पटाखों के प्रदूषण से अस्थमा रोगी इस तरह करें अपना बचाव, ये चार तरीके आएंगे काम
देश में त्योहारों के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। इसमें दीपावली के त्योहार को कई मामलों में खास माना जाता है। दीपावली उत्सव, जश्न, मिठाइयों और पटाखों का त्योहार माना जाता है। हालांकि डायबिटीज और अस्थमा के रोगियों को दीपावली में विशेष सावधानी रखने की सलाह दी जाती है। दीपावली की मिठाइयों से डायबिटीज जबकि पटाखों के कारण अस्थमा रोगियों की जटिलताओं के बढ़ने का खतरा रहता है। पटाखों से निकलने वाला धुंआ अस्थमा रोगियों की मुश्किलों को बढ़ा देता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक पटाखों में कई प्रकार के हानिकारक रसायन होते हैं जो जलने के बाद वातावरण को प्रदूषित कर देते हैं। इस तरह का वातावरण अस्थमा जैसे सांस से संबंधित रोगियों के लिए बहुत ही नुकसानदायक हो सकता है। आइए जानते हैं कि अस्थमा के रोगियों को किस प्रकार की सावधानियां बरतते हुए दीपावली का त्योहार मनाना चाहिए?
कोरोना के इस दौर ने लोगों को मास्क लगाए रखने की आदत बनवा दी है, दीपावली के इस मौसम में बाहर जाते समय सभी लोगों, विशेषकर अस्थमा के रोगियों को मास्क जरूर लगाए रखना चाहिए। वातावरण में मौजूद धूल-मिट्टी और पटाखों से निकलने वाले धुएं से सुरक्षित रखने में यह मास्क आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। अस्थमा के रोगियों को दीपावली के दिन डबल मास्क लगाकर रखना चाहिए।
दीपावली के दिन चूंकि वायुप्रदूषण बढ़ जाता है ऐसे में अस्थमा के रोगियों को विशेष सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। आप इनहेलर और दवाइयां हमेशा अपने साथ ही रखें, बेहतर रहेगा कि आप पहले से ही इन्हें खरीदकर रख लें। अस्थमा का अटैक कभी भी हो सकता है, ऐसे में इनहेलर रखकर आप जटिलताओं से सुरक्षित रह सकते हैं।
दीपावली के दिन अस्थमा के रोगियों को विशेष सावधान रहने की आवश्यकता होती है, चूंकि बाहर के माहौल में प्रदूषण अधिक होता है इसलिए कोशिश करें कि आप ज्यादा से ज्यादा घर के भीतर ही रहें। खिड़की-दरवाजों को बंद रखकर आप प्रदूषण से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। घर से बाहर निकलना भी हो तो मास्क लगाकर ही निकलें।
अस्थमा के रोगियों के लिए सांस वाले व्यायाम करना विशेष लाभदायक माना जाता है। सांस वाले व्यायाम अस्थमा की जटिलताओं को कम करने के साथ फेफड़ों को मजबूती देने में सहायक होते हैं। इसके अलावा यदि दीपावली के दिन आपको सांस से संबंधित कोई भी जटिलता का अनुभव होता है तो इस बारे में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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