अब बनेगा 'गोल्ड एक्सचेंज', सामाजिक शेयर बाजार को भी मंजूरी, निवेशकों के लिये अधिकार पत्र होगा जारी
मुंबई। बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को प्रतिभूति बाजार से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी दी। इसमें सोने के लिये और सामाजिक क्षेत्र की कंपनियों के लिये अलग शेयर बाजार बनाने, निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये निवेशक अधिकार पत्र तथा विलय एवं अधिग्रहण को और अधिक तार्किक बनाने के लिये सूचीबद्धता नियमों में बदलाव शामिल हैं। इन तमाम पहलों का मकसद प्रतिभूति बाजार को मजबूत बनाना है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल ने सामाजिक क्षेत्र से जुड़े उपक्रमों के लिये कोष जुटाने का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुये सामाजिक शेयर बाजार (सोशल स्टॉक एक्सचेंज) के ढांचे को मंजूरी दी। निदेशक मंडल की बैठक के बाद भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि मौजूदा शेयर बाजारों में सामाजिक शेयर बाजार अलग खंड होगा। सामाजिक सेवाओं से जुड़ी कंपनियां इस बाजार में भाग ले सकेंगी। इस श्रेणी में गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ) और लाभ के साथ समाज के स्तर पर भलाई का काम करने वाली कंपनियां आती हैं। सेबी निदेशक मंडल ने स्वर्ण बाजार के गठन की रूपरेखा संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इस बाजार में सोने की खरीद-बिक्री इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद के रूप में की जा सकेगी। शेयर बाजार की तरह काम करने वाले इस एक्सचेंज से मूल्यवान धातु के लिये पारदर्शी घरेलू हाजिर मूल्य तलाशने की व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।
श्री त्यागी ने कहा कि सोने का प्रतिनिधित्व करने वाला साधन इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद (ईजीआर) कहलाएगा और इसे प्रतिभूतियों के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य प्रतिभूति की तरह ईजीआर में कारोबार करने, समाशोधन और निपटान जैसी व्यवस्थायें होंगी। सेबी के बयान के अनुसार कोई भी मान्यता प्राप्त, मौजूदा और नया एक्सचेंज ईजीआर में कारोबार शुरू कर सकता है। ईजीआर के कारोबार को लेकर राशि और इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण रसीद को सोने में तब्दील करने के बारे में निर्णय शेयर बाजार सेबी की मंजूरी से कर सकता है। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में सेबी ने अधिक और प्रभावी मतदान के अधिकार से जुड़े शेयरों (एस आर शेयर) के मामले में पात्रता जरूरतों में ढील देने का निर्णय किया।
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