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वांता (फिनलैंड) .ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली भारतीय खिलाड़ी पीवी सिंधू ने सीधे गेम में जीत दर्ज करके गुरुवार को यहां आर्कटिक ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट के महिला एकल के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया, लेकिन किदांबी श्रीकांत को पुरुष एकल में हार का सामना करना पड़ा। आठवीं वरीयता प्राप्त सिंधू ने चीनी ताइपे की वेन ची सू को केवल 38 मिनट में 21-11, 21-10 से पराजित किया। उनका अगला मुकाबला वियतनाम की थुय लिन्ह गुयेन से होगा। पुरुष एकल में हालांकि श्रीकांत और किरण जॉर्ज का सफर थम गया। श्रीकांत को जापान के सातवीं वरीयता प्राप्त कांता त्सुनेयामा से 15-21, 12-21 से जबकि जॉर्ज को चीन के चौथी वरीयता प्राप्त लू गुआंग ज़ू से 10-21, 20-22 से हार का सामना करना पड़ा। महिला युगल में तनीषा क्रैस्टो और अश्विनी पोनप्पा की एकमात्र भारतीय जोड़ी क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई। भारतीय जोड़ी फ्रांस की मार्गोट लाम्बर्ट और ऐनी ट्रान से 19-21, 19-21 से हार गईं।
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लखनऊ. ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने बुधवार को कहा कि उनकी एकदिवसीय विश्व कप के दौरान तब तक अपने तेज गेंदबाजों को रोटेट करने की योजना नहीं है जब तक की ऐसा करना बेहद जरूरी न हो। ऑस्ट्रेलिया का तेज गेंदबाजी आक्रमण काफी मजबूत है जिसमें कमिंस, मिशेल स्टार्क और जोश हेज़लवुड शामिल हैं। कमिंस ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले मैच की पूर्व संध्या पर कहा,‘‘हमारा इरादा प्रत्येक मैच में खेलने का है। जब तक बहुत जरूरी ना हो तब तक हम गेंदबाजों को रोटेट नहीं करेंगे। अगर कोई खिलाड़ी बेहद थका महसूस कर रहा हो या कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाए तभी बदलाव किया जाएगा।'' उन्होंने कहा,‘‘यह विश्वकप है और आपको अपनी सर्वश्रेष्ठ एकादश का चयन करना होता है। आप वास्तव में किसी भी मैच को हल्के से नहीं ले सकते हैं। हो सकता है कि टूर्नामेंट के आखिर में हमें ऐसा करने की जरूरत पड़े लेकिन अभी हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है।'' ऑस्ट्रेलिया का विश्व कप का अभियान अच्छा नहीं रहा था और उसे अपने पहले मैच में ही मेजबान भारत से 6 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपनी प्रतिद्वंदिता के बारे में कमिंस ने कहा कि दोनों टीम में काफी समानताएं हैं। उन्होंने कहा,‘‘हमारी टीमों में काफी समानताएं हैं। हमारे पास अच्छे तेज गेंदबाज और अच्छे बल्लेबाज हैं। हमारे पास एक-एक लेग स्पिनर हैं। मुझे लगता है कि यह एक जैसी दो टीमों के बीच मुकाबला है।'' पिंडली की चोट के कारण एश्टन एगर विश्व कप से बाहर हो गए हैं और ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के पास एडम जंपा के रूप में एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर है। जंपा भारत के खिलाफ नहीं चल पाए थे और उन्होंने आठ ओवर में 53 रन दिए थे। कमिंस ने जंपा का बचाव करते हुए कहा,‘‘मुझे लगता है कि उसने अच्छी गेंदबाजी की थी, लेकिन 200 रन के लक्ष्य का बचाव करना बेहद मुश्किल था। वह हमारा प्रमुख गेंदबाज है।'' कमिंस ने चोट से उबरने वाले मार्कस स्टोइनिस के बारे में कहा,‘‘वह फिट है। हम टीम की घोषणा कल करेंगे। वह इस मैदान के बारे में अच्छी तरह से जानता है लेकिन आईपीएल की तुलना में परिस्थितियां थोड़ी भिन्न होंगी। विकेट काफी अच्छा दिख रहा है।
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बेंगलुरू. सेना के मणिकांत एचएच ने बुधवार को यहां राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप के पहले दिन पुरुष 100 मीटर दौड़ में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। इक्कीस साल के मणिकांत तीसरी हीट (शुरुआती दौर) में 10.23 सेकेंड के समय के साथ शीर्ष पर रहे और फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने ओडिशा के अमिया कुमार मलिक के 2016 में बनाए 10.26 सेकेंड के रिकॉर्ड में सुधार किया।
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नयी दिल्ली. एशियाई खेल चैम्पियन भारतीय पुरूष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह महान क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से तुलना पसंद नहीं करते और उनका मानना है कि वह मैदान पर धोनी की तरह शांतचित्त नहीं रहते । एशियाई खेलों में 13 गोल करने वाले हरमनप्रीत की धोनी से तुलना महान हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै ने की थी । हरमनप्रीत ने कहा ,‘‘ मैदान पर मैं कभी शांत नहीं रहता । मैं आक्रामक रहता हूं लेकिन मैदान के बाहर शांत रहने की कोशिश करता हूं । '' भारत को 2011 विश्व कप दिलाने वाले धोनी को दबाव के क्षणों में शांत रहने के लिये ‘कैप्टन कूल' कहा जाता है । हरमनप्रीत ने कहा ,‘‘ मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि मेरी तुलना धोनी जैसे महान खिलाड़ी से हुई लेकिन मैं मैदान पर उतना कूल नहीं रहता ।'' पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने के बाद अब भारतीय टीम राहत की सांस ले रही है और अब नजरें पेरिस में पदक का रंग बदलने पर लगी है ।
हरमनप्रीत ने कहा ,एक खिलाड़ी के तौर पर आप कभी संतुष्ट नहीं रहते । आपको अपना सपना पता होता है । स्वर्ण जीतने के बाद अगली बार आप उसे बरकरार रखना चाहोगे ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ पिछली बार हमने ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई नहीं कर पाने का दबाव झेला था । अब हमारे जेहन में साफ है कि हम क्वालीफाई कर चुके हैं और बिना किसी दबाव के ओलंपिक की तैयारी करेंगे । अब पदक का रंग बेहतर करना है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ इस टीम की सबसे अच्छी बात यह है कि सारी बात खुलकर होती है । टीम में काफी प्रतिस्पर्धा है और हर खिलाड़ी अहम है । सभी एक दूसरे के खिलाफ स्पर्धा करते हैं, एक दूसरे की मदद करते हैं क्योंकि हम अधिकांश समय परिवार से दूर शिविर में बिताते हैं । हम एक दूसरे से सब कुछ साझा करते हैं ।'' हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा कि बेहतरीन ड्रैग फ्लिकरों की मौजूदगी से भारत का विश्व हॉकी मे कद ऊंचा हुआ है । उन्होंने कहा ,‘‘ टीम लगातार अच्छा खेल रही है । हम किसी मैच में दबाव में नहीं आये । पहले हमारे पास स्तरीय ड्रैग फ्लिकर नहीं थे जैसे पाकिस्तान के पास सोहेल अब्बास था । लेकिन अब हमारे पास हरमनप्रीत, अमित रोहिदास और वरूण कुमार है । -
नयी दिल्ली.भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने मंगलवार को खुलासा किया कि बोर्ड और 12वीं के इम्तिहान में अच्छे अंक लाने के लिये उन्होंने खेलों को चुना क्योंकि उस समय प्रदेश टीम के लिये खेलने वाले को 60 प्रतिशत अंक दिये जाते थे। तोक्यो ओलंपिक में जर्मनी के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले में अहम पेनल्टी बचाकर भारत की जीत के सूत्रधार रहे श्रीजेश की पहली पसंद हॉकी नहीं थी बल्कि उन्होंने एथलेटिक्स को चुना था क्योंकि केरल में वह लोकप्रिय खेल था । उन्होंने हांगझोउ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर लौटने के बाद कहा ,‘ मैने एथलेटिक्स में शॉटपुट से शुरू किया लेकिन जब मैं खेल होस्टल गया तो मुझे पता चला कि मेरा ‘फ्लैट फुट' है तो मैने वॉलीबॉल और बास्केटबॉल भी खेला ।'' इंचियोन में 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके श्रीजेश ने कहा ,‘‘ केरल में अगर आप प्रदेश टीम के लिये खेलते हैं तो उस समय 60 प्रतिशत अंक बोर्ड में मिलने का प्रावधान था । मैने सोचा कि सबसे आसान क्या होगा तो हॉकी मुझे सही लगा क्योंकि केरल में लोकप्रिय नहीं होने के कारण इतनी प्रतिस्पर्धा नहीं थी ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मैने कभी सोचा नहीं था कि देश के लिये खेलूंगा । प्रदेश में ज्यादातर खिलाड़ियों की सोच होती है कि राष्ट्रीय स्तर पर खेलो और नौकरी लो और मैं भी अलग नहीं था । लेकिन मुझे खुशी है कि मेरे पास ओलंपिक पदक है और मैं भावी पीढी के लिये प्रेरणा बन सका ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ बचपन में मैने सुना कि पीटी उषा का लॉस एंजिलिस ओलंपिक में मामूली अंतर से पदक चूक गया लेकिन अब मेरे पास दिखाने के लिये ओलंपिक का पदक है ।'' उन्होंने कहा कि ओलंपिक कांस्य और एशियाई खेलों के स्वर्ण से युवाओं को हॉकी खेलने की प्रेरणा मिलेगी । उन्होंने कहा ,‘‘आजकल युवा सोशल मीडिया पर ज्यादा रहते हैं । हमने भारत के आठ ओलंपिक स्वर्ण जीतने की कहानियां सुनी थी लेकिन आजकल सब आंखों के सामने देखना चाहते हैं । हमने ओलंपिक पदक जीता तो लोगों ने हॉकी को संजीदगी से लेना शुरू किया । हमने एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी जीती, एशियाड जीता तो युवाओं के लिये यह प्रेरणा हो गई कि वे हॉकी खेलें ।'' एशियाई खेलों में स्वर्ण का श्रेय टीमवर्क को देते हुए उन्होंने कहा ,‘‘हमारी टीम साद्या (केरल का पारंपरिक भोजन) जैसी है । जैसे साद्या में हर चीज की अपनी भूमिका होती है , उसी तरह टीम में सभी की अपनी भूमिका है जो उसे निभानी है।'' उन्होंने कहा ,‘‘एशियाई खेलों के रास्ते पेरिस ओलंपिक का सीधे टिकट कटाने से बहुत राहत महसूस हो रही है और अब हम तैयारियों पर फोकस कर सकेंगे । मैने क्वालीफायर की चुनौतियां देखी है और हम क्वालीफायर हारकर 2008 में बीजिंग ओलंपिक नहीं खेल सके थे । अब इन सबसे नहीं गुजरना होगा और पेरिस में पदक का रंग बदलने की कोशिश होगी ।
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नयी दिल्ली. चीन के हांगझोउ में हुए 19वें एशियाई खेलों को भारतीय खिलाड़ियों के पदकों की रिकॉर्ड संख्या तथा कई खेलों में पहली बार परचम लहराने के लिए याद रखा जायेगा। इन खेलों में कई ऐसे खिलाड़ी शामिल थे जिन्होंने अपनी स्पर्धा में पहली बार देश के लिए पदक जीता या कई दशकों के पदक के सूखे को खत्म कर देश और खुद को गौरवान्वित किया।
एथलेटिक्स:
अविनाश साबले (3000 मीटर स्टीपलचेज): साबले इन खेलों में 3000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। भारत को एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले 29 वर्षीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक ने आठ मिनट 19.50 सेकंड में दौड़ पूरी की। साबले ने इस दौरान इन खेलों के पहले के रिकॉर्ड आठ मिनट 22.79 सेकंड में सुधार किया।
पारुल चौधरी (5000 मीटर)--
पारुल ने महिलाओं की 5000 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह 5000 मीटर दौड़ में एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गयी। उन्होंने इसके साथ ही 3000 मीटर स्टीपलचेज में रजत पदक हासिल किया। मेरठ की 28 वर्षीय खिलाड़ी ने 5000 मीटर स्पर्धा में आखिरी 40 मीटर में जापान की रिरिका हिरोनका को पछाड़ कर पीला तमगा हासिल किया। उन्होंने इस दौरान 15 मिनट 14.75 सेकंड का समय लिया।
अन्नू रानी (भाला फेंक)--
इस खिलाड़ी ने सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की भाला फेंक में शीर्ष पुरस्कार हासिल किया। वह 62.92 मीटर के प्रयास के साथ भाला फेंक में एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। यह एशियाई खेलों में उनका दूसरा पदक था । अन्नू ने 2014 सत्र में कांस्य पदक जीता था।
बैडमिंटन--
एच एस प्रणय ने पुरुष एकल जबकि सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने इन खेलों के पुरुष युगल में पदक के 41 साल के सूखे को खत्म किया। इससे पहले सैयद मोदी ने 1982 ने पुरुष एकल में और लेरोय डी'सा तथा प्रदीप गांधी की पुरुष युगज जोड़ी ने अपनी-अपनी स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीता था। चिराग और सात्विक की जोड़ी ने एशियाई खेलों में बैडमिंटन में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता। पुरुष टीम ने 1986 के बाद पहली बार रजत पदक जीता।
टेबल टेनिस--
सुतीर्था मुखर्जी और अयहिका मुखर्जी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। उत्तर कोरिया के खिलाफ सेमीफाइनल में हार के बाद इस जोड़ी को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा लेकिन इससे पहले क्वार्टर फाइनल में भारतीय जोड़ी ने चीन मेंग चेन और यिडी वांग की शीर्ष रैंकिंग की जोड़ी को हराकर बड़ा उलटफेर किया।
निशानेबाजी--
मनीषा कीर, राजेश्वरी कुमारी और प्रीति रजक की टीम ने महिलाओं की स्कीट में एशियाई खेलों में भारत का पहला रजत पदक जीता। अनंतजीत सिंह नरुका ने भी पुरुषों की स्कीट व्यक्तिगत स्पर्धा में देश के लिए पहला रजत पदक जीतकर भारतीय खेल के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। युवा सिफ्ट कौर समरा महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनी।
कैनोइंग--
अर्जुन सिंह और सुनील सिंह सलाम ने पुरुषों की कैनो युगल 1000 मीटर स्पर्धा में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर एशियाई खेलों में इस स्पर्धा में भारत को अब तक का दूसरा पदक दिलाया। इससे पहले 1994 के हिरोशिमा एशियाई खेलों में सीजी सदानंदन और जॉनी रोमेल ने इसी स्पर्धा में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था।
तीरंदाजी--
भारतीय पुरुष और महिला रिकर्व टीमों ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता कर तीरंदाजी में 13 साल के पदक का इंतजार खत्म किया। यह 2010 के एशियाई खेलों के बाद इस स्पर्धा में भारत का पहला पदक था। अंकिता भक्त, सिमरनजीत कौर और भजन कौर की महिला रिकर्व टीम ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वियतनाम को हराकर कांस्य पदक जीता। महिला टीम के बाद अतनु दास, तुषार शेल्के और धीरज बोम्मदेवरा की तिकड़ी भी पुरुषों के फाइनल में दक्षिण कोरिया से हारकर रजत पदक लेकर लौटी।
घुड़सवारी--
सुदीप्ति हजेला, दिव्यकृति सिंह, विपुल हृदय छेदा और अनुष अग्रवाल की चौकड़ी ने एशियाई खेलों में ड्रेसेज टीम स्पर्धा में भारत के स्वर्ण पदक के सूखे को खत्म किया। यह घुड़सवारी में 41 वर्षों में भारत का पहला स्वर्ण पदक है। अनुश अग्रवाल ने खेलों में ड्रेसेज प्रतियोगिता में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत पदक, कांस्य पदक जीता।
पाल नौकायन--
विष्णु सरवनन पाल नौकायन की पुरुष डिंगी आईएलसीए 7 स्पर्धा में कांस्य के तौर पर देश का पहला पदक जीता।
सेपकटकरॉ स्पर्धा--
भारत ने खेलों में महिला सेपकटकरॉ में अपना पहला पदक जीता। इसमें महिला रेगु टीम ने कांस्य पदक जीता था। गोल्फ--
ओलंपियन अदिति अशोक ने रजत पदक जीता और गोल्फ में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। - हांगझोउ ।हांगझोउ एशियाई खेलों में रिकॉर्ड पदक जीतने से उत्साहित भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी टी उषा ने रविवार को 2036 ओलंपिक की मेजबानी के सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया । भारत ने रविवार को खत्म हुए एशियाई खेलों में 28 स्वर्ण समेत 107 पदक जीते । पिछली बार भारत ने 70 पदक जीते थे । उषा ने कहा ,‘‘ हांगझोउ एशियाई खेलों में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन के बाद अगर हमारे देश के खिलाड़ी, कोच और राष्ट्रीय महासंघ कड़ी मेहनत करें तो हम पेरिस ओलंपिक में दोहरे अंक में पदक जीत सकते हैं ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ सरकार भारतीय खेलों और खिलाड़ियों की बेहतरी के लिये हरसंभव प्रयास कर रही है । हमारे प्रधानमंत्री देश के खेलों में काफी रूचि लेते हैं ।''उषा ने कहा कि अब भारत को ओलंपिक की मेजबानी का दावा करना चाहिये ।उन्होंने कहा ,‘‘ हमें 2023 ओलंपिक की मेजबानी का दावा करना चाहिये । मुझे यकीन है कि भारत पेरिस ओलंपिक में तोक्यो से अधिक पदक जीतेगा । पदक जीतने के बाद हम ओलंपिक की मेजबानी का दावा कर सकते हैं ।'' सरकार 15 से 17 अक्टूबर तक मुंबई में होने वाले अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सत्र के दौरान 2036 ओलंपिक की मेजबानी में रूचि जता सकती है । आईओसी के हालिया सुधारों के बाद अब ओलंपिक की मेजबानी के इच्छुक देश अपना प्रस्ताव रखेंगे और आईओसी भावी मेजबान आयोग कार्यकारी बोर्ड के सामने अपनी अनुशंसा रखेगा । कार्यकारी बोर्ड उसके बाद तय करेगा कि आईओसी सत्र में प्रस्ताव मतदान के लिये रखा जायेगा या नहीं ।उषा ने कहा कि एशियाड में भारत के सौ से अधिक पदक जीतने से वह हैरान नहीं है ।उन्होंने कहा ,‘‘ मैं खुद खिलाड़ी रही हूं और मुझे शुरू से पता था कि भारत हांगझोउ में 100 से अधिक पदक जीतेगा । मैं इससे बिल्कुल हैरान नहीं हूं ।'' उषा ने कहा ,‘‘ सभी ने इसके लिये काफी मेहनत की है । खिलाड़ी हों, कोच , सहयोगी स्टाफ या अधिकारी । सरकार ने पूरा सहयोग किया । ट्रैक और फील्ड एथलीट होने के कारण मुझे खुशी है कि हमने इस खेल में 29 पदक जीते ।''
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एशियाई खेलों में भारतीय एथलीटों के 107 पदक जीतने को ‘‘ऐतिहासिक उपलब्धि'' बताया और कहा कि खिलाड़ियों के अटूट संकल्प तथा कड़ी मेहनत ने देश को गौरवान्वित किया है। भारतीय खिलाड़ियों ने पिछले एक पखवाड़े में अपनी कड़ी मेहनत से एशियाई खेलों में 107 पदकों के जादुई आंकड़े को छुआ। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘एशियाई खेलों में भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि! पूरा देश इस बात से बेहद खुश है कि हमारे अद्भुत खिलाड़ी अब तक के सर्वाधिक 107 पदक लेकर आए हैं, जो पिछले 60 साल में सबसे अच्छा प्रदर्शन है।'' उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ियों के अटूट संकल्प, अथक भावना और कड़ी मेहनत ने देश को गौरवान्वित किया है। मोदी ने कहा, ‘‘उनकी जीत ने हमें यादगार क्षण दिए हैं, हमें प्रेरित किया है और उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।'' भारतीय खिलाड़ियों ने हांगझोउ में 107 पदक के साथ नया रिकॉर्ड कायम किया। खिलाड़ियों के जहन में यह आंकड़ा कम से कम 2026 में जापान के आइची-नागोया में होने वाले अगले खेलों तक जरूर रहेगा। भारत ने हांगझोउ में 28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य पदक जीते हैं।
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नयी दिल्ली. उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ विश्वकर्मा और तेलंगाना की रश्मिका एस भामिदिपति ने शनिवार को यहां फेनेस्टा ओपन राष्ट्रीय टेनिस चैंपियनशिप में क्रमशः पुरुष और महिला एकल खिताब जीते। सिद्धार्थ ने हरियाणा के करण सिंह को 4-6, 6-3, 6-4 से, जबकि रश्मिका ने गुजरात की गत चैंपियन वैदेही चौधरी को 6-4, 4-6, 7-6 से हराया। उत्तर प्रदेश के रुशिल खोसला ने महाराष्ट्र के समर्थ साहिता को सीधे सेटों में 6-3, 6-3 से हराकर लड़कों का अंडर-18 जबकि महाराष्ट्र की ऐश्वर्या जाधव ने सुहिता मारुरी (कर्नाटक) को 6-3, 1-6, 6-3 से पराजित करके लड़कियों के अंडर-18 का एकल खिताब जीता।
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नई दिल्ली आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में, आज भारत अपना पहला मैच ऑस्ट्रेलिया के साथ खेलेगा। यह मैच चेन्नई के एम. ए. चिदम्बरम् स्टेडियम में दोपहर बाद दो बजे से खेला जायेगा।प्रतियोगिता में, कल नई दिल्ली में खेले गए मैच में दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका को 102 रन से हरा दिया। दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 5 विकेट पर 428 रन बनाए जो विश्व कप में किसी भी टीम का सर्वाधिक स्कोर है। जवाब में, श्रीलंका की टीम 45 वें ओवर में 326 रन पर सिमट गई। कल एक अन्य मुकाबले में, धर्मशाला में, बांग्लादेश ने अफगानिस्तान को 6 विकेट से हरा दिया।
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नयी दिल्ली. अपना शानदार प्रदर्शन बरकरार रखते हुए प्रतिभाशाली बैडमिंटन खिलाड़ी आयुष शेट्टी ने अमेरिका के स्पोकेन में चल रही विश्व जूनियर चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में प्रवेश करके पदक पक्का कर लिया । आयुष ने जापान के यडाइ ओकिमोतो को 21 . 16, 21 . 17 से हराया । अब उनका सामना इंडोनेशिया के चौथी वरीयता प्राप्त अल्वी फरहान से होगा । लड़कियों के वर्ग में तारा शाह को आठवीं वरीयता प्राप्त चीन की शू वेन जिंग ने 21 . 17, 21 . 6 से मात दी । -
हांगझोउ. भारत की अनुभवी कंपाउंड तीरंदाज ज्योति सुरेखा वेन्नम और ओजस देवताले ने स्वर्ण पदकों की हैट्रिक लगाई और इसके साथ ही भारतीय तीरंदाजों ने इन एशियाई खेलों में रिकॉर्ड नौ पदक अपनी झोली में डाल लिये । कंपाउंड तीरंदाजों ने सभी पांच पदक जीतकर कोरिया का दबदबा तोड़ा । वहीं अभिषेक वर्मा को रजत और अदिति स्वामी को कांस्य पदक मिला । रिकर्व तीरंदाजों ने शुक्रवार को दो पदक जीते थे जो ओलंपिक खेल में 13 साल में पहली बार हुआ है । इससे पहले भारत ने इंचियोन में 2014 में हुए खेलों में तीन पदक जीते थे । वहीं जकार्ता में टीम ने दो रजत जीते थे । मौजूदा विश्व चैम्पियन अदिति स्वामी ने कांस्य पदक के एकतरफा प्लेआफ मुकाबले में इंडोनेशिया की रातिह जिलिजाती एफ को हराया । बर्लिन में दो महीने पहले विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीतने वाली 17 वर्ष की अदिति ने 146 . 140 से जीत दर्ज की । बाद में ज्योति ने दक्षिण कोरिया की सो चाएवोन को 149 . 145 से हराकर तीसरा स्वर्ण जीता । वह मिश्रित युगल और महिला टीम वर्ग का स्वर्ण जीत चुकी है। ज्योति ने कहा ,‘‘ मेरे पास शब्द नहीं है। इतने जज्बात उमड़ रहे हैं । मुझे सोचने के लिये समय लगेगा ।'' वहीं गुरू और शिष्य के मुकाबले में 21 वर्ष के विश्व चैम्पियन देवताले ने 34 वर्ष के अभिषेक वर्मा को 149 . 147 से हराया । बर्लिन में विश्व खिताब जीतने वाले देवताले पुरूष टीम और मिश्रित युगल स्वर्ण जीत चुके हैं । देवताले ने कहा, यह मेरे पहले एशियाई खेल थे और मैने सभी तीन स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते । और क्या चाहिये । सपने जैसा लग रहा है । उन्होंने कहा , यह सभी की मेहनत है । हमारी सरकार ने मदद की । परिवार और कोचों ने काफी मदद की ।
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नयी दिल्ली. भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा के पास खिताबों की भरमार है लेकिन ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता इस खिलाड़ी का मानना है कि वह अभी तक अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाये हैं। उनका लक्ष्य 90 मीटर की दूरी तय कर लगातार इसे हासिल करना है। वह अगले साल के पेरिस खेलों के लिए तैयार हैं। हरियाणा के 25 वर्षीय खिलाड़ी ने मौजूदा सत्र में अधिकांश समय कमर में खिंचाव के बाद भी अगस्त में बुडापेस्ट में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता। वह सितंबर में डायमंड लीग फाइनल में दूसरे स्थान पर रहे। इस सप्ताह हांगझोउ में 88.88 मीटर के थ्रो के साथ एशियाई खेलों के अपने स्वर्ण का बचाव करने में सफल रहे। उन्होंने ने मीडिया के साथ ऑनलाइन बातचीत में कहा, ‘‘ मुझे खुशी है कि मैंने खुद को आगे बढ़ाया और सत्र को सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ समाप्त किया। इस बात को लेकर आश्चर्य था कि अगर मैं फिट होता और अपनी तकनीक में 100 प्रतिशत होता तो मैं कितनी दूर तक भाला फेंक सकता था।'' उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे में मुझे खुद से यह जवाब ढूंढना होगा कि मैं क्या कर सकता हूं। मैं कौन सी मानसिकता बना सकता हूं कि मैं अपनी क्षमता हासिल कर सकूं, क्योंकि मुझे लगता है कि मैं अभी भी उससे बहुत दूर हूं।'' नीरज का कहना है कि विश्व चैंपियनशिप का ताज हासिल करना और चोटों के बावजूद सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ एशियाई खेलों में अपने स्वर्ण पदक की रक्षा करना सबसे संतोषजनक बात है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि मैंने विश्व चैंपियन का खिताब जीता और एशियाई खेलों के अपने स्वर्ण का बचाव किया। इसलिए सत्र वास्तव में अच्छा था। दूरी की बात करें तो मुझे लगा कि मैं और आगे जा सकता था।
- हांगझोउ,।भारत की पुरुष और महिला शतरंज टीमों ने शनिवार को वहां एशियाई खेलों में रजत पदक जीते। भारतीय महिला टीम ने अपने अंतिम दौर के मुकाबले में दक्षिण कोरिया को 4-0 से हराया।ग्रैंडमास्टर हरिका द्रोणावल्ली, अंतरराष्ट्रीय मास्टर वैशाली रमेशबाबू, अंतरराष्ट्रीय मास्टर वंतिका अग्रवाल और महिला ग्रैंडमास्टर सविता श्री बस्कर ने अपनी अपनी बाजियां आसानी से जीती। भारतीय महिला टीम ने इस तरह से 15 अंकों के साथ अपने अभियान का अंत किया। शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन ने 17 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता। भारतीय पुरुष टीम ने फिलीपींस के खिलाफ 3.5-0.5 की जीत के साथ अपना अभियान समाप्त किया। शीर्ष वरीयता प्राप्त अर्जुन एरिगैसी, विदित गुजराती और हरिकृष्ण पेंटाला ने अपनी अपनी बाजियां जीती जबकि आर प्रज्ञाननंदा ने अपनी बाजी ड्रॉ कराई। भारत स्वर्ण पदक विजेता ईरान के बाद दूसरे स्थान पर रहा।
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हांगझोऊ। एशियन गेम्स में भारत और ईरान के बीच कबड्डी का मुकाबला हुआ। इसे भारतीय टीम ने अपने नाम कर गोल्ड मेडल जीता। लेकिन मैच में भारी विवाद हुआ। मुकाबला खत्म होने में सिर्फ 65 सेकेंड बचे थे। मैच का स्कोर 28-28 था। इस समय भारतीय टीम के कप्तान पवन सेहरावत रेड करने के लिए जाते हैं। यह डू एंड डाई रेड था। यानी इसमें पवन को किसी भी कीमत पर पॉइंट लेना था। ईरानी डिफेंडर को टच करने की कोशिश में पवन लॉबी में चले गए। उनके बाद मैट पर मौजूद ईरान के 4 खिलाड़ी भी लॉबी में आ गए।
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नई दिल्ली। चीन में हांगचोओ एशियाई खेलों में भारत ने आज एक स्वर्ण, दो रजत और छह कांस्य सहित कुल नौ पदक जीते। इसके साथ ही भारत के कुल पदकों की संख्या 95 हो गई है।
अब की बार सौ पार के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय खिलाडि़यों का धमाकेदार प्रदर्शन बदस्तूर जारी है। इसी क्रम में पुरुष हॉकी में भारत ने जापान को 5-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। इसी के साथ भारत ने पेरिस ओलंपिक के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है।तीरदांजी में आज पुरूषों की रिकर्व टीम स्पर्धा में भारत को रजत पदक मिला है। फाइनल में अतनु दास, धीरज बोम्मादेवड़ा और तुषार प्रभाकर शेल्के की टीम को कोरिया से 1-5 से हार का सामना करना पड़ा। पुरूषों की ब्रिज टीम स्पर्धा में भारत को रजत पदक मिला। तीरंदाजी में महिला रिकर्व टीम स्पर्धा में भारत ने कांस्य पदक जीता। अंकिता भकत, भजन कौर और सिमरनजीत कौर की टीम ने वियतनाम की टीम को 6-2 से हराकर ये उपलब्धि हासिल की। बैंडमिंटन के पुरूष सिंगल्स में एच. एस. प्रणॉय को कांस्य पदक मिला। सेमीफाइनल में प्रणॉय को चीन के ली शिफेंग से पराजय का सामना करना पड़ा।भारत के चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रेंकी रेड्डी की जोड़ी पुरूष डबल्स के फाइनल में पहुंच गई है। सेमीफाइनल में भारतीय जोड़ी ने मलेशिया के आरोन चिया और शो वी की जोड़ी को हराया। सेपक टकरा में महिला टीम को कांस्य पदक मिला।महिला कुश्ती में सोनम ने 62 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य प्राप्त किया है। महिलाओं की 76 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में भारत की किरण ने मंगोलिया की पहलवान को हराकर कांस्य पदक जीता। अमन ने जापान के पहलवान को हराकर भारत के लिए एक और कांस्य पदक जीता। बजरंग पुनिया को हार का सामना करना पड़ा।क्रिकेट में भारत ने बांग्लादेश को नौ विकेट से हराकर फाइनल में जगह बना ली है। महिला कबड्डी में भारत ने नेपाल को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। पुरूष कबड्डी के सेमीफाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर फाइनल में जगह बना ली है।भारत 22 स्वर्ण, 34 रजत और 39 कांस्य सहित कुल 95 पदक जीतकर चौथे स्थान पर है। एशियाई खेलों में भारत का अब तक यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। -
नई दिल्ली।. कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल की मदद से भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने गत चैम्पियन जापान को एकतरफा फाइनल में 5 . 1 से हराकर एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता और पेरिस ओलंपिक के लिये भी क्वालीफाई कर लिया। तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारत ने नौ साल बाद एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता है।
फाइनल मुकाबले में भारत ने जापान को 5-1 से दी मातभारत के लिये हरमनप्रीत सिंह (32वां और 59वां मिनट), अभिषेक (48वां मिनट), अमित रोहिदास (36वां) और मनप्रीत सिंह (25वां) ने गोल किये। जापान के लिये एकमात्र गोल एस तनाका ने 51वें मिनट में दागा। पहले क्वार्टर में दोनों टीमों ने रक्षात्मक खेल दिखाया। भारत को 15वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन अमित रोहिदास की फ्लिक सीधे जापान के गोलकीपर के सामने गई।दूसरा क्वार्टर पूरी तरह से भारत के नाम रहादूसरे क्वार्टर में भारतीयों ने लगातार हमले बोले जिसका फायदा तीसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला लेकिन इस बार भी रोहिदास निशाना चूक गए। भारत का खाता 25वें मिनट में मनप्रीत ने खोला। ललित उपाध्याय सर्कल के भीतर गेंद लेकर गए और नीलाकांता शर्मा को सौंपी जिन्होंने सर्कल पर खड़े मनप्रीत को गेंद थमाई और उन्होंने सटीक निशाना साधकर गेंद गोल के भीतर डाल दी।मैदानी अंपायर ने उछाल के कारण गोल अमान्य करार दिया लेकिन भारत ने वीडियो रेफरल लिया और फैसला भारतीय टीम के पक्ष में रहा। भारत ने तीसरे क्वार्टर में पेनल्टी कॉर्नर पर दो गोल दागे। हरमनप्रीत ने 32वें मिनट में और रोहिदास ने चार मिनट बाद ये गोल किये। चौथे क्वार्टर में अभिषेक ने तीसरे मिनट में और हूटर से एक मिनट पहले हरमनप्रीत ने गोल करके भारत की शानदार जीत तय कर दी। - हांगझोउ. सात बार की चैंपियन भारत की पुरुष कबड्डी टीम ने गुरुवार को यहां ग्रुप ए में चीनी ताइपे को 50-27 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई और एशियाई खेलों में पदक सुनिश्चित किया। इस जीत से भारत अंक तालिका में शीर्ष पर पहुंच गया है जबकि चीनी ताइपे की टीम दूसरे स्थान पर चल रही है। कबड्डी में 2010 ग्वांगझू एशियाई खेलों से सेमीफाइनल में हारने वाली दोनों टीमों को कांस्य पदक दिया जाता है। भारत ने चार बार विरोधी टीम को ‘ऑल आउट' किया जबकि उसके रेडर ने चार बोनस अंक जुटाए।पहले हाफ के बाद भारतीय टीम ने 28-12 की बढ़त बनाई। भारतीय टीम ने दूसरे हाफ में चीनी ताइपे के 15 अंक के मुकाबले 22 अंक जुटाकर जीत सुनिश्चित की। चीनी ताइपे की टीम ने दूसरे हाफ में एक बार भारतीय टीम को ऑल आउट भी किया।भारत गुरुवार को ही अपने अंतिम ग्रुप मैच में जापान से भिड़ेगा।
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हांगझोउ. भारत के शीर्ष एकल खिलाड़ी एचएस प्रणय ने गुरुवार को यहां मलेशिया के ली झी जिया को तीन गेम तक चले रोमांचक क्वार्टर फाइनल में हराकर भारत के लिए 41 साल बाद बैडमिंटन का पुरुष एकल का पदक सुनिश्चित किया लेकिन महिला एकल में पीवी सिंधू को हार का सामना करना पड़ा। कमर की चोट कारण पट्टी (टेप) बांधकर खेल रहे दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी प्रणय ने दुनिया के 16वें नंबर के खिलाड़ी जिया को 78 मिनट चले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 21-16 21-23 22-20 से हराया और मौजूदा खेलों में बैडमिंटन में भारत का दूसरा पदक सुनिश्चित किया। भारत ने पिछले रविवार को पुरुष टीम चैंपियनशिप का रजत पदक जीता था।
प्रणय ने मैच के बाद कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मुकाबला काफी कड़ा था। ली हमेशा एक कड़ा प्रतिद्वंद्वी रहा है। आज मेरे लिए यह बहुत ही थकाने वाला मुकाबला था।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं बिल्कुल भी ऐसी स्थिति में नहीं हूं जहां मैं कह सकूं कि मैं 80 प्रतिशत ठीक हूं। लेकिन मुझे लगता है कि ऐसा कुछ करने के लिए मैं खुद को काफी श्रेय दूंगा। मुझे लगता है कि लड़ने की इच्छा हमेशा से थी और इसका फायदा मिला।'' प्रणय का पदक नयी दिल्ली 1982 खेलों में सैयद मोदी के कांस्य के बाद एशियाई खेलों की पुरुष एकल स्पर्धा में भारत का पहला पदक है। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता प्रणय चीन के खिलाफ टीम चैंपियनशिप फाइनल में पीठ की चोट के कारण नहीं खेले थे। इस मुकाबले में 2-3 की हार के साथ भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। प्रणय ने कहा, ‘‘इसका मुझ पर असर हो रहा था। लेकिन खेल ऐसा ही है। आप रोजाना अपना शत प्रतिशत नहीं दे सकते। लेकिन आपको 60 या 70 प्रतिशत देने की स्थिति में भी मैच जीतना सीखना होगा। मुझे लगता है कि आज ऐसा दिन था जब मुझे ऐसा करना पड़ा।'' थकान से जूझते हुए प्रणय ने निर्णायक गेम में दो मैच प्वाइंट बचाए और लगातार चार अंक के साथ गेम और मैच जीत लिया। इससे पहले दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधू क्वार्टर फाइनल में चीन की ही बिंगजियाओ के खिलाफ सीधे गेम में शिकस्त के साथ एशियाई खेलों से बाहर हो गईं। दुनिया की 15वें नंबर की खिलाड़ी सिंधू को दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी बिंगजियाओ के खिलाफ 47 मिनट में 16-21, 12-21 से हार का सामना करना पड़ा। प्रणय ने मैच के दौरान गजब की जुझारू क्षमता दिखाई। पहले गेम में 5-11 से पिछड़ने के बावजूद प्रणय ने वापसी करते हुए पहला गेम जीता। प्रणय को दूसरे गेम में दो मैच प्वाइंट मिले लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाए और मलेशिया के खिलाड़ी ने गेम जीतकर मुकाबले को तीसरे और निर्णायक गेम में खींच दिया। तीसरे गेम में प्रणय शुरुआत में 2-4 से पिछड़ गए। भारतीय खिलाड़ी ने मलेशिया के खिलाड़ी को रैली में उलझाने की कोशिश की लेकिन उनकी फिनिशिंग अच्छी नहीं रही जिसका ली ने फायदा उठाया। ली ने 7-4 की बढ़त बनाई। ली ने इसके बाद कुछ गलतियां की जिसका फायदा उठाकर प्रणय ने ब्रेक तक 11-10 की बढ़त बनाई।प्रणय ने लंबी रैली के बाद शानदार नेट शॉट से बढ़त 13-10 की जिसे उन्होंने 15-13 तक पहुंचाया। ली ने वापसी करते हुए स्कोर 16-16 किया। कमर के दर्द से जूझ रहे प्रणय ने इसके बाद मेडिकल टाइम आउट लिया।ली ने इसके बाद दमदार स्मैश से दो मैच प्वाइंट हासिल किए। भारतीय खिलाड़ी ने दो क्रॉस शॉट के साथ स्कोर 20-20 किया। उन्होंने इसके बाद एक मैच प्वाइंट हासिल किया और सटीक स्मैश के साथ गेम और मैच जीत लिया। सिंधू ने तोक्यो ओलंपिक में बिंगजियाओ को ही सीधे गेम में हराकर कांस्य पदक जीता था लेकिन चीन की खिलाड़ी ने अपनी सरजमीं पर जीत के साथ बदला चुकता किया और भारतीय खिलाड़ी से पिछले दो एशियाई खेलों के पदक के रंग को बेहतर करने का मौका छीन लिया। सिंधू ने 2014 इंचियोन और 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में क्रमश: कांस्य और रजत पदक जीता था।दोनों खिलाड़ियों ने पहले गेम में अच्छी शुरुआत की लेकिन बिंगजियाओ ने जल्द ही 9-5 की बढ़त बना ली।सिंधू को कोर्ट में मूवमेंट को लेकर जूझना पड़ रहा था। बिंगजियाओ ने भारतीय खिलाड़ी को पूरे कोर्ट पर दौड़ाया और फिर सटीक शॉट के साथ अंक जुटाए। चीन की खिलाड़ी ने पहला गेम 23 मिनट में जीता। दूसरे गेम में भी सिंधू जूझती दिखी। बिंगजियाओ ने 5-1 की बढ़त बनाई। सिंधू की गलतियों पर चीन की खिलाड़ी ने दमदार स्मैश से कई अंक जुटाए। सिंधू ने हालांकि वापसी करते हुए स्कोर 8-9 किया लेकिन बिंगजियाओ ने लगातार तीन अंक के साथ 12-8 की बढ़त बना ली। चीन की खिलाड़ी को इसके बाद गेम और मैच जीतने में कोई परेशानी नहीं हुई। - हांगझोउ। सात बार के चैंपियन भारत ने बुधवार को यहां एशियाई खेलों की पुरुष कबड्डी प्रतियोगिता के ग्रुप ए में थाईलैंड के खिलाफ 63-26 की आसान जीत दर्ज की। जकार्ता में 2018 में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम की नजरें एक बार फिर एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक पर हैं। भारतीय टीम ने शानदार शुरुआत करते हुए मध्यांतर तक 37-9 की बढ़त बनाई।भारत ने मुकाबले की शुरुआत में कुछ मिनटों में ही थाईलैंड की टीम को पहली बार ‘ऑल आउट' कर दिया।भारत ने जल्द ही दूसरी बार भी थाईलैंड की टीम को ‘ऑल आउट' किया।थाईलैंड के प्रमोत साइसिंग अंतिम खिलाड़ी बचे थे और जब वे रेड के लिए गए तो भारतीय टीम ने तीसरी बार ‘ऑल आउट' किया। भारत ने दूसरे हाफ में चौथी बार थाईलैंड को ‘ऑल आउट' करके 53-17 की बढ़त बनाई।थाईलैंड ने दूसरे हाफ में वापसी की कोशिश की लेकिन भारत ने यह हाफ 26-17 से जीतकर मुकाबला अपने नाम किया। भारतीय पुरुष टीम ने मंगलवार को अपने पहले मैच में बांगलादेश को 55-18 से हराया था।
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हांगझोउ । भारतीय तीरंदाजों ज्योति सुरेखा वेन्नम और ओजस देवताले ने रोमांचक मुकाबले में बुधवार को यहां कजाखस्तान की जोड़ी को हराकर एशियाई खेलों की मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाकर पदक सुनिश्चित किया। भारतीय जोड़ी ने सेमीफाइनल में आदेल झेशेनबिनोवा और आंद्रे त्युत्युन की जोड़ी के खिलाफ एक बार नौ अंक को छोड़कर हर बार 10 अंक जुटाए। इससे पहले ज्योति और देवताले ने मलेशिया को 158-155 से हराकर सेमीफाइनल में जगह सुनिश्चित की थी।
कजाखस्तान की चौथी वरीय जोड़ी ने क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड को 154-152 से हराया था।क्वार्टर फाइनल में भारतीय जोड़ी ने ठोस शुरुआत करते हुए 40-39 की बढ़त बनाई लेकिन दूसरे चरण में भारत के दोनों खिलाड़ियों ने दो अंक गंवाए जिससे मोहम्मद जुवैदी बिन माजुकी और फातिन नूरफतेहाह मेट सालेह की मलेशिया की जोड़ी बराबरी हासिल करने में सफल रही। गत सीनियर विश्व चैंपियन देवताले बेहद मामूली अंतर से 10 अंक से चूक गए जिससे टीम की सीनियर साथी ज्योति पर दबाव आया गया। विश्व कप में कई बार की स्वर्ण पदक विजेता ज्योति भी इसके बाद चूक गई जिससे भारतीय जोड़ी ने दूसरा चरण 38-39 से गंवाया। भारतीय जोड़ी ने हालांकि शानदार जज्बा दिखाते हुए तीसरे चरण में सभी तीर 10 अंक पर लगाए। मोहम्मद जुवैदी ने दिन का अपना पहला अंक गंवाया जिससे भारत ने 118-117 से बढ़त बना ली। निर्णायक चौथे चरण में मलेशिया के तीरंदाजों को पहले मौका मिला और उन्होंने लगातार दो बार 10 अंक जुटाए। भारतीय जोड़ी ने भी दबाव के बाद दोनों निशाने 10 अंक पर लगाए। ज्योति का 10 अंक का निशाना इसके बाद निर्णायक साबित हुआ जब 32 साल की फातिन आठ अंक ही जुटा सकी और मलेशिया की जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा। - हांगझोउ। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता भारतीय खिलाड़ी पीवी सिंधू और एचएस प्रणय ने बुधवार को यहां एशियाई खेलों में सीधे गेम में जीत दर्ज करते हुए क्रमश: महिला और पुरुष एकल के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। पूर्व विश्व चैंपियन सिंधू ने प्री क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया की पुत्री कुसुमा वरदानी के खिलाफ 21-16 21-16 से आसान जीत दर्ज की। सिंधू क्वार्टर फाइनल में चीन की ही बिंगजियाओ से भिड़ेंगी। दो साल पहले तोक्यो ओलंपिक में भी उन्होंने चीन की इस खिलाड़ी को हराकर पदक से वंचित किया था। बिंगजियाओ ने नेपाल की रसीला महरजान को एकतरफा मुकाबले में 21-10 21-4 से हराया।प्रणय भी कजाखस्तान के दमित्री पनारिन के खिलाफ 21-12 21-13 की आसान जीत के साथ क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रहे। सिंधू ने शुरुआत से ही इंडोनेशिया की खिलाड़ी के खिलाफ दबदबा बनाया और रैली में शानदार प्रदर्शन किया। इस समय भारत के सर्वश्रेष्ठ एकल खिलाड़ी प्रणय भी शानदार लय में दिखे। वह चोट के कारण चीन के खिलाफ टीम स्पर्धा के फाइनल में नहीं खेल पाए थे। महिला युगल में हालांकि त्रीशा जॉली और गायत्री गोपीचंद को प्री क्वार्टर फाइनल में किम सोयिओंग और कांग ही योंग की कोरिया की जोड़ी ने कड़े मुकाबले में 21-15, 18-21, 21-13 से हराकर बाहर का रास्ता दिखाया। इससे पहले तनीषा क्रास्टो और साई प्रतीक कृष्ण प्रसाद की मिश्रित युगल जोड़ी को भी प्री क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के तोह यी वेई और चेन टेंग जेई की जोड़ी ने 21-18, 21-18 से हराया।
- हांगझोउ। भारतीय मुक्केबाज परवीन हुड्डा को बुधवार को यहां महिला 57 किग्रा सेमीफाइनल में दो बार की विश्व चैंपियन चीनी ताइपे की लिन यू टिंग के खिलाफ हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। विश्व चैंपियनशिप 2022 की कांस्य पदक विजेता परवीन को लिन ने 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से हराया।लंबाई में लिन से कम होने का भी परवीन को खामियाजा भुगतना पड़ा और वह चीनी ताइपे की खिलाड़ी को मुक्के जड़कर अंक जुटाने में नाकाम रहीं। पहले दौर में पिछड़ने के बाद परवीन ने दूसरे दौर में आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन 27 साल की लिन ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए भारतीय खिलाड़ी के प्रयासों को नाकाम कर दिया। परवीन को बीच-बीच में लिन को मुक्के जड़ने में सफलता भी मिली , लेकिन यह जीत दर्ज करने के लिए काफी नहीं था। तेइस साल की परवीन पहले ही अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल कर चुकी है।परवीन मौजूदा खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली चौथी भारतीय मुक्केबाज हैं।दो बार की विश्व चैंपियन निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा) और नरेंद्र बेरवाल (92 किग्रा से अधिक) को भी सेमीफाइनल में हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एशियाई खेलों में 71 पदक जीतकर भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर खुशी व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि खेलों में भारत अब पहले से कहीं अधिक चमक रहा है। प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि को पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बताया।उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘एशियाई खेलों में भारत पहले से कहीं अधिक चमक रहा है। 71 पदकों के साथ, हम अपने सर्वश्रेष्ठ पदक तालिका का जश्न मना रहे हैं, जो हमारे एथलीटों के अद्वितीय समर्पण, धैर्य और खेल भावना का प्रमाण है।'' उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक पदक कड़ी मेहनत और जुनून की जीवन यात्रा पर प्रकाश डालता है। पूरे देश के लिए गर्व का क्षण। हमारे एथलीटों को बधाई।'' हांगझोउ में भारतीय दल ने बुधवार को एशियाई खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 70 पदकों के पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया। भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जकार्ता और पालेमबांग में 2018 एशियाई खेलों में आया था जब देश के एथलीटों ने 16 स्वर्ण, 23 रजत और 31 कांस्य सहित 70 पदक जीते थे। file photo
- हांगझोउ। पारुल चौधरी ने शानदार दमखम का परिचय देते हुए महिला 5000 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता जबकि अनु रानी सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ महिला भाला फेंक स्पर्धा में शीर्ष पर रही जिससे भारत मंगलवार को यहां एशियाई खेलों की ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धाओं में छह पदक जीतने में सफल रहा। मंगलवार को दो स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक के साथ भारत मौजूदा खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धाओं में अब तक 22 पदक (चार स्वर्ण, 10 रजत और आठ कांस्य) जीत चुका है और इस तरह 2018 में 20 पदक के आंकड़े को पार कर चुका है। 1951 में पहले एशियाई खेलों में एथलेटिक्स में 34 पदक के बाद यह ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धाओं में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत की 28 वर्षीय पारुल अंतिम लैप में जापान की रिरिका हिरोनाका से पीछे चल रही थी लेकिन अंतिम 40 मीटर में उन्हें पछाड़कर 15 मिनट 14.75 सेकेंड के समय के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। पारुल इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। इससे पहले सुनीता रानी (1998 में रजत और 2002 में कांस्य), ओपी जैशा (2006 में कांस्य), प्रीजा श्रीधरन (2010 में रजत) और कविता (2010 में कांस्य) एशियाई खेलों की महिला 5000 मीटर स्पर्धा में पदक जीत चुके हैं। पारुल ने कहा, ‘‘मैंने कल (3000 मीटर स्टीपलचेज में) रजत पदक जीता और मैं थकी हुई थी इसलिए मैं केवल तीन घंटे सोई। मैं 3000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक नहीं जीत सकी इसलिए मैंने सोचा कि मैं आज अंत तक टक्कर दूंगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं 2016 से राष्ट्रीय शिविर में कड़ी मेहनत और ट्रेनिंग कर रही हूं।''पारुल का मौजूदा एशियाई खेलों में यह दूसरा पदक है। उन्होंने सोमवार को महिला 3000 मीटर स्टीपलचेज में भी रजत पदक जीता था। स्वर्ण जीतने के बद पारुल को उम्मीद है कि उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस उपाधीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राज्य उत्तर प्रदेश की नीति है कि अगर कोई स्वर्ण पदक जीतता है तो उसे पुलिस उपाधीक्षक बनाया जाएगा। यह मेरे मन में था।'' इसके बाद पूरे सत्र में खराब फॉर्म से जूझने वाली मेरठ की 31 साल की अनु अपने चौथे प्रयास में 62.92 मीटर के सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ एशियाई खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं। अनु का एशियाई खेलों का यह दूसरा पदक है। उन्होंने 2014 में कांस्य पदक जीता था।श्रीलंका की नदीशा दिल्हान और चीन की हुइहुइ ल्यु ने क्रमश: 61.57 मीटर और 61.29 मीटर के प्रयास के साथ रजत और कांस्य पदक जीते। अनु ने कहा, ‘‘मैं पूरे साल कोशिश कर रही थी लेकिन अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पा रही थी। मैं उदास और दबाव महसूस कर रही थी क्योंकि सरकार ने मुझे ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजने में बहुत पैसा खर्च किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह सत्र की मेरी आखिरी प्रतियोगिता थी और मैंने हार नहीं मानी। इसलिए मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ देने की ठान ली थी।'' उन्होंने खुलासा किया कि कई प्रतियोगिताओं में खराब प्रदर्शन के बाद वह खेल छोड़ने की कगार पर थीं लेकिन उन्होंने खुद को एक मौका देने के लिए ऐसा नहीं करने का फैसला किया। अनु ने कहा, ‘‘परिवार और देश की अपेक्षाएं थीं। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पा रही थी। पूरा सूत्र अच्छा नहीं रहा। बीच में मैं 54 मीटर का थ्रो भी कर रही थी और मैंने सोचा कि अगर मैं इतना बुरा कर रही हूं, तो मैं खेल छोड़ दूंगी। लेकिन मैंने खुद से कहा कि मैं इतनी जल्दी हार नहीं मानूंगी और अंत तक लड़ूंगी।''मोहम्मद अफजल ने पुरुषों की 800 मीटर दौड़ में एक मिनट 48.43 सेकेंड के साथ रजत पदक जीता। इसी स्पर्धा में कृष्ण कुमार डिस्क्वालीफाई हो गए। तेजस्विन शंकर ने पुरुष डेकाथलन स्पर्धा में 7666 अंक के राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ रजत पदक हासिल किया। इससे पहले वह 1500 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। भारत का एशियाई खेलों की पुरुष डेकाथलन स्पर्धा में 1974 के बाद यह पहला पदक है। विजय सिंह चौहान एशियाई खेलों की इस स्पर्धा में 1974 में पदक जीतने वाले पिछले भारतीय थे। पिछला राष्ट्रीय रिकॉर्ड भरतिंदर सिंह के नाम था जो 7658 अंक का था। तेजस्विन ने कहा, ‘‘मैं इससे बेहतर की उम्मीद कर रहा था लेकिन यह सोचकर संतुष्ट हूं कि गोला फेंक स्पर्धा के ठीक बाद मुझे ऐंठन हुई थी। उसके बाद कुल अंकों के बारे में चिंता करने के बजाय पदक जीतने के लिए खुद को प्रबंधित करना था। फिर भी मैं खुश हूं कि मैंने राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।'' प्रवीण चित्रावेल ने पुरुषों की त्रिकूद स्पर्धा में 16.68 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता। इसी स्पर्धा में एन अब्दुल्ला अबुबाकर 16.62 मीटर के प्रयास के साथ चौथे स्थान पर रहे। चीन के झू येमिंग (17.13 मीटर) और फेंग याओकिंग (16.93 मीटर) ने क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक जीता। इससे पहले विथ्या रामराज अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाने के बावजूद महिला 400 मीटर बाधा दौड़ स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने में सफल रही। पच्चीस साल की विथ्या ने 55.68 सेकेंड के समय के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। बहरीन की ओलुवाकेमी मुजिदात आदेकोया ने 54.45 सेकेंड के खेलों के रिकॉर्ड समय के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। चीन की जेदी मो ने 55.01 सेकेंड का सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता। विथ्या ने सोमवार को 55.52 सेकेंड के निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ 1984 में बनाए पीटी ऊषा के 400 मीटर बाधा दौड़ के राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी करके अपनी हीट में शीर्ष पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। विथ्या ने कहा, ‘‘मुझे पदक मिला और इसलिए मैं खुश हूं। लेकिन मैं अपने समय को लेकर निराश हूं। वार्म-अप के दौरान बारिश के कारण मुझे ठंड लग रही थी। मैंने खुद को ढक लिया। मैं कोई बहाना नहीं बना रही हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं थोड़ा दबाव में थी क्योंकि यह मेरा पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था। मानसिक दबाव था। मैंने गलतियां कीं।'' विथ्या ने कहा,‘‘शुरुआती 200 मीटर में मैं अच्छा प्रदर्शन करता थी लेकिन आज मेरे से गलती हो गई। मैंने 54 सेकेंड में दौड़ने का अभ्यास किया और हीट में राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की। मैं अगले साल राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दूंगी।'' विथ्या भारत की चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टीम का भी हिस्सा थी जिसने सोमवार को श्रीलंका के ‘लेन के उल्लंघन' के कारण डिस्क्वालीफाई होने के बाद रजत पदक जीता। टीम के अन्य सदस्य मोहम्मद अजमल वरियाथोडी, राजेश रमेश और सुभा वेंकटेशन थे। पुरुष 400 मीटर बाधा दौड़ फाइनल में यशास पी (49.39 सेकेंड) और संतोष कुमार (49.41 सेकेंड) क्रमश: पांचवें और छठे स्थान पर रहे। महिला ऊंची कूद फाइनल में पूजा और रूबिना यादव ने अपने अभियान का अंत क्रमश: छठे और नौवें स्थान के साथ किया।







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