जीएसटी लगातार तीसरे महीने एक लाख करोड़ रुपये के पार, सितंबर में 1.17 लाख करोड़ रुपये का संग्रह
नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत में वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) संग्रह सितंबर में 1.17 लाख करोड़ रुपये रहा, जो लगातार तीसरे महीने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2021 का राजस्व संग्रह सितंबर 2020 के संग्रह से 23 प्रतिशत अधिक है।वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सितंबर 2021 में जमा सकल जीएसटी राजस्व 1,17,010 करोड़ रुपये है, जिसमें सीजीएसटी 20,578 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 26,767 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 60,911 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 29,555 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 8,754 करोड़ रुपये (माल के आयात पर जमा 623 करोड़ रुपये सहित) है।’’सीजीएसटी का अर्थ केंद्रीय वस्तु और सेवा कर, एसजीएसटी का अर्थ राज्य वस्तु और सेवा कर तथा आईजीएसटी का अर्थ एकीकृत वस्तु और सेवा कर है।
सितंबर के दौरान वस्तुओं के आयात से राजस्व 30 प्रतिशत अधिक रहा और घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक था।एक आधिकारिक बयान के मुताबिक सितम्बर 2021 में नियमित निपटान के बाद केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अर्जित कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 49,390 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 50,907 करोड़ रुपये है।
चालू वर्ष की दूसरी तिमाही में औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह 1.15 लाख करोड़ रुपये र हा है जो इसी वर्ष की पहली तिमाही में हुए औसत मासिक संग्रह 1.10 लाख करोड़ की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक है, जो अर्थव्यवस्था में सुधार को दर्शाता है। बयान में कहा गया कि आर्थिक वृद्धि और कर चोरी रोकने के लिए किए गए उपायों, विशेष रूप से फर्जी बिल बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई से जीएसटी संग्रह बढ़ा।वित्त मंत्रालय ने कहा कि राजस्व में यह सकारात्मक रुझान आगे जारी रहेंगे और चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अधिक राजस्व मिलेगा।
शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के पार्टनर रजत बोस ने कहा कि जीएसटी संग्रह में उछाल आर्थिक सुधार का एक अच्छा संकेतक है। उन्होंने कहा कि त्योहारी सत्र के शुरू होते ही जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि 22,000 करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा उपकर जारी करने से राज्यों के नकदी प्रवाह की स्थिति में सुधार होगा।
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