जर्मनी ने नाटो के लिए लिथुआनिया में 4 हजार सैनिक तैनात करने की पेशकश की
बर्लिन । जर्मनी उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के पूर्वी मोर्चे को मजबूत बनाने के लिए स्थायी आधार पर लगभग चार हजार सैनिक लिथुआनिया भेजना चाहता है। जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने सोमवार को लिथुआनिया की राजधानी विलनियस की यात्रा के दौरान यह बात कही। पिस्टोरियस ने कहा, “जर्मनी लिथुआनिया में स्थायी रूप से एक मजबूत ब्रिगेड तैनात करने के लिए तैयार है।” उन्होंने कहा कि सैनिकों और उनके परिवारों के लिए बुनियादी ढांचे तथा सुविधाओं की व्यवस्था करने की जरूरत है। यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध पर जर्मनी की सरकार ने पिछले साल जून में कहा था कि लिथुआनिया पर हमला होने की स्थिति में एक लड़ाकू ब्रिगेड उसकी रक्षा करने के लिए तैयार है। तब से लेकर अब तक इस बात को लेकर मतभेद रहे हैं कि क्या लिथुआनिया में स्थायी रूप से सैनिकों को तैनात किया जाए या फिर अस्थायी रूप से उन्हें वहां भेजा जाए। लिथुआनिया सरकार स्थायी रूप से सैनिकों की तैनाती की मांग कर रही है जबकि जर्मन सरकार लंबे समय तक ऐसा करने से इनकार करती रही है। पिस्टोरियस ने कहा कि जर्मन सरकार ने केवल यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के चलते लिथुआनिया में ब्रिगेड तैनात करने का फैसला नहीं लिया, बल्कि इसके पीछे उसका खुद का इतिहास भी है। उन्होंने कहा कि शीतयुद्ध का अंत होने तक जर्मनी नाटो का पूर्वी मोर्चा हुआ करता था।
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