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- नयी दिल्ली. खाद्य तेलों के अधिक आयात की वजह से वनस्पति तेल का आयात मार्च में 13 प्रतिशत बढ़कर 11 लाख टन से अधिक हो गया। खाद्य तेल उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने कहा कि मार्च, 2022 में 11,04,570 टन (खाद्य तेल और अखाद्य तेल सहित) का आयात हुआ, जबकि मार्च, 2021 में यह 9,80,243 टन रहा था। मार्च, 2022 में खाद्य तेल का आयात बढ़कर 10,51,698 टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 9,57,633 टन था। वहीं अखाद्य तेल का आयात समीक्षाधीन अवधि के दौरान 22,610 टन से बढ़कर 52,872 टन हो गया। तेल वर्ष 2021-22 नवंबर, 2021-मार्च, 2022 के पहले पांच महीनों के दौरान वनस्पति तेलों का कुल आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 53,75,003 टन की तुलना में बढ़कर 57,95,728 टन हो गया। तेल वर्ष 2021-22 के पहले पांच महीनों के दौरान, रिफाइंड खाद्य तेल का आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 24,101 टन से तेज वृद्धि को दर्शाता 7,71,268 टन हो गया। कच्चे खाद्य तेल का आयात 52,16,225 टन से घटकर 48,71,650 टन रह गया। एसईए ने कहा, ‘‘नवंबर 2021-मार्च 2022 के दौरान, पाम तेल का आयात घटकर 26,53,253 टन रह गया जो नवंबर 2020-मार्च 2021 के दौरान 30,90,559 टन रहा था। दूसरी ओर हल्के तेल का आयात नवंबर, 2020 से मार्च, 2021 के 21,49,767 टन से बढ़कर 29,89,665 टन हो गया। इसका मुख्य कारण सोयाबीन तेल का अधिक आयात होना था।'' एसोसिएशन ने कहा कि पिछले महीने के दौरान 2,12,000 टन सूरजमुखी तेल पोतों पर आया। इस आयात की खेप रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष शुरू होने के पहले ही भारत के लिए रवाना हो चुकी थी। यह आयात मुख्य रूप से यूक्रेन (1,27,000 टन), रूस (73,500 टन) और अर्जेंटीना (11,900 टन) से हुआ। एसईए ने कहा, ‘‘हालांकि, अप्रैल 2022 में यूक्रेन से कोई निर्यात खेप नहीं आने के कारण, सूरजमुखी तेल का आयात घटकर लगभग 80,000 टन ही रह सकता है।
- नयी दिल्ली. वाहन सुरक्षा समूह ग्लोबल एनसीएपी ने हुंदै मोटर इंडिया की मध्यम आकार की एसयूवी क्रेटा और प्रीमियम हैचबैक आई20 को दुर्घटना परीक्षण के बाद वयस्क सुरक्षा की दृष्टि से पांच में से तीन सितारा (थ्री-स्टार) रेटिंग दी है। वहीं, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) की अर्बन क्रूजर को चार-सितारा सुरक्षा रेटिंग मिली है।वाहनों को उनकी सुरक्षा खूबियों के आधार पर शून्य से पांच तक की रेटिंग दी जाती है। उच्च रेटिंग वाले वाहनों को उनमें यात्रा करने वाले लोगों की दृष्टि से अधिक सुरक्षित माना जाता है। ग्लोबल एनसीएपी ने एक बयान में कहा कि उसने क्रेटा और आई20 के मूल संस्करणों का परीक्षण किया। इन वाहनों में आगे दो एयरबैग और एसबीएस है। मध्यम आकार की एसयूवी की संरचना को अस्थिर पाया गया। इसमें दुर्घटना की स्थिति में चालक के पैर के निचले हिस्से में चोट का जोखिम है। ग्लोबल एनसीएपी के महासचिव एलेजांद्रो फुरास ने कहा, ‘‘हालांकि, इन वाहनों की कुल रेटिंग संतोषजनक है। लेकिन हुंदै और टोयोटा जैसी कंपनियों द्वारा ईएससी, साइड बॉडी और सिर की सुरक्षा के उपाय करने की अनिच्छा निराशाजनक है।'' ग्लोबल एनसीएपी टुवर्ड्स जीरो फाउंडेशन का एक प्रमुख कार्यक्रम है। यह संयुक्त राष्ट्र के ‘सड़क सुरक्षा कार्रवाई का दशक' के समर्थन में काम कर रहा है।
- मुंबई. विदेशी बाजारों में डॉलर की मजबूती और कमजोर वृहद आर्थिक आंकड़ों के कारण विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया तीन पैसे की गिरावट दर्शाता 76.18 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 76.15 के भाव पर खुला। कारोबार के दौरान यह 76.26 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक चला गया। अंत में यह अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले तीन पैसे की गिरावट के साथ 76.18 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 24 पैसे की गिरावट के साथ 76.15 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.13 प्रतिशत की तेजी के साथ 100.42 पर कारोबार कर रहा था। अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मंगलवार को जारी किया गया जो दर्शाता है कि मार्च में अमेरिका में मुद्रास्फीति चार दशक के उच्चतम स्तर 8.50 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है। वहीं, तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 237.44 अंक घटकर 58,338.93 अंक पर बंद हुआ।वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.46 प्रतिशत बढ़कर 105.12 डॉलर प्रति बैरल हो गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने मंगलवार को 3,128.39 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- मुंबई. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) ने बुधवार को कहा कि वह चालू वित्त वर्ष में 100 व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्गों पर 100 तेज इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग गलियारे बनाने के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इन गलियारों में 2,000 स्टेशन होंगे। बीपीसीएल के कार्यकारी निदेशक (खुदरा) बी एस रवि ने बुधवार को बताया कि कंपनी ने हाल ही में चेन्नई-त्रिची मदुरै राजमार्ग पर पहला ईवी चार्जिंग गलियारा खोला है जिस पर एक चार्जिंग इकाई है। उन्होंने कहा कि अगला गलियारा राष्ट्रीय राजमार्ग 47 पर कोच्चि-सालेम खंड में अगले दो महीने के भीतर बनाया जाएगा। रवि ने बताया कि चार्जिंग इकाई को यदि अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर की जरूरत नहीं पड़ती है, तो यह सात से 12 लाख रुपये में तैयार हो जाएगा और यहां पर आराम कक्ष, खान-पान के ठिकाने समेत अन्य सुविधाएं होंगी। ट्रांसफॉर्मर की जरूरत पड़ने पर इसकी लागत 25 लाख रुपये तक जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘लागत में इस अंतर को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में हमने 200 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। इसमें मार्च, 2023 तक 100 गलियारों पर 2,000 तेज चार्जिंग स्टेशन तैयार हो जाएंगे।'' दीर्घकालिक योजना के तौर पर कंपनी 2024-25 तक 7,000 तेज ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाना चाहती है। रवि ने बताया कि तीसरा गलियारा संभवत: मुंबई-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग-चार पर बनेगा और इसपर कई चार्जिंग इकाइयां होंगी।
- मुंबई. घरेलू शेयर बाजार बुधवार को शुरुआती बढ़त को गंवाते हुए लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुए। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली के साथ एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक में गिरावट से बीएसई सेंसेक्स 237 अंक के नुकसान में रहा। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में मजबूती के साथ खुला लेकिन बढ़त को बनाये रखने में विफल रहा और अंत में 237.44 अंक यानी 0.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,338.93 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 285.14 अंक तक नीचे आ गया था। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 54.65 अंक यानी 0.31 प्रतिशत नुकसान के साथ 17,475.65 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के तीस शेयरों में से एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक, मारुति, डॉ. रेड्डीज, एशियन पेंट्स, बजाज फिनसर्व, पावरग्रिड और कोटक बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में आईटीसी, सन फार्मा, हिंदुस्तान यूनीलिवर लि., भारतीय स्टेट बैंक और एनटीपीसी शामिल हैं। एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे के अनुसार, ‘‘पूरे कारोबार के दौरान निफ्टी में उतार-चढ़ाव बना रहा।'' इस बीच, मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति मार्च महीने में बढ़कर 17 महीने के उच्च स्तर 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गयी। खुदरा महंगाई दर का यह आंकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर है। वहीं औद्योगिक उत्पादन फरवरी में केवल 1.7 प्रतिशत बढ़ा। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की लाभ में जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट नुकसान में रहा। अमेरिकी शेयर बाजार मंगलवार को मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.56 प्रतिशत लाभ के साथ 105.23 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 3,128.39 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। शेयर बाजार महावीर जयंती और डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती के मौके पर बृहस्पतिवार को तथा गुड फ्राइडे के अवसर पर शुक्रवार को बंद रहेंगे।
- नयी दिल्ली। भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने मंगलवार को कहा कि उनकी कंपनी ने मुश्किल जंग लड़ी और इससे मजबूत होकर उभरी है। मित्तल ने ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि दूरसंचार उद्योग में पांच साल तक ‘तूफान' का दौर था। इस दौरान उद्योग की आमदनी घटी और कर्ज बढ़ा। ऐसे दौर में एयरटेल कठिन समय का मुकाबला करने के बाद एक मजबूत स्थिर संगठन के रूप में उभरी है। उन्होंने कहा कि पिछले चार-पांच साल में उद्योग का राजस्व नीचे आया और खर्च ऊंचा था। उन्होंने कहा, ‘‘एक भी साल ऐसा नहीं रहा है जब हमने तीन-चार अरब डॉलर खर्च नहीं किए हों। यह काफी पैसा है। इस उद्योग ने हर साल 20,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। मैं सिर्फ भारत की बात कर रहा हूं।
- मुंबई . टाटा मोटर्स समूह ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की मार्च तिमाही में उसकी वैश्विक थोक बिक्री सालाना आधार पर दो प्रतिशत बढ़कर 3,34,884 इकाई हो गई। इसमें जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) की बिक्री के आंकड़े भी शामिल हैं।कंपनी ने एक बयान में कहा कि टाटा मोटर्स के सभी वाणिज्यिक वाहनों और टाटा देवू रेंज की वैश्विक थोक बिक्री वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 1,22,147 इकाई थी, जो सालाना आधार पर 12 प्रतिशत अधिक है। टाटा मोटर्स ने कहा कि सभी यात्री वाहनों की वैश्विक थोक बिक्री इस दौरान सालाना आधार पर चार प्रतिशत घटकर 212,737 इकाई रह गई। समीक्षाधीन अवधि में जगुआर लैंड रोवर की वैश्विक थोक बिक्री 89,148 इकाई थी, जिसमें सीजेएलआर द्वारा वितरित 12,622 इकाइयां शामिल हैं।
- नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सीआईएल) का पूंजीगत व्यय या निवेश बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 12 प्रतिशत बढ़कर 14,834 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी का पूंजीगत खर्च 13,284 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि समूचा पूंजीगत निवेश आंतरिक स्रोतों के जरिये पूरा किया गया है। ‘‘मजबूत आधार की वजह से पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी हुई है।'' बयान के अनुसार कोल इंडिया का 2020-21 का पूंजीगत व्यय इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के 6,270 करोड़ रुपये के व्यय की तुलना में दोगुना हो गया। इसका मतलब है कि 2021-22 में पूंजीगत व्यय में वृद्धि मजबूत आधार की वजह से हुई। बीते वित्त वर्ष में कंपनी ने जमीन, भारी मशीनरी (एचईएमएम) की खरीद, कोयला रखरखाव संयंत्र की स्थापना, भंडारण सुविधा, कोयला परिवहन के लिए रेल ढांचे के सृजन पर यह राशि खर्च की है। कंपनी के कुल पूंजीगत व्यय में भूमि और एचईएमएम का हिस्सा 40 प्रतिशत यानी 5,867 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने जमीन के लिए 3,262 करोड़ रुपये खर्च किए। कोल इंडिया के लिए अपनी खुली (ओपनकास्ट) खानों से उत्पादन बढ़ाने के लिए जमीन अधिग्रहण महत्वपूर्ण है। कोल इंडिया की इकाई महानदी कोलफील्ड्स लि. (एमसीएल) की दो परियोजनाओं के लिए जमीन का अधिग्रहण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को अपने खनन परिचालन के विस्तार में मदद करेगा।
- नयी दिल्ली. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि पेटेंट दाखिल करने की संख्या वित्त वर्ष 2014-15 के 42,763 से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 66,440 हो गई। मंत्रालय ने कहा है कि सरकार द्वारा देश में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कदम उठाए गए हैं जिसकी वजह से पेटेंट आवेदनों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। मंत्रालय ने कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2014-15 में 5,978 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में 30,074 पेटेंट प्रदान किए, जो लगभग पांच गुना ज्यादा है। 2016 में पेटेंट की समीक्षा में जहां 72 महीनों का समय लगता था वह अब घटकर 5-23 महीने रह गया है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘पिछले 11 वर्षों में पहली बार, घरेलू पेटेंट दाखिल करने की संख्या ने जनवरी-मार्च, 2022 की तिमाही में भारतीय पेटेंट (आईपी) कार्यालय में अंतरराष्ट्रीय पेटेंट दाखिल करने के आंकड़े को पार कर लिया है।'' उन्होंने कहा कि उद्योग और आंतरिक व्यापार (डीपीआईआईटी) और आईपी कार्यालय को बढ़ावा देने के लिए विभाग के समन्वित प्रयासों से समाज के सभी वर्गों में जागरूकता बढ़ी है। इन प्रयासों से एक ओर आईपीआर फाइलिंग की संख्या में वृद्धि हुई है और दूसरी ओर पेटेंट आवेदनों के लंबित होने में कमी आई है।
- मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक ने नियामकीय अनुपालन में खामियों को लेकर चार सहकारी बैंकों पर कुल चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक की ओर से जारी चार अलग-अलग बयानों के अनुसार, यह जुर्माना अनुपालन की खामियों के लिए लगाया गया है। इसका मकसद बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल खड़ा करना नहीं है। रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के अंदरसुल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर डेढ़ लाख रुपये तथा महाराष्ट्र के अहमदपुर स्थित महेश अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थि नांदेड़ मर्चेंट कोऑपरेटिव बैंक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के शहडोल में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
- नयी दिल्ली। दूरसंचार नियामक ट्राई ने नवीनतम 5जी तकनीक और तेज रफ्तार मोबाइल सेवाओं के स्पेक्ट्रम बैंड की नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य में करीब 39 प्रतिशत की कटौती करने की सोमवार को सिफारिश की। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पेक्ट्रम कीमतों के संदर्भ में अपनी बहु-प्रतीक्षित सिफारिशें पेश करते हुए 5जी स्पेक्ट्रम बैंड के लिए आरक्षित मूल्य को पिछली बार की तुलना में 35 प्रतिशत कम रखने का सुझाव दिया है। इस तरह ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों की स्पेक्ट्रम की कीमत चुका पाने की क्षमता को भी ध्यान में रखा है। ट्राई ने कहा कि 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज एवं 2500 मेगाहर्ट्ज के मौजूदा बैंड और 600 मेगाहर्ट्ज, 3300-3670 मेगाहर्ट्ज एवं 24.25-28.5 गीगाहर्ट्ज के नए स्पेक्ट्रम बैंड में सभी मौजूदा स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी। ट्राई ने एक बयान में कहा, ‘‘दूरसंचार सेवा-प्रदाताओं को लचीलापन देने के लिए 3300-3670 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए 10 मेगाहर्ट्ज और 24.25-28.5 गीगाहर्ट्ज के लिए 50 मेगाहर्ट्ज का ब्लॉक रखने की सिफारिश की गई है।'' सबसे अहम माने जा रहे 3300-3670 मेगाहर्ट्ज वाले 5जी स्पेक्ट्रम के लिए अखिल भारतीय स्तर पर आरक्षित मूल्य 317 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रखा गया है जो पिछली बार की तुलना में 35 प्रतिशत कम है। पिछले साल ट्राई ने इस स्पेक्ट्रम के लिए 492 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज का आरक्षित मूल्य रखने की सिफारिश की थी। इसी के साथ 700 मेगाहर्ट्ज के लिए भी आधार मूल्य 3,927 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रखने की सिफारिश की गई है, जो पिछले सुझावों की तुलना में 40 प्रतिशत कम है। वहीं 800 मेगाहर्ट्ज के लिए आरक्षित मूल्य 3,620 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रखने की सिफारिश की गई है। कुल मिलाकर ट्राई ने पिछले सुझावों की तुलना में इस बार विभिन्न बैंड में करीब 39 फीसदी कम आरक्षित मूल्य रखा है। नीलामी के पिछले दो दौर में कई बैंड में स्पेक्ट्रम बिक नहीं पाया था। इसे ध्यान में रखते हुए ट्राई ने सभी बैंडों के लिए आरक्षित कीमतों को कम रखा है। सरकार इसी साल स्पेक्ट्रम की नीलामी करने की तैयारी में है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 5जी मोबाइल सेवाएं शुरू करने के लिए निजी दूरसंचार प्रदाताओं को 5जी स्पेक्ट्रम देना है। इससे इंटरनेट एवं अपलोडिंग की गति काफी तेज हो जाने की उम्मीद है।
- कोलकाता। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड ने सोमवार को कहा कि वह अगले पांच वर्षों में पश्चिम बंगाल में मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों की विनिर्माण क्षमता को बढ़ाकर और अधिक जिलों तक अपनी पहुंच का विस्तार करने को तैयार है। आइसक्रीम, दही और मक्खन सहित कंपनी के मूल्यवर्धित डेयरी उत्पाद वर्तमान में राज्य के 10 जिलों में उपलब्ध हैं, और इसका लक्ष्य पांच साल के भीतर 20 जिलों तक पहुंचना है। मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल के डेयरी उत्पादों के कारोबार प्रमुख, संजय शर्मा ने कहा, “पूर्वी क्षेत्र हमारे मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों के पोर्टफोलियो के लिए सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है, जिसने पिछले पांच वर्षों में लगभग 35 प्रतिशत की सालाना वार्षिक वृद्धि (सीएजीआर) हासिल की है। आगे चलकर हम पूरे क्षेत्र में पोर्टफोलियो और विनिर्माण क्षमताओं के साथ-साथ अपनी ब्रांड उपस्थिति और पहुंच बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, जो हमेशा हमारी विस्तार रणनीतियों के केन्द्र में रहेगा।'' शर्मा ने अपनी लोकप्रिय मदर डेयरी 'मिष्टी दोई' (मीठा दही) के लिए एक टीवीसी (टेलिविजन विज्ञापन) के नेतृत्व वाले अभियान के शुभारंभ पर कहा, कंपनी का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में लगभग 17,000 बिक्री केन्द्रों की मौजूदा संख्या को 30,000 से अधिक करना है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी वर्ष 2022-23 में पूर्वी बाजार से मूल्यवर्धित डेयरी उत्पाद खंड में 170-175 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने और मजबूत मांग के कारण वर्ष 2026-27 तक 500 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने पर नजर गड़ाए हुए है। मदर डेयरी ने मार्च में अपने 400 ग्राम 'मिष्टी दोई' कंटेनर की कीमत 5 रुपये बढ़ाकर 70 रुपये कर दी थी। उन्होंने कहा, 'हमने अभी तक इस खंड में अन्य उत्पादों की कीमतें बढ़ाने का फैसला नहीं किया है।
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नयी दिल्ली. मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने सोमवार को कहा कि उसने नेक्सा रिटेल चैनल के जरिए एक्सएल6 के नए संस्करण की बुकिंग शुरू की है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह बहुउद्देश्यीय मॉडल अगली पीढ़ी के इंजन, उन्नत ट्रांसमिशन, बेहतर सुविधाओं और बोल्ड स्टाइल के साथ आता है। एमएसआई के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि एक्सएल6 की विशेषताओं में एक मजबूत एसयूवी डिजाइन और एक विशाल छह सीटों वाली एमपीवी सुविधा शामिल है। यह छह सीटों वाला मॉडल देश भर के सभी 410 नेक्सा शोरूम में उपलब्ध होगा।
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नयी दिल्ली. हीरो साइकिल्स के इलेक्ट्रिक साइकिल ब्रांड हीरो लेक्ट्रो ने सोमवार को डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डी2सी) यानी सीधे उपभोक्ताओं को बिक्री बढ़ाने के लिए एक मंच शुरू करने घोषणा की। इसके अलावा कंपनी अपने उत्पादों की बिक्री विभिन्न माध्यमों के जरिये करेगी। कंपनी ने कहा कि उपभोक्ता ‘टेस्ट राइड' के लिए बुकिंग के अलावा उसकी वेबसाइट हीरोलेक्ट्रो.कॉम से सीधे उसकी ई-साइकिल और कार्गो ई-बाइक की पूरी श्रृंखला की खरीदारी कर सकते हैं। हीरो लेक्ट्रो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित्य मुंजाल ने बयान में कहा, ‘‘डी2सी विकल्प के के साथ हीरो लेक्ट्रो ई-साइकिल पहले से कहीं अधिक सुलभ हो पाएगी है। चाहे वह हमारे हीरो लेक्ट्रो एक्सपीरियंस सेंटर्स के माध्यम से हो या डीलर भागीदार या वेबसाइट के माध्यम से हो।'' कंपनी ने कहा कि उसका ऑनलाइन स्टोर व्यक्तिगत के साथ कार्गो इस्तेमाल दोनों की जरूरतों को पूरा करेगा। यह कॉरपोरेट और थोक ‘बिजनेस-टू-बिजनेस' पूछताछ और खरीद की जरूरतों को पूरा करेगा। इस मंच से खरीदारी पर उपभोक्ताओं को सुगम मासिक किस्त (ईएमआई) तथा बैंक और क्रेडिट कार्ड के जरिये खरीद पर आकर्षक पेशकश उपलब्ध होगी। कंपनी ने कहा कि खरीद के बाद उत्पाद की डिलिवरी ग्राहक के घर के दरवाजे पर की जाएगी। - नयी दिल्ली. छह माह तक लगातार बिकवाली के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अप्रैल में अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 7,707 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। शेयर बाजारों में ‘करेक्शन' ने एफपीआई को लिवाली का अच्छा अवसर दिया है, जिससे इस महीने वे शुद्ध लिवाल रहे हैं। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक, प्रबंधक-शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई प्रवाह को अभी प्रवृत्ति में बदलाव कहना थोड़ा जल्दबाजी होगा। इस मोर्चे पर चीजें अधिक स्पष्ट हो सकें इसके लिए अगले कुछ सप्ताह या माह का इंतजार करना होगा। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1-8 अप्रैल के दौरान भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 7,707 करोड़ रुपये का निवेश किया है। श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई के प्रवाह से संकेत मिलता है कि उन्होंने अपने पोर्टफोलियो के पुनर्मूल्यांकन को पूरा कर लिया है। इसके अलावा शेयर बाजारों में हालिया ‘करेक्शन' ने भी उनके लिए निवेश के अवसर खोले हैं। हालांकि, पिछले दो कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने बिकवाली की है। ऐसे में अभी एफपीआई प्रवाह की दिशा को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हैं। इससे पहले अक्टूबर, 2021 से मार्च, 2022 तक छह माह में एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 1.48 लाख करोड़ रुपये निकाले थे। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा बांड या ऋण बाजार में भी 1,403 करोड़ रुपये डाले हैं। इससे पिछले दो माह (फरवरी-मार्च) के दौरान उन्होंने बांड बाजार से 8,705 करोड़ रुपये निकाले थे।
- नयी दिल्ली. बेंगलुरु की एक स्टार्टअप कंपनी को अपनी बैटरी के लिए यूरोप की अक्षय ऊर्जा कंपनी से ऑर्डर मिला है। खास बात यह है कि इस बैटरी को टेस्ला के एक पूर्व इंजीनियर ने डिजाइन किया है। कंपनी का दावा है कि यह दुनिया की सबसे अधिक ऊर्जा सघन बैटरियों में से है। इससे घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। स्टार्टअप कंपनी प्रवेग के सह-संस्थापक सिद्धार्थ बागड़ी ने बताया कि यूरोप की अक्षय ऊर्जा कंपनी एरेन ग्रुप ने अपने स्टोरेज एप्लिकेशंस के लिए इस बैटरी का ऑर्डर दिया है। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम ने इन बैटरियों के भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर परियोजनाओं में इस्तेमाल की संभावनाएं खोल दी हैं। बैटरी किसी इलेक्ट्रिक वाहन का महत्वपूर्ण घटक है। इसके पूरी तरह चार्ज होने पर वाहन कितने किलोमीटर दौड़ सकते हैं और बैटरी को चार्ज करने में कितना समय लगता है, यह हरित वाहन की सफलता की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सूर्य से ऊर्जा पूरे दिन और सभी दिनों में उपलब्ध नहीं होती है, जिससे इसके भंडारण की आवश्यकता होती है। धवल विंके खुल्लर के साथ प्रवेग की स्थापना करने वाले बागड़ी ने कहा कि एरेन ग्रुप द्वारा प्रवेग से 54 एमडब्ल्यूएच (मेगावॉट घंटे) बैटरी की खरीद की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले एक दशक से एक ईवी के प्रोटोटाइप पर काम कर रहे हैं और इस दौरान हमने एक अत्यधिक सघन तेजी से चार्ज होने वाली बैटरी तैयार की है। इस बैटरी को पूरी तरह चार्ज करने में सिर्फ आधा घंटा लगता है।'' उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह अत्यधिक सघन बैटरी है। इस वजह से यह लागत दक्ष भी है।==
- नयी दिल्ली. बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) का बकाया अप्रैल, 2022 में सालाना आधार पर 17.3 प्रतिशत बढ़कर 1,23,244 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। अप्रैल, 2021 तक डिस्कॉम पर बिजली वितरण कंपनियों का बकाया 1,05,029 करोड़ रुपये था।पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्यूरमेंट फॉर ब्रिंगिंग ट्रांसपैरेंसी इन इन्वॉयसिंग ऑफ जेनरेशन (प्राप्ति) पोर्टल से यह जानकारी मिली है। अप्रैल, 2022 में डिस्कॉम पर कुल बकाया पिछले महीने मार्च, 2022 की तुलना में भी बढ़ा है। मार्च में यह 1,17,390 करोड़ रुपये था। बिजली उत्पादकों तथा डिस्कॉम के बीच बिजली खरीद लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए प्राप्ति पोर्टल मई, 2018 में शुरू किया गया था। अप्रैल, 2022 तक 45 दिन की मियाद या ग्रेस की अवधि के बाद भी डिस्कॉम पर कुल बकाया राशि 1,04,885 करोड़ रुपये थी। यह एक साल पहले समान महीने में 84,376 करोड़ रुपये थी। मार्च, 2022 में डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,03,331 करोड़ रुपये था। बिजली उत्पादक कंपनियां डिस्कॉम को बेची गई बिजली के बिल का भुगतान करने के लिए 45 दिन का समय देती हैं। उसके बाद यह राशि पुराने बकाये में आ जाती है। ज्यादातर ऐसे मामलों में बिजली उत्पादक दंडात्मक ब्याज वसूलते हैं। बिजली उत्पादक कंपनियों को राहत के लिए केंद्र ने एक अगस्त, 2019 से भुगतान सुरक्षा प्रणाली लागू है। इस व्यवस्था के तहत डिस्कॉम को बिजली आपूर्ति पाने के लिए साख पत्र देना होता है। केंद्र सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों को भी कोविड-19 महामारी की वजह से कुछ राहत दी है। भुगतान में देरी के लिए डिस्कॉम पर दंडात्मक शुल्क को माफ कर दिया गया है। सरकार ने मई, 2020 में डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये की नकदी डालने की योजना पेश की थी। इसके तहत बिजली वितरण कंपनियां पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) तथा आरईसी लिमिटेड से सस्ता कर्ज ले सकती हैं। बाद में सरकार ने इस पैकेज को बढ़ाकर 1.2 लाख करोड़ रुपये और उसके बाद 1.35 लाख करोड़ रुपये कर दिया। आंकड़ों से पता चलता है कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और तमिलनाडु की बिजली वितरण कंपनियों का उत्पादक कंपनियों के बकाये में सबसे अधिक हिस्सा है। भुगतान की मियाद समाप्त होने के बाद अप्रैल, 2022 तक डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,04,885 करोड़ रुपये था। इसमें स्वतंत्र बिजली उत्पादकों का हिस्सा 55.63 प्रतिशत है। वहीं, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की जेनको का बकाया 21.84 प्रतिशत है।सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में अकेले एनटीपीसी को ही डिस्कॉम से 4,223.50 करोड़ रुपये वसूलने हैं। उसके बाद डीवीसी को 3,571.83 करोड़ रुपये और एनपीसीआईएल कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र को 3,179.13 करोड़ रुपये बिजली वितरण कंपनियों से वसूलने हैं। निजी बिजली उत्पादक कंपनियों में अडाणी पावर का बकाया 25,586.73 करोड़ रुपये, बजाज समूह की ललितपुर पावर जेनरेशन कंपनी का 5,309.29 करोड़ रुपये है। वहीं अक्षय ऊर्जा कंपनियों का बकाया अप्रैल, 2022 तक 20,827.22 करोड़ रुपये था।
- नयी दिल्ली. इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद की अधिकृत आत्मकथा 14 मई से बाजार में उपलब्ध होगी। यह जानकारी ‘पेइंगुइन रेंडम हाउस इंडिया' ने रविवार को दी। ‘सिंग, डांस एडं' प्रे' शीर्षक वाली इस आत्मकथा को लेखक हिंडोल सेनगुप्ता ने लिखा है। यह श्रील प्रभुपाद की एक प्रेरणाजनक कहानी है जो पश्चिमी प्रतिसंस्कृति के एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे और उन्होंने 20वीं सदी के मध्य में मुख्यधारा के अमेरिकियों के सामने वैदिक भारत की प्राचीन शिक्षाओं को रखा जिसने लेखक-कवि एलन गिन्सबर्ग से लेकर बीटल्स के प्रमुख गिटारवादक जॉर्ज हैरिसन तक को आकर्षित किया और उनके 100 से ज्यादा देशों में लाखों अनुयायी हैं। सेनगुप्ता ने एक बयान में कहा, “ मैं हमेशा से जानता था कि मेरी 10वीं किताब बहुत खास होगी। यह श्रील प्रभुपाद की कहानी है जो इसे खासकर धन्य बनाती है। यह इतिहास की अविश्वसीय कहानी है, भारत की कथा का अहम मोड़ है और यह वह क्षण है जब अकेले व्यक्ति ने कई तरह से भारत और हिंदू धर्म के प्रति वैश्विक नजरिए को बदल दिया।” उन्होंने कहा, “ श्रील प्रभुपाद हर तरीके से मौलिक थे, वह पथ प्रदर्शक थे और शानदार तरीके से वह जितना दुनिया के व्यक्ति थे उतना ही भगवान के बंदे थे।” सेनगुप्ता के मुताबिक, “ उनकी कहानी न सिर्फ धार्मिक इतिहास के बारे में है बल्कि पूर्व-पश्चिम संवाद को लेकर अहम पल के बारे में भी है जो शायद पहले से ज्यादा अधिक प्रासंगिक है।” उनकी पूर्व की किताबों में ‘बीइंग हिंदू', ‘द सैक्रेड सोर्ड' और ‘द मॉडर्न मॉन्क' शामिल हैं। सत्रह सितंबर 1965 को जब एसी भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद ने न्यूयॉर्क शहर के बंदरगाह पर कदम रखे तो कुछ अमेरिकियों ने उन पर ध्यान दिया, लेकिन वह अन्य की तरह सिर्फ प्रवासी नहीं थे। वह वैदिक भारत की प्राचीन शिक्षाओं को अमेरिका की मुख्यधारा से परिचित कराने के मिशन पर थे। श्रील प्रभुपाद का 81 साल की उम्र में 14 नवंबर 1977 को निधन हो गया। उन्होंने इस्कॉन की स्थापना की जिसे ‘हरे कृष्णा मूवमेंट' के नाम से भी जाना जाता है और यह दुनियाभर में फैला तथा 100 से ज्यादा मंदिर, आश्रम और सांस्कृतिक केंद्र बने। प्रकाशकों के अनुसार, करिश्माई व्यक्तित्व श्रील प्रभुपाद की कहानी व्यक्ति को आत्मबोध के मार्ग पर ले जाएगी।
- नयी दिल्ली. देश में सोने का आयात पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 33.34 प्रतिशत बढ़कर 46.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया जिससे देश के चालू खाते के घाटे (कैड) पर असर पड़ने की आशंका है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में भारत का सोने का आयात 34.62 अरब डॉलर रहा था। लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 में सोने का आयात बढ़ने से देश का व्यापार घाटा बढ़कर 192.41 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 102.62 अरब डॉलर रहा था। चीन के बाद भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। भारत में सोने का आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए किया जाता है। वित्त वर्ष 2021-22 में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात करीब 50 प्रतिशत बढ़कर 39 अरब डॉलर पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.7 प्रतिशत या 23 अरब डॉलर पर पहुंच गया। अप्रैल, 2021 से फरवरी, 2022 के दौरान मात्रा के लिहाज से सोने का आयात 842.28 टन रहा।
- नयी दिल्ली. इस्पात उत्पाद विनिर्माता गुडलक इंडिया अगले दो से तीन वर्ष में अपनी क्षमता का विस्तार करने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनी गुडलक इंडिया की उत्तर प्रदेश के सिंकदराबाद में पांच विनिर्माण इकाइयां और गुजरात के कच्छ में एक इकाई है। इनकी कुल क्षमता 3,40,000 टन सालाना की है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एम सी गर्ग ने कहा, ‘‘हम विस्तार करने की प्रक्रिया में हैं। हमारे उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है इसलिए अपनी क्षमता को बढ़ाकर 5,00,000 टन करने के लिए हम अगले दो से तीन साल में 200 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।'' उन्होंने बताया कि कंपनी जिन उत्पादों का निर्माण करती है उनका इस्तेमाल वाहन विनिर्माता, अवसंरचना कंपनियां, इंजीनियरिंग, तेल और गैस जैसे उद्योग करते हैं। गर्ग ने बताया कि कंपनी ने 2021-22 में 1,100 करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात किया था जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 475 करोड़ रुपये के निर्यात की तुलना में 130 प्रतिशत अधिक है।
- नयी दिल्ली ।बीते वित्त वर्ष 2021-22 में देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की खुदरा बिक्री तीन गुना से अधिक होकर चार लाख इकाई के आंकड़े को पार कर गई। ईवी की बिक्री में दोपहिया क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान रहा।वाहन डीलर संघों के महासंघ (फाडा) द्वारा जुटाए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।वित्त वर्ष 2021-22 में इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल खुदरा बिक्री तीन गुना से अधिक होकर 4,29,217 इकाई पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में 1,34,821 इकाई रही थी।फाडा के अनुसार, 2019-20 में देश में 1,68,300 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए थे। बीते वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री तीन गुना के उछाल के साथ 17,802 इकाई रही, जो 2020-21 में 4,984 इकाई थी।इस खंड में घरेलू वाहन कंपनी टाटा मोटर्स 15,198 इकाइयों की खुदरा बिक्री साथ सबसे आगे रही। उसकी बाजार हिस्सेदारी 85.37 प्रतिशत रही। मुंबई की कंपनी की खुदरा बिक्री 2020-21 में 3,523 इकाई रही थी।एमजी मोटर इंडिया 2,045 इकाइयों की बिक्री के साथ दूसरे स्थान पर रही। उसकी बाजार हिस्सेदारी 11.49 प्रतिशत पर थी। 2020-21 में एमजी मोटर की बिक्री 1,115 इकाई रही थी।महिंद्रा एंड महिंद्रा 156 इकाइयों की बिक्री के साथ तीसरे और हुंदै मोटर 128 इकाइयों की बिक्री के साथ चौथे स्थान पर रही। दोनों की बाजार हिस्सेदारी एक फीसदी से कम थी।बीते वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री पांच गुना बढ़कर 2,31,338 इकाई पर पहुंच गई जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 41,046 इकाई थी। दोपहिया खंड में हीरो इलेक्ट्रिक 65,303 इकाइयों की बिक्री के साथ शीर्ष पर रही। उसकी बाजार हिस्सेदारी 28.23 प्रतिशत थी। इसके बाद ओकिनावा ऑटोटेक दूसरे स्थान पर रही। उसकी बिक्री 46,447 इकाइयों की रही। तीसरे स्थान पर 24,648 इकाइयों की बिक्री के साथ एम्पियर वेहिकल्स रही। हीरो मोटोकॉर्प समर्थित अथर एनर्जी ने बीते वित्त वर्ष में 19,971 इलेक्ट्रिक दोपहिया बेचे और वह चौथे स्थान पर रही।बेंगलुरु की कंपनी ओला इलेक्ट्रिक 14,371 वाहनों की बिक्री के साथ छठे और टीवीएस मोटर कंपनी 9,458 वाहनों की बिक्री के साथ सातवें स्थान पर रही।फाडा ने 1,605 में से 1,397 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) से आंकड़े जुटाए हैं। फाडा ने कहा कि बीते वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक तिपहिया की बिक्री बढ़कर 1,77,874 इकाई पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 88,391 इकाई थी। इसी तरह इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 400 इकाइयों से बढ़कर 2,203 इकाई पर पहुंच गई।
- औरंगाबाद। महाराष्ट्र में इस साल अबतक का चीनी का 132 लाख टन का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। राज्य के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने यह जानकारी दी।अधिकारी ने कहा, ‘‘हालांकि, ऊंचे उत्पादन के बावजूद चीनी कीमतों के नीचे आने के आसार नहीं हैं।’’गायकवाड़ अधिशेष गन्ना उत्पादन से संबंधित मुद्दों और इस स्थिति से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दे रहे थे।उन्होंने कहा कि इस साल अब तक राज्य में 1,187 लाख टन गन्ने की पिराई की जा चुकी है, जबकि लगभग 90 लाख टन फसल अब भी खेतों में पड़ी है। इनमें से ज्यादातर फसल मराठवाड़ा क्षेत्र में है।उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन इससे पहले 2019-20 में 107 लाख टन का रहा था। इस साल यह लगभग 132 लाख टन तक पहुंच गया है, जो राज्य के लिए एक नया रिकॉर्ड है। उत्तर प्रदेश में अब तक 80 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।’’ उन्होंने दावा किया कि राज्य की विभिन्न कंपनियों ने 130 से 140 करोड़ लीटर एथनॉल (गन्ने की पेराई से उत्पन्न शीरे का उप-उत्पाद) के उत्पादन से 9,000-10,000 करोड़ रुपये कमाये हैं, जो कि अबतक का सबसे ऊंचा स्तर है।महाराष्ट्र में गन्ना पेराई का सत्र आमतौर पर 120 से 140 दिन और अधिकतम 145 दिनों तक चलता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य में लगभग 20 चीनी मिलें अधिक गन्ना उत्पादन के कारण 160 दिनों तक चलेंगी।अधिकारी ने कहा, ‘‘मराठवाड़ा में 60 लाख टन सहित लगभग 90 लाख टन गन्ने की पेराई अभी बाकी है। हमें उम्मीद है कि इस साल 31 मई तक मराठवाड़ा में गन्ने की पेराई की जाएगी।’’
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में लगातार 11 वीं बार कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे चार प्रतिशत के निचले स्तर पर कायम रखा। केंद्रीय बैंक ने रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़ती महंगाई के बीच आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए अपने रुख को यथावत रखा है। नीतिगत दर यथावत रहने का मतलब है कि बैंक कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा।हालांकि, केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2022-23) के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अनुमान को घटा दिया है जबकि मुद्रास्फीति के अनुमान में बढ़ोतरी की है।रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि छह सदस्यीय एमपीसी ने रेपो दर को चार प्रतिशत पर कायम रखने के पक्ष में मत दिया।उन्होंने कहा, ‘‘एमपीसी ने अपने नरम रुख को कायम रखने का फैसला किया है। हालांकि एमपीसी इस नरम रुख को वापस लेने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वृद्धि को समर्थन के साथ मुद्रास्फीति को लक्ष्य के भीतर रखा जा सके।’’रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई, 2020 को रेपो दरों में बदलाव किया था।इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो दर को भी 3.35 प्रतिशत पर कायम रखा है।रेपो दर पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये कर्ज देता है। जबकि रिवर्स रेपो दर के तहत बैंकों को अपना पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने पर ब्याज मिलता है।एमपीसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। फरवरी की मौद्रिक समीक्षा बैठक में एमपीसी ने आर्थिक वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति के 5.7 प्रतिशत के स्तर पर रहने की संभावना जतायी है। पहले इसके 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था।दास ने कहा, ‘‘आर्थिक गतिविधियां अभी महामारी-पूर्व के स्तर की तुलना में शायद ही बढ़ी हैं, लेकिन इनमें लगातार सुधार हो रहा है।’’उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक इस साल से तरलता को वापस लेने की शुरुआत करेगा। प्रणाली से तरलता या नकदी को कई साल में वापस लिया जाएगा।रिजर्व बैंक ने बैंकिंग प्रणाली से अत्यधिक नकदी को सोखने के लिए एक नए ‘साधन’ की घोषणा की है। इसके तहत तरलता समायोजन सुविधा के दायरे को 50 आधार अंक किया गया है।दास ने कहा कि युद्ध की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव हुआ है और जिंस तथा वित्तीय बाजारों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘हमारा रुख सतर्कता बरतने के साथ, इसके भारत की वृद्धि, मुद्रास्फीति और वित्तीय स्थिति पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर से निपटने वाला होना चाहिए।’’गवर्नर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव की स्थिति है। वहीं खाद्य वस्तुओं के साथ धातु और अन्य जिंसों की कीमतें भी उच्च स्तर पर बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि निजी उपभोग और निश्चित निवेश कमजोर है। इन्हें घरेलू मांग का प्रमुख उत्प्रेरक माना जाता है।उल्लेखनीय है कि इस साल मुद्रास्फीति अभी तक छह प्रतिशत के ऊपर बनी हुई है। इससे वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए ब्याज दरों को निचले स्तर पर रखने की केंद्रीय बैंक की रणनीति पर ‘संशय’ बन रहा है।दास ने कहा, ‘‘बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितता से हमारा आर्थिक परिदृश्य प्रभावित हो सकता है। घरेलू स्तर पर पेट्रोल, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से व्यापक स्तर पर दूसरे-दौर का मूल्य दबाव कायम हो सकता है।’’गवर्नर दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक किसी नियम से बंधा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के ‘संरक्षण’ के लिए रिजर्व बैंक सभी उपलब्ध साधनों का इस्तेमाल करेगा।’’उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था नई एवं बहुत बड़ी चुनौतियों से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद है और रिजर्व बैंक इसे सभी चुनौतियों से बचाकर रखने के लिए काम करेगा।हालांकि, दास ने कहा कि ओमीक्रोन लहर कमजोर पड़ने से होने वाले अनुमानित लाभ को भू-राजनीतिक तनाव ने निष्प्रभावी कर दिया है।
- नयी दिल्ली। व्यापारियों के संगठन कैट और इंडियन फुटवियर एसोसिएशन (आईएफए) ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 1,000 रुपये से कम कीमत वाले जूता-चप्पल पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) घटाकर पांच प्रतिशत करने का आग्रह किया है। एक जनवरी, 2022 से सभी जूते-चप्पल पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा, चाहे उनका मूल्य कुछ भी क्यों न हो। दोनों संगठनों ने कहा कि देश की लगभग 85 प्रतिशत आबादी 1,000 रुपये से कम कीमत के जूते का उपयोग करती है और इसलिए जीएसटी में कोई भी वृद्धि सीधे उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी। उन्होंने सीतारमण के साथ-साथ सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को एक प्रतिवेदन भी भेजा है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और आईएफए, दोनों ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से केवल 1,000 रुपये से अधिक कीमत वाले जूते पर बीआईएस मानकों को लागू करने का भी आग्रह किया है।
- नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन सीएनजी की कीमतें बढ़ाई गईं। सीएनजी के दाम में 2.50 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि की गई है जिसके साथ मार्च से अब तक दाम कुल 12.50 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़े हैं। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) में सीएनजी की कीमत 66.61 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 69.11 रुपये प्रति किलो हो गई है। आईजीएल राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में सीएनजी और पाइप से रसोई गैस (पीएनजी) की खुदरा बिक्री करती है। बुधवार को भी सीएनजी की कीमत में 2.50 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि की गई थी।पाइप से रसोई गैस (पीएनजी) की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। दिल्ली में इसकी कीमत 41.61 रुपये प्रति इकाई है। मार्च के बाद से दिल्ली में सीएनजी के दामों में 12.48 प्रति किलो की वृद्धि की गई है।महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) ने मुंबई में संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) की कीमत सात रुपये प्रति किलो बढ़ाकर 67 रुपये प्रति किलो कर दी, जबकि गुजरात गैस ने दरों में 6.50 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी कर इसे 76.98 रुपये कर दिया। मूल्यवर्धित कर (वैट) जैसे स्थानीय करों की वजह से कीमतें शहर-दर-शहर अलग अलग होती हैं।सरकार ने एक अप्रैल से प्राकृतिक गैस की कीमतों को दोगुना से अधिक कर 6.1 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (प्रति इकाई) कर दिया है। इसके बाद सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में वृद्धि हुई है। सीएनजी की कीमतों में यह वृद्धि पिछले 16 दिन में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी और रसोई गैस एलपीजी की दरों में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि के बाद हुई है।





















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