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- नयी दिल्ली। रेटिंग एजेंसी मूडीज का मानना है कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन की वजह से वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में फिर से अनिश्चितता पैदा हो गई है लेकिन इसके संभावित जोखिम के बारे में अंदाजा लगाना अभी जल्दबाजी होगी। मूडीज एनालिटिक्स ने सोमवार को ओमीक्रोन स्वरूप पर जारी अपनी एक टिप्पणी में कहा कि वायरस का नया स्वरूप काफी तेज गति से फैलने वाला बताया जा रहा है लेकिन काफी कुछ इस पर निर्भर करेगा कि इसका प्रसार कितनी तेजी से होता है और कितने लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है और कितने संक्रमित लोगों की इससे मौत होती है? मूडीज के मुताबिक, ''कोविड-19 के ओमीक्रोन स्वरूप ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के परिदृश्य में नई तरह की अनिश्चितता पैदा कर दी है। हालांकि, अभी इससे जुड़े जोखिम का सही से अंदाजा लगाना जल्दबाजी होगा।'' मूडीज के मुताबिक, इस नए स्वरूप के बारे में तस्वीर साफ होने में कम-से-कम दो हफ्ते का वक्त लगेगा। इसके लिए ओमीक्रोन के प्रसार वाले देशों में इसके संक्रमण की रफ्तार एवं असर पर नजर रखनी होगी। मूडीज के मुख्य अर्थशास्त्री (एशिया-प्रशांत) स्टीव कोचरेन ने कहा, ''काफी कुछ इस पर निर्भर करेगा कि इसके संक्रमित हुए कितने लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है और कितने लोगों की मौत होती है? इसके अलावा इस पर कोविड-रोधी टीके एवं एंटी-वायरल दवाओं के असर को भी देखना होगा।'' कोरोना वायरस के इस नए स्वरूप को वैज्ञानिक काफी ज्यादा संक्रामक मान रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके पहले मामले की पुष्टि दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को की थी। इतने कम दिनों में ही 12 अन्य देशों से इसके संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। इसके बारे में मूडीज का आकलन है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों को आने वाले हफ्तों में विशेष ध्यान रखना होगा। इसकी वजह यह है कि हांगकांग एवं ऑस्ट्रेलिया में इसके मामले सामने आ चुके हैं। मूडीज के मुताबिक, खासतौर पर कम टीकाकरण करने वाले देशों पर इसकी मार ज्यादा पडऩे की आशंका होगी। इन देशों की सूची में भारत भी शामिल है।
- नयी दिल्ली। सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित श्रमिकों का आंकड़ा इस सप्ताह 10 करोड़ पर पहुंच सकता है। ताजा आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है। अभी ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत! श्रमिकों की संख्या 9.7 करोड़ के करीब है। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने ई-श्रम पोर्टल विकसित किया है जो आधार के साथ जुड़ा असंगठित श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस है। पोर्टल 26 अगस्त, 2021 को शुरू किया गया था। पोर्टल पर रविवार को 13.97 लाख श्रमिकों ने पंजीकरण कराया, जबकि शनिवार को यह संख्या 14.95 लाख थी।इस तरह इस बात को ध्यान में रखते हुए कि एक दिन में औसतन 10 लाख श्रमिकों का पंजीकरण हो रहा है, नामांकन इस सप्ताह ही 10 करोड़ का आंकड़ा छू सकता है। पोर्टल के नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि ई-श्रम पोर्टल पर 9.7 करोड़ श्रमिक पंजीकृत हैं, जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग जैसे सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के श्रमिकों की संख्या 72.46 प्रतिशत है जबकि 27.54 प्रतिशत सामान्य वर्ग से हैं। इसके अलावा, असंगठित क्षेत्र के 89.68 प्रतिशत पंजीकृत श्रमिकों ने अपने बैंक विवरण प्रदान किए हैं।आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि भारत में गांवों में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं के वितरण के लिए पहुंच बिंदु साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) के माध्यम से 80.73 प्रतिशत पंजीकरण हुए हैं।
- मुंबई । घरेलू शेयर बाजारों में इस सप्ताह की शुरूआत अच्छी रही और सोमवार को दोनों सूचकांक- बीएसई सेंसक्स और एनएसई निफ्टी बढ़त के साथ बंद हुए। सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, बैंक और आईटी कंपनियों में तेजी से बाजार को समर्थन मिला। हालांकि कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रॉन के कुछ और देशों में फैलने के बाद निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। कोरोना वायरस का नया स्वरूप कई देशों में पाए जाने के बाद दुनिया के कई देश फिर से यात्रा पाबंदी लगा रहे हैं। हालांकि अभी तक भारत में ओमीक्रॉन का कोई मामला नहीं पाया गया है। पिछले सप्ताह शुक्रवार को शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के बाद सोमवार को कुछ स्थिरता दिखी। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 153.43 अंक यानी 0.27 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,260.58 अंक पर बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के साथ सूचकांक शुरूआती कारोबार में 500 अंक से भी अधिक नीचे चला गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 27.50 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,053.95 अंक पर बंद हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज की दूरसंचार इकाई जियो के प्रीपेड मोबाइल फोन की शुल्क दरें बढ़ाने की घोषणा के बाद कंपनी का शेयर 1.26 प्रतिशत चढ़ा। सेंसेक्स के शेयरों में कोटक बैंक सर्वाधिक 2.92 प्रतिशत चढ़ा। एलआईसी को भारतीय रिजर्व बैंक से निजी क्षेत्र के इस बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर लगभग 10 प्रतिशत करने की मंजूरी से शेयर में तेजी रही। इसके अलावा, एचसीएल टेक, टीसीएस, इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, टाइटन और टेक महिंद्रा में भी प्रमुख रूप से तेजी रही। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में सन फार्मा, एनटीपीसी, एक्सिस बैंक, नेस्ले, बजाज ऑटो, भारतीय स्टेट बैंक और डा. रेड्डीज शामिल हैं। इनमें 2.03 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के नये स्वरूप को लेकर चिंता के बीच घरेलू सूचकांक शुरूआती गिरावट से उबरते हुए लाभ में रहे। मुख्य रूप से आईटी और स्वास्थ्य से जुड़ी कंपनियों के शेयरों से बाजार को समर्थन मिला। वैश्विक बाजारों में मिला-जुला रुख रहा....।'' उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता और गिरावट के बाद लिवाली की स्थिति देखने को मिली। इससे गिरावट पर कुछ अंकुश लगा। घरेलू बाजार में, दूरसंचार क्षेत्र पर निवेशकों की नजर रही क्योंकि सभी प्रमुख कंपनियों ने शुल्क दरें बढ़ा दी हैं। इससे संकेत मिलता है कि मोबाइल फोन पर सस्ते में बातचीत का दौर अब खत्म होने वाला है।'' रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा कि दुनिया के कई देशों में कोविड-19 के नये स्वरूप को देखते हुए बाजार में अनिश्चितता बने रहने की आशंका है। उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू बाजार में इसके अलावा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के आंकड़े, बुनियादी क्षेत्र और वाहन बिक्री के आंकड़े दिशा देंगे। हम निवेशकों से सतर्क रुख रखने की बात दोहराते हैं...।'' एशिया के अन्य बाजारों में जापान में निक्की 225, 1.7 प्रतिशत टूटा। जापान के मंगलवार से विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर पाबंदी की घोषणा से शेयर बाजार नीचे आया। चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.4 प्रतिशत और हांगकांग का हैंगसेंग 1.12 प्रतिशत नीचे आया। दक्षिण कोरिया का कॉस्पी 0.9 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया में सिडनी का एस एंड पी-एएसएक्स 200, 0.5 प्रतिशत नीचे आया। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में बढ़त का रुख था।इस बीच, वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड 2.82 प्रतिशत उछलकर 74.41 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे टूटकर 75.12 पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 5,785.83 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम यदि कुछ और दिन तक निचले स्तर पर बने रहते हैं, तभी देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें नीचे आएंगी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि घरेलू स्तर पर खुदरा कीमतें 15 दिन के ‘रोलिंग' औसत के आधार पर तय की जाती हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में सतत गिरावट के बाद ही यहां दाम घटेंगे। वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें नवंबर में (25 नवंबर तक) मोटे तौर पर लगभग 80 से 82 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रही हैं। गत शुक्रवार को कच्चे तेल का दाम करीब चार डॉलर प्रति बैरल और घट गया था। उसके बाद ब्रेंट वायदा में बिकवाली से लंदन के आईसीई में इसकी कीमत छह डॉलर और घटकर 72.91 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुई। सूत्रों ने कहा कि यह कोविड के नए स्वरूप ओमीक्रोम की वजह से पैदा हुए डर की तत्काल प्रतिक्रिया लगती है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां... इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) दैनिक आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन करती हैं। लेकिन यह संशोधन पिछले पखवाड़े में औसत बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय दरों के हिसाब से होता है। इसलिए रविवार की कीमत पिछले 15 दिन के औसत से तय होगी। एक सूत्र ने कहा, ‘‘शुक्रवार को दरों में गिरावट से स्वाभाविक रूप से यह उम्मीद बन रही थी कि पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल और डीजल के दाम घटेंगे। लेकिन खुदरा कीमतें ऐसे तय नहीं होतीं। चूंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें नवंबर के अधिकांश दिनों में सीमित दायरे में रही हैं, ऐसे शुक्रवार को आई गिरावट से औसत मूल्य पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। एक सूत्र ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब कीमतों में गिरावट कुछ और दिन बनी रहेगी, तभी यहां पेट्रोल और डीजल के दाम नीचे आएंगे।'' हाल में अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया सहित भारत जैसे प्रमुख तेल उपभोक्ता देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों को कम करने के संयुक्त प्रयास के तहत अपने रणनीतिक भंडार से कच्चे तेल को जारी करने की घोषणा की थी। लेकिन इन घोषणाओं का भी अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
- नयी दिल्ली। सेल्युलर सेवा प्रदाताओं ने सरकार से 5जी स्पेक्ट्रम की प्रस्तावित नीलामी के लिए इसकी आधार कीमतों में आधे से भी ज्यादा कटौती की मांग की है। एक न्यूज़ एजेंसी के अनुसार उद्योग जगत के सूत्रों के मुताबिक सेल्युलर ऑपरेटरों के संगठन सीओएआई ने 5जी सेवाओं के विस्तार और डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए स्पक्ट्रम कीमतों में बड़ी कटौती की मांग की है। एक दूरसंचार कंपनी के प्रतिनिधि ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने सरकार से 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के आधार मूल्य में आधे से भी अधिक कटौती करने का अनुरोध किया है।'' हालांकि, सीओएआई ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी प्रक्रिया अप्रैल-जून 2022 की तिमाही में शुरू होने की उम्मीद है। इसके पहले मार्च, 2021 में हुई पिछली स्पेक्ट्रम नीलामी के समय सरकार ने सात बैंड में 2308.80 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की थी जिसका आरक्षित मूल्य करीब चार लाख करोड़ रुपये था। यह अलग बात है कि प्रीमियम श्रेणी के 700 मेगाहर्ट्ज और 2,500 मेगाहर्ट्ज बैंड के स्पेक्ट्रम बिक ही नहीं पाए। ज्यादा आधार मूल्य होने से दूरसंचार ऑपरेटर इससे दूर ही रहे। सरकार पिछली बार 3.3-3.6 गीगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी के स्पेक्ट्रम की नीलामी भी नहीं कर सकी थी क्योंकि इसे समय पर खाली नहीं कराया जा सका था। इसके अलावा इस बैंड का आधार मूल्य भी 5जी सेवाओं के लिए खासा महंगा बताया गया था। एक दूरसंचार ऑपरेटर के प्रतिनिधि ने आधार मूल्य में 50-60 प्रतिशत कटौती की मांग रखने का दावा किया है, तो दूसरे ऑपरेटर के प्रतिनिधि ने इसमें 60-70 फीसदी कटौती तक की मांग किए जाने की बात कही है। दूरसंचार नियामक ट्राई ने 3.3-3.6 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम में प्रति मेगाहर्ट्ज 492 करोड़ रुपये का आधार मूल्य तय किया था। इस दर पर ऑपरेटरों को 3,300-3,600 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर 9,840 करोड़ रुपये चुकाने पड़ेंगे। देशभर में फिलहाल 5जी सेवाओं का परीक्षण चल रहा है। इसके लिए सरकार ने गत मई में दूरसंचार कंपनियों को छह महीनों के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित किया था।
- नयी दिल्ली। भवन निर्माण सामग्री कंपनी कामधेनु ग्रुप की योजना कारोबार विभाजन के बाद अपनी पेंट इकाई को सूचीबद्ध कराने की है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सतीश कुमार अग्रवाल ने यह जानकारी दी। कामधेनु अपने इस्पात और पेंट कारोबार को विभाजित करने की प्रक्रिया में है। इसके पीछे कंपनी का मकसद अपनी पहुंच और ग्राहक आधार को बढ़ाना है। अग्रवाल ने कहा, ‘‘यह विभाजन प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। उसके बाद हम पेंट कारोबार को सूचीबद्ध करेंगे। सूचीबद्धता की प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष में ही पूरी होने की संभावना है।'' उन्होंने कहा, ‘‘दो अलग-अलग कंपनियां होने से हम अपने ग्राहकों पर अधिक बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। दोनों कारोबार को देखने के लिए अलग टीमें होंगी।'' उन्होंने कहा कि कंपनी अपने पेंट कारोबार के विस्तार के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कामधेनु पेंट्स का विनिर्माण कारखाना राजस्थान के चोपांकी में है। पेंट के अलावा गुरुग्राम की कंपनी इस्पात विनिर्माण क्षेत्र में भी काम करती है।
- मुंबई। हिंदुजा समूह ने रिजर्व बैंक द्वारा निजी क्षेत्र के बैंकों में प्रवर्तकों को 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की अनुमति देने के फैसले का स्वागत किया है। उल्लेखनीय है कि हिंदुजा ने पूर्व में इंडसइंड बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की अनुमति के लिए केंद्रीय बैंक के पास आवेदन किया था। हिंदुजा की इकाई, आईआईएचएल मॉरीशस इंडसइंड बैंक की प्रवर्तक है। उसने बैंक में अपनी हिस्सेदारी 15 प्रतिशत की पिछली सीमा से बढ़ाकर 26 प्रतिशत तक करने के लिए रिजर्व बैंक के पास आवेदन किया था। इसके अलावा हिंदुजा ने इस मामले में स्थिति साफ करने को भी कहा था कि क्योंकि उसके प्रतिद्वंद्वी कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवर्तकों को अपनी हिस्सेदारी 26 प्रतिशत करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि कोटक महिंद्रा को यह अनुमति रिजर्व बैंक को अदालतों में घसीटने के बाद मिली थी। आईआईएचएल के चेयरमैन अशोक हिंदुजा ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि प्रवर्तकों को अधिक हिस्सेदारी की अनुमति खासकर ऐसे समय जब भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ने के लिए तैयार है, सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद होगी। इसमें नियामक, बैंकिंग संस्थान और उसके ग्राहक सभी शामिल हैं।'' रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को निजी क्षेत्र के बैंकों पर संशोधित दिशानिर्देश जारी किए। इन दिशानिर्देशों के तहत प्रवर्तकों को निजी क्षेत्र के बैंकों में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की अनुमति दी गई है। हालांकि, पूर्व गवर्नरों सहित विभिन्न हलकों के विरोध के बाद कॉरपोरेट समूहों को बैंकों के स्वामित्व की अनुमति नहीं दी गई है। रिजर्व बैंक के आंतरिक कार्यसमूह ने इस बारे में सिफारिश की थी। हिंदुजा ने कहा कि आईआईएचएल अब परिचालन दिशानिर्देशों का इंतजार कर रही है क्योंकि यह प्रवर्तकों द्वारा और पूंजी डालकर अपनी हिस्सेदारी को 26 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए एक अवसर है।
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दुबई । सयुंक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित एक्सपो 2020 दुबई में भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने भारत को वस्त्र और कपड़ों के लिए पसंदीदा भागीदार बताया। उन्होंने निर्यातकों को अफ्रीका और यूरोप के प्रवेश द्वार की तरह यूएई का उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत के कपड़ा उद्योग का एक प्रतिनिधिमंडल यहां नेटवर्किंग सत्र 'संयुक्त अरब अमीरात और विश्व के साथ जुड़ाव' के लिए एकत्र हुआ था ताकि क्षेत्र में अवसरों को बताया जा सके। इस सत्र के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने भारत को वस्त्र और कपड़ों के लिए पसंदीदा गंतव्य भागीदार बताया और भारतीय निर्यातकों को अफ्रीका और यूरोप को निर्यात के प्रवेश द्वार की तरह यूएई का उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया।
- नयी दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश के उत्तरी राज्यों से टमाटर की नई फसल की आवक के साथ दिसंबर से इसके भाव नरम पड़ने की उम्मीद है। टमाटर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य बेमौसम बारिश के कारण पिछले वर्ष की तुलना में 63 प्रतिशत बढ़कर 67 रुपये प्रति किलो होने के साथ सरकार का यह बयान आया है। वहीं प्याज के मामले में, खुदरा कीमतें वर्ष 2020 और वर्ष 2019 के स्तर से काफी नीचे आ गई हैं।खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा, "देश के उत्तरी राज्यों से टमाटर की आवक दिसंबर की शुरुआत से ही शुरू हो जाएगी। इससे उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतों में गिरावट आएगी। दिसंबर में आवक पिछले साल के बराबर रहने की उम्मीद है।" इस साल नवंबर में आवक 19.62 लाख टन थी, जो एक साल पहले की समान अवधि में 21.32 लाख टन थी।टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी के कारणों के बारे में बताते हुए, मंत्रालय ने कहा कि पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में बेमौसम बारिश के कारण सितंबर के अंत से टमाटर की खुदरा कीमतें बढ़ी हैं। बारिश की वजह से टमाटर की फसल को नुकसान हुआ और इन राज्यों से आने में देरी हुई। बयान में कहा गया है कि उत्तर भारतीय राज्यों से देरी से आवक के बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में भारी बारिश हुई, जिससे आपूर्ति बाधित हुई और फसल को भी नुकसान हुआ। मंत्रालय ने कहा कि टमाटर की कीमत अत्यधिक अस्थिर है। आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी तरह की बाधा या भारी बारिश के कारण क्षति होने से कीमतों में तेजी आती है। इसके विपरीत, थोक मात्रा में आवक और लॉजिस्टिक की समस्या होने पर बाजार में अधिक आपूर्ति की स्थिति पैदा हे जाती है। इसके परिणामस्वरूप खुदरा कीमतों में गिरावट आती है। इस महीने 25 नवंबर तक टमाटर का अखिल भारतीय औसत मूल्य 67 रुपये प्रति किलो था जो पिछले साल की तुलना में 63 प्रतिशत अधिक है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, चालू वर्ष में टमाटर का खरीफ (गर्मी) उत्पादन 69.52 लाख टन है, जबकि पिछले साल 70.12 लाख टन टमाटर का उत्पादन हुआ था। हालांकि, प्याज के मामले में, मंत्रालय ने कहा कि कीमतों में काफी कमी आई है और यह स्तर 2020 और 2019 में खुदरा कीमतों से नीचे है। आकंड़े के अनुसार 25 नवंबर को प्याज का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 39 रुपये प्रति किलो था जो पिछले साल की तुलना में 32 प्रतिशत कम है। मंत्रालय ने कहा कि उसने मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत बनाए गए 2.08 लाख टन के बफर प्याज स्टॉक को उन राज्यों और शहरों के लिए व्यवस्थित और लक्षित तरीके से जारी किया जहां कीमतें पिछले महीने की तुलना में बढ़ रही थीं। लासलगांव और पिंपलगांव जैसे बाजारों में भी स्टॉक की उपलब्धता बढ़ाने के लिए इस स्टॉक को जारी किया गया। सरकार की मदर डेयरी की सफल इकाइयों को भी परिवहन लागत सहित 26 रुपये प्रति किलो प्याज की आपूर्ति की गई है। मंत्रालय ने कहा, "बफर से प्याज की भारी मात्रा के जारी किये जाने से कीमतों में स्थिरता आई है।"सरकारी आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को टमाटर की खुदरा कीमत राष्ट्रीय राजधानी में 75 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई, जबकि दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में कीमतों में नरमी आई, लेकिन अभी भी यह कीमत अधिक ही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चेन्नई में, टमाटर की खुदरा कीमत 22 नवंबर को 100 रुपये किलो के उच्चतम स्तर से शुक्रवार को घटकर 63 रुपये प्रति किलो रह गई। इसी तरह, तिरुवनंतपुरम में, कीमत उक्त अवधि में 103 रुपये किलो से घटकर 80 रुपये प्रति किलो रह गई। पुडुचेरी में शुक्रवार को टमाटर की कीमत 22 नवंबर को 100 रुपये प्रति किलो से घटकर 45 रुपये प्रति किलो रह गई। हालांकि, हैदराबाद में, कीमत दो दिनों के दौरान पहले के 90 रुपये प्रति किलो से थोड़ा कम होकर 72 रुपये प्रति किलो रह गई। बेंगलूरु में, खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमत 88 रुपये प्रति किलो के उच्च स्तर पर बनी रही। पोर्ट ब्लेयर में, कीमत 22 नवंबर को 113 रुपये प्रति किलोग्राम से शुक्रवार को बढ़कर 143 रुपये प्रति किलो हो गई। आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर की खुदरा कीमत शुक्रवार को बढ़कर 75 रुपये प्रति किलो हो गई, जो 22 नवंबर को 63 रुपये प्रति किलो थी। हालांकि, दिल्ली में प्याज और आलू की खुदरा कीमतों में नरमी आयी है। खुदरा प्याज की कीमत 35 रुपये प्रति किलो और आलू 20 रुपये प्रति किलो पर चल रही थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, टमाटर का औसत अखिल भारतीय अधिकतम खुदरा मूल्य शुक्रवार को बढ़कर 143 रुपये प्रति किलो हो गया, जो 22 नवंबर को 113 रुपये प्रति किलो था।
- नयी दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार को स्वतंत्र निदेशक के तौर पर हीरो मोटोकॉर्प के निदेशक मंडल में शामिल किया गया है। दो पहिया वाहन विनिर्माता कंपनी ने शुकव्रार को यह जानकारी दी। हीरो मोटोकॉर्प ने एक बयान में कहा कि उसने स्वतंत्र निदेशक के रूप में निदेशक मंडल में विपणन रणनीतिकार और उद्यमी वसुधा दिनोदिया को भी नियुक्त किया है। बुटीक चॉकलेट स्टार्टअप चोको ला के संस्थापक दिनोदिया मुंजाल परिवार से तीसरी पीढ़ी के उद्यमी हैं।हीरोमोटोकॉर्प ने वित्त, खुदरा, प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के विशेषज्ञ केमिली टैंग को भी अपने निदेशक मंडल में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया है।
- पुणे। दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आईडिया लिमिटेड (वीआईएल) ने अपने 5जी इंटरनेट परीक्षणों के दौरान लगभग चार गीगाबिट प्रति सेकंड (जीबीपीएस) की इंटरनेट गति हासिल की है। कंपनी ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि यह गति 26 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड में हासिल की गई है जिसे भविष्य की नीलामी में बिक्री के लिए रखे जाने का प्रस्ताव है। वीआईएल के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी जगबीर सिंह ने कहा, "हम परीक्षण के दौरान मिलीमीटर बैंड में 4.2 जीबीपीएस की गति हासिल करने में सफल रहे हैं।" उन्होंने कहा कि सरकार ने 5जी के परीक्षण को छह महीने तक के लिए बढ़ा दिया है और यह अगले वर्ष मई या तब तक चलेगा या जब तक स्पेक्ट्रम नीलामी का नतीजा नहीं आता। मुख्य नियामकीय और कॉर्पोरेट अधिकारी पी बालाजी ने कहा कि परीक्षण मई तक बढ़ा दिया गया है लेकिन सरकार ने अभी तक स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए कोई समयसीमा नहीं बताई है। वीआईएल गांधीनगर में नोकिया और पुणे में एरिक्सन के साथ 5जी इंटरनेट परीक्षण कर रही है।
- मुंबई। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को निजी क्षेत्र के बैंकों के कॉरपोरेट स्वामित्व पर अपने कार्यकारी समूह की अधिकतर सिफारिशों को स्वीकार करते हुए परिचालन के पहले पांच वर्षों में प्रवर्तकों की बिना किसी सीमा के शेयरधारिता और 15 साल बाद उसे मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने की मंजूरी दे दी। रिजर्व बैंक ने साथ ही नयी पूंजी जरूरतों के संबंध में भी मंजूरी दे दी। इस कदम से कोटक महिंद्रा बैंक और इंडसइंड बैंक जैसे प्रमुख बैंकों को फायदा होगा, जो कई वर्षों से नियामक से अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए और समय मांग रहे थे। केंद्रीय बैंक ने आंतरिक कार्य समूह की 33 सिफारिशों में से 21 को स्वीकार करते हुए कहा कि शेष सुझावों पर विचार किया जा रहा है। रिजर्व बैंक ने 12 जून, 2020 को कार्य समूह का गठन किया और इस समिति ने 20 नवंबर, 2020 को रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें हितधारकों और जनता के सदस्यों की टिप्पणियां 15 जनवरी, 2021 तक मांगी गयी थीं। केंद्रीय बैंक ने समिति की इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया कि पहले पांच वर्षों के लिए बैंक की चुकता वोटिंग इक्विटी शेयर पूंजी का न्यूनतम 40 प्रतिशत रखने की प्रारंभिक लॉक-इन जरूरतों से संबंधित मौजूदा निर्देशों में कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन कहा कि इस अवधि में प्रवर्तकों की शेयरधारिता पर कोई सीमा नहीं होगी। समिति की रिपोर्ट यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रवर्तक बैंकों में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी बनाए रखें, और व्यवसाय ठीक से स्थापित एवं स्थिर होने तक प्रवर्तक समूह के नियंत्रण की विश्वसनीयता बनी रहे, पहले पांच वर्षों के लिए न्यूनतम 40 प्रतिशत हिस्सेदारी बनाए रखने का समर्थन करता है। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि प्रवर्तक शुरुआती वर्षों में बैंक को जरूरी रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहे। एक और महत्वपूर्ण बदलाव वह यह है कि प्रवर्तकों को बैंक शुरू करने के लिए और पैसा लाना होगा क्योंकि रिजर्व बैंक ने नए बैंकों को लाइसेंस देने के लिए न्यूनतम प्रारंभिक पूंजी संबंधी जरूरत से जुड़ी सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। रिजर्व बैंक ने प्रारंभिक पूंजी जरूरतों से जुड़ी सिफारिशों को स्वीकार करते हुए कहा है कि विविध बैंकिंग गतिविधियों में शामिल बैंकों के लिए प्रारंभिक चुकता वोटिंग इक्विटी शेयर पूंजी/कुल संपत्ति किसी नए बैंक के लिए जरूरी, मौजूदा 500 करोड़ रुपये से पांच साल में बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये किया जा सकता है। इसी तरह लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) के लिए यह मौजूदा 200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपये, एसएफबी का रूप लेने वाले शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए मौजूदा 100 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 150 करोड़ रुपये किया जा सकता है।
- नयी दिल्ली। नागर विमानन मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत आने-जाने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 15 दिसंबर से सामान्य रूप से संचालित होंगी। नागर विमानन मंत्रालय ने विमानन नियामक डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) को पत्र लिखकर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन फिर से शुरू करने के लिए ‘आवश्यक कार्रवाई करने' को कहा है। नागर विमानन मंत्रालय ने एक आदेश में कहा, भारत आने-जाने वाली अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक यात्री उड़ानों को फिर से शुरू करने के संबंध में फैसला गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सलाह से लिया गया है। सभी ने मिलकर भारत से आने-जाने वाली अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को 15 दिसंबर से फिर से शुरू करने का निर्णय किया है।'मंत्रालय ने कहा, व्यावसायिक अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं की पुन:बहाली द्विपक्षीय रूप से क्षमता के संबंध में हुए समझौतों की समीक्षा और एयर बबल समझौते का समापन होगा।' अगर कोई देश दूसरे देश के लिए व्यावसायिक उड़ान सेवा शुरू करना चाहता है तो यह तय करने के लिए कितनी विमानन कंपनियां, प्रवेश पोर्ट और कुल उड़ानों (या सीटों) को प्रति सप्ताह दोनों देशों के बीच अनुमति दी जाएगी एक द्विपक्षीय वायु सेवा समझौता करना होगा।
- नयी दिल्ली। एमजी मोटर इंडिया ने पवन-सौर हाइब्रिड ऊर्जा के लिए क्लीनमैक्स के साथ गठजोड़ किया है। इसके साथ वह यह ऊर्जा अपनाने वाली पहली यात्री कार कंपनी बन जाएगी। गुरुवार को एक बयान में यह जानकारी दी गयी। सहयोग के तहत, क्लीन मैक्स एनविरो एनर्जी सॉल्यूशंस (क्लीनमैक्स) गुजरात के हलोल में स्थित एमजी मोटर के विनिर्माण संयंत्र को 4.85 मेगावाट पवन-सौर हाइब्रिड बिजली की आपूर्ति करेगी। बयान में कहा गया, "इस साझेदारी के साथ, एमजी 15 साल में लगभग दो लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम करेगी जो कि 13 लाख से अधिक पेड़ लगाने के बराबर है।" कार कंपनी भारत की पहली ‘प्योर इलेक्ट्रिक इंटरनेट एसयूवी' - एमजी जेडएस ईवी पेश करने के साथ देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) अपनाने को बढ़ावा देने में आगे रही है।
- नयी दिल्ली। इंजीनियरिंग और निर्माण कंपनी शापूरजी पालोनजी के आवास मंच 'जॉयविल' की बिक्री चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में तीन गुना बढ़कर 450 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी ने एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि मध्यम आय वाली आवासीय संपत्तियों की मजबूत मांग से कंपनी की बिक्री बुकिंग में वृद्धि हुई है। जॉयविल शापूरजी पालोनजी, एडीबी, आईएफसी और एक्टिस द्वारा स्थापित 1,240 करोड़ रुपये का आवास मंच है। उसने पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 160 करोड़ रुपये की संपत्ति बेची थी। जॉयविल शापूरजी हाउसिंग के प्रबंध निदेशक श्रीराम महादेवन ने कहा, "कोविड-19 रोधी टीकाकरण कार्यक्रम में प्रगति से बाजार में बेहतर भावनाओं के कारण अचल संपत्ति बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।" उन्होंने कहा कि साथ ही कोविड-19 के नए मामलों में भी बड़ी कमी आई है।महादेवन ने कहा, "हमने इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में लगभग 450 करोड़ रुपये में 700 से अधिक फ्लैट बेचे हैं। एक साल पहले की अवधि की तुलना में बिक्री बुकिंग लगभग तीन गुना बढ़ी है।" उन्होंने बिक्री की वृद्धि की रफ्तार कायम रहने को लेकर विश्वास व्यक्त करते कहा कि सभी चार शहरों में बिक्री अच्छी रही है लेकिन पुणे में परियोजनाओं ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।
- नयी दिल्ली। खनन उद्योग के लिए सामान बनाने वाली कंपनी टेगा इंडस्ट्रीज लिमिटेड का आरंभिक सार्वजानिक निर्गम (आईपीओ) एक दिसंबर को आएगा। कंपनी की विवरण पुस्तिका (आरएचपी) के अनुसार कंपनी का आईपीओ तीन दिसंबर को बंद होगा। इस आईपीओ के तहत प्रवर्तकों और एक मौजूदा शेयरधारक द्वारा 1,36,69,478 इक्विटी शेयर की बिक्री पेशकश की जायेगी। प्रवर्तक मदन मोहन मोहनका 33.14 लाख इक्विटी शेयर तथा मनीष मोहनका 6.63 लाख इक्विटी शेयर बेचेंगे। इसके अलावा अमेरिका स्थित निजी इक्विटी फर्म टीए एसोसिएट्स से जुड़ी वैगनर बिक्री पेशकश के माध्यम से 96.92 लाख शेयर की बिक्री करेगी। वर्तमान में प्रवर्तकों और प्रवर्तक समूह की टेगा इंडस्ट्रीज में 85.17 फीसदी हिस्सेदारी है। वही वैगनर की 14.54 फीसदी हिस्सेदारी है।
- मुंबई। शेयर बाजार गुरुवार को शुरूआती उतार-चढ़ाव वाली स्थिति से उबरते हुए जोरदार बढ़त के साथ बंद हुए। मासिक वायदा एवं विकल्प खंड में अंतिम दिन सौदा पूरा करने को लेकर की गयी लिवाली और सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलांयस इंडस्ट्रीज में तेजी आने से बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी लाभ में रहें। कारोबारियों के अनुसार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट, विदेशी पूंजी निकासी जारी रहने और वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख से तेजी पर अंकुश लगा। तीस शेयरों पर आधरित सेंसेक्स 454.10 अंक यानी 0.78 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,795.09 अंक पर बंद हुआ।इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 121.20 अंक यानी 0.70 प्रतिशत उछलकर 17,536.25 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज 6.10 प्रतिशत की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में रही। इसके अलावा आईटीसी, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा,, टाइटन और भारती एयरटेल में भी प्रमुख रूप से तेजी रही। दूसरी तरफ गिरावट वाले शेयरों में मारुति, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, एचयूएल, एक्सिस बैंक, बजाज ऑटो और एलएंडटी शामिल हैं। आशिका स्टॉक ब्रोकिंग के शोध प्रमुख (खुदरा) अरिजीत मालाकर ने कहा, ‘‘मासिक वायदा एवं विकल्प खंड में सौदे खत्म होने के अंतिम दिन की गयी लिवाली से बाजार में तेजी को समर्थन मिला। हालांकि मुद्रास्फीति बढ़ने और दुनिया के विभिन्न देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण धारणा कमजोर बनी रह सकती है।'' आनंद राठी फर्म के इक्विटी शोध (फंडामेंटल) प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि घरेलू बाजार में शुरूआत मिली-जुली रही। इसका कारण यूरोप में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के साथ बैंक ऑफ दक्षिण कोरिया का ब्याज दर बढ़ाना था। उन्होंने कहा, ‘‘दोपहर के कारोबार में बाजार में तेजी लौटी। भारत की आर्थिक वृद्धि दर मजबूत रहने के मूडीज के अनुमान से बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा। रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2021-2 में वृद्धि दर 9.3 प्रतिशत और 2022-23 में 7.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।'' एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग और जापान का निक्की लाभ में रहें जबकि चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहें। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के सत्र के दौरान सकारात्मक रुख था।इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.38 प्रतिशत फिसलकर 81.94 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे टूटकर 74.52 पर बंद हुआ। शेयर बाजार के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 5,122.65 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- नयी दिल्ली। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की तरफ से चलाई जाने वाली सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत सितंबर में करीब 13.37 लाख नए सदस्य जुड़े। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक ईएसआईसी के साथ जुड़ने वाले नए कर्मचारियों की संख्या सितंबर में 13.37 लाख रही। अगस्त में यह आंकड़ा 13.42 लाख कर्मचारियों का था। इसके पहले जुलाई में भी ईएसआईसी योजना से 13.40 लाख नए कर्मचारी जुड़े थे।इन आंकड़ों को देश में संगठित क्षेत्र के बेहतर होते रोजगार परिदृश्य के रूप में देखा जा रहा है। खास तौर पर कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद संगठित रोजगार में सुधार होना एक राहत की बात है। एनएसओ ईएसआईसी, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य बनने वाले नए सदस्यों की संख्या के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर महीने में ईपीएफओ के पास 15.41 लाख नए पंजीकरण हुए जो अगस्त के 13.60 लाख से अधिक है। सितंबर 2017 से लेकर सितंबर 2021 के दौरान करीब 4.71 करोड़ नए सदस्य ईपीएफ योजना से जुड़ चुके हैं। हालांकि एनएसओ का यह मानना है कि कई स्रोतों से आंकड़े जुटाए जाने के कारण नए सदस्यों की संख्या में दोहराव होने की गुंजाइश रहती है।
- नयी दिल्ली। पार्टिसिपेटरी नोट (पी-नोट) के जरिये भारतीय बाजार में निवेश अक्टूबर के अंत तक बढ़कर 1.02 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह 43 महीनों का उच्चतम स्तर है। पी-नोट पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा उन विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं जो सीधे खुद को पंजीकृत किए बिना भारतीय शेयर बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं। हालांकि, उन्हें एक उचित प्रक्रिया से गुजरना होता है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के अंत तक भारतीय बाजारों में पी-नोट निवेश का मूल्य (इक्विटी, डेट और हाइब्रिड सिक्योरिटी) 1,02,553 करोड़ रुपये था। यह मार्च 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है। तब पी-नोट के जरिए 1,06,403 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। सेबी में पंजीकृत पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा (पीएमएस) कंपनी पाइपर सेरिका के संस्थापक और कोष प्रबंधक अभय अग्रवाल ने कहा कि अक्टूबर में पी नोट के माध्यम से कुल निवेश 5,000 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 1.02 लाख करोड़ रुपये के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया। उन्होंने कहा, "इससे भी ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि इक्विटी का मूल्य लगभग 7,000 करोड़ रुपये बढ़ गया, जबकि बांड में निवेश मूल्य 2,000 करोड़ रुपये गिर गया। एफपीआई के रुख में यह बदलाव आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि उन्हें लग रहा है कि लंबी अवधि की ब्याज दरें नीचे आ गयी हैं। और मुद्रास्फीति के दबाव में रिजर्व बैंक 2022 में दरों में वृद्धि करने के लिए मजबूर होगा।
- नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी तथा रुपये के मूल्य में गिरावट आने के बाद दिल्ली सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने का भाव 195 रुपये की तेजी के साथ 46,625 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 46,430 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 569 रुपये बढ़कर 61,763 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 61,194 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार के आरंभिक कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे की गिरावट के साथ 74.55 रुपये प्रति डॉलर रह गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तेजी के साथ 1,795 डॉलर प्रति औंस था, जबकि चांदी की कीमत 23.65 डॉलर प्रति औंस पर लगभग स्थिर रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ''गुरुवार को कॉमेक्स (न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज) में सोने की हाजिर कीमत 0.37 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,795 डॉलर प्रति औंस हो गया जिससे सोने की कीमतों में मजबूती रही।''
- नयी दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग की भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और अन्य प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों से 1,000 इंजीनियरों की भर्ती करने की योजना है। सैमसंग ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि 2022 में स्नातक करने वाले युवा इंजीनियरों को कृत्रिम मेधा, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स एवं क्लाउड डेटा विश्लेषण जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों के लिए नियुक्त किया जाएगा। बयान के अनुसार सैमसंग अपने तीन अनुसंधान एवं विकास केंद्रों (बेंगलुरु, नोएडा और दिल्ली) के लिए दिल्ली, कानपुर, मुंबई, मद्रास, गुवाहाटी, खड़गपुर, बीएचयू, रुड़की और अन्य नए आईआईटी परिसरों से लगभग 260 युवा इंजीनियरों की भर्ती करेगी। कंपनी बाकी नियुक्ति बिट्स पिलानी, आईआईआईटी (भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान)और एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) जैसे अन्य इंजीनियरिंग संस्थानों से करेगी। सैमसंग इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख (मानव संसाधन) समीर वधावन ने कहा कि भारत में अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) क्षेत्र पिछले कुछ साल में काफी विकसित हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने 1,000 से अधिक इंजीनियरों को नियुक्त करने की योजना बनाई है।
- नयी दिल्ली। हीरो इलेक्ट्रिक की त्योहारी सीजन (एक अक्टूबर से 15 नवंबर) की खुदरा बिक्री पिछले साल की समान अवधि की तुलना में दोगुना से अधिक होकर 24,000 इकाई रही है। कंपनी ने एक बयान में यह जानकारी दी। पिछले साल समान अवधि में कंपनी ने 11,339 वाहन बेचे थे। कंपनी ने कहा कि फेम दो (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्टिक वेहिकल्स इन इंडिया) नीति में हालिया संशोधन से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ी है। इस नीति के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया पर अग्रिम प्रोत्साहन दिया जाता है। हीरो इलेक्ट्रिक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सोहिंदर गिल ने कहा, इस सीजन में हमें अपने शोरूम पर दो स्पष्ट संकेत देखने को मिले। बड़ी संख्या में ग्राहकों ने पेट्रोल बाइक की तुलना में हीरो ई-बाइक को प्राथमिकता दी। वहीं बड़ी संख्या में ग्राहकों ने पर्यावरण और टिकाऊ क्षमता की वजह से ऐसी बाइक खरीदीं।
- नयी दिल्ली। उद्योग मंडल एसोचैम ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को कायम रखने के लिए जब तक जरूरी हो ब्याज दरों के मोर्चे पर उदार रुख को बरकरार रखा चाहिए। एसोचैम ने कहा कि जहां मुद्रास्फीति विशेष रूप से थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई की चिंता को दूर करने की जरूरत है। इसके अलावा उदार रुख को पलटने को छोड़कर अन्य उपाय किए जाने चाहिए। एसोचैम ने एक बयान में कहा, "रिजर्व बैंक और उसकी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मौजूदा नीतिगत दरों को बनाए रखने के लिए एक सराहनीय काम किया है। हालांकि, कुछ विकसित अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंक उदार रुख नीतियों को कम करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।'' बयान में कहा गया, "हमें यकीन है और जैसा कि हम कहते भी रहे हैं, रिजर्व बैंक इसका पालन नहीं करेगा और कम ब्याज दरों को जारी रखेगा।
- चेन्नई। हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी अशोक लेलैंड ने वैकल्पिक ईंधन प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक टीम बनायी है। इस प्रौद्योगिकी में सीएनजी एवं एलएनजी जैसे कम कार्बन उत्सर्जन वाले ईंधनों का इस्तेमाल होता है। कंपनी ने बुधवार को कहा कि यह हरित परिवहन भविष्य के निर्माण की दिशा में बढ़ने की एक कोशिश है।चेन्नई की वाणिज्यिक वाहन विनिर्माता कंपनी ने वैकल्पिक ईंधन पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने के लिए होसुर में स्थित अपने मौजूदा परीक्षण प्रतिष्ठान का इस्तेमाल करने की भी घोषणा की। इसके साथ ही अशोक लेलैंड ने बुधवार को हरित परिवहन भविष्य के निर्माण के लिए कई पहल की घोषणा की। कंपनी ने यहां एक बयान में कहा कि वैकल्पिक ईंधन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए उसने कई उत्पादों की योजना बनायी है और इसकी शुरुआत सीएनजी और एलएनजी से होगी।
- नयी दिल्ली। रियल एस्टेट पोर्टल हाउसिंग डॉट कॉम ने अपने ग्राहकों को कानूनी सहायता सेवा मुहैया कराने के लिए स्टार्टअप लीगलकार्ट, लॉराटो, विधिकार्य और वकील सर्च के साथ साझेदारी की है। हाउसिंग डॉट कॉम ने बुधवार को एक बयान में इसकी जानकारी दी। उसने बताया कि ये सेवाएं दो अन्य ब्रांड- प्रॉप टाइगर डॉट कॉम या मकान डॉट कॉम की सेवाओं का उपयोग करने वाले उन ग्राहकों के लिए भी उपलब्ध होंगी। इन ब्रांड पर हाउसिंग डॉट कॉम के साथ आरईए इंडिया का स्वामित्व है। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘हाउसिंग डॉट कॉम ने प्रमुख ऑनलाइन कानूनी सहायता स्टार्टअप लीगलकार्ट, लॉराटो, विधिकार्य और वकील सर्च के साथ साझेदारी की है ताकि खरीदारों या निवेशकों को उनकी संपत्ति खरीदने की यात्रा में सहायता मिल सके।'' कानूनी मुद्दे रियल एस्टेट क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए प्रमुख समस्या रही हैं और यह पेशकश उस जरूरत को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी।