रुचि सोया को सेबी से एफपीओ लाने की मंजूरी मिली
नयी दिल्ली । बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद की अनुषंगी खाद्य तेल कंपनी रुचि सोया को अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के जरिए 4,300 करोड़ रुपये जुटाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी की मंजूरी मिल गयी है। एफपीओ को सूचीबद्ध इकाई में न्यूनतम 25 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता के सेबी मानदंड को पूरा करने के लिए पेश किया जा रहा है। कंपनी ने जून में सेबी के पास मसौदा दस्तावेज दाखिल किया जिसपर 14 अगस्त को मंजूरी मिली। सेबी की वेबसाइट पर जारी ताजा जानकारी में यह दर्शाया गया है। मसौदा दस्तावेज के मुताबिक कंपनी एफपीओ से होने वाली आय का इस्तेमाल अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए कुछ बकाया ऋणों के भुगतान, अपनी बढ़ती पूंजी जरूरतों और अन्य सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए करेगी। पतंजलि आयुर्वेद ने 2019 में रुचि सोया का अधिग्रहण किया था। यह एक सूचीबद्ध कंपनी है। रुचि सोया को दिवाला प्रक्रिया के तहत 4,350 करोड़ रुपये में पतंजलि ने हासिल किया। इसमें प्रवर्तकों की वर्तमान में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है और सूत्रों के अनुसार उन्हें एफपीओ के मौजूदा दौर में कम से कम अपनी नौ प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचना होगा। सेबी नियम के मुताबिक प्रवर्तकों को कंपनी में कम से कम 25 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता के नियम का अनुपालन करने की जरूरत है। इसके लिये रुचि सोया के पास तीन साल का समय है।
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