ब्रेकिंग न्यूज़

 सुदूर वनांचल में शिक्षा, संस्कृति और नवाचार का संगमः बिरकोल प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति छात्रावास

-हाइड्रोपोनिक खेती से लेकर ऑनलाइन कोचिंग तक आधुनिक शिक्षा की नई दिशा
 महासमुंद / जिले के सुदूरवर्ती वनांचल में स्थित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की सीमा से लगे गाँव बिरकोल में संचालित प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास बिरकोल आदिवासी विभाग द्वारा, छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना के तहत संचालित किया जा रहा है। यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों को शैक्षणिक सुविधा, सुरक्षित आवास और समुचित देखभाल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाई जाती है। घने जंगलों और पहाड़ियों  की गोद में बसा यह छात्रावास प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है, जो बच्चों को शांत और एकाग्र वातावरण प्रदान करता है। वर्तमान में छात्रावास अपने नवीन स्वामित्व भवन में संचालित हो रहा है, जिसमें अध्ययन कक्ष, भोजनालय, पुस्तकालय, खेल सामग्री तथा अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए छात्रावास में अनेक योजनाबद्ध गतिविधियों की व्यवस्था की गई है, जो उनके शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक एवं शैक्षणिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने में सहायक हैं। प्रत्येक दिन की शुरुआत प्रातःकालीन सैर और योगाभ्यास से होती है, जिससे बच्चों में न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ती है, बल्कि उनके भीतर अनुशासन, आत्मनियंत्रण और एकाग्रता जैसी मूलभूत योग्यताओं का भी विकास होता है।
छात्रावास परिसर में विकसित किया गया किचन गार्डन आकर्षण का केंद्र है। इसमें हाइड्रोपोनिक तकनीक के माध्यम से बिना मिट्टी के गोभी, पालक, धनिया, मिर्च आदि सब्जियाँ उगाई जा रही हैं। यह तकनीक पोषक तत्वों से भरपूर जल घोल के माध्यम से पौधों की वृद्धि सुनिश्चित करती है। साथ ही मिट्टी आधारित बागवानी भी समानांतर रूप से की जा रही है, जिससे बच्चों को जैविक खेती का प्रत्यक्ष अनुभव मिल रहा है।
छात्रावास में विभिन्न त्योहारों, महापुरुषों की जयंती एवं राष्ट्रीय पर्वों को पारंपरिक उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इन अवसरों पर बच्चों और अधीक्षक की सहभागिता से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें गीत, नृत्य, नाटक आदि के माध्यम से बच्चों की रचनात्मकता और सांस्कृतिक समझ को प्रोत्साहन मिलता है। इन आयोजनों में  पारंपरिक छत्तीसगढ़ी भोजन  पकाया जाता है, जिससे बच्चों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ाव का अनुभव होता है। छात्रावास में संचालित बचत बैंक की अवधारणा बच्चों को छोटी उम्र से ही धन की महत्ता और उसके उचित प्रबंधन की शिक्षा देने का एक प्रभावशाली माध्यम है। इस प्रणाली के अंतर्गत छात्र अपने दैनिक या साप्ताहिक जेब खर्च से एक निश्चित राशि बचाकर उसे बचत बैंक में जमा करते हैं। यह नियमित जमा करने की प्रक्रिया न केवल उन्हें धन संचय की आदत सिखाती है, बल्कि आर्थिक अनुशासन और आत्मनियंत्रण जैसे गुणों का भी विकास करती है।
बच्चों की सुरक्षा को अत्यधिक प्राथमिकता दी गई है। इसी उद्देश्य से छात्रावास परिसर में  सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनसे हर गतिविधि पर निरंतर निगरानी रखी जाती है। यह व्यवस्था न केवल बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि उनके माता-पिता को भी मानसिक शांति प्रदान करती है।यह छात्रावास बच्चों के लिए केवल एक निवास स्थान नहीं है, बल्कि एक ऐसा स्नेहिल परिवेश है, जहां वे आत्मीयता और अपनापन महसूस करते हैं। प्रत्येक बच्चे के जन्मदिन को विशेष रूप से मनाया जाता है, जिससे उनमें आत्मसम्मान, खुशी और सामाजिकता की भावना विकसित होती है। प्रतिदिन संध्या समय बच्चे स्वयं वाद्य यंत्रों के साथ भजन प्रस्तुत करते हैं, जिससे उनमें आध्यात्मिक चेतना का संचार होता है और भावनात्मक स्थिरता मिलती है।शैक्षणिक क्षेत्र में भी नवाचार को अपनाते हुए छात्रावास में प्रोजेक्टर के माध्यम से ऑनलाइन कोचिंग की व्यवस्था की गई है। इससे बच्चों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो रही है, बल्कि वे आधुनिक तकनीकी माध्यमों के प्रति भी जागरूक हो रहे हैं। यह पहल उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी में भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है।यह छात्रावास केवल एक आवासीय सुविधा नहीं है, बल्कि यह आदिवासी और अनुसूचित जाति समुदायों के बच्चों के लिए शैक्षणिक, सामाजिक और सांस्कृतिक उन्नयन का एक प्रभावशाली केंद्र बन गया है।

 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english