ज्यादा नमक शरीर के लिए क्यों होता है घातक?
नमकीन व्यंजन खाने के बाद अक्सर लोगों को सुबह ब्लोटिंग जैसे परेशानियां हो जाती है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि नमक शरीर के पानी को मार देता है, जिसके कारण अक्सर लोगों को ब्लोटिंग हो जाती है। इसलिए भी लोगों को बहुत अधिक नमक खाने की सलाह नहीं दी जाती है। वहीं यह आपके रक्तचाप पर भी बुरा प्रभाव डालता है। साथ ही हालिया अध्ययन की मानें, तो यह शरीर की प्रतिरक्षा यानी कि इम्यूनिटी के लिए भी बुरा है। दरअसल जर्मनी में एक अध्ययन में पाया गया है कि उच्च नमक वाला आहार न केवल एक व्यक्ति के रक्तचाप के लिए खराब हो सकता है, बल्कि प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी खराब है। आइए जानते हैं ज्यादा नमक खाने का इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर क्या प्रभाव पड़ता है-
नमक कैसे इम्यूनिटी घटाता है?
जर्मनी में यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल बॉन के शोधकर्ताओं ने पाया कि एक उच्च नमक वाला आहार बहुत अधिक गंभीर जीवाणु संक्रमण से पीडि़त होता है। यहां तक कि एक दिन में 6 ग्राम नमक भी आपकी प्रतिरक्षा को नष्ट कर सकता है। साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, जो लोग एक दिन में 6 ग्राम से ज्यादा नमक का सेवन करते हैं उनकी इम्यूनिटी लगातार कमजोर होने लगती है। वहीं पांच ग्राम नमक का सेवन करना ही एक दिन में नमक की अधिकतम मात्रा है, जिसे वयस्कों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सिफारिशों के अनुसार सेवन करना चाहिए।
शोधकर्ताओं ने कहा कि यह लगभग एक स्तर के चम्मच से मेल खाता है। सोडियम क्लोराइड, जो नमक का रासायनिक नाम है, रक्तचाप बढ़ाता है और जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। बॉन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता क्रिश्चियन कुर्ते की मानें, तो हम अब पहली बार साबित करने में सक्षम हुए हैं कि अत्यधिक नमक का सेवन भी प्रतिरक्षा प्रणाली की एक महत्वपूर्ण शाखा को कमजोर करता है। शोधकर्ता कहते हैं कि आपके आहार में कम नमक भी आपको तेजी से ठीक करेगा, क्योंकि ये आपकी इम्यूनिटी को क्षति नहीं पहुंचाएगा।
शरीर पर ज्यादा नमक खाने का असर
खून में जब नमक की एकाग्रता बढ़ जाती है तो शरीर की कई जैविक प्रक्रिया काम नहीं करती हैं। भले ही सोडियम क्लोराइड का अतिरिक्त सेवन कुछ त्वचा रोगों के लिए काम करता है, लेकिन आमतौर पर शरीर के लिए ये सही नहीं है।
उच्च नमक का सेवन पेट के कैंसर से जुड़ा हुआ है
पेट का कैंसर, जिसे गैस्ट्रिक कैंसर के रूप में भी जाना जाता है, कुछ आम कैंसरों में से भी एक है। यह दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है, और प्रत्येक वर्ष 7 लाख से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार है। कम नमक खाने वाले लोगों की तुलना में अधिक नमक के सेवन से पेट के कैंसर का खतरा 68 प्रतिशत अधिक होता है।
बैक्टीरिया का विकास
नमक का ज्यादा सेवन करना हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के विकास को बढ़ा सकता है। वहीं शरीर में बैक्टीरिया से जुड़े सूजन और गैस्ट्रिक अल्सर को जन्म दे सकता है। इससे पेट के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। वहीं इससे गट हेल्थ को खासा नुकसान पहुंचता है।
पेट की परत को नुकसान
नमक में उच्च आहार, पेट की परत को नुकसान पहुंचा सकता है और इसमें सूजन कर सकता है। इस प्रकार भी ये कार्सिनोजेन्स को उजागर कर सकता है। वहीं कई लोगों के शरीर में ज्यादा नमक खाने से सूजन हो जाता है क्योंकि ये टिशू को फैला कर मोटा कर देते हैं।
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