पूर्व IAS संजय गुप्ता की 36 करोड़ की संपत्ति कुर्क की
पत्नी के नाम कई कंपनियां मिली
1985 बैच के आईएएस अफसर हैं गुप्ता
अहमदाबाद । ED ने एक अहम कार्यवाही करते हुए गुरुवार को पूर्व आईएएस संजय गुप्ता व उनकी पत्नी नीलू गुप्ता की 36 करोड़ 12 लाख रुपए की संपत्ति जब्त की है। प्रवर्तन निदेशालय ED ने इस कार्यवाही में नीसा ग्रुप ऑफ कंपनीज की आधा दर्जन कंपनी व फर्म, उनके 4 फ़लैट, कैम्बे होटल, चांगोदर, विसापुर, दस्क्रोई की फैक्टरी व प्लाॅट आदि को अहमदाबाद प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर लिया है। ईडी ने गुप्ता दंपती की 36 करोड़ 12 लाख की संपत्ति जब्त की है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1985 बैच के अधिकारी रहे गुप्ता ने वर्ष 2002 में नौकरी छोड़कर आतिथ्य सेवा (हॉस्पिटैलिटी) का कारोबार शुरू किया था, जिसका नाम नीशा ग्रुप ऑफ कंपनीज है। ईडी ने उनके खिलाफ मेट्रो लिंक एक्सप्रेस फॉर गांधीनगर एंड अहमदाबाद कंपनी लिमिटेड (एमईजीए) से संबंधित गबन तथा आपराधिक कदाचार के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। गुप्ता अप्रैल 2011 से अगस्त 2013 के बीच एमईजीए के चेयरमैन थे।आरोपी संजय गुप्ता 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं जिन्होंने 2002 में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने नीसा ग्रुप ऑफ कंपनीज के नाम से अपना हॉस्पिटलटी का बिजनेस शुरू किया था. बाद में अप्रैल 2011 में उन्हें MEGA का चेयरमैन बना दिया गया था. इस पद वे गुप्ता 2013 तक रहे.ईडी का आरोप है कि इन फर्जी कंपनियों की तरफ से बिना किसी सप्लाई के फर्जी बिल तैयार किए गए. ईडी का कहना है, “जांच में सामने आया है कि संजय गुप्ता ने MEGA में नियुक्तियों के लिए कभी कोई विज्ञापन मीडिया में जारी नहीं किया न ही तय प्रक्रिया का पालन किया. सामानों की सप्लाई के लिए फर्जी कंपनियों से कॉन्ट्रैक्ट दिखाया गया और फर्जी बिल बनाए गए. इन बिलों को MEGA के अधिकारियों ने मंजूरी दी और अंतत: गुप्ता ने इन्हे पास किया. इस पद पर रहते हुए प्रशासनिक और आर्थिक शक्ति गुप्ता के ही पास थी, जिसका उन्होंने दुरुपयोग किया”.
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