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 कलेक्टर सभाकक्ष में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा की गई प्रकरणों की सुनवाई

-आयोग में आया ऑनलाइन गेमिंग एप्प का मामला, डीएसपी दंतेवाड़ा को दिया गया जांच का आदेश 
-महिला आयोग द्वारा डीएसपी दंतेवाड़ा को तीन प्रकरण के गहन जांच की दी गई जिम्मेदारी शासकीय नियमों के अनुसार दूसरी पत्नी अवैध और शून्य होती है-महिला आयोग
 दंतेवाड़ा । छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक एवं सदस्यगण श्रीमती दीपिका शोरी, श्रीमती ओजस्वी मंडावी, श्रीमती सरला कोसरिया, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा ने आज कलेक्टोरेट दंतेवाड़ा के सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जनसुनवाई की। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ किरणमयी की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर पर 332वीं एवं दंतेवाड़ा जिला में आज 5वीं सुनवाई हुई। इस क्रम में जिले में आयोजित जनसुनवाई में 08 प्ररकणों पर सुनवाई की गई।
आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में ऑनलाइन गेमिंग एप्प खेलों में ठगी का प्रकरण प्रकाश में आया। इसके तहत आवेदिका ने शिकायत दर्ज किया कि अनावेदिका ने अपने खाते पर जून 2024 से मार्च 2025 तक 10 लाख रुपये फोन पे के माध्यम से लिया हुआ है और वह पैसे वापस नहीं कर रही है। इस संबंध में आवेदन में आवेदिका का खाता न० एवं ट्रांजेक्शन हिस्ट्री की फोटो कॉपी आवेदन के साथ संलग्न किया गया। इसके अनुसार इस पैसे के जमा होने की बात अनावेदिका स्वीकार करती है किंतु वह यह दलील दे रही है कि यह पैसा मोबाइल ऑनलाइन गेमिग एप्प खेलों में लगाया गया था। जो आवेदिका के कहने पर लगाया था। आवेदिका का कहना है कि अनावेदिका ने उससे अपने घर की परेशानी बताकर उधार मांगा था, और मांगने पर पैसा वापस नहीं दे रही थी और पैसा वापस करने के नाम पर आवेदिका को डरा धमका कर फिर से उससे पैसे मांग रही है। इसके तहत महिला आयोग ने इस पूरे मामले में बड़े अपराधिक षड्यंत्र की बात को स्वीकार करते हुए अनावेदिका का मो०न. तथा आवेदिका का मो० न० कि कम्पिल्ट ट्रांजेक्शन, चैटिंग तथा साइबर थाना से इनके लोकेशन की जांच कराया जाना को आवश्यक बताते हुए तथा आवेदिका और अनावेदिका का मोबाइल जब्ती का आदेष देते हुए दोनों मोबाइल डीएसपी आकांक्षा सिंह ठाकुर को सुपुर्द किया। इसके तहत वह इस पूरे प्रकरण की पुलिस सघन जांच करके इसकी जांच रिपोर्ट आयोग को भेजेंगी। इसके अलावा इस मामले में आयोग की सदस्य श्रीमती ओजस्वी मडावी के माध्यम से आयोग अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक द्वारा रिपोर्ट लिया जाएगा। और की गयी एफआईआर की प्रति आयोग को प्रेषित की जाएगी। इस मामले में आवेदिका और अनावेदिका का विस्तृत बयान लिया जाएगा तत्पश्चात् अनावेदिका को नारी निकेतन में रखे जाने का आदेश दिया गया इस मामले में प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद आयोग द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
इसी प्रकार एक अन्य प्रकरण के अन्तर्गत अनावेदक सीआरपीएफ में कार्यरत कांस्टेबल की भी प्रकरण की सुनवाई हुई। इसके अनुसार उसकी पोस्टिंग राजमेद्री आंध्रप्रदेश राज्य में वर्तमान में है और वह शादी के 15 दिन बाद से आज तक आवेदिका से कभी भी मुलाकात नहीं किया। अनावेदक कभी मणिपुर और कभी पं०बंगाल में पदस्थ होना बताता रहा है और आवेदिका का मोबाइल नंबर उसने ब्लाक कर रखा है आवेदिका शादी के बाद अनावेदक गण के घर किरदुल पर गर्भावस्था में रह रही थी। जहां पर अपने ससुर-सास और ननद के द्वारा प्रताडि़त किये जाने मायके चले जाने की बात कही यहां पर उसने एक बेटे को जन्म दिया जो अभी 08 माह का है प्रकरण के तहत बताया गया कि अनावेदक अपने पत्नि और बच्चे के लिए कोई भी भरण पोषण राशि नहीं देता है। आवेदिका के ससुर-सास और ननद द्वारा सामाजिक बैठक जुलाई 2024 में कराया गया बैठक में आवेदिका के मां के ऊपर मोबाइल चोरी का आरोप लगाया गया अनावेदक गणों द्वारा आवेदिका को उसके पति से अलग करने के लिए सारे हथकंडे अपनाये गये परतु आवेदिका अपने पति के साथ रहना चाहती है इस पर आयोग ने कहा कि अनावेदकगणों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज किया जाए। आयोग की सुनवाई में उपस्थित उप पुलिस अधीक्षक को यह निर्देश दिया गया कि महिला सेल एव सखी सेंटर के माध्यम से उभयपक्ष को काउंसिलिंग करवाया जाए जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की सुनवाई किया जाएगा।
 इसके अलावा आयोग के समक्ष आये एक अन्य प्रकरण के तहत आवेदिका ने बताया की उसके दो बच्चे है जिसमें 11 वर्षीय पुत्र को अनावेदक 01 ने अपने माता पिता के पास रखा है और आवेदिका के पास 06 वर्षीय पुत्री है और वह विगत एक वर्ष से अपने मायके रह रही है अनावेदक ने स्वीकार किया है उसने ममता राव नर्स से दंतेश्वरी मंदिर में दुसरा विवाह किया है जिससे उसकी एक  बेटी और है। अनावेदक क्रमांक 01 जगदलपुर में मुक्तांजली वाहन का ड्राइवर है जिसमें उसे 8000 वेतन मिलता है लेकिन वह उसने पिछले 01 वर्ष से आवेदिका को घर से निकाल दिया है और अपनी पत्नी बेटी का कोई भरण पोषण नहीं दे रहा है। आवेदिका अपने बेटे को वापस लेना चाहती है और अनावेदक खिलाफ अपराधिक मामला एवं मानसिक प्रताड़ना का मामला भी दर्ज करवाना चाहती है इस क्रम में प्रकरण की काउसिंलिग के लिए महिला सेल दंतेवाड़ा को और सखी दंतेवाड़ा को प्रकरण की प्रमाणित प्रति दी गई। और दोनों पक्ष के काउंसलिंग के आधार पर प्रताड़ना का मामला, घरेलू हिंसा का मामला और बिना तलाक लिए दूसरा विवाह करने का अपराधिक परिवाद दर्ज करवा सकते है। इसके लिए प्रकरण कल जगदलपुर आयोग की सुनवाई में नियत किया गया है जहां अनावेदक अपने माता पिता और 11 वर्ष के पुत्र के साथ उपस्थित होगा और अनावेदिका क्रमांक 02 को कांकेर एसपी के माध्यम से टेलीफोनिक सूचना देकर बुलाने की जिम्मेदारी महिला सेल को दिया गया।
इसके साथ ही पत्नी के मानसिक प्रताड़ना के प्रकरण के सुनवाई के तहत आवेदिका ने बताया कि  उसका तीन साल का बच्चा है और अनावेदक ने दो साल से पत्नी को छोड़ रखा है और उसने अनावेदिका कमांक 02 से विवाह कर लिया है वर्तमान में अनावेदक 01 आरक्षक के पद पर डीआरजी में थाना चिंतागुफा जिला सुकमा में कार्यरत है चूंकि शासकीय सेवा नियमों के तहत पहली पत्नी से तलाक लिए बगैर दूसरी शादी शून्य है अतः इस आधार पर अनावेदक 01 की सेवा समाप्त करने का पत्र आयोग की ओर से भेजा जा सकता है आयोग की समझाइश पर अनावेदक 01 और आवेदिका 02 दो माह में अपने बीच सुलाह का प्रयास कर असफल रहने की दशा में अनावेदक 01 की सेवा समाप्ति का पत्र भेजा जा सकता है इस प्रकरण की प्रमाणित प्रतिलिपि माननीय सदस्य दिपिका सोरी को दिया गया। जिसके अन्तर्गत वे सखी के माध्यम से दोनो की काउसिलिंग करके अपनी रिपोर्ट आयोग को प्रेषित करेंगी। आयोग द्वारा दोनों के प्रकरण को सुना गया दोनो ने स्वीकार किया कि उनका प्रकरण दीवानी न्यायालय में विचाराधीन है अतः इस क्रम में प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

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