संत की अद्भुत आस्था... 60 की उम्र में 7 साल तक करेंगे यात्रा, रोज करते हैं 2100 बार दंडवत प्रणाम
भरतपुर। जिले के रूपवास कस्बे से 60 वर्षीय संत केदार कटारा खाटूश्याम (सीकर) तक दंडवत यात्रा पर निकले हैं। 510 दिन की इस कठिन यात्रा में अब तक वे करीब 132 किमी की दूरी तय कर जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे स्थित मानपुर चौराहा पहुंचे, जहां श्याम भक्तों ने उनका भव्य स्वागत किया। संत केदार ने यह यात्रा 24 अक्टूबर 2023 को रूपवास के श्री चिंता हरण हनुमान मंदिर से शुरू की थी, जो सात साल बाद अक्टूबर 2030 में पूरी होगी। संत केदार प्रतिदिन 300-400 मीटर का सफर तय करते हुए 2,100 दंडवत करते हैं। खाटू श्याम तक की करीब 321 किमी की दूरी को पूरा करने के लिए वे कुल 17,65,551 दंडवत करेंगे। अब तक 132 किमी की यात्रा में 7,51,000 दंडवत कर चुके हैं, जबकि बाकी 156 किमी की दूरी पूरी करने में छह साल और 8,81,000 दंडवत करने होंगे। संत केदार कटारा ने बताया कि उनकी दंडवत यात्रा सनातन धर्म, हिन्दू देवी-देवताओं और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए है। इसके अलावा, देश और समाज की सेवा के प्रति जागरुकता, वन और गौवंश की रक्षा, विश्व शांति और मानव कल्याण, महिला सशक्तीकरण, स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरुकता और भाईचारे और प्रेम का संदेश फैलाना है।
13वीं कनक दंडवत यात्रा
संत केदार की यह 13वीं कनक दंडवत यात्रा है। इससे पहले वे 12 बार इसी तरह खाटू श्याम तक पहुंच चुके हैं। उनका मानना है कि खाटू श्याम बाबा हर भक्त की सुनते हैं और इच्छाएं पूर्ण करते हैं।
मोटरसाइकिल बना आशियाना
यात्रा के दौरान संत केदार ने एक मोटरसाइकिल को रथ में बदल रखा है, जिसमें खाटू श्याम की अखंड ज्योति जल रही है। वे इसी रथ में ठहरते हैं और रात भी यहीं बिताते हैं। जब दिनभर की दंडवत यात्रा पूरी हो जाती है, तब वे मोटरसाइकिल में ही विश्राम करते हैं।
श्रद्धालु कर रहे सहयोग
संत के इस कठिन संकल्प को पूरा करने में खाटू श्याम के श्रद्धालु लगातार उनकी मदद कर रहे हैं। भरतपुर से लेकर खाटू श्याम तक भक्त उन्हें भोजन, पानी और अन्य आवश्यक चीजें मुहैया करा रहे हैं। अन्य श्रद्धालु भी इस पुण्य कार्य में सहयोग कर सकते हैं। सात साल की यह कठिन यात्रा न सिर्फ श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि सनातन संस्कृति के प्रति संत केदार कटारा की अटूट आस्था और समर्पण को भी दर्शाती है।
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