पहचाना इन्हें..? अजय देवगन के साथ काम कर चुकी ये बौद्ध भिक्षु टॉप की मॉडल- एक्ट्रेस रह चुकी हैं..
मुंबई। क्या कोई ऐसा कर सकता है कि अच्छे भले करिअर को छोड़कर नन या बौद्ध भिक्षु बन जाए ? शायद नहीं। लेकिन एक हीरोइन ऐसी थी जिसने अच्छे खासे चल रहे एक्टिंग करियर को छोड़ एक नन बनना पसंद किया। ये हीरोइन हैं बरखा मदान, जिन्होंने अजय देवगन के साथ फिल्म 'भूत' में काम किया। ये फिल्म हिट रही और बरखा के करियर को भी इसने चमका दिया। इसके बाद तो जैसे बरखा मदान के पास फिल्मों के ऑफर्स की लाइन ही लग गई। उन्होंने अक्षय कुमार, रेखा, रवीना टंडन जैसे स्टार्स के साथ भी काम किया, लेकिन अचानक ही उन पर नन बनने का ऐसा भूत सवार हुआ कि एक्टिंग से उनका मोहभंग ही हो गया।
कल तक जो ग्लैमर, चकाचौंध और मेक-अप उन्हें अच्छा लगता था, बाद में उसी के लिए उनके मन में नफरत सी पैदा हो गई। अपना सिर तक उन्होंने मुंडवा लिया और नाम तक बदल लिया। आज बरखा मदान की पहचान नन गैलटन सैमसन के नाम से है। ऐसा नहीं है कि बरखा का करियर अच्छा नहीं चल रहा था...सब अच्छा था...बरखा को फिल्में भी मिल रहीं थीं, 20 पॉपुलर टीवी शोज भी उन्होंने किए थे, लेकिन 2002 में एक इवेंट के दौरान दलाई लामा जोपा रिपोंचे को सुनकर बरखा मदान का दिल और मन ऐसा बदला कि लगा वो अभी तक जो कर रहीं थीं वो सब बेकार है और फिर उन्होंने 2012 में बौध धर्म को पूरी तरह से अपना लिया और वो बौद्ध भिक्षु बन गईं।
आज बरखा को इस अवतार में देख हर कोई हैरान रह जाता है। किसी को यकीन नहीं होता कि एक वक्त पर लाखों -करोड़ों कमाने वाली, फिल्म इंडस्ट्री की चमक-धमक में रहने वाली इस हीरोइन के पास आज बस दो जोड़ी कपड़े और चप्पल ही हैं।
बताया जाता है कि साल 2002 में धर्मशाला में एक इवेंट के दौरान जब उन्होंने दलाई लामा जोपा रिपोंचे को सुना तो उनके मन में भी नन बनने का ख्याल आया। जब उन्होंने यह इच्छा दलाई लामा के सामने रखी तो वे बोले, "क्यों, क्या तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड से झगड़ा हुआ है। मठ में रहने का मतलब यह नहीं होता कि आप किसी से भागे हैं।" इसके बाद बरखा को बौद्ध धर्म दर्शन शास्त्र से जुडऩे की सलाह दी गई। इस सलाह का उद्देश्य बरखा को इस बात का ज्ञान कराना था कि आखिर क्यों वह नन बनने की राह चुनना चाहती है।
इसके बाद बरखा ने खुद की प्रोडक्शन कंपनी बनाई और उसके बैनर तले दो फिल्मों का निर्माण किया। एक 'सोच लो' (2010) और दूसरी 'सुरखाब'। साल 2012 में एक बार फिर बरखा काठमांडू स्थित बौद्ध मठ पहुंचीं तो उनसे फिर वही सवाल किया गया। जवाब में बरखा ने कहा कि सब कुछ अपनी जगह सही चल रहा है, इसके बावजूद उन्हें ऐसा लगता है कि कुछ तो है जो छूट रहा है।"
4 नवंबर 2012 को सुबह-सुबह 9 बजे बरखा ने संन्यास ले लिया। इस मौके पर उनके पेरेंट्स भी वहां मौजूद थे। उन्होंने बरखा को पूरा सपोर्ट किया। जहां तक उनकी संपत्ति की बात है तो वे अपने पास एक मोबाइल और एक लैपटॉप ही रखती हैं। उन्हें अक्सर धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश में मेडिटेशन करते या फिर बौद्ध गया के तारा चिल्ड्रेन प्रोजेक्ट में एचआईवी ग्रस्त बच्चों की सेवा करते देखा जा सकता हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था, "कई साल पहले जब मैंने मिस इंडिया कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया था, तब जजों ने मुझसे पूछा था कि मैं यदि यह कॉन्टेस्ट जीतती हूं तो क्या करना चाहूंगी। तब मैंने जवाब दिया था कि मैं जरूरतमंद बच्चों की मदद और सेवा करूंगी और आज मैं वही कर रही हूं।" गौरतलब है कि बरखा ने 1994 में ऐश्वर्या राय बच्चन, सुष्मिता सेन और श्वेता मेनन के साथ मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। हालांकि, वे इसे जीत नहीं पाई थीं, लेकिन मिस टूरिज्म इंटरनेशनल की रनरअप रही थीं। वर्षा ने टीवी पर भी काफी काम किया। उन्होंने 1857 क्रांति में रानी लक्ष्मीबाई का किरदार निभाया। फिर घर एक सपना और सात फेर, न्याय जैसे सीरियलों में काम किया।
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