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  बैंक की डीएलसीसी बैठक में जिले की 13,532 करोड़ रूपए की वार्षिक क्रेडिट प्लान का अनुमोदन

-सरकारी सब्सिडी लेकर बैंकों ने गरीबों को नहीं दिए लोन
-कलेक्टर ने जताई नाराजगी, कार्रवाई के दिए निर्देश

बिलासपुर / कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में बैंक की जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीएलसीसी) एवं जिला स्तरीय पुनरीक्षा समिति (डीएलआरसी) की बैठक मंथन सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 13532 करोड़ रूपये की जिले की वार्षिक ऋण योजना (एनुअल क्रेडिट प्लान) का अनुमोदन किया गया। जो कि पिछले साल की वार्षिक योजना से 1 हजार करोड़ रूपया ज्यादा है। कलेक्टर ने कृषि क्षेत्र के अंतर्गत डेयरी एवं मछलीपालन क्षेत्र के लिए लोन देने में कंजूसी बरतने पर गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लंबित सभी प्रकरणों की जांच कर त्वरित निर्णय लेते हुए ऋण स्वीकृति प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में डेयरी एवं मछलीपालन अतिरिक्त आमदनी का सुगम जरिया है। उन्हें लोन मिलने पर उनकी आमदनी जहां बढ़ेगी, देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
      कलेक्टर ने कुछ बैंकों द्वारा सरकारी सबसिडी उठाने के बावजूद गरीब हितग्राहियों को लोन स्वीकृत नहीं करने पर कड़ा एतराज जताया। संबंधित बैंक प्रबंधन के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि अंत्यावसायी योजना के तहत कोटा विकासखण्ड के दौ बैंक - सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया एवं पंजाब नेशनल बैंक तथा एसबीआई लखराम शाखा को लोन स्वीकृति की प्रत्याशा में एडवांस में सब्सिडी जारी किया गया था। लगभग दो साल से वे सरकारी सब्सिडी राशि को दबाकर बैठे हुए हैं। सरकारी सब्सिडी की राशि तीनों बैंक मिलाकर 8 लाख रूपये की है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के गरीब लोगों को छोटे-छोटे रोजगार के लिए ऋण एवं सरकारी अनुदान दिया जाना था। उनके द्वारा न तो हितग्राहियों को लोन दिया गया और न ही सब्सिडी को अंत्यावसायी समिति को वापस किया। कलेक्टर ने इस पर गहरी नाराजगी जाहिर की। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि बैंको के जरिए संचालित सरकारी योजनाओं में आमतौर पर गरीब वर्ग के लोग होते हैं। उन्हें छोटे-छोटे ऋण की जरूरत होती हैं। सहानुभूति पूर्वक समय-सीमा में ऐसे प्रकरणों को निपटाया जाना चाहिए। काफी लम्बे समय तक ऋण प्रकरण दबाकर न बैंठे रहें। यदि कोई प्रकरण ऋण देने योग्य नहीं है तो कारण सहित उन्हें वापस किया जाए ताकि कमियों को सुधारकर पुनः प्रकरण भेजा जा सके।
     श्री अग्रवाल ने बैंकर्स से कहा कि लोन लेने वाले लोगों पर भरोसा करें। ऋण लेकर लोग जरूर पटाएंगे। बैंक से डिफाल्टर हो जाने पर जीवन में अन्य क्षेत्रों में सफलता मुश्किल होगी। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन से लाभान्वित होकर लोगों की जिंदगी संवर गई है। लेकिन अभी भी और ज्यादा मात्रा में लोन देने की जरूरत है। उन्होंने इन दो महीनों में अभियान चलाकर लोन बांटने के निर्देश दिए। स्वनिधि योजना के अंतर्गत दूसरी बार लोन लेने में आ रही कठिनाईयां दूर करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बैठक में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के बारे में लोगों में जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपेक्षाकृत कम संख्या में बीमा दावा कर रहे हैं। दोनों योजनाओं के अंतर्गत केवल 1541 दावा किये गये हैं। इनमें से 1139 दावों का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने वित्तीय साक्षरता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, आरबीआई रायपुर के सहायक महाप्रबंधक दीपक तिवारी, नाबार्ड के डीडीएम अशोक साहू, लीड बैंक मैनेजर दिनेश उरांव सहित सभी बैंकों के नियंत्रक अधिकारी एवं जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

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