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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी सफलता के साथ कोविड की नई लहर से निपटने के लिए देशवासियों की सराहना की; स्वदेशी टीके पर देशवासियों के भरोसे को देश की ताकत बताया

 नयी दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि भारत पूरी सफलता के साथ कोविड महामारी की नई लहर के साथ निपट रहा है। आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में श्री मोदी ने इस बात पर गर्व व्‍यक्‍त किया कि अब तक करीब साढ़े चार करोड़ किशोरों को कोविड के टीके लगाये जा चुके हैं। उन्‍होंने कहा कि केवल तीन चार सप्‍ताह के अंदर ही 15 से 18 वर्ष के लगभग साठ प्रतिशत युवाओं को टीका लगा दिया गया। श्री मोदी ने कहा कि इससे न केवल युवा सुरक्षित रहेंगे बल्कि उन्‍हें पढ़ाई जारी रखने में भी मदद मिलेगी।
श्री मोदी ने कहा कि बीस दिन में एक करोड़ लोगों को एहतियाती टीका लगाया गया। उन्‍होंने स्‍वदेशी वैक्‍सीन पर लोगों के विश्‍वास को देश की ताकत बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड मरीजों की संख्‍या में कमी आना सकारात्‍मक संकेत है। लेकिन उन्‍होंने लोगों को सतर्क रहने की सलाह भी दी। उन्‍होंने कहा कि देश में आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार बनाए रखी जानी चाहिए।
आज महात्‍मा गांधी की पुण्‍यतिथि पर श्री मोदी ने कहा कि 30 जनवरी बापू की शिक्षाओं की याद दिलाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह की शुरूआत अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी से होगी और 30 जनवरी को महात्‍मा गंधी की पुण्‍यतिथि पर सम्‍पन्‍न होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडिया गेट पर नेताजी की डिजिटल प्रतिमा स्‍थापित की गई है। उन्‍होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्‍सव में भारत इन प्रयासों के जरिए अपने राष्‍ट्रीय प्रतीकों को पुनर्स्‍थापित कर रहा है। उन्‍होंने इससे प्रेरणा लेने के उददेश्‍य से लोगों से राष्‍ट्रीय समर स्‍मारक को देखने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडिया गेट के पास अमर जवान ज्‍योति और राष्‍ट्रीय समर स्‍मारक की ज्‍योति को मिला दिया गया है। राष्‍ट्रीय समर स्‍मारक में स्‍वतंत्रता के बाद से सभी शहीदों के नाम अंकित‍ किए गए हैं। श्री मोदी ने कहा कि कुछ पूर्व सैनिकों ने लिखा है कि अमर जवान ज्‍योति शहीदों की अमरता का प्रतीक है। उन्‍होंने कहा कि अमर जवान ज्‍योति की तरह देश के शहीद, उनकी प्रेरणा और उनका योगदान भी अमर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में कई महत्‍वपूर्ण राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार प्रदान किए गए। ऐसा ही एक सम्‍मान प्रधानमंत्री राष्‍ट्रीय बाल पुरस्‍कार है। ये पुरस्‍कार उन बच्‍चों को दिए जाते हैं जिन्‍होंने युवा अवस्‍था में ही साहसिक और प्रेरक कार्य किए है। श्री मोदी ने कहा कि इन बच्‍चों के वीरतापूर्ण कार्यों का प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए। क्‍योंकि इससे अन्‍य बच्‍चों को प्रेरणा मिलेगी और देश के लिए गौरवपूर्ण कार्य करने के लिए उनमें उत्‍साह का संचार होगा। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में पद्म पुरस्‍कारों की घोषणा की गई। पुरस्‍कार विजेताओं में से कई लोग ऐसे हैं जिन्‍हें अब तक बहुत कम लोग जानते थे। प्रधानमंत्री ने इन लोगों को ऐसा नायक बताया जिन्‍होंने साधारण परिस्थितियों में असाधारण कार्य किए हैं। उन्‍होंने उत्‍तराखंड की बसंती देवी का उदाहरण दिया जिन्‍हें इस वर्ष पद्मश्री से सम्‍मानित करने की घोषणा की गई है। बसंती देवी के पति का निधन हो गया था और उन्‍हें आश्रम में रहना पड़ा। वहां बसंती देवी ने नदी के संरक्षण के लिए कार्य किया और पर्यावरण के संरक्षण में असाधारण योगदान दिया।
प्रधानमंत्री ने मणिपुर की 77 वर्ष की लोरेमबम बीनो देवी का भी उल्‍लेख किया जो दशकों से मणिपुर की लिबा वस्‍त्र कला का संरक्षण कर रही हैं। श्री मोदी ने मध्‍य प्रदेश के अर्जुन सिंह का भी उदाहरण दिया जिन्‍हें बैगा आदिवासी नृत्‍य कला के लिए पद्मश्री से सम्‍मानित किया जाएगा। कर्नाटक के‍ किसान अमई महालिंग नायक को भी पद्मश्री से सम्‍मानित करने की घोषणा की गई है। कुछ लोग अमई को टनल मैन भी कहते है। श्री मोदी ने कहा कि उन्‍होंने कृषि के क्षेत्र में आश्‍चर्यजनक नवाचार किए हैं। 
प्रधानमंत्री ने प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि एक करोड़ से अधिक बच्‍चों ने उन्‍हें मन की बात पोस्‍ट कार्ड के जरिए संदेश लिखे। ये पोस्‍ट कार्ड देश विदेश के विभिन्‍न भागों से भेजे गए है। उन्‍होंने कहा कि इन पोस्‍ट कार्ड से पता चलता है कि देश के भविष्‍य के लिए नई पीढ़ी का दृष्टिकोण कितना व्‍यापक है। प्रधानमंत्री ने मन की बात के श्रोताओं के लिए पोस्‍ट कार्डो पर लिखे कुछ संदेश भी पढ़कर सुनाए। असम में गुवाहाटी से रिदि्दमा स्‍वर्गियारी ने लिखा कि वह स्‍वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने पर ऐसा भारत देखना चा‍हती है जो दुनिया में सबसे स्‍वच्‍छ हो और आतंकवाद से पूरी तरह मुक्‍त हो।
उत्‍तर प्रदेश में प्रयागराज की नव्‍या वर्मा ने पोस्‍ट कार्ड में लिखा है कि वह 2047 के लिए ऐसे भारत का सपना देखती है जहां प्रत्‍येक व्‍यक्ति का जीवन गरिमापूर्ण हो, किसान समृद्ध हो और कोई भ्रष्‍टाचार न हो। श्री मोदी ने कहा कि देश तेजी से इस दिशा में बढ़ रहा है। उन्‍होंने कहा कि भ्रष्‍टाचार मुक्‍त भारत बनाने के लिए 2047 की प्रतीक्षा नहीं की जानी चाहिए।
चेन्‍नई के मोहम्‍मद इब्राहिम ने पोस्‍ट कार्ड में लिखा कि वह ऐसा भारत देखना चाहता है जो 2047 में रक्षा के क्षेत्र में प्रमुख शक्ति हो और जिसका चंद्रमा पर अपना अनुसंधान केंद्र हो।
मध्‍य प्रदेश के रायसेन में सरस्‍वती विद्या मंदिर की कक्षा दस की छात्रा भावना ने क्रांतिकारी शिरीश कुमार के बारे में लिखा है। गोआ के लोरेंसियो परेरा ने लिखा कि भीकाजी कामा भारत के स्‍वाधीनता संग्राम में शामिल बहादुर महिलाओं में से एक थीं। 
प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि भारत की आजादी के अमृत महोत्‍सव का उत्‍साह देश तक ही सीमित नहीं है। उन्‍हें क्रोएशिया से 75 पोस्‍ट कार्ड मिले हैं। क्रोएशिया के ज़ाग्रेब में अनुप्रयुक्‍त कला और डिजाइन विद्यालय के छात्रों ने भारत के लोगों के लिए 75 कार्ड भेजे है और अमृत महोत्‍सव पर बधाई दी। श्री मोदी ने प्रत्‍येक देशवासी की तरफ से क्रोएशिया और वहां के लोगों को धन्‍यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत शिक्षा और ज्ञान की पवित्र भूमि रही है। उन्‍होंने कहा कि देश की महान हस्तियों का शिक्षा के साथ भी गहरा संबंध था। प्रधानमंत्री ने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय ने काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना की और महात्‍मा गांधी ने गुजरात विद्यापीठ की स्‍थापना में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। श्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल के कहने पर उनके दो साथियों भाई काका और भीखा भाई ने गुजरात के वल्‍लभ विद्या नगर में युवकों के लिए शिक्षा केंद्र स्‍थ‍ापित किए। प्रधानमंत्री ने गुरूदेव रबीन्‍द्रनाथ ठाकुर का उदाहरण दिया जिन्‍होंने पश्चिम बंगाल में शांति निकेतन की स्‍थापना की। महाराजा गायकवाड़ भी शिक्षा के प्रमुख समर्थकों में शामिल हैं जिन्‍होंने कई शिक्षण संस्‍थानों की स्‍थापना की और भीमराव आम्‍बेडकर तथा महर्षि अरविंद सहित कई लोगों को उच्‍च शिक्षा के लिए प्रेरित किया।
श्री मोदी ने राजा महेन्‍द्र प्रताप सिंह का भी स्‍मरण किया, जिन्‍होंने तकनीकी विद्यालय की स्‍थापना के लिए अपना घर ही दान कर दिया। उन्‍होंने अलीगढ़ और मथुरा में शिक्षा केंद्रों के निर्माण के लिए भरपूर वित्‍तीय सहायता दी। श्री मोदी ने कहा कि उन्‍हें अलीगढ़ में राजा महेन्‍द्र प्रताप सिंह के नाम पर विश्‍वविद्यालय की आधारशिला रखने का श्रेय हासिल हुआ।
प्रधानमंत्री ने प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि समाज में हर स्‍तर पर शिक्षा के बारे में जागरूकता दिखाई दे रही है। उन्‍होंने तमिलनाडु के त्रिपुर जिले में उड़ुमलपेट की तायम्‍मल का उदाहरण भी दिया जिन्‍होंने नारियल पानी बेचकर अपने पुत्र और पुत्री को शिक्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके बच्‍चे चिन्‍नावीरमपट्टी पंचायत यूनियन म‍िडिल स्‍कूल में पढ़े। उन्‍होंने स्‍कूल के लिए एक लाख रूपये दान भी‍ दिए।
प्रधानमंत्री ने आई आई टी -बी एच यू के पूर्व छात्र जय चौधरी का भी उदाहरण दिया जिन्‍होंने आईआईटी बीएचयू फाउंडेशन को दस लाख डॉलर दान किए। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों के मामले में भी ऐसे प्रेरक उदाहरणों की कोई कमी नहीं है। इन प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए पिछले वर्ष सितंबर से विद्यांजलि अभियान शुरू किया गया है। इसका उद्देश्‍य विभिन्‍न संगठनों, कॉरपोरेट सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व और निजी क्षेत्र की भागीदारी से देशभर के विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्‍ता सुधारना है। विद्यांजलि अभियानसामुदायिक भागीदारी और सामुदायिक स्‍वमित्‍व की भावना को प्रोत्‍साहन दे रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि प्रकृति और प्रत्‍येक प्राणी से प्रेम तथा अनुकंपा भारतीय संस्‍कृति का अभिन्‍न अंग रहा है। इसकी झलक हाल ही में मध्‍य प्रदेश के पेंच बाघ अभयारण्‍य में बाघिन की मृत्‍यु पर दिखाई दी। वन विभाग ने उसका नाम टी-15 रखा। इस बाघिन की मृत्‍यु से लोग अत्‍यधिक भावुक हो गए और उन्‍होंने उसका अंतिम संस्‍कार भी किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रकृति और प्राणियों के लिए भारतीयों के इस प्रेम की दुनियाभर में बहुत सराहना की गई है। एक बाघिन पूरे जीवन काल में 29 बच्‍चों को जन्‍म देती है और उनमें से करीब 25 को पालने-पोसने में सफल रहती है। इसकी झलक इस बार गणतंत्र दिवस परेड में दिखाई दी।
राष्‍ट्रपति के अंगरक्षक दल में शामिल अश्‍व विराट ने दस वर्ष का सेवाकाल संपन्‍न किया और आखिरी बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुआ। राष्‍ट्रपति भवन में विदेशी अतिथियों के सम्‍मान समारोह में भी विराट भूमिका निभाता रहा। सेनादिवस पर विराट को थल सेना प्रमुख का सीओएएस प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उत्‍कृष्‍ट इरादे के साथ विनम्र प्रयास किए जाते है तो परिणाम भी मिलते हैं। इस बात का श्रेष्‍ठ उदाहरण असम में देखा गया। वहां एक सींग वाले गैंडे हमेशा असमिया संस्‍कृति का अंग रहे हैं। प्रधानमंत्री ने भारत रत्‍न भूपेन हजारिका का गीत भी स्‍मरण किया जिसमें काजीरंगा के हरे-भरे परिवेश और इसके वन्‍य जीवों की सराहना की गई है। श्री मोदी ने कहा कि काजीरंगा के गैंडों को‍ शिकार जैसे संकटों का सामना करना पड़ता है। 2013 में शिकारियों ने 37 और 2014 में 32 गैंडों को मार डाला। इस चुनौती से निपटने के लिए पिछले सात वर्ष में असम सरकार ने विशेष प्रयास किए। पिछले वर्ष 22 सितंबर को विश्‍व गैंडा दिवस के अवसर पर तस्‍करों से जब्‍त किए गए दो हजार चार सौ से अधिक सींग जला दिए गए। यह शिकारियों के लिए कड़ा संदेश था। ऐसे ही प्रयासों केकारण असम में गैंडो के शिकार में लगातार कमी आ रही है।
प्रधानमंत्री ने भारतीय संस्‍कृति की लो‍कप्रियता पर भी बात की जो लैटिन अमरीका और दक्षिण अमरीका में भी लोकप्रिय है। उन्‍होंने अर्जेंटीना में भारतीय संस्‍कृति का परचम लहराने का भी उल्‍लेख किया। प्रधानमंत्री ने अर्जेंटीना यात्रा के दौरान 2018 में शांति के लिए योग कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया था। यह कार्यक्रम अर्जेंटीना की संस्‍था हस्तिनापुर फाउंडेशन ने आयोजित  किया था। यह फाउंडेशन अर्जेंटीना में भारतीय वैदिक परंपराओं के प्रसार में जुटा है। इसकी स्‍थापना 40 वर्ष पहले प्रोफेसर ऐड़ा एलब्रेक्‍ट ने की थी। वे आज 90 वर्ष के हो रहे हैं। हस्तिनापुर फाउंडेशन के अब 40 हजार से अधिक सदस्‍य हैं और अर्जेंटीना तथा अन्‍य लैटिन अमरीकी देशों में इसकी करीब 30 शाखाएं हैं। इस फाउंडेशन ने स्‍पेनिश भाषा में 100 से अधिक वैदिक और दार्शनिक ग्रंथ प्रकाशित किए हैं।
श्री मोदी ने मणिपुर के 24 वर्ष के थोउनाओजम निरंजॉय सिंह का उदाहरण भी दिया जिन्‍होंने एक मिनट में 109 पुश-अप्‍स का रिकार्ड बनाया। प्रधानमंत्री ने निरंजॉय से प्रेरणा लेने और शारीरिक तंदरूस्‍ती को जीवन का अंग बनाने का आग्रह किया। उन्‍होंने कहा कि लद्दाख में शीघ्र ही ओपन सिंथेटिक ट्रैक और एस्‍ट्रो फुटबाल स्‍टेडियम होगा। यह स्‍टेडियम 10 हजार से अधिक ऊंचाई पर बनाया जा रहा है और इसका निर्माण जल्‍द सम्‍पन्‍न हो जाएगा। यह लद्दाख में सबसे बडा खुला स्‍टेडियम होगा जिसमें 30 हजार से अधिक दर्शक बैठ सकेंगे। लद्दाख में इस आधुनिक फुटबाल स्‍टेडियम में 8 लेन का सिंथेटिक ट्रैक भी होगा। वहां होस्‍टल भी बनाया जा रहा है जिसमें एक हजार बिस्‍तरों की सुविधा होगी।
प्रधानमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि एक बार इस्‍तेमाल होने वाले प्‍लास्टिक को उपयोग में न लायें। उन्‍होंने स्‍थानीय उत्‍पादों को प्रोत्‍साहन देने की भी अपील की। श्री मोदी ने आत्‍म निर्भर भारत अभियान के लिए बढ-चढकर कार्य करने का आग्रह किया।
 

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