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 कोविड के बाद अब मंकीपॉक्स वायरस का खतरा... जानें क्या है मंकीपॉक्स....
लंदन।  कोविड वायरस से उबर रही दुनिया को अब मंकीपॉक्स वायरस का खतरा सता रहा है। यूरोप के बाद कनाडा और अमेरिका में भी मंकीपॉक्स के मामले मिले हैं। आमतौर पर यह बीमारी अफ्रीका में पाई जाती है। कनाडा के क्यूबेक प्रांत में स्वास्थ्य अधिकारी मंकीपॉक्स के संदिग्ध करीब एक दर्जन मामलों की जांच कर रहे हैं। अमेरिका ने अपने यहां कम से कम एक मामले की पुष्टि कर दी है. और पुर्तगाल में इस वायरस के पांच मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
 अमेरिका ने  कहा कि हाल ही में कनाडा से लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स पाया गया है। इसी हफ्ते की शुरुआत में यूरोप में दर्जनभर मामलों की पुष्टि हुई थी। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक मंकीपॉक्स एक खतरनाक वायरस है जिसकी शुरुआत फ्लू जैसी ही होती है। बुखार, बदन दर्द और जुकाम आदि के बाद चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों पर चिकनपॉक्स जैसे दाने उभर आते हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस बात पर चिंता जताई क्योंकि इन देशों में मंकीपॉक्स होना सामान्य बात नहीं है। अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारी और पॉक्स वायरस विशेषज्ञ इंगर डैमन के मुताबिक यौन संबंधों के नेटवर्क में ये मामले फैल रहे हैं।
 ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने  कहा कि 6 मई के बाद से देश में मंकीपॉक्स के नौ मामले मिल चुके हैं। स्पेन और पुर्तगाल ने अपने यहां 40 मामलों की पुष्टि की है।  
 क्या है मंकीपॉक्स?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह बीमारी शारीरिक द्रव्यों से फैल सकती है। यानी किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने, उसकी चीजें इस्तेमाल करने आदि से संक्रमण हो सकता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है घर में साफ-सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाले रसायन इस वायरस को खत्म कर सकते हैं। यह माना जाता है कि मंकीपॉक्स अफ्रीका तक सीमित है अमेरिका या अन्य देशों में यात्रियों के जरिए ही पहुंचता है। अमेरिका में पिछले सालटेक्सस और मैरीलैंड में भी मंकीपॉक्स का एक-एक मामला मिला था। दोनों ही लोगों को नाइजीरिया की यात्रा के बाद मंकीपॉक्स हुआ था। बाद में 27 राज्यों में इसके मामले मिले थे। अफ्रीका में चूहों या अन्य छोटे जानवरों के काटने से यह बीमारी होती है लेकिन इसे बहुत ज्यादा संक्रामक नहीं माना जाता है, यानी यह बहुत आसानी से अन्य लोगों में नहीं फैलती है।
 मंकीपॉक्स विषाणुओं के उसी परिवार का वायरस है, जिससे स्मॉलपॉक्स संबंधित है। ज्यादातर लोग मंकीपॉक्स से कुछ हफ्तों में ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस बीमारी से ग्रस्त लगभग 10 फीसदी लोगों की जान चली जाती है।

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