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- नयी दिल्ली। वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो (एफएसआईबी) ने सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों में कार्यकारी निदेशकों के पद के लिए 14 महाप्रबंधकों की पदोन्नति की सिफारिश की है। एफएसआईबी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए निदेशकों की खोज का काम करता है।एफएसआईबी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कार्यकारी निदेशकों के लिए उपयुक्त नामों की सिफारिश करने के लिए 19 से 23 अगस्त के बीच 57 उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया है। ब्यूरो ने मंगलवार को बयान में कहा कि उम्मीदवारों के समग्र अनुभव को ध्यान में रखते हुए ब्यूरो ने कार्यकारी निदेशक के रूप में पदोन्नति के लिए 14 मुख्य महाप्रबंधकों और महाप्रबंधकों का चयन किया। इनमें से कुछ सफल उम्मीदवारों में ललित त्यागी, विनोद कुमार, अशोक चंद्र, रामसुब्रमण एस, एम के जैन, एम परमशिवम, सुब्रत कुमार, एम वी एम कृष्णा और आर के साबू शामिल हैं। इसके अलावा संजय विनायक मुदलियार, हरदीप सिंह अहलूवालिया, आशुतोष चौधरी, संजय रुद्र और लाल सिंह का भी चयन किया गया है। एफएसआईबी की सिफारिश पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा लिया जाएगा।
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नयी दिल्ली. आपूर्ति संबंधी चिंताओं के कारण गेहूं के बाद, अब चावल की कीमतें बढ़ रही हैं। इसकी अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 6.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 37.7 रुपये प्रति किलो हो गई है। एक सरकारी आंकड़े से यह जानकारी मिली है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, गेहूं की अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 22 अगस्त को करीब 22 प्रतिशत बढ़कर 31.04 रुपये प्रति किलो हो गया जो पिछले साल की समान अवधि में 25.41 रुपये प्रति किलो थी। आंकड़ों से पता चलता है कि गेहूं आटा का औसत खुदरा मूल्य 17 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 35.17 रुपये प्रति किलो हो गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 30.04 रुपये प्रति किलो था। चावल की खुदरा कीमत में बढ़ोतरी का रुख, चालू खरीफ (गर्मी) सत्र में पिछले सप्ताह तक धान बुवाई 8.25 प्रतिशत कम रहने के मद्देनजर देश के उत्पादन में संभावित गिरावट की खबर के कारण है। विशेषज्ञों ने कहा कि धान बुवाई के रकबे में मौजूदा कमी पर गौर करते हुए देश का कुल चावल उत्पादन खरीफ सत्र 2022-23 (जुलाई-जून) के लिए 11.2 करोड़ टन के निर्धारित लक्ष्य से कम रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी, चावल की खुदरा कीमतों में वृद्धि गेहूं जितना नहीं है क्योंकि केंद्र के पास 396 लाख टन का एक विशाल भंडार पड़ा है और कीमतों में तेज वृद्धि के समय स्थितियों में हस्तक्षेप के लिए इस भंडार का उपयोग कर सकता है।'' गेहूं के मामले में, फसल वर्ष 2021-22 में घरेलू उत्पादन में लगभग तीन प्रतिशत की कमी होने के कारण थोक और खुदरा बाजार दोनों में इसकी कीमतें दबाव में आ गई हैं। लू चलने के कारण गेहूं के उत्पादन में गिरावट आई है, जिसके परिणामस्वरूप पंजाब और हरियाणा जैसे उत्तरी राज्यों में अनाज सिकुड़ गये थे। इस बीच, उद्योग निकाय, रोलर आटा मिलर्स फेडरेशन ने पिछले कुछ दिनों के दौरान गेहूं की अनुपलब्धता और कीमत में भारी वृद्धि के बारे में चिंता जताई है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, धान को इस खरीफ सत्र के 18 अगस्त तक 343.70 लाख हेक्टेयर रकबे में बोया गया है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 374.63 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई की गई थी। मानसूनी वर्षा में कमी के कारण झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और कुछ अन्य राज्यों में खेती का रकबा कम होने की सूचना दी गई है। धान मुख्य खरीफ फसल है, जिसकी बुवाई जून में दक्षिण -पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है। देश के कुल चावल का उत्पादन का 80 प्रतिशत खरीफ मौसम से प्राप्त होता है।
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नयी दिल्ली। देश की प्रमुख आवास वित्त कंपनी एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (एलआईसी एचएफएल) ने अपनी प्रधान उधारी दर (पीएलआर) 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर दी है। कंपनी ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। पीएलआर मानक ब्याज दर है जिससे एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का आवास ऋण जुड़ा हुआ है।
इस वृद्धि के साथ आवास ऋण पर ब्याज दर अब आठ प्रतिशत से शुरू होगी। नयी ब्याज दर सोमवार से से प्रभाव में आ गयी है। इससे पहले आवास ऋण पर ब्याज दर 7.50 प्रतिशत से शुरू होती थी। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वाई विश्वनाथ गौड़ ने बयान में कहा कि एलआईसी एचएफएल की ब्याज दरों में बढ़ोतरी बाजार में मौजूदा स्थिति के अनुरूप है। उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक ने पांच अगस्त को मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि की है.... रेपो दर में बढ़ोतरी से ईएमआई या आवास ऋण की अवधि में कुछ उतार-चढ़ाव आया है, इसके बावजूद घरों की मांग मजबूत रहेगी।'' गौरतलब है कि आरबीआई ने पिछले तीन मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में 1.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। रेपो दर में वृद्धि के बाद कई बैंकों ने भी ब्याज दरें बढ़ायी हैं। -
नयी दिल्ली. देश की सबसे बड़ी गैस कंपनी गेल (इंडिया) लिमिटेड ने आशीष गुप्ता को अपना निदेशक (मानव संसाधन) नियुक्त किया। गेल ने बयान में कहा कि इससे पहले गुप्ता कंपनी में मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन विकास) थे।
गुप्ता को प्रशिक्षण एवं मानव संसाधन विकास, प्रतिभा अधिग्रहण, नेतृत्व विभाग, प्रदर्शन प्रबंधन, मानव संसाधन विकास पहल, परियोजना प्रबंधन और परिचालन एवं रखरखाव के क्षेत्रों में 30 साल से अधिक का अनुभव है। वह गेल की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी गेल गैस लिमिटेड के बोर्ड में निदेशक भी हैं। -
नयी दिल्ली। ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फिलहाल वाहनों की मांग पर असर नहीं पड़ा है, लेकिन असली स्थिति तब स्पष्ट होंगी, जब सेमीकंडक्टर की कमी का मुद्दा हल हो जाएगा और उत्पादन सामान्य हो जाएगा। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रैंड विटारा और ब्रेजा जैसे नए उत्पादों की पेशकश के साथ बुकिंग में वृद्धि हुई है और कंपनी के लंबित ऑर्डर पिछली तिमाही में 2.8 लाख से बढ़कर लगभग 3.87 लाख इकाई हो गए। उन्होंने एक बातचीत में कहा, ''सैद्धांतिक रूप से ब्याज दरों में बढ़ोतरी का नकारात्मक प्रभाव होना चाहिए... लेकिन फिलहाल हम ऐसा महसूस नहीं कर रहे हैं।'' वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या ब्याज दरों में बढ़ोतरी से कारों की मांग पर असर पड़ा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस महीने की शुरुआत में रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी। मई के बाद से यह लगातार तीसरी वृद्धि थी। इसके साथ ही ब्याज दर महामारी से पहले के स्तर पर आ गई है। श्रीवास्तव ने कहा कि ब्याज दरों में वृद्धि का मांग पर असर नहीं होने की एक वजह यह है कि महामारी और सेमीकंडक्टर की कमी के चलते आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान हुआ। इस कारण उत्पादन प्रभावित हुआ और मांग को पूरा नहीं किया जा सका था। उन्होंने कहा, ''...एक बार जब आपके पास भरपूर उत्पादन हो जाएगा, तो मांग के वास्तविक रुझानों का पता चलेगा। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी कुछ बाधाएं हैं, जो कंपनी को अपनी पूरी उत्पादन क्षमता से काम करने से रोक रही है। श्रीवास्तव ने कहा कि यह बताना कठिन है कि यह कब तक सामान्य हो जाएगा। उन्होंने कहा, ''चिप्स की सटीक उपलब्धता के बारे में हमारे पास कोई पक्की जानकारी नहीं है।'' उन्होंने कहा कि इस साल मई-जुलाई में कंपनी ने अपनी कुल क्षमता का 95 प्रतिशत उत्पादन किया, जो पिछले साल सितंबर में सबसे कम 40 प्रतिशत था। -
नयी दिल्ली. कोविड-19 महामारी का प्रकोप कम होने से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को मिलने वाले मृत्यु संबंधी बीमा दावों में लगभग 20 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि यह अभी भी 2020 से पहले के स्तर से अधिक है। एलआईसी के चेयरमैन एम आर कुमार ने विश्लेषकों के साथ चर्चा के दौरान बताया कि पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही में 7,111 करोड़ रुपये के मृत्यु दावों का निपटारा किया गया था जबकि इस वर्ष पहली तिमाही में इस श्रेणी के 5,743 करोड़ रुपये के बीमा दावे ही मिले। कुमार ने कहा, ‘‘पॉलिसीधारक की मौत से संबंधित बीमा दावों में गिरावट आई है और स्पष्ट तौर पर इसकी वजह कोविड-19 के प्रकोप में कमी आना है।'' एलआईसी में कार्यकारी निदेशक एवं नियुक्त बीमांकक दिनेश पंत ने कहा कि महामारी से पहले तक दावों की दर स्थिर थी। कोविड की वजह से बीते दो वर्ष में दावों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘चालू तिमाही (सितंबर तिमाही) से यह और सामान्य स्थिति में पहुंचता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि यह अभी 2020 के आंकड़ों तक नहीं पहुंचा है। इसमें कुछ समय लगेगा और कुछ मामले देर से संज्ञान में लाए जा सकते हैं।'' पंत ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अगले वर्ष तक मृत्यु संबंधित बीमा दावों की संख्या कोविड से पहले के स्तर तक रह सकती है।' - नयी दिल्ली। अडाणी समूह स्विट्जरलैंड के होल्सिम समूह की दो भारतीय कंपनियों अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी में 26-26 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए अगले हफ्ते 31,000 करोड़ रुपये की खुली पेशकश कर सकता है। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) इस खुली पेशकश की मंजूरी दे चुका है। अगर इस पेशकश को पूरा अभिदान मिल जाता है तो यह 31,000 करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। अडाणी समूह ने मई में होल्सिम के भारतीय कारोबार का 10.5 अरब डॉलर के सौदे में अधिग्रहण करने की घोषणा की थी। अडाणी समूह से जुड़ी इकाई मॉरीशस स्थित एंडेवर ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट की तरफ से रखी जाने वाली खुली पेशकश के लिए अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी ने अलग-अलग नियामक जानकारी में अपने पेशकश पत्र दिए हैं। खुली पेशकश 26 अगस्त से शुरू होगी और इसका समापन 9 सितंबर को होगा।समूह ने अपनी मॉरीशस स्थित अनुषंगी कंपनी एंडेवर ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट के जरिये अंबुजा सीमेंट्स के लिए 385 रुपये प्रति शेयर और एसीसी लिमिटेड के लिए 2,300 रुपये प्रति शेयर की खुली पेशकश की थी।
- नई दिल्ली। मारुति सुजुकी भारत में आने वाले समय में अपनी पॉपुलर एसयूवी मारुति जिम्नी लॉन्च करने वाली है, जिसके शानदार लुक और फीचर्स लोगों को जिप्सी की याद ताजा करा देंगे। इस साल फेस्टिवल सीजन में मारुति सुजुकी जिम्नी को भारतीय बाजार में पेश किया जा सकता है। पहले खबर आ रही थी कि जिम्नी का 3 डोर वर्जन लॉन्च किया जा सकता है, लेकिन बीते दिनों खबरों में चर्चा रही कि जिम्नी 5 डोर को लॉन्च किया जा सकता है।मारुति सुजुकी ने जब से अपनी जिप्सी एसयूवी का प्रोडक्शन बंद किया, तभी से लोगों को इसके अपग्रेडेड मॉडल का इंतजार है। जिम्नी के इंजन और पावर की बात करें तो इसमें 1.5 लीटर का नेचरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन देखने को मिलेगा, जो कि 103bhp की पावर और 138Nm टॉर्क जेनरेट करने में सक्षम होगा। इसे Mild Hybrid System के साथ भी पेश किया जा सकता है, जिसके कि यह ऑफ-रोडिंग एसयूवी अच्छी माइलेज भी दे।पिछले लंबे समय से जिम्नी की टेस्टिंग के दौरान लीक इमेज सामने आ रही है। भारत में जिम्नी का प्रोडक्शन भी हो रहा है और इसे विदेशों में एक्सपोर्ट भी किया जा रहा है। लेकिन अब तक इंडियन मार्केट में इसे लॉन्च नहीं किया गया है। शानदार लुक के साथ ही सभी जरूरी खूबियों से लैस मारुति जिम्नी की कीमत का जल्द खुलासा होने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिम्नी को भारत में 10 से 15 लाख रुपये तक की प्राइस रेंज में पेश किया जा सकता है। मौजूदा समय में जिस तरह महिंद्रा थार की बिक्री हो रही है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मारुति जिम्नी को कैसा रिस्पॉन्स मिलेगा।
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नई दिल्ली। वर्ष 2022-23- श्रृंखला- दो के सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री सोमवार से शुरू होगी और शुक्रवार तक चलेगी। वित्त मंत्रालय ने बताया कि इस अवधि के दौरान स्वर्ण बॉन्ड का मूल्य पांच हजार एक सौ 97 रुपए प्रति ग्राम होगा। सरकार ने रिजर्व बैंक से परामर्श के बाद ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को निर्गम मूल्य में 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देने का फैसला किया है। भुगतान डिजिटल माध्यम से करना होगा। वित्त मंत्रालय ने बताया कि इस अवधि के दौरान स्वर्ण बॉन्ड का मूल्य पांच हजार एक सौ 97 रुपए प्रति ग्राम होगा।
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नयी दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें छह महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस वजह से भारतीय खुदरा ईंधन विक्रेताओं को पेट्रोल की बिक्री पर घाटा नहीं हो रहा है, लेकिन डीजल की बिक्री पर नुकसान जारी है। डीजल देश में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला ईंधन है। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड बृहस्पतिवार को 94.91 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। वैश्विक मंदी की चिंताओं के कारण कच्चा तेल बीते दिन छह महीने के निचले स्तर 91.51 डॉलर पर आ गया है। कच्चे तेल का मौजूदा भाव भारत के लिए राहत की बात है, क्योंकि देश अपनी 85 प्रतिशत तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि कीमतों में गिरावट से इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन जैसे खुदरा ईंधन विक्रेता को अब पेट्रोल पर कोई नुकसान नहीं हो रहा है, लेकिन डीजल पर कुछ घाटा अभी भी जारी है। सरकारी तेल कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने पेट्रोल और डीजल के खुदरा बिक्री मूल्य को अंतरराष्ट्रीय कीमत के अनुसार नहीं बढ़ाया है। इन कंपनियों ने महंगाई पर काबू पाने के सरकार के प्रयासों का सर्मथनइ करने के लिए ऐसा किया है। अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में बढ़ोतरी के कारण इन कंपनियों को एक समय डीजल पर प्रति लीटर 20 से 25 रुपये और पेट्रोल पर 14 से 18 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पेट्रोल पर अभी कोई नुकसान नहीं हो रहा है। डीजल को इस स्थिति तक पहुंचने में कुछ समय लगेगा।'' एक अन्य अधिकारी ने कहा कि तेल की खुदरा कीमतों में तत्काल कमी की संभावना नहीं है, क्योंकि तेल कंपनियां बीते महीनों के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करेंगी। उन्होंने बताया कि डीजल पर नुकसान अब घटकर चार से पांच रुपये प्रति लीटर रह गया है। -
नयी दिल्ली. सरकार ने कंपनियों के बही-खातों से संबंधित नियमों में संशोधन किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि नियमों में संशोधन से संबंधित प्राधिकरण के लिए कंपनियों के खातों की जांच का दायरा बढ़ेगा। इससे पहले इसी महीने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी (खाता) चौथा संशोधन नियम, 2022 अधिसूचित किया था। कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय कंपनी कानून का क्रियान्वयन करता है। ये बदलाव बही-खातों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने के तरीके से संबंधित हैं।
अब कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखे गए बही-खाते और अन्य संबद्ध दस्तावेजों तक भारत में हर समय पहुंच सुनिश्चित हो। इसके अलावा दैनिक आधार पर भारत में स्थित सर्वर में इन बही-खातों के ‘बैक-अप' के रूप में रखना भी अनिवार्य होगा। पहले यह जरूरत सिर्फ निश्चित अवधि के लिये थी।
सिरिल अमरचंद मंगलदास में भागीदार मेघा भार्गव ने कहा कि इन संशोधनों से कंपनियों के लिए अनुपालन बढ़ेगा और साथ ही भारतीय अधिकारियों की कंपनियों के बही-खातों तक अधिक पहुंच सुनिश्चित होगी। -
नयी दिल्ली. दूरसंचार विभाग (डीओटी) को 5जी स्पेक्ट्रम के अग्रिम भुगतान के रूप में नीलामी में सफल दूरसंचार कंपनियों से 17,876 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान मिला है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह राशि भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, अडाणी डेटा नेटवर्क्स और वोडाफोन-आइडिया से प्राप्त हुई है। सभी दूरसंचार कंपनियों ने 20 वर्ष की किस्तों में भुगतान करने का विकल्प चुना है। वहीं भारती एयरटेल ने चार वार्षिक किस्तों के बराबर 8,312.4 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया है। रिलायंस जियो ने 7,864.78 करोड़ रुपये, वोडाफोन आइडिया ने 1,679.98 करोड़ रुपये और अडाणी डेटा नेटवर्क्स ने 18.94 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘विभाग को कुल 17,876 करोड़ रुपये का भुगतान मिला है। केवल भारती एयरटेल ने एक बार में चार वार्षिक किस्तों के बराबर का भुगतान किया है।'' देश की अबतक की सबसे बड़ी दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी में रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुई थीं। इसमें उद्योगपति मुकेश अंबानी की जियो ने 87,946.93 करोड़ रुपये की बोली के साथ बेचे गयी सभी स्पेक्ट्रम का लगभग आधा हिस्सा हासिल किया है। भारत के सबसे धनी व्यक्ति गौतम अडाणी के समूह ने 400 मेगाहर्ट्ज के लिए 211.86 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। इसका इस्तेमाल हालांकि, सार्वजनिक टेलीफोन सेवाओं के लिए नहीं किया जाता है। वहीं, दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल ने 43,039.63 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई है, जबकि वोडाफोन-आइडिया ने 18,786.25 करोड़ रुपये में स्पेक्ट्रम खरीदा है। -
नयी दिल्ली. भारत का गेहूं उत्पादन 2021-22 के फसल वर्ष में लगभग तीन प्रतिशत घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रहने का अनुमान है। वहीं कुल खाद्यान्न उत्पादन के 31 करोड़ 57.2 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। ‘लू' के कारण गेहूं के उत्पादन में गिरावट का अनुमान है, जिसके परिणामस्वरूप पंजाब और हरियाणा जैसे उत्तरी राज्यों में अनाज खराब हो गया है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2021-22 के लिए चौथा अग्रिम अनुमान जारी करते हुए बुधवार को कहा कि चावल, मक्का, चना, दलहन, रैपसीड एवं सरसों, तिलहन और गन्ने का भी रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है। फसल वर्ष 2021-22 जुलाई, 2021 से जून, 2022 तक था।
मंत्रालय के अनुसार, जून, 2022 में समाप्त फसल वर्ष में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 31 करोड़ 57.2 लाख टन होने का अनुमान है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इतनी फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन सरकार की किसान हितैषी नीतियों के साथ-साथ कृषकों और वैज्ञानिकों की अथक मेहनत का नतीजा है। फसल वर्ष 2020-21 में देश का खाद्यान्न उत्पादन जिसमें (गेहूं, चावल, दालें और मोटे अनाज) रिकॉर्ड 31 करोड़ 7.4 लाख टन रहा था। आंकड़ों के अनुसार, फसल वर्ष 2021-22 में गेहूं का उत्पादन कम यानी 10 करोड़ 68.4 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 10 करोड़ 95.9 लाख टन था। हालांकि, समीक्षाधीन फसल वर्ष में चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 13 करोड़ 2.9 लाख टन होने का अनुमान है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 12 करोड़ 43.7 लाख टन रहा था। मंत्रालय ने कहा कि मोटे अनाज का उत्पादन पांच करोड़ 13.2 लाख टन से घटकर पांच करोड़ नौ लाख टन रहने की संभावना है। दलहन उत्पादन फसल वर्ष 2020-21 के दो करोड़ 54.6 लाख टन की तुलना में रिकॉर्ड दो करोड़ 76.9 लाख टन होने का अनुमान है। गैर-खाद्यान्न श्रेणी में, तिलहन का उत्पादन पिछले वर्ष के तीन करोड़ 59.4 लाख टन के मुकाबले फसल वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड तीन करोड़ 76.9 लाख टन होने का अनुमान है। फसल वर्ष 2021-22 के लिए तोरी/सरसों का उत्पादन रिकॉर्ड एक करोड़ 77.4 लाख टन होने का अनुमान है।
आंकड़ों के अनुसार, गन्ने का उत्पादन पिछले वर्ष के 40 करोड़ 53.9 लाख टन की तुलना में रिकॉर्ड 43 करोड़ 18 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि कपास का उत्पादन तीन करोड़ 52.4 लाख गांठ से घटकर 3.12 करोड़ गांठ (प्रत्येक 170 किलोग्राम) रहने की उम्मीद है। फसल वर्ष 2021-22 में जूट/मेस्टा का उत्पादन एक करोड़ 3.1 लाख गांठ (180 किलोग्राम प्रत्येक) होने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष यह 93.5 लाख गांठ ही का हुआ था। एक फसल वर्ष में, सरकार फसल वृद्धि और कटाई अवधि के विभिन्न चरणों में अंतिम अनुमान से पहले चार अनुमान जारी करती है। -
नयी दिल्ली. कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि निकट भविष्य में 107 कोयला खानों की नीलामी की जाएगी। इन खदानों की नीलामी से घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ेगा। कोयला मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए 90 करोड़ टन के उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। इसमें से 70 करोड़ टन का उत्पादन कोल इंडिया द्वारा किया जाएगा। जोशी ने बुधवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि पिछले चार माह में कोल इंडिया ने 20.7 करोड़ टन कोयला उत्पादन किया है, जो एक नया रिकॉर्ड है। इस साल घरेलू कोयला उत्पादन 22 प्रतिशत बढ़ा है जबकि कोयला आधारित बिजली उत्पादन में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अगले आठ साल में देश की कोयले की जरूरत बढ़कर 1.5 अरब टन हो जाएगी।
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नयी दिल्ली. बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने घरेलू खुदरा मियादी जमा पर छह प्रतिशत तक की ब्याज दर की पेशकश करते हुए एक नयी जमा योजना शुरू की है। बीओबी ने मंगलवार को विज्ञप्ति में कहा कि ‘बड़ौदा तिरंगा जमा योजना' भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पेश की गई है। यह ऊंची ब्याज दरों की पेशकश करने वाली एक विशेष सावधि जमा योजना है। यह योजना 31 दिसंबर, 2022 तक उपलब्ध होगी। इस योजना में 444 और 555 दिनों की दो परिपक्वता अवधि हैं, जिनमें क्रमश: 5.75 प्रतिशत और छह प्रतिशत सालाना का ब्याज दिया जाएगा। बैंक ने कहा कि यह योजना मंगलवार (16 अगस्त) को शुरू हो गई है और यह दो करोड़ रुपये से कम की खुदरा जमा पर लागू है। योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को उनकी जमा पर अतिरिक्त ब्याज मिलेगा। - नयी दिल्ली। दूरसंचार परिचालक भारती एयरटेल ने हाल ही में पूरी हुई 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में हासिल किए गए स्पेक्ट्रम के लिए दूरसंचार विभाग (डॉट) को 8,312.4 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। एयरटेल ने यह राशि चार साल की किस्त के अग्रिम भुगतान के रूप में दी।एयरटेल ने कहा कि उसका मानना है कि इस अग्रिम भुगतान के साथ ही चार साल के लिए एजीआर (समायोजित सकल राजस्व) से संबंधित भुगतान करने से कंपनी भविष्य में 5जी लागू करने पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी।दिग्गज दूरसंचार कारोबारी सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल ने 5जी स्पेक्ट्रम के लिए 43,039.63 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई।भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक और सीईओ गोपाल विट्टल ने बयान में कहा, 'चार साल का यह अग्रिम भुगतान हमें अपने परिचालन मुक्त नकदी प्रवाह को देखते हुए 5जी लागू करने के प्रयास को ठोस तरीके से आगे बढ़ाने की अनुमति देता है। एयरटेल राइट निर्गम से अभी 15,740.5 करोड़ रुपये तक जुटा सकती है।'उन्होंने कहा कि आदर्श स्पेक्ट्रम बैंक, बेहतरीन तकनीक और पर्याप्त नकदी प्रवाह के साथ हम देश में विश्वस्तरीय 5जी अनुभव लाने के लिए उत्साहित हैं।कंपनी के पास 3,848.88 करोड़ रुपये अग्रिम और शेष राशि 19 वार्षिक किश्तों में चुकाने का विकल्प था।
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नयी दिल्ली। एयर इंडिया ने मंगलवार को कहा कि उसने प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी मेटा के कारोबार संचार मंच वर्कप्लेस को चुना है। एयर इंडिया ने बताया कि कंपनी में सभी स्तर पर आसान और प्रभावी संवाद के लिए यह कदम उठाया गया है। एयरलाइन ने बयान में कहा कि वर्कप्लेस से एयर इंडिया के कर्मचारियों को विमानन कंपनी के संचालन और भविष्य की योजनाओं पर नियमित और तत्काल अपडेट पाने, साथियों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान करने और अपने विचारों को साझा करने के लिए एक मंच तक पहुंचने में मदद करेगा। बयान में कहा गया कि वर्कप्लेस को चुनने का निर्णय पूरी तरह से एयरलाइन के सरकारी स्वामित्व वाली इकाई से निजी एयरलाइन बनने के लिए परिवर्तन के अनुरूप है। एयर इंडिया ने कहा कि उसने अपने 11,000 से अधिक कर्मचारियों से जुड़ने के लिए वर्कप्लेस को चुना है।
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मुंबई। दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने मंगलवार को वरिष्ठ नागरिकों को सेवा के रूप में सहयोग प्रदान करने वाली स्टार्टअप गुडफेलोज में निवेश की घोषणा की है। हालांकि, निवेश की राशि का खुलासा नहीं किया गया है। टाटा समूह से सेवानिवृत्त होने के बाद टाटा लगातार स्टार्टअप कंपनियों का समर्थन करते रहे हैं। वह अब तक 50 से अधिक कंपनियों में निवेश कर चुके हैं। इस नवीनतम कंपनी की स्थापना शांतनु नायडू ने की है।
कॉर्नेल विश्वविद्यालय से शिक्षित 30 वर्षीय नायडू, टाटा के कार्यालय में एक महाप्रबंधक हैं और 2018 से उनके साथ जुड़े हैं। टाटा ने विवाह नहीं किया है। 84 वर्षीय टाटा ने कहा, ‘‘आप तब तक यह समझ सकते कि अकेले रहना कैसा होता है जब तक कि आप खुद अकेले रहते हैं और साथ चाहते हैं।'' उन्होंने यह भी कहा कि एक अच्छे स्वभाव वाला साथी प्राप्त करना भी एक चुनौती है।
नायडू ने टाटा को एक बॉस, एक संरक्षक और एक मित्र के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में 1.5 करोड़ बुजुर्ग हैं, जो अकेले हैं। स्टार्टअप वरिष्ठ नागरिक ग्राहकों के साथी के रूप में ‘काम' करने के लिए युवा स्नातकों को काम पर रखता है। आम तौर पर, एक साथी सप्ताह में तीन बार ग्राहक से मिलने जाता है, और चार घंटों तक रहता है। एक महीने की मुफ्त सेवा के बाद कंपनी एक महीने का 5,000 रुपये का मासिक शुल्क लेती है। कंपनी आर्थिक राजधानी में बीटा चरण में पिछले छह महीनों से 20 बुजुर्गों के साथ काम कर रही है और आगे पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु में सेवाएं देने की योजना बना रही है। नायडू ने बताया कि उन्होंने मनोवैज्ञानिकों की मदद से एक वरिष्ठ नागरिक के साथी के रूप में काम करने के लिए सही उम्मीदवार का चयन करने को एक मॉडल विकसित किया है। नायडू ने टाटा को सहज निवेशक बताया है, जो किसी कंपनी का समर्थन करने से पहले एक व्यापक समुदाय या समाज के लिए एक व्यावसायिक विचार की प्रासंगिकता को देखता है। -
आणंद। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) ने अपने गोल्ड, ताजा और शक्ति दूध ब्रांड की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की है। जीसीएमएमएफ अमूल ब्रांड के तहत अपने डेयरी उत्पादों का विपणन करती है। जीसीएमएमएफ ने बयान में कहा कि नई कीमतें आज से प्रभावी हो गई हैं। आणंद-मुख्यालय वाले महासंघ ने कहा, ‘‘जीसीएमएमएफ ने गुजरात के अहमदाबाद और सौराष्ट्र क्षेत्रों, दिल्ली-एनसीआर, पश्चिम बंगाल, मुंबई और अन्य बाजारों में दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि करने का फैसला किया है।'' बयान में कहा गया है कि अहमदाबाद और सौराष्ट्र के बाजारों में अब 500 मिलीलीटर अमूल गोल्ड की कीमत 31 रुपये, अमूल ताजा की कीमत 25 रुपये और अमूल शक्ति की कीमत 28 रुपये होगी।
- मुंबई,। भारत में कंपनियां 2023 में 10 प्रतिशत वेतन बढ़ा सकती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियां श्रम बाजार में सख्त स्थितियों से जूझ रही हैं।वैश्विक सलाहकार, ब्रोकिंग और समाधान सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी विलिस टावर्स वाटसन की वेतन बजट योजना रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में कंपनियां 2022-23 के दौरान 10 प्रतिशत वेतन बढ़ाने के लिए बजटीय व्यवस्था कर रही हैं। पिछले साल में वास्तविक वेतन वृद्धि 9.5 प्रतिशत थी।रिपोर्ट के अनुसार भारत में आधे से अधिक (58 प्रतिशत) नियोक्ताओं ने पिछले साल की तुलना में चालू वित्त वर्ष के लिए अधिक वेतन वृद्धि का बजट रखा है। इनमें से एक चौथाई (24.4 प्रतिशत) ने बजट में कोई बदलाव नहीं किया।रिपोर्ट में कहा गया कि 2021-22 की तुलना में केवल 5.4 प्रतिशत ने बजट कम किया है।रिपोर्ट के मुताबिक एशिया प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र में सबसे अधिक वेतन वृद्धि भारत में होगी। अगले साल चीन में छह फीसदी, हांगकांग और सिंगापुर में चार फीसदी वेतन बढ़ेगा। रिपोर्ट अप्रैल और मई 2022 में 168 देशों में किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। भारत में 590 कंपनियों से बात की गई।
- नयी दिल्ली। जर्मनी की वाहन विनिर्माता कंपनी फॉक्सवैगन समूह ने भारत में स्कोडा ब्रांड के इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का परीक्षण शुरू कर दिया है। कंपनी ने यह कदम भारतीय बाजार में उतारे जा सकने वाले बिजली चालित वाहनों के आकलन के क्रम में उठाया है। स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया के प्रबंध निदेशक पीयूष अरोड़ा ने बताया कि कंपनी ‘इंटरनल कम्बशन इंजन’(पेट्रोल और डीजल इंजन) वाहनों पर भी ध्यान देगी क्योंकि कंपनी को ऐसा लगता है कि बड़े पैमाने पर ईवी को लाना देश में परिवेश और अवसंरचना विकास पर निर्भर करेगा। उन्होंने ‘ कहा, ‘‘भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग है इसलिए हम पॉर्श टायकन और ऑडी-ई-ट्रॉन पहले ही उतार चुके हैं। भारतीय बाजार में इन वाहनों को बढ़िया प्रतिक्रिया मिल रही है।’’अरोड़ा ने कहा, ‘‘इसके साथ ही हम स्कोडा और फॉक्सवैगन के लिए भी आकलन कर रहे हैं कि बिजली चालित वाहन श्रेणी के तहत भारतीय बाजार में हमें कौन से उत्पाद लाने चाहिए। हमने स्कोडा ब्रांड के लिए कुछ परीक्षण वाहन चलाए हैं और हम देखेंगे कि भारत में इन वाहनों को लाने का सही समय कौन सा है।’’उन्होंने बताया, ‘‘हम पता लगा रहे हैं कि फॉक्सवैगन और स्कोडा की कौन सी कारें यहां लाई जा सकती हैं। हम कुछ कारों का परीक्षण कर रहे हैं, जिसमें कुछ मॉडल को चुना जाएगा। इसका अगला चरण इनमें से एक कार को स्थानीय स्तर पर एसेंबल करना होगा।’’
- ---नई दिल्ली। एनटीपीसी लिमिटेड देशभक्ति के उत्साह और जोश के साथ 'हर घर तिरंगा' अभियान मना रहा है। 'हर घर तिरंगा' अभियान 'आजादी का अमृत महोत्सव' के अंतर्गत आता है और इसे कर्मचारियों, सहयोगियों और आसपास रहने वाले लोगों को घर पर तिरंगा लाने तथा भारत की आजादी के 75वें वर्ष का सम्मान करने हेतु इसे फहराने को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है।एनटीपीसी अपने परियोजनाओं के स्थलों पर आस पड़ोस के स्थानीय समुदायों को तिरंगे वितरित कर रहा है, ताकि वे इसके साथ भारत की आज़ादी के 75वें वर्ष का और "हर घर तिरंगा" अभियान का जश्न मना सकें।एनटीपीसी के कर्मचारी "आजादी का अमृत महोत्सव" के उपलक्ष्य में अपने-अपने घरों में झंडा फहरा रहे हैं। कर्मचारियों ने "हर घर तिरंगा" की भावना को मनाने और भारतीय ध्वज के साथ अपनी तस्वीरों को प्रदर्शित करने के लिए www.harghartiranga.com पर पंजीकरण कराया है। इस पहल के पीछे का विचार लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना को जगाना और उन्हें भारत की स्वतंत्रता के लिए देश के स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों को याद दिलाना है तथा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।
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नयी दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय एक नए कानून के जरिये विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के पुनर्गठन का प्रयास कर रहा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रालय विशेष आर्थिक क्षेत्र को फिर खड़ा करने के लिए कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रोत्साहनों मसलन आयात शुल्क को स्थगित करना और निर्यात करों से छूट का प्रस्ताव कर रहा है।इस साल के आम बजट में सरकार ने विशेष आर्थिक क्षेत्रों का संचालन करने वाले मौजूदा कानून को एक नए कानून के साथ बदलने का प्रस्ताव रखा था ताकि राज्यों को ‘उद्यम और सेवा केंद्रों के विकास’ (देश) में भागीदार बनाया जा सके।अधिकारी ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने नए विधेयक पर वित्त समेत विभिन्न मंत्रालयों से राय मांगी है।
विभिन्न मंत्रालयों के विचार मिलने के बाद मंत्रालय इसपर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी लेगा और फिर संसद में नया विधेयक लाया जाएगा।इन प्रस्तावों में एसईजेड की किसी इकाई द्वारा घरेलू खरीद पर एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) की शून्य रेटिंग का प्रोत्साहन शामिल है। इसके अलावा इन क्षेत्रों के डेवलपर के लिए अप्रत्यक्ष लाभ कर को जारी रखने का भी प्रस्ताव है।विनिर्माण और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए राज्य भी इन क्षेत्रों के लिए समर्थन उपाय कर सकते हैं।मौजूदा एसईजेड कानून 2006 में बना था। इसका मकसद देश में निर्यात केंद्र बनाना और विनिर्माण को प्रोत्साहन देना था। - नई दिल्ली। शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का निधन हो गया है। उन्होंने रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। जानकारी के मुताबिक, कुछ सप्ताह पहले ही वह अस्पताल से डिस्चार्ज हुए थे। उनका निधन किन कारणों से हुआ है, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है। झुनझुनवाला 62 साल के थे। जानकारी के मुताबिक, आज सुबह 6:45 मिनट पर उनका निधन हो गया। झुनझुनवाला के परिवार में उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला, बेटी निश्था व दो बेटे आर्यमन और आर्यवीर हैं।झुनझुनवाला के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, वह अद्भुत व्यक्ति थे। जीवन से भरपूर, हाजिर जवाबी और व्यावहारिक थे। उन्होंने कहा, झुनझुनवाला अपने पीछे आर्थिक दुनिया में अमिट योगदान छोड़ गए हैं। वह भारत की प्रगति को लेकर बहुत जुनूनी थे।कई तरह के व्यापारों में निवेश करने वाले राकेश झुनझुनवाला ने हाल ही में अकासा एयरलाइंस पर भी निवेश किया था। इसमें 40 प्रतिशत हिस्सेदारी झुनझुनवाला के पास थी। यह निवेश ऐसे समय में किया गया था, जब ज्यादातर विमानन कंपनियां घाटे में चल रहीं हैं। अकासा एयरलांइस ने अपनी उड़ानों के लिए अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी 72 बोइंस 737 मैक्स विमानों की खरीद की थी।राकेश झुनझुनवाला शेयर बाजार के सबसे बड़े निवेशकों में से एक थे। वह जब कॉलेज में थे तभी से उन्होंने शेयर बाजार में हाथ आजमाना शुरू कर दिया था। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में दाखिला लिया। यहां से स्नातक होने के बाद ही उन्होंने शेयर मार्केट में हाथ आजमाना शुरू कर दिया था। झुनझुनवाला ने 1985 में 5,000 रुपये से निवेश की शुरुआत की थी। सितंबर, 2018 तक यह निवेश बढ़कर 11,000 करोड़ रुपये हो गया था। जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में झुनझुनवाला की नेटवर्थ 43.39 हजार करोड़ रुपये है।
- मुंबई । विदेशी शेयर बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के चलते रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 9 पैसे टूटकर 79.71 पर आ गया।अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.67 पर खुला, फिर और गिरावट के साथ 79.71 पर आ गया। इस तरह रुपया पिछले बंद भाव के मुकाबले 9 पैसे टूटकर कारोबार कर रहा था।पिछले सत्र में, गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 37 पैसे की गिरावट के साथ 79.62 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था।इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत गिरकर 105.20 पर आ गया।वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.48 प्रतिशत गिरकर 99.12 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 2,298.08 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।