ब्रेकिंग न्यूज़

 सड़क सुरक्षा उपायों का सबकी सहभागिता से हो बेहतर क्रियान्वयन : एसीएस  मनोज पिंगुआ

-सड़क सुरक्षा उपायों का सबकी सहभागिता से हो बेहतर क्रियान्वयन
-सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम और यातायात को बेहतर बनाने के लिए समन्वित प्रयास किया जाए
-छत्तीसगढ़ सड़क सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा बैठक संपन्न
 रायपुर। अपर मुख्य सचिव (गृह) श्री मनोज पिंगुआ की अध्यक्षता में  शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ सड़क सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में एसीएस श्री पिंगुआ ने कहा कि सड़क सुरक्षा उपायों का सबकी सहभागिता से बेहतर क्रियान्वयन हो। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम और यातायात को बेहतर बनाने के लिए समन्वित प्रयास किया जाए। बैठक में एसीएस श्री पिंगुआ ने सभी संबंधित विभागों को परस्पर समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य सड़कों में मिलने वाली ग्रामीण सड़कों के जंक्शन, दुर्घटनाजन्य सड़क खण्डों/ब्लैक स्पॉट्स में प्राथमिकता से आवश्यक सुधारात्मक उपाय समय-सीमा में पूर्ण करने के भी निर्देश दिये।
बैठक में परिवहन विभाग के सचिव श्री एस प्रकाश ने विभागीय गतिविधियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले चार महिनों में 5322 सड़क दुर्घटनाओं में 2591 व्यक्ति की मृत्यु एवं 4825 घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा लगातार सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के संबंध में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सचिव श्री एस प्रकाश ने बताया कि वर्ष 2019-2025 तक चिन्हाकित/लंबित ब्लैक स्पॉट्स में से 69 तथा 101 जंक्शन सुधार किया गया है। यातायात के नियमों के उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध पुलिस विभाग द्वारा 3 लाख 06 हजार 106 प्रकरणों में 11.92 करोड़ रूपए तथा परिवहन विभाग द्वारा 2 लाख 80 हजार 568 प्रकरणों में 58.35 करोड़ रूपए की शमन शुल्क वसूल किए गए है।
बैठक में बताया कि विभाग द्वारा यातायात सुरक्षा के साथ-साथ जिलों में भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सांसद, विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा भी समीक्षा बैठकों के माध्यम से आवश्यक दिशा-निर्देश एवं सुझाव दिए गए हैं। सड़क दुर्घटनाओं पर समस्त जिला अस्पतालों में सातों दिन चौबीसों घंटे एक्सरे, लेबोट्री जांच, इमरजेंसी संबंधित आवश्यक दवाईयां, इन्जेक्शन उपलब्ध कराने के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों, स्टाफ नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष शाला सुरक्षा प्रशिक्षण में सड़क सुरक्षा से संबंधित यातायात जागरूकता के 1234 कार्यक्रमों में 7,19,000 लाभान्वित हुए है। अंतर्विभागीय लीड एजेंसी सड़क सुरक्षा में स्वास्थ्य सेवाएं, लोक निर्माण विभाग, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, शिक्षा, परिवहन, सामान्य प्रशासन विभागों में कार्यरत योग्य व सेवानिवृत अधिकारियों की भी सहभागिता पर विचार किया गया।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 169 नगरीय निकायों में 3,72,406 एलईडी स्ट्रीट लाईट लगाये गये है। इसके अलावा 1,02,410 अतिरिक्त लाईट्स की भी स्वीकृति प्रदान की गई है। सड़के पशु मुक्त न होने से, अवैध साईन बोडर्स के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही न होने से हो रही सड़क दुर्घटनाएं पर नियंत्रण के लिये प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए गए। सड़क दुर्घटनाओं में प्रभावितों के धनरहित उपचार के लिये निर्दिष्ट चिकित्सालयों, घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने वाले नेक व्यक्तियों/गुड सेमेरिटन को यथाशीघ्र सम्मान राशि प्रदाय करने के निर्देश दिये गये। इसी कड़ी में 5388 अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, कोरबा, रायगढ़, बलौदाबाजार, सरगुजा, जगदलपुर(बस्तर) जिलों में दुर्घटनाओं के कारणों की समीक्षा कर कार्ययोजना तैयार कर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये गये। अपर मुख्य सचिव द्वारा जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में हिट एण्ड रन प्रकरणों के प्रभावितों को राहत के लिये गठित जिला दावा निपटान समिति को प्रकरणों को निर्धारित समय-सीमा में निराकरण के निर्देश दिये। मालवाहक वाहक वाहनों में यात्री परिवहन, बिना हेलमेट, सीट बेल्ट नहीं लगाने वाले, शराब सेवन कर वाहन चलाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करने के साथ ही व्यापक जागरूकता कार्यक्रम करने के भी निर्देश दिए गए।
अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) के अध्यक्ष श्री संजय शर्मा द्वारा पावर पाइंट माध्यम से प्रस्तुतीकरण के दौरान अवगत कराया कि शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा पहली से लेकर दसवीं तक के पाठ्यक्रमों मे सड़क सुरक्षा विषयक पाठों के परिमार्जन का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसे आगामी शिक्षा सत्र से लागू करने सहित प्रत्येक शैक्षणिक संस्थानों में रोड़ क्लब गठित कर नियमित गतिविधियों से सड़क सुरक्षा का वातावरण तैयार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में दोपहर 03 बजे से लेकर रात्रि 09 बजे के मध्य शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक दुर्घटनाएं हो रही है। इन दुर्घटनाओं में सर्वाधिक दोपहिया वाहन चालक/सवारों की मृत्यु की प्रमुख वजह बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाना है।
उक्त बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस.भारतीदासन, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री प्रदीप गुप्ता, अपर परिवहन आयुक्त श्री डी. रविशंकर, एन.आर.डी.ए. के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सौरभ कुमार सहित स्वास्थ्य सेवायें, गृह, पंचायत, वित्त, लोक निर्माण विभाग, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, परिवहन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, खनिज, उर्जा, जनसंपर्क, खाद्य, पर्यावरण, आबकारी, कृषि, श्रम, महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण विभाग, वित्त, पशुपालन विभाग, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, समस्त संभाग आयुक्त, तथा पुलिस महानिरीक्षक रेंज, सर्वाधिक सड़क दुर्घटना के जिला कलेक्टर्स एवं पुलिस अधीक्षकगण सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english