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अमेरिका ने 11 सितंबर आतंकी हमलों की 21वीं बरसी मनाई

 न्यूयॉर्क.  अमेरिका के लोगों ने 11 सितंबर को देश में सबसे भीषण आतंकी हमलों के 21 साल पूरे होने पर नम आंखों के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वे ‘‘कभी इसे नहीं भूल सकते।'' ग्रांउड जीरो पर आयोजित समारोह में पीड़ितों का नाम पढ़ने खड़ी हुई बोनिता मेंटिस हमले में मारी गईं अपनी बहन शेवोनी मेंटिस की तस्वीर गले में हार में साथ पहने हुए थीं, जो गुयाना से आई प्रवासी थीं और इस हमले में जब मारी गई तब उनकी उम्र महज 25 साल थी। शेवोनी एक वित्तीय कंपनी में काम करती थीं। बोनिता ने कहा, ‘‘21 साल बीत गए हैं, लेकिन हमारे लिए यह 21 साल नहीं है। हमें तो लगता है कि यह कल ही हुआ था। हमारे जख्म आज भी हरे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘इससे फर्क नहीं पड़ता कि कितने साल बीत गए हैं, कोई भी उस दिन जो हुआ, उसे समझ नहीं सकता है।'' हमले के दो अन्य स्थानों पेंटागन और पेनसिल्वेनिया के मैदान में भी पीड़ितों के रिश्तेदारों और गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। अलकायदा के आतंकवादियों ने 21 साल पहले अपहृत विमानों के जरिये न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और पेनसिल्वेनिया में हमले किए गए थे, जिनमें लगभग 3,000 लोग मारे गए थे। इस हमले के बाद अमेरिका ने दुनियाभर में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को नये सिरे से तैयार किया। इस रविवार को इस हमले की बरसी ऐसे समय मनाई जा रही है, जब करीब एक महीने से कुछ ज्यादा समय पहले अमेरिकी ड्रोन हमले में अलकायदा सरगना और 9/11 हमले की योजना बनाने में अहम मदद करने वाले अयमन अल जवाहिरी को मार गिराया गया। हमले में रिश्ते के भाई को खोने वाले पियरे रोल्डन ने कहा, ‘‘ हमें तब कुछ न्याय मिला'' जब वर्ष 2011 के अमेरिकी हमले में ओसामा बिन लादेन मारा गया। उन्होंने कहा, ‘‘अब अल जवाहिरी मारा गया है, कम से कम हमें न्याय मिलना जारी है।''

ग्यारह सितंबर के हमले से कुछ समय के लिये अमेरिकियों में राष्ट्रीय गर्व और एकता की भावना भी पैदा हुई, जबकि देश में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों को आगामी वर्षों में संदेह और कलंक के साये में रहना पड़ा। आतंकी हमलों ने अमेरिका की राजनीति पर असर डाला। उन हजारों लोगों के जीवन पर भी गहरा असर पड़ा, जिन्होंने अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और सहयोगियों को खो दिया। हालांकि, पीड़ितों के रिश्तेदारों की तरह जे सालोमन को डर है कि अमेरिकियों की 11 सितंबर के हमले को लेकर आत्म चेतना कम हो रही है। हमले में अपने भाई को खोने वाले सालोमन ने कहा, ‘‘ उस दिन हमारे देश पर आतंकवादी हमला हुआ था और सैद्धांतिक रूप से सभी को उसे याद करना चाहिए। सतर्कता बरतें और देखें।'' ग्रांउड जीरो पर मंच पर आकर लोग हमले में मारे गए अपने-अपने रिश्तेदारों का नाम लेकर श्रद्धांजलि दे रहे थे। ऐसे ही लोगों में दमकल कर्मी जिम्मी रिचस थे, जिनका उस हमले के वक्त जन्म भी नहीं हुआ था, लेकिन उन्होंने मंच पर उस व्यक्ति को श्रद्धांजलि अर्पित की जो उनके रिश्तेदार थे। उन्होंने मंच पर नाम का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ आप हमेशा में दिल में रहेंगे। मुझे पता है कि आप मुझे देख रहे होंगे।'' सेकू सिबी के 70 से अधिक सहकर्मी, ट्रेड सेंटर के उत्तरी टॉवर के ऊपर स्थित रेस्तरां ‘विंडोज ऑन द वर्ल्ड' में मारे गए थे। सिबी को उस सुबह काम पर जाना था, लेकिन उनकी जगह दूसरे रसोइए को काम पर बुला लिया गया था। सिबी ने फिर कभी रेस्तरां की नौकरी नहीं की। आज भी उन्हें हमले के दिन की सारी घटनाएं याद हैं। आइवरी कोस्ट से आए आप्रवासी सिबी इस बात से जूझ रहे थे कि ऐसे देश में इस तरह के आतंक को कैसे समझा जाए, जहां वह बेहतर जीवन की तलाश में आए थे। सिबी पहले की तरह फिर से किसी को अपना करीबी दोस्त नहीं बना पाए, जो ‘विंडोज ऑन द वर्ल्ड' में उनका अपने सहयोगियों से रिश्ता था। सिबी ने कहा कि यह बहुत दुखद होता है जब आपको पता चलता है कि आपके इर्द-गिर्द जो चीजें चल रही हैं उसपर आपका कोई नियंत्रण नहीं है। रेस्तरां कर्मचारियों के अधिकारों की पैरवी करने वाले संगठन ‘आरओसी यूनाइटेड' के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सिबी ने कहा, ‘‘11 सितंबर हर उस चीज की याद दिलाता है, जिसे मैंने खोया है, जिसे मैं कभी वापस नहीं पा सकता।'' राष्ट्रपति जो बाइडन ने पेंटागन में पुष्पांजलि अर्पित कर हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने 11 सितंबर के हमले को याद किया, जब वह पेंटागन में धुएं का गुबार उठ रहा था और तब वह सीनेटर थे। बाइडन ने संकल्प लिया कि अमेरिका आतंकवादी साजिशों को नाकाम करने के लिए काम करना जारी रखेगा। उन्होंने अमेरिकियों से आह्वान किया कि वे बरसी से परे बाकी दिनों के लिए भी लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध रहें। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारी जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि हम अपने लोकतंत्र की रक्षा, सरंक्षण और सुरक्षा करें। लोकतंत्र ने जो हमें स्वतंत्रता दी है, उसे वे आतंकवादी 11 सितंबर के हमले की आग, धुएं और राख में दबाना चाहते थे।'' प्रथम महिला जिल बाइडन रविवार को पेनसिल्वेनिया के शैंक्सविले में फ्लाइट-93 राष्ट्रीय स्मारक में आयोजित सभा को संबोधित करेंगी। उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपने पति डाउग एम्होफ न्यूयॉर्क स्थित 11 सितंबर स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। लेकिन परंपरा के अनुसार किसी भी नेता को संबोधन की अनुमति नहीं है। इस स्मारक पर पीड़ितों के परिवार मारे गए अपने रिश्तेदारों के नामों को पुकारते हैं। इस मौके पर निकिता शाह भी पहुंची, जिन्होंने टी शर्ट पहना था जिसपर ‘‘ हम कभी नहीं भूल सकते'' और उनके मारे गए पिता जय शाह का नाम लिखा था। निकिता 10 साल की थीं, जब उनके पिता इस हमले में मारे गए थे। उनका परिवार अब ह्यूस्टन में बस गया है, लेकिन बरसी मनाने के लिए न्यूयॉर्क आया है।

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