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पीएम मोदी ने कहा-भारत और चीन के द्विपक्षीय संबंधों में और अधिक स्थिरता से नई गति मिली

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शीजिनपिंग के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता सम्पन्न हो गई है। वार्ता सकारात्मक माहौल में हुई और सार्थक रही। दोनों नेताओं ने तमिलनाडु के मामल्लपुरम में आज दूसरे दिन भी अनौपचारिक वार्ता की। उन्होंने होटल ताज फिशरमैन्स कोव में लगभग एक घंटे तक अकेले में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद दोनों के बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता हुई। इसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस वार्ता के शुरू में कहा कि वुहान शिखर बैठक से दोनों देशों के संबंधों में नई गति आई और विश्वास पैदा हुआ जबकि इस बैठक से सहयोग का नया युग शुरू होगा। वुहान बैठक के नतीजों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क बढ़ा है जिससे आपसी संबंधों में स्थिरता बढऩे के साथ-साथ नई गति आई है।
 प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और चीन प्राचीन काल से विश्व की बड़ी आर्थिक शक्तियां रही हैं। दोनों देश अब साथ-साथ फिर से वही स्थिति हासिल कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वुहान वार्ता में फैसला किया गया था कि दोनों देश आपसी मतभेदों को झगड़े की वजह नहीं बनने देंगे और इन्हें समझदारी से निपटाएंगे। राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि वे भारत ने जिस गर्मजोशी से उनका स्वागत किया है वे इससे अभिभूत हुए हैं।
बाद में दोनों नेताओं ने सिल्क साडिय़ों की बुनाई का प्रदर्शन देखा। उन्होंने हस्तशिल्प और प्राचीन कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी देखी। श्री मोदी ने शी जिनपिंग को उनकी तस्वीर वाली एक शॉल उपहार स्वरूप भेंट की गई। इसे कोयम्बटूर के सिरुमुगई के शिल्पकारों ने विशेष रूप से उनके लिए तैयार किया है। प्रधानमंत्री ने उन्हें कांचीपुरम सिल्क की साड़ी भी भेंट की।
 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक वार्ता सम्पन्न होने के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि दोनों नेताओं ने आज लगभग 90 मिनट तक बातचीत की। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। श्री गोखले ने बताया कि शिखर बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच कुल छह घंटे अकेले में बातचीत हुई। श्री गोखले ने यह भी बताया कि बातचीत के दौरान दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध स्थापित करने पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया और फैसला किया गया कि इनके बीच संपर्क बढऩा चाहिए।
जिनपिंग बोले- मैं भारत के स्वागत से अभिभूत
दूसरी ओर, शी जिनपिंग ने कहा कि पिछले वर्ष वुहान में हुई पहली अनौपचारिक बैठक काफी सकारात्मक थी। उन्होंने कहा कि मैं भारत में स्वागत से अभिभूत हूं और उनका यह भारत दौरा यादगार रहेगा। जिनपिंग ने कहा, अनौपचारिक बातचीत से दोनों देशों के रिश्तों में गरमाहट आयी है। भारत और चीन के बीच आपसी सहयोग बढ़ा है। यह आगे भी जारी रहेगा। अनौपचारिक वार्ता का प्रस्ताव देने पर पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि यह दर्शाता है कि हमने सही निर्णय लिया और आगे भी हम ऐसी अनौपचारिक वार्ता जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, हमें ऐसे कई अनौपचारिक बैठकें आयोजित करनी चाहिए।
नेपाल रवाना हुए चीन के राष्ट्रपति
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग नेपाल के दो दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो गए। वह महाबलीपुरम में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए दो दिवसीय भारत के दौरे पर थे।

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