ऊर्जा और पोषक तत्वों का खजाना मखाना
- संध्या शर्मा
मखाने की चर्चा होते ही मन में यह खयाल आता है कि यह तो सर्दियों में खाया जाने वाला ड्राई फ्रूट है। पर, ऐसा है नहीं। कुछ मेवे ठंडी तासीर वाले होते हैं, जिनमें से एक मखाना भी है। मखाना, जिसे अंग्रेजी में फॉक्स नट या लोटस सीड के नाम से भी जाना जाता है। मखाना एक ऐसा मेवा है जिसका इस्तेमाल धार्मिक पर्वों में व उपवास के दौरान खाने के लिए किया जाता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक यह सभी को पसंद आता है, भले ही कुछ को नमकीन तो कुछ को मीठा। मुझे तो गुड़ में पगे मखाने बहुत अच्छे लगते हैं। इसके सेवन से पेट को ठंडक मिलती है।
गर्मी के मौसम में लू और डिहाइड्रेशन की समस्या होना आम है। इसके साथ कमजोरी और थकावट भी अधिकांश लोगों पर हावी रहती है। गर्मी की इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए अधिकांश लोग शेक और जूस आदि की ओर रुख करते हैं। पर, शरीर की खोई ऊर्जा की भरपाई करने के लिए सेहतमंद चीजों का सेवन करना चाहिए। उसी श्रृंखला में एक नाम है, मखाना। इसमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण इसे सुपर फूड भी कहा जाता है। अधिकांश लोग इसको एक सुपर हेल्दी स्नैक्स की तरह खाते हैं क्योंकि इसमें जरूरी पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही वीगन और शाकाहारी लोगों के लिए पोषक तत्वों से भरपूरा मखाना एक अच्छा विकल्प है।
कैसा होता है मखाना?
मखाना गोल, छोटा और मोती जैसे सफेद होते हैं। इसकी बनावट चिकनी होती है। बनावट के साथ-साथ उनके आकार के आधार पर मैं इन्हें तीन भागों में वर्गीकृत करती हूं: पहले टाइप का मखाना साबुत, गोल और आकार में थोड़ा बड़ा होते हैं। दूसरे टाइप के मखाने आकार में थोड़े छोटे होते हैं, जिनमें काले छिलके ज्यादा दिखाई देते हैं। तीसरे प्रकार के मकान को ठुर्री मखाना कहते हैं क्योंकि यह बहुत छोटे व सस्ते होते हैं, पर कुछ लोग इनका इस्तेमाल खीर बनाने के लिए करते हैं। ज्यादातर घरों में मखाने का सेवन नाश्ते के रूप में ही किया जाता है। आइए जानें मैं इनका उपयोग अपनी प्रतिदिन की डाइट में कैसे करती हूं:
1 मैं मखाना का प्रयोग अपने भोजन में तीन तरह से करती हूं-पहला कच्चे रूप में, दूसरा भुने और तीसरा पाउडर बनाकर।
2 मखाने से काला छिलका हटाकर मखाने को दो टुकड़ों में करती हूं और फिर पानी में भिगोकर धोकर पंचामृत में डालती हूं ।
3 कच्चे मखानों को साफ करके दो टुकड़े करके एक चम्मच घी में जीरा, राई का तड़का लगाकर ऐसे ही डाल देती हूं। फिर सेंकती हूं। ऊपर से प्याज, टमाटर और खीरा का कचूंबर बनाकर इस मखाने में मिलाती हूं। स्वादिष्ट नाश्ता तैयार है।
4 एक चम्मच घी में 10-12 मिनट धीमी गैस पर क्रिस्पी होने तक मखाने को भूनती हूं। फिर नमक, काली मिर्च, चाट मसाला आदि डालकर ठंडा करके एअर टाइट डिब्बे में रख लेती हूं। चाय के साथ स्नैक्स के रूप में खाने के लिए यह सेहतमंद विकल्प है।
5 मखाने को भून लें। फिर बिना पानी डाले गुड की चाशनी बनाकर उसमें मखाना डालें। मखाने को गुड़ की चाशनी में मिलाएं। ठंडा होकर हर मखाना अलग हो जाता है। बच्चों को यह बहुत पसंद आता है।
6 भुने मखानों का बादाम के साथ पाउडर बनाकर एयर टाइट डिब्बे में रखती हूं। डिनर में सूप के साथ पनीर, मखाने की टिक्की बनाती हूं या रात में दूध में एक चम्मच मखाना पाउडर डालकर पीती हूं।
7 भुने मखाने को खीर में डालें या सब्जी में,स्वाद अच्छा हो जाता है। इसके अलावा भुने मखानों को बारिश के मौसम में पकौड़े वाले बेसन के मिश्रण में डुबोकर डीप फ्राई करें। खाने में मजा आ जाएगा।
8 सलाद के ऊपर मखानों को क्रश करके डालें या साबुत ही तुरंत सर्व करें, अच्छा रहेगा। साथ ही स्मूदीज में, शेक में मखाने के पाउडर का इस्तेमाल करती हूं।
9 रायते में भुने मखाने और पिस्ता डालें। ऊपर से हींग, जीरा पाउडर, नमक और मिर्च आदि डालें। चाहें तो सिर्फ भुने मखानों को चाट की तरह बनाएं या भेलपुरी की तरह। खाने का मजा दोगुना हो जाएगा।
10 मैं काजू रोल की तरह मखाना रोल और लड्डू आदि बनाती हूं। इसके अलावा छिलके सहित भुने चने को पीसकर बराबर मात्रा में मखाना पाउडर, ड्राई फ्रूट और देसी खांड मिलाकर लड्डू बनाती हूं।
यूं करें स्टोर
पैकेट खोलते ही मखानों को एयर टाइट कंटेनर या जिप लॉक बैग में डालें। इससे हवा और नमी कंटेनर में प्रवेश नहीं करेगी ।
ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें। धूप गर्मी और नमी से दूर रखें ताकि उनका कुरकुरापन बना रहे।
मखानों को रेफ्रिजरेटर में नहीं रखना चाहिए। मखाना खराब हो सकता है।
फायदा मिलेगा भरपूर
मखाने में सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम ,फाइबर,आयरन और विटामिन-सी जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके सेवन से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और कमजोरी दूर होती है। 100 ग्राम मखाने में 350 ग्राम कैलोरी पाई जाती है। यह वजन कम करने और दिल को सेहतमंद रखने में प्रभावी साबित होता है।
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