सुदूर अंचल में वन विभाग की पहल से बदल रहा ग्रामीणों का जीवन
-पहले मोहला में होती थी केवल 4-5 कूपों की ही कटाई, वन मंडल के गठन के बाद सभी 18 कूपों के साथ 10 अतिरिक्त कूपों की हो रही कटाई
-पिछले दो वर्षों में मोहला वन मंडल के 34 समितियों को 38 लाख से अधिक रुपये का लाभांश वितरित
मोहला । जिले के सुदूर क्षेत्रों में वन विभाग की योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन ने ग्रामीणों के जीवन में बदलाव की शुरुआत कर दी है। वर्ष 2025 में वन मंडल मोहला द्वारा की गई वृहद कूप कटाई ने जहां विभागीय उपलब्धि हासिल की है। वहीं ग्रामीणों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य किया है। पहले जहां 18 कूपों में से केवल 4-5 कूपों की ही कटाई हो पाती थी, वहीं वन मंडल के गठन के बाद यह संख्या लगातार बढ़ती गई और वर्ष 2025 में सभी 18 कूपों के अलावा 10 अतिरिक्त कूपों की कटाई कर एक नया रिकॉर्ड बनाया गया।
कूप कटाई का लाभ केवल लकड़ी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिली है। कटाई कार्य से स्थानीय लोगों को रोजगार मिला और साथ ही वन प्रबंधन समितियों को राजस्व का 20 प्रतिशत लाभांश प्राप्त हुआ है। इसी राजस्व से पिछले दो वर्षों में मोहला वन मंडल की 34 समितियों को 38 लाख 59 हजार 100 रुपये का लाभांश वितरित किया जा चुका है। यह राशि अब ग्रामीण विकास की धुरी बन रही है। कई गांवों में अधोसंरचना निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुके हैं, तो कहीं मछली पालन और कुसुम लाख पालन जैसी रोजगार मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही है।
वर्तमान में क्षेत्र की पाँच समितियों में अधोसंरचना विकास कार्य प्रगतिरत है। जबकि 17 समितियां विभिन्न आर्थिक गतिविधियों का संचालन कर ग्रामीणों के लिए स्थायी आय के स्रोत तैयार कर रही हैं। यह उपलब्धि वन विभाग, जिला प्रशासन, पुलिस, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की सहभागिता का सामूहिक परिणाम है।











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