ब्रेकिंग न्यूज़

त्वचा की जलन-कॉन्टेक्ट डर्माटाईटिस

 कॉन्टेक्ट डर्माटाईटिस त्वचा की एक प्रकार की जलन (इन्फ्लेमेशन) है जो तब होती है, जब त्वचा किसी ऐसे पदार्थ के सम्पर्क में आती है जो इसे (उत्तेजित) इरिटेट करता है या एलर्जिक रिएक्शन का कारण बनता है। प्राकृतिक और कृत्रिम रसायनों की ऐसी लम्बी सूची है जो कॉन्टेक्ट डर्माटाईटिस उत्पन्न कर सकते हैं।
 सामान्य त्वचा सम्पर्क (कॉमन स्किन एक्सपोजर) या कॉन्टेक्ट जो कॉन्टेक्ट डर्माटाईटिस उत्पन्न करते हैं उनमें शामिल हैं- हाथों को धोना, घर की साफ सफाई, डायपर पहनाना, विषैली लता, ओक (शाहबलूत) या सुमैक के सम्पर्क में आना, परफ्यूम स्प्रे करना या हाथ से लगाना, कोई ऐसा धातु की नेकलेस या ब्रेसलेट पहनना जिसमें निकेल हो, धातु के कांटों या जिपर्स वाले कपड़े पहनना, बालों को शैम्पू करना, मेकअप करना या हेयरडाई का इस्तेमाल करना, औद्योगिक विलायकों के साथ कार्य करना और किसी ऐसी जलती आग के निकट बैठना जिसमें विषैली लता जलाई जा रही हो।
 डॉक्टर कांन्टेक्ट डर्माटाईटिस को दो प्रकार में बांटते हैं जो जलन के कारणों पर आधारित हैं-
 इरिटेंट कॉन्टेक्ट डर्माटाईटिस- यह  किसी ऐसे कैमिकल के सम्पर्क में आने पर होता है जो विषैला (टॉक्सिक) या मानवीय त्वचा को इरिटेट करने वाला हो। यह एलर्जिक रिएक्शन नहीं है। बच्चों में इरिटेंट कॉन्टेक्ट डर्माटाईटिस सर्वाधिक  डायपर डर्माटाईटिस के रूप में पाया जाता है। यह डायपर वाले हिस्से में त्वचा का रिएक्शन होता है जो मूत्र और मल में पाए जाने वाले प्राकृतिक रसायनों (कैमिकल) के सम्पर्क में ज़्यादा देर तक रहने से होता है। बच्चों में आईसीडी मुंह के आसपास भी विकसित हो जाता है जो बच्चों के भोजन के साथ टपकती लार या सलाईवा के त्वचा के सम्पर्क में आने से होता है। वयस्कों में इरिटेंट कॉन्टेक्ट डर्माटाईटिस प्राय: एक आकस्मिक बीमारी के रूप में पाया जाता है जो कठोर साबुनों, विलायकों या क्षारक अभिकर्मकों (कटिंग एजेंट्स) के सम्पर्क में आने से होता है। यह स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ताओं, घर का कार्य करने वालों, दरबानों, मैकेनिकों, मशीन पर काम करने वालों और बाल काटने वालों (हेयरड्रेसर) में सबसे ज़्यादा पाया जाता है। लेकिन यह किसी भी ऐसे व्यक्ति में हो सकता है जो घर का कामकाज करता हो या अपने किसी शौक के चलते जलन पैदा करने वाले कैमिकलों के सम्पर्क में आता हो।
 एलर्जिक कॉन्टेक्ट डर्माटाईटिस- यह एक इम्यून रिएक्शन है जो केवल ऐसे लोगों में होता है जो कुछ केमिकलों के प्रति प्राकृतिक रूप से अधिक संवेदनशील होते हैं। एलर्जिक कॉन्टेक्ट डर्माटाईटिस में पदार्थ (एलर्जेन) के सम्पर्क में आने के 24 से 36 घंटे बाद तक जलन उत्पन्न  नहीं होती। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एलर्जिक कॉन्टेक्ट डर्माटाईटिस में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूमन सिस्टम) भाग लेता है और इस प्रक्रिया में कुछ समय लगता है। त्वचा पर एलर्जी की स्थिति अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकती है। हालांकि इसके लिए जिम्मेदार सबसे प्रमुख प्रकार के एलर्जेन्स, विषैली लता, ओक और सुमैक में पाए जाने वाले केमिकल, मेटल ज्वैलरी में निकेल और कोबॉल्ट, कपड़ों के स्नैप्स, जिपर्स और मेटल प्लेटेड ऑब्जेक्ट्स, त्वचा के जैवप्रतिरोधी (एंटीबायोटिक) मलहमों में नियोमाईसिन, लेदर(चमड़े) के जूतों और कपड़ों में पाया जाने वाला एक टैनिंग एजेंट पोटेशियम डाईक्रोमेट, दास्तानों और रबर के कपड़ों में लैटेक्स और कुछ परिरक्षक (प्रिजर्वेटिव्स) जैसे कि फार्मेल्डिईहाईड आदि हैं।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english