आशा पारेख से शादी करना चाहता था उनका प्रशंसक... चीन से आकर घर के सामने धरना देकर बैठ गया था.....
-80 साल की हुई सदाबहार आशा पारेख
मुंबई। जानी-मानी एक्ट्रेस आशा पारेख आज अपना 80 वां जन्मदिन मना रही हैं। हाल ही उन्हें हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। सिनेमा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 1992 में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।
आशा पारेख के जन्मदिन के अवसर पर हम उनसे जुड़ा एक किस्सा सुना रहे हैं, जिसका खुलासा उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान किया था। आशा पारेख ने बताया था कि किस तरह उससे छुटकारा पाने के लिए उन्हें पुलिस की मदद लेनी पड़ी थी।
आशा पारेख का 60 और 70 के दशक में खूब जलवा था। उन्होंने कई साल तक फिल्मी पर्दे के साथ-साथ लोगों के दिलों पर राज किया। आशा पारेख अपने दौर की सबसे महंगी अभिनेत्रियों में से एक रहीं। आशा पारेख को शुरुआत में फिल्मों में रिजेक्ट कर दिया गया था, लेकिन 'दिल देके देखो' ने उनकी ऐसी किस्मत लिखी कि हर कोई उन्हें 'मिडास टच' वाली हीरोइन कहने लगा। आशा पारेख के प्रति दीवानगी फिल्म इंडस्ट्री तक ही नहीं बल्कि दुनियाभर में फैल गई थी। दुनिया के कोने-कोने में आशा पारेख के फैन रहे। एक फैन तो ऐसा रहा जो आशा पारेख से शादी करने के लिए चीन से मुंबई आ गया और उनके घर के बाहर धरना देकर बैठ गया।
इस बारे में आशा पारेख ने कहा था, 'मेरे घर के बाहर एक चीनी आदमी आकर रहने लगा। लोग जब उसे वहां से जाने के लिए कहते तो वो उन्हें छुरी निकालकर दिखा देता। पता चला कि वो मुझसे शादी करना चाहता था।'
आशा पारेख उस फैन का जुनून देख हैरान थीं। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर उसे अपने घर के बाहर से हटाने के लिए वह क्या करें। कोई रास्ता न देख आशा पारेख ने मुंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर को फोन किया और फैन को जेल में डलवा दिया। इस बारे में एक्ट्रेस ने कहा था, 'मैंने पुलिस कमिश्नर को फोन किया। उन्होंने उसे जेल में डाल दिया। उसने मुझे जेल से लेटर लिखा कि मुझे जेल में डाला है। मुझे बाहर निकालो। अब भई मैंने तो आपको अंदर डाला है। तो मैं बाहर कहां से निकालूं तुमको।'
आशा पारेख ने 1999 तक फिल्मों में काम किया और फिर एक्टिंग को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। आशा पारेख चूंकि एक क्लासिकल डांसर भी हैं। इसलिए बाद में उन्होंने अपनी एक डांस अकेडमी खोली। अब आशा पारेख उसी में मशगूल रहती हैं। हालांकि वह इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव हैं और अक्सर वे टीवी पर किसी रियलिटी शो में विशेष मेहमान के तौर पर भी नजर आ जाती हैं।
आशा पारेख जब महज 17 साल की उम्र में थीं, तब उनकी पहली फिल्म रिलीज हुई थी और इसके बाद धीरे-धीरे उनकी शोहरत इस कदर बढ़ी कि अभिनेत्री को सिनेमा की जुबली गर्ल कहा जाने लगा।आशा पारेख का फिल्म सफर बहुत लंबा रहा है। उन्होंने दस वर्ष की उम्र में अपने अभिनय के करियर की शुरआत की थी। दरअसल, उन्हें निर्देशक बिमल रॉय ने डांस करते हुए देखा था और 1952 में फिल्म मां में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर साइन कर लिया। इसके बाद उन्हें बेबी आशा पारेख के नाम से जाना गया।आशा पारेख ने साल 1958 में आई नासिर हुसैन की फिल्म 'दिल देके देखो' में नीता नारायण के नाम से मुख्य किरदार निभाया था। इस फिल्म में उनके अपोजिट अभिनेता शम्मी कपूर नजर आए थे। यह फिल्म एक बड़ी हिट साबित हुई थी और पहली फिल्म के बाद से ही आशा पहचानी जाने लगीं।साल 1971 में आई फिल्म कटी पतंग में आशा पारेख ने एक विधवा का किरदार अदा किया था। फिल्म में उनके अपोजिट राजेश खन्ना नजर आए थे। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी और आशा पारेख के किरदार को समीक्षकों द्वारा भी खूब सराहना मिली थी। यहां तक कि इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्म फेयर अवॉर्ड से भी नवाजा गया।
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