- Home
- बिजनेस
- नयी दिल्ली। आभूषण और घड़ी का कारोबार करने वाली टाटा समूह की कंपनी टाइटन कंपनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अशोक सोंथालिया को अपना नया मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त किया है। इसने कंपनी के मुख्य लोक अधिकारी के रूप में स्वदेश बेहरा की नियुक्ति की भी घोषणा की। कंपनी ने एक बयान में कहा, दोनों नियुक्तियां एक जुलाई, 2021 से प्रभावी हैं। सोंथालिया एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं,उन्हें बहु-राष्ट्रीय वातावरण में विविध उद्योगों में लगभग 30 वर्षों का अनुभव है। सोंथालिया ने कहा, ‘‘मैं भारत के साथ-साथ चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी रणनीतिक विकास योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए अपनी टीम के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।'' मौजूदा नियुक्ति से पहले, बेहरा बोस्टन साइंटिफिक कॉरपोरेशन में वरिष्ठ निदेशक-मानव संसाधन थे। उन्होंने रैनबैक्सी, कोका कोला, एमएसडी और टाटा स्टील में भी काम किया है। टाइटन कंपनी, टाटा समूह और तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम (टिडको) के बीच एक संयुक्त उद्यम है। इसने 1987 में टाइटन वॉचेज लिमिटेड के नाम से अपना परिचालन शुरू किया था और वर्ष 1994 में, ज्वैलरी में और बाद में आईवियर व्यवसाय की ओर रुख कर अपने व्यवसाय में विविधता लाई।
- नयी दिल्ली। होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (एचसीआईएल) ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस साल जून महीने में उसके कारों की थोक बिक्री मई की तुलना में बढ़ गयी और उसने कुल 4,767 कारें बेचीं। कंपनी ने मई में 2,032 कारें बेची थीं। कंपनी ने पिछले महीने 1,241 कारों का निर्यात किया जबकि मई में यह संख्या 385थी। कंपनी ने पिछले साल जून में कोविड-19 लॉकडाउन से जुड़े प्रतिबंधों के बीच घरेलू बाजार में 1,398 कारों की बिक्री की थी जबकि निर्यात की गयी कारों की संख्या 142 थी। एचसीआईएल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और निदेशक (विपणन एवं बिक्री) राजेश गोयल ने एक बयान में कहा, "जून में डीलरशिप के लिए रवाना की गयी कारों की संख्या हमारे उत्पादन के अनुरूप थी जिसे हमें कोविड से पहले के स्तर से 50 प्रतिशत कम पर बनाए रखा है। कई राज्यों में लॉकडाउन हटने और ज्यादातर बाजारों में डीलर आउटलेट दोबारा खुलने के साथ हमें इस महीने से कारों की बिक्री के और जोर पकड़ने की उम्मीद है और हम इसी के अनुसार अपना दैनिक उत्पादन बढ़ाएंगे।" उन्होंने कहा कि कार कंपनी को उम्मीद है कि यह सकारात्मक गति बनी रहेगी और इस तरह उद्योग को वापसी करने में मदद करेगी। हालांकि कोविड से जुड़ी बाधाओं, और कच्ची सामग्रियों की ऊंची कीमतों की वजह से स्वामित्व की बढ़ती लागत से जुड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं।
- नयी दिल्ली। जीएसटी व्यवस्था के चार साल पूरा होने के मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह कर सुधार काफी महत्वपूर्ण और जरूरी था। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि इस अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार की गुंजाइश है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के साथ सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे गडकरी ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों और शराब को जीएसटी व्यवस्था में लाने के लिये राज्यों के साथ आम सहमति बनाने की जरूरत है क्योंकि देश में संघीय ढांचा है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दिवस पर इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, ‘‘यह कर सुधार (जीएसटी) काफी जरूरी था...हालांकि जीएसटी लागू हुए चार पूरे हो गये हैं, मुझे लगता है कि इसमें सुधार की गुंजाइश है तथा हम संबंधित पक्षों के साथ मिलकर इसे और बेहतर बना सकते हैं।'' देश भर में जीएसटी एक जुलाई, 2017 से लागू हुआ। इसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट जैसे 17 स्थानीय कर समाहित हुए। बेबाक टिप्पणी के लिये जाने जाने वाले गडकरी ने यह भी कहा कि जीएसटी से जुड़ी कुछ समस्याएं अभी भी एमएसएमई क्षेत्र के लिये कठिनाइयां पैदा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जब एमएसएमई किसी सामग्री का बिल बनाते हैं और उन्हें संबंधित कंपनियों को देते हैं, तो यह उनकी (एमएसएमई) जिम्मेदारी है कि भले ही वे भुगतान प्राप्त करें या नहीं, उन्हें कर जमा करना आवश्यक है। मंत्री ने कहा, ‘‘और सरकार में, खासकर एमएसएमई के साथ बहुत सारी समस्याएं हैं। उन्हें देरी से भुगतान हमारे लिए एक बड़ी समस्या है। और सभी छोटे एमएसएमई पहले से ही समस्याओं का सामना कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि इसका कुछ रास्ता निकालने की जरूरत है, ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके।मंत्री ने कहा, राज्य, उनके उपक्रम, केंद्र, उनके उपक्रम, विभिन्न विभाग, बड़े उद्योग और बड़े लोग एमएसएमई को समय पर भुगतान नहीं करते...इसके कारण कई सारे आर्थिक समस्याएं पैदा होती हैं।'' गडकरी ने कहा कि जीएसटी से 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी ‘एक राष्ट्र, एक बाजार, एक कर' की धारणा पर लागू किया गया है। इसने मौजूदा महामारी की स्थिति के बावजूद व्यापार और उद्योग को बहुत मदद की है। गडकरी ने कहा कि भारत में दुनिया में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की पूरी क्षमता है।उन्होंने अपने मंत्रालय की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम देश में बुनियादी ढांचे के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। हम प्रतिदिन 38 किमी सड़क का निर्माण कर रहे हैं। हम हरित राजमार्ग बना रहे हैं।'' मंत्री ने अधिक-से-अधिक रोजगार सृजित करने पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिये देश को और निवेश तथा प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने की जरूरत है।
- नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि हाल के महीनों में राजस्व संग्रह में वृद्धि अब स्थाई रूप से होनी चाहिए। उन्होंने साथ ही जीएसटी धोखाधड़ी से निपटने के लिए कर अधिकारियों की तारीफ की।जीएसटी की चौथी वर्षगांठ पर कर अधिकारियों को भेजे संदेश में सीतारमण ने कहा कि पिछले चार वर्षों में करदाताओं का आधार 66.25 लाख से लगभग दोगुना होकर 1.28 करोड़ हो गया है। उन्होंने कहा कि लगातार आठ महीनों से जीएसटी राजस्व एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है और अप्रैल 2021 में 1.41 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड जीएसटी राजस्व संग्रह देखा गया।सीतारमण ने कहा, पिछले साल सुविधा और प्रवर्तन दोनों क्षेत्र में सराहनीय काम किया गया है, जिसमें धोखाधड़ी करने वाले डीलरों और आईटीसी के कई मामले दर्ज किए गए। हाल के महीनों में बढ़ा हुआ राजस्व संग्रह अब स्थाई रूप से होना चाहिए। वित्त मंत्री ने कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बीच जीएसटी कार्यान्वयन पर संतोष व्यक्त किया और करदाताओं को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने जीएसटी लागू करने के लिए केंद्र और राज्य, दोनों के कर अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े और विविधता वाले देश में बड़े पैमाने पर किया जाने वाला कोई भी सुधार बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है।वित्त मंत्रालय 54 हजार से अधिक जीएसटी करदाताओं को सही समय पर रिटर्न दाखिल करने और कर का नकद भुगतान करने पर प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी कर उन्हें सम्मानित करेगा। पहचान किये गये इन करदाताओं में 88 प्रतिशत से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमी है। इसमें सूक्ष्म (36 प्रतिशत), लघु (41 प्रतिशत) और मध्यम श्रेणी के उद्यमी (11 प्रतिशत) शामिल हैं। ये उद्यमी विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से हैं जहां यह माल की आपूर्ति और सेवा प्रदाता कार्य करते हैं। केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) इन करदाताओं को प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी करेगा।मंत्रालय ने कहा है कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से अब तक 66 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल की गई हैं। जीएसटी के तहत दरें कम होने से कर अनुपालन बढ़ा है। इस दौरान जीएसटी राजस्व में धीरे धीरे वृद्धि होती रही और पिछले आठ महीने से यह लगातार एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है। देश में एक जुलाई 2017 को जीएसटी व्यवस्था लागू की गई। अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के तौर पर इस व्यवस्था को शुरू किया गया। जीएसटी में केन्द्र और राज्यों के स्तर पर लगाने वाले उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और 13- उपकर जैसे कुल 17 तरह के करों को समाहित किया गया है।
- नई दिल्ली। हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) ने गुरुवार को कहा कि जून 2021 में उसकी थोक बिक्री 54 हजार 474 इकाई रही, जो मई की 30 हजार 703 इकाइयों के मुकाबले 77 प्रतिशत अधिक है।एचएमआईएल ने बताया कि इस दौरान उसने घरेलू डीलरशिप को 40 हजार 496 गाडिय़ां भेजीं, जबकि मई 2021 में यह आंकड़ा 25 हजार एक इकाई था। कंपनी ने बताया कि जून में निर्यात बढ़कर 13 हजार 978 इकाई हो गया, जो मई में 5 हजार 702 इकाई था।
- नयी दिल्ली। बचतकर्ताओं को संतोष देने वाले एक निर्णय के तहत सरकार ने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) जैसी लघु बचत योजनाओं पर एक जुलाई से शुरू होने वाली दूसरी तिमाही के लिये ब्याज दरों को पूर्ववत रखा है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में एनएससी पर 6.8 प्रतिशत और पीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर बनी रहेगी। वित्त मंत्रालय द्वारा की बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘वित्त वर्ष 2021- 22 की एक जुलाई 2021 को शुरू होकर 30 सितंबर 2021 को समाप्त होने वाली दूसरी तिमाही के दौरान विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज की दर मौजूदा पहली तिमाही (एक अप्रैल 2021 से 30 जून 2021) में लागू दरों पर ही बनी रहेंगी। '' सरकार ने इससे पहले एक अप्रैल को पहली तिमाही के लिये लघु बचत योजनाओं की ब्याज दर में 1.1 प्रतिशत की कटौती को गलती से हुआ बताकर तुरंत वापस ले लिया था। इससे पहली तिमाही की ब्याज दरें पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही की दरों पर बनीं रही। इस कटौती को जिसे सरकार ने वापस ले लिया था कईयों ने पिछले कई दशकों में सबसे बड़ी कटौती बताया। लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की प्रत्येक तिमाही समीक्षा की जाती है। दूसरी तिमाही के दौरान एक साल की सावधि जमा योजना पर बयाज दर 5.5 प्रतिशत पर बनी रहेगी। वहीं कन्या बचत योजना ‘सुकन्या स्मृद्धि योजना खाते' पर 7.6 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज मिलता रहेगा। पांच साल की वरिष्ठ नागिरक बचत योजना पर 7.4 प्रतिशत ब्याज देय होगा। वहीं बचत जमा पर ब्याज की दर चार प्रतिशत सालाना बनी रहेगी।
- नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बुधवार को जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक 2021 के मार्च महीने की समाप्ति पर भारत का विदेशी कर्ज एक साल पहले से 11.5 अरब डॉलर बढ़ कर 570 अरब डॉलर हो गया। मार्च की समाप्ति पर विदेशी कर्ज सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 21.1 प्रतिशत था। यह अनुपात एक साल पहले 20.6 प्रतिशत था। रिजर्व बैंक ने कहा, "भारतीय रुपये और यूरो, एसडीआर(मुद्राकोष की मुद्रा) एवं पाउंड स्टर्लिंग जैसी प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर का मूल्य गिरने की वजह से कर्ज के मूल्याकंन में 6.8 अरब डॉलर की कमी आयी।" रिजर्व बैंक ने कहा, "मूल्यांकन प्रभाव को हटा दिया जाए तो मार्च 2020 की तुलना में मार्च 2021 में विदेशी कर्ज भार में वृद्धि 11.5 अरब डॉलर के मुकाबले 4.77 अरब डॉलर होती।" विदेशी रिण में विदेशों से लिया गया वाणिज्यिक रिण का हिस्सा सबसे ज्यादा (37.4 प्रतिशत) है। इसके बाद प्रवासी जमा धन (24.9 प्रतिशत) और अल्पकालीन व्यापार रिण (17.1 प्रतिशत) आते हैं। अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व वाला रिण भारत के विदेशी कर्ज का सबसे बड़ा घटक बना रहा। इसकी हिस्सेदारी 52.1 प्रतिशत थी। इसके बाद भारतीय रुपया (33.3 प्रतिशत), जापानी येन (5.8 प्रतिशत), एसडीआर- (4.4 प्रतिशत) और यूरो रिण (3.5 प्रतिशत) आते हैं।
- नयी दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कोविड महामारी से अर्थव्यवस्था को राहत पहुंचाने के लिये घोषित किये गये 6.29 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी।सीतारमण ने सोमवार को इस पैकेज की घोषणा करते हुये सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिये 1.5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त रिण गारंटी सुविधा की घोषणा की। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये अतिरिक्त बजट समर्थन देने और पर्यटन क्षेत्र में टूर आपरेटरों और पर्यटक गाइडों के लिये सस्ती रिण सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की। इसके अलावा पांच लाख विदेशी पर्यटकों को शुल्क मुक्त वीजा देने की घोषणा भी की गई। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत गरीब और वंचित तबके को नवंबर तक प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज प्रतिमाह उपलब्ध कराने के लिये 93,869 करोड़ रुपये के खर्च की घोषणा के साथ साथ उर्वरक सब्सिडी की मद में 14,775 करोड़ रुपये अतिरिक्त उपलब्ध कराने की जानकारी दी। वित्त मंत्री द्वारा घोषित इस राहत पैकेज में ज्यादातर सस्ती ब्याज दरों में कर्ज उपलब्ध कराने के लिये सरकारी गारंटी की पेशकश की गई है। इसमें 25 लाख छोटे कर्ज लेनदारों को सवा लाख रुपये तक का कर्ज उपलब्ध कराने के लिये सूक्ष्म वित्त संस्थानों को भी बैंकों से सरकारी गारंटी पर कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा। यह समूचा पैकेज 6.29 लाख करोड़ रुपये का रहा। पैकेज में कोरोना वायरस महामारी से बच्चों के प्रभावित होने की आशंका के मद्देनजर राज्यों के प्रमुख अस्पतालों और जिला अस्पतालों में बच्चों के इलाज के लिये सुविधायें स्थापित करने और जरूरी स्वास्थ्य ढांचा खड़ा करने के लिये 23,220 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कोष उपलब्ध कराया जायेगा। इसमें केन्द्र सरकार का हिस्सा 15,000 करोड़ रुपये होगा। इसी प्रकार कंपनियों और उद्योगों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये प्रोत्साहन देने के वास्ते आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की समयसीमा को 31 मार्च 2022 तक के लिये बढ़ा दिया गया है। इसमें उद्योगों में नये रोजगार दिये जाने पर भविष्य निधि कोष में नियोक्ता और कर्मचारी की तरफ से किये जाने वाले अंशदान को सरकार की तरफ से चुकाया जाता है। इस योजना के तहत सरकार अब तक 79,577 कंपनियों अथवा प्रतिष्ठानों में 21.42 लाख लाभार्थियों के हिस्से का 902 करोड़ रुपये भविष्य निधि कोष में डाल चुकी है। वित्त मंत्री की घोषणा में देश की सभी ग्राम पंचायतों में ब्राडबैंड सेवायें उपलब्ध कराने के लिये 19,041 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिया जाना भी शामिल है। इसी प्रकार बड़े पैमाने की इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण योजना के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना की अवधि एक साल और बढ़ा दी गई है। वहीं वस्तु निर्यात को बढ़ावा देने के लिये 88,000 करोड़ रुपये बीमा कवर की सुविधा बात कही गई है। सीतारमण की डीएपी और पी एण्ड के रासायनिक खादों के लिये 14,775 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दिये जाने और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई से लेकर नवंबर 2021 तक मुफ्त अनाज दिये जाने की दोनों घोषणाओं को पहले ही मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी है ।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) के तहत लाभार्थियों के पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) के तहत लाभार्थियों के पंजीकरण की अंतिम तारीख को नौ महीने के लिए यानी 30 जून 2021 से 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। इस विस्तार के चलते उम्मीद है कि औपचारिक क्षेत्र में 71.8 लाख रोजगार पैदा होंगे, जबकि पहले यह आकलन 58.5 लाख रोजगार का था।'' गौरतलब है कि एबीआरवाई के तहत 18 जून 2021 तक 79,557 प्रतिष्ठानों के जरिये 21.42 लाख लाभार्थियों को 902 करोड़ रुपये के बराबर लाभ दिए गए हैं। पंजीकरण की समयसीमा को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक करने से योजना का अनुमानित खर्च 22,098 करोड़ रुपये हो गया है। बयान में कहा गया कि इस योजना को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के जरिये लागू किया जा रहा है, ताकि विभिन्न उद्योगों के नियोक्ताओं पर वित्तीय बोझ कम हो और उन्हें ज्यादा से ज्यादा कामगारों को रोजगार देने के लिए प्रोत्साहन मिले।
- नयी दिल्ली। माल एवं सेवाकर (जीएसटी) पंजीकरण के लिये यदि किसी के स्थायी खाता संख्या (पैन) का दुरूपयोग होता है तो वह जीएसटी नेटवर्क पर शिकायत कर सकता है। जीएसटी नेटवर्क ने इसकी व्यस्था शुरू की है। कर चोरी के लिये अक्सर गलत पैन नंबर के जरिये पंजीकरण हासिल करने की शिकायतें सामने आई हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिये जीएसटी नेटवर्क ने यह नई व्यवस्था शुरू की है। कोई भी व्यक्ति जिसके पैन का दुरूपयोग किया गया है वह इसमें शिकायत कर सकता है। शिकायत मिलने पर उसे संबंधित कर अधिकारी के पास भेजा जायेगा जिसके कार्यक्षेत्र में धोखाधड़ी करते हुये पंजीकरण लिया गया है। जीएसटी के साझा पोर्टल पर ऐसी एक खोज व्यवसथा शुरू की गई है जिसमें यह पता किया जा सकेगा कि किसी खास पैन में कौन से जीएसटीआईएन (जीएसटी पहचान संख्या) जारी की गई है। जैसे ही पैन की संख्या इस खोज पैनल में डाली जायेगी उस पैन पर लिये गये जीएसटी पंजीकरण का ब्यौरा सामने आ जायेगा। यदि कोई पंजीकरण नहीं होगा तो उसमें ‘‘कोई रिकार्ड नहीं मिला'' संदेश सामने आ जायेगा। एएमआरजी एण्ड एसोसियेट्स के वरिष्ठ पार्ट;नर रजत मोहन ने कहा कि जीएसटी धोखाधड़ी के ऐसे कई मामले सामने आये हैं जहां अवैध रूप से जीएसटी पंजीकरण हासिल करने के लिये करदाता के पैन ब्यौरे का इस्तेमाल किया जा रहा है। ईवाई कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा जीएसटी के तहत फर्जी इकाइयों का पता लगाने और उनपर नियंत्रण पाने के लिये यह उपाय किया गया है। लेकिन समस्या वहां बढ़ेगी कि जिस व्यक्ति के पैन का दुरूपयोग हुआ है उसे इसके बारे में पता नहीं है, क्योंकि जो सुविधा शुरू की गई है उसमें व्यक्ति को खुद इस गड़बड़ी का पता करना होगा और शिकायत करनी होगी।
- नयी दिल्ली । विश्वबैंक ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित भारत के असंगठित क्षेत्र के मजदूर वर्ग की मदद के लिए बुधवार को 50 करोड़ डॉलर यानी 3,717.28 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी। विश्वबैंक ने एक बयान में कहा कि यह ऋण महामारी, भविष्य की स्थिति और आपदा के प्रभावों से निपटने में राज्यों को मजबूती देगा। विश्वबैंक के अनुसार 50 करोड़ डॉलर ऋण में से 11.25 करोड़ डॉलर रियायती ऋण देने वाली उसकी एजेंसी अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए) की ओर से दिया जाएगा। शेष 38.75 करोड़ डॉलर का कर्ज पुनर्निर्माण और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बैंक (विश्वबैंक) द्वारा मंजूर किया गया है। बैंक के अनुसार यह ऋण 18.5 वर्षो में लौटाना है। इसमें पांच वर्ष की छूट की अवधि शामिल है।विश्वबैंक ने कहा कि कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से गरीब और कमजोर परिवारों की मदद के लिए भारत के सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों को मजबूत करने की दिशा में वह अबतक 1.65 अरब डॉलर यानी 12,264.54 करोड़ रुपये का ऋण दे चूका है। उसने कहा कि इस राशि का उपयोग शहर के अनौपचारिक श्रमिकों, अस्थायी कर्मियों और प्रवासी मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम में किया जाएगा। भारत में विश्वबैंक के निदेशक जुनैद अहमद ने कहा, ‘जब देश आर्थिक बाधाओं और कोविड महामारी का सामना कर रहे हैं, तब इस रकम का उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा में निवेश करके अर्थव्यवस्थाओं और आजीविका के साधनों का निर्माण करना है। यह भारत में विश्वबैंक द्वारा समर्थित सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों का व्यापक उद्देश्य है। रेहड़ी पटरी पर सामान बेचने वाले भारत की शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग हैं। यह कार्यक्रम ऐसे लोगों को काम धंधे के लिए 10,000 रुपये तक के ऋण सहायता देने के लिए है। इस कार्यक्रम से करीब पचास लाख रेहड़ी पटरी वालों को सहायता मिलेगी।
- नयी दिल्ली। ईंधन की बढ़ती कीमतों से परिवहन लागत ऊंची होने के चलते दिल्ली के थोक और खुदरा बाजारों में फल-सब्जी की कीमतों में इस सप्ताह और वृद्धि हुई । व्यापारियों ने बुधवार को यह भी कहा कि हालांकि, फल-सब्जी की कीमतें इस समय ज्यादा ऊंची नहीं हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि यदि डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रही तो आने वाले हफ्तों में ये खाद्य वस्तुएं महंगी हो सकती हैं। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को पेट्रोल 98.81 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है, जबकि डीजल की कीमत 89.18 रुपये प्रति लीटर है। दिल्ली की सबसे बड़ी आजादपुर मंडी के थोक सब्जी और फल व्यापारी राजेंद्र शर्मा ने कहा कि थोक और खुदरा सब्जियों और फलों के दाम में मामूली बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘प्याज की थोक कीमतें अब 23-25 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में हैं, जबकि इस मौसम में सामान्यत: भाव 16-20 रुपये रहता है। इसी तरह, अनार, जो महाराष्ट्र से आता है, उसकी कीमत लगभग 70-90 रुपये प्रति किलोग्राम है जो आम तौर पर इस समय लगभग 60-80 रुपये में बिकता है।'' व्यापारी ने कीमतों में बढ़ोतरी के लिए परिवहन लागत में बढ़ोतरी को जिम्मेदार ठहराया। शर्मा ने कहा कि अब जबकि डीजल की दरें दिल्ली में लगभग 90 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं, ट्रांसपोर्टरों ने अपनी फीस में संशोधन किया है। ओखला मंडी के एक थोक व्यापारी हाजी यामीन ने प्याज, टमाटर और आलू जैसी प्रमुख सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी की पुष्टि की। यामीन ने कहा, ‘‘प्याज और टमाटर मुख्य रूप से महाराष्ट्र से दिल्ली आते हैं जबकि आलू शिमला और उत्तर प्रदेश से आते हैं। चूंकि डीजल की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है, इसलिए इसने परिवहन लागत भी बढ़ा दी है। एक अन्य कारक जो इस बढ़ोतरी में योगदान दे रहा है वह ये है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण ट्रक ड्राइवरों द्वारा अपेक्षाकृत लंबी दूरी तय करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ओखला मंडी में प्याज का थोक भाव 25-27 रुपये प्रति किलो है जबकि टमाटर 20-22 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। यामीन ने कहा, ‘‘सामान्य तौर पर, प्याज, टमाटर और आलू की थोक कीमतें क्रमशः 15-18 रुपये प्रति किलो, 12-16 रुपये प्रति किलो और 8-10 रुपये प्रति किलो के बीच होती थीं। आम तौर पर, अगर किसी सब्जी की थोक दरें पांच रुपये प्रति किलो तक बढ़ जाती हैं तो उससे सब्जी की खुदरा कीमत में 10-12 रुपये प्रति किलो की वृद्धि हो जाती है।'' हालांकि, उन्होंने कहा कि आम जैसे मौसमी फलों पर ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का ज्यादा असर नहीं पड़ा क्योंकि वे खराब होने वाली वस्तुएं हैं और हरियाणा और उ.प्र. जैसे कम दूरी वाली जगहों से आते हैं। दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश मार्केट के एक खुदरा सब्जी विक्रेता सुबोध मंडल ने कहा, ''प्याज, टमाटर, आलू के दाम थोड़े बढ़ने लगे हैं। यह ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण है। ।' उपभोक्ता भी सब्जियों के दाम बढ़ने की शिकायत कर रहे हैं।लाजपत नगर निवासी दीपक रस्तोगी ने कहा, ‘‘आज (बुधवार) मैंने प्याज 52 रुपये प्रति किलोग्राम और टमाटर 42 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर खरीदा। ये बढ़ी हुई दरें हैं क्योंकि लगभग एक पखवाड़े पहले मैंने ये सब्जियां क्रमशः 45 रुपये प्रति किलोग्राम और 35 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से खरीदी थीं।'' उन्होंने कहा कि, हालांकि बढ़ोतरी बहुत अधिक नहीं है, लेकिन अगर ईंधन की कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं, तो आने वाले हफ्तों में सब्जियां महंगी हो सकती हैं।
-
नई दिल्ली। वैश्विक बाजार में पर सोने में गिरावट के अनुरूप दिल्ली सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 264 रुपये की नरमी के साथ 45 हजार 783 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 46 हजार 47 पर बंद हुआ था।
चांदी की भी 60 रुपये की गिरावट के साथ 67 हजार 472 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गयी। पिछले कारोबारी सत्र में इसका बंद भाव 67 हजार 532 रुपये था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,755 डॉलर प्रति औंस पर नरम चल रहा था जबकि चांदी 25.80 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ''बुधवार को सोने में गिरावट जारी रही। डॉलर के मजबूत होने से सोने में बिकवाली का रुख रहा। - मुंबई। वैश्विक बाजारों में नकारात्मक रुख के बीच घरेलू बाजारों में भी बुधवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट का रुख रहा। निवेशकों की उच्चस्तर पर बिकवाली से बंबई शेयर बाजार (बीएसई) में शुरुआती तेजी बरकरार नहीं रख सकी और अंत में बीएसई सेंसेक्स 67 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ।बाजार सूत्रों के मुताबिक डालर के मुकाबले कमजोर पड़ते रुपये और ताजा लिवाली के अभाव में कारोबारी धारणा कमजोर रही। यही वजह है कि एक समय करीब 400 अंक ऊपर जाने के बाद 30-कंपनी शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स बिकवाली दबाव में आ गया और अंत में 66.95 अंक यानी 0.13 प्रतिशत गिरकर 52,482.71 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 26.95 अंक यानी 0.17 प्रतिशत गिरकर 15,721.50 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में 1.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ पावर ग्रिड में सबसे ज्यादा गिरावट रही। इसके साथ ही बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, एनटीपीसी, एचयूएल, बजाज फाइनेंस और लार्सन एण्ड टुब्रो में भी गिरावट रही। इसके विपरीत इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, नेस्ले इंडिया और मारुति सुजूकी, टेक महिन्द्रा और अल्ट्रा टेक सीमेंट के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। बाजार की अंतरधारणा नकारात्मक रही। सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 18 गिरावट में रहे जबकि 12 बढ़त रखने में कामयाब रहे। जियोजित फाइनेंसियल सविर्सिज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप एशियाई बाजारों में चिंता का विषय बना हुआ है। वहीं वैश्विक बाजारों में अमेरिका के रोजगार के आंकड़ों पर नजर है। अमेरिका में जून के रोजगार आंकड़े इसी सप्ताह जारी होने हैं। ये आंकड़े अमेरिका के फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति में अहम भूमिका निभाते हैं। रिलायंस सिक्युरिटीज में रणनीति प्रमुख बिनोद मोदी ने कहा, ''घरेलू शेयर बाजारों में कारोबार की समाप्ति के अंतिम सत्र में मुनाफा वसूली के बिकवाली दबाव शुरुआती बढ़त जाती रही। वित्तीय शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आ गया।'' कारोबार के दौरान बाजार में काफी उठापटक रही। शुरुआत मजबूती के साथ हुई लेकिन दोपहर के सत्र में मुनाफा वसूली चलने से शुरुआती बढ़त जाती रही। हालांकि, इस दौरान सूचना प्रौद्योगिकी, धातु और वाहन कंपनियों के शेयरों में खरीदारी देखी गई। औषधि क्षेत्र की कंपनियां मजबूती में रही जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी बाजार को ज्यादा गिरने से बचाया। एशिया के अन्य बाजारों में हांग कांग और टोक्यो नुकसान में रहे जबकि शंघाई और सोल के बाजार बढ़त के साथ बंद हुये। यूरोप के बाजारों में मध्याह्न तक नुकसान की स्थिति थी। उधर, अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का भाव 0.79 प्रतिशत बढ़कर 74.87 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गया। डालर के मुकाबले रुपया नौ पैसे और गिरकर 74.32 रुपये प्रति डालर पर आ गया। कच्चे तेल के बढ़ते दाम से निवेशक धारणा प्रभावित हुई है।
- मुंबई । वैश्विक बाजारों के नकारात्मक रुख और घरेलू बाजारों में ऊंचे स्तर पर मुनाफा वसूली के लिए चली बिकवाली के दबाव से बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स बुधवार को शुरुआती बढ़त गंवा कर 67 अंक नीचे बंद हुआ। दिन के कारोबार में करीब 400 अंक ऊपर जाने के बाद 30-कंपनी शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स बिकवाली दबाव में आ गया और अंत में 66.95 अंक यानी 0.13 प्रतिशत गिरकर 52,482.71 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 26.95 अंक यानी 0.17 प्रतिशत गिरकर 15,721.50 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में पावर ग्रिड के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। इसमें एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट रही। इसके साथ ही बजाजा फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, एनटीपीसी, एचयूएल और लार्सन एण्ड टुब्रो में भी गिरावट रही। इसके विपरीत इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, नेस्ले इंडिया और मारुति के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।रिलायंस सिक्युरिटीज में रणनीति प्रमुख बिनोद मोदी ने कहा, ''घरेलू शेयर बाजारों में कारोबार की समाप्ति के अंतिम सत्र में मुनाफा वसूली के बिकवाली दबाव शुरुआती बढ़त जाती रही। वित्तीय शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आ गया।'' हालांकि, कारोबार के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी, धातु और वाहन कंपनियों के शेयरों में खरीदारी देखगी गई। औषधि क्षेत्र की कंपनियां मजबूती में रही जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी बाजार को ज्यादा गिरने से बचाया। एशिया के अन्य बाजारों में हांग कांग और टोक्यो नुकसान में रहे जबकि शंघाई और सोल के बाजार बढ़त के साथ बंद हुये। यूरोप के बाजारों में मध्याह्न तक नुकसान की स्थिति थी। उधर अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का भाव 0.79 प्रतिशत बढ़कर 74.87 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
- नई दिल्ली। सेबी ने कंपनियों में संचालन व्यवस्था को मजबूत करने और साथ ही बाजार की तरफ ज्यादा निवेशकों को लुभाने की कोशिशों के तहत मंगलवार को स्वतंत्र निदेशकों से जुड़े नियमों को कड़ा कर दिया और रीट्स एवं इनविट्स में आवेदन की न्यूनतम राशि घटा दी। पूंजी बाजार नियामक ने मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए एक नया ढांचा पेश करने के फैसले सहित कई अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी।निवेशकों को सार्वजनिक/राइट्स निर्गम में भागीदारी के लिए विभिन्न भुगतान माध्यमों के जरिये आसान पहुंच सुनिश्चित करने को सेबी ने बैंकों को, अनुसूचित बैंकों को छोड़कर, निर्गम के लिए बैंकर के रूप में पंजीकृत होने की अनुमति दी है। सेबी निदेशक मंडल ने मंगलवार को मुंबई में हुई बैठक में अन्य प्रस्तावों में निवासी भारतीय कोष प्रबंधकों को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का हिस्सा बनने तथा म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन की भी मंजूरी दी है। इनके तहत संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) की योजनाओं में इनसे जुड़े जोखिमों के आधार पर 'स्किन इन द गेम' के तौर पर न्यूनतम निवेश का प्रावधान किया गया है। 'स्किन इन द गेम' से तात्पर्य ऐसी स्थिति से है जिसमें किसी कंपनी को चलाने वाले उच्च पदों पर बैठे लोग अपने धन को कंपनी के शेयरों में निवेश करते हैं। इससे दूसरे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है। वर्तमान में नई कोष पेशकश में जुटाई गई राशि का एक प्रतिशत या 50 लाख रुपये, जो भी कम हो, वह योजनायें लाने वाली एमएमसी को निवेश करने की आवश्यकता होती है। सूचीबद्ध कंपनियों में कॉरपोरेट संचालन को और बेहतर बनाने की कोशिशों के तहत सेबी ने स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति, पुनर्नियुक्ति और बर्खास्तगी से जुड़े नियमों में कई संशोधनों को मंजूरी दी। इनमें स्वतंत्र निदेशकों के इस्तीफा पत्रों का खुलासा करने की जरूरत भी शामिल है। साथ ही इस कदम से आम शेयरधारकों को इस तरह की नियुक्ति एवं पुनर्नियुक्ति में ज्यादा अधिकार मिलेगा। नये नियम एक जनवरी, 2022 से प्रभाव में आएंगे।
- नई दिल्ली। वैश्विक रिटेल कंपनी वालमार्ट ने देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में कार्यरत लोगों और उनके परिवार के सदस्यों की कोविड-19 से जुड़ी सहायता के लिए सोमवार को वृद्धि केयर्स पहल की शुरुआत की। एक बयान के मुताबिक पहल के तहत कंपनी इन उद्यमों में कार्यरत लोगों और उनके परिवार के सदस्यों की टेलीकेयर सेवाओं एवं स्वास्थ्य परामर्श प्रदान कर सहायता करेगी। कंपनी महामारी संबंधी व्यापार सुझाव और संसाधन तक पहुंच भी प्रदान करेगी। वालमार्ट ने निशुल्क टेलीकेयर सेवाएं प्रदान करने के लिए गैर सरकारी संगठन 'स्वाति' के साथ समझौता किया है। पहल के तहत फोन के जरिए डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे स्वास्थ्य सेवा कर्मियों तक दूर रहते हुये पहुंच प्रदान की जाएगी। बयान में कहा गया, "कार्यक्रम के तहत टीका दिशानिर्देशों, घरों में क्वारंटीन की प्रक्रिया और स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने से जुड़ी नवीनतम सूचना मुहैया करायी जाएगी। यह सूचना अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़ और तमिल भाषाओं में दी जाएगी।
- मुंबई। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को हैदराबाद स्थित आंध्र प्रदेश महेश को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक पर 112.50 लाख रुपये का जुर्माना समेत चार सहकारी बैंकों पर नियामक के नियमों का उल्लघंन करने पर जुर्माना लगाया। आरबीआई ने नियमों का उल्लघंन करने पर अहमदाबाद मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक पर 62.50 लाख रुपये, मुंबई के एसवीसी सहकारी बैंक पर 37.50 लाख रुपये और मुंबई के ही सारस्वत सहकारी बैंक पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक के अनुसार आंध्र प्रदेश महेश को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक पर 'जमा पर ब्याज दर' और 'अपने ग्राहक को जानें' से संबंधित आरबीआई के निर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर यह जुर्माना लगाया है। जबकि अहमदाबाद मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक को 'जमा पर ब्याज दर' पर मास्टर निर्देश में मानदंडों के उल्लंघन को लेकर दंडित किया गया है। आरबीआई ने बताया कि उसने एसवीसी सहकारी बैंक पर 'जमा पर ब्याज दर' और ‘धोखाधड़ी निगरानी तथा रिपोर्टिंग तंत्र' के निर्देशों का पालन न करने के लिए जुर्माना लगाया। वहीं सारस्वत सहकारी बैंक को 'जमाओं पर ब्याज दर' और 'जमा खातों के रखरखाव' के निर्देशों का पालन नहीं करने पर दंडित किया है। आरबीआई ने बैंकों पर लगाए जुर्माने को लेकर कहा कि ये जुर्माने नियामक अनुपालन में कमियों के आधार पर लगाया गया है।
- नयी दिल्ली।लक्जमबर्ग की मेडिकल रेफ्रिजरेशन उपकरण कंपनी बी मेडिकल सिस्टम्स ने अखिल भारतीय स्तर पर स्पुतनिक वी वैक्सीन पेश करने के लिए एक विश्वसनीय शीत भंडारण समाधान उपलब्ध कराने को डॉ रेड्डीज लैब से हाथ मिलाया है। इस गठजोड़ के तहत कंपनी राष्ट्रीय स्तर पर स्पुतनिक वी वैक्सीन को पेश करने के लिए देशभर में कई सौ वैक्सीन फ्रीजर लगाएगी। बयान में कहा गया है कि स्पुतनिक वी एक एडेनोवायरस वायरल वेक्टर वैक्सीन है। इसे शून्य से 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान में रखने की जरूरत होती है। ऐसे में इस टीके के लिए शीत भंडारण श्रृंखला काफी मजबूत होनी चाहिए। बी मेडिकल सिस्टम्स ने कहा, ‘‘इस गठजोड़ के तहत वह अपने वैक्सीन फ्रीजर उपलब्ध कराएगी। इनमें वैक्सीन को -25 डिग्री सेल्सियस जैसे निचले तापमान पर स्टोर किया जा सकेगा। तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए लक्जमबर्ग से इन इकाइयों को एयर कार्गो के जरिये भेजा जाएगां करार के तहत बी मेडिकल सिस्टम्स के फ्रीजर इस सप्ताह देश के सभी प्रमुख अस्पताल श्रृंखलाओं में रखे जाएंगे। बी मेडिकल सिस्टम्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जेसल दोषी ने कहा कि स्पुतनिक वी वैक्सीन को पेश करेने में डॉ रेड्डीज के साथ भागीदारी करने को लेकर हम काफी गौरान्वित महसूस कर रहे हैं। हमने इसके लिए बेहद विश्वसनीय शीत भंडारण ढांचा लगाने के लिए हम डॉ. रेड्डीज के साथ काम कर रहे हैं।
- नयी दिल्ली। जर्मनी की लक्जरी कार विनिर्माता ऑडी ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत में अपनी इलेक्ट्रिक एसयूवी - ई-ट्रॉन और ई-ट्रॉन स्पोर्टबैक के लिए बुकिंग शुरू कर दी है और ये गाड़ियां 22 जुलाई को बाजार में आएंगी। ऑडी इंडिया ने एक बयान में कहा कि इनमें से प्रत्येक एसयूवी को पांच लाख रुपये की शुरुआती राशि के साथ बुक किया जा सकता है। कंपनी ने बताया कि वह ई-ट्रॉन ब्रांड के तहत कई नए मॉडल की पेशकश भी करेगी।ऑडी इंडिया ने पहले पिछले साल के अंत में ई-ट्रॉन की पेशकश की योजना बनाई थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर योजना में बदलाव करना पड़ा। इस बारे में ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा, ‘‘भविष्य इलेक्ट्रिक का है और हम भारत में एक नहीं, बल्कि दो इलेक्ट्रिक एसयूवी - ऑडी ई-ट्रॉन और ऑडी ई-ट्रॉन स्पोर्टबैक की बुकिंग शुरू करके रोमांचित हैं।
- नई दिल्ली। कमजोर वैश्विक संकेतों के बाद दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 89 रुपये की गिरावट के साथ 46 हजार 167 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 46 हजार 256 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 222 रुपये की गिरावट के साथ 67 हजार 926 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। पिछले कारोबारी सत्र में इसका बंद भाव 68 हजार 148 रुपये रहा था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गिरावट के साथ 1,774 डॉलर प्रति औंस रह गया जबकि चांदी 26.02 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ''डॉलर के मजबूत होने से सोने में गिरावट का रुख रहा।
- मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के रुख और डॉलर सूचकांक के मजबूत होने से विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को रुपया कारोबार के अंत में चार पैसे की हानि के साथ 74.23 (अस्थायी) रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ। अन्तरबैंक विदेशी विनिमय बाजार में कारोबार की शुरुआत में डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 74.26 पर खुली। पिछले कारोबारी सत्र में यह 74.19 रुपये पर बंद हुई थी। कारोबार के दौरान इसमें 74.20 से 74.28 रुपये प्रति डालर के दायरे में उतार चढ़ाव आने के बाद अंत में रुपया पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले चार पैसे गिरकर 74.23 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.10 प्रतिशत बढ़कर 91.97 हो गया। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक मंगलवार को 185.93 अंक की गिरावट के साथ 52,549.66 अंक पर बंद हुआ। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.24 प्रतिशत घटकर 74.50 डॉलर प्रति बैरल रह गया।शेयर बाजार आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने सोमवार को सकल आधार पर 1,658.72 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की।-
- मुंबई। छोटी इकाइयों या कारोबार के लिए वित्तीय और प्रशासनिक समाधान उपलब्ध कराने वाली ब्रिटेन की कंपनी टाइड ने मंगलवार को भारतीय बाजार में उतारने की घोषणा की। टाइड ने अगले पांच साल के दौरान भारत में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।कंपनी की योजना लघु एवं मझोले उपक्रमों को लक्ष्य करने की है। कारोबार जुटाने के लिए कंपनी सॉफ्टवेयर विकास, उत्पाद विकास और फील्ड टीमों के लिए 1,000 लोगों की नियुक्ति करेगी। वित्तपोषण के स्रोत के बारे में पूछे जाने पर टाइड इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गुरजोधपाल सिंह ने कहा कि कंपनी ने 10 करोड़ पाउंड का वित्तपोषण जुटाया है। कंपनी का ब्रिटिश परिचालन अच्छी आमदनी अर्जित कर रहा है। श्री सिंह ने कहा कि कंपनी की योजना लघु एवं मंझोले उपक्रमों (एसएमई) को गठन से लेकर सामान्य कारोबार शुरू होने तक मदद करने की है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले पांच साल में 25 लाख एसएमई हमारे ग्राहक होंगे।
- नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर काम करने वाली भुगतान-समाधान प्रौद्योगिकी कंपनी मास्टरकार्ड ने डिजिटल मंच इंस्टामोजो में कुछ हिस्सेदारी खरीदी है। यह सौदा कितने में हुआ, इसकी घोषणा नहीं की गयी है। इंस्टामोजा छोटे कारोबारियों और स्वरोजगार करने वाले लोगों की मदद करने वाला डिजिटल मंच है।मास्टरकार्ड ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस निवेश के माध्यम से वह लाखों की संख्या में सूक्ष्म , लघु और मंझोली इकाइयों को सरल समाधान प्रस्तुत कर उन्हें तेजी से डिजिटल प्रौद्योगिकी अपनाने में मदद करना चाहती है। इससे वे ऑनलाइन स्टोर चलाने , डिजिटल भुगतान प्राप्त करने की क्षमता बनाने और इस महामारी के दौर में बिना भौतिक संपर्क किए ग्राहकों को जोडऩे में समर्थ हो सकेंगे। बयान में कहा गया है कि इंस्टामोजो के मंच से जुडऩे के बाद ऐसी इकाइयों को पूरी तरह से सक्रिय ऑनलाइन स्टोर से सम्पर्क हो चुका होगा। इसमें भुगतान और माल भेजने , विपणन, कर्ज और लॉजिस्टिक्स की सुविधा भी जुड़ी है।
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को सहकारी बैंकों को नीति निर्माण, आंतरिक ऑडिट और केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) नियमों के संदर्भ में अनुपालन, कर्ज मंजूरी और निवेश पोर्टफोलियो के प्रबंधन जैसे प्रमुख प्रबंधकीय कार्य आउटसोर्स नहीं करने के निर्देश दिये। आरबीआई ने सहकारी बैंकों द्वारा वित्तीय सेवाओं के आउटसोर्सिंग में जोखिम प्रबंधन को लेकर दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि बैंक अनुबंध के आधार पर पूर्व कर्मचारियों समेत विशेषज्ञों को नियुक्त कर सकते हैं, जो कुछ शर्तों पर निर्भर करेगा। आउटसोर्सिंग से आशय निरंतर आधार पर गतिविधियों को अंजाम देने के लिये तीसरे पक्ष का उपयोग करना है।सहकारी बैंक लागत कम करने के साथ-साथ विशेषज्ञों का लाभ लेने के लिये आउटसोर्सिंग का उपयोग बढ़ाते जा रहे हैं। आरबीआई ने कहा कि हालांकि निर्णय के वाणिज्यिक पहलुओं सहित सभी प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखते हुए स्वीकृत गतिविधि को आउटसोर्स करने की जरूरत पर विचार करना पूरी तरह से बैंकों का विशेषाधिकार है। लेकिन इसके परिणामस्वरूप बैंकों को विभिन्न जोखिमों का सामना करना पड़ता है। दिशानिर्देश में कहा गया है, ‘‘जो सहकारी बैंक वित्तीय सेवाओं के लिये आउटसोर्स का विकल्प चुनते हैं, वे नीति निर्माण, आंतरिक लेखा परीक्षा और अनुपालन, केवाईसी मानदंडों का अनुपालन, ऋण स्वीकृति और निवेश पोर्टफोलियो के प्रबंधन सहित मुख्य प्रबंधन कार्यों को आउटसोर्स नहीं करेंगे।'' आरबीआई ने कहा कि दिशानिर्देश सहकारी बैंकों को विभिन्न कार्यों के आउटसोर्सिंग से जुड़े जोखिम को दूर करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय करने में सक्षम बनाने के लिए जारी किए गए हैं।