2020 के अंत में यूक्रेन की आबादी चार करोड़, 40 लाख थी।एजेंसी का अनुमान है कि यूक्रेन से अंतत: 40 लाख लोग पलायन कर सकते हैं और यह संख्या अनुमान से भी अधिक हो सकती है।यूएनएचसीआर की प्रवक्ता जोंग-आह घेदिनी-विलियम्स ने एक ईमेल में लिखा कि राष्ट्रीय अधिकारियों की गणना के अनुसार ‘‘हमारे आंकड़े बताते हैं कि मध्य यूरोप में हमने आधी रात में 10 लाख की संख्या पार कर ली।’’संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रांडी ने ट्वीट किया, ‘‘हमने मात्र सात दिन में यूक्रेन से पड़ोसी देशों में 10 लाख लोगों का पलायन देखा है।’’यूक्रेन छोड़कर जाने वाले इन लोगों में समाज के अधिकतर कमजोर वर्ग के लोग शामिल हैं, जो पलायन को लेकर स्वयं फैसला करने में सक्षम नहीं हैं और उनकी यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए उन्हें सहायता की आवश्यकता है।हंगरी के शहर जाहोनी में बुधवार को 200 से अधिक दिव्यांग यूक्रेनी पहुंचे, जो यूक्रेन की राजधानी कीव में दो आश्रय गृहों में रहते थे।शरणार्थियों में कई बच्चे शामिल हैं। इनमें कई ऐसे लोग शामिल हैं, जो मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम हैं और जिन्हें रूसी हमले के कारण आश्रय केंद्रों को छोड़कर देश से बाहर जाना पड़ा।कीव में स्वयातोशिंकसी अनाथालय की निदेशक लारिसा लियोनिदोवना ने कहा, ‘‘वहां रहना सुरक्षित नहीं था। रॉकेट गिर रहे थे। वे कीव पर हमला कर रहे थे। हमने बमबारी के दौरान कई घंटे से अधिक समय भूमिगत स्थल में बिताया।’’शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, यूक्रेन से आधे से अधिक शरणार्थी यानी लगभग 5,05,000 लोग पोलैंड गए हैं, 1,16,300 से अधिक लोगों ने हंगरी में प्रवेश किया है और 79,300 से अधिक लोगों ने मोल्दोवा में प्रवेश किया है। इनके अलावा 71,000 लोग स्लोवाकिया गए हैं और करीब 69,600 लोग अन्य यूरोपीय देशों में चले गए हैं।
- वाशिंगटन । रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद को लेकर भारत पर सीएएटीएसए कानून के तहत प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं, इस पर फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन करेंगे। बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिकी सांसदों को यह जानकारी दी।‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) के तहत अमेरिकी प्रशासन के पास ईरान, उत्तर कोरिया या रूस के साथ महत्वपूर्ण लेन-देन करने वाले किसी भी देश के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का अधिकार है।सीएएटीएसए एक सख्त अमेरिकी कानून है, जो 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में पुतिन के कथित हस्तक्षेप के जवाब में वाशिंगटन को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत करता है, जो मॉस्को से प्रमुख रक्षा साजो-सामान की खरीदारी करते हैं। भारत के खिलाफ संभावित सीएएटीएसए प्रतिबंधों से जुड़े एक सवाल पर दक्षिण एवं मध्य एशिया में अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लु ने बुधवार को सीनेट की निकट पूर्व, दक्षिण एशिया, मध्य एशिया और आतंकवाद निरोधी मामलों की विदेशी संबंध उपसमिति के सदस्यों को बताया कि नयी दिल्ली पर प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं, इस पर फैसला राष्ट्रपति बाइडन लेंगे। लु ने कहा, “मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि बाइडन प्रशासन सीएएटीएसए कानून का पालन करेगा और इसे पूरी तरह से लागू करेगा। प्रशासन इसके किसी भी पहलू पर आगे बढ़ने से पहले कांग्रेस के साथ राय-मशविरा करेगा। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से मैं यह नहीं कह पा रहा हूं कि भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के मामले में राष्ट्रपति या विदेश मंत्री के फैसले को लेकर कोई अंदाजा लगाएं। मैं यह भी नहीं बता पा रहा हूं कि क्या यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई का इस फैसले पर कोई असर होगा।”लु ने स्पष्ट किया कि बाइडन प्रशासन ने भारत पर सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।उन्होंने कहा, “भारत वाकई हमारा एक बेहद अहम सुरक्षा साझेदार है। हम इस साझेदारी को आगे बढ़ाने के पक्षधर हैं। मुझे उम्मीद है कि रूस को जिस तरह से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है, उससे भारत को समझ आएगा कि अब मॉस्को से दूरी बनाने का समय आ गया है।”लु ने दावा किया कि रूसी बैंकों पर लगाए गए व्यापक प्रतिबंधों के चलते किसी भी देश के लिए रूस से प्रमुख हथियार प्रणाली की खरीदारी करना बेहद कठिन होगा।उन्होंने कहा, “पिछले कुछ हफ्तों में हमने देखा है कि भारत ने कैसे मिग-29 का ऑर्डर रद्द किया, रूसी हेलीकॉप्टर और टैंक रोधी हथियार का ऑर्डर रद्द किया।”लु की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब भारत को यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा करने वाले प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को हुए मतदान से दूर रहने को लेकर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट, दोनों ही दलों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
- शिकागो (अमेरिका) ।यूनाइटेड एयरलाइन्स’ ने बुधवार को कहा कि उसने अमेरिका से मुंबई और दिल्ली आने-जाने वाले अपने विमानों के लिए रूसी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल बंद कर दिया है। विमानन कम्पनी के एक प्रवक्ता ने इस कदम को ‘‘अस्थायी’’ बताया। हालांकि, इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी।‘अमेरिकन एयरलाइंस’ ने भी दिल्ली और न्यूयॉर्क के बीच आने-जाने वाले अपने विमानों के लिए दक्षिणी रूस के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल बंद कर दिया है। गौरतलब है कि यह कदम 24 फरवरी से रूस द्वारा यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू करने के बाद उठाया गया है। रूस के इस कदम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना की जा रही है और उस पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।
- कीव,। यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने सोमवार को कहा कि बेलारूस की सीमा पर रूस के साथ बातचीत के लिए उसका एक प्रतिनिधिमंडल पहुंच गया है। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या इस बातचीत से युद्ध का कोई समाधान होगा। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के कार्यालय ने कहा कि वह रूस से तत्काल संघर्षविराम की मांग करेगा।तत्काल यह स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन में अपने युद्ध से या वार्ता से रूस अंततः क्या चाहता है। गौरतलब है कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला कर दिया और दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है।