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 विवादों में घिरी एनटीए, जानिए कैसे काम करती है यह एजेंसी
 नयी दिल्ली ।राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर विवादों में घिरी है। हाल में आयोजित नीट-यूजी और यूजीसी-नेट को लेकर विवादों का सामना करने वाली एजेंसी के महानिदेशक को पिछले हफ्ते हटा दिया गया और एक उच्चस्तरीय समिति इसके कामकाज की समीक्षा कर रही है। यहां विस्तारपूर्वक यह जानकारी दी गई है कि सात साल पुरानी यह एजेंसी कैसे काम करती है:
1. एनटीए की स्थापना कब हुई?
 एनटीए की स्थापना 2017 में शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त और आत्मनिर्भर परीक्षण संगठन के रूप में की गई थी। शिक्षा मंत्रालय को पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय के रूप में जाना जाता था। यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी है और सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के दायरे में आती है। एनटीए के गठन से पहले, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) जैसी सरकारी संस्थाएं और दिल्ली विश्वविद्यालय तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) जैसे केंद्रीय विश्वविद्यालय अपनी खुद की परीक्षाएं आयोजित करते थे।
2. एनटीए की परिकल्पना कब की गई?
 एनटीए की स्थापना का विचार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 से संबंधित कार्य योजना 1992 में सामने आया था, जिसमें राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा एजेंसी के गठन की सिफारिश की गई थी। साल 2010 में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के निदेशकों की एक समिति ने स्वायत्तता व पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कानून के माध्यम से एजेंसी की स्थापना की सिफारिश की थी। इसे अमेरिका की ईटीएस (एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विस) की तर्ज पर स्थापित किया गया था। एनटीए की स्थापना की घोषणा 2017 में हुई थी, जिसके बाद कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी थी। विनीत जोशी को इसका पहला महानिदेशक नियुक्त किया गया, जो फिलहाल मणिपुर के मुख्य सचिव हैं। उनके बाद महानिदेशक बने सुबोध कुमार सिंह को पिछले सप्ताह पद से हटा दिया गया।
3. कौन सी परीक्षाएं आयोजित करती है एनटीए?
 एनटीए तीन शीर्ष स्नातक प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करती है, जिनमें इंजीनियरिंग के लिए जेईई-मेन, मेडिकल के लिए नीट-यूजी और कई अन्य स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूईटी-यूजी परीक्षा शामिल है। हर साल इन तीन परीक्षाओं में 50 लाख से ज़्यादा परीक्षार्थी शामिल होते हैं। इनके अलावा, परीक्षा एजेंसी स्नातकोत्तर प्रवेश के लिए सीयूईटी-पीजी, यूजीसी-नेट और सीएसआईआर यूजीसी-नेट आयोजित करती है। यूजीसी-नेट जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए पात्रता निर्धारित करने, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और भारतीय विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में पीएचडी में दाखिले के लिए होने वाली एक परीक्षा है। सीएसआईआर यूजीसी-नेट परीक्षा रासायनिक विज्ञान, पृथ्वी, वायुमंडलीय, महासागर एवं ग्रह विज्ञान, जीवन विज्ञान, गणितीय विज्ञान और भौतिक विज्ञान में पीएचडी में दाखिले के लिए होती है। एनटीए द्वारा आयोजित अन्य परीक्षाओं में कॉमन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (सीएमएटी), होटल मैनेजमेंट संयुक्त प्रवेश परीक्षा, ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट और दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के लिए होने वाले वाली दाखिला परीक्षाएं शामिल हैं।
4. क्यों विवादों में घिरी है एनटीए?
 इस साल एनटीए को उस समय आलोचना का सामना करना पड़ा जब उसने सात केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने में देरी के कारण समय की हानि की भरपाई के लिए 1,563 परीक्षार्थियों को ग्रेस मार्क्स (कृपांक) दिए। सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया गया कि अंकों में वृद्धि की गई, जिसकी वजह से रिकॉर्ड 67 परीक्षार्थी शीर्ष स्थान पर रहे। बाद में ग्रेस मार्क्स वापस ले लिए गए और इन परीक्षार्थियों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की गई। बिहार पुलिस की जांच के अनुसार, नीट-यूजी का प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक हो गया था। इसके बाद यूजीसी-नेट परीक्षा हुई, हालांकि एनटीए ने परीक्षा की शुचिता से समझौता किए जाने की सूचना मिलने के एक दिन बाद परीक्षा रद्द कर दी। शिक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि परीक्षा का प्रश्नपत्र डार्कनेट पर लीक हो गया था। ऐहतियात के तौर पर सीएसआईआर यूजीसी-नेट परीक्षा भी स्थगित कर दी गई। इससे पहले, सीयूईटी-यूजी के पहले संस्करण में कई गड़बड़ियों के बाद एनटीए सवालों के घेरे में है।
 5. परीक्षा केंद्रों का चयन कैसे करती है एनटीए?
 परीक्षा एजेंसी अपने पास पहले से मौजूद केंद्रों की आधार सूची में से परीक्षा केंद्रों की पहचान करती है। इस सूची में वे सरकारी स्कूल शामिल हैं जो सीबीएसई और एनटीए जैसी संस्थाओं की ओर से परीक्षा आयोजित करते रहे हैं, और जहां पहले किसी भी समस्या या गड़बड़ी की सूचना नहीं मिली होती। यदि आधार सूची में पर्याप्त स्कूल नहीं हैं, तो एनटीए एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों और कॉलेजों को सूचीबद्ध कर सकता है। भले ही किसी स्कूल या उच्च शिक्षा संस्थान ने पहले एनटीए के लिए सफलतापूर्वक परीक्षाएं आयोजित की हों, लेकिन एजेंसी को हर साल उनकी सहमति लेनी होती है। यह प्रक्रिया एनटीए के डैशबोर्ड पर होती है, जहां सभी परीक्षा केंद्रों की आधार सूची अपलोड की जाती है, और उन्हें एनटीए की ओर से परीक्षा आयोजित करने के लिए अपनी सहमति देनी होती है।
6. एजेंसी का वर्तमान फोकस क्या है?
 एजेंसी का वर्तमान फोकस सीयूईटी-यूजी के परिणामों को समय पर जारी करना है, जिस पर विश्वविद्यालय का शैक्षणिक कैलेंडर निर्भर करता है, इसके अलावा यूजीसी-नेट का पुनः आयोजन और सीएसआईआर-यूजीसी नेट के लिए नई तिथि की घोषणा करना है। सुबोध सिंह को महानिदेशक पद से हटाए जाने के बाद आईटीपीओ के चेयरमैन प्रदीप सिंह खरोला को इस पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। केंद्र की उच्च स्तरीय समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना व कार्यप्रणाली को लेकर सिफारिशें करेगी। समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। 

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