ब्रेकिंग न्यूज़

 दालों को पकाने से पहले भिगोने से बढ़ जाती है पौष्टिकता, जानें सेहत के लिए क्यों है ये फायदेमंद
 भारतीय घरों में दाल पकाने से पहले उसे भिगोकर रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।  दरअसल दाल को भिगोने से पौष्टिकता बढ़ती है। बिना भिगोई हुई दाल प्रयोग करने से इनमें मौजूद फाइटिक एसिड नामक कंपाउंड पोषक तत्वों के अवशोषण में रुकावट उत्पन्न करता है। भीगी हुई दाल फाइटिक एसिड को कम करने में सहायक है और ब्लोटिंग को भी कम करती है। दाल भी जल्दी पकती है। 
 जब दाल भिगोकर पकाया जाता है तब उसमें न्यूट्रिशन लॉस भी कम हो जाता है। उसमें मौजूद वॉटर सॉल्युबल विटामिन्स पानी में घुल जाते हैं और यदि वह पानी फेंक दिया जाता है तो न्यूट्रिएंट्स भी खत्म हो जाते हैं। खाने में बहुत तरह के ऐसे न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो खाने को तेज आँच पर पकाने  से खत्म हो जाते हैं। सही ढंग से कुकिंग प्रैक्टिस करने से हम ऐसे न्यूट्रिएंट्स  के नुकसान को बचा सकती हैं।  
दाल भिगोने के फायदे  
भीगी हुई दाल शरीर में मिनरल अब्जॉप्र्शन   रेट बढ़ाती है और फाइटेज नामक एंजाइम सक्रिय हो जाता है। ये फाइटेज कैल्शियम, आयरन और जिंक को जोड़ता है जबकि फाइटिक एसिड को ब्रेक करता है और अवशोषण को आसान बनाता है। जबकि एमाइलेज कंपाउंड दाल में कांप्लेक्स स्टार्च   को तोड़ता है और उन्हें पचाने में आसान बनाता है। दाल को भिगोने से उसमें मौजूद गैस उत्पन्न करने वाले कंपाउंड खत्म होते हैं। अधिकांश दालों में कांप्लेक्स ओलिगोसेकेराइड होते हैं, जो एक प्रकार की कांप्लेक्स शुगर  है। ये सूजन और गैस कारण होती है। भिगोने के बाद इस कांप्लेक्स शुगर की मात्रा बहुत कम हो जाती है और आप इन सब परेशानियों से बच जाते हैैं। 
 दाल भिगोने का सही तरीका  
जरूरत के हिसाब से दाल निकालने और उसे एक बर्तन में निकाल लें। अब पानी से धो लें।  भिगोने से पहले पानी को कम से कम 3-4 बार बदलें और हाथों से रगड़ते हुए धीरे से धोयें। आप दाल को छलनी में डालकर भी धो सकते हैं।  अब दाल को एक कटोरे में डालें और पानी से भरें।   दाल को कम से कम 30 मिनट और अधिक से अधिक 2 घंटे तक भीगने दें।
बिना छिलके वाली दालों को 30 मिनट से लेकर 1 घंटा तक भिगोया जा सकता है और साबुत या छिलके वाली दालों को 2 घंटे तक भिगोयें। दालों को भिगोने से कंपलेक्स कार्ब टूटते हैं। साथ ही खाना पकने का समय भी कम होता है। 
 ज्यादातर लोग दाल को पकाने से पहले धोते हैं और बहुत कम लोगों में आदत होती है दाल भिगोने  की। जबकि राजमा और छोले जैसे खाद्य तो रात भर भिगोने चाहिए। बहुत सी दालें बिना भिगोए भी जल्दी बन जाती हैं। यही सोच कर दालों को भिगोया नहीं जाता, लेकिन दालों को भिगोकर उनसे मिलने वाले फायदे जानकर, आप अपनी आदत जरूर बदल देंगे। 
----

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english