केंद्र सरकार ने बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली सी-फ्लड की शुरुआत की
नयी दिल्ली. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने बुधवार को वेब आधारित बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली सी-फ्लड की शुरुआत की, जिसके जरिये ग्राम स्तर पर दो दिन पहले ही बाढ़ की चेतावनी जारी की जा सकेगी। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी), सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डीएसी) और राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) ने यह प्रणाली तैयार की है। प्रणाली को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा संयुक्त रूप से संचालित राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत चालू किया गया है। पाटिल ने कहा, "यह बाढ़ से निपटने में एक परिवर्तनकारी कदम है।"
मंत्री ने सीडब्ल्यूसी और संबद्ध संस्थाओं को बाढ़ संबंधी अध्ययन के लिए एक राष्ट्रीय योजना तैयार करने और सभी प्रमुख नदी घाटियों को इसमें शामिल करने का निर्देश दिया। फिलहाल यह प्रणाली 2-डी हाइड्रोडायनामिक मॉडल का उपयोग करके महानदी, गोदावरी और तापी नदी घाटियों के लिए बाढ़ संबंधी मानचित्र और जल स्तर के संबंध में पूर्वानुमान व्यक्त करती है। वहीं, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने बुधवार को कहा कि उन्होंने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ जल क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बात पर विचार किया कि किस प्रकार उभरती प्रौद्योगिकियों को जल प्रशासन में एकीकृत किया जा सकता है ताकि प्रबंधन प्रणालियों को अधिक सटीक, पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके। पाटिल ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, हम सुशासन के एक अनिवार्य भाग के रूप में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके जल प्रबंधन को अधिक सटीक, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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