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  राणा कपूर, वधावन बंधुओं की 2,800 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क

नई दिल्ली।. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यस बैंक से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल कंपनी के वधावन बंधुओं की 2,800 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं। इनमें लंदन और न्यूयॉर्क के फ्लैट भी शामिल हैं। 
प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि उसने मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत 2,203 करोड़ रुपये की संपत्तियों की कुर्की का अस्थायी आदेश दिया है। इन संपत्तियों का मौजूदा बाजार मूल्य 2,800 करोड़ रुपये से अधिक है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि इन संपत्तियों में देश और विदेश में अचल संपत्तियां, बैंक खाते, निवेश और लक्जरी वाहन शामिल हैं। ईडी ने कहा कि ये संपत्तियां राणा कपूर और वधावन बंधुओं कपिल और धीर तथा उनके नियंत्रण वाली इकाइयों की है। कपूर (62) और वधावन बंधुओं को जांच एजेंसी ने इसी साल के शुरू में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं। कपूर की कुर्क की गई संपत्तियों में दिल्ली के पॉश इलाके अमृता शेरगिल मार्ग में स्थित बंगला (40 नंबर) शामिल है। इसका मूल्य 685 करोड़ रुपये है। 
प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि इसके अलावा कपूर की दक्षिण मुंबई के कंबाला हिल इलाके स्थित आवासीय इमारत  खुर्शिदाबाद , मुंबई के नेपियन सी रोड पर तीन डूप्लेक्स फ्लैट, एनसीपीए, नरीमन पॉइंट में एक फ्लैट और वर्ली क्षेत्र में इंडिया बुल्स ब्लू में आठ फ्लैट शामिल हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि कपूर से संबंधित इन संपत्तियों का कुल मूल्य 792 करोड़ रुपये है, लेकिन इनका मौजूदा बाजार मूल्य 1,400 करोड़ रुपये है। ईडी ने कहा कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) के मामले में प्रवर्तक भाइयों कपिल और धीरज वधावन की 1,411.9 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की गई हैं। इनमें मुंबई के खार (पश्चिम) क्षेत्र में एक दर्जन फ्लैट, न्यूयॉर्क में एक फ्लैट, लंदन में दो फ्लैट, पुणे और मुल्शी के पास दो जमीन के टुकड़े, ऑस्ट्रेलिया में एक व्यावसायिक संपत्ति, पांच लक्जरी वाहन और 344 बैंक खाते शामिल हैं। 
ईडी ने तीनों के खिलाफ इस साल के शुरू में पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। ईडी का आरोप है कि कपूर और उनके परिवार के सदस्यों तथा अन्य लोगों ने बैंक के जरिये बड़े कर्ज देने के लिए  घूस  ली। इन लोगों ने करीब 4,300 करोड़ रुपये की अपराध की कमाई का धन इधर-उधर किया। बाद में यह कर्ज गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) बन गया। ईडी द्वारा यस बैंक और डीएचएफएल के बीच कथित संदिग्ध संबंध की भी जांच की जा रही है। ईडी का आरोप है कि अप्रैल-जून, 2018 के दौरान यस बैंक लि. ने डीएचएफल के लघु अवधि के डिबेंचरों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। बाद में कर्ज के नाम पर राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपये की घूस दी गई। जांच एजेंसी ने कहा कि इसके अलावा यस बैंक ने वधावान और उनके परिवार से संबंधित कंपनी आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स ग्रुप कंपनी को मुंबई में बांद्रा रिक्लैमेशन परियोजना के लिए 750 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया। जांच एजेंसी का आरोप है कि वधावन भाईयों ने इस राशि को मुखौटा कंपनियों के जरिये इधर-उधर किया। इस राशि का इस्तेमाल घोषित उद्देश्य के लिए नहीं किया गया। 
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