सरकार ने तीन सार्वजनिक बीमा कंपनियों का विलय टाला
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तीन साधारण बीमा कंपनियों ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्यरेंस के विलय की प्रक्रिया को रोकने और इनमें नयी पूंजी डालने का का फैसला लिया है। सरकार अब इन कंपनियों की वित्तीय स्थिति बेहतर बनाने के लिये इनमें 12 हजार 450 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में इस फैसले पर मुहर लगायी गयी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने इन कंपनियों की प्राधिकृत शेयर पूंजी को भी बढ़ाने की मंजूरी दी। इसके तहत नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की प्राधिकृत पूंजी बढ़ाकर साढ़े सात हजार करोड़ रुपये और यूनाइटेड इंडिया इश्योरेंस और ओरिएंटल इश्योरेंस कंपनी की प्राधिकृत पूंजी बढ़ाकर पांच-पांच हजार करोड़ रुपये की जायेगी।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, मौजूदा स्थिति को देखते हुए विलय की प्रक्रिया को फिलहाल टाल दिया गया है और अब इसके बजाय इन कंपनियों की लाभप्रदा वृद्धि पर ध्यान दिया जायेगा। विज्ञप्ति में कहा गया कि मंत्रिमंडल के द्वारा मंजूर 12 हजार 450 करोड़ रुपये की पूंजी डालने के प्रस्ताव में इन कंपनियों में 2019- 20 में डाली गयी ढाई हजार करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है। अब 3 हजार 475 करोड़ रुपये की राशि तुरंत जारी की जायेगी, जबकि शेष 6 हजार 475 करोड़ रुपये बाद में डाले जायेंगे। सरकार ने 2020-21 के बजट में इन तीन कंपनियों में पूंजी डालने के लिये 6 हजार 950 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि पुनर्पूंजीकरण इन सरकारी बीमा कंपनियों को अधिक स्थिर बनायेगा। बयान में कहा गया, प्रदान की जा रही पूंजी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिये सरकार ने केपीआई (प्रमुख प्रदर्शन संकेतक) के रूप में दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके अलावा, पूंजी डाला जाना तीन सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों को अपनी वित्तीय और शोधन क्षमता में सुधार करने, अर्थव्यवस्था की बीमा जरूरतों को पूरा करने, परिवर्तनों को अवशोषित करने, संसाधनों को बढ़ाने और जोखिम प्रबंधन में सुधार करने की क्षमता बढ़ाने में सक्षम करेगा।
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