नॉर्दर्न कोलफील्ड्स 2021-22 में सीएसआर गतिविधियों पर 133 करोड़ रुपये खर्च करेगी
नयी दिल्ली। कोल इंडिया की इकाई नार्दर्न कोलफील्ड्स लि. (एनसीएल) ने चालू वित्त वर्ष में कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) गतिविधियों पर 132.75 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है। कोयला मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने वर्ष 2020-21 में सीएसआर गतिविधियों पर करीब 130 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
कोयला मंत्रालय के तहत आने वाली कंपनी एनसीएल अपने परिचालन वाले क्षेत्रों में और उसके आसपास रहने वाले 500 युवाओं को प्लास्टिक इंजीनियरिंग व्यापार में प्रशिक्षण प्रदान करेगी और प्रतिस्पर्धी बाजार में उनका रोजगार सुनिश्चित करने की ओर ध्यान देगी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह प्रशिक्षण सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी), चेन्नई की मदद से किया जाएगा। एनसीएल इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए सीएसआर के तहत प्रति प्रशिक्षु पर 70,000 रुपये खर्च करेगी, जिसमें पाठ्यक्रम शुल्क, पाठ्यक्रम सामग्री, वर्दी, प्रशिक्षण किट, आवास और अन्य खर्च शामिल हैं। चयनित उम्मीदवारों को भोपाल, ग्वालियर और लखनऊ स्थित अपने केंद्रों पर सिपेट द्वारा प्लास्टिक प्रोसेसिंग, इंजेक्शन मोल्डिंग, ब्लो मोल्डिंग और प्लास्टिक रीसाइक्लिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार तैयार किया गया है और राष्ट्रीय कौशल योग्यता समिति (एनएसक्यूसी) द्वारा अनुमोदित है। इस संबंध में एनसीएल, कोल इंडिया और सिपेट, चेन्नई की होल्डिंग कंपनी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। देश के कोयला उत्पादन में एनसीएल की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने 11.5 करोड़ टन कोयला का उत्पादन किया था।
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