घर का मुख्य द्वार बनाने से पहले इन बातों का रखें खास ध्यान, सुख-समृद्धि खुद देगी दस्तक
अगर आप भी नए घर का निर्माण करवा रहे हैं और चाहते हैं कि आपके घर का द्वार सिर्फ एक दरवाजा नहीं, बल्कि सौभाग्य का प्रवेश द्वार बने, तो इन वास्तु नियमों को जरूर अपनाएं। आइए जानते हैं।
दिशा का खास रखें ध्यान
घर का मुख्य द्वार कई ऊर्जाओं को घर में प्रवेश करने में सहायक होता है। ऐसे में अगर आप पूर्वमुखी है तो घर का प्रवेश द्वार उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। ताकि मुख्य द्वार से सुबह की धूप सीधे आपके घर में प्रवेश करे। दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम दिश में मुख्य द्वार होने से बाधाएं आ सकती हैं, इसलिए इन्हें टालना चाहिए। सही दिशा से सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवाहित होती है, जबकि गलत दिशा से समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
द्वार का सही आकार
मुख्य द्वार का सही आकार और डिजाइन सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए काफी जरूरी होता है। इसलिए आप भी दरवाजा बनवाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि दो पल्लों वाला द्वार शुभ माना जाता है, क्योंकि यह ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखता है। द्वार न तो बहुत बड़ा हो और न ही बहुत छोटा। बहुत छोटा द्वार सकारात्मक ऊर्जा को रोक सकता है, जबकि बहुत बड़ा द्वार असंतुलन पैदा कर सकता है।
स्वच्छता और सुंदरता
घर का मुख्य द्वार साफ और सजा हुआ होना चाहिए। ऐसा करने से यह घर में सुख-समृद्धि को आमंत्रित करता है, जबकि गंदा या अव्यवस्थित द्वार नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है। ऐसे में आप मुख्य द्वार और उसके आसपास हमेशा साफ-सफाई बनाए रखें। रंगोली, तोरण (आम या अशोक के पत्तों की माला) और सजावट से द्वार को आकर्षक बनाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
कौन-सा रंग चुने?
मुख्य द्वार का रंग घर की ऊर्जा पर गहरा प्रभाव डालता है। सही रंग घर में सुख-समृद्धि को आकर्षित कर सकते हैं। इसलिए आप क्रीम, हल्का पीला, हल्का नीला, हरा या सफेद जैसे हल्के रंग चुन सकते हैं। काले रंग से बचें, क्योंकि यह नकारात्मकता को आमंत्रित कर सकता है।
Leave A Comment