राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए..अजय देवगन-सूर्या को मिला बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज नई दिल्ली में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए। इस कार्यक्रम में सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉक्टर एल मुरुगन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
वर्ष 2020 के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख को दिया गया। तमिल फिल्म सोरारई पोटरु को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार प्राप्त हुआ। हिंदी फिल्म तानाजी: द अनसंग वॉरियर को संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार मिला। अजय देवगन को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया। सोरारई पोटरु के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार सूर्या को मिला और अपर्णा बालमुरली को इसी फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्रदान किया गया।
डांगी भाषा की टेस्टिमनी ऑफ एना को सर्वश्रेष्ठ गैर फीचर फिल्म का पुरस्कार प्राप्त हुआ। मराठी फिल्म फनरल को सामाजिक मुद्दों पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म के सम्मान से पुरस्कृत किया गया।
सच्चिदानंदन के.आर. को मलयालम फिल्म एके अय्यप्पनम कोशियुम के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला। मराठी फिल्म सुमी को सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म का पुरस्कार मिला। मनोज मुंतशिर को हिंदी फिल्म साइना में सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए पुरस्कृत किया गया। राहुल देशपांडे को मराठी फिल्म मी वसंतराव के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का पुरस्कार मिला और नंचम्मा को मलयालम फिल्म एके अय्यप्पनम कोशियुम के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का पुरस्कार दिया गया। कन्नड़ फिल्म तलेदंडा को पर्यावरण संरक्षण पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला। बंगाली भाषा की फिल्म अविजात्रिक के लिए सुप्रतिम भोल को सर्वश्रेष्ठ छायांकन का पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय सिनेमा में शानदार योगदान के लिए अभिनेत्री आशा पारेख की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि फिल्म और फिल्म निर्माता राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सिनेमा चित्रों के माध्यम से व्यक्त की गई कविता है, जो सभी के लिए चमत्कार तरह है और लोगों को इससे जीवंत तथा मानवीय एहसास होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों ने पिछले कुछ वर्षों में उत्कृष्टता को मान्यता दी है।
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