पीएम आवास योजना से बदला सिलगेर का जीवन
-ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण लेकर माड़वी कोसा ने खुद बनाया अपना पक्का घर
रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) ने छत्तीसगढ़ के दूरदराज के सुकमा ग्राम पंचायत सिलगेर के निवासी श्री माड़वी कोसा का जीवन बदल दिया है। उन्हें मिट्टी के घरों से निकालकर पक्के और सुरक्षित आवास दिए हैं, जिससे न केवल रहने की स्थिति सुधरी है बल्कि सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता की भावना भी बढ़ी है, साथ ही शौचालय निर्माण और पेंशन जैसी अन्य सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिला है।
नक्सल प्रभावित नियद नेल्लानार क्षेत्र में शासकीय योजनाएँ अब लोगों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला रही हैं। इसी कड़ी में सुकमा ग्राम पंचायत सिलगेर के हितग्राही माड़वी कोसा इसका जीवंत उदाहरण हैं। जर्जर झोपड़ी में रहने वाले कोसा का पक्का घर बनाने का सपना प्रधानमंत्री आवास योजना से पूरा हो गया है। इस योजना के साथ रूरल मेसन प्रशिक्षण ने उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया है। अब वे प्रशिक्षित मेसन के रूप में घरों का निर्माण कर अतिरिक्त आय कमा रहे हैं, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
शासन-प्रशासन की पहल पर मेरापथ एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पंचायत स्तर पर संचालित ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण ने कोसा के जीवन को नई दिशा दी। प्रशिक्षण से मिली तकनीकी जानकारी और आत्मविश्वास ने उन्हें अपना घर स्वयं बनाने में सक्षम बनाया। यही कौशल अब उनके लिए रोज़गार का साधन भी बन गया है।
माड़वी कोसा को वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 1.20 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई। इसके साथ मनरेगा योजना से 95 मानव दिवस और 23 हजार 085 रुपये मजदूरी उपलब्ध कराई गई, जिससे निर्माण कार्य आसानी से पूरा हुआ। अन्य शासकीय योजनाओं ने भी उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाया। स्वच्छ भारत मिशन से 12 हजार रुपये की सहायता से शौचालय का निर्माण पूरा हुआ। सोलर पैनल लगने से घर में अब हर दिन रोशनी रहती है, जिससे बच्चों की पढ़ाई और रात की सुरक्षा सुधरी है। नल-जल योजना से घर तक स्वच्छ पेयजल उपलब्ध है, जिससे परिवार की परेशानियाँ कम हुई हैं।
ग्रामीण जीवन में सकारात्मक परिवर्तन
कलेक्टर सुकमा ने बताया कि नियद नेल्लानार क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएँ पहुँचाकर ग्रामीण परिवारों के जीवन स्तर में स्थायी सुधार लाना लक्ष्य है। सीईओ जिला पंचायत ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, सोलर ऊर्जा और नल-जल योजनाओं के अभिसरण से ग्रामीण जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है। यह सफलता कहानी साबित करती है कि जब योजनाएँ सही लाभार्थियों तक पहुँचती हैं, तो न केवल घर बनते हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता और सम्मान की भी नई इमारत खड़ी होती है।











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